के. चंद्रशेखर राव ने देश में एक साथ लोकसभा और विधानसभा चुनाव कराए जाने का समर्थन किया है


टीआरएस सांसद ने कहा, ‘निर्वाचित प्रधानमंत्री हर साल विधानसभा चुनावों के लिए चुनाव प्रचार अभियान में अपना काफी वक्त लगाते रहे है.’


तेलंगाना के मुख्यमंत्री और टीआरएस के प्रमुख के. चंद्रशेखर राव ने देश में एक साथ लोकसभा और विधानसभा चुनाव कराए जाने का समर्थन किया है.

विधि आयोग के अध्यक्ष को (साथ चुनाव कराने के प्रस्ताव के पक्ष में) राव का पत्र सौंपने के बाद करीमनगर के टीआरएस सांसद बी विनोद कुमार ने मीडिया से कहा , ‘कई लोग मानते हैं कि विधानसभाओं एवं संसद का एक साथ चुनाव कराना भाजपा या मोदी का एजेंडा है. लेकिन विधि आयोग ने काफी पहले ही प्रक्रिया शुरु कर दी थी.’

टीआरएस सांसद ने कहा, ‘निर्वाचित प्रधानमंत्री हर साल विधानसभा चुनावों के लिए चुनाव प्रचार अभियान में अपना काफी वक्त लगाते रहे है.’

उनका कहना था कि यह 2014 में लोकसभा और कुछ राज्यों में चुनाव के बाद 2015, 2016, 2017 और 2018 में विभिन्न राज्यों में हुए चुनावों से स्पष्ट होता है.

उन्होंने कहा, ‘तेलंगाना राष्ट्र समिति और के सी आर (राव इस नाम से लेाकप्रिय हैं) का मत है कि एक बार चुनाव हो जाने से राज्यों एवं देश के विकास में मदद मिलेगी.’

उन्होंने कहा , ‘हमारी राय से आज स्पष्ट रुप से अध्यक्ष को अवगत करा दिया गया.’ एक साथ चुनाव करवाने से ‘नष्ट’ होगा संसदीय लोकतंत्र: आप

आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता आशीष खेतान ने कहा कि उनकी पार्टी का यह दृढ़ता से मानना है कि एक साथ चुनाव कराए जाने से भारत का संसदीय लोकतंत्र एवं संघवाद ‘नष्ट’ होगा.

खेतान ने विधि आयोग और उसके सदस्यों से मुलाकात की. उन्होंने कहा कि आप इस मामले में पार्टी के रूख को लेकर आयोग को एक विस्तृत पत्र सौंपेगे.

विधि आयोग ने 14 जून को सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों से इस मुद्दे पर उनकी राय मांगी थी.

खेतान ने ट्वीट कर कहा, ‘विधि आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्यों से मुलाकात की. बताया कि ‘आप’ इस बात पर दृढ़ता से विश्वास करती है कि एकसाथ चुनाव करवाने से हमारा संसदीय लोकतंत्र एवं संघवाद नष्ट हो जाएगा तथा इसका मतलब होगा हमारे संविधान के बुनियादी ढांच को क्षत-विक्षत करना. हम जल्द ही आयोग को एक विस्तृत पत्र सौंपेगे.’

‘GST has brought transparency in the system’


The Institute of Cost Association of India (ICAI ) holds one day seminar on GST, Banking & Insolvency Code and Valuation Rules-2017


Chandigarh, July 8, 2018: 

The Institute of Cost Association of India (ICAI ), Northern India Regional Council and its Chandigarh Panchkula Chapter held  one day seminar on GST, Banking & Insolvency Code and Valuation Rules-2017, at The Lalit Hotel, IT Park here today.

Delivering a key note address on the occasion, CMA Sanjay Gupta, President of ICAI-CMA said, “Ethics and Integrity need to be brought in the system and we are working in all aspects to bringing the transparency in the economic system.” He further updated the participants about new initiatives of the ICAI-CMA and what challenges the Accounting bodies have to face in the regime of Artificial Intelligence (IA) era when audit will not be the job of the accounting professionals.

