डबल्यूएचओ ने अमेरिका को राजनीति न करने की सलाह दी

ट्रंप ने आरोप लगाया था, ‘‘उनको मिलने वाले वित्त पोषण का अधिकांश या सबसे बड़ा हिस्सा हम उन्हें देते हैं. जब मैंने यात्रा प्रतिबंध लगाया था तो वे उससे सहमत नहीं थे और उन्होंने उसकी आलोचना की थी. वे गलत थे. वे कई चीजों के बारे में गलत रहे हैं. उनके पास पहले ही काफी जानकारी थी और वे काफी हद तक चीन केंद्रित लग रहे हैं.’’ 

नयी दिल्ली:

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा विश्व स्वास्थ्य संगठन की कड़ी आलोचना के बाद डब्ल्यूएचओ प्रमुख टेड्रॉस गेब्रेयेसस ने इस महामारी का राजनीतिकरण नही करने के लिए कहा. उन्होंने जिनेवा में इंटरनेट के माध्यम से पत्रकारों से कहा, ‘पृथक सेवा, कोविड-19 का राजनीतिकरण कर हमें एक दूसरे की कमी निकालने में समय बर्बाद नहीं करना चाहिए.’ उन्होंने यह भी कहा, ‘यह आग से खेलने जैसा है…हमें सावधानी रखने की जरुरत है.’

बता दें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने डब्लूएचओ पर कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के दौरान सारा ध्यान चीन पर केंद्रित करने का आरोप लगाया था. ट्रंप ने कहा था, ‘‘हम डब्ल्यूएचओ पर खर्च की जाने वाली राशि पर रोक लगाने जा रहे हैं. हम इस पर बहुत प्रभावशाली रोक लगाने जा रहे हैं. अगर यह काम करता है तो बहुत अच्छी बात होती. लेकिन जब वे हर कदम को गलत कहते हैं तो यह अच्छा नहीं है.’’

ट्रंप ने आरोप लगाया था, ‘‘उनको मिलने वाले वित्त पोषण का अधिकांश या सबसे बड़ा हिस्सा हम उन्हें देते हैं. जब मैंने यात्रा प्रतिबंध लगाया था तो वे उससे सहमत नहीं थे और उन्होंने उसकी आलोचना की थी. वे गलत थे. वे कई चीजों के बारे में गलत रहे हैं. उनके पास पहले ही काफी जानकारी थी और वे काफी हद तक चीन केंद्रित लग रहे हैं.’’ 

उन्होंने कहा कि उनका प्रशासन अमेरिका की ओर डब्ल्यूएचओ को दिए जाने वाले वित्त पोषण पर विचार करेगा. बता दें कोरोना वायरस की वजह से अमेरिका में अब तक 14, 695 लोगों की मौत हो गई है. 

पुलिस लॉकडाउन बुलेटिन

Dated 08.04.2020

#      जिला पंचकुला मे 600 पुलिस कर्मचारी दिन-रात मुस्तैद के साथ डियूटी कर रहे है

#     लॉकडाउन के चलते जिला पंचकुला मे 40 पुलिस नाके लगाये गए है जिनमें 21 अंतरराज्यीय तथा 19 अंतरजिला है

#     नाकाबंदी के दौरान जिला पंचकुला मे दिनांक 08.04.2020 को 1331 वाहनों को चैक किया गया    

#     08 अप्रैल को कुल 03 फोन कॉल प्रशासन द्वारा कोरोना वायरस के सम्बंध मे बनाये गए कन्ट्रोल रूम मे प्राप्त हुई

#     जिला पुलिस द्वारा लगभग 3830 फूड पैकेट्स बांटे गए, जिनमें से 200 पैकेट्स डियूटी पर मौजूद पुलिस कर्मचारियों तथा लगभग 3630 पैकेट्स आमजन मे बांटे गए

#     दिनांक 08.04.2020 को पुलिस द्वारा 165 क्वारंटाइन किए गए लोगो को चैक किया गया

#     प्रशासन द्वारा बनाये गए शैल्टर होम मे 400 लोगो को पहुंचाया गया

#     लॉकडाउन के दौरान लगाये गए नाकों पर नाकाबंदी के दौरान 1483 वाहनों का चालान किया गया तथा 120 वाहनों को इम्पाउंड किया गया जिनमे से 112 चालान दिनांक 08.04.2020 को किए गये ।

#     अब तक कुल 88 वाहनों के चालान सी0सी0टी0वी0 कैमरा द्वारा किये गए तथा 09 सी0सी0टी0वी0 चालान दिनांक 08.04.2020 को किए गये

#     पुलिस द्वारा लॉकडाउन के दौरान पैट्रोलिंग करने के लिए 14 पैट्रोलिंग वाहनों का बंदोबस्त किया गया है

#     लॉकडाउन के नियमों की उल्लंघना करने वालो के खिलाफ 50 अभियोग अंकित किए गये है

Chandigarh Police nabbed 2 impersonaters with 100gm of smack/heroin

Chandigarh Police has succeeded to nab two persons Monu and Uttam, who are impersonating / presenting themselves as press reporters by using fake ID cards of India New Channel for freely movement during lockdown. Chandigarh police also recovered a vehicle i.e. car PB 11 CH 0535 make TATA Tiago used by them and also recovered contraband 100 grams smack / heroine (50 grms from each) from their possession on naka situated at Zirakpur Barrier, Chd.

