क्यों गाय और मुस्लिम दोनों जीवित नहीं रह सकते?

अवधेश प्रताप सिंह

आज सबसे चर्चित विषय माब लिंचिंग और बलात्कार हैं यहां ध्यान दीजिये कि सभी दल सभी पक्ष मीडिया न्यायालय बुद्धिजीवी एक मत हैं कि ये गंदगी मिटनी चाहिये पर सब एक दूसरे को इनका पोषक बता रहे हैं आरोपित कर रहे हैं।

जब ओवैसी कहते हैं कि गाय को कानूनन जीने का हक है पर मुस्लिम को नहीं तब परोक्ष रूप से यही कह रहे हैं कि मुस्लिम को जीने का हक होना चाहिये गाय को नहीं। सवाल ये है कि गाय और मुस्लिम क्यों दोनों जीवित नहीं रह सकते क्यों मुस्लिम गाय को मारने का प्रयास करें और गौभक्त मुस्लिम को, समस्या का हल तो यही हो सकता है कि हिंदू मुस्लिम ईसाई कोई भी हो बहुसंख्य देशवासियों की धार्मिक भावनाओं का सम्मान करते हुए गौ हत्या से दूर रहें इसकी निंदा करें तब न कोई शक होगा न माब लिंचिंग होगी।

निस्संदेह कानून हाथ में लेना गौभक्तों की ज्यादती है जिस पर रोक लगनी चाहिये पर मीडिया अदालत और बुद्धिजीवी सहित राजनेता ये रेखांकित क्यों नहीं करते कि दोनों गलत हैं गौ हत्या भी और माब लिंचिंग भी, एक पक्षीय वकालत तो नकारात्मकता को प्रोत्साहन देने के समान है

जब मोदी जी कथित नकली गौभक्तों की निंदा करते लताड़ते हैं तब साथ में ये क्यों नहीं कहते कि गौवध का कोई भी प्रयास सामाजिक तानेबाने को आहत करता है इसलिये बरदाश्त नहीं किया जायेगा। इसीतरह ओवैसी यदि ये कहते कि गौवध के प्रयास करने वाले को जो सजा मिले कम है और माबलिंचिंग वाले को भी कठोरतम सजा दी जाय तो उनका राष्ट्रीय सरोकार ध्वनित होता, किंतु जो उन्होंने अभी कहा उसमें तो इस्लामिक सरोकार और गौ को मरने देने के भाव की प्रस्तुति हुई ये दोगला सरोकार इन घटनाओं को बढ़ावा देता है। यही हाल मीडिया न्यायालयों और अन्य सेकुलर नेताओं का है।

इसी प्रकार बलात्कार यदि मुस्लिम महिला या लड़की से हुआ और आरोपी हिंदू हैं तो कांग्रेस इंडियागेट पर मोमबत्ती जलाकर प्रदर्शन करती है किंतु यदि बलात्कार हिंदू लड़की पर मुस्लिम युवक करता है रंगे हाथ पकड़ा जाता है स्वयं कबूल करता है तो कांग्रेस सीबीआई जांच की मांग कर सजा टालने या आरोपी के बचाने का घृणित प्रयास करती है बलात्कार घृणित है निंदनीय दंडनीय है इसमें हिमदू मुस्लिम पक्ष का विचारण क्यों होना चाहिये कोई कथित हिंदू साधु बाबा या नक्काल बलात्कार का दोषी है तो हंगामा बरपा जाये पर यदि बलात्कारी मौलवी या पादरी हो तो चुप्पी साध ली जाय ये चारित्रिक बेईमानी और पाखंड ही नहीं है बल्कि यही आचरण बलात्कार व माब लिंचिंग का पोषक है सिख नरसंहार से बड़ा माब लिंचिंग तो होना संभव ही नहीं है पर मीडिया सेकुलर कांग्रेस उसकी निंदा करने में हिचकते ही नहीं बचाव करते झूठ बोलते और बगलें झांकते हैं ये बेईमानियां तब भी दिखती है जब ओवैसी या कांग्रेस को केवल बंगाल में हिंदुओं की भीड़ द्वारा हत्याओं कोई अपराध नहीं दिखता ये दोगलापन जब तक है अपराध रोकने की कोई मुहिम सफल नहीं हो सकती क्योंकि अपराधों के पोषक वही हैं जो होहल्ला मचाते हैं….#

Cyber threat to G-mail users

 

 

San Francisco, July 22, 2018: Gmail users have been alerted about a new Google Mail feature which could be leveraged by online crooks to carry out a wave of scams, media reported.

