नयी उम्मीदें जगा कर दतिया फ़िल्म महोत्सव सम्पन्न

माँ पीताम्बरा की विश्व प्रसिद्ध नगरी दतिया, मध्य प्रदेश  में 31 जनवरी से 1 फ़रवरी 2021 तक चलने वाले दतिया फ़िल्म महोत्सव का शुभारंभ  मध्य प्रदेश के गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा के मुख्य आतिथ्य में संपन्न हुआ। महोत्सव में फिल्म जगत से जुड़ी कई महत्तवपूर्ण हस्तियों ने शिरकत की। दतिया नगर वासियों के लिए ये गर्व का विषय है कि नगर के लोकप्रिय विधायक एवं मध्यप्रदेश के  गृह मंत्री के अथक प्रयासों से नगर का नाम हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है।

शमीम शेख, DF – दतिया :

गृह मंत्री जी के आदेश से डॉ. बालकृष्ण कुशवाहा द्वारा गहोई वाटिका में फिल्म महोत्सव का आयोजन कर बुंदेलखंड क्षेत्र के हर ज़िले से फ़िल्म कलाकारों को आमंत्रित कर गृहमंत्री जी द्वारा उनका सम्मान किया गया। साथ ही साथ  गृहमंत्री जी ने  बॉलीवुड के कलाकारों  और फिल्म महोत्सव के आयोजकों को ये भरोसादिलाया कि दतिया में वह सारी व्यवस्थाएं की जाएंगी जिससे दतिया के ऐतिहासिक जीवन को फिल्मी पर्दे पर बख़ूबी दर्शाया जा सके और स्थानीय कलाकारों के लिए इस तरह के आयोजन लगातार किए जाएंगे जिससे उन्हें अपनी कला का प्रदर्शन करने के अधिक अवसर प्राप्त हों। 

मुंबई से आए हुए कलाकारों में मुकेश बच्चन ( दूरदर्शन निदेशक, मुंबई)  आरिफ़ शहडोली ( सब टीवी चिड़िया घर फेम) , अज़ीम शेख़( सोनी टीवी क्राइम पेट्रोल- सी आई डी फेम)  , देवदत्त बुधौलिया (फिल्म धड़कोला, भू माफिया फेम), अभिनेत्री शालू गोस्वामी , गीतकार दुष्यंत कुमार, आदित्य एन शर्मा, टीवी शो सब झोल झाल है के  निर्देशक परेश मसीह,अभिनेता नीतेश सिंघल ,शरद सिंह, आलोक त्रिपाठी, राजेंद्र सिंह पटेल आदि ने नव कलाकारों का मार्गदर्शन किया। मुकेश बच्चन ने जहां एक ओर स्टानिस्लावस्की और मेइस्नर के अभिनय सिद्धांतों की व्याख्या की, वहीं दूसरी ओर क्राइम पेट्रोल अभिनेता अज़ीम शेख़ ने अपनी दमदार संवाद द्वारा  सहज अभिनय के महत्त्व पर ज़ोर दिया। रंगकर्मी अभिनेता आरिफ़ शहडोली और देवदत्त बुधौलिया ने फिल्म और नाटक की अभिनय विधा के महत्त्वपूर्ण अंतर पर प्रकाश डाला । महोत्सव में आरीफ शहडोली द्वारा संकलित बुन्देलखण्ड फ़िल्म उद्योग निर्देशिका का विमोचन भी हुआ जिसकी सहायता से बुन्देलखण्ड के कलाकारों को भविष्य में आवश्यकता होने पर संपर्क किया जा सकेगा ।


महोत्सव का मुख्य आकर्षण रही निर्देशक – लेखक अवि संधू निर्देशित एवं अज़ीम शेख़, सिराज आलम, नईम शेख़ अभिनीत लघु फ़िल्म ‘ शिकार ‘।गृहमंत्री जी द्वारा फ़िल्म शिकार के पोस्टर लॉच के बाद आयोजकों द्वारा फिल्म शिकार का प्रदर्शन किया गया।  जिसके लिए निर्देशक अवि संधू को सर्वश्रेष्ठ निर्देशक के पुरस्कार से सम्मनित किया गया।

गृहमंत्री जी ने सभी कलाकारों को उनके आने वाले प्रोजेक्ट के लिए शुभकामनाएं दी।

Sector-1 College organises Talent Hunt-2021

‘Purnoor’ Korel, Panchkula, February 4,2021:

A two days talent hunt organised by Deptt of Youth and cultural Affairs of Govt PG College of Sector-1 College was concluded today.In the event students participated in cultural and literary items.

Principal Dr. Archana Mishra in her address said that Sector-1 College is always commited to explore and promote hidden talents of its students. She called up students to actively participate in co-curricular activities.

On the first day of the event students showcased their skills in literary items like poetry,speech,quiz and declamation.
The second day of the event was dedicated to cultural items. The students participated in instrumental and vocal music, dance, mono-acting, mimicry etc.


Shubham,Sakeel and Anshuman grabbed Ist , second and third position in instrumental music. Deeksha from BSc.Ist year, stood first in singing where as Pooja from MA IInd year stood first in dancing.Subham from BMC IInd achieved first position in mimicry.


Youth Welfare Department of KUK rewarded with prize money to the winner students.Prof Jitender Arya, Incharge, Youth and Cultural Affairs said that students selected through Talent Hunt would participate in various events in Zonal Youth festival being organised on 16th to 18th February in Labana Girls College, Ambala.As many as 100 students showcased thier talents during the event.

Dr. Poonam, Dr. Taraana, Dr. Seema, Anita Hooda, Viney Chaudhary, Vineeta Prof Jainarayan were the organising committee if the event.

Police Files, Chandgarh – 09 December

‘Purnoor’ Korel, CHANDIGARH – 09.12.2020

One arrested under Arms act

Chandigarh Police arrested Anit @ Anna R/o # 130, Village Sarangpur, Chandigarh (age 21 years) driver of bullet motorcycle No. PB27E-1899 and recovered 1 sharp knife from his possession at naka near light point, inner road Mullanpur to Dhanas, Chandigarh on 08.12.2020. A case FIR No. 140, U/S 25-54-59 Arms Act has been registered in PS-Sarangpur, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.

One arrested under NDPS Act

Chandigarh Police arrested Paramjit Singh R/o # 243, Village Dadumajra, Chandigarh (Age 36 years) and recovered 1 Kg poppy husk from his possession near transport area, Sector 26, Chandigarh on 08.12.2020 . A case FIR No. 182, U/S 15 NDPS Act has been registered in PS-26, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.

MV Theft

          Rinku R/o # 1181, Sector 25, Chandigarh reported that unknown person stole away complainant’s Apache Motorcycle No. CH01BP2919 parked near # 1205, Sector-25, Chandigarh. A case FIR No. 142, U/S 379 IPC has been registered in PS-11, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.