While addressing the gathering, CMA Sanjay Tandon, Chandigarh-  BJP President who was one of the Guests of Honour, called GST, India’s one of the biggest economic reform, which brought transparency  in the Indian Economic system and said, “Earlier government worked on 30 % of the society, which was reasonably good but the effect of decision making could do better. But Modi government addressed the rest 70 percent of the society.

During the seminar, Vivek Atray, IAS Retd said, “World is looking at Indian Economy with a lot of confidence and faith that India will lead the way and show the way to many developing countries.  Indian economy has transformed from one phase to another, more transparency and efficiency came in the system which without GST was not possible”. He appreciate the efforts of CMA profession for conducting such seminars in the interest of all stake holders.

On the occasion, CMA Sunil K Singh Chairman –NIRC also expressed his views on the theme of the seminar, “New Economic Reforms and role of CMA profession”. He also requested the government to give CMA its due role  in achieving the mission of ‘Make in India’. CMA L.N. Aggarwal, Chairman Chandigarh-Panchkula Chapter welcomed all the participants for joining the seminar and making a valuable for all the stake holders.

CMA D.S. Bhatia, presented the formal vote of thanks and submitted to the President of the Institute for its premises in tricity as this part of the country has potential for the profession.

Delivering a key note address on the insolvency and bankruptcy code, Virender Kulharia, IA&AS, Deputy Accountant General, said, “CMA Profession has made equal understanding with professionals , which give limited certification for practice. And wish that there should held more interaction with government monitors and institutes to explore and can do cross pollination of ideas”.

While talking on GST, CMA Anil Sharma, Secretary of Northern India of the Institute talked about the issues, which needs to be addressed by the government.K. Gaurav Dhawan, Additional Commissioner CGST also expressed his view point and also informed the participants about government initiatives to make the GST more user-friendly. CMA Rakesh Bhalla Chief General Manager, SML ISUZU raised various issues that have not been addressed so far and have made working of the dealers more complicated.

In afternoon session CMA Rajansh Thukral explained the scope and challenges of Banking and Insolvency Code. CMA Varind Jain another speaker on the issues talked about the impact of IB Code on Indian economy and the banking system which is facing tough time with NPA.

To evaluate the business net worth in real terms, Valuation Rules -2016 have been released by the government where in professionals like Cost Accountants (CMAs), and other professionals have been authorized to evaluate the business assets such as goodwill, shares, plants & machinery, building etc. What are the challenges faced by Industry and these professionals were discussed at this one day seminar. CMA Aseem Jain, expressed is view point and explain the provisions of Valuations Rules -2016.

50 साल से ऊपर के सुस्त कर्मचारियों पर योगी की वक्र दृष्टि


इस आदेश में सभी विभागाध्यक्षों से कहा गया है कि वे अपने विभाग के कर्मचारियों के अनिवार्य रिटायरमेंट के लिए स्क्रीनिंग का काम 31 जुलाई तक जरूर पूरा कर लें


उत्तर प्रदेश सरकार ने अपना काम सही ढंग से नहीं करने वाले 50 साल और उससे अधिक उम्र के सरकारी कर्मचारियों को ‘अनिवार्य रिटायरमेंट’ देने के लिए स्क्रीनिंग करने के आदेश दिए हैं.

कर्मचारी संगठनों ने छह जुलाई को जारी इस आदेश का विरोध किया है.

अपर मुख्य सचिव मुकुल सिंघल ने राज्य के सभी विभागों के अपर मुख्य सचिवों और सचिवों को रिटायरमेंट का आदेश जारी किया है. इस आदेश में कहा गया है कि ‘वित्तीय बुकलेट के नियम-56 में व्यवस्था है कि नियुक्ति करने वाली अथॉरिटी, किसी भी समय, किसी सरकारी सेवक को (चाहे वह स्थायी हो या अस्थायी), नोटिस देकर बिना कोई कारण बताए, उसके 50 साल की उम्र के बाद रिटायर होने की अपेक्षा कर सकता है. ऐसे नोटिस की अवधि तीन माह होगी.’

