मेवात से हिंदुओं का पलायन, गहरी नींद में खट्टर

हरियाणा के मेवात क्षेत्र को कट्टरवादियों ने बहुत पहले ही ‘बंगलादेश’ बना दिया है। बंगलादेश में करीब 8 प्रतिशत हिन्दू रह गए हैं, यही स्थिति मेवात की भी हो गई है। जबकि 1947 में बंगलादेश में करीब 30 प्रतिशत और मेवात में भी लगभग 30 प्रतिशत हिन्दू थे। अब पूरे मेवात को ‘पाकिस्तान’ की शक्ल देने देने का प्रयास तेजी से हो रहा है। आज हरियाणा के मेवात में हिन्दुओं के साथ वह सब हो रहा है जो बंगलादेश या पाकिस्तान में हिन्दुओं के साथ होता है। हिन्दू लड़कियों और महिलाओं का अपहरण, उनका मतान्तरण और फिर किसी मुस्लिम के साथ जबरन निकाह। हिन्दुओं को जबरदस्ती मुसलमान बनाना। हिन्दू व्यापारियों से जबरन पैसे की वसूली करना। मंदिरों और श्मशान के भूखंडों पर कब्जा करना। बंगलादेशी घुसपैठियों को बसाना। हिन्दुओं को झूठे मुकदमों में फंसाना। हिन्दुओं के यहां डाका डालना। कोढ़ में खाज यह कि प्रशासन द्वारा भी हिन्दुओं की उपेक्षा आम बात हो गयी है। इस कारण मेवात के हिन्दू मेवात से पलायन कर रहे हैं। मेवात के सभी 508 गांव लगभग हिन्दू-विहीन हो चुके हैं। किसी- किसी गांव में हिन्दुओं के दो-चार परिवार ही रह गए हैं। यदि सेकुलर सरकारों का रवैया नहीं बदला तो यहां बचे हिदू भी पलायन कर जाएंगे। फिर इस इलाके को पाकिस्तान बनने से कोई रोक नहीं सकता है।

सारिका तिवारी, चंडीगढ़

Sarika Tiwari,
Editor: demokratikfront.com

हरियाणा के मेवात से हिंदू समुदाय की पलायन पर अखबारों में एक रिपोर्ट छप रही है लगभग 75 से 100 शब्दों की। बस विश्व हिंदू परिषद ने पिछले दिनों एक समिति बनाई जिसमें जनरल बक्शी स्वामी धर्मदेव और वकील चंद्रकांत शर्मा शामिल थे। समिति ने ओट में बताया गत 25 वर्षों से मेवात से भारी संख्या में हिंदू पलायन कर गए हैं। वीएचपी के संयुक्त सचिव डॉ सुरेंद्र जैन की माने तो उन्होंने मेवात को हिंदुओं का कब्रिस्तान ही कह दिया, क्योंकि आए दिन हिंसा की घटनाएं सामने आ रही है। धर्म परिवर्तन के लिए दबाव आए दिन सुनने में आ रहा है, कभी किसी लड़के की शिखा काटने का प्रयास और विरोध करने पर उसके घर पर भारी संख्या में समुदाय विशेष के लोगों द्वारा हल्ला बोल कर ना केवल लड़के को अधमरा करना बल्कि उसकी मां के साथ भी मारपीट करना आम है। इतना ही नहीं प्रशासन और पुलिस इतने पंगु हैं कि पहले तो रिपोर्ट दर्ज ही नहीं हुई बाद में किसी तरह मामला दर्ज हुआ तो दबाव बनाकर सम्झौता करवाया गया। उसके अगले ही दिन लठियों से दो हिन्दू युवाओं पर जान लेवा हमला किया गया जिनमें से एक अभी भी अस्पताल में दाखिल है। उसकी स्थिति नाज़ुक बनी हुई है। इससे साफ झलकता है कि पुलिस और प्रशासन अपना कर्तव्य पालन करने में नाकाम साबित हो रहे हैं। या तो किसी प्रभाव के अंतरगर्त अपना काम नहीं कर पा रहे या स्वयं दोनों मशीनरियाँ ऐसी गतिविधियों में संलिप्त हैं।

गोहत्यारों पर नहीं होती कड़ी कार्रवाई

गोकशी के मामलों में भी जब पुलिस को सूचना दी जाती है तो पुलिस अपराधियों पर कोई कड़ी कार्रवाई नहीं करती है। उदाहरण के लिए 28 अप्रैल को पुन्हाना में गो तस्करों की गोली से रघुवीर नामक एक मजदूर मारा गया। लेकिन इस मामले में कड़ी कार्रवाई करने के बजाए पुलिस इसकी लीपापोती में लगी है। मजदूर का परिवार भुखमरी के कगार पर है, परन्तु मुआवजे की बात तो दूर, उसकी कोई परवाह नहीं की जा रही है। ऐसी घटनाएं बताती हैं कि मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में जहां हिन्दू परिवार गिने चुने हैं, वहां हिंदुओं की सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं है और न ही अपेक्षित सुरक्षा बल मौजूद है। इसके अतिरिक्त, लॉक डाउन के चलते जहां हिन्दू व्यावसायी लॉक डाउन के नियमों का पालन करते हुए जब अपने प्रतिष्ठान चला रहे होते हैं, तो वहां के स्थानीय अधिकारी केवल हिंदुओं का गैर कानूनी चालान करते हैं, जबकि मुस्लिमों द्वारा चलाये जा रहे व्यावसायिक प्रतिष्ठान लॉक डाउन की धज्जियां उड़ाकर, बिना किसी सरकारी हस्तक्षेप के धड़ल्ले से चल रहे हैं। 500 मकानों वाले गांव कुलैटा (नगीना ) में जहां केवल 10 मकान हिंदुओं के हैं वहां हिन्दुओं का घर से निकलना दूभर हो रहा है। बहू-बेटियां भी सुरक्षित नहीं हैं। इतना ही नहीं, सरकारी स्कूलों में हिन्दुओं के बच्चों को नमाज पढ़ने के लिये बाध्य किया जाता है,जहां पर कर्मचारी मुस्लिम बहुल हैं।

इस सबके बीच पुन्हाना के पास नई गांव से कन्वर्जन की साजिशों का भी पता चला। यहां के एक हिन्दु युवक को मुस्लिम बनाया गया और अब उसकी मां को भी इस्लाम अपनाने के लिये प्रताड़ित किया जा रहा है। यह भी बात सामने आई है कि गांव उटावड़ में कुख्यात आतंकवादी हाफिज सईद द्वारा दिए गए पैसों से एक बड़ी मस्जिद बनाई गयी जो सलमान नाम के व्यक्ति के माध्यम से बनवाई गयी। इस समय यह सलमान किसी अन्य मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी की गिरफ्त में है। कुल मिलाकर हरियाणा के इस जिले में मुसलमानों का इतना आतंक व खौफ है, जिसके चलते हिन्दुओं का जीना दूभर हो रहा है। इन्हीं कारणों के चलते हिन्दू पलायन तक को मजबूर हो रहे हैं। ऐसे में यह समिति हिन्दू समुदाय की सुरक्षा के प्रति राज्य सरकार को जागरूक करते हुए अपील करती है कि सरकार हिन्दुओं की सुरक्षा का उचित प्रबन्ध करे ताकि उनमें एक विश्वास उत्पन्न हो सके। पीड़ितों से चर्चा करते समय एक ही बात सामने आई कि वे प्रशासन पर विश्वास खो बैठे हैं। इसलिये उनमें से कुछ लोग पलायन की सोच रहे हैं। ऐसी स्थिति घातक है। इन परिस्थितियों को वर्तमान हरियाणा सरकार ही ठीक कर सकती है। इसलिए यह रिपोर्ट हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल जी को भेज दी गई है। विश्व हिंदू परिषद विश्वास करती है कि मुख्यमंत्री महोदय इस रिपोर्ट की अनुशंसाओं को अति शीघ्र लागू करके मेवात को राष्ट्र विरोधी व हिंदू विरोधी गतिविधियों से मुक्त कराएंगे।

जुलाई 2018 को 8 लोगों द्वारा एक बकरी के साथ गैंगरेप करने की घटना को कोई भूला तो नहीं होगा?