CHANDIGARH – 08.04.2020:

On 08.04.2020, SI Gurjivan Singh, along with police officials was on naka duty at Zirakpur Barrier, Chd, where he stopped a vehicle i.e. car PB 11 CH 0535 make TATA Tiago. On asking, the occupants of car disclosed their names asMonu @ Munna S/o Ram Pujan R/o H. No. 1387 Sector – 52 Chandigarh age 19 years and Uttam S/o Bansidhar Dubey R/o H. No. 1065, Sector – 52 Chandigarh age 19 years. During further questioning regarding their movement during lockdown, they produced ID Cards of Indian News Channel and personating them as press reporters. They further disclosed to the police officer that they are coming back from Sec 9 Panchkula, Haryana after dropping his friend, who was very sick. Police officer present on the naka was not satisfied by their replies and when enquired about their antecedents, their ID Cards found to be fake. When, the police searched them, further 100 grams contraband smack was from their possession (50 gram smack from each).  

It also revealed that the said persons possessed fake identify cards of India News Channel and using the same to show the police parties for freely movement during lockdown. In this regard, a case FIR No 59 dated 08.04.2020 u/s 419, 420, 467, 468, 471, 188, 270 IPC and 21 NDPS Act has been registered against the above said persons.  

It also revealed that the accused Munna S/o Ram Pujan R/o H No 1387, Sec 52, Chd, who was driving the car, has a criminal past, as two cases of dacoity and Excise act had already been registered against him.

Accused Profile

Name Particulars Previous FIRs
Munna S/o Ram Pujan R/o H No 1387, Sec 52, Chd Permanent Address – Behlghat, Distt Gorakhpur, UPAge 19 yearsUn-Married5th class pass Labour work on daily basis Residing with Parents, 4 sisters and 2 brothers FIR 254 Dt 26.10.16 u/s 61/1/14 Excise Act PS 36, ChdFIR 344 Dt 4.7.15 u/s 395, 411 IPC PS 36, Chd  
Uttam S/o Bansidhar Dubey R/o h no 1065, Sec 52, Chd Permanent Address – Village Mangolpur, Distt Chhapra, BiharAge 19 yearsUn-Married 10th pass Catering work on daily basis Residing with Brother Vikas, who is taxi driver.

MODUS OPERINDI –

During interrogation, they stated that they used a car owned by Vikas, who is real brother of the accused Uttam and went to Ambala with reference of one Vikarm, residing at Sector 52, chd and purchased the recovered smack from one person, who met them near Bus Stand Ambala, Haryana and they further used to sell the same in the tri-city accordingly.

            The investigation of the case is on initial stage and two days police remand would be obtained from the court for further investigation and nab the source of procurement of recovered substance. 

कोरोना संक्रामण : उत्तर प्रदेश के 15 जिले पूरी तरह से सील

उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के देखते हुए योगी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। प्रदेश सरकार ने राज्य के 15 जिलों के  हॉटस्पॉट को  पूरी तरह से सील करने का फैसला लिया है। ये आदेश रात 12 बजे से लागू होगा। यूपी के ये 15 जिले कोरोना वायरस के हॉटस्पॉट कहे जा रहे हैं। इन सभी जिलों में 15 अप्रैल तक किसी भी तरह की आवाजाही नहीं होगी यानी 100 फीसदी लॉकडाउन। इन जिलों में सरकार द्वारा जरूरी समान की होम डिलिवरी की जाएगी। किसी भी व्यक्ति को बाहर जाकर सामान खरीदने की इजाज़त नहीं होगी।  मुख्यमंत्री योगी ने उत्तर प्रदेश के 15 जिलों के हॉटस्पॉट क्षेत्रों को 13 अप्रैल तक पूर्ण रूप से सील करने के निर्देश दिए हैं । आज रात 12 बजे के बाद लखनऊ, गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद, आगरा, कानपुर, वाराणसी, शामली, मेरठ, सीतापुर, बरेली, बुलंदशहर, फिरोजाबाद, बस्ती, सहारनपुर और महाराजगंज के जिस इलाकों में कोरोना वायरस के मरीज मिले हैं वो क्षेत्र सील कर दिए जाएंगे ।

लखनऊ ब्यूरो, 8 मार्च 2020:

कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए यूपी सरकार ने बड़े फैसले का ऐलान किया है. इसके तहत यूपी के 15 जिलों के कुछ इलाके 15 अप्रैल तक पूरी तरह सील रहेंगे.  सील होने वाले इलाकों में आने-जाने पर रोक रहेगी. आगरा, कानपुर, वाराणसी, शामली, गाजियाबाद, मेरठ, कानपुर, बुलंदशहर, महाराजगंज, सहारनपुर समेत 15 जिलों के कुछ इलाके पूरी तरह सील रहेंगे.

किसी को किसी भी स्थिति में बाहर निकलने की इजाजत नहीं

राज्य सरकार का कहना है कि इन सभी जिले कोरोना के हास्टस्पॉट हैं, जिसे पूरी तरह से सील कर दिया गया है। इस फैसले के बाद लॉकडाउन में किसी भी व्यक्ति को कोई छूट नहीं मिलेगी। इस दौरान न तो कोई दुकानें खुलेंगी और न ही किसी को किसी भी वजह से सड़क पर निकलने की इजाजत दी जाएगी।सिर्फ आवश्यक वस्तुओं की होम डिलिवरी की जाएगी। हालांकि, इस दौरान केवल कर्फ्यू पास वाले लोगों को ही घर से बाहर निकलने की इजाजत दी जाएगी। 15 अप्रैल तक स्थिति की समीक्षा की जाएगी, इसके बाद आगे का फैसला लिया जाएगा।