          Monty R/o # 3388, Green City, Village Machiwara, Distt. Ludhiana (PB) reported that unknown person stole away complainant’s Pulsar Motorcycle No. PB43E6540 parked at the backside of New OPD, PGI, Chandigarh on 04.12.2020. A case FIR No. 143, U/S 379 IPC has been registered in PS-11, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.

Dowry

A lady resident of Chandigarh alleged that her husband & others resident of Panchkula (HR) harassed the complainant to bring more dowry. A case FIR No. 88, U/S 406, 498A IPC has been registered in PS-Women, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.

A lady resident of Chandigarh alleged that her husband & others resident of Distt. Ropar (PB) harassed the complainant to bring more dowry. A case FIR No. 89, U/S 406, 498A IPC has been registered in PS-Women, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.

A lady resident of Chandigarh alleged that her husband resident of Panchkula (HR) harassed the complainant to bring more dowry. A case FIR No. 90, U/S 406, 498A IPC has been registered in PS-Women, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.

Rioting

A case FIR No. 235, U/S 147, 148, 149, 186, 332, 353, 269, 270 IPC, Section 3 of the prevention of damage to public property Act 1984 and Section 3 of the Epidemic Disease Act 1897 has been registered in PS-34, Chandigarh against Kripal Singh, Pratik Singh, Mehar Singh, Kulwinder Singh, Ladi Pannu, Rambir Singh, Gurnam Singh, Sukh khurd, Balwant Singh, Kulbir Singh and others who pelted stones, obstructed govt. duty, damaged public property and violated the guidelines of COVID-19 and orders of DM, UT, Chandigarh near Gurudwara Sahib, Sector-34, Chandigarh on 09.12.2020. Investigation of the case is in progress.

किसान आंदोलन की आड़ में दिल्ली दहलाने की साजिश, पाँच गिरफ्तार

किसान आंदोलन और आठ  दिसंबर को बुलाये गये भारत बंद से पहले दिल्ली पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है. खबर है कि पुलिस ने लक्ष्मीनगर के शकरपुर इलाके से पांच आतंकियों को धर दबोचा है.  दिल्ली पुलिस के अनुसार, नारको टेररिज्म से जुड़े पांचों संदिग्धों का पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई इस्तेमाल कर रही थी.

नयी दिल्ली(ब्यूरो):

भारत में ISI अब खालिस्तानी कट्टरपंथियों और जम्मू-कश्मीर के इस्लामी आतंकियों का गठजोड़ बनाकर भारत को अस्थिर करने की साजिश पर काम कर रहा है। दिल्ली पुलिस ने शकरपुर से 5 खालिस्तानी-कश्मीरी आतंकियों की गिरफ़्तारी के बाद ये खुलासा किया है। आतंकियों के पास से बड़ी मात्रा में खतरनाक हथियार और ड्रग्स बरामद किए गए हैं।

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के डिप्टी कमिश्नर (DCP) प्रमोद कुशवाहा ने कहा कि गुप्त सूचनाओं के आधार पर इन 5 आतंकियों को गिरफ्तार किया गया। इनमें से 2 खालिस्तानी और 3 कश्मीरी हैं। इनके पास से 3 पिस्टल, 2 किलो हेरोइन और 1 लाख रुपए जब्त किए गए हैं। कुशवाहा ने बताया कि ISI अब खालिस्तानी अभियान को कश्मीरी जिहाद से जोड़ रहा है, ये स्पष्ट हो गया है। ये भारत को अस्थिर करने की साजिश है।

जिन 2 पंजाबी आतंकियों को गिरफ्तार किया गया है, वो शौर्य चक्र अवॉर्ड विजेता बलविंदर सिंह की हत्या में शामिल थे। उनके आका का नाम सुख बिहारीवाल है, जो गल्फ मुल्कों में रहता है और वहीं से भारत के खालिस्तानी आतंकियों को निर्देशित करता है। बलविंदर सिंह आतंक के खिलाफ एक प्रमुख आवाज़ थे। उन पर न जाने कितने ही हमले किए गए थे। अक्टूबर 2020 में पंजाब के तरनतारन जिले में उनकी हत्या कर दी गई थी।

बलविंदर सिंह ने कई दशकों तक आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी। दिल्ली पुलिस ने बताया है कि गुरजीत सिंह और सुखदीप सिंह इससे पहले भी कई आपराधिक मामलों में शामिल रहे हैं। पुलिस ने बताया है कि पाकिस्तान से ऑपरेट किए जा रहे कई गैंगस्टर्स के साथ उनके सम्बन्ध हैं। शब्बी अहमद, अयूब पठान और रियाज़ का आतंकी संगठन हिज़्बुल मुजाहिद्दीन से स्पष्ट जुड़ाव सामने आया है।

ये तीनों हिज्बुल मुजाहिद्दीन के ‘ओवर ग्राउंड वर्कर्स (OGW)’ हैं, जिसका पूरा सेटअप पाक अधिकृत कश्मीर (POK) में है। यानी, पुलिस का कहना है कि इस पूरे मामले के दो कंपोनेंट्स हैं- पंजाबी गैंगस्टर्स और कश्मीरी आतंकी। पंजाबी गैंगस्टर कॉम्पोनेन्ट को टारगेट को मारने में और कश्मीरी कॉम्पोनेन्ट को आतंकी फंडिंग और ड्रग्स के नेटवर्क में इस्तेमाल किया जाता है। इन दोनों के बीच सेतु का काम कर रही है पाकिस्तान की ISI।

पंजाब पुलिस बलविंदर सिंह की हत्या की जाँच कर रही है। उसने इस बात की पुष्टि की है कि आज दिल्ली पुलिस द्वारा जब्त किए गए हथियारों का इस्तेमाल ही उस हत्याकांड में किया गया था। हालाँकि, इस प्वाइंट पर अभी और जाँच होगी। पुलिस ने बताया कि इस गठजोड़ के दो उद्देश्य थे – पहला, समाज में सांप्रदायिक अशांति पैदा करना और दूसरा, आतंकवाद के खिलाफ खड़े होने वाले लोगों को हतोत्साहित करना।

दिल्ली में ‘किसान आंदोलन’ चल रहा है और इसकी आड़ में खालिस्तानी ताकतें फिर से सिर उठा रही हैं। इन 5 आतंकियों को गिरफ्तार किए जाने से पहले दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के साथ इनकी मुठभेड़ भी हुई। दोनों तरफ से गोलीबारी के बाद इन्हें धर-दबोचा गया। पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी संगठन और इसके इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) की नई साजिश है कि अब जम्मू कश्मीर के साथ-साथ पंजाब के रास्ते चीन के ड्रोन्स के माध्यम से खतरनाक हथियार व अन्य दहशत का साजो-सामान भेजा जाए।

एकता कपूर पर चलेगा मुक़द्दमा, प्राथमिकी निरस्त करने की याचिका खारिज

“उच्च न्यायालय ने कहा, “शारीरिक अंतरंगता और अश्लीलता के प्रदर्शन की स्वीकार्य सीमाएं हैं,” के बीच हमेशा एक पतली रेखा होती है।

इंदौर. 

