ग्रैंड फिनाले के साथ हुआ समर कैम्प का समापन 

डेमोक्रेटिक फ्रंट, मोहाली –  25 जून :

विन्धम मोहाली क्लब में 20 दिवसीय समर कैंप ‘समर किड्स कैंप सीजन 3.0’ का सफलतापूर्वक समापन हुआ। स्टार बिज़  इंडिया एंटरटेनमेंट द्वारा आयोजित यह मेगा कैंप का सीजन 3 था। इस कैंप में 4 से 14 वर्ष की आयु के 50 से अधिक बच्चों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। मुख्य अतिथि 80 वर्षीय त्रिपत सिंह थे, जो एक प्रसिद्ध फिटनेस इन्फ्लुएंसर हैं, जिन्हें क्रिकेटर विराट कोहली, उनकी पत्नी अभिनेत्री अनुष्का शर्मा और अन्य बॉलीवुड हस्तियां फॉलो करती हैं।

स्टार बिज़ इंडिया एंटरटेनमेंट के डायरेक्टर यादविंदर सिंह ने कहा, “पूरे कैंप के दौरान, बच्चों ने रचनात्मकता, फिटनेस और मौज-मस्ती को बढ़ावा देने के लिए डिज़ाइन की गई विभिन्न गतिविधियों में हिस्सा लिया। विविध लाइनअप में डांस, फिटनेस सेशंस, बूट कैंप, तैराकी और एक्वा ज़ुम्बा शामिल थे, जिससे यह सुनिश्चित हुआ कि प्रत्येक प्रतिभागी को नई रुचियों को तलाशने और नए कौशल विकसित करने का मौका मिले।” त्रिपत सिंह ने कैंप के आयोजन के लिए स्टार बिज़ को बधाई दी और बच्चों द्वारा प्रदर्शित कौशल की भी सराहना की। उन्होंने कहा, “बच्चों ने अविश्वसनीय प्रतिभा और ऊर्जा का प्रदर्शन किया, जिससे यह कैम्प सभी के लिए एक यादगार अनुभव बन गया।”

ग्रैंड फिनाले, युवा प्रतिभागियों की प्रतिभा और प्रयासों को प्रदर्शित करने वाला एक शानदार कार्यक्रम था। मुख्य आकर्षण में बच्चों द्वारा शानदार बॉलीवुड और भांगड़ा डांस परफॉर्मेंस और दिल को छू लेने वाला ‘मॉम एंड मी’ फैशन वॉक शामिल था, जिसमें माताओं और बच्चों ने एक साथ रैंप वॉक किया।  माताओं द्वारा एक विशेष भांगड़ा परफॉर्म भी किया गया। माँ और बच्चों के फैशन वॉक आकर्षण का केंद्र रहा। इसके अलावा, बच्चों द्वारा बॉलीवुड और पॉलीवुड डांस परफॉर्मेंस भी किए गए। सभी बच्चों को उनके उत्साह और उपलब्धियों को मान्यता देते हुए पार्टिसिपेशन सर्टिफिकेट प्रदान किये गए।

यादविंदर सिंह ने बताया कि शो की मेजबानी एंकर और गायिका किरण कौर ने की, उन्होंने कहा कि “हम भविष्य में भी ऐसे शानदार कार्यक्रम करते रहेंगे। हमें बहुत खुशी है कि बच्चों और उनके माता-पिता ने इतना आनंद लिया और पूरा कैंप उत्साह और मस्ती से भरा रहा।”

जबकि बॉन ग्रुप द्वारा बच्चों को रिफ्रेशमेंट वितरित किया गया, ग्रैंड फिनाले का वेन्यू पार्टनर विन्धम 

 था।

स्वर्गीय सुरजीत पातर जी को संगीतमय श्रद्धांजलि

विक्रमजीत साहनी ने महान कवि स्वर्गीय सुरजीत पातर जी को भावपूर्ण संगीतमय श्रद्धांजलि दी

डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़, 21 जून :

