घनश्याम तिवारी और मानवेन्द्र सिंह को वापिस लाने में जुटी भाजपा

कहते हैं कि राजनीति में कुछ भी स्थायी नहीं होता है. सबकुछ परिस्थितियों पर निर्भर करता है। ऐसा ही कुछ अब राजस्थान बीजेपी में होने की सुगबुगाहट हो रही है। पिछले दिनों कांग्रेस में करीब 32 दिन तक चले पॉलिटिकल ड्रामे के बाद जिस तरह सरकार और संगठन से बगावत करने वाले पूर्व पीसीसी चीफ सचिन पायलट और उनके गुट की वापसी हुई है, वैसा ही कुछ बीजेपी में भी होने जा रहा है। सूत्रों की मानें तो पूर्व में बीजेपी से छिटके दिग्गजों की पार्टी में वापसी का रोडमैप तैयार किया जा रहा है। इसमें दो नाम बड़े अहम हैं। पहला घनश्याम तिवारी और दूसरा मानवेन्द्र सिंह जसोल

राजस्थान(ब्यूरो):

राजस्थान में पिछले दिनों चले सियासी नाटक में कांग्रेस से बगावत कर वापस लौटे विधायकों को देख अब भाजपा ने भी अपनों को मनाने की तैयारी शुरू कर दी है। ऐसे में पार्टी से बगावत कर चुके नेताओं को वापस बुलाने की कवायद शुरू हो चुकी है। सूत्रों के अनुसार पूर्व में बीजेपी से अलग हुए दिग्गजों की पार्टी में वापसी का रोडमैप बनाया जा रहा है। इसमें घनश्याम तिवारी और मानवेन्द्र सिंह जसोल के नाम सबसे महत्वपूर्ण हैं।

गौरतलब है कि पिछले दिनों कांग्रेस में चले सियासी संग्राम के बाद जिस तरह सरकार और संगठन से बगावत करने वाले पूर्व पीसीसी चीफ सचिन पायलट और उनके गुट की वापसी हुई है, वैसा ही कुछ भाजपा भी करने जा रही है।

भाजपा अब अपने विचार तथा परिवार से कभी जुड़े रहे कद्दावर नेताओं की सुध लेने में जुटी गई है। वो नेता जो कि कभी संघ और भाजपा की अग्रिम पंक्ति में थे, लेकिन अपनी ही पार्टी में दूसरे बड़े नेताओं से मनमुटाव के चलते या तो पार्टी छोड़कर चले गये या फिर दूसरी पार्टी का दामन थाम लिया। सूत्रों की मानें तो वर्तमान मे भाजपा के सक्रिय धड़े के साथ संघ तथा इससे जुड़े पार्टी पदाधिकारी चाहते हैं कि दोनों नेताओं समेत अन्य नेता जो कभी पार्टी में होते थे, उनकी वापसी होनी चाहिए। इन दिग्गजों में घनश्याम तिवारी और मानवेन्द्र सिंह जसोल को सर्वोपरि रखा गया हैं।

तिवारी इसलिए हो गए थे भाजपा से अलग

राजस्थान में भाजपा को स्थापित करने वाले नेताओं में घनश्याम तिवारी भी शुमार रहे हैं। तिवारी लंबे समय तक विधायक रहे हैं और कई बार मंत्री भी रह चुके थे, लेकिन कद्दावर नेता और पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के साथ उनकी नाराजगी थी। 2013 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को बहुमत हासिल हुआ और वसुंधरा सीएम बनीं, लेकिन घनश्याम तिवारी को मंत्रिमंडल में जगह नहीं दी गई। सत्ता और संगठन में लगातार उपेक्षित रहे तिवारी ने आखिरकार सड़क से लेकर सदन तक वसुंधरा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया।

फिर बनाई खुद की पार्टी 

वसुंधरा के साथ नाराजगी के चलते तिवारी ने 2018 के विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा का दामन छोड़ अपनी नई पार्टी ‘भारत वाहिनी’ का ऐलान कर दिया। लेकिन, विधानसभा चुनाव में पार्टी कुछ असर नहीं दिखा पाई। भाजपा के साथ रहकर रिकॉर्ड मतों जीतने से वाले तिवारी खुद की पार्टी के बैनर पर बेहद सीमित मतों में सिमट गये। कभी कांग्रेस के कट्टर विरोधी रहे घनश्याम तिवारी ने राहुल गांधी की मौजुदगी में कांग्रेस का दामन थाम लिया। लेकिन, तब से लेकर अब तक तिवारी कांग्रेस में कभी सक्रिय नजर नहीं आए।

पिता जसवंत सिंह के बाद मानवेन्द्र ने भी छोड़ दी थी पार्टी

इसी तरह मानवेन्द्र सिंह जसोल भी राजस्थान भाजपा में उपेक्षा के चलते पार्टी से अलग हो गए थे। भाजपा के संस्थापकों में शुमार पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के ‘हनुमान’ रहे जसवंत सिंह का पार्टी ने 2014 के लोकसभा चुनाव में टिकट काट दिया तो वह निर्दलीय ही चुनाव मैदान में खड़े हो गए, जिसमें उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा। जसवंत सिंह भाजपा में रहते हुए केन्द्र सरकार में रक्षा, विदेश और वित्त मंत्रालय की कमान संभाल चुके थे। जसवंत की बगावत के बाद उनके पुत्र पूर्व सांसद एवं तत्कालीन विधायक मानवेन्द्र सिंह जसोल पार्टी में काफी उपेक्षित रहे। इस उपेक्षा से आहत मानवेन्द्र ने भी 2018 के विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा का दामन छोड़ दिया और कांग्रेस का हाथ थाम लिया।

दोनों चुनावों में देखना पड़ा हार का मुंह

कांग्रेस का दामन थामने के बाद पार्टी ने उन्हें झालरापाटन से पूर्व सीएम वसुधंरा राजे के सामने चुनाव में उतार दिया। लेकिन मानवेन्द्र वसुंधरा से चुनाव हार गये। बाद में कांग्रेस ने उनको लोकसभा चुनाव में उनकी परंपरागत बाड़मेर-जैसलमेर संसदीय सीट से मैदान में उतारा, लेकिन वहां भी उनको सफलता नहीं मिली। 

