The British School awarded

 

The British School sector 12 Panchkula soared higher with the Director Principal Ms Geetika Sethi being awarded outstanding leadership best Principal by a National English Daily .
Ms Sethi said it’s s great honour to be given out of 650 Pan-Indian schools.

 


Director Sanjay Sethi and Geetika Sethi have also been honoured as ‘Inspiring Educators of Haryana’
Both Geetika and Sanjay Sethi thanked jury

पुलिस विभाग हरियाणा ने 59 कर्मचारियों को किया नियुक्त/स्थानांतरित

अजय कुमार

चंडीगढ़, 23 अगस्त-

हरियाणा सरकार ने तुरंत प्रभाव से पुलिस विभाग के 59 अधिकारियों/कर्मचारियों के स्थानांतरण एवं नियुक्ति आदेश जारी किए हैं।

स्थानांतरण किये गए अधिकारियों/कर्मचारियों में 28 निरीक्षकों, 7 महिला निरीक्षकों, 2 सहायक निरीक्षकों, 1 ईएसआई,1 महिला सहायक उप निरीक्षक, 18 सहायक उप निरीक्षकों तथा 2 ईएएसआई शामिल हैं।

राजेश, निरीक्षक को जिला जींद से जिला सोनीपत, राम निवास, निरीक्षक को जिला रेवाड़ी से जिला फरीदाबाद, बीमल, निरीक्षक को जिला फतेहाबाद से जिला हिसार, वजीर सिंह, निरीक्षक को जिला सोनीपत से जिला अंबाला, खेम चंद, निरीक्षक को जिला भिवानी से जिला फरीदाबाद लगाया गया है।

नरेश कुमार, निरीक्षक को हांसी से सीआईडी, कमलदीप, निरीक्षक को राज्य अपराध शाखा से जिला पानीपत, यादविन्द्र, निरीक्षक को जिला फतेहाबाद से जिला यमुनानगर, संदीप धनखड़, निरीक्षक को जिला सोनीपत से जिला गुरुग्राम, आनंद, निरीक्षक को जिला पलवल से जिला नूहं में लगाया गया है। अजय, निरीक्षक को जिला गुरुग्राम से राज्य अपराधा शाखा, सज्जन दलाल, निरीक्षक को गुरुग्राम से राज्य अपराध शाखा, करण सिंह, निरीक्षक को जिला गुरुग्राम से राज्य अपराध शाखा, विजय आनंद, निरीक्षक को जिला नूंह से राज्य अपराध शाखा, ज्ञान चंद, निरीक्षक को जिला नूंह से राज्य अपराध शाखा में लगाया गया है।

प्रवीण, निरीक्षक को जिला गुरुग्राम से राज्य सतर्कता ब्यूरो, संदीप, निरीक्षक को जिला गुरुग्राम से जिला पंचकूला, प्रेम सिंह, निरीक्षक को जिला गुरुग्राम से राज्य सतर्कता ब्यूरो, यशवंत, निरीक्षक को जिला गुरुग्राम से राज्य सतर्कता ब्यूरो, जय सिंह, निरीक्षक को जिला गुरुग्राम से जीआरपी, जयभान त्यागी, निरीक्षक को जिला नूंह से जिला गुरुग्राम, राजेश, निरीक्षक को जिला फरीदाबाद से जिला पलवल, शुक्र पाल, निरीक्षक को जिला पंचकूला से जिला रोहतक, हंस राज, निरीक्षक को  जिला फरीदाबाद से जिला गुरुग्राम, दीपेंद्र, निरीक्षक को जिला कुरुक्षेत्र से राज्य सतर्कता ब्यूरो में नियुक्त किया गया है।

इसी प्रकार, सुनीता, महिला/निरीक्षक को जिला रोहतक से जिला पंचकूला, नेहा, महिला/निरीक्षक को राज्य अपराध शाखा से जिला पंचकूला, कुलबीर कौर, महिला/निरीक्षक को जिला करनाल से जिला कुरुक्षेत्र, सरबजीत, महिला/निरीक्षक को जिला फतेहाबाद से जिला गुरुग्राम, मंजू, महिला/निरीक्षक को जिला फतेहाबाद से जिला फरीदाबाद, कविता, महिला/निरीक्षक को जिला हिसार से जिला भिवानी, मीना, महिला/निरीक्षक को जिला पानीपत से जिला नूंह में लगाया गया है।

अनूप सिंह, उप-निरीक्षक, एसटीएफ, भौंडसी, जीजीएम यूनिट, फरीदाबाद को जिला भिवानी, संजय, उप-निरीक्षक को जिला पलवल से जिला रेवाड़ी, अशोक, ईएसआई को जिला भिवानी से जिला रेवाड़ी, सुमन बाला, महिला/सहायक उप-निरीक्षक को जिला फतेहाबाद से जिला नारनौल में नियुक्त किया गया है। मोहन लाल, सहायक उप-निरीक्षक को जिला करनाल से जिला पानीपत, रामेश्वर, सहायक उप-निरीक्षक को जिला पानीपत से आरटीसी, भौंडसी लगाया गया है।

