Chandigarh Police Rajesh R/o # 80/82, Vikas Nagar, Mauli Jagran, Chandigarh while he was consuming liquor at a public place at parking near Wine Shop, Sector-22C, Chandigarh on 11.08.2020. A case FIR No. 141, U/S 68-1(B) Punjab Police Act 2007 & 510 IPC has been registered in PS-17, Chandigarh. Later he was released on bail. Investigation of the case is in progress.
Action against illicit liquor
Chandigarh Police arrested Kishanpal R/o # 2000, Phase-2, Ram Darbar, Chandigarh and recovered 25 quarters of country liquor from his possession in Aviator Scooter No. CH01-BA-1179 near Hanuman Mandir, Hallo Majra, Chandigarh on 11.08.2020. A case FIR No. 170, U/S 61-1-14 Excise Act has been registered in PS-31, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.
MV Theft
A lady resident of Sector 27D, Chandigarh, reported that unknown person stole away Honda City Car No. CH03X0083 parked near her residence between 08.08.2020 to 10.08.2020. A case FIR No. 141, U/S 379 IPC has been registered in PS-26, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.
Attempt to theft
A case FIR No. 175, U/S 380, 511, 427 IPC has been registered in PS-IT Park, Chandigarh on the complaint of Kikar Singh, Channel Executive, Hitachi Payment Service Pvt Ltd, R/o # 136/2, Sector 55, Palsora, Chandigarh who reported that unknown person tried to broke the ATM and CCTV Camera at Axis Bank ATM, Booth No. 44/1 Subhash Nagar, Manimajra, Chandigarh and attempted to theft on the night intervening 10/11-08-2020. Investigation of the case is in progress.
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/12/Chandigarh-Police-Coaching-in-Chandigarh.jpg319889Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2020-08-12 12:01:412020-08-12 12:01:44Police Files, Chandigarh
देश के मशहूर शायर राहत इंदौरी का मंगलवार को निधन हो गया. वे लंबे समय से सांस की बीमारी से पीड़ित थे. हाल ही में उनकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद उन्हें अरबिंदो अस्पताल में भर्ती करवाया गया था. जानकारी के अनुसार राहत इंदौरी को शुगर और हृदय रोग की भी समस्या थी. हाल ही में निमोनिया के चलते उनके फेंफड़ेां में इंफेक्शन हो गया था. बताते है कि राहत इंदौरी चार महीने से घर से नहीं निकले थे. वे सिर्फ नियमित जांच के लिए ही घर से बाहर निकलते थे. उन्हें चार-पांच दिन से बेचैनी हो रही थी. डॉक्टरों की सलाह पर फेफड़ों का एक्स-रे कराया गया तो निमोनिया की पुष्टि हुई थी. इसके बाद सैंपल जांच के लिए भेजे गए थे जिसमें वे कोरोना संक्रमित पाए गए. राहत साहब को दिल की बीमारी और डायबिटीज की शिकायत भी थी. उनके डॉ. रवि डोसी का बताया था कि उनके दोनों फेफड़ों में निमोनिया है सांस लेने में तकलीफ के चलते आईसीयू में रखा गया था उनको तीन बार हार्ट अटैक भी आया था.
खुद ट्वीट कर दी थी जानकारी
बता दें कि राहत इंदौरी ने अपने एक ट्वीट के जरिए खुद के कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि की है. राहत इंदौरी ने ट्वीट कर लिखा था कि कोविड के शुरुआती लक्षण दिखाई देने पर मेरा कोरोना टेस्ट किया गया, जिसकी रिपोर्ट पॉज़िटिव आई है. ऑरबिंदो हॉस्पिटल में एडमिट हूं, दुआ कीजिये जल्द से जल्द इस बीमारी को हरा दूं. एक और इल्तेजा है, मुझे या घर के लोगों को फ़ोन न करें. मेरी ख़ैरियत ट्विटर और फेसबुक पर आपको मिलती रहेगी. राहत इंदौरी मशहूर शायर होने के साथ ही अच्छे लिरिक्स राइटर भी थे. उन्होंने बॉलीवुड के लिए भी कई मशहूर गाने लिखे थे.