बदले राजनीतिक माहौल को भांपकर की जा रही है तैयारी

प्रदेश बीजेपी के अंदरूनी सियासत में वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव और 2019 के लोकसभा चुनावों के बाद जो बदलाव हुआ उसके बाद पार्टी में भी दो धड़े खुलकर सामने आ गए. सूत्रों की मानें तो वर्तमान मे बीजेपी के सक्रिय धड़े के साथ संघ तथा इससे जुड़े पार्टी पदाधिकारी चाहते हैं कि दोनों नेताओं समेत अन्य नेता जो कभी पार्टी में होते थे, उनकी वापसी होनी चाहिए. इसमें बीजेपी के सक्रिय प्रदेश स्तरीय नेताओं से लेकर केन्द्रीय नेताओं की भूमिका अहम बताई जा रही है. इसके पीछे तर्क दिया जा रहा है कि कांग्रेस की घरेलू कलह के कारण कहीं बीच में ही विधानसभा चुनाव की नौबत आ जाये उससे पहले बीजेपी को हर मोर्चे पर अपने आपको मजबूत कर लेना चाहिये. इसकी ही कवायद में पार्टी से छिटके नेताओं की घर वापसी का रोडमैप बनाया जा रहा है.

संजय झा के बाद क्या थरूर???

शशि थरूर कॉंग्रेस के दिग्गज नेता हैं और कॉंग्रेस में सुधारों को लेकर सबसे अधिक मुखर आवाज़ यदि कोई रही है तो थरूर ही की है। मौजूदा हालात में संजय झा के बाद शायद शशि का पत्ता कटने वाला है, क्योंकि बाकी 23 लोगों ने या तो थूका चाट लिया या फिर माफी मांग ली। सुनन्दा हत्याकांड को ध्यान में रखें तो यह संभव नहीं भी दिखता। कांग्रेस पार्टी के भीतर सुधारों की आवश्यकता पर अनौपचारिक विचार-विमर्श संसद सदस्य शशि थरूर द्वारा आयोजित डिनर के दौरान कम से कम पांच महीने पहले शुरू हुआ। वहां कई कांग्रेसी जो उनके मेहमान थे उन्होंने एचटी को इसकी पुष्टि की है। इससे खुलासा हुआ है कि  कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजे गए पत्र के बीज कुछ समय पहले ही बोए गए थे।

नई दिल्ली(ब्यूरो) :

कांग्रेस में जिन 23 नेताओं के चिट्ठियों पर बवाल मचा है, उसका खाका पांच महीने पहले पार्टी के सांसद शशि थरूर के घर पर खींचा गया था। एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि थरूर के घर पर डिनर के वक्त इस पर चर्चा हुई। इस मीटिंग में कई कांग्रेस नेताओं को आमंत्रित किया गया था। हालांकि कई लोग जो इस डिनर का हिस्सा थे, उन्होंने इस पर दस्तखत नहीं किए। इस डिनर में शामिल होने वाले लोगों में पी चिदंबरम, कार्ति चिदंबरम, सचिन पायलट, अभिषेक मनु सिंघवी, मणिशंकर अय्यर भी मौजूद थे. हालांकि इन लोगों ने चिट्ठी पर दस्तखत नहीं की थी।

डिनर में अपने मौजूदगी की पुष्टि करते हुए सिंघवी ने कहा कि मुझे थरूर के यहां डिनर पर आमंत्रित किया गया था। पार्टी के भीतर जरूरी रिफार्म्स पर यह एक अनौपचारिक बैठक थी। हालांकि मुझे किसी भी स्तर पर लेटर की कोई जानकारी नहीं थी।

अय्यर बोले- मुझसे कोई संपर्क नहीं हुआ

एक दैनिक समाचार पत्र की रिपोर्ट के अनुसार, चिंदबरम ने कहा कि वह पार्टी के मामलों पर टिप्पणी नहीं करना चाहते। बीते महीने राजस्थान में बगावत का बिगुल बजाकर फिर से खेमे में लौटे सचिन पायलट ने भी कोई टिप्पणी नहीं की। रिपोर्ट में कहा गया कि शशि थरूर ने इस मामले पर कोई जवाब नहीं दिया।

वहीं मणिशंकर अय्यर ने कहा कि ‘मैंने दस्तखत नहीं किया क्योंकि मुझे नहीं पूछा गया था। किसी ने मुझसे संपर्क नहीं किया।’ अय्यर ने कहा कि मार्च महीने में हुए डिनर में पार्टी को फिर से खड़ा करने पर चर्चा हुई। एक सुझाव आया पत्र लिखने का जो सबको वाजिब लगी। हालांकि उस डिनर के बाद किसी ने मुझसे संपर्क नहीं किया।

चिट्ठी पर दस्तखत करने वाले एक अन्य संसद सदस्य ने नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर कहा कि ‘यह चिट्ठी व्यक्तियों को नहीं बल्कि मुद्दों को संबोधित है। गांधी और अन्य वरिष्ठ नेताओं को संदेश पढ़ना चाहिए ना कि संदेश वाहक को निशाना बनाया जाए। हमने चिट्ठी पर अपना नाम दिया है क्योंकि हमारा मानना है कि बदलाव होने चाहिए।’

कॉंग्रेस का राजनैतिक ड्रामा: सोनिया एक बार फिर….

सोनिया गांधी फिलहाल कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष बनी रहेंगी. पार्टी में नया अध्यक्ष चुने जाने तक उन्होंने इस पद पर बने रहना स्वीकार कर लिया है. सोमवार को हुई कांग्रेस कार्य समिति (CWC) की बैठक में उन्होंने इस पद से हटने की बात कही थी. जिसके बाद वरिष्ठ नेताओं ने वैकल्पिक व्यवस्था होने तक इस पद पर बने रहने का आग्रह किया था.  जानकारी के मुताबिक सोनिया गांधी का कार्यकाल करीब एक साल का होगा. अगले साल पार्टी का अधिवेशन होना है. जिसमें नये अध्यक्ष और अन्य पदों पर फैसला हो सकता है. तब तक पार्टी का सारा जिम्मा सोनिया गांधी और CWC संभालती रहेगी। यह