डॉ. विक्रमजीत सिंह साहनी ने स्वर्गीय पद्मश्री सुरजीत पातर जी की स्थायी विरासत को उनकी कविता कुझ केहा तां के संगीतमय प्रस्तुतीकरण के वर्ल्ड प्रीमियर के माध्यम से भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की, जिनका 11 मई, 2024 को निधन हो गया।

पद्मश्री विक्रमजीत सिंह साहनी, राज्य सभा के सांसद; सन फाउंडेशन के चेयरमैन; वर्ल्ड पंजाबी आर्गेनाईजेशन के इंटरनेशनल प्रेसीडेंट व भावुक सूफी गायक हैं जिन्होंने डॉ. सुरजीत पातर जी की कविता के सार को संगीत के माध्यम से खूबसूरती से प्रस्तुत किया।

‘कुझ केहा तां हनेरा जरेगा किवे, चुप रहां ता शमदान की केहनगे!’ (अगर मैं बोलूं और एक शब्द बोलूं, तो अंधेरा कैसे बर्दाश्त करेगा? अगर मैं चुप रहूं तो रोशनी कैसे माफ करेगी?) ये भावपूर्ण पंक्तियां गीत की कथा का मूल आधार हैं। ये शब्द किसी की भावनाओं के साथ प्रतिध्वनित होते हैं, जो किसी की सच्चाई को व्यक्त करने और उसके बाद होने वाले परिणामों के डर के बीच की दुविधा को तलाशते हैं। ये शब्द श्रोताओं को डर और साहस, मौन और भाषण के बीच अपनी खुद की लड़ाई पर विचार करने के लिए प्रेरित करते हैं।

जैसे-जैसे यह गीत आगे बढ़ता है, यह व्यक्तिगत दृष्टिकोण से व्यापक, मैक्रो-लेवल के दृष्टिकोण में परिवर्तित होता है। ‘कि एह इंसाफ एह हाऊमे दे पुत्त करनगे, कि एह खामोश पत्थर दे बट करनगे, जो सलीबा ते तांगे ने लठने नहीं, राज  बदलनगे  सूरज  चरन  लेहनगे!’  (इन अहंकारी लोगों से क्या न्याय की उम्मीद करें, इन मूक मूर्तियों से क्या उम्मीद करें। जो लोग सूली पर चढ़े हैं, उन्हें मुक्ति नहीं मिलेगी, शासन बदल जाएगा और सूरज अस्त होगा और उदय होगा।) सामाजिक उदासीनता, निराशा और स्थायी आशा को उजागर करता है जो उत्पीड़न के खिलाफ मानव संघर्ष को परिभाषित करता है। यह उन लोगों के दिल के दर्द को दर्शाता है जो अपने संघर्ष के फल को देखे बिना पीड़ित और बलिदान करते हैं, यह रेखांकित करते हुए कि सच्चा उद्धार अक्सर अमूर्त होता है।

बदलती हुई व्यवस्थाओं और सूरज के उगने और डूबने के निरंतर चक्र की कल्पना एक शक्तिशाली अनुस्मारक के रूप में कार्य करती है कि कठिनाइयों के बावजूद जीवन चलता रहता है।

विक्रम साहनी ने इस मार्मिक श्रद्धांजलि को श्रद्धा और उद्देश्य की गहरी भावना से भर दिया है। पियानो और वायलिन की उत्तेजक रचनाओं की पृष्ठभूमि में, यह एक दृश्य कृति है।

यह श्रद्धांजलि कला और साहित्य की स्थायी शक्ति के प्रमाण के रूप में सामने आती है, जो पातर जी के न्यायपूर्ण समाज के लिए करुणा के संदेश को प्रेरित, शिक्षित और एकजुट करती है, जहाँ व्यक्ति के कार्य व्यापक भलाई के लिए प्रतिध्वनित होते हैं।

 नव संवत्सर 2081 के उपलक्ष्य में भव्य कवि सम्मेलन 

एम० के० साहित्य अकादमी ने उठाया बीड़ा.. करेगी हर प्रांत में कवि सम्मेलन 9

डेमोक्रेटिक फ्रंट, पंचकुला – 23 अप्रैल :