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2020/08/rI.jpg5291195Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2020-08-11 13:23:462020-08-11 13:25:05लोग हर मोड पे रुक रुक के समहलते क्यूँ हैं ; राहत इंदौरी नहीं रहे वह 70 वर्ष के थे
आज अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के आहवान् पर राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के तत्त्वाधान में किसानों ने सेक्टर-12 स्थित फव्वारा पार्क में किसान पंचायत का आयोजन किया। पंचायत में करनाल के डेयरी फार्मर भी डेयरी सिलिंग का मुद्दा लेकर पहुंचे। राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के प्रदेशाध्यक्ष राजेन्द्र आर्य दादुपुर के नेतृत्व में किसानों ने फव्वारा चौंक से सचिवालय तक मार्च निकाला। धरना प्रदर्शन व नारेबाजी के बाद जिला सचिवालय में अपनी मांगों को लेकर तहसीलदार राज बख्श अरोड़ा को ज्ञापन सौंपा। किसान नेता राजेन्द्र आर्य दादूपुर ने प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन को सभी के समक्ष तहसीलदार की उपस्थिति में पढक़र सुनाया और कहा कि आज दिनाक 09 अगस्त 2020 हम भारत के किसान, अपने संगठन ’अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति, एआईकेएससीसी’, जिसके 250 से अधिक किसान तथा कृषि मजदूर संगठन घटक हैं, आपको यह पत्र लिखकर यह उम्मीद कर रहे हैं कि भारत की सरकार हमारी समस्याओं को सम्बोधित करेगी और और इन्हें हल करने के लिए तुरंत कदम उठाएगी।
अब कई सालों से हम इन समस्याओं को उठाते रहे हैं और आपके समक्ष रखते रहे हैं। इस बीच हमने कड़ी मेहनत करके यह सुनिश्चित किया है कि देश के खाद्यान्न भंडार भरे रहें तथा इतना पर्याप्त अनाज देश में मौजूद है कि किसी भी नागरिक को भूखा रहने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
जैसे-जैसे कोविड-19 महामारी आगे बढ़ती गयी है, हमने अपना काम जारी रखा है और यह सुनिश्चित किया है कि ऐसे संकट के समय पर भी खाने के भंडार भरे रहें। यही वह आधार है जिसपर हम खड़े होकर उम्मीद करते हैं कि आपकी सरकार ऐसे उचित कदम जरूर उठाएगी, जो सुनिश्चित करेंगे कि देश के कड़ी मेहनत करने वाले किसान व मजदूर, जो देश की कुल श्रमशक्ति का आधे से ज्यादा हिस्सा हैं, इस वजह से संकट का सामना ना करें कि उनकी समस्याओं को किसी ने सुना ही नहीं।
पर हमें इस बात से बहुत निराशा हुई कि जब आपकी सरकार ने अपने कृषि सुधार पैकेज की घोषणा की तो उसमें ना केवल हमारी समस्याओं को सम्बोधित नहीं किया गया, बल्कि उन्हें बढ़ा दिया गया है। इस वजह से हम आपके समक्ष अपनी समस्याओं को प्रस्तुत कर रहे हैं, ताकि ये वास्तविक समाधान तुरंत अमल किये जा सकें।
अमल किये गये किसान विरोधी अध्यादेश वापस लिये जाएं’ दिनांक 05-06-2020 को जारी तीनो अध्यादेशों ( क) कृषि उपज वाणिज्य एवं व्यापार (संवर्धन और सुविधा) अध्यादेश 2020( ख) मूल्य आश्वासन पर (बंदोबस्ती और सुरक्षा) समझौता कृषि सेवा अध्यादेश 2020( ग) आवश्यक वस्तु अधिनियम (संशोधन) 2020 को वापस लिया जाना चाहिए। ये अध्यादेश अलोकतांत्रिक हैं और कोविड-19 तथा राष्ट्रीय लॉकडाउन के आवरण में अमल किये जा रहे हैं। ये किसान विरोधी हैं। इनसे फसल के दाम घट जाएंगे और बीज सुरक्षा समाप्त हो जाएगी। इससे उपभोक्ताओं के खाने के दाम बढ़ जाएंगे। खाद्य सुरक्षा तथा सरकारी हस्तक्षेप की सम्भावना समाप्त हो जाएगी। ये अध्यादेश पूरी तरह भारत में खाने तथा खेती व्यवस्था में कॉरपोरेट नियंत्रण को बढ़ावा देते हैं और उनके जमाखोरी व कालाबाजारी को बढ़ावा देंगे तथा किसानों का शोषण बढ़ाएंगे। किसानों को वन नेशन वन मार्केट नहीं वन नेशन वन एमएसपी चाहिए।
सभी किसानों के लिए कर्जदारी से मुक्ति की गारंटी सुनिश्चित करो आपकी सरकार को एआईकेएससीसी द्वारा प्रस्तावित कर्जदारी से मुक्ति कानून जो सभी किसानों को इसके लिए अधिकृत करेगा, पारित करना चाहिए, हम यह भी आग्रह करते हैं कि सरकार इस साल कोरोना दौर के लिए सभी किसानों का रबी 2019-20 फसल का कर्ज माफ करे और खरीफ फसल 2020 के लिए ब्याज मुक्त केसीसी जारी करे। समूहों के तथा माइक्रोफाइनेन्स संस्थाओं से लिये गये कर्ज का ब्याज माफ कर उनकी वसूली पर रोक लगाए।