पढ़ सुन कर क्या याद आता है, की जवाहर लाल नहरु ने जवाहर लाल नेहरू अनुशंसा की कि जवाहर लाल नहरु को भारत रत्न से सम्मानित किया जाये तो जवाहर लाल नेहरू ने इस प्रस्ताव का अनुमोदन किया अंतत: जवाहर लाल नेहरू को भारत रत्न से सम्मानित किया गया। CWC कि प्रधान तो स्वयं सोनिया गांधी है और मेम्बर्स में परिवार के बेटा और बेटी हैं।

नयी दिल्ली(ब्यूरो):

कल से शुरू हुआ राजनैतिक नाटक का पटाक्षेप हो गया। सोनिया गांधी कि अध्यक्षता वाली CWC ने सोनिया गांधी को पुन: सोनिया गांधी को पार्टी का अध्यक्ष बना दिया है। त्याग कि मूर्त सोनिया गांधी ने न CWC कि अध्यक्षा का पद छोड़ा न पार्टी अध्यक्षा का(अन्तरिम ही सही)। लेकिन यकीन मानिए इस सारे कुकर्म कि दोषी भाजपा है।

सोनिया गॉंधी को कॉन्ग्रेस ने भले फिर से अंतरिम अध्यक्ष चुन लिया हो, लेकिन इसने पार्टी के अंदरूनी कलह को बेनकाब कर दिया है। ताजा घमासान के बाद सब कुछ सामान्य होने और नुकसान का ठीक-ठीक पता लग पाने में ही महीनों लग सकते हैं।

सोनिया के दोबारा अंतरिम अध्यक्ष बनने से पहले उनके इस्तीफे की खबर आई। फिर जल्द ही दावा किया गया कि उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया था। फिर, कॉन्ग्रेस के ही ‘बागी’ नेता, जो कि हर हाल में केवल गाँधी परिवार के निष्ठावान कहे जा सकते हैं, एक पत्र लिखते हैं जिसमें पार्टी के नेतृत्व में स्थायी फेरबदल की माँग की जाती है।

इस बीच, ख़बरें सामने आती हैं कि राहुल गाँधी के फिर से कॉन्ग्रेस अध्यक्ष बनने की माँग को लेकर ‘विरोध-प्रदर्शन’ हो रहे हैं। इसी बीच, प्रियंका गाँधी वाड्रा ने कहा कि एक गैर-गाँधी को पार्टी अध्यक्ष बनना चाहिए, लेकिन कुछ अन्य कॉन्ग्रेस सदस्यों ने विरोध किया और कहा कि अगर गाँधी परिवार का कोई सदस्य पार्टी का नेतृत्व नहीं करता है तो पार्टी बिखर जाएगी।

इस क्रोनोलोजी में CWC में चीजें और भी भ्रामक हो गईं। मीडिया में सोनिया गाँधी ‘त्याग की प्रतिमा’ के रूप में काम कर रही हैं, जो केवल वही चाहती हैं, जो उनके राज्य (कॉन्ग्रेस) और उनके उत्तराधिकारी (राहुल गाँधी) के लिए सबसे बेहतर हो। जबकि इस पूरे धारावाहिक में राहुल गाँधी एक ऐसे बेटे की भूमिका निभा रहे हैं, जो अपनी माँ के राजकीय सम्मान और विरासत के लिए सब कुछ न्योछावर करने को राजी हैं।

सोनिया गाँधी ने पहले कहा कि वह पार्टी को अपना विकल्प खोजने के लिए समय दे रही हैं और वे ऐसा करने के बाद, कॉन्ग्रेस अध्यक्ष के रूप में अपने पद से हट जाएँगी। राहुल गाँधी कथित तौर पर इस असहमति पत्र से नाखुश थे और उन्होंने इस पत्र की ‘टाइमिंग’ पर सवाल उठाए थे।

इस बीच NDTV ने खबर फैलाई कि राहुल गाँधी ने कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेताओं पर भाजपा से साँठ-गाँठ होने के आरोप लगाए। इस बात से कपिल सिब्बल जैसे नेताओं ने उन्हें तीस साल की अपनी स्वामिभक्ति के बारे में अवगत कराया और गुलाम नबी आजादी ने कॉन्ग्रेस से इस्तीफा देने तक की बात कह दी।

लेकिन कुछ ही देर बाद कहा कि राहुल गाँधी ने उन्हें व्यक्तिगत तौर पर बताया कि उन्होंने ऐसे आरोप नहीं लगाए। सिब्बल ने एक और ट्वीट कर के स्पष्ट किया कि राहुल ने उन्हें आश्वस्त किया कि उन्होंने ऐसी कोई बात नहीं कही है।

इस पूरी राजनीतिक चकल्लस के बीच सिर्फ यही निष्कर्ष निकल पाया कि कॉन्ग्रेस में अब सिर्फ दो ही पक्ष हैं, पहला – जो सोनिया गाँधी को ही पार्टी अध्यक्ष बने रहने देना चाहता है, और दूसरा- जो राहुल गाँधी को ही पार्टी अध्यक्ष बने रहने देना चाहता है। हालाँकि, कॉन्ग्रेस का एक बड़ा वर्ग ‘महारानी’ को ही नेतृत्व करते देखना चाहता है। यही कारण है कि बीच का रास्ता निकालते हुए सोनिया को 6 और महीने के लिए अंतरिम अध्यक्ष आखिर में चुन लिया गया।

गाँधी बनाम ‘बाहरी’

अध्यक्ष पद की इस पारिवारिक चकल्लस के बीच कॉन्ग्रेस में किसी भी प्रकार के परिवर्तन को प्रभावित करने वाला एक सामूहिक विद्रोह कॉन्ग्रेस पार्टी में होने की संभावना नहीं है। अतीत में भी कॉन्ग्रेस में बगावत के स्वर सुनाई दिए गए, जिन्होंने तब भी पार्टी नेतृत्व में परिवर्तन को जरुरी बताने का साहस किया था। हालाँकि, उन्हें गंभीरता से लेने का दिखावा करने के बाद अंततः, उन्हें हटा दिया गया और गाँधी परिवार की हुकूमत को ही सर्वोपरि रखा गया।

यहाँ तक कि रामचंद्र गुहा जैसे इतिहासकार, जो कि लंबे समय से विशेष परिवार के वफादार रह चुके हैं, वो भी अब इस सिद्दांत में यकीन करने लगे हैं कि एक गैर-गाँधी को ही अब पार्टी का नेतृत्व करना चाहिए।

