Jubiliant Hansraj Public School,Panchkula Wins the Title of Panchkula Distt. Inter School boys Under-14 Cricket


Panchkula:

Jubiliant Hansraj Public School,Panchkula teams ( with School Principal Mrs.Jaya Bhardwaj, Cricket Coach Mr.Jai Kapila & Sports Teacher Mr.Praveen kumar ) Wins the Title of Panchkula Distt. Inter School boys Under-14 Cricket tournament organised by Panchkula Education Deptt.under the aegis of Education Deptt.,Haryana.According to Mrs.Jaya Bhardwaj,Principal of Hansraj Public School,Panchkula total 28 Schools team of All over Panchkula Distt Participated in this inter School under-14 Cricket Tournament organised by Panchkula Education Deptt. Pradium Chanta of Hansraj Public School,Panchkula Was declared Man of the Match Award.

{Final match Brief Scores}
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Saupins School, Panchkula = 41 for 4 in 10 overs ( khush 17,Archit 14,Vardaan 1 for 8,Divyansh 1 for 11)
Hansraj Public School,Panchkula 42 for 3 in 9.3 overs ( Pradium Chanta 19 not out,Dev 3 for 10)

Jubiliant Sarthak Model School wins the titles of Volley ball Panchkula Distt under 14 and girs under 17

Photo & News by Amarjit kumar

 

Panchkula, 28 August, 2018:

Jubiliant Sarthak Model School,Panchkula teams ( with School Principal Mrs.Kamlesh Chauhan, Coach Mr.Umesh Bhutt ,Sports DPE Mrs.Veena and PTI Sh.Om Parkash) Wins the Title of Panchkula Distt. Inter School Girls Volleyball Under-14 & Girls Under-17 tournament organised by Panchkula Education Deptt.under the aegis of Educatiin Deptt.,Haryana.

According to Sh.Om Parkash PTI of Sarthak School,Panchkula boths the Winning girls teams shall qualify for the State Level Tournament held in October. According to Principal Mrs.Kamlesh Chauhan & PTI Om Parkash total 4 teams in Each Girls under-14 & Under-17 Category from All over panchkula distt .Zone Raipur Rani,Pinjore,Raigarh and Panchkula Girls Volleyball Girls School teams Participated .

पीवी सिंधू ने 18वें एशियाई खेलों में रचा इतिहास


रियो ओलंपिक खेलों की रजत विजेता भारत की पीवी सिंधू ने सोमवार को 18वें एशियाई खेलों की बैडमिंटन स्पर्धा के महिला एकल स्वर्ण पदक मुकाबले में पहुंचकर इतिहास रच दिया।


सिंधू भारत की पहली बैडमिंटन खिलाड़ी बन गयी हैं जिन्होंने एशियन खेलों के फाइनल में प्रवेश पाया है। उन्होंने महिला एकल सेमीफाइनल मुकाबले में भारी उत्साह और भारतीय समर्थकों के सामने दूसरी सीड जापान की अकाने यामागुची के खिलाफ 66 मिनट तक चले रोमांचक मुकाबले को 21-17, 15-21, 21-10 से जीता।

विश्व की तीसरे नंबर की खिलाड़ी सिंधू ने यामागुची की चुनौती को स्वीकारते हुये बराबरी की टक्कर दिखाई। पहला गेम जीतने के बाद दूसरे गेम में हालांकि जापानी खिलाड़ी ने कहीं बेहतर खेल दिखाया और 8-10 से सिंधू से पिछड़ने के बाद लगातार भारतीय खिलाड़ी को गलती करने के लिये मजबूर किया और 11-10 तथा 16-12 से बढ़त बना ली।

सिंधू पर दबाव बढ़ता गया और एक समय यामागुची ने स्कोर 17-14 पहुंचा दिया और फिर 20-15 पर गेम प्वांइट जीतकर 21-15 से गेम जीता और मुकाबला 1-1 से बराबर पहुंचा दिया। निर्णायक गेम और भी रोमांचक रहा जिसमें यामागुची ने आत्मविश्वास के साथ शुरूआत करते हुये 7-3 की बढ़त बनाई।  लेकिन सिंधू लगातार अंक लेती रहीं और 5-10 से पिछड़ने के बाद लंबी रैली जीतकर बढ़त बनाई।

