पंचांग, 01 अप्रैल 2024
पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं : तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।
डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – पंचांग, 01 अप्रैल 2024
नोटः आज शीतला सप्तमी पूजन है। मेला शीतला माता (कुराली पं.) है : हिंदू धर्म में शीतला सप्तमी और अष्टमी तिथि का विशेष महत्व है जो हर साल चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की सप्तमी और अष्टमी तिथि को मनाई जाती है। यह त्योहार एक और दो अप्रैल को मनाया जाएगा। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन दोवी दुर्गा और पार्वती मां की अवतार देवी शीतला की पूजा की जाती है और उन्हें बासी खाने का भोग लगाया जाता है।
विक्रमी संवत्ः 2080,
शक संवत्ः 1946,
मासः चैत्र,
पक्षः कृष्ण,
तिथिः सप्तमी रात्रि काल 09.10 तक है,
वारः सोमवार।
नोटः आज पूर्व दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर सोमवार को दर्पण देखकर, दही,शंख, मोती, चावल, दूध का दान देकर यात्रा करें।
नक्षत्रः मूल रात्रि काल 11.12 तक है,
योगः वरीयान रात्रि काल 08.30 तक,
करणः विष्टि,
सूर्य राशिः मीन, चन्द्र राशिः धनु,
राहु कालः प्रातः 7.30 से प्रातः 9.00 बजे तक,
सूर्योदयः 06.15, सूर्यास्तः 06.35 बजे।