युवा बनाम बुजुर्ग

गाँधी परिवार की इस पार्टी में यह जंग एक तरह से ‘युवा बनाम बुजुर्ग’ की हो चुकी है। हालाँकि, सम्भावना यही है कि 6 महीने बाद भी चुनाव परिवार के भीतर से ही होना है। राहुल गाँधी द्वारा कॉन्ग्रेसी नेताओं पर भाजपा से साँठ-गाँठ होने के आरोप की खबर सामने आते ही कॉन्ग्रेस की भक्ति में लीन मीडिया की नई पीढ़ी और पुरानी पीढ़ी भी अपने-अपने प्रतिनिधि चुनती हुई देखी गई।

एक ओर जहाँ कुछ लोग वरिष्ठ नेताओं को निशाना बनाए जाने की निंदा करते देखे गए वहीं दूसरी और ऐसी भी जमात थी, जो फ़ौरन राहुल गाँधी के बचाव में उतर गई। हालाँकि, बाद में यह खबरें भी सामने आईं कि यह सब खेल NDTV के सूत्रों के आधार पर ही तय किया गया, लेकिन तब तक कॉन्ग्रेस के भीतर तैयार हो चुके कम से कम 2 गुट तो अपने अपने नए स्वामी चुन ही चुके थे।

यहाँ तक कि हार्दिक पटेल जैसे कॉन्ग्रेस के युवा और नए चहरे भी राहुल गाँधी को ही अपना नेता चुन चुके थे। इसलिए यह जंग राहुल और सोनिया गाँधी के बीच होने से ज्यादा उन समर्थकों और विचारों के बीच बनती नजर आ रही है, जो कॉन्ग्रेस के पारम्परिक और नवीन विचारों के पक्षधर और विरोधी हैं।

MEME या मीडिया?

जब राहुल गाँधी ने कपिल सिब्बल और अन्य पर भाजपा के साथ मिलकर काम करने का आरोप लगाया, तब कॉन्ग्रेस की वफादार पल्लवी घोष ने वरिष्ठ नेताओं का बचाव करने के लिए तुरंत मुहिम छेड़ दी। उसने कहा कि पत्र लिखने के लिए नेताओं की आलोचना की जा सकती है, लेकिन उन पर भाजपा की मदद करने का आरोप लगाना ठीक नहीं है।

इस पर दिव्या स्पंदना की प्रतिक्रिया एकदम विपरीत नजर आई। कपिल सिब्बल द्वारा डिलीट किए गए ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए कॉन्ग्रेस समर्थक दिव्या स्पंदना ने कहा कि राहुल गाँधी को यह कहना चाहिए था कि असहमति पत्र लिखने वाले नेता न केवल बीजेपी के साथ, बल्कि मीडिया के साथ भी साँठ-गाँठ कर रहे थे।

मीडिया और MEME ऐसे संसाधन हैं, जिन पर कांग्रेस का भविष्य टिका है। कोई सोच सकता है कि सोनिया गाँधी ट्विटर ट्रोल्स के बजाए पारंपरिक मीडिया और पत्रकारों में निवेश करना चाहेंगी। जबकि, राहुल गाँधी ‘ट्विटर सेना’ और मीम (MEME) निर्माताओं में निवेश करने के ज्यादा इच्छुक होंगे, जैसा कि हम देखते ही रहे हैं।

पल्लवी घोष और दिव्या स्पंदना के विरोधाभासी ट्वीट इस तथ्य का प्रमाण हो सकते हैं। राहुल गाँधी ने दिव्या स्पंदना पर भारी विश्वास जताया था, जो भाजपा के खिलाफ राजनीतिक हथियार के रूप में फर्जी खबरें फैलाने, आपत्तिजनक मीम्स और बयान शेयर करने का काम करती थी। हालाँकि, कॉन्ग्रेस के प्रति वफादार रहते हुए पल्लवी घोष ने कॉन्ग्रेस के एजेंडे को आगे बढ़ाने में थोड़ी ज्यादा चालाकी बरती है।

लूट की योजना बना रहे 8 बदमाशो को पुलिस व क्राइम ब्रांच की संयुक्त टीम ने किया गिरफ्तार

राहुल भारद्वाज सहारनपुर:

  • पुलिस टीम ने लूटपाट व डकैती जैसी घटनाओ को अंजाम देने वाले शातिर गिरोह पर कसा शिकंजा।
  • पुलिस ने 8 बदमाशों को किया गिरफ्तार, चोरी के 6 वाहन, एक तमंचा, 2 जिंदा कारतूस व लूट के 500 रुपये सहित मोबाइल भी किया बरामद।

सहारनपुर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ एस चन्नप्पा के आदेशों अनुसार जनपद में अपराध नियंत्रण एव अपराधियों की धरपकड़ को चलाए जा रहे अभियान के तहत एसपी सिटी विनीत भटनागर व सीओ -2 के कुशल निर्देशन में थाना सदर बाजार प्रभारी पंकज पंत ने वरिष्ठ उपनिरीक्षक नीशू तौमर, उपनिरीक्षक लोकेन्द्र राणा, अजय प्रसाद गौड़, जसबीर सिंह, केपी सिंह मय पुलिस टीम सहित क्राइम ब्रांच टीम के साथ मुखबिर की खास सूचना पर चैकिंग के दौरान छिदबना रोड़ पर एक मकान में लूट डकैती की योजना बना रहे शातिर 8 बदमाशों को गिरफ़्तार किया है, पुलिस ने मौके से अवैध तमंचा, 2 जिंदा कारतूस, 6 मोटरसाइकिल, लूट के 500 रुपये, एक मोबाइल बरामद किया है, पुलिस पूछताछ में शातिर बदमाशों ने राहगीरों के साथ लूटपाट करने की बात कबूली है, साथ ही जनपद की कई घटनाओं का कबूलनामा भी किया है, पकड़े गए बदमाशों का लंबा चौड़ा आपराधिक इतिहास भी है।

SSP डॉ एस चन्नप्पा ने पुलिस लाइन सभागार में प्रेसवार्ता कर उक्त गुडवर्क का अनावरण किया है, इस दौरान एसपी सिटी विनीत भटनागर व सीओ-2 भी मौजूद रहें।

Police Files, Chandigarh

Korel ‘Purnoor’, CHANDIGARH – 24.08.2020

Action against disobeying of orders of DM, UT, Chandigarh

          A case FIR No. 177, U/S 188 IPC has been registered in PS-IT park, Chandigarh against Kulwinder Singh R/o # 52, Village Kishangarh, Chandigarh (owner of Hotel Whispering Oaks) who celebrated birthday party at Hotel Whispering Oaks, Kishangarh, Chandigarh and arranged gathering of about 40/50 persons during lockdown hours on 22.08.2020. He disobeyed the order of 144 Cr.PC of the District Magistrate, UT, Chandigarh in the wake of Covid-19 in the city. Later he was bailed out. Investigation of the case is in progress.