समिति ने कुछ अनुशंसा भी की हैं जो इस प्रकार हैं—

  • क्षेत्र के समस्त पुलिस प्रशासन को बदल कर इनकी जगह कर्मठ व किसी दबाव में न झुकने वाले अधिकारियों को लाया जाये।
  •  जिस क्षेत्र में हिन्दुओं पर अत्याचार होते हैं, वहां के थानाध्यक्ष को व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार ठहराया जाए।
  • मेवात में मदरसों,—मस्जिदों और मजारों से चल रही राष्ट्र विरोधी गतिविधियों की एनआईए से जांच कराई जाए। हवाला के रास्ते आतंकवादियों का पैसा मस्जिदों के बनाने और अवैध हथियारों के जखीरे खड़ा करने में हो रहा है, यह भी जांच में शामिल हो।
  • पुलिस पर अविश्वास के कारण वहां पर अर्ध सैनिक बलों की उपस्थिति आवश्यक है। अतः मुस्लिम बहुल इलाकों मे अर्ध सैनिक बलों का केन्द्र बनना चाहिये, चाहे उसके लिये भूमि अधिग्रहण करनी पड़े।
  •  हिंदुओं की व्यक्तिगत, सामाजिक व धार्मिक सम्पत्ति पर अवैध कब्जों की जांच होनी चाहिये और उनको जिहादियों के चंगुल से अविलम्ब मुक्त कराना चाहिए।

मुख्यमंत्री को परिषद की ओर से यह रिपोर्ट सौंपी गई। सुरेन्द्र जैन चाहते हैं कि मुख्यमंत्री जल्दी से जल्दी रिपोर्ट का संगयानलेते हुए उचित कार्रवाई करें और समिति की सिफारिशों जिसमें वर्तमान अधिकारियों और कर्मियों को तुरंत प्रभाव से हटाकर दूसरे अधिकारी और कर्मचारी नियुक्त किया जाए। इतना ही नहीं समिति ने सिफ़ारिश की है कि मेवात के संवेदनशील माहौल को देखते हुए यहां सीआरपीएफ़ और बीएसएफ को तैनात किया जाए।

भई यह तो रही विश्व हिंदू परिषद की मांग, जिन मसलों पर सुरेन्द्र जैन बात कर रहे हैं यह समस्याएं और घटनाएं आर एस एस के घटक दल भाजपा के राज मैं ही हुई है।

मुख्यमंत्री हो या गृह मंत्री दोनों के पास इस विषय पर बात करने का समय नहीं, मान ले अपने किसी खास या चहेते पत्रकार से इस विषय पर बात करें भी तो आम दिनों की तरह एक ही जवाब उम्मीद की जा सकती है या तो उन्हें इस बारे में जानकारी नहीं या इस पर जांच चल रही है इस पर वह सामने आएगी भी या नहीं यह आने वाले समय के शोध का विषय रहेगा।

अब बात करते हैं कि क्यों प्रशासन ऐसे व्यक्ति जो कि इस तरह की घोर हिंसा में संलिप्त हैं के विरुद्ध कार्रवाई नहीं करता या इन पर कोई राजनीतिक दबाव जो कि अपने वोट बैंक को संजोकर रखने के लिए तथाकथित अपिजमेंट नीति का प्रयोग करते हैं? राजनेताओं के हाथ की कठपुतली बने अखबार और चैनल क्यों सच को उजागर होने नहीं देते? एक समुदाय विशेष के कुछ गिने-चुने लोगों द्वारा हिंसा फैलाने या वारदातों को अंजाम देने को मात्र कुछ शब्दों तक समेट कर रख दिया जाता है जबकि मेवात के इलाके में पिछले दिनों इस तरह की हिंसा और सांप्रदायिक गतिविधियों में संलिप्त लोगों के बारे में बोलने और लिखने वाले पत्रकार के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया और उसे ना केवल पुलिस ने गिरफ्तार करने की पूरी तैयारी कर ली थी। और कुछ लोगों ने उसके घर पर भी हमला किया। चलो कुछ सोच कर पुलिस ने गिरफ्तारी तो नहीं की लेकिन उसकी शिकायत पर हमलावरों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई इससे बड़ी विडंबना यह है की पत्रकार संगठनों या उनके पदाधिकारी साथ देना तो दूर घटनाक्रम क निंदा करने के लिए आगे नहीं आए।

अब बात करें ऐसे मामलों की रिपोर्टिंग की चाहे रिपोर्ट जनता के सामने आने की बात हो रिपोर्ट दर्ज करने के बाद दोनों ही मामलों में रिपोर्ट औंधे मुंह गिरी दिखाई पड़ती हैं। मीडिया की दिलचस्पी तथाकथित अल्पसंख्यक समुदाय मैं ही है चाहे मुजफ्फरनगर का हो या शामली का मामला, मीडिया ने क्षेत्र को अपनी छावनी बना लिया था और ग्राउंड ज़ीरो से रेपोर्टिंग हो रही थी। इतना ही नहीं मिडीया इस तरह से रिपोर्टिंग करता है की जैसे चाहता हो कि घटना क्रम जितनी जल्दी हो सके जनसाधारण के मानस पटल से साफ हो जाए।

पलायन बंगाल से भी हो रहा है, आसनसोल के दंगों के बाद से यह पलायन जारी है, लेकिन अखबार और चैनल मालदा, उत्तरी दिनाजपुर, मुर्शिदाबाद और टेलिनपरा की खबर बाहर नहीं आने देते। ममता बनर्जी के आने के बाद ही से यह घटना विषम रूप लेती जा रही है। देश में संचार माध्यमों की भरमार है लेकिन संचार के विषय का चुनाव देश हित के लिए नहीं बिजनेस हाउस और राजनीतिक हाउसेस के लिए किया जाता है फॉर सेल के बोर्ड तो भले ही से हट गए हैं लेकिन घरों के बाहर लटकते ताले देखकर तीन दशक पहले के कश्मीर को यहां जीवंत करते हैं।

जारी है:-

लॉकडाउन में भुखमरी के कगार पर सेक्स वर्कर्स की जमात

वेश्यावृत्ति या प्रॉस्टिट्यूशन आज के जमाने में कोई नई बात नहीं है। वर्तमान समय में इस बारे में सभी को पता है। समाज में इसका चलन काफी लंबे समय से ही रहा है। हालांकि लोग इसके बारे में खुलकर बात करने या इसे स्वीकारने से हमेशा से ही कतराते रहे हैं। प्राचीनकाल में यानि कि राजा-महाराजाओं के जमाने में भी ऐसा हुआ करता था। यानि मोटे तौर पर यह समझ लें कि वेश्यावृत्ति हमेशा से ही विभिन्न समाजों का अभिन्न अंग रहा है। आज जहां कोरोना से सारा देश त्रस्त है लोग कम धंधे के लिए लॉकडाउन खुलने का इंतज़ार कर रहे हैं वहीं देश भर में रह रही वेश्याओं को अपने आज और आने वाले कल की भी चिंता सता रही है। लॉकडीपीडबल्यूएन की स्थिति में रोज़ कमाओ रोज़ खाओ वाली कमाई तो बंद हो ही गयी थी लेकिन आने वाले समय में वाइरस के भय से धंधा चौपट ही रहेगा।

अंग्रेजों के समय ‘नाच गर्ल्स'(nautch girls)

