ਸ਼ਿਵਾਲਿਕ ਪਬਲਿਕ ਸਕੂਲ ਜੈਤੋ ਵਿੱਚ ਰਾਸ਼ਟਰੀ ਖੇਡ ਦਿਵਸ ਮਨਾਇਆ

ਰਘੁਨੰਦਨ ਪਰਾਸ਼ਰ, ਡੈਮੋਕਰੇਟਿਕ ਫਰੰਟ, ਜੈਤੋ, 29 ਅਗਸਤ:

ਹਾਕੀ ਦੇ ਮਹਾਨ ਖਿਡਾਰੀ ਮੇਜਰ ਧਿਆਨ ਚੰਦ ਦੇ ਜਨਮ ਦਿਨ ਦੀ ਯਾਦ ਵਿੱਚ ਰਾਸ਼ਟਰੀ ਖੇਡ ਦਿਵਸ ਮਨਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ।  ਮੇਜਰ ਧਿਆਨਚੰਦ ਨੂੰ ਹਾਕੀ ਦਾ ਜਾਦੂਗਰ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ।  ਹਾਕੀ ਦੇ ਇਸ ਜਾਦੂਗਰ ਦਾ ਜਨਮ 29 ਅਗਸਤ 1905 ਨੂੰ ਹੋਇਆ ਸੀ।  ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਸ਼ਰਧਾਂਜਲੀ ਦੇਣ ਲਈ ਸ਼ਿਵਾਲਿਕ ਪਬਲਿਕ ਸਕੂਲ ਵਿੱਚ ਰਾਸ਼ਟਰੀ ਖੇਡ ਦਿਵਸ ਮੌਕੇ ਨਰਸਰੀ ਤੋਂ ਚੌਥੀ ਜਮਾਤ ਦੇ ਵਿਦਿਆਰਥੀਆਂ ਵਿੱਚ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਗਤੀਵਿਧੀਆਂ ਕਰਵਾਈਆਂ ਗਈਆਂ।   ਜਿਸ ਵਿੱਚ ਜੋੜੀ ਖੇਡ, ਚਮਚਾ ਦੌੜ, ਸੰਤੁਲਨ ਖੇਡ, ਅੜਿੱਕਾ ਖੇਡ ਆਦਿ ਗਤੀਵਿਧੀਆਂ ਮੁੱਖ ਸਨ।  ਅਧਿਆਪਕਾਂ ਨੇ ਬੱਚਿਆਂ ਨੂੰ ਖੇਡਾਂ ਦੀ ਮਹੱਤਤਾ ਅਤੇ ਨਿਯਮਾਂ ਬਾਰੇ ਦੱਸਿਆ।  ਇਨ੍ਹਾਂ ਸਾਰੀਆਂ ਗਤੀਵਿਧੀਆਂ ਵਿੱਚ ਵਿਦਿਆਰਥੀਆਂ ਨੇ ਵੀ ਪੂਰੇ ਉਤਸ਼ਾਹ ਨਾਲ ਭਾਗ ਲਿਆ ਅਤੇ ਖੇਡਾਂ ਦਾ ਆਨੰਦ ਮਾਣਿਆ।  ਸਕੂਲ ਦੇ ਪ੍ਰਿੰਸੀਪਲ ਸ੍ਰੀ ਸਰਬਜੀਤ ਸਿੰਘ ਨੇ ਕਿਹਾ ਕਿ ਖੇਡਾਂ ਸਾਡੇ ਜੀਵਨ ਦਾ ਅਹਿਮ ਅੰਗ ਹਨ, ਇਹ ਸਾਡੇ ਸਰੀਰਕ ਅਤੇ ਮਾਨਸਿਕ ਵਿਕਾਸ ਦਾ ਸਰੋਤ ਹਨ।  ਇਕ ਪਾਸੇ ਇਹ ਸਾਡੇ ਸਰੀਰ ਦੇ ਖੂਨ ਸੰਚਾਰ ‘ਚ ਮਦਦਗਾਰ ਹੈ ਤਾਂ ਦੂਜੇ ਪਾਸੇ ਦਿਮਾਗ ਦੇ ਵਿਕਾਸ ‘ਚ ਵੀ ਫਾਇਦੇਮੰਦ ਹੈ।  ਖੇਡਾਂ ਨੂੰ ਕਸਰਤ ਦਾ ਸਭ ਤੋਂ ਵਧੀਆ ਸਾਧਨ ਮੰਨਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ।  ਮਾਨਸਿਕ ਵਿਕਾਸ ਸਾਡੇ ਸਕੂਲ ਦੇ ਦਿਨਾਂ ਤੋਂ ਸ਼ੁਰੂ ਹੁੰਦਾ ਹੈ, ਪਰ ਸਰੀਰਕ ਵਿਕਾਸ ਲਈ ਕਸਰਤ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ।  ਜੋ ਅਸੀਂ ਖੇਡਾਂ ਰਾਹੀਂ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਦੇ ਹਾਂ।  ਪਰ ਅਗਾਂਹਵਧੂ ਅਤੇ ਆਧੁਨਿਕ ਬਣਨ ਦੀ ਦੌੜ ਵਿੱਚ ਅਸੀਂ ਆਪਣੀ ਸਿਹਤ ਨਾਲ ਖੇਡ ਰਹੇ ਹਾਂ।  ਅਸੀਂ ਖੇਡਾਂ ਦੀ ਮਹੱਤਤਾ ਨੂੰ ਭੁੱਲਦੇ ਜਾ ਰਹੇ ਹਾਂ।ਸਕੂਲ ਪ੍ਰਬੰਧਕ ਕਮੇਟੀ ਦੇ ਮੈਂਬਰਾਂ ਨੇ ਕਿਹਾ ਕਿ ਸਾਨੂੰ ਸਕੂਲ ਵਿੱਚ ਬੱਚਿਆਂ ਲਈ ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੀਆਂ ਖੇਡਾਂ ਦਾ ਆਯੋਜਨ ਕਰਦੇ ਰਹਿਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ।