करमबीर, सहायक उप-निरीक्षक को जिला सोनीपत से जिला पानीपत, रमेश कुमार, सहायक उप-निरीक्षक को जिला कैथल से जिला पानीपत, सतीश कुमार, सहायक उप-निरीक्षक को जिला पंचकूला से जिला अंबाला, अमरपाल, सहायक उप-निरीक्षक को जिला जींद से जिला सिरसा, जसबीर सिंह, सहायक उप-निरीक्षक को जिला झज्जर से जिला रोहतक, अजय पाल, सहायक उप-निरीक्षक को जिला रोहतक से जिला पंचकूला, हरमेल सिंह, सहायक उप-निरीक्षक को जिला अंबाला से जिला कुरुक्षेत्र, अली हसन, सहायक उप-निरीक्षक को जिला पलवल से जिला गुरुग्राम, राम भज, सहायक उप-निरीक्षक को जिला पंचकूला से जिला अंबाला, अरविंद, सहायक उप-निरीक्षक, यू/टी रोहतक से पलवल को जिला पंचकूला में लगाया गया है।

इसी प्रकार, किशोर, सहायक उप-निरीक्षक को जिला भिवानी से जिला पलवल, अशोक, सहायक उप-निरीक्षक को जिला भिवानी से जिला पलवल, अनिल, सहायक उप-निरीक्षक को जिला गुरुग्राम से जिला पंचकूला, रविन्द्र, सहायक उप-निरीक्षक को जिला नारनौल से हरियाणा पुलिस अकादमी, मधुबन, जय नारायण, सहायक उप-निरीक्षक को जिला करनाल से जिला यमुनानगर, राज कुमार, सहायक उप-निरीक्षक को जिला जींद से जिला पलवल, राम कुमार, ईएएसआई को जिला पंचकूला से जिला पानीपत और रणबीर, ईएएसआई को हांसी से जिला गुरुग्राम में लगाया गया है।

करुणा शुक्ल का भाजपा पर राजनैतिक हमला


शुक्ला ने कहा, बीजेपी स्वार्थी पार्टी है और अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर राजनीति कर रही है. उनका नाम लेकर 2019 चुनावों की तैयारी की जा रही है

करुणा जो 2014 के चुनाव कांग्रेस के निशान पर लड़ कर हार चुकीं हैं, ने छत्तीस गढ़, ओर मध्य प्रदेश की भाजपा पर अटल के नाम पर राजनीति करने का आरोप लगाया। पूछे जाने पर की उनका विरोध मात्र इन दो राज्यों के लिए है तो वह ‘जनता सब जानती है’ कह कर सवाल टाल गईं।


पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की भतीजी करुणा शुक्ला ने गुरुवार को बीजेपी पर बड़ा हमला बोला. उन्होंने बीजेपी पर 2019 के आम चुनावों को देखते हुए वाजपेयी का नाम भुनाने का आरोप लगाया.

शुक्ला ने न्यूज18 से कहा, बीजेपी स्वार्थी पार्टी है और अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर राजनीति कर रही है. उनका नाम लेकर 2019 चुनावों की तैयारी की जा रही है. उन्होंने कहा, बीजेपी को वाजपेयी की मृत्यु पर भी राजनीति करने में शर्म नहीं आती. हालांकि उन्होंने यह भी जोड़ा कि पब्लिक सब जानती है और उसे सब पता है.

इससे पहले बुधवार को बीजेपी ने पूरे देश में बिहारी वाजपेयी की अस्थि कलश यात्रा शुरू की. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अशोक रोड स्थित बीजेपी कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में सभी राज्यों के बीजेपी अध्यक्षों को अस्थि कलश सौंपा.

इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, गृह मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, संगठन मंत्री रामलाल समेत कई केंद्रीय मंत्री और पार्टी के नेता मौजूद थे. वाजपेयी की दत्तक बेटी नमिता कौल भट्टाचार्य और परिवार के अन्य लोग भी मौजूद थे.

सभी बीजेपी अध्यक्ष अपने-अपने राज्यों में वाजपेयी की अस्थियों का कलश लेकर जाएंगे. हर राज्य में अस्थि कलश यात्रा निकाली जाएगी. पूर्व प्रधानमंत्री की इस कलश यात्रा के लिए राजधानियों, जिलों और तालुकों में भी कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है.

राम -रहीम की जमानत याचिका खारिज

अजय कुमार
पंचकुला, 23 अगस्त, 2018:
साध्वी यौन शोषण मामले में जेल में बंद गुरमीत राम रहीम सिंह को एक और मामले में बड़ा झटका लगा है, उसके द्वारा 400 से ज्यादा साधुओं को नपुंसक बनाए जाने के मामले में दायर की गई जमानत याचिका को विशेष सीबीआई अदालत ने खारिज कर दिया है। बता दें कि डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह ने हाल में सीबीआई कोर्ट में जमानत याचिका दाखिल की थी।

गुरुवार को पंचकूला की विशेष सीबीआई अदालत ने सुनवाई की और जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया। हालांकि, इसी मामले में आरोपी डॉ. पंकज गर्ग को जरूर राहत मिल गई है। उन्हें कोर्ट से विदेश जाने की अनुमति भी मिल गई है।
उल्लेखनीय है कि हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता हंसराज चौहान की याचिका पर साधुओं को नपुंसक बनाए जाने के मामले में 23 दिसंबर 2014 को सीबीआई जांच के आदेश दिए थे। याचिकाकर्ता ने दावा किया था कि डेरा में ईश्वर से मिलाने के नाम पर 400 साधुओं के अंडकोष काटकर उन्हें नपुंसक बनाया गया था।