फिल्म निर्माता निर्देशक एकता कपूर के खिलाफ मध्य प्रदेश के इंदौर में मुकदमा चलेगा. हाई कोर्ट ने एकता कपूर को राहत देने वाली याचिका खारिज कर दी है. अश्लील वेब सीरीज चलाने व भारतीय सेना के अपमान को लेकर एफआईआर दर्ज की गई थी. इस एफआईआर में धार्मिक भावनाएं भड़काने और राष्ट्रीय प्रतीक के अपमान की धाराएं भी लगाई गईं थीं. इंदौर के अन्नापूर्णा पुलिस थाने में एकता के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.

हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ से एकता कपूर को राहत नहीं मिली है. हाई कोर्ट ने इंदौर के अन्नापूर्णा पुलिस थाने में दर्ज एफआइआर निरस्त करने से इन्कार कर दिया है. हालांकि कोर्ट ने मामूली राहत देते हुए एफआइआर में से धार्मिक भावना भड़काने और राष्ट्रीय चिन्ह के अपमान की धाराओं को कम करने को कहा है. इंदौर निवासी वाल्मीकि शकरगाए ने 5 जून 2020 को अन्नापूर्णा पुलिस थाने में एकता कपूर के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी.

इसलिए कराई एफआईआर

एफआईआर में कहा गया था कि एकता कपूर निर्माता-निर्देशक हैं. उनकी कंपनी आल्ट बालाजी सोशल मीडिया पर ट्रिपल एक्स वेब सीरीज चलाती है. इस कंपनी की वेब सीरीज में अश्लीलता परोसी जा रही है और सेना का अपमान किया जा रहा है. एक एपीसोड में दिखाया गया कि पुरुष किरदार भारतीय सेना जैसी वर्दी पहने था और एक महिला पात्र उसकी वर्दी फाड़ रही है. शिकायत पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने एकता के खिलाफ केस दर्ज कर लिया था, जिसमें पुलिस ने अश्लीलता परोसने, धार्मिक भावनाएं भड़काने और राष्ट्रीय प्रतीक के अपमान की धाराएं लगाईं थीं.

एकता की ओर से लगाई गई थी याचिका

इस एफआईआर को निरस्त करने के लिए एकता कपूर ने हाई कोर्ट में याचिका लगाई थी. उनकी तरफ से कहा गया था कि वेब सीरीज में कुछ भी आपत्तिजनक नहीं है. जांच और पक्ष सुने बगैर पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है. इसे निरस्त किया जाना चाहिए. जिस वेब सीरीज में अश्लीलता दिखाने का आरोप है, वे उसकी निर्माता-निर्देशक नहीं हैं. उन्होंने निर्माता को सिर्फ ओटीटी प्लेटफॉर्म उपलब्ध करवाया था. शिकायतकर्ता और पुलिस की ओर से कहा गया कि ओटीटी प्लेटफॉर्म पर आपत्तिजनक और अश्लील सामग्री भी बगैर संपादित पेश की जा रही है. इसलिए निर्माता निदेशकों पर कठोर कार्रवाई जरूरी है.

कोर्ट ने सुरक्षित रखा था फैसला

हाई कोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद करीब महीने भर पहले फैसला सुरक्षित रख लिया था और बुधवार को जस्टिस सतीशचंद्र शर्मा, जस्टिस शैलेंद्र शुक्ला की खंडपीठ ने विस्तृत फैसला सुनाया और एकता की याचिका खारिज कर दी. पुलिस की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता पुष्यमित्र भार्गव ने पैरवी की. उन्होंने बताया कि कोर्ट ने एकता को मामूली राहत देते हुए एफआईआर में से धार्मिक भावना भड़काने और राष्ट्रीय प्रतीक के अपमान की धाराएं कम करने को कहा है.

अब सूचना-प्रसारण मंत्रालय के अंतर्गत आएंगे सभी ऑनलाइन न्यूज और OTT प्लेटफॉर्म : प्रकाश जावडेकर

मोदी सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है, जिसके तहत अब ऑनलाइन न्यूज पोर्टलों, ऑनलाइन कंटेंट प्रोवाइड, OTT प्लेटफॉर्म सभी सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अंतर्गत आएंगे। इसके लिए बकायदा सरकार ने अधिसूचना जारी कर दी है। ऑनलाइन कंटेंट प्रोवाइडर्स को लेकर लंबे समय से सरकार विचार कर रही थी। सुप्रीम कोर्ट में एक मामले की सुनवाई के दौरान भी सरकार ने इस बात की वकालत की थी कि ऑनलाइन माध्यमों का नियमन टीवी से ज्यादा जरूरी है। अब कंटेंट्स बच्चों के देखने लायक नहीं हैं तो उन्हें अलग से क्लसिफाई करना पड़ेगा और स्पष्ट रूप से बताना होगा कि कौन से कंटेंट किस कैटेगरी में आते हैं। प्रिंट या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की तरह इनके लिए भी नियम-कायदे होंगे। हालाँकि, ये किस तरह का होगा – ये कुछ दिनों में स्पष्ट होगा। फ़िलहाल तो ये OTT प्लेटफॉर्म्स I&B मंत्रालय के अंतर्गत लाए गए हैं।

नयी दिल्ली(ब्यूरो):

मान लीजिए कि आप टीवी पर बैठ कर कुछ देख रहे हैं और आपका पूरा परिवार आपके साथ बैठा हुआ है, अचानक से माँ-बहन की गालियाँ दी जानी लगे और पोर्न चालू हो जाए? डिजिटल कंटेंट प्लेटफॉर्म्स ने कुछ ऐसा ही माहौल बना दिया था। OTT प्लेटफॉर्म्स के साथ यही समस्या थी। हर वो चीज जो टीवी पर नहीं आ सकती या सिनेमा हॉल्स में नहीं दिखाई जा सकती, उन्हें वहाँ दिखाया जा रहा था। अब वो ऑनलाइन न्यूज़ पोर्टल्स के साथ-साथ I&B मंत्रालय के अंतर्गत आ गए हैं।

एकता कपूर के प्लेटफॉर्म ‘ऑल्ट बालाजी’ पर भी एक बी-ग्रेड शो ‘गन्दी बात’ आई थी, जिसमें अश्लीलता के अलावा कुछ था ही नहीं और इसके सहारे एक तरह से पोर्नोग्राफी को मुख्यधारा में लाया जा रहा था। इसमें महाराणा प्रताप के घोड़े चेतक के नाम का आपत्तिजनक रूप से इस्तेमाल किया गया था। ये बस एक उदाहरण है, ‘पाताल लोक’ और ‘मिर्जापुर’ से लेकर ‘आश्रम’ तक, ऐसी चीजें लगातार होती रही हैं।

क्यों ज़रूरी था OTT प्लेटफॉर्म्स का नियंत्रण?