यह सुनिश्चित करो कि पूरा, लाभकारी मूल्य हर किसान का कानूनी अधिकार बने: आपकी सरकार को एआईकेएससीसी द्वारा प्रस्तुत सभी किसानों के लिए लाभकारी न्यूनतम समर्थन मूल्य गारंटी कानून पारित करना चाहिए, इसके लिए आवश्यक है कि सभी कृषि उत्पादों सब्जी, फल और दूध समेत का एमएसपी कम से कम सी-2 लागत और उस पर 50 फीसदी अधिक घोषित हो। आपकी सरकार को इस दाम पर फसल खरीद की गारंटी देनी चाहिए और सभी किसानों को विभिन्न तरीके से कानूनी अधिकारी भी। एमएसपी से कम रेट पर खरीद करना फौजदारी जुर्म घोषित हो।
बिजली बिल 2020 वापस लो: आपकी सरकार को यह बिल वापस लेना चाहिए कोरोना दौर का किसानों, छोटे दुकानदारों, छोटे व सूक्ष्म उद्यमियों तथा आमजन का बिजली का बिल माफ करना चाहिए। डीबीटी योजना को नहीं अमल करना चाहिए।
इस साल हुए फसल के नुकसान का किसानों को मुआवजा: फरवरी से जून 2020 के बीच ओलावृष्टि, बिन मौसम बरसात और लॉक डाउन के कारण किसानों की सब्जी, फल, फसल एवं दूध के नुकसान का आपकी सरकार को पूरा मुआवजा देना चाहिए।
डीजल का दाम तुरंत कम करो, डीजल का दाम तुरंत आधा किया जाए, अंतरराष्ट्रीय रेट 2014 से 60 फीसदी घटा है लेकिन भारत सरकार का टैक्स दो गुना बढ़ा है।
मनरेगा में काम के दिन बढाया जाय, मनरेगा में कम से कम 200 दिन काम की गारंटी की जाय और न्यूनतम मजदूरी की दर से भुगतान किया जाय ताकि खेतिहर मजदूर, छोटे किसान, मजदूरी छोड़ गाँव वापिस आये प्रवासी किसान को इस संकट में काम मिल सके।
हर व्यक्ति को राशन में पूरा खाना दिया जाए और परिवारों को अतिरिक्त नकद समर्थन दिया जाए: किसानों द्वारा पैदा किये गये अनाज का लाभ लोगों को खाना देने और यह सुनिश्चित करने कि कोई भूखा ना रहे के लिए किया जाना चाहिए। कोरोना संकट के पूरे दौर में सरकार को हर व्यक्ति को पूरा राशन उपलब्ध कराना चाहिए – राशन में हर महीने प्रति यूनिट, 15 किलो अनाज, 1 किलो तेल, 1 किलो दाल, 1 किलो चीनी सरकार को देना चाहिए। इसके अतिरिक्त परिवारों की मौलिक जरूरतों को पूरा करने के लिए नकद हस्तांतरण किया जाना चाहिए।
आदिवासियों व अन्य किसानों की जमीन व वन संसाधन की रक्षा करो – कम्पनियों द्वारा जमीन अधिग्रहण करने पर रोक लगाओ, सरकार को एक पीढ़ी से ज्यादा खेती कर रहे किसानों को नहीं उजाडऩा चाहिए। कैम्पा कानून के नाम पर जंगल की जमीन पर जबरन प्लान्टेशन लगाना बंद किया जाना चाहिए।
राष्ट्रीय स्तरीय 9 मांगों के अलावा करनाल की स्थानीय ज्वलंत समस्या जो कि जबरदस्ती डेयरी शिफटिंग है। इसको लेकर भी ज्ञापन सौंपा व किसानों ने जिला व नगरनिगम प्रशासन को चेताया कि अगर जल्द ही प्रशासन ने जबरदस्ती डेयरी शिफटिंग के अपने कार्यक्रम को रद्द नहीं किया तो करनाल के सभी डेयरी संचालक राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के नेतृत्व में जिला सचिवालय पर अनिश्चित कालीन धरना प्रदर्शन शुरु कर देंगे। किसान नेता राजेन्द्र आर्य ने आरोप लगाया कि डेयरियों में निगम प्रशासन पुलिस बल लेकर जबरदस्ती घुस रहा है। करनाल से सैंकड़ो मवेशियों को जब्त कर डेयरी संचालकों पर भारी जुर्माना लगाया गया है। जिन डेयरीयों में पशु नहीं थे उनको भी जबरन सील किया गया है। डेयरी प्रधान महेन्द्र गुर्जर व पप्पु प्रधान ने आरोप लगाते हुए कहा कि नगर निगम ज्वांइट कमीशनर गगनदीप सिंह की कार्य प्रणाली संदेहास्पद है। किसान नेता राजेन्द्र आर्य ने कहा कि पिंगली डेयरी कम्पलैक्स में मूलभूत सुविधाओं का अभाव व कोरोना महामारी के चलते डेयरी संचालकों को 31 मार्च तक का समय दें। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को मामले का संज्ञान लेते हुए प्रायोजित पिंगली डेयरी क म्पलैक्स को औचक निरिक्षण करके वहां मौजूद सुविधाओं का जायजा लेना चाहिए।
हम आपको सूचित करना चाहते हैं कि जिस तरह से 9 अगस्त 1942 का उद्घोष ‘अंग्रेजों भारत छोड़ो’ था उसी तरह से 9 अगस्त 2020 को देश के किसान ‘कॉरपोरेट भगाओ किसानी बचाओ’ के नारे के तहत गोलबंद होंगे।