राष्ट्रीय खेल दिवस आयोजित     

राष्ट्रीय खेल दिवस पर खेल और शारीरिक फिटनेस गतिविधियां आयोजित     

डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़,  29   अगस्त :

पोस्ट ग्रेजुएट गवर्नमेंट कॉलेज, सेक्टर-46 ने विद्यार्थियों और कर्मचारियों के बीच खेल और शारीरिक फिटनेस को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय खेल दिवस समारोह का आयोजन किया। भारत में राष्ट्रीय खेल दिवस 29 अगस्त को महान हॉकी खिलाड़ी ध्यानचंद के सम्मान में मनाया जाता है। प्रिंसिपल प्रो. जेके सहगल ने कहा कि यह दिन अनुशासन, टीम वर्क और समग्र कल्याण को बढ़ावा देने में खेलों के महत्व की याद दिलाता है। उन्होंने आगे कहा कि हमें व्यक्तियों को खेलों में शामिल होने और स्वस्थ जीवन जीने के लिए प्रेरित और प्रोत्साहित करना चाहिए। प्रिंसिपल सहगल ने विभिन्न खेलों जैसे गतका, पेनकैक्सिलैट, योग, स्पीक टाकरा, शतरंज और टेबल टेनिस में सात स्वर्ण, चार रजत और चार कांस्य पदक जीतने वाले छात्रों को सम्मानित किया। इस अवसर पर डीन डॉ. अनुराधा मित्तल और वाइस प्रिंसिपल प्रोफेसर स्नेह हर्षिंदर शर्मा भी मौजूद थे।

राजकीय महाविद्यालय रायपुर रानी में राष्ट्रीय खेल दिवस मनाया गया

विद्यार्थियों ने  खेलों में बढ़ चढ़कर भाग लेने एवं नशे से दूर रहने की शपथ ली

नन्द सिंगला, डेमोक्रेटिक फ्रंट, रायपुररानी, 29     अगस्त  :

 राजकीय महाविद्यालय रायपुर रानी में राष्ट्रीय खेल दिवस मनाया गया। जैसा कि आपको विदित है की खेल दिवस हॉकी के खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद के जन्मदिवस के उपलक्ष में मनाया जाता है। विद्यार्थियों ने इस अवसर पर खेलों में बढ़ चढ़कर भाग लेने एवं नशे से दूर रहने की शपथ ली। इस अवसर पर प्रधानाचार्य श्रीमती शैलजा छाबड़ा ने विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास में खेलों का महत्व बताया। विद्यार्थियों को खेलों में बढ़-चढ़कर भाग लेने की शपथ दिलाई। इस अवसर पर स्पोर्ट्स कमेटी इंचार्ज श्री राकेश गहलावत, डॉ पूजा बिश्नोई व डा रोहित भुल्लर उपस्थित रहे। पिछले वर्ष में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले महाविद्यालय के खिलाड़ियों को सम्मानित किया गया।

भारत का रत्न, हॉकी का जादूगर दादा ध्यानचंद

मेजर ध्यानचंद का जन्म 29 अगस्त 1905 इलाहाबाद, संयुक्त प्रांत, ब्रिटिश भारत में हुआ था। उनके जन्मदिन को भारत का राष्ट्रीय खेल दिवस घोषित किया गया है। इसी दिन खेल में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार अर्जुन और द्रोणाचार्य पुरस्कार प्रदान किए जाते हैं। भारतीय ओलम्पिक संघ ने ध्यानचंद को शताब्दी का खिलाड़ी घोषित किया था।

भारत का रत्न, हॉकी का जादूगर दादा ध्यानचंद

आज जन्मदिवस पर विशेष : भारत का रत्न, हॉकी का जादूगर दादा ध्यानचंद

वरिष्ठ पत्रकार मनमोहन सिंह, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़, 29 अगस्त :