इस आदेश में सभी विभागाध्यक्षों से कहा गया है कि वे अपने विभाग के  कर्मचारियों के अनिवार्य रिटायरमेंट के लिए स्क्रीनिंग का काम 31 जुलाई तक जरूर पूरा कर लें. 50 साल की उम्र तय करने के लिए कट-ऑफ डेट 31 मार्च 2018 होगी. यानी ऐसे सरकारी कर्मचारी जिनकी उम्र 31 मार्च 2018 को 50 साल या उससे अधिक होगी, वे स्क्रीनिंग के दायरे में आएंगे.

कर्मचारियों ने शासन के इस आदेश पर तीखी प्रतिक्रिया दी है. उत्तर प्रदेश सचिवालय कर्मचारी एसोसिएशन के अध्यक्ष यादवेंद्र मिश्र ने कहा कि सरकार के इस तरह के कदम दरअसल, कर्मचारियों को परेशान करने के लिए हैं. इसे बरदाश्त नहीं किया जाएगा.

माना जा रहा है कि प्रदेश के 16 लाख में से चार लाख सरकारी कर्मचारी इस स्क्रीनिंग के दायरे में आएंगे. उनके कामकाज और प्रदर्शन के बारे विस्तृत रिपोर्ट 31 जुलाई तक संबंधित आला अधिकारियों को सौंपी जाएगी.

सिब्बल ने बैल गाड़ी पर लिञ्च पुजारी कहा मोदी सरकार को


नरेंद्र मोदी ने एक दिन पहले शनिवार को कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं के जमानत पर बाहर होने का जिक्र करते हुए कांग्रेस पार्टी को ‘बैल गाड़ी’ कहा था


कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सरकार पर पलटवार करते हुए कहा कि लोग इस पार्टी को अब ‘लिंच पुजारी’ कहने लगे हैं.

दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक दिन पहले शनिवार को कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं के जमानत पर बाहर होने का जिक्र करते हुए कांग्रेस पार्टी को ‘बेल गाड़ी’ कहा था. पीएम मोदी के इस तंज के एक दिन बाद सिब्बल ने बीजेपी को ‘लिंच पुजारी’ कहा है.

सिब्बल ने ट्वीट कर कहा, ‘लिंचिंग के दोषी आठ आरोपियों को जब जमानत मिली तो जयंत सिन्हा ने माल्यार्पण कर उनका स्वागत किया. आपने गलत समझा है मोदीजी. वे कह रहे हैं कि आपकी सरकार लिंच पुजारी बन गई है.’

सिब्बल ने उस घटना का जिक्र किया है जब जब झारखंड के रामगढ़ लिंचिंग मामले में जमानत पर रिहा होने के बाद केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा ने कथित तौर पर इन आठ आरोपियों का स्वागत किया था.

रिपोर्ट्स के मुताबिक, हाईकोर्ट ने इन दोषियों की उम्रकैद की सजा पर रोक लगाकर इन्हें जमानत दे दी थी और जमानत के बाद ये दोषी स्थानीय बीजेपी नेता के साथ जयंत सिन्हा के आवास पर पहुंचे थे. जयंत सिन्हा ने यह कहते हुए अपना बचाव किया है कि उनका देश की न्यायिक प्रणाली और कानून में पूरा विश्वास है.

पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने शनिवार को ट्वीट किया कि वह इस बात से खुश नहीं हैं कि उनके बेटे जयंत सिन्हा ने झारखंड में रामगढ़ लिंचिंग केस के आठ दोषियों का माला पहनाकर स्वागत किया था. सिन्हा ने ट्वीट किया कि वह अपने बेटे के कदम से इत्तेफाक नहीं रखते हैं.

यशवंत सिन्हा ने ट्वीट किया, ‘पहले मैं लायक बेटे का नालायक पिता था लेकिन रोल बदल चुके हैं. ऐसा ट्विटर पर लोग कह रहे हैं. मैं अपने बेटे के फैसले से इत्तेफाक नहीं रखता हूं. लेकिन मुझे पता है कि इसके बाद भी ट्विटर पर अपमान होगा. आप कभी जीत नहीं सकते.’