इस बीच हम उम्मीद करते हैं के आपकी सरकार उपरोक्त समस्याओं को हल करने के लिए प्रभावी कदम उठाएगी।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2020/06/corona_virus_5696423_835x547-m_5703791_835x547-m_5913666_835x547-m.jpg547835Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2020-08-10 14:24:592020-08-10 14:25:37कोरोना महामारी ने तोड़ी किसानों की कमर : राजेन्द्र आर्य
डिजिटल दुनिया लोगों के लिए अभिशाप बनने लगी है l ठगों ने ठगी करने का नया तरीका ढूंढ निकला है l पहले फेसबुक पर दोस्ती करते हैं फिर शिकार बनाते हैं । हट जा ताऊ पाछै नै-नाचन दे जी भर कै नै… गाना गाने वाले हरियाणवी सिंगर बीते दो साल से टेंशन में थे। टेंशन की वजह उसके नाम से बनी एक फर्जी फेसबुक आईडी थी l जिसकी मदद से एक आरोपी लोगों से पैसे ऐंठ रहा था। एक साल पहले विकास इसकी शिकायत भी कर चुके थे , लेकिन पुलिस आरोपी को काबू नहीं कर पाई थी। अब तंग आकर सिंगर विकास कुमार ने खुद प्लॉनिंग बनाई और जैसे-तैसे आरोपी को पानीपत बस स्टैंड बुला लिया। आरोपी पैसे लेने बस स्टैंड आया था, उसे सिंगर विकास कुमार ने दबोच लिया और बस स्टैंड पुलिस चौकी के हवाले कर दिया। आरोपी यूपी के सहारनपुर का रहने वाला है। पुलिस अब जांच कर रही है।सिर्फ एक अल्फाबेट के अंतर से उसने फर्जी आईडी बना रखी थी l
औद्योगिक नगरी में लगातार फर्जी फेसबुक आईडी से ठगी के मामले सामने आ रहे हैं । ठग शहर के व्यापारी ,दुकानदार को अपना शिकार बना रहे थे अब उन्होंने जाने -माने बॉलीवुड सिंगर को शिकार बनाया है । पानीपत में रहने वाले मशहूर सिंगर विकास की फर्जी आईडी से ठगी करने वाले सहारनपुर के युवक को खुद सिंगर ने काबू कर पुलिस के हवाले कर दिया l
सिंगर विकास कुमार बताते हैं कि बीते दो साल से उसके नाम से फेसबुक पर एक फर्जी आईडी बनी हुई थी। आईडी विकास कुमार सिंगर के नाम से बनी थी और हूबहू उसकी रियल फेसबुक आईडी की सारी जानकारियां कॉपी कर रखी थी। उसमें जानकारी के अलावा फोटो वो डाली गई थी, जो विकास की ओरिजनल फेसबुक आईडी में लगी थी। बस फर्क था तो सिर्फ इतना कि विकास की ओरिजनल फेसबुक आईडी में विकास कुमार सिंगर (सिंगर में ए एल्फाबेट लगा था) जबकि आरोपी की फर्जी आईडी में सिंगर में ई अल्फाबेट लगाया गया था। इसी फर्क के चक्कर में लोग उस आईडी पर फ्रैंड रिक्वेस्ट भेजकर फंस जाते थे। विकास का कहना है कि आरोपी उसे जानने वाले काफी लोगों से पैसे ऐंठ चुका है। विकास का आरोप है कि आरोपी युवक उसके हिसार के एक साथी से तो एप्पल का लैपटॉप और एप्पल वॉच तक ले चुका है।
विकास कुमार ने आरोपी को एक दूसरी फेसबुक आईडी से रिक्वेस्ट भेजी। उसने रिक्वेस्ट एक्सेप्ट करके मैसेंजर कर पैसे मांगने शुरू कर दिए। आरोपी ने बीमारी का बहाना बनाकर पैसे मांगे। विकास ने उसे कहा कि पैसे दे दूंगा, पानीपत बस अड्डे आ जा। विकास ने इसके लिए अपनी पत्नी की मदद ली और उसे फोन करवाया। आरोपी ने कहा कि मैं विकास बोल रहा हूं, पैसे लेने के लिए अपना एक आदमी भेज रहा हूं। विकास अपने साथियों के साथ पानीपत बस अड्डे पहुंच गया। जैसे ही आरोपी पहुंचा तो उसे दबोच लिया। पूछताछ में पता चला कि वह उत्तरप्रदेश के सहारनपुर का रहने वाला है
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2020/08/फर्जी-आईडी-बनाने-वाला-.jpg10741080Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2020-08-07 01:44:082020-08-07 01:44:47हरियाणवी सिंगर के नाम से फर्जी फेसबुक आईडी बनाकर पैसे ऐंठे वाला काबू
सुशांत सिंह राजपूत आत्महत्या मामले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI)को सौंप दी गई है.केंद्र सरकार की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि बिहार सरकार ने CBI जांच की सिफारिश की थी. केंद्र ने स्वीकार किया और जांच को CBI के हवाले कर दिया.
नई दिल्ली (ब्यूरो) – 05 अगस्त:
सुशांत सिंह राजपूत केस में बिहार सरकार ने मंगलवार को सीबीआई जांच की सिफारिश केंद्र को भेजी थी. अब केंद्र ने बिहार सरकार की ये सिफारिश मंजूर कर ली है. सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार के वकील ने बताया कि उन्होंने सुशांत केस की जांच सीबीआई को ट्रांसफर कर दी है. अब इस केस की सीबीआई जांच करेगी. बता दें, लंबे समय से सोशल मीडिया पर इस केस की सीबीआई से जांच कराने की मांग हो रही थी.