आज 29 अगस्त है, जन्मदिवस उस महान खिलाड़ी का जो आज भी हॉकी की दुनियां का बेताज बादशाह है। अपने करोड़ों चाहने वालों में ‘दादा’ के नाम से मशहूर मेजर ध्यानचंद आज भी हर उस बशर के दिल में जिंदा हैं जो देश को प्यार करता है। आज भी उनका नाम हॉकी का पर्याय बन गया है।

तीन ओलंपिक खेलों एमेस्टरडम (1928) लॉस एंजेलिस (1932) और बर्लिन (1936) में ध्यानचंद ने भाग लिया। बर्लिन में तो वे भारतीय हॉकी टीम के कप्तान भी थे। 1928 में जब भारत की टीम समुद्र के रास्ते एमेस्टरडम के लिए रवाना हुई तो उसे विदा करने केवल तीन लोग आए थे। इनमे दो हॉकी फेडरेशन के पदाधिकारी और एक पत्रकार था। यह बात अलग है कि टीम की वापसी पर उसके स्वागत के लिए जनता का हजूम था। दादा ने तीन ओलंपिक खेलों में कुल 12 मैच खेले और 40 गोल किए। इन तीनों ओलंपिक खेलों में भारत ने प्रति मैच 8.5 की औसत से कुल 102 गोल किए और उनके खिलाफ मात्र तीन गोल हुए। दादा की प्रति मैच औसत 3.33 गोल की बैठती है।

एलान तो ऑटोग्राफ दे रहे थे:

इन तीनों ओलंपिक खेलों में जो तीन गोल भारत पर हुए उनमें अमेरिका का गोल तो इसलिए हो गया क्योंकि गोलकीपर एलेन अपनी पोस्ट को छोड़ कर अपने फैंस को ऑटोग्राफ देने में व्यस्त थे। असल में भारत के हाफ में गेंद आ ही नहीं रही थी। एलेन भी अकेले खड़े बोर हो गए थे इसलिए अपने चाहने वालों को खुश करने चले गए। इतने में एक लंबी गेंद निकली। भारतीय रक्षापंक्ति को विश्वास था कि एलेन आगे बढ़ कर गेंद रोक ही लेंगे, पर एलेन थे ही नहीं। जब तक भारतीय टीम को पता चला की गोलपोस्ट तो खाली है तब तक देर हो चुकी थी। अमेरिका एक गोल कर गया। अंत में भारत 24-1 के अंतर से जीता। ओलंपिक हॉकी के इतिहास की अब तक भी यही सबसे बड़ी जीत है। ध्यान रहे उस ज़माने में कृत्रिम खेल मैदान नहीं होते थे, अगर कहीं एस्ट्रो टर्फ होती तो शायद गोलों की गिनती कहीं अधिक होती।1936 के बाद 1940 और 1944 के ओलंपिक दूसरे विश्व युद्ध के कारण नहीं हो सके। फिर 1948 तक आते आते दादा 43 साल के हो चुके थे और खेलना छोड़ चुके थे फिर भी 31 साल की उम्र में उन्होंने अपना आखरी ओलंपिक खेल था।

दादा ने भारतीय हॉकी को उरूज़ से रसातल की तरफ जाते देखा। पर तीन दिसंबर 1979 को 74 बरस की आयु में संसार छोड़ने से पहले उन्होंने भारत को कुआलालंपुर (1975) में तीसरा विश्व कप जीतते देखा। उनके लिए इससे अधिक खुशी की बात क्या होगी की फाइनल में पाकिस्तान को हराने वाला गोल उनके अपने पुत्र अशोक कुमार की स्टिक से आया। भारत ने यह फाइनल 2-1 के अंतर से जीता था। अशोक कुमार आज भी हॉकी को समर्पित हैं। हॉकी के विकास में लगे हैं। पिछले दो ओलंपिक खेलों में भारत ने लगातार दो कांस्य पदक जीत कर यह साबित कर दिया है कि यदि ओडिशा के पूरब मुख्यमंत्री नवीन पटनायक जैसे कुछ और लोग आगे आ कर हॉकी को बढ़ावा दें तो हमारे खिलाड़ी हॉकी को ध्यानचंद के सपनों की उड़ान दे सकते हैं।
दादा को नमन।

कबड्डी अंडर-19 में जटवाड़ ने बाजी मारी

नन्द सिंगला, डेमोक्रेटिक फ्रंट, रायपुररानी, 22   अगस्त  :