सारिका तिवारी, चंडीगढ़

Sarika Tiwari,
Chief Editor,
demokratikfront.com

देश में सिर्फ कोरोना का संकट नहीं है बल्कि लॉकडाउन के चलते बहुत से लोगों का व्यापार ठप हो गया है। दिहाड़ी मजदूरी करने वाले से लेकर रोजाना कमाने वालों की स्थिति लॉकडाउन के चलते खराब हो गई है। इनमें सेक्स वर्क्स भी शामिल हैं जिनके काम रुकने के कारण भुखमरी के हालात हो गए हैं। कोरोना के कारण देश में लॉकडाउन की घोषणा हो गई जिसके बाद इनके पास एक भी ग्राहक नहीं पहुंच रहे। ऐसे में इनकी आमदनी बिल्कुल रुक गई है एक एक दिन काटना पहाड़ हो गया है।

सैलरी के इंतजार में हैं सेक्स वर्करों के बच्चे

राजस्थान के अजमेर जिले की एक सेक्स वर्कर नमिता (बदला नाम) अपने परेशानी की बात बताती हैं। नमिता कहती है- हमारा पेशा ऐसा है जिसमें रोज कमाने खाने की स्थिति होती है। घर में किसी को नहीं पता की हम सेक्स वर्कर हैं। सबको ये ही लगता है की हम कमाने के लिए ऑफिस में काम करने जाते हैं। जब सरकार ने लॉकडाउन की घोषणा कर दी तो घर पर सबको लगने लगा की हम काम पर नहीं जाएंगे तो भी हमें पैसे मिलेंगे।

हमारे बच्चे भी परेशान है। रोज पूछते हैं की आपकी सैलरी कब आएगी? क्या जवाब दूं उन्हें कि तुम्हारी मां एक सेक्स वर्कर है? मेरी मजबूरी थी इस पेशे में आना। क्या खिलाती बच्चों को? पति शराबी है और घर के खर्चों से उसे कोई मतलब नहीं। घर का खर्च चलाने के लिए मुझे ये काम करना पड़ता है। लॉकडाउन के चलते ये काम भी बंद हो गया है और पैसे भी नहीं आ रहे।

sex workers

नमिता अपने धंधे के बारे में बताते हुए कहती हैं की लोगों के अंदर इस वायरस का डर है, मुझे नहीं लगता की 6-7 महीने तक कोई भी हमारे पास आएगा। ये डर तो अब हमारे लिए भी है की जो व्यक्ति हमारे पास आएगा, पता नहीं वो कहां का है। ये परेशानी सिर्फ नमिता की नहीं है बल्कि उसकी जैसी और कितनी ही सेक्स वर्कर हैं जो इन दिनों अपना खर्चा ना चला पाने के चलते परेशान हैं। नमिता की तरह ही इस पेशे से जुड़ी लाखों सेक्स वर्कर्स की ये ही समस्या है। ऊपर से लॉकडाउन बढ़ने के संकेतों ने इनकी परेशानी को और बढ़ा दिया है।

लॉकडाउन ने पैदा कर दिए भुखमरी के हालात

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार देश में 30 लाख सेक्स वर्कर्स हैं जिनमें से नमिता एक है। वहीं ह्यूमन राइट्स वॉच की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में करीब 2 करोड़ सेक्स वर्कर है, जो इस पेशे से जुड़ी हुई हैं। दिल्ली की एक सेक्स वर्कर का कहना है की जल्दी ये लॉक डाउन नहीं खुला तो हमारे परिवार को भुखमरी झेलनी पड़ेगी। सरकार ने रातों रात लॉकडाउन कर दिया। हमें इतना भी समय नहीं मिला की हम आने वाले दिनों की तैयारी कर सकें।

सेक्स वर्कर्स देश की एक वो बड़ी आबादी है जो देश में मौजूद होने के बाद भी सरकार की मदद की तमाम योजनाओं में शामिल नहीं हैं। हजारों सेक्स वर्कर्स को सरकारी राशन इसलिए नहीं मिल पाता क्योंकि इनके पास राशन कार्ड नहीं हैं। इनके कमाने का जरिया ऐसा है जो इस लॉकडाउन की स्थिति में बिल्कुल भी संभव नहीं हैं। इन गलियों में काम करने वाली कितनी ही सेक्स वर्कर्स एचआईवी पॉजिटिव भी हैं और दूसरी बीमारियों से पीड़ित हैं पर इनके पास अस्पताल जाने तक के पैसे नहीं रह गए है।

कर्नाटक के कोलार जिले में रहने वाली सेक्स वर्कर भी इसी दुख से पीड़ित हैं। उन्होंने बताया कि हम जिस एरिया में रहते हैं वहां 3 हजार सेक्स वर्कर रहती है जिसमें 80 प्रतिशत स्ट्रीट बेस्ड हैं और होम बेस्ड केवल 20 प्रतिशत हैं। लॉकडाउन मे सबसे ज्यादा नुकसान स्ट्रीट बेस्ड वर्कर को हुआ है। इनके लिए एक समय के खाने की व्यवस्था करना भी बहुत मुश्किल हो गया है। सरकार इन पर कोई ध्यान नहीं दे रही।

बहुत चर्चित हैं ये रेड लाइट एरिया

देश में बहुत से रेड लाइट एरिया हैं जो हमेशा चर्चा रहते हैं। एशिया का सबसे बड़ा रेडलाइट एरिया सोनागाछी को माना जाता है। ये कोलकाता का बहुत ही चर्चित एरिया है। यहां कम से कम तीन लाख महिलाएं इस धंधे से जुड़ी हैं। दूसरे नंबर पर मुंबई का कमाठीपुरा है जहां पर दो लाख से अधिक सेक्स वर्कर हैं। इसके बाद दिल्ली का जीबी रोड, आगरा का कश्मीरी मार्केट, ग्वालियर का रेशमपुरा, पुणे का बुधवार पेठ भी काफी चर्चित है।

पुणे का बुधवार पेठ

ये सेक्स वर्कर सिर्फ देश के बड़े शहरों तक सीमित नहीं हैं। छोटे शहरों में वाराणसी का मडुआडिया, मुजफ्फरपुर का चतुर्भुर्ज स्थान, आंध्र पद्रेश के पेड्डापुरम व गुडविडा, सहारनपुर का नक्काफसा बाजार, इलाहाबाद का मीरगंज, नागपुर का गंगा जमुनी और मेरठ का कबाड़ी बाजार इन सेक्स वर्करों के एरिया के लिए जाना जाता है। यहां रहने वाली कुछ सेक्स वर्कर दूसरे शहरों में पलायन कर चुकी हैं तो कुछ इन्हीं बंद गलियों में पड़े अपना दिन बिता रही हैं। इनके पास ना तो रहने का सही इंतजाम है औऱ ना ही खाने पीने का सामान मौजूद है।

सेक्स वर्करों को नहीं मिलता कोई सरकारी लाभ

ऑल इंडिया नेटवर्क ऑफ सेक्स वर्कर संगठन से जुड़ी रहने वाली कुसुम सेक्स वर्करों के हक और अधिकारों को लिए काम करती है। कुसुम बताती हैं की होम बेस्ड सेक्स वर्कर्स को बहुत परेशानिया हैं। जीबी रोड पर कुछ सेक्स वर्कर के पास स्वयं सेवी संस्थाएं पहुंचकर मदद भी कर रही हैं, लेकिन इन सेक्स वर्कर के बारे में तो कोई कुछ जानता भी नहीं है। इनकी तो गिनती करना भी मुश्किल है। अगर सिर्फ एक कॉलोनी की बात करें तो लगभग 500 महिलाएं होम बेस्ड सेक्स वर्कर्स हैं।