सुशांत केस की होगी सीबीआई जांच
केंद्र सरकार के वकील SG तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि मामले की जांच सीबीआई से कराने की बिहार सरकार की सिफारिश मान ली गई है. रिया की तरफ से वकील श्याम दीवान ने कहा है कि एसजी की तरफ से जो कहा गया, यहां वह मामला नहीं है, ऐसे में अदालत रिया की याचिका पर गौर करे. श्याम दीवान (रिया के वकील) ने सभी मामले पर रोक लगाने की मांग की. श्याम दीवान ने कहा कि एफआईआर ज्यूरिसडिक्शन के मुताबिक नहीं है. ऐसे में अदालत पूरे मामले पर रोक लगाए.
बिहार पुलिस मुंबई पहुंची और खुद जाकर पूछताछ करने लगी. जबकि उनके क्षेत्राधिकार में यह नहीं आता, जबकि मुंबई पुलिस पहले से पूरी कार्रवाई कर रही है. रिया के वकील श्याम दीवान ने कहा बिहार में दर्ज FIR को मुम्बई ट्रांसफर किया जाना चाहिए. श्याम दीवान ने दलील देते हुए कहा कि सुशांत की मौत के मामले में मुंबई पुलिस अब तक 59 लोगों की गवाही दर्ज कर चुकी है.
जस्टिस ऋषिकेश राय ने कहा कि सुशांत काफी टैलेंटेड और उभरते हुए कलाकार थे और उनकी रहस्यमयी तरीके से मौत हो जाना चौंकाने वाला है. जस्टिस ऋषिकेश राय ने कहा कि यह जांच का विषय है.
बता दें कि सुशांत सिंह राजपूत की 14 जून को मौत हो गई. उन्होंने फांसी लगाकर अपनी जान दे दी थी. सुशांत की मौत के बाद से हर कोई सीबीआई जांच की मांग कर रहा था.
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2020/08/5923-sushant-singh-rajput-death-police-case-filed-against-salman-khan-karan-johar-ekta-kapoor-sanjay-leel.jpg360640Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2020-08-05 07:01:012020-08-05 07:02:49सुशांत सिंह की मौत/ आत्म हत्या/ हत्या के मामले की जांच अब सीबीआई को
गुजरे जमाने की फेमस अदाकारा कुमकुम (Kumkum) का निधन हो गया है. वह 86 साल की थीं. बताया जा रहा है कि कुमकुम लंबे समय से बीमार चल रही थीं जिसके चलते उनके निधन हो गया. इस खबर के आने के बाद से बॉलीवुड में शोक की लहर है. उनके निधन पर मशहूर एक्टर जगदीप के बेटे नावेद जाफरी ने ट्वीट किया है. उन्होंने लिखा है, ‘हमनें एक और रत्न खो दिया. मैं बचपन से इन्हें जानता था. वह हमारे लिए परिवार थीं. एक अच्छी इंसान. भगवान आपकी आत्मा को शांति दे, कुमकुम आंटी.’
बॉलीवुड डायरेक्टर अनिल शर्मा ने भी उनके निधन पर ट्वीट किया है. उन्होंने लिखा, ‘कल की खूबसूरत और प्रतिभाशाली अभिनेत्री. जिन्होंने कई सुपरहिट फिल्में दीं, जिन्होंने बेहतरीन गाने दिए, आज उनका निधन हो गया, भगवान उनकी आत्मा को शांति दे, मेरी हार्दिक संवेदना. उनके परिवार के लिए प्रार्थना करें.’
अभिनेत्री कुमकुम ने अपने करियर में लगभग 115 फिल्मों में काम किया. उन्हें मिस्टर एक्स इन बॉम्बे (1964), ‘मदर इंडिया’ (1957), ‘सन ऑफ इंडिया’ (1962), ‘कोहिनूर’ (1960), ‘उजाला’, ‘नया दौर’, ‘श्रीमान फंटूश’, ‘एक सपेरा एक लुटेरा’ में शानदार अभिनय के लिए जाना जाता है. वह अपने दौर के कई स्टार्स के संग काम कर चुकी थीं, जिनमें किशोर कुमार और गुरु दत्त का भी नाम शामिल है.