              एम० के० साहित्य अकादमी पंचकूला की अध्यक्ष डॉ. प्रतिभा ‘माही’ ने कई वर्षों से बीड़ा उठाया हुआ है कि  वो ट्राइसिटी से बाहर अलग अलग प्रांतों व शहरों में कवि सम्मेलन आयोजित करेंगी। पिछले दो वर्षों में एम० के० साहित्य अकादमी पंचकूला द्वारा दिल्ली, अंबाला, नीलोखेड़ी, करनाल व पंचकूला में लगभग 10-12 राष्ट्रीय कवि सम्मेलन आयोजित कर चुकी हैं। 

     अभी हाल ही में नव संवत्सर 2081 के उपलक्ष्य में एक और “भव्य कवि सम्मेलन” का आयोजन ब्रह्माकुमारी प्रेम दीदी के सहयोग से 21 फरवरी 2024 को   ब्रह्माकुमारी , सेक्टर – 7 , करनाल (हरियाणा) के प्रांगण में आयोजित किया गया।

       इस समारोह मै देश के अलग- अलग प्रान्तों से प्रख्यात साहित्यकार व कवि उपस्थित हुए। ब्रह्माकुमारी बहनों ने सभी का स्वागत व सम्मान किया।  श्री दिनेश शर्मा दिनेश  ने  मंच को संभालते हुए दीप प्रज्ज्वलित करवाया ,  एक नृत्य के माध्यम से वन्दना करवा कार्यक्रम को  आगे बढ़ाया। ब्रह्मकुमार मनोज खुशनुमा ने शिव बाबा के गीतों से कवि सम्मेलन का आगाज हुआ और कवि सम्मेलन धीरे-धीरे अपनी उड़ान भरने लगा।

       कवि राधाकान्त पाण्डेय ने अपने छंदों से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर लिया और  शौर्य व शक्ति की बात कही। 

फिर मंच पर उतरे हास्य व्यंग के जाने माने कवि विनीत पांडेय (दिल्ली) जो कई वर्षों से लपेटे में नेताजी टीवी कार्यक्रम का हिस्सा बने हुए हैं। अपने छोटे छोटे हंसगुल्ले परोस कर श्रोताओं को लोट-पोट कर दिया ।

        उनके बाद बारी आई संचालन कर रहे कवि दिनेश शर्मा की, जो प्रख्यात कवि भी हैं और एक अच्छे लेखक भी हैं। जिन्होंने समाज की परिस्थितियों को बदलने के लिए ईश्वर से गुहार लगाते हुए कहा..

हे गिरधारी कलियुग में फिर , तुमको आना होगा।।” तत्पश्चात विख्यात गीतकार और गज़लकार चरणजीत चरण ने अपने संस्कारों पर आधारित छंदों से श्रोताओं  मां मन  मोह लिया। 

सभी कवियों ने अपनी-अपनी प्रस्तुति  पर श्रोताओं से ढेरों तालियां बटोरीं। 

            यह समारोह माननीय मुख्य अतिथि: डॉ० आशिमा गक्खड़ (प्राचार्या दयाल कॉलेज करनाल)  के सानिध्य में किया गया। उन्होंने कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि  वो इस तरह के कवि सम्मेलन का बार बार आनंद लेना चाहेंगी।

      अंत में डॉ. प्रतिभा ‘माही’ (वरिष्ठ साहित्यकार व मंचीय कवयित्री) ने इस कवि सम्मेलन की  अध्यक्षता करते हुए अपने वक्तव्य में बताया कि   इस काव्य उत्सव का उद्देश्य वैश्विक संस्कृति, प्रेम, शान्ति सद्भाव को समर्पित हो नव संवत्सर के महत्व को समझाना है तथा हिन्द वासियों को हिन्दू नव वर्ष मानने को प्रोत्साहित करना है। डॉ. प्रतिभा ‘माही’ ने यह भी बताया कि कला व संस्कृति के माध्यम से अच्छे संस्कारों को समाज में जीवित रखा जा सकता है, समाज को एक नई दिशा प्रदान की जा सकती है और समाज में परिवर्तन भी लाया जा सकता है। 