सेक्स वर्कर का कारोबार भी तीन हिस्सों में बंटा है। पहला है ब्रोथल, दूसरा होम बेस्ड जहां महिलाएं घर पर ही अपने ग्राहक खुद तय करती हैं। तीसरा है स्ट्रीट बेस्ड और ब्रोकर बेस्ड- यानी की वो जो दलालों के सहारे काम करती हैं।कुसुम ने बताया कि ऑल इंडिया नेटवर्क ऑफ सेक्स वर्कर संगठन इन्हीं सेक्स वर्कर की आवाज उठाता है। कुसुम ने बताया की हमारा संगठन जितना हो सकता है उतना राशन इन सेक्स वर्करों तक पहुंचा रहा है, लेकिन ये राशन भी कितने दिन तक चलेगा कुछ कहा नहीं जा सकता। कुछ सेक्स वर्कर किराए के कमरों में रहती हैं। उनके लिए किराया देना भी मुश्किल हो रहा है।

कुसुम जिस संगठन से जुड़ी है उसें देशभर की लगभग पांच लाख सेक्स वर्कर जुड़ी हैं। ये संगठन 16 राज्यों में काम करता है इस संगठन में कई राज्यों से 108 कम्यूनिटी बेस्ड संगठन जुड़े हैं। इस संगठन की संयुक्त सचिव सुल्ताना बेगम राजस्थान के अजमेर जिले में 580 रजिस्टर्ड सेक्स वर्कर के लिए आवाज उठाती हैं। उनका कहना है कि जितनी भी महिलाएं इस पेशे से जुड़ी है उनमें 60-70 प्रतिशत लोगों के परिवार को पता ही नहीं है कि वो क्या काम करती हैं। परिवारों को बस इतना पता है की वो जहां काम करती हैं उन्हें वहां पैसा तो मिलेगा ही। इस समय इनकी परेशानी बढ़ गई है क्योंकि खर्चा चलाने का और कोई दूसरा रास्ता नहीं है।

आगे के महीनों में और बिगड़ सकते हैं हालात

आगे सुल्ताना कहती हैं कि इन सेक्स वर्करों को लोग बहुत अमीर समझते हैं, पर उनकी तकलीफ बस वहीं जान सकती है। इनके काम को काम का दर्जा नहीं मिला इसलिए सरकार की किसी योजना का फायदा भी इन्हें नहीं मिलता। लॉकडाउन में हमारी सरकार से गुजारिश है की इनकी सरकार जल्द से जल्द मदद करे वरना इनका परिवार भूखा मर जाएगा।

ऑल इंडिया नेटवर्क सेक्स वर्कर संगठन के को ऑर्डिनेट अमित कुमार बताते हैं कि देश में कोरोना जब शुरु हुआ तो जीबी रोड दिल्ली में रहने वाली करीब 60 फिसदी सेक्स वर्कर्स अपने घर जा चुकी थीं। अब वहां 40 फिसदी औरतें ही बची हैं। जिनकी कोठा मालकिन खाने का इंतजाम तो कर रही है, लेकिन किराए में कोई छूट नहीं दी है। अभी ये महिलाएं दोगुने कीमत पर ब्याज लेकर अपना काम चला रही हैं।

अमित ने लॉकडाउन हटने के 5-6 महीने के बाद की स्थिति का भी अनुमान लगा लिया है। उनका मानना है की जब सामान्य होने के बाद भी उनके किराए, राशन और पलायन की समस्या बनी रहेगी। जो घर जा चुकी हैं वो कोरोना के डर से वापस नहीं आने वाली। जो यहां रह गईं हैं उन्हें जल्दी ग्राहक नहीं मिलेंगे। लॉकडाउन के चलते इनकी स्थिति बहुत खराब हो गई है और इनका पेट भरने वाला भी कोई नहीं है।

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आज का राशिफल

18 मई 2020: अपने वज़न पर नज़र रखें और ज़रूरत से ज़्यादा खाने से बचें. निश्चित तौर पर वित्तीय स्थिति में सुधार आएगा- लेकिन साथ ही ख़र्चों में भी इज़ाफ़ा होगा. आज आप अपने चारों तरफ़ के लोगों के बर्ताव के चलते खीज महसूस करेंगे. आपको अपने प्रिय को ख़ुद के हालात समझाने में दिक़्क़त महसूस होगी. आज आपने जो नई जानकारी हासिल की है, वह आपको अपने प्रतिस्पर्धियों पर बढ़त दिलाएगी. अपने काम और शब्दों पर ग़ौर करें क्योंकि आधिकारिक आंकड़े समझने में मुश्किल होंगे, अगर आप कुछ गड़बड़ करते हैं तो. अपने जीवनसाथी के स्नहे से भीगकर आप ख़ुद को राजसी महसूस कर सकते हैं. कोई भी चीज़ ज़रूरत से ज़्यादा हो तो अच्छी नहीं होती है.

Aries

18 मई 2020: शराब से दूर रहें क्योंकि यह आपकी नींद में बाधा डालकर आपको गहरे आराम से महरूम कर सकती है. माली सुधार की वजह से ज़रूरी ख़रीदारी करना आसान रहेगा.  बच्चों को पढ़ाई पर ध्यान लगाने और भविष्य के लिए योजना बनाने की ज़रूरत है. आज आपको अपने प्रिय की याद सताएगी. आज कार्यालय में आपको कुछ अच्छा समाचार सुनने को मिल सकता है. दूसरों को यह बताने के लिए ज़्यादा उतावले न हों कि आज आप कैसा महसूस कर रहे हैं. जीवनसाथी का स्वास्थ्य कुछ गड़बड़ हो सकता है. टी. वी. देखना टाइम पास करने का एक बेहतर ऑप्शन हो सकता है .

Taurus

18 मई 2020: आज आप अच्छा पैसा कमाएंगे- लेकिन ख़र्च में इज़ाफ़ा आपके लिए बचत को और ज़्यादा मुश्किल बना देगा. पारिवारिक समस्याओं को प्राथमिकता दें. इस बारे में बिना देर किए बातचीत करें, क्योंकि एक बार इस समस्या के हल हो जाने पर घर में जीवन बहुत आसान हो जाएगा और परिवार के लोगों को प्रभावित करने में आपको कोई कठिनाई नहीं आएगी. कोई आपको दिल से सराहेगा. ज़रूरत के वक़्त तेज़ी और होशियारी से काम करने की आपकी क्षमता आपको लोगों की प्रशंसा का पात्र बना देगी. टैक्स और बीमे से जुड़े विषयों पर ग़ौर करने की ज़रूरत है. अगर आप जीवनसाथी के अलावा किसी और को अपने ऊपर असर डालने का मौक़ा दे रहे हैं, तो जीवनसाथी की ओर से आपको नकारात्मक प्रतिक्रिया मिलना संभव है. अगर आप अपने दिन को ज़रा बेहतर व्यवस्थित करें, तो अपने खाली समय का पूरा सदुपयोग कर काफ़ी काम कर सकते हैं.

Gemini

18 मई 2020: दबी हुई समस्याएं फिर से उभरकर आपको मानसिक तनाव दे सकती हैं. आर्थिक तंगी से बचने के लिए अपने तयशुदा बजट से दूर न जाएं. शादी लायक़ युवाओं का रिश्ता ऑनलाइन माध्यम से तय हो सकता है. जो अपने प्रिय के साथ छुट्टियां बिता रहे हैं, ये उनकी ज़िन्दगी के सबसे यादगार लम्हों में से होंगे. छात्रों के लिए बहुत अच्छा दिन है. वे परीक्षा में बढ़िया प्रदर्शन करेंगे. इस सफलता को सिर पर न चढ़ने दें और इससे प्रेरणा लेकर ज़्यादा कड़ी मेहनत के लिए कमर कसें. आपसे कोई बड़ी ग़लती सम्भव है, जो वैवाहिक जीवन के लिए ख़राब हो सकती है. पूरा दिन बैठकर ऊबने की बजाय ब्लॉगिंग करें या कोई रोचक किताब पढ़ें.