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2020/07/kumkum-1.jpg341512Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2020-07-28 16:00:072020-07-28 16:02:06गुजरे जमाने की मशहूर अदाकारा कुमकुम का निधन वह 86 वर्ष की थीं
राष्ट्रीय महिला जागृति मंच के द्वारा तीज उत्सव बड़ी धूमधाम से मनाया गया मंच की चेयरपर्सन अंबिका जी ने भारत के विभिन्न राज्यों से सोलह सिंगार के साथ हरे भरे परिधान में मेहंदी लगाकर झूले में बैठकर अपनी फोटो भेजने के लिए प्रेरित किया। भारत के विभिन्न राज्यों से महिलाओं ने बड़े उत्साह के साथ इस प्रतियोगिता में भाग लिया, ट्राइसिटी से अमिता पवार ने स्टेट लेवल जीतकर जट्टी सा स्वैग टाइटल से सम्मानित किया गया। वो इसी मंच की पंचकूला से उपाध्यक्ष है ।
अमिता ने बहुत सुंदर परिधान में अपनी फोटो भेजी इसके साथ साथ उन्होंने तीज पर लोकगीत गाकर अपनी 1 मिनट की वीडियो भेजी जिससे कि उन्हें आगे नेशनल लेवल पर जाने का मौका मिला। नेशनल लेवल पर क्विज का प्रोग्राम था अमिता पवार को फर्स्ट रनर अप अवार्ड से सम्मानित किया गया। अवॉर्ड पाकरअमिता बहुत खुश हैं नेशनल लेवल पर जितना उनके लिए गर्व की बात है सभी ने अमिता पवार को हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई दी।
इस तरह की आयोजन देश की संस्कृति को बढ़ावा देते हैं और महिलाओं में आत्मबल प्रदान करते हैं सभी ने मंच की चेयरपर्सन अंबिका शर्मा जी को इस कार्य के लिए शुभकामनाएं दी
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2020/07/b8bb9988-c172-4bd1-ab4b-9ff610af7a7e.jpg8081080Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2020-07-24 09:58:422020-07-24 09:59:17राष्ट्रीय महिला जागृति मंच की पंचकूला उपाध्यक्ष अमिता पवार ने नेशनल लेवल पर फर्स्ट रनर अप खिताब जीता
जन्मदिवस पर विशेष: पंजाबी के विद्यापति ‘शिव कुमार बटालवि’
अमृता के ‘बिरह के सुल्तान’ लोक संस्कृति के पुरोधा भी हैं
शिव के गीत भारत पाकिस्तान में घर घर गली गली महफिल महफिल इस क़दर मशहूर हैं सभी आम – ओ – खास उनको लोक गीत ही समझकर गाते सुनते हैं लट्ठे दी चादर , ईक मेरी अख कासनी, जुगनी, म्धानियाँ हाय ओह … आदि जैसे गीत हमारी संस्कृति का हिस्सा ही नहीं बल्कि पंजाबी को द्निया में अहम स्थान दिलाने के श्रेय के भी अधिकारी है शिव पंजाब का विद्यापति है।
‘इक कुड़ी जिहदा नाम मोहब्बत गुम है’ उनकी शाहकार रचना में भावनाओं का उभार, करुणा, जुदाई और प्रेमी के दर्द का बखूबी चित्रण है।
शिव कुमार बटालवी के गीतों में ‘बिरह की पीड़ा’ इस कदर थी कि उस दौर की प्रसिद्ध कवयित्री अमृता प्रीतम ने उन्हें ‘बिरह का सुल्तान’ नाम दे दिया। शिव कुमार बटालवी यानी पंजाब का वह शायर जिसके गीत हिंदी में न आकर भी वह बहुत लोकप्रिय हो गया। उसने जो गीत अपनी गुम हुई महबूबा के लिए बतौर इश्तहार लिखा था वो जब फ़िल्मों तक पहुंचा तो मानो हर कोई उसकी महबूबा को ढूंढ़ते हुए गा रहा था
वे 1967 में वे साहित्य अकादमी पुरस्कार पाने वाले सबसे कम उम्र के साहित्यकार बन गये। साहित्य अकादमी (भारत की साहित्य अकादमी) ने यह सम्मान पूरण भगत की प्राचीन कथा पर आधारित उनके महाकाव्य नाटिका ‘लूणा’(1965) के लिए दिया, जिसे आधुनिक पंजाबी साहित्य की एक महान कृति माना जाता है और जिसने आधुनिक पंजाबी किस्सा गोई की एक नई शैली की स्थापना की।
शिव कुमार का जन्म 23 जुलाई 1936 को गांव बड़ा पिंड लोहटिया, शकरगढ़ तहसील (अब पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में) राजस्व विभाग के ग्राम तहसीलदार पंडित कृष्ण गोपाल और गृहिणी शांति देवी के घर में हुआ। भारत के विभाजन के बाद उनका परिवार गुरदासपुर जिले के बटाला चला आया, जहां उनके पिता ने पटवारी के रूप में अपना काम जारी रखा और बाल शिव ने प्राथमिक शिक्षा पाई। लाहौर में पंजाबी भाषा की क़िताबें छापने वाले प्रकाशक ‘सुचेत क़िताब घर’ ने 1992 में शिव कुमार बटालवी की चुनिंदा शायरी की एक क़िताब ‘सरींह दे फूल’ छापी.