प्रेम दीदी  ने अपने सात्विक विचार रखे और और कहा  प्रतिभा माही पहले भी हमारे साथ मिलकर इस तरह के कार्यक्रम करती रहीं हैं  आगे भी करती  रहें। मैं उन्हें बाबा की तरफ से आशीष देती हूं।      

         इस तरह कार्यक्रम अपनी चरम सीमा पर पहुंच गया। सभी श्रोता मंत्रमुग्ध हो गए। तालियों से पूरा प्रांगण गूंजने लगा। सभी कवियों ने कार्यक्रम को सातवें आसमान पर पहुंचा दिया। कार्यक्रम संपूर्ण दृष्टि से सफल रहा। जिसका श्रेय डॉ. प्रतिभा ‘माही की हिम्मत को और ब्रह्माकुमारी  प्रेम दीदी की टीम को जाता है।

सेरेब्रल पाल्सी से प्रभावित बच्चों के लिए रंगारंग कार्यक्रम आयोजित 

डेमोक्रेटिक फ्रंट, चण्डीगढ़  –   16  अप्रैल    :                    

सेरेब्रल पाल्सी स्पोर्ट्स सोसायटी द्वारा इनर वहील क्लब मोहाली सिंफनी के सहयोग से  सेरेब्रल पाल्सी से प्रभावित बच्चों के लिए रंगारंग कार्यक्रम आयोजित किया। इस अवसर पर क्लब प्रेजिडेंट रंजनदीप कौर ने बताया कि सेरेब्रल पाल्सी (सीपी) विकार से पीड़ित बच्चों की चलने-फिरने, संतुलन और मुद्रा बनाए रखने की क्षमता प्रभावित होती है। इस अवसर पर बच्चों ने इस कार्यक्रम में भरपूर उत्साह के साथ रंगारंग कार्यक्रम का आनंद लिया और क्विज में भी भाग लिया। इनर व्हील क्लब मोहाली सिंफनी द्वारा क्लब को  आर्थिक सहायता धनराशि भी प्रदान की गई। इस अवसर पर सचिव संगीता अग्रवाल, ऑडिटर सीमा मल्होत्रा, किरण सैनी, प्रोमिला ग्रोवर के साथ सेरेब्रल पाल्सी स्पोर्ट्स सोसायटी ऑफ पंजाब के सदस्य भी उपस्थित रहे। 

अर्जुन और अकिलिस के बीच समानताएं दर्शाता नाटक

ही-रोज़: भागवत गीता से लेकर इलियाड तक, अर्जुन और अकिलिस के बीच समानताएं दर्शाता नाटक

फ्रांसीसी स्कूल एनसैट और नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा आदिशक्ति लेबोरेटरी के सहयोग से, नाटक ही-रोज़ का मंचन बुधवार को टैगोर थिएटर में किया जाएगा।

डेमोक्रेटिक फ्रंट, चण्डीगढ़ – 16 अप्रैल    :

ही-रोज़- एक शक्तिशाली नाट्य प्रदर्शन है जो भागवत गीता को इलियाड (प्राचीन यूनानी शास्त्रीय महाकाव्य), अर्जुन और अकिलिस की समानताओं को जोड़ता है, का मंचन बुधवार शाम 7:30 बजे सेक्टर 18 स्थित टैगोर थिएटर में आयोजित किया जाएगा। इसके लिए प्रवेश निःशुल्क है।

भारत में कल्चरल फ्रेंच नेटवर्क और नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा आदिशक्ति-एनसैट नाटक, का मंचन कर रहे हैं, जिसका प्रीमियर कुछ महीने पहले फ्रांस के ल्योन में हुआ था।

निम्मी राफेल द्वारा लिखित और आदिशक्ति के विनय कुमार द्वारा निर्देशित और एनएसएटीटी के अमौद गुएनाड द्वारा सहायता प्राप्त, एचई-रोज़ दो पौराणिक नायकों, वेद व्यास की भागवत गीता से अर्जुन और होमर के इलियाड से अकिलिस की दुखद गाथा को दर्शाता है। नाटक ही-रोज़-  दो अलग-अलग संस्कृतियों के दो व्यक्तित्वों और महिमा और त्रासदी के बीच एक सीमांत क्षेत्र के बारे में है।