सिद्धों की वाणी, 5 साल पूरे करेगी कुमारस्वामी की सरकार


कर्नाटक के लोग इन दिनों कुमारस्वामी के पांच साल पूरे करने और येदियुरप्पा के दोबारा सरकार बनाने को लेकर राज्य के प्राचीन वीरशैव मठ के संत और एक आदिवासी जनजाति के बीच वाकयुद्ध देख रहे हैं


कर्नाटक में पिछले कुछ सालों में राजनीति में धार्मिक नेताओं का बोलबाला बढ़ता गया है. यहां धार्मिक और आध्यात्मिक गुरु राजनीति में गहरी रुचि लेते दिखते हैं और अपने लक्ष्यों को पूरा करने के लिए राजनेता उनकी सलाह लेते हैं. राज्य में आजकल कोई दिन ऐसा नहीं बीतता, जब कोई धार्मिक नेता या भविष्यवक्ता बयान न दे.

कर्नाटक के लोग इन दिनों कुमारस्वामी के पांच साल पूरे करने और येदियुरप्पा के दोबारा सरकार बनाने को लेकर राज्य के प्राचीन वीरशैव मठ के संत और एक आदिवासी जनजाति के बीच वाकयुद्ध देख रहे हैं.

चिकमंगलुर के पास बालेहोन्नुर के संत रामभपूरी ने हाल ही में दावा किया था कि येदियुरप्पा फिर एक बार राज्य के मुख्यमंत्री बनेंगे, जिसके बाद राज्य में नया विवाद शुरू हो गया. उन्होंने राज्य में चल रही कांग्रेस-जेडीएस की गठबंधन सरकार के जल्द गिरने का संकेत दिया था.

वहीं तंत्र-मंत्र और जादू-टोने की प्रैक्टिस करने वाले आदिवासी जनजाति ‘सुदुगादू सिध्दारू’ ने वीरशैव मठ के संत पर हमला बोलते हुए कहा कि कुमारस्वामी राज्य में पांच साल पूरे करेंगे और दुनिया की कोई भी शक्ति उन्हें नहीं हटा सकती है.

‘सुदुगादू सिध्दारू’ ने विधानसभा चुनाव से तीन महीने पहले ही कहा था कि कुमारस्वामी राज्य के मुख्यमंत्री बनेंगे और उनकी यह भविष्यवाणई सच भी हो गई. उन्होंने कहा था कि अगर उनकी भविष्यवाणी सच नहीं हुई तो पूरी जनजाति इस पेशे से निकल जाएगी.

हालांकि वीरशैव मठ के संत के इस नए बयान ने एक बार फिर इस जनजाति को परेशान कर दिया. इसलिए जनजाति की तरफ से फिर कहा गया कि अगर वे गलत साबित होते हैं तो पेशा छोड़ देंगे.

बता दें कि रामभपुरी ने चुनाव के दौरान बीजेपी का खुलेआम समर्थन किया था, लेकिन वह येदियुरप्पा के मात्र 56 घंटे में सत्ता खोने से परेशान हैं.

गौरतलब है कि ‘सुदुगादू सिध्दारू’ श्मशान घाट में रहते हैं. हाल के वर्षों में राज्य सरकार ने उन्हें विशेष कॉलोनियों में बसाया है. यह जनजाति एक स्थान से दूसरे स्थान पर घूमकर भविष्यवाणी करती है. हाल की जनगणना में राज्य में उनकी संख्या 9 हजार थी.

नहीं रहे स्पाइडर मैन और डॉक्टर स्ट्रेंज को बनाने वाले लेजेंड आर्टिस्ट स्टीव डिटको


स्पाइडर मैन की कल्पना और उसे मार्वल कॉमिक्स के पन्नों तक उतरने तक हर प्रकिया में स्टीव डिटको का दिमाग था


मार्वल कॉमिक्स की दुनिया में द अमेजिंग स्पाइडर मैन की एंट्री में इस शख्स का बड़ा हाथ था. स्पाइडर मैन की कल्पना और मार्वल कॉमिक्स के पन्नों तक उतरने तक हर प्रकिया में स्टीव डिटको का दिमाग था. महान कॉमिक आर्टिस्ट स्टैन ली के साथ मिलकर उन्होंने दुनिया को जबरदस्त सुपरहीरो स्पाइडर मैन दिया.