The company, in April, unveiled its brand new design which introduced a clean new user interface and a swathe of new features including the ability to snooze a message, auto-generate smart replies and self-destruct emails in the brand new “Confidential Mode”.

“It’s the Confidential Mode which is at the centre of security fears,” Express.co.uk reported on Saturday.

The Department of Homeland Security (DHS) reportedly issued an alert on the “potential emerging threat… for nefarious activity” with the Gmail redesign, the report said.

“We have reached out to Google to inform them of intelligence relevant to their services and to partner to improve our mutual interests in cyber security,” Lesley Fulop, DHS spokesperson said.

Central to these fears was the new “Confidential Email” feature that can require users to click a link in order to access these messages.

If you’re a Gmail user using the official Google Mail website then the “Confidential Email” appears when you click to open it. It shows a date for when the content will expire and informs the users that the email can’t be forwarded or downloaded.

However, its different if you’re a Gmail user viewing the message as a third-party client or a non-Gmail user who receives a confidential email.

In those cases, instead of the message appearing in their browser, users have to click a button to view the email. And this is where the security fears lie.

With the Gmail redesign, scammers could send out fake versions of confidential email alerts and trick a user into entering sensitive details.

“The tech giant is committed to protecting the security of users’ personal information and hence, had created “machine learning” algorithms to detect potential phishing scams that cyber criminals carry out,” said Google spokesman Brooks Hocog.

Phishing scams are where cyber criminals try to trick victims into clicking on seemingly trustworthy links in order to steal sensitive personal information.(agency)

आज का राशिफल

दिनाँक 22/7/2018

मेष:
आज का दिन मिश्रित फलकारक है। बड़े अधिकारी से अनबन नुकसान दायक हो सकती है। क्रोध पर नियंत्रण बनाए रखें। नए संबंध से भाग्य चमकेगा। सामाजिक सम्मान मिलेगा। मित्रों के साथ यात्रा पर जाना हो सकता है।

वृषभ:
आप यदि व्यापारी हैं तो आज परिश्रम करना पड़ सकता है। सरकारी नौकर हैं तो वरिष्ठ अधिकारी का कोप भाजन बनना पड़ सकता है। सायंकाल के समय सामाजिक संबंध लाभदायक रहेगा। नई योजना की तरफ ध्यान दें, अचानक लाभ हो सकता है।

मिथुन:
आज दिन के लाभ की संभावना है। नौकरी-व्यवसाय से जुड़े कुछ मुद्दे हल हो जाएंगे। कोई भी व्यवसाय छोटा-बड़ा नहीं होता, एक बार अनुभव हो जाए तो बस दुनिया अपनी मुट्ठी में।

कर्क:
आज आप किसी भी विरोधी की आलोचना की ओर ध्यान न देकर अपना काम करते रहें। आगे चलकर सफलता आपके कदम चूमेगी। आप अपने सामाजिक क्षेत्र में मेल-जोल बढ़ाने में कामयाब होंगे।

सिंह:
माली हालात को लें तो आज का दिन काफी मजबूत है। दिन भर लाभ के अवसर प्राप्त होंगे। नौकरी या व्यापार में कुछ नवीनता ला सकें तो आगे चलकर लाभ होगा। काम में नई जान आएगी।

कन्या:
आज लाभ होगा। स्वजनों से सुख, पारिवारिक मंगल कार्यों की खुशी होगी। रचनात्मक कार्यों में मन लगेगा। विपरीत परिस्थिति उत्पन्न होने पर क्रोध पर काबू रखें। राजकीय मदद मिलेगी। सूर्यास्त के समय अचानक लाभ होने के योग हैं।

तुला:
आज का दिन सावधानी और सतर्कता का है। बिजनस के मामले में थोड़ा सा जोखिम उठाएं तो बड़ा लाभ होने की आशा है। रोजमर्रा के कामों से परे कुछ नए कामों में हाथ आजमाएं। किसी अपने के लिए कुछ पैसों का इंतजाम करना पड़ सकता है।

वृश्चिक:
आज का दिन कुछ विशेषकर दिखाने की उधेड़बुन में व्यतीत होगा। अधिकारीवर्ग से अच्छी साठ-गांठ बनेगी। किसी सरकारी संस्था से दूरगामी लाभ की पृष्ठभूमि भी आज ही बनेगी। निराशाजनक विचारों से बचें।