ही-रोज़- भारत-फ्रांसीसी सांस्कृतिक सहयोग की शक्ति का उदाहरण है, जिसमें विविध पृष्ठभूमि के कलाकार रचनात्मकता का एक और उदाहरण स्थापित करने के लिए एक साथ आते हैं। पांडिचेरी स्थित ऑरोविल में पिछले अगस्त में हुए 3 सप्ताह के निवास के बाद, फ्रांसीसी स्कूल एनसैट के आठ छात्रों को डायरेक्टर निम्मी राफेल की सलाह के तहत आदिशक्ति पेशेवरों के साथ नाटक के मंचन पर प्रशिक्षण और काम करने के लिए आमंत्रित किया गया था।

ही-रोज़ के मूल में वीरता की प्रकृति की गहन जांच निहित है। महाभारत के अर्जुन और इलियाड के अकिलिस जैसी प्रतिष्ठित शख्सियतों के बीच समानताएं बनाते हुए, यह प्रोडक्शन वीरता की पारंपरिक धारणाओं को चुनौती देता है, दर्शकों को भेद्यता और साहस के बीच परस्पर क्रिया पर विचार करने के लिए आमंत्रित करता है।

रामनवमी की पूर्व संध्या पर श्री रामायण लाइट एंड साउंड शो हुआ आयोजित

सब राम की ही लीला है 

डेमोक्रेटिक फ्रंट, चण्डीगढ़ – 16 अप्रैल :

नवयुग रामलीला कमेटी द्वारा रोहित शर्मा के सौजन्य से पलक शर्मा व प्रदीप रावल के निर्देशन में आयोजित हुआ लाइट एंड साउंड शो श्री रामायण। रविवार शाम वीआईपी रोड जीरकपुर में हुआ लाइट एंड साउंड शो। गौरतलब है कि श्री रामायण –  लाइट एंड साउंड के इतिहास में पलक ग्रोवर पहली महिला निर्देशिका है जिन्होंने श्री रामायण का निर्देशन सफलतापूर्वक किया l पहली बार जीरकपुर में हो रहे इस कार्यक्रम का मंचन  देर शाम को सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।

गिल्को इंटरनेशनल स्कूल में उत्साह और उमंग से मनाई बैसाखी

डेमोक्रेटिक फ्रंट, मोहाली – 13 अप्रैल    :

गिल्को इंटरनेशनल स्कूल, मोहाली में शनिवार को बैसाखी का त्योहार उत्साह और उमंग के साथ मनाया गया।

जीवंत त्योहार से जुड़ी एकता, कृतज्ञता और फसल की भावना का जश्न मनाने के लिए छात्र और शिक्षक एक साथ आए। इस अवसर पर एक असेंबली में न केवल बैसाखी के सांस्कृतिक महत्व पर प्रकाश डाला, बल्कि सांप्रदायिक सद्भाव और प्रकृति की सराहना को बढ़ावा देने में इसकी प्रासंगिकता पर भी जोर दिया।

छात्रों ने हमारे देश की समृद्ध विरासत का जश्न मनाते हुए और एकता, कृतज्ञता और साझा करने के मूल्यों को अपनाते हुए मनमोहक भाषणों के माध्यम से अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया।

विशेष असेंबली ने छात्रों को बैसाखी से जुड़े इतिहास और परंपराओं के बारे में जानने का अवसर भी प्रदान किया। इंटरैक्टिव सत्रों और शैक्षिक गतिविधियों के माध्यम से, छात्रों को त्योहार और हमारे जीवन में इसके महत्व पर बताया गया ।

नाटक में पंचायती राज संस्थानों में महिलाओं की स्थिति को बहुत ही विचारशील तरीके से चित्रित किया  

डेमोक्रेटिक फ्रंट, चण्डीगढ़- 10 अप्रैल    :