उन्होंने 11 अंकों की सबसे बढ़ी बढ़त ली और 16-10 से यामागुची को पीछे छोड़ा और 20-10 पर मैच प्वाइंट जीतकर निर्णायक गेम और मैच अपने नाम कर लिया। तीसरी वरीय खिलाड़ी के सेमीफाइनल मुकाबला जीतने के साथ ही स्टेडियम में बैठे लोगों ने तालियों की गड़गड़ाहट के साथ उनकी जीत का स्वागत किया।

सिंधू अब फाइनल में भारत को पहला एशियाड स्वर्ण दिलाने के लिये चीनी ताइपे की ताई जू यिंग के खिलाफ उतरेंगी जिन्होंने दिन के एक अन्य सेमीफाइनल में भारत की सायना नेहवाल को 21-17, 21-14 से पराजित किया।
सायना एशियाई खेलों में महिला एकल का पदक जीतने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी हैं।

खिलाड़ियों के आने से पहले इनामों की बौछार

dipika-joshna


एथलीटों को अपने इन प्रदर्शन के लिए इनामों के दिए जाने भी शुरू हो गए हैं


भारत एशियन गेम्स में शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं. भारतीय खिलाड़ियों ने अब तक देश को कई मेडल दिला चुके हैं. एथलीटों को अपने इन प्रदर्शन के लिए इनामों  के दिए जाने भी शुरू हो गए हैं.

उडिशा सरकार ने 18वें एशियाई खेलों में महिला 100 मीटर दौड़ में सिल्वर मेडल जीतने वाली एथलीट दुती चंद के लिए 1.5 करोड़ रुपए के नकद पुरस्कार की घोषणा की. मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने दुती को मेडल जीतने पर बधाई दी थी. मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा जारी किए गए एक बयान में कहा गया, ‘यह गर्व का विषय है कि ओडिशा की एक खिलाड़ी ने देश के लिए गौरव अर्जित किया है.’

बयान में कहा गया, ‘दुती चंद के जज्बे और दृढ़ निश्चय की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री ने उनके लिए डेढ़ करोड़ रुपए के नकद पुरस्कार की घोषणा की है.’इससे पहले 1998 के एशियाई खेलों में ओडिशा की धाविका रचिता पांडा मिस्त्री ने ब्रॉन्ज मेडल जीता था.

Jakarta: Indian athlete Dutee Chand during the women’s 100m semifinal track event at the 18th Asian Games 2018 in Jakarta, Indonesia on Sunday, Aug 26, 2018.

तमिलनाडु सरकार ने इंडोनेशिया में मौजूदा एशियाई खेलों में मेडल जीतने वाले राज्य के स्क्वॉश खिलाड़ियों की सराहना की और प्रत्येक को 20 लाख रुपए की प्रोत्साहन राशि देने की घोषणा की.

मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी ने जोशना चिनप्पा, दीपिका पल्लीकल कार्तिक और सौरव घोषाल को जकार्ता और पालेमबांग में चल रहे खेलों की स्क्वाश व्यक्तिगत स्पर्धा में कांस्य पदक जीतने के लिए बधाई दी और देश तथा राज्य को गौरवांवित करके लिए उनकी सराहना की. मुख्यमंत्री ने इस साल कॉमनवेल्थ गेम्स में भी उनके अच्छे प्रदर्शन को याद किया.

Vinesh became first women wrestler to win gold in Asian Games


She becomes the first Indian woman wrestler to win gold, and first woman wrestler to win back-to-back medals, at the event


Vinesh Phogat on Monday created history by becoming the first Indian woman wrestler to win a gold medal at the Asian Games, brushing aside her rivals with remarkable ease in the 50kg category here.

Vinesh was a medal-favourite in her category and was likely to face stiff competition from Japan’s Yuki Irie whom she outplayed 6-2 in the final.