5 फ़रवरी 1967 को उनका विवाह गुरदासपुर जिले के किरी मांग्याल की ब्राह्मण कन्या अरुणा से हुआ और बाद में दंपती को दो बच्चे मेहरबां (1968) और पूजा (1969) हुए। 1968 में चंडीगढ़ चले गये, जहां वे स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में जन संपर्क अधिकरी बने, वहीं अरुणा बटालवी पुंजाबी विश्वविद्यालय पटियाला के पुस्तकालयमें कार्यरत रहीं। आज शिव कुमार बटालवी का परिवार केनेडा में रहता है।
ग्रामीण क्षेत्रों मे रहने वाले किसानों ओर बाकी लोगों के संपर्क में आए ओर उन्हीं की बातें अपने लेखन में ढाली उनको जानने वाले लोग उनकी जीवन शैली और दिनचर्या के बारे में बताते हैं के वो राँझे की सी जिंदगी जीते थे वह ऐसे कवि थे जो कि अपनी रचना को स्वयं लयबद्ध करते थे।
बटालवी की नज्मों को सबसे पहले नुसरत फतेह अली खान ने अपनी आवाज दी. नुसरत ने उनकी कविता ‘मायें नी मायें मेरे गीतां दे नैणां विच’ को गाया था. इसके बाद तो जगजीत सिंह – चित्रा सिंह, रबी शेरगिल, हंस राज हंस, दीदार सिंह परदेसी और सुरिंदर कौर जैसे कई गायकों ने बटालवी की कविताएं गाईं. उस शायर के लिखे हुए गीत – अज्ज दिन चढ्या, इक कुड़ी जिद्दा नां मुहब्बत, मधानियां, लट्ठे दी चादर, अक्ख काशनी आदि आज भी न केवल लोगों की जुबां पर हैं बल्कि बॉलीवुड भी इन्हें समय समय पर अपनी फिल्मों को हिट करने के लिए यूज़ करता आ रहा है. नुसरत फतेह अली, महेंद्र कपूर, जगजीत सिंह, नेहा भसीन, गुरुदास मान, आबिदा, हंस राज हंस….
“असां ते जोबन रुत्ते मरना…” यानी “मुझे यौवन में मरना है, क्यूंकि जो यौवन में मरता है वो फूल या तारा बनता है, यौवन में तो कोई किस्मत वाला ही मरता है” कहने वाले शायर की ख़्वाहिश ऊपर वाले ने पूरी भी कर दी. मात्र छत्तीस वर्ष की उम्र में शराब, सिगरेट और टूटे हुए दिल के चलते 7 मई 1973 को वो चल बसे. लेकिन, जाने से पहले शिव ‘लूणा’ जैसा महाकाव्य लिख गये, जिसके लिए उन्हें सबसे कम उम्र में साहित्य अकादमी का पुरूस्कार दिया गया. मात्र इकतीस वर्ष की उम्र में. ‘लूणा’ को पंजाबी साहित्य में ‘मास्टरपीस’ का दर्ज़ा प्राप्त है और जगह जगह इसका नाट्य-मंचन होता आया है.
शिव को राजनीतिक चुनोतियों का भी सामना करना पड़ा उन्होने पंजाबी ओर हिन्दी को हिन्दू – सिक्ख में बँटते भी देखा ओर इस बात का पुरजोर विरोध भी किया, अपनी मातृभाषा को इस तरह बँटते देखना असहनीय था। लोगों के दोहरे व्यवहार और नकलीपन की वजह से उन्होंने कवि सम्मेलनों में जाना बंद कर दिया था. एक मित्र के बार-बार आग्रह करने पर वे 1970 में बम्बई के एक कवि सम्मलेन में शामिल हुए थे. मंच पर पहुँचने के बाद जब उन्होंने बोला तो पूरे हॉल में सन्नाटा छा गया. उन्होंने बोला कि आज हर व्यक्ति खुद को कवि समझने लगा है, गली में बैठा कोई भी आदमी कवितायें लिख रहा है. इतना बोलने के बाद उन्होंने अपनी सबसे प्रसिद्ध रचना ‘इक कुड़ी जिदा नाम मोहब्बत है, गुम है’ सुनाई. इस पूरे पाठ के दौरान हॉल में सन्नाटा बना रहा. सच कहा जाए तो शिव कुमार कभी दुःख से बाहर निकल ही नहीं पाए. उन्हें हर समय कुछ न कुछ काटता ही रहा.
एक साक्षात्कार के दौरान शिव ने कहा आदमी, जो है, वो एक धीमी मौत मर रहा है. और ऐसा हर इंटेलेक्चुअल के साथ हो रहा है, होगा.”