देशभर की नजरों में आए इस मामले में सीबीआई ने मामले की जांच की थी और कुछ समय पहले कोर्ट में आरोपियों पर आरोप तय कर दिए गए थे।

“एसवाईएल हिमाचल मार्ग समिति” ने हरियाणा के हित में सुझाया नया ‘जल मार्ग’

फोटो: राकेश शाह


हिमाचल के बद्दी से पिंजौर लाया जा सकता है

राजनैतिक दलों पर लगाया हरियाणा व पंजाब के किसानों की बरगलाने का आरोप

एडवोकट जितेंद्र्नाथ के नेतृत्व मे समिति जंतर मंतर पर प्रदर्शन कर प्रधान मंत्री को सौंपेगी ज्ञापन


चंडीगढ़, 23 अगस्त-

हरियाणा व पंजाब के बीच राजनैतिक फुटबाल बना एसवाईएल का पानी अगर केंद्र सरकार चाहे तो एक साल के भीतर दक्षिणी हरियाणा के सूखे खेतों को सींच कर हारा-भरा कर सकती है बेशर्ते बिना राजनैतिक स्वार्थ के दृढ़ संकल्प होना चाहिए। यह पानी भी ऐसे रास्ते से आएगा की न पंजाब के किसानों को कोई क्षति होगी ओर न हरियाणा को उसके भाग में कमी आएगी।*

यह रास्ता सुझा रहे हैं “एसवाईएल हिमाचल मार्ग समिति” के अध्यक्ष अडवोकेट जितेंद्र्नाथ। उन्होने आज यहाँ प्रैस क्लब में पत्रकार वार्ता के दौरान बताया कि उन्होने एसवाईएल नहर के पानी को भाखड़ा डैम से हरियाणा तक लाने का शांति व सद्भाव से मार्ग तलाशने के लिए विस्तार से अध्ययन किया। उन्होने जो मार्ग तालाश किया उससे न तो पंजाब के किसानों को कोई एतराज़ होगा ओर न ही हरियाणा के किसानों के हक़ में कोई कटौती होगी। अगर सरकार ने उनके द्वारा सुझाए हुए मार्ग के रास्ते एसवाईएल का पानी लाने के लिए कोई कार्यवाही शुरू नहीं कि तो आगामी 28 अगस्त से शुरू करके करीब 4 महीने तक विभिन्न गतिविधियां आयोजित कि जाएंगी ओर 1 दिसम्बर 2018 को दिल्ली के जंतर मंत्र पर प्रदर्शन करके प्रधान मंत्री को ज्ञापन सोनपा जाएगा।

उन्होने बताया अगर केंद्र की भाजपा सरकार वास्तव में एसवाईएल के पानी कि समस्या का हल चाहती है तो भाखड़ा डैम से हिमाचल के रास्ते बद्दी होते हुए पिंजौर के साथ से पंचकुला के पास टांगरी नदी से पानी जनसुई हैड तक लाया जा सकता है। उन्होने एक डॉक्यूमेंटरी के मधायम से एसवाईएल के वर्तमान हालात व उनके सुझाए गए रस्तों को दिखते हुए बताया कि जनसुई हैड से आगे नहर का काम पूरा हो चुका है।  भोगोलिक दृष्टि से देखें तो भाखड़ा डैम से वाया हिमाचल हरियाणा कि सीमा मात्र 67 किलोमीटर दूऋ पर है जबकि पंजाब के रास्ते हरियाणा सीमा कि दूरी 156 किलोमीटर पड़ती है।

अडवोकेट जातींद्र्नाथ ने बताया कि उनकी “एसवाईएल हिमाचल मार्ग समिति” ने जो रास्ता सुझाया है उस रास्ते में पड़ने वाली हिमाचल प्रदेश की ज़मीन पहाड़ी व वीरानी है ओर सरकारी भी है जिसको हिमाचल सरकार बड़ी आसानी से दे सकती है। यहाँ उन्होने बताया कि हिमाचल प्रदेश के भाखड़ा डैम का पानी भी तेज़ बहाव से नीचे कि तरफ आता है जिससे बिजली बनाई जाती है। भाखरा डैम से विद्युत उत्पादन के बाद यह पानी सतलुज नदी में गिरता है। हिमाचल में सतलुज नदी 11 किलोमीटर तक बहती है जिसमें कहीं पर भी एसवाईएल को जोड़ कर पानी लाया जा सकता है। समुद्र तल से सतलुज नदी का लेवल वहाँ पर 1203 फीट है, पंचकुला में 1000 फीट  और अंबाला  में 900 फीट व जनसुई हैड तक 823 फीट समुद्र ताल से ऊंचाई है। कहने का भाव यह है कि सतलुज नदी से लेकर जनसुई हैड तक एसवाईएल का पानी सरपट दौड़ता हुआ आएगा।