धनु:
रूका धन आश्चर्यजनक रूप से प्राप्त हो जाएगा। इससे आज आपका विश्वास धर्म एवं आध्यात्म में बढ़ेगा। रोजमर्रा के कार्यों में कोताही न बरतें, अतीत के संदर्भ में अनुसंधान का लाभ मिलेगा। नए संपर्क से सितारा बुलंद होगा।

मकर:
आज कार्यक्षेत्र में अधिकारियों से अनबन हो सकती है। दाम्पत्य जीवन में सरसता बनी रहेगी। पराक्रम वृद्धि से शत्रुओं का मनोबल टूटेगा। दिन के उत्तरार्ध में अचानक अतिथियों के आगमन से व्यय भार बढ़ेगा।

कुंभ:
आज ग्रोचर के शुभ प्रभाव से सफलता मिलेगी। उत्तरार्ध की वृद्धि अस्थिरता को जन्म देगी। वाहन, भूमि खरीदने, स्थान परिवर्तन का सुखद संयोग भी बन सकता है। सांसारिक सुख भोग व घर गृहस्थी के उपयोग की प्रिय वस्तु खरीदी जा सकती है।

मीन:
आज का दिन संतान से जुड़ी समस्याओं केा हल करने में व्यतीत हो सकता है। कम्पटीशन में आपकी जीत हो सकती है। किसी खास उपलब्धि से आपका मन प्रसन्न रहेगा, लेकिन स्वास्थ्य पर ध्यान देने की जरूरत है।

आज का उपाय :- धन की स्थिति को अच्छा करने के लिए केसर का तिलक मस्तक और नाभि पर लगाएं।

The IIT, Kanpur presents ‘TreadWill’ to support mental health


Based on the proven methodology of CBT, TreadWill uses simple language to help users to identify involuntary negative thoughts and behaviour


The Indian Institute of Technology (IIT), Kanpur, has developed an online tool, TreadWill, to help people cope with issues related to their mental health.

TreadWill is a website designed to help people deal with stress, low mood, lethargy and other depressive symptoms through different online exercises, questionnaires and games, Nitin Gupta, a professor at the Biological Sciences and Bioengineering department of the IIT, said.

People suffering from depressive symptoms such as feeling low and lack of pleasure in usual activities may find the contents of the site helpful, he said.
It will help in overcoming depressive symptoms and becoming more resilient against stressful events in the future, Gupta said.

The online tool has been developed by a team with collaborative support from the Computer Science and Engineering and HSS (Psychology) departments, and Dr Alok Bajpai, a psychiatrist, the professor said.

It is based on cognitive behavioural therapy (CBT) that helps people with depressive symptoms, Gupta said.

The effectiveness of CBT is well established for many mental illnesses, including mood and anxiety disorders.

Based on the proven methodology of CBT, TreadWill uses simple language to help users to identify involuntary negative thoughts and behaviour, Gupta said, adding that users are subsequently taught techniques to work on modifying their thoughts and actions.

He said that he has been studying anxiety, stress, and depression for many years and the most common problem that people face is wrestling with their thoughts while lying on the bed, and they desperately want their minds to calm down so that they can sleep.

But, whatever they try seems to fail, Gupta said, adding that people tell themselves not to worry, but they discover countless new things to worry about.

This work has discovered the secret to tackle anxiety, stress, exhaustion and full-blown depression successfully, he asserted.

Through simple questionnaires, the online tool can recognise differences in each users’ history and customise accordingly, Gupta said.

TreadWill would further help its users by sending personalised SMS alerts to help them stick to the programme till the end.

Elaborating further, Gupta said that TreadWill would offer a free and easy accessible alternative for those who are wary of attending in-person sessions at clinics.

Each TreadWill user is guaranteed the same quality of help and users can choose a pace comfortable to them, he added.

TreadWill uses simple forms (thought record worksheet, core belief worksheet) and games to practice the techniques of CBT in an engaging manner.

The game helps people focus on positivity in stressful situations and over time, the exercise helps build self-esteem. It also focuses on social engagement as a means of combating mental health issues, he said.

Every user of TreadWill can use support groups to share their experiences and to get support from other users. The smaller groups of users, called Peer Groups, have also been set up as private spaces where they can follow each others progress. This will help them form bonds and enhance their feeling of belonging, Gupta said.

In the future, TreadWill plans to scale the tool for different language users and offer cognitive training for other disorders such as autism spectrum disorder.
Gupta said that if the user chooses to participate, they would have to go through six modules over a period of about six weeks. These modules will teach different skills of CBT, he said.