It is surely a ground-breaking achievement for the 23-year-old firebrand Haryana wrestler, who is connected to Dangal-famed Phogat family.

Putting behind her heart-breaking loss at the Olympics two years ago, Vinesh began her victorious campaign with a revenge win against Chinese Yanan Sun against whom she had suffered that terrible leg injury which cut short her journey in Rio.

This time Vinesh did not give her opponent any chance and came out a dominant winner with a 8-2 score.

In the next bout she brushed aside the challenge of Korea’s Hyungjoo Kim by technical superiority. She ended the bout with a four-point throw.

Vinesh’s semifinal lasted just 75 seconds as she moved into the final with a ‘fitley’ She was already up 4-0 and then rolled over her opponent thrice with leg-lock.

The gold also enabled Vinesh to achieve another feat as she became the only woman wrestler to win two medals in back-to-back Asian Games.

Vinesh had earlier won a bronze medal in the 48kg category at the 2014 Incheon Asian Games.

Vinesh also won back-to-back gold medals in Glasgow and Gold Coast Commonwealth Games this year.

Earlier, Sakshi Malik paid the price for being over-defensive and was left to fight for bronze in the 62kg category.

CWG silver medallist Pooja Dhanda will also fight for bronze after losing her semifinal in the 57kg.

Pinki was the only girl to not reach the medal round as she lost her first round bout in the 53kg category against Mongolia’s Sumiya Erdenechimeg. She could not score a single point and lost her bout by technical superiority.

Sumit Malik, the last remaining Indian in the men’s freestyle, bit the dust in the 125kg category as he could not resist his opponent even for two minutes, losing by technical superiority.

Thus, the men’s campaign finished with just one gold medal from Bajrang Punia (65kg).

Sakshi, playing her first Asian Games, was hardly challenged before her semifinal round as she easily won against Thailand’s Salinee Srisombat (10-0) and Ayaulym Kassymova (10-0).

She was up 4-0 in her semifinal bout against Kyrgyzstan’s Aisuluu Tynybekova but lost six points in a row by the end of first period.

She led 7-6 with a throw but became too defensive with 10 seconds to go. The Kyrgyz took advantage and pushed Sakshi out of the mat to pocket the match-wining two points.

Pooja lost just one point en route the semifinals as she outclassed Thailand’s Orasa Sookdongyor (10-0) and Uzbekistan’s Nabira Esenbae (12-1) but lost the last-four clash on technical superiority to Korea’s Myong Suk Jong.

“जिसके नाम में ही बजरंग हो उसे कोई कैसे हरासकता है”: मोदी

 

सुशील कुमार के शुरुआती राउंड में ही बाहर होने के बाद कुश्‍ती में भारत को जो निराशा मिली थी, बजरंग पूनियां ने उसे गोल्‍ड जीतकर दूर कर दिया. बजरंग ने 65 किग्रा के फाइनल में जापान के ताकातानी को 11-8 के अंतर से हराकर खिताब जीता. बजरंग ने शुरुआत काफी आक्रामक की थी और 6-0 की बढ़त बना ली थी, लेकिन जापानी खिलाड़ी ने वापसी करते हुए एक समय स्‍कोर 6-6 से बराबर कर दिया था और इसके बाद दोनों के बीच कांटे की टक्‍कर रही, जिसमें भारतीय खिलाड़ी ने बाजी मार ली.

बजरंग ने 2006 में महाराष्ट्र के लातूर में हुई स्कूल नेशनल चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता था. उसके बाद से बजरंग ने पीछे मुड़कर नहीं देखा. इसके बाद लगातार सात साल तक स्कूल नेशनल चैंपियनशिप का स्वर्ण पदक उनके साथ रहा. 2009 में उन्होंने दिल्ली में बाल केसरी का खिताब जीता. इस उपलब्धि के बाद ही बजरंग का चयन भारतीय कुश्ती फेडरेशन ने 2010 में थाईलैंड में हुई जूनियर कुश्ती चैंपियनशिप के लिए किया. बजरंग ने पहली बार विदेशी धरती पर धाक जमाकर सोने पर कब्जा किया.