लखनऊ और नोएडा के कुछ इलाके पहले से सील

इस फैसले के बारे में बताते हुए अपर सचिव अवनीश अवस्थी ने कहा कि पूरे जिले में जिन जगहों पर पॉज़िटिव केसे आए हैं, वहां संवेदनशील स्थानों को चिन्हित किया गया है और उसे पूरी तरह से सील किया जाएगा। ऐसे लखनऊ और नोएडा के कुछ इलाकों में पहले ही किया जा चुका है। सीधे कहा जा रहा है कि इस सील का मतलब है कि  आवश्यक सेवाओं को छोड़कर किसी को भी कर्फ्यू पास जारी नहीं किया जाएगा। इन जरूरी सेवाओं के आलावा किसी को भी अपने घर से निकलने की इजाजत नहीं है। इन जिलों की सीमाओं को भी पूरी तरह से सील कर दिया गया है। यहां तक की मीडियाकर्मियों की एंट्री भी बैन करने का विचार हो रहा है। विशेष परिस्थिति में ही केवल इजाजत दी जाएगी।

15 जिलों में कितने केस

आगरा- 64 केस, शामली-17 , मेरठ-35, बरेली-6, कानपुर-8, वाराणसी-9, लखनऊ, बस्ती- 8, गाजियाबाद-23, गौतमबुद्धनगर-58, महाराजगंज-6, सीतापुर-8, बुलंदशहर-8, फिरोजाबाद-7

इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस के कारण देशव्यापी लॉकडाउन से उत्पन्न हालात पर विचार विमर्श के लिए बुधवार को लोकसभा एवं राज्यसभा में विपक्ष समेत विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ बातचीत की.

वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हुई इस बैठक में लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद, राकांपा के शरद पवार, शिवसेना के संजय राउत के अलावा तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंदोपाध्याय, बसपा के सतीश चंद्र मिश्रा, द्रमुक के टी आर बालू, बीजद के पिनाकी मिश्रा, वाईएसआर के मिथुन रेड्डी, सपा के राम गोपाल यादव, जदयू के राजीव रंजन सिंह, लोजपा के चिराग पासवान, अकाली दल के सुखवीर सिंह बादल सहित कई अन्य दलों के नेताओं ने हिस्सा लिया .

प्रधानमंत्री ने संसद के दोनों सदनों में उन दलों के नेताओं के साथ संवाद किया जिनके संसद में पांच से अधिक सांसद हैं .

गौरतलब है कि 24 मार्च से 21 दिनों के लॉकडाउन के बाद प्रधानमंत्री का विपक्षी दलों के साथ यह पहला संवाद है. हालांकि, प्रधानमंत्री ने इस मुद्दे पर 2 अप्रैल को देश के सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से संवाद किया था .

प्रधानमंत्री ने हाल के दिनों में डाक्टरों, पत्रकारों, विदेशों में भारतीय मिशनों के राजनयिकों सहित विभिन्न पक्षकारों से बातचीत की है.

हाल ही में प्रधानमंत्री ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी, द्रमुक प्रमुख स्टालिन सहित कई नेताओं से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये संवाद कर महामारी रोकने के लिये सरकार के प्रयासों की जानकारी दी थी .

मोदी ने पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल, प्रणब मुखर्जी के अलावा पूर्व प्रधानमंत्रियों एच डी देवेगौड़ा और मनमोहन सिंह से भी बात की थी

राज्यों ने लॉकडाउन समय में वृद्धि का प्रस्ताव दिया

सरकार का सोचना है कि इससे स्कूल और कालेज एक तरह से गर्मियों की छुट्टियों को मिलाकर जून के अंत तक बंद रहेंगे। गर्मियों की छुट्टी आम तौर पर मई के मध्य से शुरू हो जाती हैं। जीओएम ने सिफारिश की है कि सभी धार्मिक संगठनों को कोरोना वायरस को रोकने के एहतियाती कदम के तहत 15 मई तक गतिविधियां शुरू करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। जीओएम का गठन देश में कोरोना वायरस के कारण उत्पन्न स्थिति की समीक्षा करने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सुझाव देने के लिए किया गया है।

नई दिल्ली:

भारत में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच देश में लॉकडाउन की समयावधि बढ़ाई जाएगी या नहीं इस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्यों के मुख्यमंत्रियों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासकों और लेफ्टिनेंट गवर्नर से संवाद के बाद फैसला लेंगे। मिली जानकारी के अनुसार शनिवार को मुख्यमंत्रियों, प्रशासकों और लेफ्टिनेंट गवर्नर्स से प्रधानमंत्री मोदी वीडियो कॉंफ्रेंसिंग के जरिए संवाद स्थापित करेंगे।

मुख्यमंत्रियों के साथ पिछली बैठक में पीएम मोदी ने लॉकडाउन हटाने को लेकर सुझाव मांगे थे, जिससे गरीब और प्रवासी श्रमिकों की परेशानी खत्म हो सके। सरकार चरणबद्ध तरीके से लॉकडाउन खत्म करना चाहती है। केंद्र सरकार से जुड़े सूत्रों का कहना है कि केंद्र उन जगहों से प्रतिबंध हटाने को तैयार है, जहां कोविड -19 के मामले नहीं आ रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि कई सचिवों के साथ ही नीति आयोग के शीर्ष अधिकारियों का मानना है कि 15 अप्रैल के बाद भी पूर्ण रूप से लॉकडाउन के चलते अर्थव्यवस्था को काफी नुकसान होगा। वे उन क्षेत्रों में प्रतिबंध खत्म करने के पक्ष में हैं जो ‘रेड जोन’ नहीं हैं।