शहजादपुर ब्लॉक के अंतर्गत ब्लॉक लेवल टूर्नामेंट धनाना में आयोजित किए गए। जिसमें ब्लॉक के 13 विद्यालयों के छात्रों ने अलग-अलग आयु वर्ग में प्रतिभाग किया। दो दिवसीय इस खेल आयोजन के दूसरे दिन अंडर-19 लड़को के वर्ग में कबड्डी में जटवाड़ की टीम ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। एक रोचक मुकाबले में जटवाड़ ने शहजादपुर के लड़कों को खेल के अंतिम क्षणों में हराया और पहला स्थान प्राप्त किया। इस आयोजन की मुख्य अतिथि खंड शिक्षा अधिकारी ज्योति रानी ने विजेता टीम और उनके प्रशिक्षकों को बधाई दी । विद्यालय की प्रधानाचार्य नीलम शर्मा ने भी विजेताओं का उत्साह वर्धन करते हुए उन्हें आगामी जिला स्तर की खेल प्रतियोगिताओं में भी इसी प्रकार अच्छा प्रदर्शन करने और अपने विद्यालय और ब्लॉक का नाम रोशन करने की शुभकामना दी। इस अवसर पर कोच हरिंदर,गुरजंट,जसबीर और विजेता टीम हर्ष,रोहित,दिलशान,दिलबर,नवजोत, कमल,साहिल उपस्थित रहे।

भाजपा ने महिला पहलवानों समेत तमाम खिलाड़ियों का अपमान : हुड्डा

  • ओलंपिक पदक विजेता पहलवान अमन सहरावत ने की भूपेंद्र सिंह हुड्डा और सांसद दीपेंद्र हुड्डा से मुलाकात
  • हुड्डा ने की अमन सहरावत की सराहना, कहा- अमन ने देश को किया गौरवान्वित
  • कांग्रेस सरकार बनने पर खिलाड़ियों के लिए फिर लागू होगी ‘पदक लाओ, पद पाओ’ नीति, मिलेगी उच्च पदों पर नियुक्ति : हुड्डा
  • कांग्रेस के 750 से ज्यादा खिलाड़ियों को दी थी सरकारी नियुक्तियां, नौकरियों में दिया था 3% खेल कोटा : हुड्डा
  • भाजपा ने किया खेल नीति को खत्म, महिला पहलवानों समेत तमाम खिलाड़ियों का अपमान : हुड्डा
  • कांग्रेस कार्यकाल में डीएसपी नियुक्त हुए खिलाड़ियों को बीजेपी ने आजतक नहीं दी पदोन्नति : हुड्डा

डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़, 20 अगस्त :

पूर्व मुख्यमंत्री व नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनने पर फिर से खिलाड़ियों के लिए ‘पदक लाओ, पद पाओ’ नीति को लागू किया जाएगा। साथ ही खिलाड़ियों के लिए फिर से नौकरियों में 3 प्रतिशत कोटा लागू होगा और उन्हें उच्च पदों पर नियुक्ति दी जाएगी। हुड्डा ने यह बात  ओलंपिक पदक विजेता पहलवान अमन सहरावत से मुलाकात के बाद कही। पूर्व सीएम हुड्डा और सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने अपने आवास पर अमन सहरावत का स्वागत किया और उन्हें सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि अमन ने पदक जीतकर हरियाणा ही नहीं बल्कि पूरे देश को गौरवान्वित किया है।

मुलाकात के बाद हुड्डा ने कहा कि सरकार को खिलाड़ियों को पद, सम्मान और इनाम देने में कोई कोताही नहीं बरतनी चाहिए। कांग्रेस ने ‘पदक लाओ, पद पाओ’ नीति के तहत खिलाड़ियों को डीएसपी जैसे उच्च पदों पर नियुक्तियां दी थीं। लेकिन बीजेपी ने सत्ता में आते ही इस नीति को बंद कर दिया और खिलाड़ियों से उच्च पदों पर नियुक्ति का अधिकार छीन लिया। बीजेपी इस कद्र खिलाड़ियों से भेदभाव कर रही है कि उसने कांग्रेस कार्यकाल में डीएसपी बने खिलाड़ियों को आजतक पदोन्नति नहीं दी।

हुड्डा ने बताया कि कांग्रेस सरकार के समय में 750 से ज्यादा खिलाड़ियों को डीएसपी, इंस्पेक्टर, सब इंस्पेक्टर और अन्य सरकारी पदों पर नियुक्तियां मिलीं थी। देश में पहली बार खिलाड़ियों को 5 करोड़ रुपये तक के नकद पुरस्कार दिए गए थे। इससे प्रदेश में खेलों के लेकर सकारात्मक माहौल बना था। छोटे-छोटे बच्चे भी मेडल जीतने का सपना देखने लग गए और मां-बाप बच्चों को कहने लगे थे- ‘खेलो-कूदो, मेडल लाओ, सरकार डीएसपी बनावैगी’। इसके चलते हरियाणा खेलों का हब बना और देश को मिलने वाले 40-50% मेडल इस छोटे के राज्य से आने लगे।