उन्हीं स्टीव डिटको ने बीते शुक्रवार दुनिया को अलविदा कह दिया. उनकी उम्र 90 साल की थी. शुक्रवार को न्यूयॉर्क पुलिस डिपार्टमेंट ने स्पष्ट किया कि मार्वल कॉमिक्स लेजेंड स्टीव डिटको का निधन हो गया है.

2 नवंबर, 1927 को जन्मे स्टीव डिटको ने कार्टूनिस्ट बनने के गुर न्यूयॉर्क सिटी के कार्टूनिस्ट एंड इलस्ट्रेटर्स स्कूल में बैटमैन बनाने वाले लेजेंड जेरी रॉबिन्सन के अंडर में रहकर सीखा था.

उन्होंने 1953 में अपना प्रोफेशनल करियर शुरू किया. उन्होंने जो सिमॉन और जैक कर्बी के स्टूडियो से इंकर के काम से शुरुआत की. यहां वो आर्टिस्ट मॉर्ट मेस्किन के प्रभाव में आए.

इसके बाद उन्होंने शार्ल्टन कॉमिक्स के साथ काम करना शुरू किया. ये साथ काफी लंबा चला. डिटको ने यहां साइंस फिक्शन, हॉरर और मिस्ट्री जॉनर में काम किया. 1960 में यहां उन्होंने सुपरहीरो कैप्टन एटम की रचना में भी को क्रिएटर की भूमिका निभाई.

इसके बाद उन्होंने अपनी जिंदगी का सबसे बड़ा क्रिएशन किया. उन्होंने लेजेंड स्टैन ली के साथ मिलकर अमेजिंग स्पाइडर मैन का बनाया. स्पाइडर मैन के कॉस्ट्यूम से लेकर उसकी पॉवर्स तक की कल्पना करने और उसे पन्नों पर उतारने की पूरी प्रक्रिया में डिटको स्टैन ली के साथ रहे.

डिटको ने स्पाइडर मैन के अलावा दुनिया को एक और बिल्कुल अलग सा सुपरहीरो दिया- डॉक्टर स्ट्रेंज. जबरदस्त डॉक्टर स्ट्रेंज की अद्भुत शक्तियां डिटको के सोचने के अलग तरीके और कल्पना शक्ति की मिसाल हैं.

उनके निधन पर कई आर्टिस्टों और लेखकों ने उनके जाने के दुख में श्रद्धांजलि अर्पित की है. फिलहाल मार्वल की फिल्मों में स्पाइडरमैन का किरदार निभा रहे टॉम हॉलैंड ने भी उन्हें श्रद्धांजलि दी.

केंद्रीय मंत्री उमा भारती के बड़े भाई स्वामी लोधी का निधन

भारतीय जनता पार्टी की नेता और केंद्रीय मंत्री उमा भारती के भाई स्वामी प्रसाद लोधी का दिल्ली में निधन हो गया। उनके निधन से मंत्री उमा भारती को एक बड़ा झटका लगा है. उनका निधन दिल्ली स्तिथ आवास पर हुआ है। स्वामी प्रसाद लोधी काफी समय से बीमार चल रहे थे। उनका दिल्ली के एम्स में इलाज चल रहा था। रविवार सुबह 11 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। वे एक बार मध्य प्रदेश विधानसभा में विधायक रह चुके हैं। उनका अंतिम संस्कार 9 जुलाई को टीकमगढ़ में किया जाएगा।

उल्लेखनीय है कि बड़े भाई के

निधन की जानकारी खुद उमा भारती ने ट्वीट कर दी। उमा भारती ने ट्वीटर पर लिखा कि अभी मेरे बड़े भाई स्वामी प्रसाद जी लोधी का एम्स

में निधन हो गया है। वह 9 साल से बीमार थे। आज उनकी आयु 72 वर्ष की थी। वह बहुत ही विद्वान व्यक्ति थे तथा विधायक एवं मध्य प्रदेश खाद्य आपूर्ति निगम के अध्य

क्ष भी रहे। मे

री ज़िंदगी में उनकी भूमिका वही थी जो एक माता-पिता की होती है। वह मुझसे 14 वर्ष बड़े थे। मेरी ज़िंदगी की सारी उपलब्धियां उन्हीं की देन है।