Cancer

18 मई 2020: आपको अपनी सेहत के प्रति ज़्यादा सावधानी बरतने की ज़रूरत है, ख़ास तौर पर रक्तचाप के मरीज़ों को. अनुमान नुक़सानदेह साबित हो सकता है – इसलिए हर तरह का निवेश करते वक़्त पूरी सावधानी बरतें. ग़लत बातों को ग़लत वक़्त पर कहने से बचें. जिन्हें आप चाहते हैं, उनका दिल दुखाने से बचें. गर्लफ़्रेण्ड/बॉयफ़्रेण्ड से धोखा मिल सकता है. कार्यक्षेत्र में चीज़ें आज आपके मुताबिक़ नहीं होंगी. आज कुछ ऐसा दिन है जब चीजें उस तरह नहीं होंगी, जैसी आप चाहते हैं. असजता की वजह से आप वैवाहिक जीवन में ख़ुद को फंसा हुआ अनुभव कर सकते हैं. आपको ज़रूरत है तो जीवनसाथी के साथ आत्मीय बातचीत की. स्वयंसेवी कार्य या किसी की मदद करना आपकी मानसिक शांति के लिए अच्छे टॉनिक का काम कर सकता है.

Leo

18 मई 2020: आपको अपनी सेहत के प्रति ज़्यादा सावधानी बरतने की ज़रूरत है, ख़ास तौर पर रक्तचाप के मरीज़ों को. अनुमान नुक़सानदेह साबित हो सकता है – इसलिए हर तरह का निवेश करते वक़्त पूरी सावधानी बरतें. ग़लत बातों को ग़लत वक़्त पर कहने से बचें. जिन्हें आप चाहते हैं, उनका दिल दुखाने से बचें. गर्लफ़्रेण्ड/बॉयफ़्रेण्ड से धोखा मिल सकता है. कार्यक्षेत्र में चीज़ें आज आपके मुताबिक़ नहीं होंगी. आज कुछ ऐसा दिन है जब चीजें उस तरह नहीं होंगी, जैसी आप चाहते हैं. असजता की वजह से आप वैवाहिक जीवन में ख़ुद को फंसा हुआ अनुभव कर सकते हैं. आपको ज़रूरत है तो जीवनसाथी के साथ आत्मीय बातचीत की. स्वयंसेवी कार्य या किसी की मदद करना आपकी मानसिक शांति के लिए अच्छे टॉनिक का काम कर सकता है.

Virgo

18 मई 2020: लम्बे अरसे को मद्देनज़र रखते हुए निवेश करें. मुसीबत के वक़्त परिवार से आपको मदद और सलाह हासिल होगी. आप दूसरों के तजुर्बों से कुछ सबक़ सीख सकते हैं. यह आपके आत्मविश्वास की मज़बूती के लिए बहुत ज़रूरी है. प्यार-मुहब्बत के मामले में अपनी ज़ुबान पर क़ाबू रखें, नहीं तो परेशानी में पड़ सकते हैं. बहादुरी भरे क़दम और फ़ैसले आपको अनुकूल पुरुस्कार देंगे. अपने जीवनसाथी की किसी छोटी बात को लेकर बोले गए झूठ से आप आहत महसूस कर सकते हैं. इंटरनेट सर्फ़िंग करना आपकी अंगुलियों की अच्छी वर्जिश करने के साथ-साथ आपके ज्ञान को भी बढ़ा सकता है.

Libra

18 मई 2020: खाते-पीते वक़्त सावधान रहें. लापरवाही बीमारी की वजह बन सकती है. उधार मांगने वाले लोगों को नज़रअन्दाज़ करें. अपनी उपयोगिता की ताक़त को सकारात्मक सोच और बातचीत के ज़रिए विकसित करें, ताकि आपके परिवार के लोगों को लाभ हो. अपने प्रिय के बिना समय बिताने में दिक़्क़त महसूस करेंगे. अपना रवैया ईमानदार और स्पष्टवादी रखें. लोग आपकी दृढ़ता और क्षमताओं को सराहेंगे. देर शाम तक आपको कहीं दूर से कोई अच्छी ख़बर सुनने को मिल सकती है. जीवनसाथी के साथ यह एक बढ़िया दिन गुज़रने वाला है. अपने अच्छे लेखन के साथ आज आप किसी अकल्पनीय काल्पनिक उड़ान पर जा सकते हैं.

Scorpio

18 मई 2020: शाम के समय थोड़ा आराम कीजिए. आज अगर आप दूसरों की बात मानकर निवेश करेंगे, तो आर्थिक नुक़सान तक़रीबन पक्का है. आज का दिन मज़े करने के लिहाज़ से बढ़िया है, इसलिए अपनी पसंदीदा चीज़ों और काम का लुत्फ़ उठाएं. रोमांस दरकिनार हो सकता है क्योंकि कुछ छोटे-मोटे मतभेद अचानक उभरेंगे. कार्यक्षेत्र में परिस्थितियां आपके पक्ष में लगती हैं. आप चाहें तो परेशानियों को मुस्कुराकर दरकिनार कर सकते हैं या उनमें फंसकर परेशान हो सकते हैं. चुनाव आपको करना है. ज़िन्दगी बहुत ख़ूबसूरत नज़र आएगी, क्योंकि आपके जीवनसाथी ने आपके लिए कुछ ख़ास योजना बनाई है. संभव है कि आज आपकी जीभ को भरपूर मज़ा मिले -लज़ीज़ खाने का लुत्फ़ उठा सकते हैं.

Sagittarius

18 मई 2020: ऊर्जा के अपने ऊंचे स्तर को आज अच्छे काम में लगाएं. आज आपका सामना कई नई आर्थिक योजनाओं से होगा- कोई भी फ़ैसला करने से पहले अच्छाईयों और कमियों पर सावधानी से ग़ौर फ़रमाएं. दफ़्तर के तनाव को घर में न लाएं. इससे आपके परिवार की ख़ुशी ख़त्म हो सकती है. अच्छा यही है कि परेशानियों का सामना दफ़्तर में ही करें और घर पर पारिवारिक जीवन का आनंद लें. आपका प्रिय आपसे वादे की मांग करेगा, लेकिन ऐसा वादा न करें जिसे आप पूरा न कर सकें. अगर आप थोड़ी देर अनुभवी लोगों की संगत में गुज़ारेंगे, तो आपको काफ़ी ज्ञान मिलेगा. सफ़र के लिए दिन ज़्यादा अच्छा नहीं है. जीवनसाथी के साथ हंसते-खिलखिलाते, हर पल के मज़े लेते हुए आप महसूस करेंगे कि आप किशोरावस्था में लौट गए हैं. बाग़बानी करना आपके लिए सुकून भरा हो सकता है – इससे पर्यावरण को भी लाभ पहुंचेगा.

Capricorn

18 मई 2020: ख्याली पुलाव पकाने में वक़्त ज़ाया न करें. सार्थक कामों में लगाने के लिए अपनी ऊर्जा बचाकर रखें. माता-पिता की मदद से आप आर्थिक तंगी से बाहर निकलने में क़ामयाब रहेंगे. अपनी नई परियोजनाओं के लिए अपने माता-पिता को विश्वास में लेने का सही समय है. आपको आज ही अपने प्रिय को दिल की बात बताने की ज़रूरत है, क्योंकि कल बहुत देर हो जाएगी. आपका कम्यूनिकेशन और काम करने की क्षमता असरदार सिद्ध होंगे. अपने जीवनसाथी को सरप्राइज़ देते रहें, नहीं तो वह ख़ुद को आपके जीवन में महत्वहीन समझ सकता है. मानसिक शान्ति बहुत महत्वपूर्ण है.

Aquarius

18 मई 2020: अपने बच्चे का प्रदर्शन आपको बहुत ख़ुशी देगा. अचानक आए अप्रत्याशित ख़र्चे आपके ऊपर आर्थिक तौर पर बोझ डाल सकते हैं. आज आप अपने प्रिय की बेजा मांगों को पूरा करने से बचिए. पैसे बनाने के उन नए विचारों का उपयोग करें, जो आज आपके ज़ेहन में आएं. घरेलू मोर्चे पर बढ़िया खाने और गहरी नींद का पूरा लुत्फ़ आप ले पाएंगे. आज आप फ़ोटोग्राफ़ी करके आने वाले कल के लिए कुछ बेहतरीन यादें संजो सकते हैं; अपने कैमरे का सदुपयोग करना बिल्कुल न भूलें.