The users would be able to complete these modules at their convenience by sitting at their respective places, Gupta asserted.

The users mood would be assessed at different stages to analyze usefulness of the programme, he said.

He further added that the research team would send an email to the users just 90 days after completing the program to check the long-term effectiveness of the online programme.

Gupta also said that if TreadWill does not benefit users directly, the participation will help the team improve the program so that the website becomes more useful to people and society.

आज का पांचांग

विक्रम संवत – 2075
अयन – दक्षिणायन
गोलार्ध – उत्तर
ऋतु – वर्षा
मास – आषाढ
पक्ष – शुक्ल
तिथि – दशमी
नक्षत्र – विशाखा
योग – शुभ
करण – गर

राहुकाल:-
4:30PM – 06:00PM

🌞सूर्योदय – 05:38 (चण्डीगढ)
🌞सूर्यास्त – 19:19 (चण्डीगढ)
🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉
🚩व्रत -🚩
नवरात्र पारणा।
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
चोघड़िया मुहूर्त- एक दिन में सात प्रकार के चोघड़िया मुहूर्त आते हैं, जिनमें से तीन शुभ और तीन अशुभ व एक तटस्थ माने जाते हैं। इनकी गुजरात में अधिक मान्यता है। नए कार्य शुभ चोघड़िया मुहूर्त में प्रारंभ करने चाहिएः-
दिन का चौघड़िया (दिल्ली)
चौघड़िया प्रारंभ अंत विवरण
लाभ 09:02 10:45 शुभ
अमृत 10:45 12:28 शुभ
शुभ 14:10 15:53 शुभ
रात्रि का चौघड़िया (दिल्ली)
चौघड़िया प्रारंभ अंत विवरण
शुभ 19:18 20:35 शुभ
अमृत 20:35 21:52 शुभ
लाभ 01:46 03:03 शुभ
शुभ 04:20 05:37 शुभ

सद्गुरु की संगत में झूमे नाचे रणवीर

बॉलीवुड अभिनेता रणवीर सिंह ने योगी और आध्यात्मिक संत सद्गुरु के साथ ‘हैप्पी डांस’ किया है। रणवीर ने उस डांस के वीडियो को अपने ट्विटर पर शेयर किया है। डांस में योगी के साथ वे उत्साहपूर्ण तरीके से लय में लय मिलाते नजर आ रहे हैं।

रणवीर ने शनिवार को सद्गुरु को टैग कर ट्वीट किया, ‘‘हैप्पी डांस।।।’’

जहां सद्गुरु अपने चिर-परिचित पगड़ी हरे रंग के साथ अन्य रंगों के अंगौछे में हैं, पद्मावत के अभिनेता एक छोटे कुर्ते पर बिना बाह की नेहरू जैकेट पहने चश्मा लगाए हुए इधर से उधर छलांग लगा रहे हैं।

रणवीर ने कुछ सेकेंड चले डांस के बाद सद्गुरु को गले लगा लिया जिसे दर्शकों की वाहवाही मिल रही है।

उन्होंने ‘भारतीय प्रबंधन संस्थान बेंगलुरू’ (आईआईएमबी) के ‘द एल्यूमिनी एसोसिएशन’ के नेतृत्व सम्मेलन ‘आईआईएमबीयूई’ में मंच साझा किया था।

मुठभेड़स्थल से 3 आतंकियों के शव और 3 हथियार बरामद हुए, मुठभेड़ अभी भी जारी


सुरक्षाबलों ने 24 घंटे के अंदर तीनों आतंकवादियों को ढेर कर पुलिस कॉन्स्टेबल मोहम्मद सलीम शाह की हत्या का बदला ले लिया है


जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले में सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ में 3 आतंकवादियों को ढेर कर दिया है. मारे गए तीनों आतंकियों के शनिवार को पुलिस कॉन्स्टेबल सलीम शाह के अपहरण और हत्या में शामिल होने की बात कही जा रही है.

मुठभेड़स्थल से 3 आतंकियों के शव और 3 हथियार बरामद हुए हैं. सूत्रों के अनुसार यह मुठभेड़ अभी भी जारी है.


Kulgam encounter: Three terrorists have been gunned down by security forces. Three weapons also recovered. (visuals deferred)


पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आतंकवादियों के यहां मौजूद होने की जानकारी मिलने के बाद सुरक्षाबलों में कुलगाम जिले के खुदवानी इलाके में घेराबंदी और तलाशी अभियान शुरू किया था. उन्होंने बताया कि इस दौरान छिपे आतंकियों के सुरक्षाबलों पर फायरिंग शुरू कर दी जिसपर जवानों ने भी जवाबी कार्रवाई की.