लेकिन भाजपा सरकार ने हरियाणा में खेलों को लेकर गंभीर नहीं है। ‘खेलो इंडिया’ के बजट से हरियाणा को मात्र 3 प्रतिशत हिस्सा मिला है। हरियाणा जो ओलंपिक में सबसे ज्यादा पदक लाता है, उसे तो केवल 66 करोड़ मिले, जबकि गुजरात और यूपी को भाजपा सरकार ने 400-500 करोड़ रुपये दिए हैं। कांग्रेस कार्यकाल के दौरान गांवों में सैकड़ों खेल स्टेडियम बनाए गए थे, लेकिन भाजपा ने उनका रख-रखाव तक ढंग से नहीं किया। अंतराष्ट्रीय स्तर के स्टेडियम भी अनदेखी का शिकार हो रहे हैं। स्कूली स्तर की खेल प्रतियोगिता ‘स्पैट’ को भी बीजेपी ने बंद कर दिया।

बीजेपी ने राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों को अपमानित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। न्याय की मांग लेकर धरने पर बैठी महिला पहलवानों को सरकार ने सड़क पर घसीटा और भाजपा के मंत्री पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाने वाली कोच को भी सरकार न्याय नहीं दिलवा पाई।  

इन तमाम बातों से स्पष्ट है कि भाजपा सरकार हरियाणा के युवाओं को खिलाड़ी नहीं बनाना चाहती। ये सरकार युवाओं को सिर्फ नशेड़ी बनाना चाहती है। इसीलिए खेलों की बजाए सरकार द्वारा नशे को प्रमोट किया जा रहा है। हरेक गली, मोहल्ले व कॉलोनी में शराब के ठेके खोले जा रहे हैं। चिट्टा जैसे सूखे नशे आज गांव-गांव तक पहुंच गए। क्योंकि सरकार नशा कारोबारियों और तस्करों को सरंक्षण दे रही है। लेकिन कांग्रेस सरकार बनने पर इसपर अंकुश लगाया जाएगा। हरियाणा की जवानी को बचाना कांग्रेस का लक्ष्य है।

सात वर्षीय अवंतिका वर्मा ने एशिया बुक ऑफ  रिकॉर्ड-2024 में दर्ज करवाया नाम

– आंखों पर पट्टी बांधकर महज 30 सैकेंड में बता दिए विश्व के 42 देशों की मुद्रा के नाम –

पवन सैनी, डेमोक्रेटिक फ्रंट, हिसार, 08   अगस्त :

 6 साल की उम्र में मात्र 44 सैकेंड और 63 मिली सैकेंड में भारत के 28 राज्यों के नाम और उनके वर्तमान मुख्यमंत्रियों के नाम सिर्फ  बाऊंड्री मेप से बताकर इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड-2023 में नाम दर्ज करवाने के महज एक साल के बाद मात्र 30 सैकेंड में आंखों पर पट्टी बांधकर 42 देशों की मुद्राओं के नाम बताकर एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम दर्ज करवाकर हिसार के आर्य नगर निवासी अवंतिका वर्मा ने इतिहास के पन्नों में अपना व अभिभावकों का नाम दर्ज करवा दिया है। अवंतिका वर्मा की दो सालों में प्राप्त दोहरी उपलब्धि पर पूरा परिवार बेटी की ऐतिहासिक सफलता पर अपने आपको गौरवांवित महसूस कर रहा है। अवंतिका वर्मा के अभिभावकों को चहुंओर से बधाई देने वालों का सिलसिला जारी है। अवंतिका के पिता प्रदीप कुमार वर्मा ने बताया कि वे राजस्थान के भिवाड़ी में एक नामी कंपनी में जॉब करते हैं, जबकि उनकी पत्नी नीलम वर्मा हाऊस वाइफ  है।

          प्रदीप वर्मा ने बताया कि अक्सर देखा गया है कि 6 साल की उम्र में बच्चे ठीक से पढऩा-लिखना व उठना-बैठना भी नहीं सीखते। बच्चों को चीजें ठीक से याद भी नहीं रहती और उन्हें सिखाने के लिए परिजनों को काफी मशक्कत करनी पड़ती है। या यूं कहें कि ये परिजनों के लिए परीक्षा की घड़ी होती है कि वो अपने बच्चों को बेहतर तरीके से उनकी रुचि के मुताबिक ढाल सकें, लेकिन बेटी अवंतिका वर्मा में परमात्मा ने गजब की प्रतिभा बख्शी है। करीब दो साल पूर्व भिवाड़ी में एक सेमीनार में अवंतिका ने इस प्रकार की चीजों के बारे में देखा था। यहीं से भी अवंतिका के मन में सफलता की पींगें हिलारें लेने लगी और फिर उसने पीछे मुडक़र नहीं देखा। वर्मा ने बताया कि पूरे परिवार खासकर अवंतिका के दादा शंकरलाल वर्मा ने अवंतिका को लगातार बेहतर करने के लिए प्रोत्साहित किया।