अब तक जितने भी वेब सीरीज आए हैं, उनमें कहानी जो भी हो लेकिन अश्लीलता ठूँसने पर पूरा जोर लगाया गया। उनके ऊपर किसी का नियंत्रण नहीं था। उन्हें किसी सेंसर बोर्ड से प्रमाण-पत्र नहीं लेना था। सेक्स और गालियों का मिश्रण कर के कुछ भी बना दिया, जिसे बच्चे भी देख रहे हैं। ऐसा कुछ तो है नहीं, जिससे बच्चों को ऐसे हानिकारण कंटेंट्स देखने से रोका जा सके। हर किसी का एक्सेस था ही, लॉगिन करो और देखो।

इंटरनेट पर एक से एक सामग्रियाँ उपलब्ध हैं। अगर किसी वेबसाइट को प्रतिबंधित कर दिया जाता है तो फिर VPN की मदद से या अन्य तरीकों से उसे देखने के कई माध्यम हैं। लेकिन, सामस्य ये थी कि अमेज़न, हॉटस्टार, एमएक्स प्लेयर, ऑल्ट बालाजी और नेटफ्लिक्स जैसे बड़े ब्रांड्स ऐसी-ऐसी सामग्रियों को मुख्यधारा में जोड़ कर उसका समान्यीकरण कर रहे थे, जो भद्दे और अश्लील होते हैं और महिलाओं के लिए भी अपमानजनक होते हैं।

हाल ही में रिलीज हुई कई वेब सीरीज में इसका उदाहरण भी देखा गया था, जिनमें न सिर्फ हिन्दूफोबिया को जम कर बढ़ावा दिया गया, बल्कि सेक्स दृश्यों और माँ-बहन की गालियों को ही फोकस में रखा गया। महिलाओं के अधिकारों के लिए आवाज़ उठाने वालों ने भी महिलाओं के लिए लगातार आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग करने वाले इन वेब सीरीज पर चुप्पी साधे रखी। जो मन बना दो, परोस दो और पहुँच टीवी-सिनेमा से भी ज्यादा।

इससे पहले ‘इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया’ एक सेल्फ-रेगुलेशन कोड लेकर आया था, जिसे सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने नकार दिया था। इस पर 15 OTT प्लेटफॉर्म्स ने हस्ताक्षर कर के सेल्फ-रेगुलेशन की बात की थी। चूँकि सरकार ने भी सेल्फ-रेगुलेशन की बात कहते हुए सेंसरशिप की व्यवस्था को नकार दिया था, इन प्लेटफॉर्म्स ने उम्र की सीमाओं, कंटेंट के बारे में पूरी जानकारी और एक्सेस कंट्रोल सहित कई मुद्दों पर पारदर्शी बनने की बात कही थी।

केंद्रीय IB मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने की थी सेल्फ-रेगुलेशन की बात

हाल ही में केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से एक साक्षात्कार में उनसे इस विषय में सवाल पूछे गए थे। केंद्रीय मंत्री से जब पूछा गया कि डिजिटल मीडियम में फिलहाल किस तरह की चुनौतियाँ हैं? तो उन्होंने इसका जवाब देते हुए कहा था कि यह बहुत ही महत्वपूर्ण पहलू है और उनका मानना है कि डिजिटल मीडिया खुद ही इसे सेल्फ रेग्युलेट करे, लेकिन अगर उन्हें मदद चाहिए, तो वो मदद करने के लिए भी तैयार हैं। उन्होंने आगे कहा था:

केंद्र सरकार ने तो इन प्लेटफॉर्म्स को कई बार मोहलत दी। मार्च 2020 की शुरुआत में ही उन्हें एक संस्था बना कर ‘कोड ऑफ कंडक्ट’ तैयार करने के लिए 100 दिनों का समय दिया गया था। नई दिल्ली में 45 मिनट तक चली बैठक में इन प्लेटफॉर्म्स ने ‘डिजिटल कंटेंट कंप्लेंट काउंसिल (DCCC)’ का हिस्सा बनने से इनकार कर दिया था और अमेज़न प्राइम ने तो ऐसे किसी भी विचार पर आपत्ति भी जताई थी

ऐसा नहीं है कि इससे पहले सरकार ने उन्हें नियम-कायदे बनाने को नहीं कहा था। अक्टूबर 2019 में भी प्रकाश जावड़ेकर ने उन्हें टोका था और कहा था कि वो खुद से अपने टर्म्स लेकर आएँ, जिस पर सब एकमत हो सकें। DCCC का गठन कर कर के फ़रवरी 2019 में रिटायर्ड जज एपी शाह को उसका अध्यक्ष बनाया गया था। मंत्री का सीधा कहना है था जो चीजें परिवार साथ में देखता है, उन्हें नियंत्रित किया जाना आवश्यक है।

इन प्लेटफॉर्म्स की खासियत ये है कि इसका इस्तेमाल कर के सरकारी योजनाओं और कानूनों को गलत रूप में पेश किया जा सकता है। चाइल्ड पोर्नोग्राफी को बढ़ावा मिलता है और महिलाओं का अपमान किया जाता है। एक खास नैरेटिव बनाने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है। धार्मिक भावनाओं को आहत करने और राष्ट्रीय प्रतीक चिह्नों का अपमान किया जाता है। और आजकल तो कॉमेडी शो भी खास एजेंडे के तहत इस पर डाले जाते हैं।

असल में इससे पहले जो सेल्फ-रेगुलेटरी मैकेनिज्म बनाया गया था, उसमें प्रतिबंधित कंटेंट्स को लेकर कोई क्लासिफिकेशन नहीं था, ऐसा सरकार का मानना था। इनके संगठनों में मात्र एक स्वतंत्र सदस्य थे, जो जाहिर है कि माइनॉरिटी में होता। फिर तो सब कुछ वैसे ही चलता, जैसे चलता आ रहा था। इसीलिए, अब उनका सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अंतर्गत आने से प्रतिबंधित कंटेंट्स के प्रसारण को रोकने में मदद मिलेगी।

सोमवार (नवंबर 9, 2020) को ही केंद्र सरकार ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हस्ताक्षर वाला गैजेट नोटिफिकेशन जारी किया, जिसमें बताया गया है कि सभी OTT प्लेटफॉर्म्स अब I&B मंत्रालय के अंतर्गत आ गए हैं। अभी तक इन कंटेंट्स के नियंत्रण के लिए न कोई ऑटोनोमस बॉडी है और न ही कोई क़ानून है। मीडिया के लिए PCI है और सिनेमा के लिए सेंसर बोर्ड, लेकिन ये अब तक खुले ही बेलगाम घूम रहे थे।