उन्होने बताया कि कि ऐसे में यदि एसवाईएल का निर्माण पंजाब के बजाए हिमाचल से सीधा करवाते हैं तो प्रदेश सरकार को खर्चा भी अधिक वहन नहीं करना पड़ेगा ओर पुनर्वास कि समस्या भी नहीं आएगी। इस रास्ते से हरियाणा में पानी लाये जाने से 1100 मेगावाट बिजली भी बनाई जा सकती है ओर प्रदेश वासियों को उनके हक का पानी भी मिल जाएगा, दक्षिणी हरियाणा की पानी की कमी से जूझती बंजर होती जा रही भूमि सिंचित हो जाएगी। दक्षिण हरियाणा का किसान पिछले करीब 43 साल से एसवाईएल के पानी का इंतज़ार कर रहा है। वहाँ का भूमिगत जल स्तर काफी नीचे चला गया है, खेत व जोहड़ की बात तो दूर पीने का पानी तक खारा हो गया है। ख़राब भूमिगत पानी पीने से लोगों में कैंसर जैसी भयानक बिमारियाँ फैलने लगीं हैं।

उन्होने हरियाणा के पंजाब से अलग होने पर एसवाईएल के पानी के मुद्दे पर अभी तक सत्ता में आए सभी राजनैतिक दलों द्वारा मात्र राजनीति किए जाने का आरोप लगाया। सर्वोच्च नयायालय के निर्णय के बावजूद राजनैतिक दलों ने ऐसे हालात पैदा कर दिये है कि अगर पंजाब के रास्ते जबरन एसवाईएल का पानी हरियाणा में लाया जाता है तो पंजाब के भोलेभाले किसान राजनेताओं के बहकावे में आ कर कोई अवांछित कदम उठा सकते हैं। दोनों प्रदेशों के लोगों में रोटी बेटी का नाता है ओर यहाँ के जवानों का राष्ट्र कि सीमा पर और क्षेत्र के किसानों का राष्ट्र के अन्न भंडार में भरपूर योगदान रहा है। ऐसे में “एसवाईएल हिमाचल मार्ग समिति” चाहती है कि किसी भी कीमत पर हरियाणा व पंजाब के बीच सामाजिक सद्भाव व प्रेम खत्म नहीं होना चाहिए।

फोटो: राकेश शाह

कभी कांग्रेस तो कभी आईएनएलओ ओर भाजपा सरकारें मामले को सर्वोच्च नयायालय में लंबित बता मुद्दे को लटकती आ रहीं हैं॥ पिछले दिनों सर्वोच्च नयायालय ने अपने फैसले में कहा है कि एसवाईएल नहर बनानी चाहिए  ताकि ब्यास नदी का अतिरिक्त पानी दक्षिणी हरियाणा की प्यासी भूमि को मिल सके। यहाँ यह बात उल्लेखनीय है कि न्यायालय ने यह बिलकुल नहीं कहा कि यह पानी पंजाब के रास्ते ही आना चाहिए, या यह पानी हिमाचल के रास्ते नहीं आना चाहिए।

जितेंद्र्नाथ ने बताया कि उनकी समिति द्वारा तैयार किए गए ‘वैकल्पिक’ जल मार्ग का खाका बना कर उन्होने 8 जनवरी 2017 को हरियाणा के वर्तमान मुख्यमंत्री, राज्यपाल व हिमाचल प्रदेश की सरकार को दिया था, जिसका अभी तक कोई संज्ञान नहीं लिया गया। सरकारों के मंसूबों को भाँप कर सर्वोच्च नयायालय में एक जनहित याचिका दायर की, कि नयायालय केंद्र एवं राज्य सरकारों को समिति द्वारा सुझाए गए जल मार्ग को प्रशस्त करने के लिए प्रोत्साहित कर सके, इस मांग को नयायालय ने अपने कार्यक्षेत्र के बाहर कि बात कह कर समिति को सरकारों के द्वार खटखटाने के लिए कहा।

जितेंद्र्नाथ ने कहा कि एसवाईएल मामले पर केंद्र सरकार एवं राज्य सरकारों द्वारा उदासीन रवैये के चलते वह अपने वैकल्पिक जल मार्ग का रास्ता जनता के बीच ले कर आए हैं ताकि प्रदेश की जनता को साथ लेकर सरकार पर दबाव बनाया जा सके। इसके लिए उनकी समिति पूरे हरियाणा में 28 अगस्त से जागरूकता अभियान चलाएगी ओर करीब चार महीने तक गाँव, ब्लाक, कालेज व विश्वविद्यालयों के विद्यार्थियों को एसवाईएल के पानी के महत्व व सरकार द्वारा इस मुद्दे की उपेक्षा के बारे में समझाया जाएगा। बाद में, ‘एसवाईएल हिमाचल मार्ग समिति’ के नेतृत्व में प्रदेश की जनता द्वारा एक दिसंबर 2018 को जंतर मंतर पर प्रदर्शन कर देश के प्रधान मंत्री श्री मोदी को ज्ञापन सौंपा जाएगा जिसमें एसवाईएल का पानी समिति द्वारा सुझाए गए मार्ग से लाने की मांग की जाएगी। इससे पंजाब व हरियाणा के बीच सामाजिक सद्भाव भी बना रहेगा और हरियाणा के किसानों को उनके हक का पानी भी मिल जाएगा।