अवंतिका की माता नीलम ने बताया कि उन्हें भी अवंतिका की प्रतिभा पर पूरा भरोसा था। परिजनों ने मिले प्रोत्साहन को अवंतिका ने जाया नहीं जाने दिया और महज 30 सैकेंड में आंखों पर पट्टी बांधकर स्क्रीन की तरफ मुंह करके 42 देशों की मुद्राओं के नाम बताकर इतिहास के पन्नों में अपना नाम दर्ज करवा दिया। बतौर अंवतिका वर्मा ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। अगर उन्हें सही दिशा व दशा दी जाए तो वे किसी भी मंजिल को आसानी से प्राप्त कर सकते हैं। अवंतिका वर्मा ने अभिभावकों से आह्वान किया कि वे अपने बच्चों की रूचि के अनुसार हर गतिविधि में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करें, ताकि वे अपने साथ-साथ अभिभावकों का भी नाम रोशन कर सकें।

विनेश फोगाट को पदक के लिए अयोग्य करार दिया जाना दुखद : हुड्डा

  •       बीजेपी सरकार में बेरोजगारी, अपराध, भ्रष्टाचार, नशा, अत्याचार और महंगाई पूरी तरह नॉनस्टॉप- हुड्डा
  •        अपने विज्ञापनों में कांग्रेस की परियोजनाओं व कामों को दिखा रही है बीजेपी- हुड्डा

डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़, 07अगस्त :

पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने विनेश फोगाट को अयोग्य ठहराए जाने को दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। उन्होंने कहा कि गोल्ड मेडल की दहलीज पर खड़े किसी खिलाड़ी के साथ उन्होंने ऐसा होते हुए पहले कभी नहीं देखा। इस पूरे मामले की जांच होनी चाहिए और भारत सरकार को इसमें हरसंभव हस्तक्षेप करना चाहिए। हुड्डा ने कहा कि मेडल को लेकर बेशक कोई नतीजा सामने आए। लेकिन इस ऑलंपिक में दुनिया की सबसे बड़ी धुरंधरों को हराकर विनेश ने साबित कर दिया कि वो सच्ची चैंपियन है।

हुड्डा आज रोहतक में पत्रकारों के सवालों का जवाब दे रहे थे। इस मौके पर उन्होंने कहा कि हरियाणा के विकास पर फुल स्टॉप लगाने वाली बीजेपी सरकार में बेरोजगारी, अपराध, भ्रष्टाचार, नशा, अत्याचार और महंगाई पूरी तरह नॉनस्टॉप हैं। इसीलिए बीजेपी ने अपने कैंपेन को भी ‘नॉनस्टॉप हरियाणा’ का नाम दिया है। अपने कैंपेन की विज्ञापनों में भी बीजेपी के पास दिखाने लायक खुद का कोई भी काम नहीं है। इसलिए सरकार आईआईटी और आईआईएम से लेकर तमाम उन प्रोजेक्ट्स को अपने विज्ञापनों में दिखा रही है, जिनको हरियाणा में लाने करने का कार्य कांग्रेस सरकार ने किया था।

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि बीजेपी को विधानसभा चुनाव में अपनी हार स्पष्ट नजर आ रही है। इसीलिए वो हार की बौखलाहट में लगातार हवा-हवाई ऐलान कर रही है। इसी कड़ी में बीजेपी ने सभी फसलों पर एमएसपी देने की बात कही है। जबकि ये वो सरकार है, जिसने पूरे 10 साल किसानों को हर फसल की एमएसपी के लिए तरसाया।  750 किसानों की शहादत के बाद भी इस सरकार का मन नहीं पसीजा था। बीजेपी सरकार के दौरान फसलों की खरीद और मुआवजे में करोड़ों रुपये के घोटाले हुए। इसलिए किसान इस सरकार के किसी भी ऐलान पर अब भरोसा नहीं करेंगे। वैसे भी बीजेपी को पता होना चाहिए कि एमएसपी का ऐलान, केंद्र सरकार करती है, राज्य सरकार नहीं। अगर बीजेपी एमएसपी को लेकर रत्तीभर भी गंभीर है तो केंद्र सरकार को तुरंत इसपर कानून बनाना चाहिए। संसद के भीतर इसके लिए बिल लाया जाना चाहिए।

रीना भट्टी, लेनिन पर तिरंगा फहराने वाली रीना देश की पहली महिला

  • पर्वतारोही रीना भट्टी ने किर्गिस्तान की सबसे ऊंची चोटी लेनिन पर फहराया तिरंगा
  • लेनिन पर तिरंगा फहराने वाली रीना देश की पहली महिला
  •   माउंट एवरेस्ट को भी फतह कर चुकी है रीना

पवन सैनी, डेमोक्रेटिक फ्रंट, हिसार, 05   अगस्त :

 हिसार के श्यामलाल बाग की रहने वाली पर्वतारोही रीना भट्टी ने किर्गिस्तान की सबसे ऊंची चोटी माउंट लेनिन को फतह कर देश का तिरंगा फहराया है। माउंट एवरेस्ट को फतह कर चुकी रीना भट्टी 14 जुलाई को हिसार से रवाना हुई थी और 26 जुलाई को सुबह 10.36 बजे चोटी फतह कर देश का तिरंगा फहराया। रीना गत दिवस ही घर लौटी है। रीना भट्टी ने दावा किया है कि किर्गिस्तान की सबसे ऊंची चोटी फतह करने वाली वह पहली भारतीय महिला है।इस चोटी की ऊंचाई 7134 मीटर है। रीना भट्टी ने बताया कि इस पर करीब साढ़े तीन लाख रुपये खर्च हुए है।