Pisces

18 मई 2020: ज्योतिषीय सलाह आपकी सेहत के लिए काफ़ी उपयोगी रहेगी. जल्दबाज़ी में फ़ैसले न लें- ख़ासतौर पर अहम आर्थिक सौदों में मोलभाव करते वक़्त. अपने जीवन-साथी के साथ बेहतर समझ ज़िन्दगी में ख़ुशी, सुकून और समृद्धि लाएगी. व्यक्तिगत मार्गदर्शन आपके रिश्ते में सुधार लाएगा. करियर से जुड़े फ़ैसले ख़ुद करें, बाद में इसका लाभ आपको मिलेगा. छुपे हुए दुश्मन आपके बारे में अफ़वाहें फैलाने के लिए अधीर होंगे. आप अपने जीवनसाथी के प्यार की मदद से ज़िन्दगी की मुश्किलों का आसानी से सामना कर सकते हैं. अपने ख़र्चों पर थोड़ी नज़र रखें.

इस्राइल में चीनी राजदूत डू वेई की रहस्यमय परिस्थितियों में मृत्यु

यरुशलम: 

इजराइल में चीन के राजदूत रविवार को तेल अवीव में अपने घर में मृत पाए गए. इजराइल के विदेश मंत्रालय ने यह जानकारी दी. मौत की कोई वजह नहीं बताई गई है और इजराइली पुलिस ने कहा कि वह मामले की छानबीन कर रही है. कोरोना वायरस वैश्विक महामारी संकट के बीच डू वेई को फरवरी को राजदूत नियुक्त किया गया था. वह पहले यूक्रेन में चीन के राजदूत थे. उनके परिवार में पत्नी और एक बेटा है तथा दोनों इजराइल में नहीं थे. मौत से दो दिन पहले उन्होंने अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ की उन टिप्पणियों की आलोचना की थी जिसमें इजराइल में चीन के निवेश की निंदा की गई और चीन पर कोरोना वायरस के बारे में जानकारी छिपाने का आरोप लगाया था.

इज़राइल में तीन चुनावों के बाद अब सरकार बनना तय
गतिरोध और बिना किसी स्पष्ट नतीजे के तीन बार हुए चुनावों और डेढ़ साल तक कार्यवाहक सरकार रहने के बाद प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की सरकार रविवार को अंतत: शपथ ले रही है. शपथ से पहले भी हालांकि तीन दिनों तक मंत्री पद को लेकर उनकी लिकुड पार्टी के अंदर काफी खींचतान चलती रही. सप्ताहांत पर नेतन्याहू और उनके विरोधी से सहयोगी बने बेनी गांट्ज ने नई सरकार के गठन के लिये साथ आने की घोषणा की. नई सरकार में इज़राइल के इतिहास में सबसे ज्यादा 36 मंत्रियों और 16 उप मंत्रियों के होने की उम्मीद है.

नेतन्याहू और पूर्व सेना प्रमुख गांट्ज ने पिछले महीने कहा था कि वे कोरोना वायरस संकट और गिरती अर्थव्यवस्था को संभालने के लिये अपने मतभेदों को दरकिनार कर साथ आ रहे हैं.

सत्ता साझेदारी के विवादित समझौते के तहत सरकार गठन के पहले 18 महीने नेतन्याहू प्रधानमंत्री रहेंगे और उसके बाद अगले 18 महीने सरकार की बागडोर गांट्ज के हाथों में होगी. दोनों पक्षों के समान संख्या में मंत्री होंगे और अन्य प्रमुख मुद्दों पर वीटो करने की परोक्ष शक्ति भी.

आलोचक ऐसे समय में सरकार में इतने मंत्री बनाए जाने की आलोचना कर रहे हैं जब कोरोना वायरस के कारण बेरोजगारी दर बढ़कर 25 प्रतिशत पहुंच गई है.

नेतन्याहू के खेमे में कई छोटे दल भी शामिल हैं और ऐसे में लिकुड पार्टी के पदाधिकारियों को देने के लिये उनके पास सीमित संख्या में मंत्रीपद हैं और ऐसे में गुरुवार को निर्धारित शपथ ग्रहण समारोह से पहले पार्टी के नाराज वरिष्ठ सदस्यों के हल्के विरोध का भी उन्हें सामना करना पड़ा. यह मामला समय पर नहीं सुलझा पाने के कारण नेतन्याहू ने पार्टी के अंदरूनी संकट के समाधान के लिए शपथ ग्रहण टालने को कहा था.

सत्ता के लिये हुई साझेदारी की वजह से गांट्ज की ब्लू एंड व्हाइट पार्टी पहले ही बंट गई है कि उसने नेतन्याहू के साथ काम नहीं करने के अपने मुख्य चुनावी वादे से समझौता कर लिया. नेतन्याहू पर भ्रष्टाचार का आरोप है और उन्हें मुकदमे का सामना करना है.

दोनों पार्टियों में यह समझौता होने से पहले देश की सर्वोच्च अदालत ने कहा था कि उसके पास इसे रोकने का कोई कानूनी आधार नहीं है.

आलोचनाओं के बावजूद गांट्ज की दलील है कि नेतन्याहू से हाथ मिलाना देश को लंबे समय से चले आ रहे राजनीतिक गतिरोध और इज़राइल को एक बार फिर खर्चीले चुनाव में ढकेलने से रोकने का एक मात्र रास्ता था. इज़राइल में अगर फिर चुनाव की नौबत आती तो लगभग एक साल में चौथा चुनाव होता.

गांट्ज नई सरकार में रक्षा मंत्री होंगे जबकि उनके साथी सेवानिवृत्त पूर्व सेना प्रमुख गाबी अस्केनाजी विदेश मंत्री बनाए जाएंगे. लिकुड पार्टी में नेतन्याहू के शीर्ष सहयोगी निवर्तमान विदेश मंत्री इज़राइल काट्ज वित्त मंत्री बनाए जाएंगे.

आलोचना की एक मुख्य वजह “वैकल्पिक प्रधानमंत्री” का नवसृजित पद है. यह गांट्ज से पद बदलने के बाद भी नेतन्याहू को कार्यालय में बने रहने और भ्रष्टाचार के मुकदमे और संभावित अपील प्रक्रिया पर नजर रखने में मदद करेगा.

इस बात को लेकर भी लोगों में संदेह है कि क्या नेतन्याहू मोलभाव के अपने पक्ष को बरकरार रखते हुए अंतत: गांट्ज को पद सौंपेंगे.

इसके बाद भी नया पद माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री को मिलने वाली सभी सुविधाओं से युक्त होगा जिसमें आधिकारिक आवास और सबसे महत्वपूर्ण कानून से यह छूट कि प्रधानमंत्री के आधिकारिक पद पर नहीं रहने वाले व्यक्ति को आरोप लगने पर इस्तीफा देना होता है.

नेतन्याहू पर भ्रष्टाचार, विश्वास भंग और घूस लेने के कई आरोप हैं.

लॉकडाउन 4.0 – 31 मार्च तक

कोरोनावायरस पर नियंत्रण के मद्देनजर लागू देशव्यापी लॉकडाउन कल चौथे चरण में कदम रखेगा. सूत्रों ने संकेत दिया है कि इस चरण में पहले की तुलना में अधिक रियायत दी जा सकती है खासकर सार्वजनिक परिवहन के मामले में. पिछले हफ्ते सप्ताह सरकार ने सीमित रेल सेवा लागू करके इसके थोड़े-बहुत संकेत दिए हैं. उम्मीद की जा रही है कि अब विमानन क्षेत्र और सड़क परिवहन समेत मेट्रो सेवाओं को लेकर कुछ राहत मिल सकती है

नई दिल्ली:

देश में चौथे लॉकडाउन की घोषणा करते हुए इसको 31 मई तक बढ़ा दिया गया है. इसके साथ ही 18 मई से लेकर 31 मई तक चौथा लॉकडाउन लागू कर दिया गया है. राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) की इस घोषणा के साथ गृह मंत्रालय ने लॉकडाउन 4.0 के लिए नई गाइडलाइंस भी जारी कर दी हैं. गृह मंत्रालय द्वारा लॉकडाउन 4.0 के लिए जारी गाइडलाइंस के मुताबिक आपके लिए ये जानना बेहद जरूरी है कि सरकार ने क्‍या खोलने की इजाजत दी है और किन जगहों पर पहले की तरह पाबंदी लगी रहेगी.