कल दिनांक 9/7/18 को टीकमगढ़ में अंतिम संस्कार होगा। कल सुबह 11 बजे टीकमगढ़ में अंतिम संस्कार होगा। उमा भारती ने बताया है कि आज मध्य प्रदेश में जो भाजपा की सरकार है उसमें जो भी मेरी तपस्या है उसके अधिष्ठान में मेरे बड़े भाई ही हैं। उन्होंने मुझे हमेशा बहादुर रहने के प्रेरणा दी, मैं इस बात को आजीवन याद रखूंगी।

मैं अभी तुरंत हिमालय से रवाना हो रही हूं एवं उनके अंतिम संस्कार में आप सब से कल टीकमगढ़ में मुलाकात करूंगी।

एक राष्ट्र एक चुनाव मे दुविधा में कांग्रेस्स


क्षेत्रीय पार्टियों ने आशंका जताई है कि एक साथ चुनाव कराने पर राष्ट्रीय पार्टियां और राष्ट्रीय मुद्दे चुनावी माहौल में ज्यादा हावी हो जाएंगे और इसका नुकसान छोटी पार्टियों को उठाना पड़ेगा


देश में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने को लेकर गंभीर विचार-विमर्श जारी है. कई पार्टियों ने इसके समर्थन में हामी भरी है तो कांग्रेस और लेफ्ट जैसी पार्टियों ने इसमें दिलचस्पी नहीं दिखाई है.

तेलंगाना के मुख्यमंत्री और तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) अध्यक्ष के. चंद्रशेखर राव ने एकसाथ चुनाव कराए जाने का समर्थन किया है और इस बाबत विधि आयोग को पत्र भी लिखा है.

समाजवादी पार्टी के नेता राम गोपाल यादव ने भी अपना समर्थन जाहिर करते हुए कहा कि उनकी पार्टी एक देश-एक चुनाव के पक्ष में है लेकिन यह 2019 से शुरू होना चाहिए. यादव ने मांग की कि कोई जनप्रतिनिधि अगर पार्टी बदलता है या खरीद-फरोख्त में लिप्त पाया जाता है तो उसके खिलाफ एक हफ्ते में कार्रवाई का प्रावधान होना चाहिए.

तृणमूल कांग्रेस, सीपीआई ओर डीएमके ने पुरजोर विरोध जताया है

इस बीच, क्षेत्रीय पार्टियों ने आशंका जताई है कि लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ कराने पर राष्ट्रीय पार्टियां और राष्ट्रीय मुद्दे चुनावी माहौल में ज्यादा हावी हो जाएंगे और इसका नुकसान छोटी पार्टियों को उठाना पड़ेगा. तृणमूल कांग्रेस और सीपीआई ने विधि आयोग की बैठक में हिस्सा तो लिया लेकिन दोनों पार्टियों ने एक साथ चुनाव कराने के विचार का जोरदार विरोध किया. दक्षिण की पार्टी डीएमके के कार्यकारी अध्यक्ष एमके स्टालिन भी इसके विरोध में हैं. उनके मुताबिक एकसाथ चुनाव कराया जाना संविधान के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है.

उधर, एनडीए की सहयोगी पार्टी शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) ने एक साथ चुनाव कराने का समर्थन करते हुए कहा कि इससे पार्टियों के खर्च में कमी आएगी और विकास कार्यों को रोकने वाली आदर्श आचार संहिता की अवधि कम होगी. एसएडी का प्रतिनिधित्व पार्टी के राज्यसभा सदस्य नरेश गुजराल ने किया. उन्होंने लोकसभा और विधानसभा चुनाव साथ कराने के लिए किसी विधानसभा का कार्यकाल बढ़ाए जाने की स्थिति में राज्यसभा चुनावों पर पड़ने वाले प्रभाव का मुद्दा उठाया.

बीजेपी नेता सुब्रह्मणियम स्वामी ने एक साथ चुनाव कराए जाने के प्रस्ताव का समर्थन किया है और कहा है कि यह विपक्षी पार्टियों के ऊपर है कि वे इसका समर्थन करते हैं विरोध.स्वामी ने कहा, यह कांग्रेस और सीपीएम पर निर्भर करता है कि वे इसका समर्थन करते हैं या नहीं. उन्होंने कहा, बार-बार चुनावों पर इतना ज्यादा पैसा खर्च करने का क्या मतलब.