बता दें कि मौजूदा लॉकडाउन की अवधि 21 दिन की है जो 14 अप्रैल की मध्य रात्रि खत्म हो जाएगी। इससे पहले कई राज्यों ने अपनी चिंता जाहिर की है। बुधवार सुबह 9 बजे स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी किये गये आंकड़ों के अनुसार देश भर में 5194 मामले दर्ज किये गये जिसमें से 4643 केस एक्टिव हैं और 401 मरीज अस्पताल से डिस्चार्ज किये जा चुके हैं। वहीं 149 लोगों की मौत हो चुकी है साथ ही 1 मरीज विदेश शिफ्ट हो चुका है।

बता दें Covid19 से निपटने के लिए गठित मंत्रियों के समूह (GoM) ने 15 मई तक सभी शैक्षणिक संस्थाओं को बंद रखने और लोगों की सहभागिता वाली सभी धार्मिक गतिविधियों पर रोक लगाने की सिफारिश की है। मंत्री समूह का कहना है कि सरकार चाहे 21 दिनों के लॉकडाउन (Lockdown In India) को आगे बढ़ाये या नहीं, लेकिन शैक्षणिक तथा धार्मिक गतिविधियों पर 15 मई तक रोक लगानी चाहिए। आधिकारिक सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। हालांकि देश के कुछ राज्यों ने लॉकडाउन बढ़ाने के संकेत दिए हैं, लेकिन इसपर अभी फैसला नहीं लिया गया है. राजस्थान, मध्य प्रदेश, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, छत्तीसगढ़ लॉकडाउन बढ़ाने के पक्ष में है. महाराष्ट्र ने भी लॉकडाउन बढ़ाने के संकेत दिए हैं, पर कैबिनेट की बैठक में इसपर कोई ठोस फैसला नही हुआ.

मध्य प्रदेश

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लॉकडाउन बढ़ाने का संकेत देते हुए कहा, ‘हमारे लिए जनता की जिंदगी महत्वपूर्ण है. इसलिए #Lockdown और सह लेंगे, अर्थव्यवस्था बाद में भी खड़ी कर लेंगे, लेकिन लोगों की जिंदगी चली गई तो वापस कैसे ले आयेंगे? इसलिए अगर जरूरत पड़ी तो लॉकडाउन को आगे भी बढ़ायेंगे. परिस्थितियां देखकर फैसला करेंगे.’

उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश सरकार ने भी लॉकडाउन बढ़ाए जाने की संभावना से इंकार नहीं किया है. ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा, ‘संवेदनशीलता बढ़ने के कारण 14 अप्रैल के बाद भी लॉकडाउन खुल पाएगा या नहीं, यह अभी कहा नहीं जा सकता है. इस पर कुछ भी कहना, अभी संभव नहीं होगा, क्योंकि लॉकडाउन से जितनी भी व्यवस्था बनाकर केसों को नियंत्रित किया गया है, अगर 1 भी केस प्रदेश में रह जाता है तो लॉकडाउन को खोलना उचित नहीं होगा. लॉकडाउन खुलने से पुनः वही स्थिति आ सकती है.’

तेलंगाना

तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने पीएम मोदी से अपील करते हुए कहा है, ‘जून के पहले सप्ताह तक बढ़ाएं लॉकडाउन, वरना कंट्रोल संभव नहीं. तत्काल सभी सीएम से बात करके लॉकडाउन बढ़ाने को लेकर फैसला करना चाहिए.’ 

पुडुचेरी

पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी नारायणस्वामी ने कहा कि कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में यदि केंद्र सरकार ने लॉकडाउन की अवधि 14 अप्रैल से आगे बढ़ाया तो उनकी सरकार केंद्र सरकार के इस फैसले का समर्थन करेगी.

छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री मोदी को एक पत्र लिखा है. पत्र में उन्होंने पीएम मोदी से अपील करते हुए लिखा है कि यदि 14 अप्रैल से अंतर्राज्यीय आवागमन प्रारंभ किया जाता है तो उसके पहले कोविड-19 का प्रसार रोकने के ठोस उपाय सुनिश्चित किए जाने चाहिए. उन्होंने प्रधानमंत्री से आग्रह किया है कि लॉक डाउन समाप्त होने से पहले इस संबंध में व्यापक विचार विमर्श होना चाहिए.

हरियाणा

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा, ‘हम केंद्र सरकार द्वारा जारी निर्दशों का पालन करेंगे. जैसा हम देख रहे हैं कि कोरोना वायरस की बीमारी दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है, ऐसे में यह अभी कुछ भी कह पाना संभव नहीं है कि हम लॉकडाउन खत्म करेंगे या आगे बढ़ाएंगे.’

महाराष्ट्र

महाराष्ट्र सरकार ने भी इस बात के संकेत दिए हैं कि राज्य में लॉकडाउन की अवधि बढ़ाई जा सकती है, हालांकि अभी कोई निर्णय नहीं हुआ है. महाराष्ट्र कैबिनेट की बैठक में लोकडाउन को लेकर कोई ठोस फैसला नहीं हो सका. सरकार आनेवाले दिनों में स्थिति का जायझा लेकर कोई भी फैसला करेगी. कैबिनेट बैठक में इस बात पर चर्चा हुई कि अगर पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढ़ी तो राज्य में लॉकडाउन रखा जाएगा.’