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2020/07/images-1.jpg278181Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2020-07-23 05:29:372020-07-23 07:32:35आज लोक गीत मान कर गाये जाते हैं शिव कुमार बटालावी के गीत
गुरु वहीं जो आपको जीना सिखा दे। और आपकी आपसे पहचान करा दे।
कविता
।। गुरु।।
गुरु वही जो अपने शिष्य को प्रकाश देता है । हर बुराई को दूर करता है नयी राह दिखाता है । जीवन के घोर अंधेरो मे प्रकाश बन कर आता है। गुरु वहीं जो अपने शिष्य को प्रकाश देता है। अज्ञान से महान ज्ञानी बनाए नई ऊर्जा और नया जीवन दे। नाम बढें जग मे यही कामना करता है हृदय से। गुरु वहीं जो अपने शिष्य को प्रकाश देता है। हीरे की तरह तराश दे मन मे एक विश्वास जगादे। आपकी आप से पहचान कराये और जीना सिखा दे। गुरु वहीं जो अपने शिष्य को प्रकाश देता है। सच और झूठ से साकार करा दे। हमेशा दिखाए सच्चा मार्ग वो एक अच्छा इंसान बना दे। गुरु वहीं जो अपने शिष्य को प्रकाश देता है। मुश्किलो से लड़कर आगे बढ़ जाओ वो इतना समझदार बना दे बताये जीत जाना ही सब कुछ नहीं हारक जीत जाने का हुनर सिखा दे। गुरु वहीं जो आपको जीना सिखा दे। और आपकी आपसे पहचान करा दे।
: अधिवक्ता भावना नागदा (अपने दादा,दादी मां -पिता गुरु को समर्पित)
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2020/07/guru-kavita.jpg7201280Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2020-07-17 15:06:152020-07-18 01:50:14।। गुरु।।
भारत-चीन बॉर्डर टेंशन के बीच भारत सरकार ने एक बड़ा फैसला लेकर चीन को झटका दिया है। भारत सरकार ने लोकप्रिय चीनी ऐप टिकटॉक समेत 59 चीनी ऐप पर प्रतिबंध लगा दिया है। जानकारी के अनुसार, इन चीनी ऐप से देश की निजता पर खतरा बताया जा रहा है।
टिकटॉक के अलावा हैलो, लाइकी और वीचैट पर भी बैन
सरकार ने कहा, देश की संप्रभुता और सुरक्षा को खतरा
नयी दिल्ली(ब्यूरो):
सरकार ने लोकप्रिय चीनी ऐप टिकटॉक समेत 59 चीनी ऐप पर प्रतिबंध लगा दिया है. इन चीनी ऐप से निजता की सुरक्षा का मामला माना जा रहा है. टिकटॉक के अलावा जिन अन्य लोकप्रिय ऐप को बैन का सामना करना पड़ा है उनमें शेयरइट, हैलो, यूसी ब्राउजर, लाइकी और वीचैट समेत कुल 59 ऐप भी शामिल हैं.
सरकार की ओर से जारी आदेश के अनुसार, सरकार उन 59 मोबाइल ऐप पर बैन लगा दिया जो भारत की संप्रभुता और अखंडता, भारत की रक्षा, राज्य की सुरक्षा और सार्वजनिक व्यवस्था के लिए पूर्वाग्रहपूर्ण थे.
सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम (IT Act) की धारा 69 ए के तहत सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के प्रावधानों के तहत इसे लागू करते हुए सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने (प्रोसिजर एंड सेफगार्ड्स फॉर ब्लॉकिंग ऑफ एक्सेस ऑफ इंफॉरमेशन बाई पब्लिक) नियम 2009 और खतरों की आकस्मिक प्रकृति को देखते हुए 59 ऐप पर प्रतिबंध लगा दिया है.
सरकार के अनुसार इन 59 ऐप्स को ब्लॉक करने का फैसला इसलिए लिया गया है क्योंकि उपलब्ध जानकारी के मद्देनजर वे उन गतिविधियों में लगे हुए हैं जो भारत की संप्रभुता और अखंडता, भारत की रक्षा, राज्य की सुरक्षा और सार्वजनिक व्यवस्था के लिए पूर्वाग्रहपूर्ण हैं.
सरकार की ओर से कहा गया कि डेटा सुरक्षा से जुड़े पहलुओं और 130 करोड़ भारतीयों की गोपनीयता की सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ गई थीं. हाल ही में यह ध्यान दिया गया है कि इस तरह की चिंताओं से हमारे देश की संप्रभुता और सुरक्षा को भी खतरा है.
LIST OF CHINESE APPS BANNED BY GOVT 1. TikTok 2. Shareit 3. Kwai 4. UC Browser 5. Baidu map 6. Shein 7. Clash of Kings 8. DU battery saver 9. Helo 10. Likee 11. YouCam makeup 12. Mi Community 13. CM Browers 14. Virus Cleaner 15. APUS Browser 16. ROMWE 17. Club Factory 18. Newsdog 19. Beutry Plus 20. WeChat 21. UC News 22. QQ Mail 23. Weibo 24. Xender 25. QQ Music 26. QQ Newsfeed 27. Bigo Live 28. SelfieCity 29. Mail Master 30. Parallel Space 31. Mi Video Call – Xiaomi 32. WeSync 33. ES File Explorer 34. Viva Video – QU Video Inc 35. Meitu 36. Vigo Video 37. New Video Status 38. DU Recorder 39. Vault- Hide 40. Cache Cleaner DU App studio 41. DU Cleaner 42. DU Browser 43. Hago Play With New Friends 44. Cam Scanner 45. Clean Master – Cheetah Mobile 46. Wonder Camera 47. Photo Wonder 48. QQ Player 49. We Meet 50. Sweet Selfie 51. Baidu Translate 52. Vmate 53. QQ International 54. QQ Security Center 55. QQ Launcher 56. U Video 57. V fly Status Video 58. Mobile Legends
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2020/06/CHINA-APP-BAN-.jpg422600Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2020-06-29 16:00:242020-06-29 16:01:18टिक टॉक सहित 59 चीनी ऐप बैन
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