2011 की विश्व जूनियर चैंपियनशिप में भी बजरंग ने फिर सोना जीता. 2014 में हंगरी में हुए विश्व कप मुकाबले में बजरंग ने कांस्य जीतकर अपने चयन को सही ठहराया. और इसके बाद ग्लास्गो कॉमनवेल्थ गेम्स में बजरंग ने रजत पदक जीतकर धाक जमा दी. महज 20 साल की उम्र में ग्लास्गो कॉमनवेल्थ में चांदी जीतने वाले बजरंग ने पिछले साल सीनियर एशियन कुश्ती चैंपियनशिप में कोरिया के ली शुंग चुल को 6-2 से हराकर भारत को पहला स्वर्ण दिला दिया. उन्हें गोल्ड कोस्ट में स्वर्ण पदक का दावेदार माना जा रहा है.

करीब से देखी है गरीबी

बजरंग और उनके परिवार ने बड़ी करीब से गरीबी देखी है. दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में कुश्ती का ककहरा सीख रहे पुत्र को देशी घी देने के लिए पिता बलवान बस का किराया बचाने के लिए कई बार साइकिल पर गए. तो बजरंग की मां ओमप्यारी ने चूल्हे की कालिख सहकर लाडले को शुद्ध दूध भिजवाया.

हालांकि अब इस परिवार के दिन होनहार पुत्र के कारण बहुर गए हैं. बलवान के दो ही बेटे हैं. एक बजरंग और बड़ा बेटा हरेंद्र. हरेंद्र उनके साथ तीन एकड़ खेती में हाथ बंटाता है.

पिता ने छोड़ी थी पहलवानी

बजरंग के पिता बलवान पूनिया भी अपने समय के प्रसिद्ध पहलवानों की गिनती में शुमार हो सकते थे, लेकिन परिवार में छाई गरीबी और घर की जिम्मेदारी कंधों पर होने के कारण उन्हें अपना यह शौक बीच में छोड़ देना पड़ा. बलवान ने कक्षा आठ से स्कूल स्तर की प्रतियोगिताओं में भाग लेना शुरू कर दिया था. बलवान ने बताया कि जब वह जब प्लस टू में आए तब कॉलेज स्तर की कुश्ती प्रतियोगिता में शामिल हुआ, जो हिसार के जाट कालेज में हुई. बलवान कुश्ती में हुनर दिखा पाते इससे पहले ही बुजुर्ग और बीमार पिता के कारण बलवान को अखाड़े की मिट्टी छोड़ खेतों में हल की मिट्टी के साथ कसरत शुरू कर देना पड़ी.

 

England vs India third Test | Woakes strikes; removes Dhawan

England team are in a huddle before the start of the first day’s play against India in Nottingham on August 18, 2018


Virat Kohli’s men will seek to channel some of Clough’s spirit as they attempt what history tells us is a nearly-impossible turnaround


England skipper Joe Root won the toss and elected to field against India in the third cricket Test at Trent Bridge in Nottingham on Saturday.

India made three changes to the playing XI, handing young wicket-keeper batsman Rishabh Pant his maiden Test cap, while fit-again Jasprit Bumrah was back in the fold replacing Kuldeep Yadav and Shikhar Dhawan came in for Murali Vijay.

England made just one change, bringing in all-rounder Ben Stokes in place of Sam Curran.

14 साल के निहाल सरीन बने ग्रैंडमास्टर, ये उपलब्धि हासिल करने वाले 53वें भारतीय


निहाल यह उपलब्धि हासिल करने वाले जीएन गोपाल और एसएल नारायणन के बाद केरल के तीसरे खिलाड़ी हैं


केरल के त्रिचूर के निहाल सरीन ने जब शतरंज तब खेलना शुरू किया था तब वह सिर्फ छह साल के थे. उनके दादा ने उन्हें शतरंज का ककहरा सिखाया था और एक साल बाद निहाल ने शतरंज में महारत हासिल कर अपने शहर में अंडर-25 टूर्नामेंट जीत लिया था. लेकिन उसके एक साल बाद ही वह भारत के 53वें ग्रैंडमास्टर बन गए. निहाल यह उपलब्धि हासिल करने वाले जीएन गोपाल और एसएल नारायणन के बाद केरल के तीसरे खिलाड़ी हैं.