इससे पहले राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) एसपी वैद्य ने ट्वीट कर बताया कि जिस आतंकवादी गुट ने हमारे साथी मोहम्मद सलीम की कुलगाम में बर्बरता से हत्या कर दी थी, उन सभी आतंकियों को हमने घेर लिया है.


Shesh Paul Vaid

बता दें कि हिज्बुल आतंकियों ने शुक्रवार को कुलगाम जिले से कॉन्स्टेबल मोहम्मद सलीम शाह को उनके घर से अगवा कर लिया था, इसके अगले दिन यानी शनिवार शाम उनका शव बरामद किया गया था.

सलीम शाह छुट्टी पर यहां अपने घर आए हुए थे जब उनका अपहरण कर लिया गया.

कश्मीर घाटी में आतंकवादी बीते 2 महीने में अब तक 3 जवानों का अपहरण के बाद उनकी हत्या कर चुके हैं.

 

जुमलेबाजी बन कर रह गया अविश्वास प्रस्ताव


देश की सवा सौ करोड़ जनता की प्रतिनिधि लोकसभा में 27वें अविश्वास प्रस्ताव पर जो बहस हुई वह अधिकतर पुरानी बातों का दोहराव बन कर रह गई


अविश्वास प्रस्ताव पर लोकसभा में 20 जुलाई को पक्ष और विपक्ष के बीच हुई बहस में सरकारी कामकाज अथवा नेताओं की कार्यशैली पर तो जुमलेबाजी होनी प्रत्याशित थी मगर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने एनडीए सरकार के विरुद्ध असरदार भाषण देने के बाद अचानक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘जादू की झप्पी’ देकर सदन में नई परिपाटी डाल दी. यह बात दीगर है कि संसदीय विमर्श में नई लकीर डालने की राहुल की यह स्वत:स्फूर्त कोशिश राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता की शिकार हो गई.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन और बीजेपी के अन्य नेताओं ने जहां राहुल की आलोचना की वहीं कांग्रेसियों ने उनकी सराहना की. यह बात दीगर है कि राहुल ने अपने चीफ व्हिप ज्योतिरादित्य सिंधिया से बातचीत के दौरान जो ‘आंख मारने’ का इशारा किया उससे भी उनकी पहल हल्की पड़ गई. हालांकि ऐसा इशारा राहुल एकाध बार अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी कर चुके हैं. लेकिन संसदीय विमर्श के पुराने जानकारों की राय में लोकसभा में बहस का स्तर नीतिगत अथवा प्रखरता पूर्ण भाषणों के बजाए निरंतर व्यक्तिगत और दलगत आरोप-प्रत्यारोप तक सीमित होता जा रहा है.

देश की सवा सौ करोड़ जनता की प्रतिनिधि लोकसभा में 27वें अविश्वास प्रस्ताव पर जो बहस हुई वह अधिकतर पुरानी बातों का दोहराव बन कर रह गई. साथ ही एनडीए सरकार ने 199 मतों के भारी अंतर से अविश्वास प्रस्ताव को खारिज भी कर दिया. इससे 15 साल पहले 2003 में वाजपेयी सरकार के खिलाफ पेश हुए अविश्वास प्रस्ताव में विपक्ष का स्कोर 186 रहा था जो शुक्रवार के 126 के उसके स्कोर से कहीं बेहतर था.

शुक्रवार की बहस में नई बात बस कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा अपने भाषण में राफेल लड़ाकू विमानों के खरीद समझौते पर फ्रांस के राष्ट्रपति से अपनी बातचीत के हवाले से रक्षा मंत्री पर ‘असत्य’ बोलने का आरोप ही रहा. हालांकि रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने राहुल के आरोप का भारत और फ्रांस की सरकार के बीच राफेल खरीद पर 2008 में हुए गुप्तता संबंधी समझौते की प्रति दिखाकर तत्काल प्रतिवाद भी कर दिया.

दिन भर चली बहस के दौरान राहुल गांधी और नरेंद्र मोदी के अलावा तेलगु देशम पार्टी के जयदेव गाला, तृणमूल कांग्रेस के सौगत रॉय, नेशनल कांफ्रेंस के फारूक अब्दुल्ला, सीपीएम के मोहम्मद सलीम, एमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी आदि नेताओं ने भी अपने तर्कों से मोदी सरकार की खामियां गिनाने और सदन को और उसके बाहर अपने वोट बैंक को प्रभावित करने की भरपूर कोशिश की.