राजस्थान

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा, ‘राज्य में एक साथ लॉकडाउन नहीं खुलेगा. राजस्थान में 40 जगहों पर कर्फ्यू है. जो भी होगा वो फेज वाइज होगा. इस मुद्दे पर जो भी फैसला लिया जाएगा, वो चर्चा के बाद ही लिया जाएगा.’

दिल्ली

ऐसी खबरें हैं कि दिल्ली में लॉकडाउन की अवधि बढ़ाई जा सकती है, हालांकि आधिकारिक तौर पर इस मुद्दे पर कुछ भी नहीं कहा गया है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के अनुसार, ‘कोरोना को अकेले कोई ठीक नहीं कर सकता है. आज सारी सरकारें टीम की तरह काम कर रही हैं. राजनीति से ऊपर उठकर काम कर रही हैं. सारी राज्य सरकारों को मिलकर काम करना होगा.’

सूत्रों ने बताया कि सरकार का सोचना है कि इससे स्कूल और कालेज एक तरह से गर्मियों की छुट्टियों को मिलाकर जून के अंत तक बंद रहेंगे। गर्मियों की छुट्टी आम तौर पर मई के मध्य से शुरू हो जाती हैं। जीओएम ने सिफारिश की है कि सभी धार्मिक संगठनों को कोरोना वायरस को रोकने के एहतियाती कदम के तहत 15 मई तक गतिविधियां शुरू करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। जीओएम का गठन देश में कोरोना वायरस के कारण उत्पन्न स्थिति की समीक्षा करने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सुझाव देने के लिए किया गया है।

डबल्यूएचओ का चीन के प्रति नरम रुख अपनाने पर ट्रम्प नाराज़ दी अनुदान रोकने की धमकी

अमेरिका में कोरोना वायरस का खतरा लगातार गहराता जा रहा है। हर दिन मौत के आंकड़ों में इजाफा हो रहा है और यह संख्या 12 हजार पार कर गई है। इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी WHO पर चीन केंद्रित होने का आरोप लगाकर फंडिंग रोकने की धमकी दी है। राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि वे WHO की फंड रोकने जा रहे हैं। 

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, ‘विश्व स्वास्थ्य संगठन को अमेरिका से बड़ी मात्रा में धन प्राप्त होता है, उन्होंने मेरे द्वारा लगाये गये यात्रा प्रतिबंध की आलोचना की और असहमती जताई। वे बहुत सारी चीजों के बारे में गलत थे। वे बहुत चीन-केंद्रित लगते हैं। हम डब्ल्यूएचओ पर खर्च होने वाली रकम पर रोक लगाने जा रहे हैं।

राष्ट्रपति ट्रंप ने व्हाइट हाउस में कोरोना वायरस पर डेली ब्रीफिंग के दौरान कहा कि हम डब्ल्यूएचओ पर बहुत ही शक्तिशाली रोक लगाने जा रहे हैं और हम इसे देखने वाले हैं। हालांकि, बाद में उन्होंने मीडिया के सवाल के जवाब में अपनी ही बात का एक तरह से खंडन कर दिया और कहा कि, ‘नहीं, मैंने ऐसा नहीं कहा। मैंने कहा कि मैं इसे देखता हूं।’

ट्रंप ने व्हाइट हाउस में कोरोना वायरस पर डेली ब्रीफिंग के दौरान ये बातें कही. उन्होंने कहा, ‘हम डब्ल्यूएचओ पर बहुत ही शक्तिशाली रोक लगाने जा रहे हैं और हम इसे देखने वाले हैं.अगर यह काम करता है तो बहुत अच्छी बात होती, लेकिन जब वे हर कदम को गलत कहते हैं तो यह अच्छा नहीं है.’ बता दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन का मुख्यालय स्विटजरलैंड के जिनेवा में स्थित है और उसे अमेरिका मोटी फंडिंग करता है.

ट्रंप ने कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए चीन से आने वाले विमानों पर रोक लगाने का जिक्र भी किया. उन्होंने पूछा कि WHO ने इस तरह की दोषपूर्ण सिफारिश क्यों की है? उन्होंने कहा कि सौभाग्य से मैंने चीन से अपनी सीमाएं जल्द खोलने की उनकी सलाह को खारिज कर दिया.

इससे पहले भी मार्च में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) पर कोरोनो वायरस संकट को लेकर चीन का पक्ष लेने का आरोप लगाया था। ट्रंप ने उस वक्त दावा किया था कि वैश्विक स्वास्थ्य एजेंसी के इस रवैये को लेकर कई लोग नाराज हैं और महसूस कर रहे हैं कि ‘यह बिल्कुल ठीक नहीं है।’

उन्होंने कहा, ‘हम उन्हें 5.8 करोड़ डॉलर से अधिक की धनराशि देते हैं. इतने वर्षों में उन्हें जो पैसा दिया गया है उसके मुकाबले 5.8 करोड़ डॉलर छोटा-सा हिस्सा हैं. कई बार उन्हें इससे कहीं ज्यादा मिलता है.’