टीएमसी और सीपीआई ने इस प्रस्ताव को ‘अव्यावहारिक और अलोकतांत्रिक’ बताया है

तमिलनाडु में सत्ताधारी एआईएडीएमके ने कहा कि यदि जरूरी ही है तो एक साथ चुनाव 2024 में कराए जाएं और उससे पहले कतई नहीं. सूत्रों ने बताया कि पार्टी का यह भी मानना है कि तमिलनाडु विधानसभा को अपना कार्यकाल पूरा करने की इजाजत दी जानी चाहिए और लोकसभा चुनाव अपने कार्यक्रम के अनुसार कराए जाने चाहिए.

टीएमसी ने एक साथ चुनाव कराने के प्रस्ताव को ‘अव्यावहारिक और अलोकतांत्रिक’ बताया है. सीपीआई, एआईडीयूएफ और गोवा फॉरवर्ड पार्टी ने भी ऐसी ही राय जाहिर की है.

कांग्रेस ने कहा कि वह इस बाबत अपने कदम पर फैसला करने से पहले अन्य विपक्षी पार्टियों से विचार-विमर्श करेगी.

विधि आयोग का क्या है प्रस्ताव?

विधि आयोग के एक प्रस्ताव में लोकसभा और विधानसभा के चुनाव साथ कराने की सिफारिश की गई है लेकिन कहा गया है कि यह चुनाव दो चरणों में कराए जाएं और इसकी शुरुआत 2019 से हो. आयोग के दस्तावेज के मुताबिक, एक साथ चुनाव का दूसरा चरण 2024 में होना चाहिए. इस दस्तावेज में संविधान और जन प्रतिनिधित्व कानून में संशोधन का प्रस्ताव किया गया है ताकि इस कदम को प्रभावी बनाने के लिए विधानसभाओं के कार्यकाल में विस्तार किया जाए या कमी की जाए.

पहले चरण में उन राज्यों को शामिल किया जाएगा जहां 2021 में विधानसभा चुनाव होने हैं. उत्तर प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, दिल्ली और पंजाब जैसे राज्य दूसरे चरण में शामिल होंगे. इन राज्यों में लोकसभा के साथ विधानसभा चुनाव कराने के लिए इनकी विधानसभाओं के कार्यकाल बढ़ाने होंगे.

नितीश ने बीजेपी और जेडीयू के 17-17 सीटों पर लड़ने का फॉर्मूला दिया है


मोदी मैजिक उतार पर है

बिग ब्रदर की भूमिका न मिले तो भी जुड़वां की भूमिका मे आना चाहते हैं नितीश

जेडीयू की दिल्ली में हुई बैठक में तय किया गया कि पार्टी की तरफ से नीतीश कुमार जो भी फैसला लेंगे पार्टी नेताओं को वह मान्य होगा


बिहार :

जुलाई 8, 2018॰

बिहार में जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) और बीजेपी के बीच गठबंधन को लेकर चल रही अटकलों पर विराम लग गया है. जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पार्टी नेताओं के सामने स्पष्ट किया कि दोनों दलों के बीच गठबंधन बरकरार रहेगा.

वहीं पार्टी ने अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर दोनों दलों (बीजेपी और जेडीयू) के 17-17 सीटों पर लड़ने का फॉर्मूला दिया है.

दिल्ली स्थित बिहार भवन में पार्टी के महासचिव और सचिव समेत तमाम वरिष्ठ नेताओं के साथ हुई बैठक में तय किया गया कि जेडीयू की तरफ से नीतीश कुमार जो भी फैसला लेंगे पार्टी नेताओं को वह मान्य होगा.

इस बैठक में शामिल अधिकांश नेता नीतीश के इस प्रस्ताव से सहमत थे कि बिहार में बीजेपी के साथ गठबंधन बरकरार रहना चाहिए. हालांकि इस दौरान यह भी तय किया गया कि बिहार के बाहर भी पार्टी अपना विस्तार जारी रखेगी.