Action against Gambling

Chandigarh Police arrested Paramjit Singh R/o # 252, PWT, Manimajra, Chandigarh, Dinesh R/o # 82, New Indra Colony, Manimajra, Chandigarh, Sonu R/o # 769, New Indra Colony, Manimajra, Chandigarh, Desraj R/o # 455/1 Dera Sahib Gurudwara, Manimajra, Chandigarh, Chanderpal R/o # 454 PWT, Manimajra, Chandigarh, Romi R/o # 234 Gali No. 11 Shanti Nagar, Manimajra, Chandigarh while they were gambling near Shivalik Garden, Manimajra, Chandigarh on 23.08.2020. Total cash Rs. 14,910/- was recovered from their possession. A case FIR No. 135, U/S 13-3-67 Gambling Act has been registered in PS-MM, Chandigarh. Later they were released on bail. Investigation of the case is in progress.

Chandigarh Police arrested Lalji Shah R/o # 187, Sector-8C, Chandigarh & Sangeet Kumar Patel R/o # 6318C, Sector-56, Chandigarh while they were gambling at backside of Anganwadi, Sector 45C, Chandigarh on 23.08.2020. Total cash Rs. 14,700/- was recovered from their possession. A case FIR No. 172, U/S 13-3-67 Gambling Act has been registered in PS-34, Chandigarh. Later they were released on bail. Investigation of the case is in progress.

Theft

Amrik Singh R/o # 76C, Raipur Khurd, Chandigarh, reported that unknown person stole away batteries of 3 tractors of complainant and also stolen batteries of car No. CH03V6874 and Jeep No. PB65AS4452, while all vehicles were parked near his residence on night intervening 22/23.08.2020. A case FIR No. 170, U/S 379 IPC has been registered in PS-Mauli Jagran, Chandigarh Investigation of the case is in progress.

गरुड़ प्रकाशन ने की ‘दिल्ली दंगा 2020: द अनटोल्ड स्टोरी’ प्रकाशित करने की आधिकारिक घोषणा

दिल्ली दंगों पर आधारित किताब को छापने से ब्लूम्सबरी पब्लिशिंग इंडिया (Bloomsbury Publishing India) के इनकार के बाद गरुड प्रकाशन ने इसे छापने का जिम्मा लिया है। दिल्ली रायट्स 2020: द अनटोल्ड स्टोरी (Delhi Riots 2020: The Untold Story) नाम से ब्लूम्सबरी इंडिया किताब छापने जा रहा था, प्रकाशन से पहले सोशल मीडिया पर मचे हंगामें और विरोध के बाद ब्लूम्सबरी ने किताब छापने से इनकार कर दिया। इसके एक दिन बाद गरुड प्रकाशन ने इस किताब को छापने का ऐलान किया है। 

राजविरेन्द्र वसिष्ठ, चंडीगढ़ – 24 अगस्त:

इस पूरे प्रारण में एक बार फिर से पत्रकारिता और प्रकाशन के बीच के द्वंद्व को पाया गया। लेखक/पत्रकार ने अपना काम बाखूबी किया लेकिन प्रकाशक ने अपने निजी स्वार्थ देखे। ब्लूम्सबेरी का इतिहास रहा है क वह सत्ता और सांप्रदायिक ताकतों के आगे न केवल घुटने टेक देता है अपितु दंडवत हो जाता है। कुछ साल पहले भी प्रफुल्ल पटेल के दबाव में एयर इंडिया पर लिखी एक पुस्तक की आधिकारिक घोषणा के बाद छापने से इंकार कर बैठा था। मुझे आज स्वराज में छपा एक विज्ञापन याद आ रहा है ” ‘‘चाहिए स्वराज्य के लिए एक संपादक। वेतन-दो सूखी रोटियां, एक गिलास ठंडा पानी और प्रत्येक संपादकीय के लिए दस साल जेल और विशेष अवसर पे अपना सिर कटाने के लिये तैयार, योग्य कलमकार’’। आज के दौर में भी ऐसे कलमकारों की आवश्यकता तो है ही अपितु अधिक आवश्यकता है निर्भीक प्रकाशकों की।

गरुण प्रकाश ने कहा है कि अगले 15 दिनों में किताब मार्केट में उपलब्ध होगी। गरुड़ प्रकाश के अधिकारी संक्रांत सानू ने कहा है कि अन्य पब्लिकेशन हाउस किताब की विषय वस्तु के स्थान पर अन्य बातों से प्रभावित होकर किताब छापने से इनकार कर रहे हैं। गरुड़ प्रकाशन दिल्ली दंगों पर आधारित किताब लिखने वाले लेखकों के प्रयास का समर्थन करता है। 

ब्लूम्सबरी (Bloomsbury) प्रकाशन समूह दिल्ली दंगों पर आधारित किताब Delhi Riots 2020: The Untold Story प्रकाशित करने वाला था। लेकिन इस्लामी और वामपंथियों के दबाव में आकर उसने किताब का प्रकाशन रोक दिया। अब इस किताब को गरुड़ प्रकाशन समूह प्रकाशित करेगा। इस किताब की लेखिका मोनिका अरोड़ा, सोनाली चितालकर और प्रेरणा मल्होत्रा हैं।

बीते दिन (22 अगस्त 2020) इस किताब के वर्चुअल विमोचन के दौरान ब्लूम्सबरी यूके मुख्यालय से दबाव बनाया गया। जिसके बाद प्रकाशन समूह ने अचानक ही किताब प्रकाशित करने से मना कर दिया था।  