अमेरिका में कोरोना से मौत
पूरी दुनिया में कोरोना वायरस का खतरा बढ़ता जा रहा है। अमेरिका में कोरोना वायरस का हर दिन एक नया तांडव देखने को मिल रहा है। अमेरिका में पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस कोविड-19 महामारी से करीब 2000 लोगों की मौत हुई है। यह जानकारी जॉन होपकिंस यूनिवर्सिटी ने दी है। इस तरह से अमेरिका में कोरोना वायरस ‘कोविड-19’ से मरने वालों की संख्या बढ़कर 12021 हो गई है।

11 बार हनुमान चालीसा का पाठ कर घरों में ही मनाएं हनुमान जयंती: विहिप

दिनेश पाठक, जयपुर, अप्रैल 7, 2020:

विश्व हिन्दू परिषद द्वारा वर्ष प्रतिपदा से पूर्णिमा, हनुमान जयंती (25 मार्च से 08 अप्रैल) तक प्रत्येक ग्राम में रामोत्सव मनाने का तय किया गया था। कोरोना महामारी के कारण हनुमान जयंती का उत्सव भी अपने-अपने परिवारों में ही मनाना है। इसलिए देशभर में सभी लोग 08 अप्रैल को प्रातः सूर्योदय के समय परिवार के सभी सदस्य निश्चित दूरी पर बैठकर 11 बार हनुमान चालीसा का पाठ कर हनुमान जी की आरती करें व प्रसाद ग्रहण करें।

सरकारी निर्देशों का पालन करते हुए देशभर में अधिक से अधिक गाँवों में तथा अधिक से अधिक परिवारों में हनुमान जयंती का पावन महोत्सव मनाएँ, यही आह्वान है। हम बजरंग दल के आराध्य बजरंग बली की जयंती को बलोपासना दिवस के रूप में प्रतिवर्ष मनाते आये हैं। श्रीराम जन्मभूमि आन्दोलन में से बजरंग दल व दुर्गावाहिनी की स्थापना हुई है। अयोध्या में जन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण के साथ ही आन्दोलन पूर्ण होगा। हनुमत शक्ति के जागरण से यह कार्य सफल हो रहा है।

श्रीराम जन्मभूमि मुक्ति हेतु बलिदान हुए सभी हुतात्माओं का पावन स्मरण कर श्री हनुमान जी से कामना करें कि मंदिर निर्माण कार्य शीघ्र निर्विघ्न सम्पन्न् हो तथा कोरोना महामारी से भारत को शीघ्र मुक्ति मिले।

जरूरी नहीं है कि 14 अप्रैल को लॉकडाउन खत्म हो जाए: योगी आदित्य नाथ

लॉकडाउन में सब कुछ थी ठाक चल रहा था, कोरोना संक्रामण के फैलने की गति 7 दिनों में 4 बीमारों की थी, लेकिन केजरीवाल सरकार के संरक्षण में तबलिगी मरकज़ में शामिल हुए और फिर अचाना ही पूरे भारत में फैले तबलिगी जमातियों ने सारा ‘गुड गोबर कर दिया’। आज इनहि जमातीयों के कारण इस संरमान के फैलने की गति 2 दिन में 4 की हो चुकी है मानें तो तिगुनी से भी ज़्यादा। जमाती जहां भारत के कोने कोने में जा छुपे हैं वहीं उत्तर प्रदेश में यह सबसे अधिक हैं। यहाँ अब कोरोना संक्रामण के फैलने का खतरा सबसे अधिक है।

 5 से 6 अप्रैल के बीच में 27 नए केस सामने आए हैं, जिसमें से 21 केस तो तबलीगी जमात से संबंधित हैं। इन नए केसों की पहचान कर ली गई है। इनमें लखनऊ से 5, कानपुर से 1, शामली से 5, बिजनौर से 1, सीतापुर से 8 और प्रयागराज से 1 की पहचान गई है। अबतक प्रदेश में तबलीगी जमात से संबंधित कुल 159 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। उन्हें क्वारंटीन करा दिया गया है। इनमें आगरा से 29, लखनऊ से 12, गाजियाबाद से 14, सहारनपुर से 13, मेरठ से 13, शामली से 13, सीतापुर से 8, कानपुर नगर से 7, महाराजगंज से 6, गाजीपुर से 5, फिरोजाबाद से 4, हाथरस से 4, वाराणसी से 4, हापुड़ से 3, प्रतापगढ़ से 3, लखीमपुर खीरी से 3, आजमगढ़ से 3, जौनपुर से 2, बागपत से 2, रायबरेली से 2, बांदा से 2, मिर्जापुर से 2, बाराबंकी से 1, हरदोई से 1, शाहजहांपुर से 1, प्रयागराज से 1 और औरैया से 1 केस शामिल है।

लखनऊ: 

Uttar Pradesh Coronavirus Update:

देश में कोरोनावायरस (COVID-19) का कहर लगातार जारी है. अबतक 100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. नए मामलों में हर रोज इजाफा देखने को मिल रहा है. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या 14 के बाद भी लॉकडाउन जारी रहेगा. उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) सरकार ने यह साफ कर दिया है कि जरूरी नहीं है कि 14 अप्रैल को लॉकडाउन खत्म हो जाए. लोगों को इसके लिए लंबा इंतजार भी करना पड़ सकता है. यूपी के मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने यह जानकारी दी है. बता दें कि उत्तर प्रदेश में कोरोनावायरस से अब तक 227 लोग संक्रमित हो चुके हैं साथ ही दो लोगों की इससे जान भी जा चुकी है. 

अवनीश अवस्थी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि कोरोना संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ रही है खासकर तबलीगी जमात से संबंधित.  उन्होंने कहा कि मैं केवल यह कह सकता हूं कि हम शुरुआती स्टेज में हैं और यह कहना असंभव है कि लॉकडाउन 14 अप्रैल के बाद खुलेगा या नहीं. हम रोज मॉनिटरिंग कर रहे हैं. कुछ जिलों में 100 प्रतिशत लॉकडाउन किए गए हैं. उन्होंने बताया कि आने वाले दिनों में लोगों का समर्थन बहुत महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि, ‘हम यह सुनिश्चित करने के बाद ही लॉकडाउन खोलेंगे कि राज्य कोरोना मुक्त है. अगर एक भी व्यक्ति संक्रमित है तो यह बहुत मुश्किल होगा और इसलिए लॉकडाउन के खत्म होने की संभावना कम है.’