अब सवाल है कि आगे क्या? अब सरकार इन कंटेंट्स को नियंत्रित करने के लिए दिशा-निर्देश जारी करेगी और उन्हें इसका पालन करना पड़ेगा। अब कंटेंट्स बच्चों के देखने लायक नहीं हैं तो उन्हें अलग से क्लसिफाई करना पड़ेगा और स्पष्ट रूप से बताना होगा कि कौन से कंटेंट किस कैटेगरी में आते हैं। प्रिंट या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की तरह इनके लिए भी नियम-कायदे होंगे। हालाँकि, ये किस तरह का होगा – ये कुछ दिनों में स्पष्ट होगा। फ़िलहाल तो ये OTT प्लेटफॉर्म्स I&B मंत्रालय के अंतर्गत लाए गए हैं।

एक दिवाली पंचगव्यों वाली

 दीपावली पर चीन निर्मित उत्पादों का बहिष्कार सुनिश्चित करने और गाय के गोबर से निर्मित दीयों और भगवान गणेश एवं लक्ष्मी की प्रतिमाओं सहित अन्य सामग्रियों के उपयोग को प्रोत्साहित करने के लिए राष्ट्रीय कामधेनु आयोग ने सोमवार को‘‘कामधेनु दीपावली अभियान’’ चलाने की घोषणा की। आयोग के अध्यक्ष वल्लभ भाई कथीरिया ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि ‘गोमय गणेश अभियान’ की सफलता से उत्साहित होकर आयोग ने ‘गोमय दीपक’ को लोगों के बीच लोकप्रिय बनाने के लिए यह अभियान चलाने का संकल्प लिया है।

नई दिल्ली:

राष्ट्रीय कामधेनु आयोग ने इस साल दीपावली के अवसर पर ‘कामधेनु दीपावली अभियान’ मनाने का अभियान शुरू किया है। इस अभियान के माध्यम से, आयोग दिवाली महोत्सव के दौरान गाय के गोबर और पंचगव्य उत्पादों के उपयोग को बढ़ावा दे रहा है। गोबर आधारित दीयों, मोमबत्तियों, धूप, अगरबत्ती, शुभ-लाभ, स्वस्तिक, स्मरणी, हार्डबोर्ड, वॉल-पीस, पेपर-वेट, हवन सामग्री, भगवान गणेश और देवी लक्ष्मी की मूर्तियों का निर्माण पहले ही शुरू हो चुका है। आयोग के अध्यक्ष डॉ. वल्लभ भाई कथीरिया ने सोमवार को राष्ट्रीय मीडिया सेंटर में प्रेस कांफ्रेंस कर कामधेनु दीपावली अभियान के बारे में जानकारी दी।

गावों विश्वास्य मातर:

नयी द्ल्लि (ब्यूरो):

राष्ट्रीय कामधेनु आयोग का लक्ष्य इस वर्ष दीपावली त्योहार के दौरान 11 करोड़ परिवारों में गाय के गोबर से बने 33 करोड़ दीयों को प्रज्‍जवलित करना है। अब तक प्राप्त प्रतिक्रिया बहुत उत्साहजनक है। लगभग 3 लाख दीयों को अयोध्या में ही प्रज्वलित किया जाएगा और 1 लाख दीये वाराणसी में जलाए जाएंगे। हजारों गाय आधारित उद्यमियों को व्यवसाय के अवसर पैदा करने के अलावा, गाय के गोबर से बने उत्पादों के उपयोग से स्वच्छ और स्वस्थ वातावरण भी मिलेगा। यह गौशालाओं को आत्मनिर्भर बनाने में भी मदद करेगा। यह अभियान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मेक इन इंडिया की परिकल्पना और अभियान को बढ़ावा देगा। इससे पर्यावरण को नुकसान रोकने में मदद मिलेगी।

राष्ट्रीय कामधेनु आयोग ने प्रधानमंत्री की अपील पर इस साल गणेश महोत्सव के लिए भगवान गणेश की मूर्तियों के निर्माण में पर्यावरण के अनुकूल सामग्री का उपयोग करने के लिए सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्मों पर एक राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू किया था।

राष्ट्रीय कामधेनु आयोग (आरकेए) का गठन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से गायों और गौवंश के संरक्षण, सुरक्षा और विकास तथा पशु विकास कार्यक्रम को दिशा प्रदान करने के लिए किया गया है। मवेशियों से संबंधित योजनाओं के बारे में नीति बनाने और कार्यान्वयन को दिशा प्रदान करने के लिए आरके एक उच्चशक्ति वाला स्थायी निकाय है, ताकि आजीविका उत्पादन पर अधिक जोर दिया जा सके। पशुधन अर्थव्यवस्था का निर्माण ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग 70.3 लाख घरों में होता है

‘फिल्म बंधु’ की तैयारियों ने ज़ोर पकड़ा

ऐसा कहा जा रहा है की जो युवा उत्तर क्षेत्र से मुंबई की ओर जाता है अपने स्पाने साकार करने उसको उसको यह ऊँची नाक वाले मुम्बैअंस….. स्वीकार नही करते जिस वजह से यह युवा खुद को अकेला महसूस करता है……. और इस बात का उदहारण सुशांत सिंह राजपूत को रखा जा रहा है। फिल्मी दुनिया में सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में मचे तूफान के बीच यूपी में फिल्म सिटी बनाए जाने को लेकर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बॉलीवुड के तमाम अहम चेहरों और फिल्म प्रोड्यूसरों के साथ महत्वपूर्ण बैठक की और इस बैठक के बाद ऐलान किया कि ग्रेटर नोएडा में फिल्म सिटी का निर्माण होगा। अब देखना यह होगा की हिन्दी पट्टी के नाम पर यह एक क्षेत्रीय सिनेमा न बन कर रह जाये।

  • नोएडा फ़िल्मसिटी का निर्माण ……..
  • फ़िल्म उद्योग क्षेत्र में न बने क्षेत्रीय मत भेद के लिए जरिया…..