स्नातकोत्तर राजकीय महाविद्यालय, सेक्टर-46, चण्डीगढ़ के लोक प्रशासन विभाग ने आज राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस मनाया।  इस दिन  1992 में 73वां संविधान संशोधन पारित किया गया था। इस अवसर पर विद्यार्थियों द्वारा पंचायती राज संस्थाओं में महिला सशक्तिकरण नामक नाटक का मंचन किया गया। कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ. आभा सुदर्शन ने विद्यार्थियों को इस दिन की प्रासंगिकता के बारे में बताया और विद्यार्थियों द्वारा नए तरीके से पंचायती राज संस्थानों में महिलाओं की स्थिति को बहुत ही विचारशील तरीके से चित्रित करने की सराहना की। लोक प्रशासन विभाग की प्रभारी डॉ. मीनाक्षी मदान ने कार्यक्रम का सफल संचालन किया। कॉलेज के उप प्राचार्य डा बलजीत सिंह भी इस अवसर पर मौजूद रहे।

कसौली म्यूजिक फेस्टिवल का पहला एडीशन एक शानदार नोट पर संपन्न हुआ

डेमोक्रेटिक फ्रंट, कसौली – 30 मार्च    :

हिमाचल प्रदेश के शानदार और खूबसूरत हिल स्टेशन कसौली की मनमोहक पहाड़ियों के बीच 29-30 मार्च को आयोजित “म्यूजिक फेस्टिवल इन कसौली”- एमएफके का पहला एडीशन संपन्न हो गया है।

एमएफके का आयोजन शोकेस इवेंट्स और वेलकम हेरिटेज सांता रोजा द्वारा चंडीगढ़ के एक प्रमुख ऑनलाइन टिकटिंग प्लेटफॉर्म, सपोर्ट पार्टनर, सिटी वूफर के साथ संयुक्त रूप से किया गया था। समापन दिवस का मुख्य आकर्षण प्रसिद्ध गायिका विधि शर्मा की मीना कुमारी पर संगीतमय दास्तानगोई – “मीना कुमारी की दास्तान” थी, जो विशेष रूप से 31 मार्च को मीना कुमारी की पुण्य तिथि मनाने के लिए आयोजित की गई थी। मनमोहक प्रस्तुति दास्तानगोई शैली में दी गई थी जो कहानी कहने का एक प्राचीन तरीका है और यह रितेश यादव और विधि द्वारा बेहद शानदार अंदाज में सुनाई गई।

शोकेस इवेंट्स के सीईओ और एमएफ की क्यूरेटर नन्नी सिंह ने कहा कि “दो दिनों के दौरान, एमएफके ने न केवल इस क्षेत्र, बल्कि भारत के अन्य हिस्सों के संगीत प्रेमियों को  प्रदर्शनों की एक विस्तृत सीरीज पेश करके मंत्रमुग्ध कर दिया । दिल को झकझोर देने वाली धुनों से लेकर इलैक्ट्रीफाइंग करने वाली धुनों तक, यह म्यूजिक फेस्टिवल संगीत विविधता और कलात्मक प्रतिभा के बेहतरीन ब्लेंड से गूंज उठा।”

यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि मशहूर गायिका कविता सेठ के “मैं कविता हूं” के अलावा, राजस्थानी लोक गायक कुतले  खान का “कुतले  खान प्रोजेक्ट” भी एक प्रमुख आकर्षण था। इससे भी अधिक, संगीतकार और वादक अभिजीत पोहनकर के “बॉलीवुड घराना ” ने शास्त्रीय, लोक और बॉलीवुड संगीत का मिश्रण प्रस्तुत किया।

डॉ. जोया सिंह, निदेशक, वेलकमहेरिटेज सांता रोजा, कसौली में एक रिसॉर्ट, जहां फेस्टिवल आयोजित किया गया था, ने कहा, “म्यूजिक परफाॅर्मेंसेज के अलावा हमारे पास इंटरैक्टिव वर्कशाॅप्स, वेलनेस सेशंस, कारीगर बाजार और कलनरी डिलाइट्स थे, इसलिए सभी के लिए इन सभी से जुड़ने और कुछ नया करने और सीखने का बेहतरीन मौका था।”

“म्यूजिक परफाॅर्मेंसेज और कई अन्य पहलों के माध्यम से, उत्सव का उद्देश्य लोगों, संगीत और पर्यावरण के बीच गहरे संबंध को बढ़ावा देना है, साथ ही स्थानीय विकास और संरक्षण प्रयासों में भी योगदान देना है।