इस अविश्वास प्रस्ताव पर हुई बहस ने हालांकि मोदी से पहले तक देश की सबसे विवादित प्रधानमंत्री रही इंदिरा गांधी के खिलाफ विपक्ष के ऐसे ही प्रस्तावों पर हुए भाषणों को याद करा दिया. राहुल सहित विपक्षी नेताओं ने जैसे प्रधानमंत्री मोदी पर देश में नफरत फैलाने, मनमानी करने और अपने वादे पूरे करने में कोताही का आरोप लगाया वैसे ही आरोप इंदिरा गांधी पर भी तत्कालीन विपक्षी नेता लगाते थे. उन पर सबसे बड़ा आरोप तो ‘गरीबी हटाओ’ के नारे पर अमल में कोताही का लगता था. उसके अलावा तानाशाही, संजय गांधी के सरकार में अनधिकृत दखल और उनकी मारुति कार परियोजना सहित अनेक अन्य कथित घोटालों के आरोप भी इंदिरा गांधी को झेलने पड़ते थे.

इंदिरा के खिलाफ मोर्चा संभालने वालों में राम मनोहर लोहिया, एन जी गोरे, अटल बिहारी वाजपेयी, जॉर्ज फर्नांडीज, ज्योतिर्मय बसु, मोरारजी देसाई, चौधरी चरण सिंह, मधु लिमये, मधु दंडवते, पीलू मोदी, अशोक मेहता, चंद्रशेखर, रामधन आदि नेता प्रमुख रहे. लोहिया ने ही इंदिरा गांधी को सदन में ‘गूंगी गुड़िया’ कह कर उनकी कमियां गिनाई थीं. इसकी वजह यह थी कि 1966 में इंदिरा गांधी को जब कांग्रेसी दिग्गजों के सिंडीकेट ने प्रधानमंत्री चुना तो सदन में बोलने के समय घबराहट के मारे उनके हाथ कांपते थे और जुबान तालू से चिपक जाती थी. अपने सामने लोहिया, वाजपेयी, ज्योतिर्मय बसु, एन जी गोरे, अशोक मेहता आदि जैसे कद्दावर विपक्षी नेताओं को देख कर संसदीय अनुभव के लिहाज से नौसिखिया इंदिरा के लिए ऐसा होना शायद स्वाभाविक भी था. फिर भी बार—बार कुल 15 अविश्वास प्रस्ताव झेलने वाली इंदिरा गांधी की सरकार एक बार नहीं गिरी.

गौरवशाली संसदीय इतिहास

गनीमत यह रही कि इंदिरा गांधी के समय तक पक्ष और विपक्ष में ऐसे नेता मौजूद थे जो विरोधियों की निजी कमियों के बजाए अधिकतर नीतिगत मुद्दों पर सदन में अपनी बात रखते थे जिनमें वैचारिक और विद्वत्तापूर्ण तत्व भी होते थे. भारत की संसद का इतिहास यूं भी बेहद गौरवशाली रहा है. हमारी संसद में डॉ बी आर अंबेडकर, जवाहरलाल नेहरू, सरदार वल्लभ भाई पटेल, महावीर त्यागी, डॉ सुशीला नैयर, चक्रवर्ती राजगोपालाचारी, आर आर दिवाकर, आचार्य जे बी कृपलानी, डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी, सी डी देशमुख, अशोक सेन, भूपेश गुप्त, ज्योतिर्मय बसु, हीरेन मुखर्जी, अशोक मेहता, बलराज मधोक, पीलू मोदी, राजनारायण, मोरारजी देसाई, चौधरी चरण सिंह, हरेकृष्ण महताब, बीजू पटनायक, अटल बिहारी वाजपेयी, डॉ मुरली मनोहर जोशी जैसे प्रखर प्रवक्ता रहे हैं.