किताब की लेखिका मोनिका अरोड़ा ने इस बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि लोगों को भावना देखते हुए उन्होंने फैसला किया है कि गरुड़ प्रकाशन समूह के साथ जाएँगे। यह फ़िलहाल स्टार्टअप की तरह चल रहा है। लेखिका ने ब्लूम्सबरी प्रकाशन समूह को इस संबंध में मेल भी किया था। लेकिन वहाँ से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिलने के बाद उन्होंने यह फैसला किया। मेल में उन्होंने साफ़ तौर पर पूछा कि क्या वह इस किताब का प्रकाशन रोक रहे हैं? वह इस बात को लिखित में दें लेकिन ब्लूम्सबरी ने फोन पर ही इस बात की जानकारी दी। यानी समझौता ख़त्म करने के लिए कोई लिखित कार्रवाई नहीं की गई।

किताब की लेखिका मोनिका अरोड़ा ने भी इस मुद्दे पर ट्वीट कर भी जानकारी दी। ट्वीट में उन्होंने लिखा “निवेदन के बाद हमसे से लिखित तौर पर कोई संवाद नहीं किया गया। हम अपनी किताब की हत्या नहीं कर सकते हैं, लोग इस किताब को खरीदना चाहते हैं। हमारे पास दूसरे प्रकाशन समूह को स्वीकार करने के अलावा कोई और विकल्प नहीं बचता है।”  

इस बात की पुष्टि करते हुए गरुड़ प्रकाश ने भी ट्वीट किया। साथ ही उन्होंने किताब की लेखिका मोनिका अरोड़ा का आभार भी जताया। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, “दोस्तों! आप सभी के सहयोग के लिए धन्यवाद। आइए इस किताब को घर-घर तक पहुँचाते हैं।” इसके बाद प्रकाशन समूह ने ट्वीट करके यह जानकारी भी दी कि किताब हिंदी और अंग्रेज़ी दोनों भाषा में विमोचित की जाएगी। जल्द ही यह किताब उपलब्ध कराई जाएगी।  

उल्लेखनीय बात यह रही कि जैसे ही ब्लूम्सबरी ने किताब छापने से मना कर किया गरुड़ प्रकाशन समूह ने इसे प्रकाशित करने का प्रस्ताव दिया था।  

पूरी किताब The book of ‘Delhi Riots 2020: The Untold Story इसकी लेखिकाओं द्वारा की गई जाँच – पड़ताल और साक्षात्कार पर आधारित है। अगले महीने यह किताब प्रकाशित होनी थी। किताब की 100 प्रतियाँ लेखिका को उपलब्ध भी कराई जा चुकी थी। इसके अलावा किताब अमेज़न पर प्री ऑर्डर के लिए उपलब्ध भी थी। लेकिन जैसे ही लेखिकाओं ने भाजपा नेता कपिल मिश्रा की मौजूदगी में वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के ज़रिए किताब विमोचन की बात कही, वैसे ही कॉन्ग्रेस समेत तमाम वामपंथी नेताओं ने इसके विरोध में अभियान चलना शुरू कर दिया।  

विलियम डेलरीमैपल जैसे वामपंथी इतिहासकारों की टीका टिप्पणी और आक्षेप के बाद ब्लूम्सबरी ने किताब प्रकाशित करने से मना कर दिया। ऐसा करने से पहले उन्होंने किताब की लेखिका को सूचित करना भी ज़रूरी नहीं समझा। गरुड़ प्रकाशन एक भारतीय प्रकाशन समूह है। इसकी शुरुआत संक्रांत सानू ने की थी और इसमें उनके साथ थे अंकुर पाठक। हाल ही में इस प्रकाशन समूह ने विवेक अग्निहोत्री की अर्बन नक्सल का प्रकाशन किया था।  

मेरा कोई राजनीतिक उद्देश्य नहीं है और न ही मैं चुनाव लड़ने की इच्छा रखता हूँ : पूर्व न्यायाधीश रंजन गोगोई

भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई ने रविवार को उन अटकलों को खारिज कर दिया कि वह असम में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार होंगे.

नयी दिल्ली (ब्यूरो):

पूर्व न्यायाधीश रंजन गोगोई को लेकर विपक्ष ने दुष्प्रचार अभियान छेड़ रखा है। इसी कड़ी में आज दावा किया गया कि वे असम के अगले विधानसभा चुनावों में भाजपा के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार होंगे। मीडिया से बातचीत में गोगोई ने इसका खंडन किया है। इससे पहले बीजेपी भी इन दावों को नकार चुकी है।

पूर्व मुख्य न्यायाधीश ने कहा, “मेरा कोई राजनीतिक उद्देश्य नहीं है और न ही मैं चुनाव लड़ने की इच्छा रखता हूँ। किसी ने भी मुझसे इस तरह की संभावनाओं का ज़िक्र नहीं किया है।” इसके अलावा उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि राज्यसभा की सदस्यता स्वीकार करने का यह मतलब नहीं है कि वह राजनीति में शामिल होने वाले हैं। उन्होंने कहा कि सदन अपने विचार रखने का माध्यम है, यहाँ सदस्यों को अपनी बात कहने की पूरी स्वतंत्रता है। यही कारण था कि मैंने राज्यसभा का प्रस्ताव स्वीकार किया। इसका राजनीति या चुनाव से कोई लेना-देना नहीं है।

दरअसल असम के पूर्व मुख्यमंत्री और कॉन्ग्रेस नेता तरुण गोगोई ने कहा था, “भाजपा राम मंदिर के फैसले की वजह से रंजन गोगोई से बहुत खुश है। नतीजतन मुख्य न्यायाधीश के पद से सेवानिवृत्त होने के बाद उन्हें राज्यसभा के लिए निर्वाचित किया। वह (रंजन गोगोई) राज्यसभा के प्रस्ताव को ठुकरा भी सकते थे, लेकिन उन्होंने सक्रिय राजनीति के लालच में ऐसा नहीं किया।”

इसके अलावा उन्होंने कहा था, “मैंने सूत्रों से सुना था कि भाजपा के मुख्यमंत्री पद के दावेदारों की सूची में रंजन गोगोई का नाम सबसे आगे है। इस बात की पूरी उम्मीद है कि असम के आगामी विधानसभा चुनावों में पूर्व मुख्य न्यायाधीश भाजपा के मुख्यमंत्री प्रत्याशी हो सकते हैं।”