एडवोकेट जितेंद्र्नाथ ने एसवाईएल नहर के पानी के मुद्दे के बारे में विस्तार से चर्चा करते हुए बताया कि 29 जनवरी 1955 को पंजाब, राजस्थान व जम्मू कश्मीर के पानी का बटवारा हुआ था। वर्ष 1966 में हरियाणा बनाने के बाद पंजाब के पानी का बंटवारा हुआ था जिसमें हरियाणा को 3.50 मिलियन एकड़ फुट पानी दिया गया था जो एसवाईएल नहर का निर्माण कर दक्षिण हरियाणा कि भूमि को पंहुचना था, उस नहर का निर्माण आज तक नहीं हुआ।इस पर पिछले 43 सालों से पंजाब ओर हरियाणा में विवाद चल रहा है। वर्ष 1990 तक नहर का थोड़ा बहुत निर्माण चलता रहा परंतु 2 जुलाई 1990 को एक मुखी अभियंता, एक अधीक्षक अभियंता व 22 मजदूरों कि गोली मर कर हत्या कर देने के बाद से नहर निर्माण के लिए पंजाब में कोई नहीं गया। वर्ष 1996 में हरियाणा सरकार उच्चतम नयायालय में चली गयी, जिसका फैसला 2002 में आया लेकिन उस पर भी अमल नहीं हुआ। हम सब जानते हैं कि पंजाब सरकार ने पिछले दिनों नहर कि भूमि के आबंटन रद्द कर नहर कि भूमि किसानों को लौटा दी व पंजाब के किसानों के इंतकाल कार्वा दिये गए।इस हालत में नहर के पुनर्निर्माण के लिए ज़मीन सरकार के पास नहीं है, पंजाब सरकार ने उच्च नयायालय मे शपथ पत्र दाखिल कर कहा है कि पंजाब के पास नहर के पुनर्निर्माण के लिय भूमि नहीं है।

ऐसे में केंद्र व राज्य सरकारों से समिति का अनुरोध है कि दोनों प्रदेशों के भाई चारे व हरियाणा के किसानों के हित को देखते हुए इनके द्वारा सुझाए गए वैकल्पिक जल मार्ग से एसवाईएल का पानी हरियाणा को दिया जाये

 

बालक की हत्या का दोषी कौन: यह भी एक राजनैतिक रहस्य बन कर रह जाएगा


एक निर्दोष बालक के मरने पर निर्भीकता से राजनीति की जा रही है, इस मामले में कौन दोषी है किसको सज़ा होनी चाहिए परंतु किसको होगी या नहीं भी होगी। राजनेता तो बस……. 


चंडीगढ़, 23 अगस्त:

हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री श्री अनिल विज ने स्वास्थ्य महानिदेशक को सोनीपत में कांग्रेस की साइकिल रैली के दौरान एंबूलेंस के सामने पैदा हुए अवरोध से हुई नवजात की मौत की जांच रिपोर्ट 24 घंटे में देने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल से पुलिस कार्रवाई करने हेतु बात की है।

स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर सोनीपत पुलिस अधिक्षक को एसआईटी गठित कर शीघ्र जांच एवं आवश्यक कार्रवाई करने को कहा गया है ताकि दोषी लोगों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जा सके। उन्होंने कहा कि पीडि़त पक्ष से इस संबंध में शिकायत मिलने पर तुरन्त मामला दर्ज करने का कहा गया है। ज्ञात रहे कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अशोक तंवर द्वारा सोनीपत में निकाली जा रही साईकिल रैली में एंबूलेंस फंस जाने से नवजात बच्चे की मौत हो गई थी।

श्री विज ने मामले में कड़ा संज्ञान लेते हुए कहा कि किसी भी सूरत में एंबुलेंस को इस तरह रोके जाना असहनीय एवं अमानवीय है। उन्होंने कहा कि यह बताया जा रहा है कि अशोक तवर की रैली में कांग्रेस कार्यकर्ता एंबुलेंस के आगे डांस करते रहे और एंबुलेंस को काफी देर तक असहाय अवस्था में खड़ा रहना पड़ा, जिसके कारण नवजात बच्चा असामयिक मौत का ग्रास बन गया। यह गंभीर मामला है, जिसकी जांच में दोषी पाएं जाने वाले लोगों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी।

जबकि दूसरी ओर अशोक तंवर के बयान के मुताबिक यदि किसी पर भी इस दुर्घटना की ज़िम्मेदारी बनती है तो केवल हस्पताल की।

वरिष्ठ पत्रकार कुलदीप नैयर का 95 वर्ष की उम्र में निधन


वरिष्ठ पत्रकार कुलदीप नैय्यर का निधन, 1 बजे लोधी घाट में होगा अंतिम संस्कार


नई दिल्ली: भारतीय पत्रकारिता जगत के अहम चेहरा रहे वरिष्ठ पत्रकार कुलदीप नैयर का 95 साल की उम्र में आज निधन हो गया. बताया जा रहा है कि कुलदीप नैयर बीते तीन दिनों से दिल्ली के एक अस्पताल के आईसीयू में भर्ती थे. काफी समय में से उनकी सेहत बहुत खराब थी. बुधवार की रात करीब साढ़े बारह बजे उन्होंने अंतिम सांस ली. आज दोपहर एक बजे लोधी रोड पर स्थित घाट में अंतिम संस्कार होगा.