जानिए क्या खुला रहेगा और क्या बंद

  • होटल, रेस्टोरेंट बंद रहेंगे.
  • होम डिलीवरी की इजाजत होगी.
  • 31 मई तक मेट्रो सेवाओं पर रोक रहेगी.
  • मॉल, सिनेमा पहले की तरह बंद रहेंगे.
  • घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानें 31 मई तक बंद रहेंगी.
  • सभी तरह के आयोजनों पर 31 मई तक रोक
  • ग्रीन जोन में एक ही राज्य के अंदर बस, टैक्सी चलाने की इजाजत
  • स्‍टेडियम, स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स खुलेंगे लेकिन दर्शकों को जाने की इजाजत नहीं होगी. 
  • बाजार को खोलने को लेकर अभी तक स्थिति साफ नहीं.
  • राज्यों की सहमति से अंतर-राज्यीय बस सेवाएं शुरू हो सकती हैं.
  • सामाजिक, धार्मिक और राजनीतिक कार्यक्रमों पर रोक रहेगी.
  • स्कूल, कॉलेज और सभी शिक्षण संस्थाएं पहले की तरह बंद रहेंगे.
  • रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोन राज्य सरकारें तय करेंगी.
  • राज्यों के बीच बस सेवा की शुरुआत हो सकती है. इसके लिए दोनों राज्यों के बीच सहमति होनी चाहिए.
  • राज्य के भीतर भी पब्लिक बस ट्रांसपोर्ट सेवा की शुरुआत सरकार कर सकती है. 
  • जिलाधिकारी रेड जोन, कन्टेनमेंट एरिया या हॉटस्पॉट तय करेंगे लेकिन केंद्र/स्वास्थ्य मंत्रालय की गाइडलाइंस के मुताबिक. पब्लिक बस मूवमेंट भी इसलिए कि मज़दूरों को लाया ले जाया जा सके

सोमवार से लॉकडाउन 4.0 शुरू हो जाएगा

इससे पहले राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकार (एनडीएमए) ने रविवार को कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लागू राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की अवधि 31 मई तक बढ़ाई जाती है. एनडीएमए ने एक आदेश में कहा कि कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए लॉकडाउन की अवधि को देशभर में 14 दिन के लिए बढ़ाने की जरूरत है.

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, कोविड-19 से अभी तक देश में 2,872 लोगों की मौत हुई है वहीं रविवार सुबह तक 90,927 लोगों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है.

एनडीएमए के सदस्य सचिव जी.वी.वी. शर्मा ने कहा कि आपदा प्रबंधन कानून, 2005 के प्रवधान 6(2)(आई) के तहत प्राप्त अधिकार का उपयोग करते हुए एनडीएमए भारत सरकार के मंत्रालयों और विभागों, राज्य सरकारों और राज्य के प्राधिकारों को लॉकडाउन के तहत लागू नियमों को 31 मई तक जारी रखने का निर्देश देता है.

आदेश के अनुसार, केन्द्रीय गृह सचिव की अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय कार्यकारी समिति को निर्देश दिया जाता है कि वह कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए ऐहतियात बरतते हुए आर्थिक गतिविधियां शुरू करने के लिए जरुरत के अनुसार आवश्यक दिशा-निर्देश जारी करे.

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 मार्च को जनता कर्फ्यू का आह्वान किया था. उसके बाद उन्होंने 24 मार्च को अपने संबोधन में कहा कि देश में 25 मार्च से 21 दिन के लिए लॉकडाउन प्रभावी रहेगा. पहला चरण 14 अप्रैल को समाप्त होने वाला था, लेकिन उन्होंने इसे बढ़ाकर पहले तीन मई और फिर 17 मई कर दिया. आज के एनडीएमए के आदेश के साथ सोमवार से लॉकडाउन 4.0 शुरू हो जाएगा.

Police Files, Chandigarh

Korel, CHANDIGARH17.05.2020

Accident

          A case FIR No. 86, U/S 279, 337 added 304A IPC has been registered in PS-11, Chandigarh against driver of unknown car who sped away after hitting to a pedestrian lady namely Kaushalya w/o Brahmpal R/o # 12, type 13JEF, PGI Campus, Chandigarh (age 57 years) near Gurudwara, PGI Campus, Type-3, Sector 12, Chandigarh on 16.05.2020. She got injured and admitted in PGI, Chandigarh where is declared dead. Investigation of the case is in progress.

Kidnapping

A case FIR No. 75, U/S 365, 120-B IPC has been registered in PS-Sarangpur, Chandigarh on the complaint of Deepak R/o # 952/B, EWS Colony, Dhanas, Chandigarh who reported that 3 unknown persons kidnapped away his brother namely Balwant in car after beaten him near his residence on 15.05.2020. Investigation of the case is in progress.

Attempt to Murder

A case FIR No. 110, U/S 307 IPC has been registered in PS-Mauli Jagran, Chandigarh on the complaint of Mamta R/o # 410, Vikas Nagar, Mauli Jagran, Chandigarh who alleged that someone attacked on complainant’s daughter age about 9 years who had gone to play outside house on 15.05.2020. Child has been admitted in PGI, Chandigarh. During course of investigation a lady namely Laxmi R/o # 410, Vikas Nagar, Mauli Jagran, Chandigarh age about 19 years has been arrested in this case on 16.05.2020. Investigation of the case is in progress.

Police Files, Chandigarh

Korel, CHANDIGARH 16.05.2020

Assault

Vijay Kumar R/O # 5672, Sec-56, Chandigarh alleged that Ramakant, Jai Parkash, Shri Parkash and 4/5 others, who run away after beaten complainant and his family member near # 5670, Sector-56, Chandigarh on 15.05.2020. They were got injured and admitted in GMSH-16, Chandigarh. A case FIR No. 169, U/S 147, 148, 149, 323, 506 IPC has been registered in PS-39, Chandigarh. Later on, accused Jai Parkash, Shri Parkash, Chandan, Prince and Naresh all resident of Sector-56, Chandigarh arrested in this case. Investigation of the case is in progress.

Shiv Thakur R/o # 714/15, BDC, Sector-26, Chandigarh reported that Ravi and Manoj both r/o # 717/30, BDC, Sector-26, Chandigarh who quarreled with complainant and his brother namely Ranjit near his residence on 15.05.2020 and they also disobeyed lockdown order. A case FIR No. 101, U/S 188, 269, 270, 323, 325 IPC has been registered in PS-26, Chandigarh Investigation of the case is in progress.