कोरल ‘पुरनूर’, चंडीगढ़ – 22 सितंबर

उत्तर प्रदेश (यूपी) के नोएडा में फिल्म सिटी के निर्माण के लिए कवायद तेज हो गई है और इसके लिए ख़ुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहल कर रहे हैं। इसी क्रम में उन्होंने अपने लखनऊ स्थित सरकारी आवास से ही भारतीय फिल्म इंडस्ट्री के कलाकारों से बातचीत की, जिनमें कई फिल्म निर्देशक, अभिनेता-अभिनेत्री और संगीतकार शामिल थे। सीएम योगी ने इस दौरान फिल्म सिटी को लेकर सभी की राय जानी और सभी को काफी ध्यान से सुना।

इस बैठक में सुपरस्टार रजनीकांत की बेटी सौंदर्या, फिल्म निर्देशक विवेक अग्निहोत्री, अभिनेता अनुपम खेर व परेश रावल, गायक अनूप जलोटा, कैलाश खेर व उदित नारायण और गीतकार मनोज मुंतसिर शामिल थे। इस बैठक में वरिष्ठ वयोवृद्ध कहानीकार के विजयेंद्र प्रसाद भी शामिल हुए, जिन्होंने ‘बाहुबली’, ‘बजरंगी भाईजान’ और ‘मणिकर्णिका’ जैसी सुपरहिट फिल्मों की कहानियाँ लिखी हैं। वो देश के सबसे बड़े निर्देशकों में से एक एसएस राजामौली के पिता हैं।

फिल्म उद्योग से जुड़े विनोद बच्चन और ‘तान्हाजी’ के निर्देशक ओम राउत भी इस बैठक में शामिल हुए। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इन दिग्गज फ़िल्मी हस्तियों ने सीएम योगी के समक्ष अपनी बात रखी, जो अधिकारियों की पूरी टीम के साथ उनलोगों को सुन रहे थे। बताते चलें कि नोएडा, यमुना एक्सप्रेस-वे अथॉरिटी और ग्रेटर नोएडा प्रशासन की तरफ से सीएम योगी को जमीन की उपलब्धता का पूरा ब्यौरा भेज दिया गया है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सभी सम्बद्ध लोगों से राय लेकर ये तय करेंगे कि इन तीनों स्थलों में से फिल्म सिटी के निर्माण कहाँ किया जाए। मुंबई सहित सभी फिल्म इंडस्ट्री के कलाकारों ने इस घोषणा का स्वागत किया है। मंगलवार (सितम्बर 22, 2020) को हुई बैठक में राजू श्रीवास्तव भी मौजूद रहे। उत्तर प्रदेश में फिल्म सिटी के निर्माण से हिंदी पट्टी को ज्यादा प्रमुखता मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।

सतीश कौशिक ने कहा कि ज्यादा से ज्यादा सिनेमा हॉल्स बनाने से ये होगा कि जो फ़िल्में बनेगी, वो लोगों तक अच्छे तरीके से पहुँचेंगी। वहीं अनूप जलोटा ने कहा कि हिंदी पट्टी के जो महान लोग हैं, उनपर इधर और फ़िल्में बन सकती हैं जो मुंबई में नहीं हो पाता। उन्होंने कहा कि ये फिल्म सिटी कमाल की बनेगी और दूसरी से अच्छी बनेगी क्योंकि यहाँ दक्षिण से भी लोग आ जाएँगे। राजू श्रीवास्तव ने भी अपने चुटकुलों के जरिए अपनी बात रखी।

गौतमबुद्ध नगर जिले में प्रस्तावित फिल्म सिटी को लेकर मंगलवार को ‘फिल्म बंधु’ के पदाधिकारियों और अनेक फिल्मी हस्तियों के साथ बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि फिल्म उद्योग को उत्तर प्रदेश से जो अपेक्षाएं हैं उन्हें पूरा करने में यह राज्य कहीं ना कहीं चूक कर रहा था. योगी आदित्यनाथ ने कहा कि नोएडा में प्रस्तावित अत्याधुनिक फिल्म सिटी के जरिए उस चूक को सुधारा जाएगा. सीएम योगी ने कहा कि फिल्म सिटी के निर्माण के लिए जो क्षेत्र प्रस्तावित किया गया है वह राजा भरत के हस्तिनापुर के आसपास का इलाका है. यह फिल्म सिटी भारत की पहचान का प्रतीक बनेगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सिर्फ फिल्म सिटी तक ही सीमित नहीं रहेगी, बल्कि हम वहां विश्व स्तरीय इलेक्ट्रॉनिक सिटी देने जा रहे हैं और फाइनेंशियल सिटी भी प्रस्तावित करने जा रहे हैं, जहां से हर प्रकार की आर्थिक एवं वित्तीय गतिविधियों का संचालन किया जा सके.

हमने ‘द ताशकंद फाइल्स’ और ‘बुद्धा इन अ ट्रैफिक जाम’ जैसी फ़िल्में बना चुके विवेक अग्निहोत्री से बात की, जो इस बैठक में न सिर्फ मौजूद थे बल्कि उन्होंने सीएम योगी को अपने विचारों से भी अवगत कराते हुए कई सुझाव दिए। उन्होंने कहा कि काफी कुछ करने की घोषणाएँ तो बहुत लोग करते हैं लेकिन सीएम योगी ने इन चीजों से आगे बढ़ते हुए घोषणाओं को जल्द से जल्द अमल में लाने की प्रक्रिया शुरू की है।

विवेक अग्निहोत्री ने बताया कि वो उनलोगों में थे, जिन्हें यूपी सरकार की तरफ से सबसे पहले ही इस बैठक के लिए आमंत्रित किया गया था। उन्होंने कहा कि सीएम योगी ने सभी उपस्थित हस्तियों से उनके सुझाव माँगे, जिसके बाद ववेक अग्निहोत्री ने बैठक में कहा कि मुंबई की फिल्म इंडस्ट्री में हिंदी पट्टी की कहानियाँ ठीक से नहीं आ पाती हैं और यहाँ से फिल्म इंडस्ट्री में जाने वालों को मुंबई ही जाना पड़ता है, जिसमें से अधिकतर इतना खर्च करने में सक्षम नहीं हैं।

बकौल विवेक अग्निहोत्री, उन्होंने बैठक में कहा कि ऐसे प्रतिभाशाली युवाओं को संघर्ष करने के लिए मुंबई जाने की बाध्यता ख़त्म हो जाएगी और वो यहीं फिल्म इंडस्ट्री में अपना करियर बना सकेंगे। उन्होंने आगे कहा कि एक राजनीतिक समस्या भी खड़ी हो गई है, जिसमे एक गिरोह विशेष के लोगों का आधिपत्य भी टूटेगा क्योंकि गाँवों से जो लोग आएँगे, वो ग्रामीण जगत की अच्छी कहानियाँ लेकर आएँगे, जिन्हें मुंबई के शहरी मानसिकता वाले फ़िल्मकार पसंद नहीं करते।

उन्होंने कहा कि वो पिछले 7 वर्षों से इसके लिए संघर्ष कर रहे थे और उन्होंने कई लोगों को इससे जोड़ा है। उन्होंने बताया कि सीएम योगी ने सभी लोगों की बातों को न सिर्फ ध्यान से सुना, बल्कि सकारात्मक प्रतिक्रिया भी दी। कई अन्य लोगों ने भी अपनी राय रखी। किसी ने यूपी में सिनेमा हॉल्स बढ़ाने की व्यवस्था करने की बात की तो किसी ने सिनेमा को लेकर एक यूनिवर्सिटी बनाने का सुझाव दिया। यूपी में वीएफएक्स के लिए सेंटर बनाने की भी माँग उठी।