बता दें कि कुलदीप नैयर कई किताबें लिख चुके हैं. कुलदीप भारत सरकार के प्रेस सूचना अधिकारी के पद पर कई वर्षों तक कार्य करने के बाद वे यू.एन.आई, पी.आई.बी., ‘द स्टैट्समैन’, ‘इण्डियन एक्सप्रेस’ के साथ लम्बे समय तक जुड़े रहे थे. वे पच्चीस वर्षों तक ‘द टाइम्स’ लन्दन के संवाददाता भी रहे हैं.

गौरतलब है कि पत्रकारिता की दुनिया में कुलदीप नैयर पत्रकारिता अवार्ड भी दिया जाता है. 23 नवम्बर, 2015 को वरिष्ठ पत्रकार एवं लेखक कुलदीप नैयर को पत्रकारिता में आजीवन उपलब्धि के लिए रामनाथ गोयनका स्मृ़ति पुरस्कार से सम्मानित किया गया. उन्हें यह पुरस्कार दिल्ली में आयोजित पुरस्कार वितरण समारोह में केद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने प्रदान किया था. कुलदीप नैयर अगस्त, 1997 में राज्यसभा के मनोनीत सदस्य के रूप में निर्वाचित हुए.

शुरुआती दिनों में कुलदीप नैय्यर एक उर्दू प्रेस रिपोर्टर थे. वह दिल्ली के समाचार पत्र द स्टेट्समैन के संपादक थे और उन्हें भारतीय आपातकाल (1 975-77) के अंत में गिरफ्तार किया गया था. वह एक मानवीय अधिकार कार्यकर्ता और शांति कार्यकर्ता भी रहे हैं. वह 1996 में संयुक्त राष्ट्र के लिए भारत के प्रतिनिधिमंडल के सदस्य थे. 1990 में उन्हें ग्रेट ब्रिटेन में उच्चायुक्त नियुक्त किया गया था, अगस्त 1997 में राज्यसभा में नामांकित किया गया था. वह डेक्कन हेराल्ड (बेंगलुरु), द डेली स्टार, द संडे गार्जियन, द न्यूज, द स्टेट्समैन, द एक्सप्रेस ट्रिब्यून पाकिस्तान, डॉन पाकिस्तान, सहित 80 से अधिक समाचार पत्रों के लिए 14 भाषाओं में कॉलम और ऐप-एड लिखते रहे.

400 साधुओं को नपुंसक बनाने के मामले में आज हुई सुनवाई

अजय कुमार

पंचकुला 22 अगस्त 2018:

400 साधुओ को नपुंसक बनाने के मामले में सीबीआई जज कपिल राठी की कोर्ट में आज सुनवाई हुई। इस मामले के मुख्य आरोपी गुरमीत राम रहीम विडिओकोंफ्रेंस से पेश हुए जबकि आरोपी डॉक्टर पंकज गर्ग प्रत्यक्ष रूप से कोर्ट में पेश हूए।

आज इस मामले में गवाहियां शुरू हुईं, मामले में शिक़ायतकर्ता हंसराज की गवाही हुई जो अगली सुनवाई में भी जारी रहेगी।

आज सुनवाई के दौरान राम रहीम ने कोर्ट में बेल एप्लिकेशन लगाई जिस पर 23 अगस्त को सुनवाई की जाएगी।

मामले में आरोपी पंकज गर्ग ने भी विदेश जाने के लिए कोर्ट में इजाज़त मांगी इस पर भी फैसला अगली सुनवाई को होगा।

मुख्य मामले की सुनवाई 4 सितबर को होगी।

बता दें कि फतेहाबाद निवासी हंस राज चौहान की तरफ से दाखिल याचिका में कहा गया था कि डेरे में रहने वाले साधुओं को सब्जबाग दिखाए गए थे कि नपुंसक बनने वाले साधुओं को डेरामुखी गुरमीत राम रहीम सिंह ईश्वर के दर्शन करवाएंगे। आरोप है कि गुरमीत राम रहीम और उसके साथियों ने 400 साधुओं को झांसा देकर नपुंसक बना दिया था। याचिकाकर्ता ने कहा था कि वह भी इन साधुओं में से एक था। उनका जीवन नर्क बन गया है। याची ने कहा था कि वर्ष 1990 से वह डेरे से जुड़ा हुआ था। वर्ष 2000 में ईश्वर के दर्शन करवाने के नाम पर उसके साथ करीब 20 साधुओं को नपुंसक बना दिया गया। इससे उनके शरीर में हारमोनल बदलाव आ गए हैं। लोग उन्हें नपुंसक कहकर छेड़ते हैं।

साधु ने कर ली थी आत्महत्या
याचिका में विनोद कुमार नामक साधु का उदाहरण देकर कहा गया कि विनोद ने सिरसा कोर्ट कांप्लेक्स में आत्महत्या कर ली थी। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में सामने आया था कि वह नपुंसक है। याचिका में दावा किया गया है कि इस तरह 400 साधु डेरे में हैं।