जेडीयू के एक वरिष्ठ नेता ने न्यूज़18 को बताया कि इस बैठक में शीट शेयरिंग को लेकर भी चर्चा हुई और तय किया किया गया बिहार की 40 लोकसभा सीटों में से जेडीयू कम से कम 17-18 सीटों पर चुनाव लड़ेगी.

इस दौरान पार्टी के नेताओं ने सीटों की दावेदारी पर मंत्रणा भी की. पार्टी के ही एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक, जेडीयू और बीजेपी के 17-17 सीटों पर लड़ने, जबकि एलजेपी और आरएलएसपी के लिए 6 सीटें छोड़ने की बात कही गई.

‘बिहार में BJP से गठबंधन जारी रहेगा, नीतीश कुमार NDA के नेता होंगे’

जेडीयू के एक नेता ने कहा कि हम फिर से कह रहे हैं कि बिहार में बीजेपी के साथ हमारा गठबंधन जारी रहेगा और नीतीश कुमार एनडीए के नेता होंगे.

नीतीश ने पार्टी की बैठक के दौरान इस बात का भी जिक्र किया कि वो तमाम आलोचनाओं के बीच किस तरह से सरकार चला रहे हैं. नीतीश ने कहा कि जब वो आरजेडी के साथ सरकार में थे तो उनपर तरह-तरह के कमेंट किए जाते थे, लेकिन बीजेपी के साथ उनकी सरकार में ऐसा कुछ भी नहीं है.

बैठक के दौरान नीतीश ने इस बात का भी जिक्र किया कि मोदी लहर में बीजेपी ने भले ही 22 सीटें जीती हों, लेकिन ऐसे वक्त में जब हमने अपने 17 साल पुराने दोस्त से एक बार फिर से हाथ मिलाया है, हर किसी को बलिदान के लिए तैयार रहने की जरूरत है.

बता दें कि बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह 12 जुलाई को पटना दौरे पर आ रहे हैं. ऐसे में जेडीयू की इस बैठक के बाद नीतीश कुमार की अमित शाह के साथ होने वाली मुलाकात को अहम माना जा रहा है.

मुकेश अंबानी का कार्यकाल 5 साल ओर बढ़ा


बाजार पूंजीकरण के आधार पर देश की दूसरी बड़ी निजी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के शेयरधारकों ने मुकेश अंबानी को अगले पांच वर्ष के लिए फिर से अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक (सीएमडी) नियुक्त करने को मंजूरी प्रदान कर दी है।


मुंबई

61 वर्षीय अंबानी वर्ष 1977 से कंपनी के निदेशक मंडल है और जुलाई 2002 में उनके पिता धीरूभाई अंबानी के निधन के बाद अध्यक्ष बनाया गया था। गत पांच जुलाई को कंपनी की 41वीं वार्षिक आम बैठक में अंबानी को कंपनी का पांच वर्ष के लिए पुन: अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव किया था। उनकी नई नियुक्ति 19 अप्रेल 2019 से प्रभावी होगी।

कंपनी ने शेयर बाजार को सूचित किया है कि उसके 616.45 करोड़ शेयरधारकों में से 50818 करोड़ शेयरधारकों ने अंबानी को पुन: अध्यक्ष बनाने के पक्ष में मतदान किया है। कुल मत में से 98.5 फीसदी ने अंबानी के पक्ष में एवं 1.48 प्रतिशत ने विरोध में पड़े थे।

प्रस्ताव के अनुसार अंबानी को वार्षिक 4.17 करोड़ वेतन मिलेगा और 59 लाख रुपए पूर्वनिर्धारित व्यय और भत्ते मिलेगा। इसमें सेवानिवृत्ति लाभ शामिल नहीं है।

कंपनी के शुद्ध लाभ के आधार पर वह बोनस के हकदार भी होंगे और पत्नी एवं सेवादारों के साथ कारोबारी यात्राओं का पूरा व्यय और कंपनी के कामकाज के लिए कारों का उपयोग, आवास पर संचार से संबंधित सभी व्यय रिलायंस करेगी। अंबानी और उनके परिवार की सुरक्षा पर होने वाला व्यय भी कंपनी ही भरेगी।