डॉ. सिंह ने कहा, “हमारा रिसॉर्ट हरे-भरे जंगल के बीच में स्थित है, और यह अपने आप में हिमाचल की महान प्राकृतिक सुंदरता का प्रतीक है।”

उपस्थित लोगों को प्रशंसित कलाकारों और उभरती प्रतिभाओं दोनों द्वारा मनमोहक प्रस्तुतियों का आनंद दिया गया। इसने हिमाचल के स्थानीय गायकों और संगीतकारों को एक मंच प्रदान किया। इसके अलावा संगीत उत्सव ने हिमाचल के लोक संगीत की समृद्ध संस्कृति को भी बढ़ावा दिया।

एमएफके के वीडियो पार्टनर ट्रान्जा स्टूडियोज के एमडी अंगद सिंह ने कहा कि , उत्सव का मैदान जोश और एनर्जी से भर गया क्योंकि उपस्थित लोगों ने खुद को असंख्य गतिविधियों और अनुभवों में डुबो दिया।

फेस्टिवल को समर्थन देने वालों में ट्रान्जा स्टूडियोज, ऑडी चंडीगढ़, माय एफएम और रॉयल एस्टेट ग्रुप शामिल हैं।

प्रतिभा नाट्य उत्सव में “सीढियां” नाटक का सफल मंचन

संस्कार भारती की ट्राइसिटी संस्थाओं और एनजेडसीसी, पटियाला का संयुक्त आयोजन

डेमोक्रेटिक फ्रंट, चण्डीगढ़- 15 मार्च :

संस्कार भारती की चण्डीगढ़, पंचकूला एवं मोहाली इकाई तथा सुमुखा नाट्य संस्था, दिल्ली एवं उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, पटियाला के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित प्रसिद्ध नाटककार पदमश्री दया प्रकाश सिन्हा द्वारा लिखित और अरविंद सिंह द्वारा निर्देशित सीढियां नाटक का मंचन सुमुखा रंगमंडल, दिल्ली द्वारा पंजाब कला भवन, सेक्टर 16 में किया गया। नाटक का शुभारंभ मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित डॉ. सुखमिंदर बरार, अंतर्राष्ट्रीय पंजाबी लोक गायिका एवं, अध्यक्ष, संस्कार भारती पंजाब प्रांत द्वारा दीप प्रज्ज्वलित करके किया गया। हिंदी के प्रसिद्ध नाटककार पदम श्री दया प्रकाश सिन्हा  द्वारा लिखित और अरविंद सिंह द्वारा निर्देशित इस नाटक में मुगल शासन के अंतिम चरण में साम्राज्य के बिखराव के साथ सामाजिक विघटन का वह काल खण्ड सीढ़ियां नाटक का नायक है, जो समाज के गिरते मूल्यों के साथ अपनी दोशीजगी (कौमार्य) खो बैठता है,| पतित समाज, भ्रष्ट, अहंकार, विलासी हम्मरां ऐसे बदरंग है जिनसे बनी है गुजरे वक्त की तस्वीर। समय के साथ न रंग घुले न उड़े। वर्तमान की तस्वीर में भी प्रेक्षक इस काल की तस्वीर के धुंधले रंगों  की झलक आज भी इन रंगों की झलक समाज में स्पष्ट दिखाई देती है।

मंच संचालन सर्वप्रिय निर्मोही द्वारा किया गया। नाटक में संस्कार भारती चंडीगढ़ के अध्यक्ष यशपाल तिवारी, पंचकूला के अध्यक्ष सुरेश गोयल, मंत्री सतीश अवस्थी, अनिल गुप्ता, संतोष गर्ग, अर्पणा गुप्ता, सीमा गुप्ता, मोहाली की अध्यक्षा डॉ० निम्मी वशिष्ट, रजनी बजाज तथा अन्य सदस्य उपस्थित रहे। 

इस नाट्य उत्सव में 16 मार्च को गोरखपुर के दर्पण नाट्य संस्था द्वारा सम्राट अशोक नामक नाटक की प्रस्तुति होगी।