विवेक अग्निहोत्री ने बैठक में सीएम योगी के रुख के बारे में बात करते हुए कहा कि वो कम से कम समय में उत्तर प्रदेश में फिल्म सिटी बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं और इसके लिए 1000 एकड़ की भूमि की व्यवस्था किए जाने की बात भी कही गई है। सीएम योगी ने स्पष्ट किया है कि ये फिल्म सिटी अंतरराष्ट्रीय स्तर का होगा। इसके लिए पूरी योजना तैयार कर ली गई है। बैठक में उपस्थित लोगों को नक्शों और डायग्राम्स के जरिए इसका पूरा ब्लूप्रिंट दिखाया गया।

इसके लिए ब्लूप्रिंट बनाने से आगे भी कदम बढ़ा दिया गया है और अधिकारियों को इस काम के लिए लगा भी दिया गया है। फिल्म सिटी के निर्माण के सम्बन्ध में निर्देशक मधुर भंडारकर और भोजपुरी सिनेमा के सुपरस्टार रहे रवि किशन ने सीएम आवास जाकर योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की थी। सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद से ही बॉलीवुड में प्रतिभाओं को दबाने की बातें चल रही है, जिसके आलोक में इस फिल्म सिटी की घोषणा से सभी उत्साहित हैं।

जल्द ही इस फिल्म सिटी के लोकेशन को लेकर घोषणा होगी। सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद कई लोगों ने आवाज़ उठाई थी कि यूपी-बिहार जैसे राज्यों से मुंबई जाने वालों को वहाँ उचित सम्मान नहीं मिलता है और कई तो वहाँ के माहौल में घुल-मिल भी नहीं पाते हैं। जिस तरह से बॉलीवुड में ड्रग्स के जंजाल को लेकर एक के बाद एक खुलासे हो रहे हैं, यूपी में फिल्म सिटी से हिंदी पट्टी को एक नई पहचान मिलनी तय है।

जिला में शनिवार को 178 मामले पोजिटिव आए, इनमें 142 पंचकूला के

पंचकूला 5 सितम्बर:

उपायुक्त मुकेश कुमार आहूजा ने बताया कि जिला में शनिवार को 178 मामले पोजिटिव आए। इनमें 142 पंचकूला के है। अब तक जिला में कुल 3791 मामले आए हैं जिनमें से 2941 पंचकूला के हैं। इनमें से 1742 कोरोना रोगी ठीक हो गए हैं तथा अब जिला में 1171 मामले एक्टिव रह गए है और 42682 व्यक्तियों के आरटी, पीसीआर, रेपिड एंटीजन नमूने लिए गए।

उपायुक्त ने बताया कि जिला के गांव कोट, पुराना पंचकुला, रायपुररानी, मदनपुर, एमडीसी 5, में एक एक,  अमरावती, बरवाला में 3-3, चण्डीकोटला, इंदिरा कालोनी में 2-2, मुख्यमंत्री आवास व एमडीसी सैक्टर 4 में 6-6, सैक्टर 10 में 5, राजीव कालोनी में 9, कालका में 13, हरीपुर में 14, मामले पोजिटिव आए है।  

उन्होंने बताया कि सैक्टर 6, 11 व सुरजपुर में एक-एक, सैक्टर 2, 7, 12 ए, में 2-2, सैक्टर 9, 16, 21, 27 में 3-3, सैक्टर 12, 25 में 4-4, सैक्टर 26 में 5, सैक्टर 14 में 6, सैक्टर 19 में 7, सैक्टर 20 में 9 तथा सैक्टर 15 में 13 मामले पोजिटिव आए है। इन क्षेत्रों को कंटेनमेंट किया जा रहा है।

पंचकूला 5 सितम्बर उपायुक्त मुकेश कुमार आहूजा ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिला में 20 से 22 सितम्बर तक उप राष्ट्रीय प्रतिरक्षण अभियान के तहत लगभग 69657 बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाई जाएगी।

उपायुक्त जिला सचिवालय के सभागार में जिला टास्क फोर्स कमेटी की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने बताया कि कोविड 19 के तहत मास्क का उपयोग एवं सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाई जाएगी। इसके अलावा सेनीटाईजर तथा ग्लब्स का प्रयोग किया जाएगा तथा दवाई पिलाते समय पूरी सावधानियां बरती जाएगी।

उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा ग्रामीण क्षेत्र के 40343 तथा शहरी क्षेत्रों के 29194 बच्चों को पोलियो की खुरा पिलाने के लिए आवश्यक प्रबंध किए गए है। उन्होंने बताया कि इस अभियान के तहत 20 सितम्बर को स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिला में बनाए गए 494 बूथों पर पोलियो की ड्राप्स दी जाएगी। इनमें 345 ग्र्र्र्र्रामीण एवं 149 शहरी क्षेत्रों में पोलियो बूथ बनाए गए है। इसके अलावा 21 व 22 सितम्बर को दो दिन तक स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा घर घर जाकर पोलियो की खुराक पिलाई जाएगी ताकि कोई भी बच्चा इस सुरक्षा चक्र में छूट न जाए।

उपायुक्त ने बताया कि विभाग द्वारा बस स्टेण्ड, औद्योगिक प्रतिष्ठानों, ईंट भट्टों आदि पर कार्य करने वाले परिवारों के बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाने के लिए 23 मोबाईल टीमें गठित की गई हैं। इनमें से 20 ग्रामीण एवं 3 शहरी क्षेत्र में बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाना सुनिश्चित करेंगी। उन्होंने बताया कि पोलियो अभियान में 1564 स्वास्थ्य कर्मियों, स्वंयसेवकों, आंगनबाडी केन्द्रों, श्रमिकों, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की डयूटी लगाई गई है।

उपायुक्त ने बताया कि जन्म से 5 वर्ष तक आयु के सभी बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाने के लिए जिला अस्पतालों, सामुदायिक केन्द्रों, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों, सरकारी औषधालयों, उप केन्द्रों और आंगनवाडी केन्द्रों पर पल्स पोलियो की बूंदें पिलाई जाएगी।

बैठक में सिविल सर्जन डा. जसजीत कौर, जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. मीनू सासन सहित अन्य चिकित्सा अधिकारी एवं विभागों के अधिकारी भी मौजूद रहे।

सर्वोच्च न्यायालय ने सुशांत सिंह राजपूत की मृत्यु की जांच सीबीआई को सौंपी, रिया चक्रवर्ती की याचिका हुई खारिज

सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि सुशांत सिंह राजपूत केस में अब कोई भी एफआईआर दर्ज होगी, तो उसकी जांच सीबीआई को सौंपी जाएगी। अभी तक इस मामले में सिर्फ एक एफआईआर पटना में दर्ज है, जिसके आधार पर सीबीआई जांच हो रही है।

नयी दिल्ली(ब्यूरो) – 19 अगस्त:

सुशांत सिंह राजपूत के मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने फैसला सुना दिया है। रिया चक्रवर्ती की याचिका पर सुनवाई करते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि इस मामले की जाँच सीबीआई (CBI) करेगी और महाराष्ट्र सरकार को इसमें मदद करनी है। सीबीआई (CBI) इस मामले में नया केस जल्द रजिस्टर कर सकती है।

  1. सर्वोच्च न्यायालय ने बिहार में दर्ज FIR को भी सही ठहराया है। सारा विवाद इसी बात को लेकर था कि बिहार में इस केस को क्यों ले जाया गया और इसे वापस ट्रांसफर किया जाए। साथ ही मुंबई पुलिस को जाँच में सहयोग करने का आदेश दिया गया है। सर्वोच्च न्यायालय के फैसले से महाराष्ट्र सरकार और मुंबई पुलिस को बड़ा झटका लगा है।  महाराष्ट्र सरकार फैसले को चुनौती नहीं दे सकती ।
  2. सर्वोच्च न्यायालय ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि सुशांत सुसाइड केस की जांच अब सीबीआई करेगी। पटना में जो एफआईआर दर्ज की गई है वो कानून सम्मत है। इस फैसले के बाद महाराष्ट्र सरकार के वकील ने कहा कि हम फैसले को चुनौती देंगे। इस पर न्यायालय ने कहा कि यह 35 पेज का जजमेंट है. पहले आप इसको पढ़िए. हमने हर पहलुओं का बारीकी से अध्ययन करने के बाद फैसला सुनाया है।
  3. सर्वोच्च न्यायालय ने अपने फैसले में कहा कि नीतीश सरकार ने केस की जो सीबीआई जांच की सिफारिश की थी वो सही थी। महाराष्ट्र सरकार फैसले को चुनौती नहीं दे सकती. राज्य सरकार को अब जांच में सहयोग करना होगा। मुंबई पुलिस को इस मामले के सारे सबूत सीबीआई को सौंपने होंगे।
  4. सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि सुशांत केस में अब कोई भी एफआईआर दर्ज होगी, तो उसकी जांच सीबीआई को सौंपी जाएगी। अभी तक इस मामले में सिर्फ एक एफआईआर पटना में दर्ज है, जिसके आधार पर सीबीआई जांच हो रही है।
  5. सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि राजपूत की आत्महत्या के पीछे के रहस्य की जांच का CBI को एकमात्र अधिकार होने के बारे में कोई भ्रम ना हो और कोई भी अन्य राज्य पुलिस इसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकती। CBI न केवल पटना में दर्ज एफआईआर बल्कि राजपूत की मौत के मामले से जुड़ी किसी अन्य एफआईआर की जांच करने में सक्षम होगी।

  सीएम नीतीश ने कहा, “माननीय सर्वोच्च न्यायालय के फैसले से यह सबित होता है कि जब जांच के लिए सुशांत के पिता की पहल पर हमने जो कानूनी कार्रवाई की वह विधि सम्मत है। बिहार में कानून के मुताबिक काम हुआ। हमने संविधान का पालन किया है और मुझे पूरा भरोसा है कि इस केस में अब न्याय मिल सकेगा।”

6. सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि चूंकि मुंबई पुलिस ने राजपूत की मौत के लिए केवल एक्सीडेंटल मौत की रिपोर्ट दर्ज की थी, इसलिए इसमें सीमित जांच शक्तियां थीं. बिहार पुलिस ने एक पूरी एफआईआर दर्ज की है, जिसे पहले से ही सीबीआई को भेज दिया गया है. केंद्रीय एजेंसी को मामले की जांच करनी चाहिए।

7. सुशांत सिंह के गर्लफ्रेंड रिया चक्रवर्ती ने सुप्रीम कोर्ट में केस ट्रांसफर अर्जी लगाई. उन्होंने मांग की थी कि मामले की जांच मुंबई पुलिस को सौंप दी जाए. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब उनकी अर्जी खारिज हो गई है।

8. प्रवर्तन निदेशालय (ED) दूसरी बार समन भेजने वाली है. ईडी ने अभी तक रिया चक्रवर्ती से 2 बार, उनके भाई शौविक से 3 बार, सुशांत की मैनेजर रही श्रुति मोदी से 2 बार और सुशांत के दोस्त सिद्धार्थ पिठानी से भी 2 बार पूछताछ की है. अभी तक ईडी ने 13 लोगों के बयान दर्ज किए हैं. सर्वोच्च न्यायालय का फैसला आने के बाद ईडी सुशांत के केस के प्रमुख संदिग्धों को फिर से समन करेगी.

9. सर्वोच्च न्यायालय का फैसला आने के बाद सुशांत सिंह के पिता केके सिंह के वकील विकास सिंह ने कहा कि सुशांत के परिवार के लिए ये बड़ी जीत है. कोर्ट ने भी माना कि मुंबई पुलिस ने इस मामले में कोई जांच नहीं की थी. ये ऐतिहासिक फैसला है. इंसाफ की तरफ ये पहला और बड़ा कदम है. अब सीबीआई अपनी जांच शुरू करेगी.

10. सर्वोच्च न्यायालयके आदेश के बाद अब सीबीआई को अपनी जांच के लिए राज्य सरकार से इजाजत लेने की जरूरत नहीं होगी. वह जब चाहे और जिससे भी पूछताछ कर सकती है. इसके साथ ही सबूत इकट्ठा करने के लिए भी महाराष्ट्र सरकार से इजाजत नहीं लेनी पड़ेगी.

सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद अब सीबीआई की स्पेशल इनवेस्टिगेशन टीम अब मुंबई जाएगी. सीबीआई मुंबई पुलिस से इस मामले की केस डायरी मांगेगी. संदिग्धों-गवाहों के बयान, फोरेंसिक रिपोर्ट और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट भी हैंडओवर किए जाएंगे.

बता दें कि सुशांत के परिवार के वकील विकास सिंह ने कहा है कि रिया चक्रवर्ती ने सुशांत सिंह राजपूत का इस्तेमाल किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि रिया के व्यवहार से ये बात स्पष्ट हो गई है। जैसे ही सुशांत से रिया की जरूरतें पूरी हो गईं, उन्होंने सुशांत को अपनी जिंदगी से निकाल बाहर किया। विकास ने आरोप लगाया कि सुशांत कमरे में सोते रहते थे और रिया अपने दोस्तों के साथ पार्टियों में मशगूल रहती थी।