MV Theft

Ajay Kumar R/o # 41/C, Village-Raipur Khurd, Chandigarh reported that unknown person stole away complainant’s M/Cycle No. PB65R-5978 parked near his residence. A case FIR No. 109, U/S 379 IPC has been registered in PS-Mauli Jagran, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.

panchang-2-5

आज का पंचांग

विक्रमी संवत्ः 2077, 

शक संवत्ः 1942, 

मासः ज्येष्ठ़, 

पक्षः कृष्ण पक्ष, 

तिथिः नवमी प्रातः 10.23 तक है, 

वारः शनिवार, 

नक्षत्रः शतभिषा प्रातः 11.05 तक, 

योगः वैधृति रात्रि 02.35 तक, 

करणः गर, 

सूर्य राशिः वृष, 

चंद्र राशिः कुम्भ, 

राहु कालः प्रातः 9.00 बजे से प्रातः 10.30 तक, 

सूर्योदयः 05.34, 

सूर्यास्तः 07.01 बजे।

नोटः आज बुध पश्चिम में उदय।

विशेषः आज पूर्व दिशा की यात्रा न करें। शनिवार को देशी घी, गुड़, सरसों का तेल का दानदेकर यात्रा करें।

अयोग्य अभियन्ताओं की पदोन्नति कानून सम्मत नहीं : राजेश मोहन

सारिका तिवारी/ जंगशेर राणा, चंडीगढ़ -15 मई

नए कानून जिसमें सभी क्षेत्रों के अभियंताओं को समान रूप से पदोन्नति दिए जाने का प्रावधान है तुरंत प्रभाव से समाप्त किया जाए यह माँग निदेशक जल सेवा राजेश मोहन ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को लिखें एक पत्र के माध्यम से की।

उन्होंने कहा की कुछ अभियंता सिविल क्षेत्र से नहीं है मैकेनिकल इलेक्ट्रिकल कंप्यूटर आदि क्षेत्रों से संबंधित हैं उन्हें भी सिविल इंजीनियरिंग के साथ सामान्य वरीयता के आधार पर पदोन्नति दी गई है जोकि सरासर गलत है। उन्होंने पत्र में लिखा है पीडब्ल्यूडी सिविल इंजीनियरों का विभाग है ।

मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कहा गया है की वर्ष 2012 मैं हाईकोर्ट ने रामफल डांगी असीम खन्ना के पक्ष में निर्णय देते समय न्याय की शर्तों को ध्यान में नहीं रखा इतना ही नहीं हरियाणा सिंचाई विभाग के सतवीर सिंह डांगी गुलाब सिंह नरवाल और राकेश चौहान ने कभी भी मैकेनिकल इंजीनियर की परीक्षा उत्तीर्ण नहीं की, फिर भी उन्हें विभाग में उच्च पदों पर लगाया गया है।

एक अन्य व्यक्ति बलराज सिंह चौहान सिविल इंजीनियर के पद पर कार्यरत हैं उन्हें ना तो किसी भी इंजीनियरिंग कॉलेज ने लाइसेंस प्रदान किया है और ना ही हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग द्वारा ही चयनित किया गया सरकार में कार्यरत सिविल इंजीनियरों ने इस पत्र पर हस्ताक्षर करते हुए मांग रखी रामफल डांगी इंजीनियर के पद पर न केवल क्या कानूनी ढंग से आसीन है बल्कि यह पद उन्होंने धोखे से हासिल किया है जिस वजह से उन्हें तुरंत प्रभाव से सेवा से निष्कासित किया जाए ओ साथी भारतीय दंड संहिता की धारा 193 120 बी और 170 के तहत उनके विरुद्ध कारवाई की जाए।

ट्रम्प ने दी चीन को धमकी, कहा हर रिश्ता तोड़ देंगे

  • कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच चीन से खफा हुआ अमेरिका, दी धमकी
  • अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दी चीन को धमकी, कहा- हर रिश्ता हम तोड़ देंगे
  • पिछले कई हफ्तों से राष्ट्रपति पर चीन के खिलाफ कार्रवाई करने का दबाव बढ़ रहा है

डोनाल्ड ट्रंप ने चीन के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए चीनी स्टॉक मार्केट से अरबों डॉलर के अमेरिकी पेंशन निधि निवेश को वापस लेने का ऐलान कर दिया है।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दुनियाभर में कोरोना वायरस के फैलने के मद्देनजर चीन से सारे रिश्ते तोड़ने की गुरुवार को धमकी दी। जानलेवा संक्रमण ने दुनियाभर में तकरीबन तीन लाख लोगों की जान ले ली है, जिनमें 80,000 से ज्यादा अमेरिकी शामिल हैं। ट्रंप ने एक न्यूज चैनल को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि कई चीजें हैं जो हम कर सकते हैं। हम सारे रिश्ते तोड़ सकते हैं। साथ ही उन्होने चीन के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए चीनी स्टॉक मार्केट से अरबों डॉलर के अमेरिकी पेंशन निधि निवेश को वापस लेने का ऐलान कर दिया है। ट्रंप ने पुष्टि की है कि उनके प्रशासन ने चीन से अरबों डॉलर के अमेरिकी पेंशन निधि निवेश वापस लेने की प्रक्रिया पर काम शुरू कर दिया है. ट्रंप के इस कदम से चीन के स्टॉक मार्केट को भारी नुकसान हो सकता है।

पिछले कई हफ्तों से राष्ट्रपति पर चीन के खिलाफ कार्रवाई करने का दबाव बढ़ रहा है। सांसदों और विचारकों का कहना है कि चीन की निष्क्रियता की वजह से वुहान से दुनियाभर में कोरोना वायरस फैला है। एक सवाल के जवाब में ट्रंप ने कहा कि वह चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग से फिलहाल बात नहीं करना चाहते हैं। हालांकि, उनके चिनफिंग से अच्छे रिश्ते हैं।

‘…लेकिन चीन ने इस बात को नहीं माना’
ट्रंप ने कहा कि चीन ने उन्हें निराश किया है। उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका ने चीन से बार-बार कहा कि कोरोना वायरस की उत्पत्ति की जांच के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय को वुहान की प्रयोगशाला जाने की इजाजत दी जाए, लेकिन उसने इसे नहीं माना।

इससे पहले अमेरिका ने चीन पर बौद्धिक संपदा और अनुसंधान कार्य से जुड़ी जानकारियां चोरी करने का भी आरोप लगाया गया था. ‘फॉक्स बिजनेस न्यूज’ पर जब ट्रम्प से उन खबरों के बारे में पूछा गया कि क्या अमेरिका ने चीनी निवेश से अरबों डॉलर की अमेरिकी पेंशन निधि निकाली हैं, तो राष्ट्रपति ने कहा, ‘अरबों डॉलर, अरबों … हां, मैंने इसे वापस ले लिया’

एक अन्य सवाल में, राष्ट्रपति से पूछा गया कि क्या वह अमेरिकी शेयर बाजारों में सूचीबद्ध होने के लिए चीनी कंपनियों को सभी शर्तों का पालन करने के लिए मजबूर करेंगे? ट्रंप ने कहा, ‘हम इस मामले पर बहुत करीब से ध्यान दे रहे हैं। यह बहुत आश्चर्यजनक है, लेकिन इस मामले में एक समस्या है. मान लीजिए कि हम ऐसा (शर्तों का पालन करने के लिए मजबूर) करते हैं, ठीक है? तो फिर वे क्या करेंगे? वे लंदन या किसी अन्य स्थान पर इसे सूचीबद्ध कराने जाएंगे।’

कमाई साझा नहीं करती चीनी कंपनियां

आरोप है कि अलीबाबा जैसी चीनी कंपनियों को न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध किया गया है, लेकिन वे उस तरह कमाई की जानकारी साझा नहीं करते, जिस तरह कोई अमेरिकी कंपनी करती है। इस बीच, कुछ समाचार रिपोर्टों के अनुसार, चीन उन अमेरिकी सांसदों के खिलाफ कार्रवाई करने पर विचार कर रहा है, जिन्होंने कोरोना वायरस प्रकोप से निपटने में लापरवाही बरतने को लेकर चीन के खिलाफ प्रतिबंध लगाने वाली मांग संबंधी प्रस्ताव सीनेट में पेश किया है। कोरोना वायरस के प्रकोप के बाद अमेरिका और चीन के संबंध बिगड़ गए हैं। अमेरिका ने कोरोना वायरस से निपटने में चीन के रुख पर निराशा व्यक्त की है। कोरोना वायरस अब तक अमेरिका में 80,000 से अधिक लोगों की जान ले चुका है।