आआपा को हलके से न ले सरकार व पुलिस प्रशासन एचएम इनकी ईंट से ईंट बाजा देंगे: योगेश्वर


यमुनानगर के रणजीतपुर पुलिस चौंकी की घटना में डीएसपी व चौंकी इंचार्ज की नौकरी से बर्खास्तगी से कम कोई बात नहीं होगी:योगेश्वर शर्मा    

इतनी आसानी से इस मामले में सरकार व पुलिस को बचकर नहीं निकलने देगी आआपा 23 अगस्त को होगा जबरदस्त आंदोलन


पंचकूला,22 अगस्त।

आम आदमी पार्टी ने कहा है कि जिस तरह से सत्तारुढ़ भाजपा की सरकार व इसके इशारों पर नाचने वाले पुलिस अधिकारी आआपा कार्यकर्ताओं पर झूठे केस बनाकर उन्हें तंग कर रहे हैं, उसका अंजाम उसे आने वाले लोकसभा व आम विधानसभा के चुनावों के दौरान भुगतना पड़ेगा। प्रदेश की जनता सब देख व समझ रही है।आआपा ने चेतावनी देते हुए कहा है कि आआपा को हलके से लेने की भूल कतई न करे सरकार। आआपा इस सरकार की ईंट से से ईंट बजाकर रख देगी।  आआपा यमुनानगर के रणजीतपुर पुलिस चौंकी की घटना पर सरकार व जिम्मेवार पुलिस अधिकारियों को इतनी असानी से बचकर नहीं निकलने देगी और उनके किए की सजा उन्हें दिलवाकर रहेगी। और किसी भी सूरत में डीएसपी व चौंकी इंचार्ज की नौकरी से बर्खास्तगी से कम कोई बात नहीं होगी।

आज यहां जारी एक ब्यान में पार्टी के जिला प्रधान योगेश्वर शर्मा ने कहा कि इस घटना को लेकर बनाई गई आआपा  की 4 सदस्य कमेटी ने जांच में पाया कि  यह पुरा मामला 2 युवकों के बीच का आपसी मामला था जिससे बाद में दोनों गांव की  पंचायत ने आपसी सहमती से सुलझा लिया था। लेकिन बाद में थाना प्रभारी ने पंचायत के फैसले को नकारते हुए युवक को हिरासत में लेने की बात कही जिसके बाद थाने में 4 बजे से पहुंची।  पंचायत के सदस्यों व महिलाओं तक को रात तक गुमराह करके चौकी में बैठाये रखा गया।  शर्मा ने कहा कि थाने  में आई रानीपुर गांव की पंचायत के सदस्यों और महिलाओं व बुजुर्गो पर वहां की पुलिस द्वारा बड़ी ही बेशर्मी एवं बेरहमी के साथ लाठीचार्ज किया गया। आआपा के जिला प्रधान योगेशवर शर्मा ने आरोप लगाते हुए कहा कि यह पुलिस द्वारा सुनियोजित तरीके से किया गया घिनोना कृत्य है, जो पुलिस के भ्रष्टाचार व भक्षकता को दिखता है ।

योगेश्वर शर्मा ने बताया कि आआपा को गांव वालों ने बताया कि चौकी इंचार्ज सतपाल और उसके सहयोगी आशीष चौधरी  ने रात को 8 बजे सभी रास्ते बंद करवा दिये, नजदीकी थानों से पुलिस को बुलाया गया  और चौकी की लाइट बन्द करके लाठी चार्ज किया गया। वहां बुजुर्ग महिलाए भी मौजूद थी । लेकिन मौके पर महिला पुलिस भी मौजूद नहीं थी। जो पंचायत भाईचारा बनाने के लिए तैयार थी और दोनों पक्षों में समझौता करवा चुकी थी, जबकि इसके उलट पुलिस इस झगड़े को तूल देने की कोशिश कर रही थी। उन्होंने कहा कि पुलिस का रवैया पूरे प्रकरण में बेहद निराशा जनक व गुंडागर्दी वाला था। इस पूरे मामले में एक बुजुर्ग महिला और एक बुजुर्ग व्यक्ति जिसे पेशाब की नाली लगी है ऐसे लोगों पर पत्थरबाजी में नाम लिखा गया है। उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले में एक और बात निकल कर सामने आई कि आआपा  के नेताओं और कार्यकर्ताओ को निशाने पर रखा गया और बर्बरतापूर्ण तरीके से पीटा गया, थर्ड डिग्री का टॉर्चर किया गया  और एक बुजुर्ग महिला का हाथ तक तोड़ दिया गया । बाद में उनका मेडिकल तक नहीं करवाया गया। उन्होंने कहा कि अदालत के निर्देश पर जब आआपा के नेता अमरपाल आर्य का मेडिकल करवाया गया तो एक डाक्टर ने पुलिस के हिसाब से ही उसका मेडिकल कर डाला। ऐसे में अदालत को सूचित किए जाने पर मेडिकल बोर्ड का गठन किया गया। जिसमें जब आर्य का मेडिकल करवाया गया तो डाक्टर भी उसके शरीर के घाव देखकर दंग रह गये कि किस बर्बरता से पुलिस ने उसे थर्ड डिग्री दी थी। जब अमरपाल आर्य को मेडिकल करवाने के लिए अस्पताल लाया गया था तो उसने पत्रकारों के अपने शरीर पर पुलिास द्वारा दिए गये निशान दिखाये तो पुलिस के हाथपांव फूल गये। वे उसे वहां से जबरन घसीट कर ले गये। उन्होंने कहा कि जिस तरह से अमरपाल आर्य को थर्ड डिग्री दिया गया है, उससे तो ऐसा लगता है कि पुलिस उसे जान से मारना चाहती थी। उन्होंने कहा कि सरकार इस तरह के औछे हथकंडे अपना कर आआपा के कार्यकर्ताओं को डराना चाहती है लेकिन आआपा कार्यकर्ता क्रांतिकारी है वो जब तक जीवित हैं जनता के हित मुद्दे उठाते रहेंगे। आआपा के जिला प्रधान योगेश्वर शर्मा ने कहा कि इसी मामले को लेकर 23 तारीख  वीरवार को आआपा रानीपुर की  पंचायतों और महिलाओं के हक में यमुनानगर में जबरदस्त प्रदर्शन करने जा रही है। यह प्रदर्शन प्रदेश अध्यक्ष नवीन जयहिंद की अगुवाई  में  किया जायेगा । अगर कभी भी  हरियाणा में जनता के साथ या किसी  आआपा कार्यकर्ता के साथ  अन्याय होगा तो आम आदमी पार्टी इसका पुरजोर विरोध करेगी। क्योंकि आम आदमी पार्टी आम जनता के लिए बनी है , कार्यकर्ताओं से बनी हुई है। उन्होंने कहा कि आआपा इसमे न्यायिक जांच की मांग करती है और सम्बन्धित पुलिस कर्मियों को तुरन्त प्रभाव से बर्खास्त  किया जाए ।