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने विपक्ष में रहते हुए दो बार अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था. बाद में वाजपेयी जब खुद प्रधानमंत्री बने तो उन्हें भी एक बार अविश्वास प्रस्ताव का सामना करना पड़ा. इससे पहले दो बार विश्वास प्रस्ताव में वो सरकार नहीं बचा पाए लेकिन 2003 में विपक्ष को उन्होंने अविश्वास प्रस्ताव में निर्णायक मात दे दी थी. इस अविश्वास प्रस्ताव के जवाब में उन्होंने विपक्षी कांग्रेस की नेता सोनिया गांधी के भाषण में अपनी सरकार की नाकामी गिनाने वाले जुमलों पर कड़ा एतराज जताया था. उन्होंने कहा, ‘जब मैंने श्रीमती सोनिया जी का भाषण पढ़ा, तो दंग रह गया. उन्होंने एक ही पैरा में सारे शब्द इकट्ठे कर दिए और बीजेपी की अगुआई वाली सरकार को नाकाबिल, संवेदनहीन, गैर-जिम्मेदार और बड़ी ढिठाई से भ्रष्ट ठहरा दिया.’ उन्होंने पूछा था, ‘राजनीति में जो कंधे से कंधा मिलाकर चलते हैं, उनके बारे में आपका ये मूल्यांकन है. मतभेदों को प्रकट करने का ये कैसा तरीका है.’

UNDATED FILE PHOTO: India’s Prime minister Atal Bihari Vajpayee and President of Congress(I) Sonia Gandhi speak with each other during a function in New Delhi on April 29,1998. (photo by T.C.Malhotra)

उन्होंने सोनिया गांधी के सरकार पर जनादेश को धोखा देने के आरोप पर भी एतराज किया था. उन्होंने पूछा था कि आपको जज किसने बनाया? उन्होंने कहा था कि सभ्य तरीके से लड़िए, इस देश की मर्यादाओं का ध्यान रखिए. गाली से देश की समस्या का समाधान नहीं होगा.

इस मायने में अलग रहा अविश्वास प्रस्ताव पर बहस

बहरहाल शुक्रवार को अविश्वास प्रस्ताव पर बहस के दौरान सरकार की ओर से सबसे दमदार भाषण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का रहा जिन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष और अन्य विपक्षी नेताओं द्वारा अपनी आलोचना में कहे गए एक-एक मुद्दे का जी भर कर प्रतिवाद किया. डेढ़ घंटे लंबा उनका भाषण इस मायने में अलग रहा कि उसकी अधिकतर इबारत उन्होंने पढ़ कर बोली. साथ ही राहुल गांधी द्वारा अपने गले लगने को भी उन्होंने नहीं बख्शा. उन्होंने पूछा कि कांग्रेस के नेता को यह कुर्सी हथियाने की इतनी भी क्या जल्दी है? उनके अनुसार देश के 125 करोड़ लोग ही यह तय करेंगे कि प्रधानमंत्री की कुर्सी पर कौन बैठेगा?

गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने राहुल की ‘झप्पी’ को ‘संसद में चिपको आंदोलन की शुरुआत’ बताया. लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा, ‘सदन की अपनी गरिमा है और वे प्रधानमंत्री है. हमें सदन की गरिमा का पालन करना चाहिए. मुझे लगा कि कोई नाटक हो रहा है.’ हालांकि कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने राहुल गांधी के भाषण और उनकी ‘झप्पी’ को नई शुरुआत बताया.

तेलगु देशम पार्टी के सांसद जयदेव गाला ने मोदी सरकार पर आंध्र प्रदेश से अन्याय का आरोप लगाया. उनका कहना था कि हैदराबाद का विकास संयुकत आंध्र प्रदेश की जनता के पैसे से हुआ था और उसके तेलंगाना में जाने की भरपाई केंद्र को करनी थी मगर मोदी सरकार मुकर गई. उन्होंने कहा कि खनिज आदि संसाधनों के आंध्र के हाथ से निकल जाने का भी राज्य की भारी नुकसान हुआ है. उन्होंने अपने भाषण में भावुक होते हुए मोदी सरकार को आंध्र की जनता का श्राप लगने का जुमला भी बोल डाला जिससे प्रधानमंत्री बेहद आहत दिखे.

प्रधानमंत्री मोदी ने हालांकि गाला के आरोपों का आंकड़ों और पुरानी घटनाओं के जिक्र के साथ जवाब देने की पूरी कोशिश की. अब देखना यही है कि राजीव गांधी द्वारा आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री टी अंजैया के अपमान को तेलगु कौम की तौहीन के रूप में भुनाकर एनटी रामाराव जैसे नौसिखिया सत्ता हासिल करने में जिस प्रकार कामयाब रहे थे वैसे ही उनके दामाद ओर चतुर नेता चंद्रबाबू नायडू क्या विपक्षी गठजोड़ के चाणक्य बन कर मोदी को शिकस्त देने में कामयाब रहेंगे?jumlebaazi

वसुंधरा ही रहेंगी भाजपा की मुख्यमंत्री की उम्मीदवार


शाह ने कहा कि राजस्थान में एक बार बीजेपी और एक बार कांग्रेस की परंपरा इस बार टूटने जा रही है. उन्होंने कहा कि वसुंधरा राजे की सरकार ने राजस्थान में बहुत काम किया है


बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह शनिवार को प्रदेश बीजेपी कार्यसमिति की दो दिन की बैठक के समापन सत्र को संबोधित करने के लिए जयपुर पहुंचे. उन्होंने बैठक में ऐलान किया कि भावी विधानसभा चुनाव में मौजूदा मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया ही मुख्यमंत्री की उम्मीदवार होंगी.

