पंचांग, 06 अप्रैल 2024
पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं : तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।
डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – पंचांग, 06 अप्रैल 2024
चोर पंचक : पंचक के दौरान सभी प्रकार के मांगलिक कार्यों वर्जित माने जाते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार प्रत्येक माह में ऐसे पांच दिन ऐसे होते हैं इन्हें ही पंचक कहा जाता है। कहा जाता है कि पंचक में इंसान को विशेष नियमों का ध्यान रखने की आवश्यकता होती है।वरना जीवन में कई तरह की परेशनियों का सामना करना पड़ सकता है। चोर पंचक की शुरुआत 5 अप्रैल 2024 को सुबह 07.12 से होगी। पंचक का समापन 9 अप्रैल 2024 को सुबह 07.32 पर होगा। चूंकि ये चोर पंचक है इसमें धन हानि की संभावना बढ़ जाती है ऐसे में सावधानी बरतें. लेन-देन न करें। पंचक की अवधि के दौरान मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं। हर माह में पंचक पांच दिन तक लगते हैं। पंचक पांच नक्षत्रों के एक समूह को कहा जाता है।
गृह निर्माण । लकड़ी खरीदना। दक्षिण दिशा की तरफ की यात्रा। । शव जलाना। शय्या का निर्माण। विवाह। गृह प्रवेश।
विक्रमी संवत्ः 2080,
शक संवत्ः 1946,
मासः चैत्र,
पक्षः कृष्ण,
तिथिः द्वादशी प्रातः काल 10.20 तक है,
वारः शनिवार।
नोटः आज पूर्व दिशा की यात्रा न करें। शनिवार को देशी घी, गुड़, सरसों का तेल का दानदेकर यात्रा करें।
नक्षत्रः शतभिषा अपराहन् काल 03.40 तक है,
योगः शुक्ल रात्रि काल 02.20 तक,
करणः तैतिल,
सूर्य राशिः मीन, चन्द्र राशिः कुम्भ,
राहु कालः प्रातः 9.00 बजे से प्रातः 10.30 तक,
सूर्योदयः 06.09, सूर्यास्तः 06.38 बजे।