इनका जवाब देते हुए गोगोई ने कहा, “मैं अपनी मर्ज़ी से राज्यसभा का सदस्य निर्वाचित किया गया हूँ। यह एक ज़रिया है लोकतांत्रिक मंच पर अपना नज़रिया रखने का और इसकी वजह से मैं नेता नहीं बन जाता हूँ।” उन्होंने कहा यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि लोगों को यह भी नहीं पता कि राज्यसभा का सदस्य निर्वाचित होना और किसी राजनीतिक दल से चुने जाने पर सदन का सदस्य बनना अलग-अलग बात है।  

इससे पहले असम की भाजपा इकाई ने कॉन्ग्रेस नेता के दावों को मनगढ़ंत और झूठा बताया था। असम भाजपा के अध्यक्ष रंजीत कुमार दास ने कहा, “जब लोग बूढ़े हो जाते हैं तब वह इस तरह की निरर्थक बातें करने लगते हैं। हम तरुण गोगोई के बयान को इस श्रेणी में ही रखना चाहते हैं। मैं कई मुख्यमंत्रियों से पहले मिल चुका हूँ लेकिन तरुण गोगोई जैसी बेबुनियादी बातें कोई और नहीं करता है। उनकी इस बात में बिलकुल भी सच्चाई नहीं है। न जाने किस आधार पर उन्होंने इतना बड़ा दावा कर दिया।”    

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राशिफल, 24 अगस्त 2020

Aries

24 अगस्त 2020:  ज़्यादा शराब पीने और तेज़ गाड़ी चलाने से बचें. उधार मांगने वाले लोगों को नज़रअन्दाज़ करें. परिवार के साथ सामाजिक गतिविधियां सभी को ख़ुश रखेंगी. अपनी व्यक्तिगत भावनाएं और गोपनीय बातें अपने प्रिय से बांटने का सही समय नहीं है. तनख़्वाह में बढ़ोतरी आपको उत्साह से भर सकती है. यह वक़्त अपनी सभी निराशाओं और परेशानियों को मिटाने का है. दिक़्क़तों का तेज़ी से मुक़ाबला करने की आपकी क्षमता आपको ख़ास पहचान दिलाएगी. आपका जीवनसाथी आपसे नाराज़ हो सकता है, क्योंकि आप उनसे कोई बात साझा करना भूल गए थे. काम टालने से कभी किसी का भला नहीं होता. पूरे हफ़्ते बहुत-सा काम इकट्ठा हो गया है, इसलिए अब बिना देरी शुरू हो जाएं.

Taurus

24 अगस्त 2020:  ख़ुद अपना इलाज करने से बचें, क्योंकि दवाई पर आपकी निर्भरता बढ़ने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है. वे निवेश-योजनाएं जो आपको आकर्षित कर रहीं हैं, उनके बारे में गहराई से जानने की कोशिश करें- कोई भी क़दम उठाने से पहले विशेषज्ञ की सलाह ज़रूर ले लें. आपका गर्मजोशी भरा बर्ताव घर का माहौल ख़ुशनुमा कर देगा. कुछ ही लोग ऐसे इंसान के आकर्षण से बच सकते हैं, जिसके पास इतनी प्यारी मुस्कान हो. जब आप लोगों के साथ होंगे, तो आपकी महक फूलों की तरह चारों ओर फैलेगी. आज आपके प्रिय की मनोदशा ज्वार-भाटे की तरह उतार-चढ़ाव भरी होगी. कामकाज के दबाव से ख़ुद को शान्त करने के लिए हो सकता है कि आपको पर्याप्त समय न मिले. वक़ील के पास जाकर क़ानूनी सलाह लेने के लिए अच्छा दिन है. मुमकिन है कि आपका जीवनसाथी आज आपके लिए पर्याप्त समय न निकाल पाए. जब आप अपने परिवार के साथ सामान्य से कुछ ज़्यादा समय बिताते हैं, तो थोड़ी कहासुनी हो ही सकती है. लेकिन आज इससे बचने की कोशिश करें.

Gemini

24 अगस्त 2020:  क़ुदरत ने आपको आत्मविश्वास और तेज़ दिमाग़ से नवाज़ा है- इसलिए इनका भरपूर इस्तेमाल कीजिए. निवेश करने और अनुमान के आधार पर पैसे लगाने के लिहाज़ से अच्छा दिन नहीं है. मनोरंजन से जुड़ी गतिविधियां मज़ेदार रहेंगी, अगर पूरे परिवार की उसमें सहभागिता हो. अपने मनमौजी बर्ताव पर क़ाबू रखें, क्योंकि यह आपकी दोस्ती को बर्बाद कर सकता है. सहकर्मियों और कनिष्ठों के चलते चिंता और तनाव के क्षणों का सामना करना पड़ सकता है. ऐसी जानकारियों को उजागर न करें जो व्यक्तिगत और गोपनीय हों. आपको और आपके जीवनसाथी को वैवाहिक जीवन में कुछ निजता की ज़रूरत हे. इंटरनेट सर्फ़िंग करना आपकी अंगुलियों की अच्छी वर्जिश करने के साथ-साथ आपके ज्ञान को भी बढ़ा सकता है.  

Cancer

24 अगस्त 2020:  शारीरिक बीमारी के सही होनी की काफ़ी संभावनाएं हैं और इसके चलते आप शीघ्र ही खेल-कूद में हिस्सा ले सकते हैं. आपके घर से जुड़ा निवेश फ़ायदेमंद रहेगा. बेटी की बीमारी आपका मूड ख़राब कर सकती है. उत्साह बढ़ाने के लिए उसे स्नेह से दुलारें. प्यार में बीमार को भी भला-चंगा करने की ताक़त होती है. व्यक्तिगत मार्गदर्शन आपके रिश्ते में सुधार लाएगा. सहकर्मियों से उम्मीद के मुताबिक़ सहयोग नहीं मिलेगा; लेकिन धैर्य का दामन थामे रहें. हितकारी ग्रह कई ऐसे कारण पैदा करेंगे, जिनकी वजह से आज आप ख़ुशी महसूस करेंगे. आपको और आपके जीवनसाथी को कोई बहुत सुखद ख़बर सुनने को मिल सकती है. अच्छी नींद अच्छी सेहत के लिए बेहद ज़रुरी है; आप थोड़ा अधिक सो सकते हैं.