आशीष के इस्तीफे के बाद अरविंद केजरीवाल पर कुमार विश्वास का तंज, बोले- बौनों का दरबार बनाकर क्या पाया


आम आदमी पार्टी अभी अपनों से जूझ रही है. पत्रकार से नेता बने आशुतोष के बाद एक और नेता आशीष खेतान ने पार्टी से इस्तीफा दिया है.


नई दिल्ली: 

आम आदमी पार्टी अभी अपनों से जूझ रही है. पत्रकार से नेता बने आशुतोष के बाद एक और नेता आशीष खेतान ने पार्टी से इस्तीफा दिया है. आशीष खेतान ने आशुतोष के साथ ही 15 अगस्त को आम आदमी पार्टी से इस्तीफा दे दिया था. आशीष के इस्तीफे के बाद एक बार फिर से आप नेता और कवि कुमार विश्वास ने अपने अंदाज में ही दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद के जरीवाल पर तंज कसा है. कुमार विश्वास ने आशीष खेतान के इस्तीफे को एक और आत्मसमर्पित क़ुरबानी का नाम दिया है.

आप नेता कुमार विश्वास ने ट्विटर के माध्यम से एक कविता साझा किया किया है. जिसमें उन्होंने अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधा है और यह बताया है. कुमार ने कहा है कि अरविंद केजरीवाल को आसन तक पहुंचाने में सबने योगदान दिया. बता दें कि इससे पहले जब आशुतोष के इस्तीफे की खबर आई थी, तब भी कुमार विश्वास ने अरविंद केजरीवाल पर हमला बोला था.

सब साथ चले, सब उत्सुक थे, तुमको आसन तक लाने में !
कुछ सफल हुए ‘निर्वीर्य’ तुम्हें यह राजनीति समझाने में !
इन आत्मप्रवंचित बौनों का दरबार बनाकर क्या पाया ?
जो शिलालेख बनता उसको अख़बार बनाकर क्या पाया ? 

(एक और आत्मसमर्पित क़ुरबानी)

कुमार विश्वास ने एक और ट्वीट किया और लिखा हम तो चंद्र गुप्त बनाने निकले थे, हमें क्या पता था चंदा गुप्ता बन जाएगा.

गौरतलब है कि इस्तीफे की बात पर आशीष खेतान ने ट्वीट कर कहा- मैं अभी पूरी तरह से लीगल प्रैक्टिस पर ध्यान दे रहा हूं और इस वक्त सक्रिय राजनीति में शामिल नहीं हूं. बता दें कि पूर्व पत्रकार और AAP नेता आशीष खेतान 2014 में नई दिल्ली लोकसभा से चुनाव लड़ चुके हैं और दिल्ली सरकार के दिल्ली डायलॉग कमिशन के उपाध्यक्ष रहे हैं. लंबे समय से पार्टी के कामों में शामिल नहीं हो रहे थे. मगर अब वह वकालत के पेशे से जुड़ गए हैं.

रिपोर्ट के मुताबिक आशीष दोबारा नई दिल्ली लोकसभा से चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन पार्टी इसके लिए तैयार नहीं है. पार्टी सूत्रों के मुताबिक नई दिल्ली सीट खाली पड़ी है. सीट कोई मुद्दा नहीं है. वैसे सूत्र बता रहे हैं कि खेतान इस्तीफ़ा दे या ना दें लेकिन फिलहाल वो वैसे भी पार्टी और राजनीति की बजाय लीगल प्रैक्टिस में लगे हैं.