युवा अंतरराष्ट्रीय मास्टर निहाल सरीन बुधवार को अबु धाबी मास्टर्स के नौवें और अंतिम दौर का मुकाबला हारने के बावजूद ये बड़ी उपलब्धि अपने नाम करने में सफल रहे. केरल के 14 साल के इस खिलाड़ी ने संभावित नौ अंक में से 5.5 अंक जुटाए. उन्होंने अंतिम दौर से पहले ही ग्रैंडमास्टर नार्म हासिल कर लिया था.

अब 14 वर्षीय निहाल के नाम के साथ कई बड़ी उपल्ब्धियां जुड़ चुकी हैं. निहाल भारत के दूसरे सबसे यंग इंटरनेशनल मास्टर (आईएम), दुनिया के तीसरे सबसे कम उम्र वाले इंटरनेशनल मास्टर, दुनिया के सर्वश्रेष्ठ अंडर-14 खिलाड़ी और दुनिया के दूसरे सर्वश्रेष्ठ अंडर-18 खिलाड़ी हैं.

टूर्नामेंट में 88 सदस्यीय भारतीय टीम के लिए अच्छी बात यह रही कि चार खिलाड़ी ग्रैंडमास्टर और तीन अंतरराष्ट्रीय मास्टर नार्म हासिल करने में कामयाब रहे. सरीन के अलावा इरिगासि अर्जुन, हर्ष भर्थकोटी और पी इनियान ने अंतिम दिन ग्रैंडमास्टर नार्म हासिल कर इसे यादगार बनाया, जबकि ए आई मुथैया, वीएस राथनवेल और संकल्प गुप्ता अंतरराष्ट्रीय मास्टर नॉर्म पूरा करने में कामयाब रहे.

Ajit Wadekar, Former India Cricket Team Captain, Dies At 77

Former Indian cricket team captain Ajit Wadekar died at the age of 77 in Mumbai after a prolonged battle with cancer. The left-hander was well known for leading the side to Test victories over West Indies and England on foreign soil in the 1970s.

Under Wadekar’s captaincy, India won over five matches in the West Indies in the early 1970s, and then defeated England in a three-match series. He led India to a third successive series victory, beating England cricket team once again – this time, 2–1 in a five-match series in 1972–73.


Harsha Bhogle

@bhogleharsha

So many memories of Ajit Wadekar. None more powerful than leading India to series wins in 1971 in England and the West Indies. Much admired, much loved. Page in Indian cricket and in our memories.

Wadekar represented India in 37 Test matches and scored 2113 runs with one century and 14 fifties. He continued to be the captain of the Indian team that toured England in 1974 and represented the national team in their first ever One-Day International. Playing against England, Wadekar made 67 runs, but still ended on the losing side.
He played just one more ODI encounter in his career and with 73 runs from 2 matches, he decided to retire from international cricket following the team’s dismal show in the series.

After his retirement, Wadekar also served as the manager of the Indian cricket team in the 1990s, alongside captain Mohammad Azharuddin. He was one of the few Indian cricketers to represent the country as Test player, captain, coach/manager and the chairman of selectors.

Aman Kumar awarded for his outstanding performance in Under 19 Cricket

72nd Independence Day Celebration at Panchkula (Haryana) organised by Panchkula Distt.Administration & Haryana Govt.

Aman Kumar S/o Amarjit Kumar, Student of 12th Class of Satluj Public School being Felicitation With Cash Award & Certificate by Sh.Manish Kumar Grover, Hon’ble Minister of State for Cooperation ,Govt.of Haryana for his Haryana Under-19 School Cricket team got third position (Bronze Medal) in 62nd National School Games,2016 organised by School Games Federation of India & Ministry of Sports & Ministry of HRD , Govt.of India.