बता दें कि एक दिन पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि कोरोना वायरस संक्रमण के मद्देनजर घोषित किया गया लॉकडाउन 15 अप्रैल को खुलेगा. मुख्यमंत्री ने प्रदेश के सभी सांसदों और मंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान कहा, “15 अप्रैल से बंद समाप्त होगा तो दो काम करने होंगे. जब 15 अप्रैल को हम बंद खोलेंगे तो जमावड़ा ना होने पाए, इसमें आपकी सहभागिता और सहयोग चाहिए होगा.” उन्होंने कहा “क्योंकि 15 अप्रैल को हम जैसे ही बंद खोलेंगे और एकाएक भीड़ जुट जाएगी तो सारी मेहनत पर पानी फिर जाएगा. मैं चाहूंगा कि इसके लिए हम लोग एक व्यवस्था बनाएं. मैं इसके लिए आप लोगों से सुझाव भी चाहूंगा. आप अपना सुझाव लिखकर भेजें कि क्या होना चाहिए.”

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में शामिल हुए केंद्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री महेंद्र नाथ पांडे ने बताया, ‘‘हमने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बात की और उन्होंने हमें राज्य सरकार द्वारा किए गए कार्यों और उठाए गए कदमों के बारे में बताया. यह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग तकरीबन एक घंटा चली.” उन्होंने बताया कि सांसदों ने मुख्यमंत्री और उनकी सरकार द्वारा बंद के दौरान किए जा रहे कार्यों की सराहना की. 

प्रकृति और नदियों के लिए वरदान बन आर आया COVID-19

देश में नदियों की सफाई हमेशा से बड़ा मुद्दा रहा है और हर सरकार ने इसके लिए जतन किया, हजारों करोड़ रुपए पानी की तरह बहाया, मगर वैसी उपलब्धि नहीं हासिल हो पाई जैसी उम्मीद थी, मगर अब कोरोना वायरस की वजह से यह काम सिर्फ 12 दिन में हो गया है। कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते लागू लॉकडाउन के कारण दिल्ली में यमुना करीब 60 प्रतिशत तक साफ हो गई है। यही हाल गंगा नदी का भी है।

कुछ इंसान तो अपनी विचारधारा और सोच बदलने के लिए तैयार नहीं है. लेकिन कोरोना वायरस की वजह से प्रकृति ने अपना स्वरूप बदलना शुरू कर दिया है. कोरोना वायरस दुनिया के लिए अभिशाप बन गया है, लेकिन प्रकृति के लिए यही वायरस, वरदान साबित हुआ है. जिसे देखकर पूरी दुनिया हैरान है. अब यमुना नदी को ही ले लीजिये जो लॉकडाउन से पहले दिल्ली में एक नाले की तरह नजर आती थी, वो अब इतनी साफ और निर्मल हो गई है कि लोगों को यकीन ही नहीं हो रहा है. 

लॉकडाउन के दौरान यमुना का पानी 60 प्रतिशत तक स्वच्छ हो गया है. इस वक्त आपकी टीवी स्क्रीन पर इसी यमुना नदी की दो तस्वीरें हैं. एक तस्वीर लॉकडाउन से पहले की है..जबकि दूसरी तस्वीर आज की है. दोनों तस्वीरों में अंतर साफ नजर आता है. एक तस्वीर वो है, जिसमें यमुना नदी में काला पानी बह रहा है, जबकि दूसरी तस्वीर यमुना नदी में बहते साफ पानी की है. यमुना नदी के पानी की गुणवत्ता में आया ये सुधार लॉकडाउन की ही देन है. ये तस्वीरें इस बात की गवाही देतीं हैं कि दिल्ली में अपनी अंतिम सांसें गिन रही यमुना नदी को लॉकडाउन ने नया जीवनदान दिया है.

ध्यान देने वाली एक बात ये भी है कि करीब तीन दशकों के दौरान दो हजार करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च करके जो काम सरकारें नहीं कर पाईं…वो काम लॉकडाउन के दौरान अपने आप हो गया. यमुनोत्री से लेकर इलाहाबाद तक करीब 1370 किलोमीटर के अपने रास्ते में यमुना नदी का करीब 22 किलोमीटर का हिस्सा दिल्ली में पड़ता है और अक्सर दिल्ली से गुजरने वाली यमुना प्रदूषित रहती है.

दिल्ली में प्रतिदिन 3 हज़ार 267 मिलियन लीटर सीवर का पानी निकलता है जिसमें से करीब आधा ही साफ हो पाता है जबकि बाकी गंदा पानी सीधे यमुना नदी में जाकर गिर जाता है. लॉकडाउन में बाजार और फैक्ट्रियां बंद होने से सीवर से निकलने वाले गंदे पानी की मात्रा कम हो गई है. दिल्ली में करीब एक लाख फैक्ट्रियां है जिनमें से हर रोज़ 60 से 70 मिलियन लीटर कचरा निकलता है और ट्रीटमेंट प्लांट्स होने के बावजूद बड़ी मात्रा में कचरा सीधे यमुना नदी में ही गिरता है. इसके अलावा दिल्ली के 16 नालों से भी यमुना नदी में गंदगी पहुंचती है लेकिन लॉकडाउन के दौरान ये सब चीजें होना या तो पूरी तरह बंद हो गया है या काफी कम हो गया है.
 