        बता दें, कि इससे पहले रीना कई चोटियों को फतह कर चुकी हैं। इनमें माउंट एवरेस्ट के अलावा माउंट एवरेस्ट, माउंट ल्होत्से, माउंट नन, अमा डबलम, आइलैंड पिक, माउंट काला पत्थर, फ्रेंडशिप पिक, माउंट एलब्रुस, माउंट कांग यात्से, माउंट किलिमंजारों के अलावा अन्य चोटियां शामिल हैं। रीना भट्टी ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि इस अभियान में आठ सदस्य शामिल रहे। जब चोटी को फतह करने पहुंचे तो 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से हवा चल रही थी। मगर किसी ने हौसला नहीं तोड़ा और चोटी फतह करने में कामयाबी मिली।रीना ने बताया कि 14 जुलाई को वह हिसार से रवाना हुए थे। 17 जुलाई को बेस कैंप पहुंचे और 26 जुलाई को चोटी फतह की। रीना का कहना है कि इस बार वह अपने साथ खाने और टैंट का सामान साथ लेकर गए थे।

चंडीगढ़ स्पाइनल रिहैब के दो पैरा – एथलीटों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चमके

डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़, 30 जुलाई :

चंडीगढ़ स्पाइनल रिहैब के दो पैरा-एथलीटों ने हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय खेल आयोजनों में उल्लेखनीय सफलता हासिल की है, जो रिहैब सेंटर के सशक्तिकरण और पुनर्वास मिशन में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ है।

क्वाड्रिप्लेजिक एथलीट के रूप में, अंजलि ठाकुर (25) और उनकी बहन प्रियंका ठाकुर ने वर्ल्ड बोशीया चैलेंजर, 2024 काहिरा, मिस्र में बोशीया फेडरेशन के लिए पहला पदक और भारत के लिए स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया है। पैरा टेबल टेनिस में एक चमकता सितारा, विद्या कुमारी (34) ने सिंगापुर पर कड़ी जीत के बाद थाईलैंड के पटाया में इंटरनेशनल टेबल टेनिस फेडरेशन फैक्टर 40 (आईटीटीएफए) चैंपियनशिप में मिक्स्ड डबल क्लास 4 कैटेगरी में रजत पदक हासिल किया है।

2018 में, सेना में शामिल होने का सपना देखने वाली हिमाचल प्रदेश के मंडी की एक होनहार युवती को एक विनाशकारी झटके का सामना करना पड़ा। एक गंभीर दुर्घटना के बाद, उन्हें सी4-सी5  लेवल की चोट का पता चला, जिसने हमेशा के लिए उसका जीवन बदल दिया। चार साल तक, अंजलि अपने परिवार के सहारे निर्भर रही, उसके सपने टूटते हुए नज़र आए। हालाँकि, 2022 में, उनकी जीवन यात्रा में तब मोड़ आया जब वह चंडीगढ़ स्पाइनल रिहैब सेंटर में पहुंचीं। तीन महीने के गहन पुनर्वास के बाद, अंजलि को न केवल शारीरिक उपचार मिला बल्कि उन्हें नया दृष्टिकोण भी मिला।

अंजलि ने अपना लक्ष्य एक अलग राह पर रखा और वो था खेल। अपने रिहैब के दौरान, उन्होंने बोशीया खेल को चुना, एक ऐसा खेल जिसमें उन्होंने उम्मीदों से परे उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। ​​अपने क्वाड्रिप्लेजिक के बावजूद, अंजलि ने रिहैब में हमारे ट्रेनर्स द्वारा दिए गए विशेषज्ञ मार्गदर्शन में कठोर प्रशिक्षण लिया। बोशीया, प्रेसिजन बॉल स्पोर्ट्स में महारत हासिल करने के लिए उनका समर्पण उनकी अदम्य भावना और चंडीगढ़ स्पाइनल रिहैब के सशक्त वातावरण को दर्शाता है। बोशीया, बोशे के समान एक प्रेसिजन बॉल स्पोर्ट है, जिसे गंभीर शारीरिक दिव्यांग वाले एथलीटों के लिए डिज़ाइन किया गया है और जिसके लिए रणनीतिक कौशल और सटीकता की आवश्यकता होती है। अंजली जापान में 2026 में होने जा रही एशियन पैरा गेम्स और 2028 में पैरा ओपलम्पिक में भाग लेंगी।