शाह ने इस बैठक में आगामी विधानसभा चुनाव और 2019 के लोकसभा चुनाव की तैयारियों की समीक्षा की. मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, प्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष मदनलाल सैनी और अन्य लोगों ने सांगानेर हवाई अड्डे पर शाह की अगवानी की.

शाह के स्वागत के लिए हवाई अड्डे के बाहर बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ता मौजूद थे. तोतूका भवन में शाह प्रदेश कार्यसमिति के दो दिवसीय समापन समारोह को संबोधित किया.

शाह ने कहा कि राजस्थान में एक बार बीजेपी और एक बार कांग्रेस की परंपरा इस बार टूटने जा रही है. उन्होंने कहा कि वसुंधरा राजे की सरकार ने राजस्थान में बहुत काम किया है. भामाशाह योजना, मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान और गौरव पथ जैसी कई योजनाओं को देशभर में यश मिला है.

उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस नकारात्मक राजनीति कर अफवाहें फैलाने का काम कर रही है. यह लोकतंत्र पर अघोषित हमला है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी देश से अपना जुड़ाव महसूस नहीं कर सकते. कांग्रेस बीजेपी का मुकाबला नहीं कर सकती. कांग्रेस का संगठनात्मक ढांचा खत्म हो गया है. अब तो कांग्रेस में भ्रष्टाचारियों को जमघट बचा है.’

उन्होंने कहा, ‘पश्चिम बंगाल, ओडिशा, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, केरल, तमिलनाडु, कनार्टक जब तक नहीं जीत लेते तब तक हमारी जीत पूरी नहीं है. मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा कि हम विधानसभा चुनावों में पिछली बार से भी अधिक सीटें जीतेंगे. पिछली जीत से भी इस बार की जीत बड़ी होगी. हम लोकसभा चुनाव में सभी 25 सीटें जीतकर एक बार फिर नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाएंगे. प्रदेश की जनता कांग्रेस की चालों को समझ गई है. हमारे पास चुनाव जीतने की हर वजह मौजूद है.

एक अन्य बैठक में शाह ने जयपुर के राज मंदिर सिनेमा घर में सोशल मीडिया सेल के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश में सोशल मीडिया की हमारी टीम ही बीजेपी को जीत दिलाएगी.

पीडीपी अपना घर संभालने में सक्षम नहीं हैं: भाजपा

जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने आरोप लगाया था कि पीडीपी विधायकों को एनआईए के छापों की धमकी देकर पार्टी छोड़ने के लिए उकसाया जा रहा है. शनिवार को बीजेपी ने एक बयान जारी कर मुफ्ती के इन तमाम बयानों को झूठा और बेबुनियाद बताया है.

बीजेपी के प्रवक्ता का कहना है, ‘महबूबा मुफ्ती का बयान यह दिखाता है कि वह हताशा की शिकार हैं. और अब अपनी विफलता से बचने के लिए झूठ के सहारे लोगों से सहानुभूति हासिल करने की कोशिश में हैं.’

दरअसल पीडीपी अध्यक्ष ने एक टीवी चैनल को दिए साक्षात्कार में कहा था कि उनके विधायकों को एनआईए के छापों की धमकी देकर पार्टी छोड़ने को कहा जा रहा है. सीधे बीजेपी का हवाला देने से बचते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने खरीद फरोख्त का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि पीडीपी के कई विधायकों ने उन्हें निजी तौर पर कहा है कि उन पर पार्टी छोड़ने को लेकर भारी दबाव डाला जा रहा है.

इन बयानों पर पलटवार करते हुए बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि पीडीपी के विधायकों को एनआईए से धमकी मिलने की बात झूठी है. इसी के साथ उन्होंने पीडीपी पर निशाना साधते हुए कहा कि वह अपना घर संभालने में सक्षम नहीं हैं.