लेकिन दिल्ली में अभी भी कुछ जगह ऐसी हैं जहां यमुना नदी अब भी मैली है लेकिन वहां भी पहले के मुकाबले गुणवत्ता का स्तर बेहतर हुआ है लेकिन उतना नहीं, जितना होना चाहिए. वैसे लॉकडाउन का असर सिर्फ यमुना नदी की ही गुणवत्ता पर नहीं पड़ा है बल्कि गंगा नदी का पानी भी स्वच्छ हुआ है. 

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के Real Time Water Monitoring Data के मुताबिक 36 में से 27 निगरानी केंद्र में गंगा नदी का पानी नहाने लायक पाया गया है. गंगा नदी में होने वाले कुल प्रदूषण में उद्योगों की हिस्सेदारी करीब दस प्रतिशत होती है. लॉकडाउन के दौरान उद्योग बंद हैं जिससे स्थिति बेहतर हुई है. गंगा नदी के घाटों के किनारे अंतिम संस्कार और नौकायन जैसी गतिविधियां बंद हैं जिससे गंगा नदी में 5 प्रतिशत गंदगी घटी है. इसी का असर है कि 24 मार्च को लॉकडाउन के ऐलान के बाद से गंगा नदी पहले के मुकाबले 40 से 50 प्रतिशत साफ नजर आ रही है. 

गंगा अब काफी हद तक हो गई साफ

औद्योगिक शहर कानपुर, जहां से बड़ी मात्रा में औद्योगिक कचरा निकलता है और इसे गंगा नदी में फेंका जाता है, वहां भी गंगा अब काफी हद तक साफ हो गई है. यमुना और गंगा नदी ने जिस तरह लॉकडाउन के इस मौके का फायदा उठाकर खुद को साफ और स्वच्छ रखने का मॉडल पेश किया है. वो भविष्य में इन नदियों को साफ और निर्मल बनाए रखने में कारगर साबित हो सकता है. सोचिये अगर 14 दिन के लॉकडाउन में स्थितियां इतनी बेहतर हो सकती हैं तो क्यों ना प्रकृति की खातिर लॉकडाउन को एक वार्षिक आयोजन बनाकर अपनाया जाए. 

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन सेंट थॉमस अस्पताल के आईसीयू में भर्ती

  • पूरे विश्व में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 13 लाख 34 हजार 9 हुई
  • 24 घंटे में कोरोना ने 4 हजार से ज्यादा लोगों की जान ली, संख्या पहुंची 74 हजार 90
  • कोरोना वायरस से पीड़ित ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की हालत बिगड़ी
  • 55 वर्षीय बोरिस जॉनसन सेंट थॉमस अस्पताल के आईसीयू में भर्ती
  • विदेश मंत्री डोमिनिक राब ने अस्थायी तौर पर कार्यभार संभाला
  • 10 डाउनिंग स्ट्रीट के प्रवक्ता ने जॉनसन के आईसीयू में भर्ती होने की पुष्टि की

लंदन: 

कोरोना वायरस से संक्रमित ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की हालत बिगड़ने के बाद उन्हें अस्पताल के आईसीयू में ट्रांसफर कर दिया गया. डाउनिंग स्ट्रीट ने सोमवार को यह जानकारी दी.

बता दें कि 55 साल के बोरिस जॉनसन को लंदन के सेंट थॉमस अस्पताल के आईसीयू में भर्ती किया गया. इसके बाद यूनाइटेड किंगडम के विदेश मंत्री डोमिनिक राब ने अस्थायी तौर पर कार्यभार संभाल लिया है. 10 डाउनिंग स्ट्रीट के प्रवक्ता ने कहा, “आज दोपहर प्रधानमंत्री की हालत बिगड़ गई जिसके बाद डॉक्टरों की सलाह पर उन्हें अस्पताल के आईसीयू में भर्ती किया गया है.”

पीएम मोदी ने की बोरिस जॉनसन के जल्दी स्वस्थ होने की कामना की

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने COVID-19 के कारण अस्पताल में भर्ती यूनाइटेड किंगडम के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के जल्दी स्वस्थ होने की सोमवार को कामना की.

मोदी ने ट्वीट किया, “प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन, उम्मीद है कि आपको जल्द अस्पताल से छुट्टी मिलेगी और आप पहले की तरह स्वस्थ हो जाएंगे.”

बता दें कि जॉनसन ने ट्वीट किया था कि चिकित्सक की सलाह पर वह कुछ टेस्ट कराने अस्पताल गए थे क्योंकि उनमें कोरोना वायरस संक्रमण के लक्षण दिखाई दे रहे थे. उन्होंने कहा, ‘मैं ठीक हूं और अपनी टीम के संपर्क में हूं. हम इस वायरस से लड़ने और सबको सुरक्षित रखने के लिए मिल कर काम कर रहे हैं.’

ब्रिटेन में मरने वालों का आंकड़ा 5000 के पार

ब्रिटेन में कोरोना वायरस के कारण संक्रमित हुए लोगों में से अब तक पांच हजार से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है. सोमवार को जारी आधिकारिक आंकड़े में इस बीमारी से 439 और लोगों की मौत की बात कही गई है.

स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक ट्वीट में कहा, ‘पांच अप्रैल को शाम पांच बजे तक ब्रिटेन में कोरोना वायरस से संक्रमण के बाद अस्पताल में भर्ती कराए गए मरीजों में से 5,373 लोगों की मौत हो चुकी है.’