बिहार के समस्तीपुर के एक छोटे से गांव की रहने वाली विद्या कुमारी को 16 साल पहले एक विनाशकारी घटना का सामना करना पड़ा, जब वह स्कूल से घर लौटते समय साइकिल से पुल से गिर गई, जिससे उसकी रीढ़ की हड्डी में चोट लग गई और उसके सपने चकनाचूर हो गए। 11 साल तक अपने घर की चारदीवारी में बंद रहने के कारण वह डिप्रेशन से जूझती रही और अपने जीवन के अंत के बारे में सोचती रही।

हालांकि, जब उसे चंडीगढ़ स्पाइनल रिहैब में इलाज के लिए ले जाया गया तो उम्मीद की किरण जगी। सर्जरी और बेहतरीन, व्यापक पुनर्वास से गुज़रने के बाद, विद्या में एक उल्लेखनीय बदलाव आया। आज, वह कैंपस की दीवारों के भीतर गरिमा, उद्देश्य और संतुष्टि से भरा जीवन जी रही है।

उन्होंने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पैरा टेबल टेनिस खिलाड़ी के रूप में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है, प्रतिष्ठित चैंपियनशिप में कई स्वर्ण, रजत और कांस्य पदक जीते हैं। इसके अतिरिक्त, उन्होंने भारत की पहली स्विगी डिलीवरी गर्ल के रूप में बाधाओं को तोड़ दिया है, सीमाओं को चुनौती देने और आगे बढ़ने के अपने दृढ़ संकल्प को प्रदर्शित किया है। उनका लक्ष्य ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करना है, और उनकी दृढ़ता इस सपने को प्राप्त करने की उनकी प्रतिबद्धता का प्रमाण है। विद्या अब इंदौर में अगस्त या सितंबर में होने जा रहे पैरा नेशनल चैंपियनशिप में भाग लेगी और अक्टूबर में सऊदी अरेबिया में होने वाले पैरा ओपन चैंपियनशिप में भी भाग लेंगी।

उद्घाटन के बाद से चंडीगढ़ स्पाइनल रिहैब ने पैरा स्पोर्ट्स पर बहुत जोर दिया है और पैरा स्पोर्ट्स के क्षेत्र में रीढ़ की हड्डी की चोट वाले व्यक्तियों को प्रोत्साहित किया है और उन्हें इस क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए प्रशिक्षण दे रहा है।

चंडीगढ़ स्पाइनल रिहैब की संस्थापक और सीईओ निक्की पी कौर ने कहा, “हमारे पैरा-एथलीटों की उल्लेखनीय उपलब्धियों का जश्न मनाना मेरे और चंडीगढ़ स्पाइनल रिहैब की हमारी पूरी टीम के लिए बहुत गर्व की बात है। अंजलि और विद्या ने अपनी कठिन चुनौतियों के बावजूद अपनी पसंद और क्षमता के खेल में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है और हमारे संस्थान और हमारे देश का नाम रोशन किया है। मैं चंडीगढ़ स्पाइनल रिहैब में सभी पैरा-एथलीटों के प्रशिक्षण और खेल करियर के लिए उनके समर्थन के लिए ब्रिजस्टोन प्राइवेट लिमिटेड के प्रति अपना हार्दिक आभार और प्रशंसा व्यक्त करना चाहूंगी।”

अंजलि की पिछली उपलब्धियां

इंडिविजुअल में स्वर्ण पदक – नेशनल बोशीया चैम्पियनशिप, दिल्ली, 2023।

डबल रजत पदक – नेशनल बोशीया चैम्पियनशिप, दिल्ली, 2023।

इंडिविजुअल में स्वर्ण पदक – नेशनल बोशीया चैम्पियनशिप, इंदौर, 2024

डबल स्वर्ण पदक – नेशनल बोशीया चैम्पियनशिप, इंदौर, 2024

एशियाई खेलों 2023 में भाग लिया

दिसंबर 2023 में हांगकांग इंटरनेशनल चैम्पियनशिप में भाग लिया।

नेशनल रैंकिंग: 1

इंटरनेशनल रैंकिंग: 43

विद्या कुमारी की पिछली उपलब्धियां

कांस्य पदक – आईटीटीएफ पैरा टेबल टेनिस चैम्पियनशिप, रियाद, 2023।

रजत पदक – यूटीटी पैरा राष्ट्रीय रैंकिंग टेबल टेनिस चैम्पियनशिप, इंदौर, 2023।

रजत पदक – खेलो इंडिया चैम्पियनशिप दिसंबर, 2023।

सिंगल में रजत पदक – यूटीटी पैरा टेबल टेनिस नेशनल चैम्पियनशिप 2023-24 मिक्स्ड डबल में रजत पदक – यूटीटी पैरा टेबल टेनिस नेशनल चैम्पियनशिप 2023-24 वीमेन डबल में स्वर्ण पदक – यूटीटी पैरा टेबल टेनिस नेशनल चैम्पियनशिप 2023-24 नेशनल रैंकिंग: 2 इंटरनेशनल रैंकिंग: एक्टिव प्लेयर