Leo

24 अगस्त 2020:  अपनी शारीरिक चुस्ती-फुर्ती को बनाए रखने के लिए आप आज का दिन खेलने में व्यतीत कर सकते हैं. फ़ौरी तौर पर मज़े लेने की अपनी प्रवृत्ति पर क़ाबू रखें और मनोरंजन पर ज़रूरत से ज़्यादा ख़र्च करने से बचें. अपने मनमौजी बर्ताव पर क़ाबू रखें, क्योंकि यह आपकी दोस्ती को बर्बाद कर सकता है. किसी साझीदारी वाले व्यवसाय में जाने से बचें – क्योंकि मुमकिन है कि भागीदार आपका बेजा फ़ायदा उठाने की कोशिश करें. जीवनसाथी के साथ कुछ तनातनी मुमकिन है, लेकिन शाम के खाने के साथ चीज़ें भी सुलझ जाएंगी. अगर आप अपने दिन को ज़रा बेहतर व्यवस्थित करें, तो अपने खाली समय का पूरा सदुपयोग कर काफ़ी काम कर सकते हैं.

Virgo

24 अगस्त 2020:  कोई आपका मूड ख़राब कर सकता है, लेकिन ऐसी चीज़ों को ख़ुद को क़ाबू न करने दें. व्यर्थ की चिंताएं और परेशानियां आपके शरीर पर नकारात्मक असर डाल सकती हैं और त्वचा से जु‌ड़ी समस्याएं पैदा कर सकती हैं. अनुमान नुक़सानदेह साबित हो सकता है – इसलिए हर तरह का निवेश करते वक़्त पूरी सावधानी बरतें. ऐसे लोगों से दूर रहें जिनकी बुरी आदतें आपके ऊपर असर डाल सकती हैं. आज के इस ख़बसूरत दिन प्रेम-संबंध में आपकी सभी शिकायतें ग़ायब हो जाएंगी. अपने उद्देश्यों की ओर शान्ति से बढ़ते रहें और सफलता मिलने से पहले अपने पत्ते न खोलें. आप अपने जीवनसाथी के प्यार की गर्माहट महसूस कर सकते हैं. स्वयंसेवी कार्य या किसी की मदद करना आपकी मानसिक शांति के लिए अच्छे टॉनिक का काम कर सकता है.

Libra

24 अगस्त 2020:  पुरानी परियोजनाओं की सफलता आत्मविश्वास में वृद्धि करेगी. अनुमान नुक़सानदेह साबित हो सकता है.  इसलिए हर तरह का निवेश करते वक़्त पूरी सावधानी बरतें. एक मज़ेदार शाम के लिए दोस्त आपको अपने घर पर बुलाएंगे. अपने प्रिय के साथ सैर-सपाटे पर जाते समय ज़िंदगी को पूरी शिद्दत से जिएं. अगर आपका साथी अपना वादा न निभाए तो बुरा महसूस न करें. आपको बैठकर बातचीत के ज़रिए मामला सुलझाने की ज़रूरत है. ऐसी जानकारियों को उजागर न करें जो व्यक्तिगत और गोपनीय हों. आपको ख़ुश करने के लिए आपका जीवनसाथी काफ़ी कोशिशें कर सकता है. परिवार के साथ मिलकर किसी ज़रूरी फैसले को अन्तिम रूप दिया जा सकता है. ऐसा करने के लिए यही सही वक़्त है. आगे चलकर यह निर्णय काफ़ी लाभदायक साबित होगा.

Scorpio

24 अगस्त 2020:  ख़ुद को परिष्कृत करने की कोशिश कई तरीक़ों से अपना असर दिखाएगी. आप ख़ुद को बेहतर और आत्मविश्वास से भरा हुआ महसूस करेंगे. अगर आप विशेषज्ञ की सलाह के बिना निवेश करेंगे, तो नुक़सान मुमकिन है. बच्चों के साथ ज़्यादा सख़्ती उन्हें नाराज़ कर सकती है. ख़ुद को नियंत्रित रखने और यह याद रखने की ज़रूरत है कि ऐसा करने से आप अपने और उनके बीच दीवार खड़ी कर लेंगे. प्यार के नज़रिए से देखें तो आज आप जीवन के रस का भरपूर आनन्द लेने में सफल रहेंगे. कामकाज में कोई भारी ग़लती हो सकती है, अगर आप बीच-बीच में सोशल मीडिया चलाना बंद नहीं करें तो. अपने व्यक्तित्व और रंग-रूप को बेहतर बनाने की कोशिश संतोषजनक साबित होगी. जीवनसाथी की वजह से आपको अनमने ढंग से बाहर जाना पड़ सकता है, जो बाद में आपकी झल्लाहट की वजह बनेगा. टीवी पर फ़िल्म देखना और अपने नज़दीकी लोगों के साथ गप्पें मारना. इससे बेहतर और क्या हो सकता है? अगर आप थोड़ी कोशिश करें तो आपका दिन कुछ इसी तरह गुज़रेगा.

Sagittarius

24 अगस्त 2020:  किसी ऊंचे और ख़ास इंसान से मिलते समय घबराएं नहीं और आत्मविश्वास बनाए रखें. यह सेहत के लिए उतना ही ज़रूरी है, जितना काम-धंधे के लिए पैसा. दिन बहुत लाभदायक नहीं है, इसलिए अपनी जेब पर नज़र रखें और ज़रूरत से ज़्यादा ख़र्चा न करें. अपनी बातों पर क़ाबू रखें, क्योंकि इसके चलते बड़े-बुज़ुर्ग आहत महसूस कर सकते हैं. बेकार की बातें करके समय बर्बाद करने से बेहतर है कि आप शांत रहें. याद रखें कि समझदार कामों के ज़रिए ही हम जीवन को अर्थ देते हैं. उन्हें महसूस करने दें कि आप उनका ख़याल रखते हैं. किसी दिलचस्प इंसान से मिलने की प्रबल संभावना है. यह दिन वाक़ई थोड़ा मुश्किल है. काम पर जाने से पहले मन पक्का कर लें. आपका चुम्बकीय और ज़िन्दादिल व्यक्तित्व आपको सबके आकर्षण का केन्द्र बना देगा. जीवनसाथी के ख़राब व्यवहार का नकारात्मक असर आपके ऊपर पड़ सकता है. अच्छी नींद अच्छी सेहत के लिए बेहद ज़रूरी है.

Capricorn

24 अगस्त 2020:  दूसरों की सफलता को सराहकर आप उसका लुत्फ़ ले सकते हैं. आप उन योजनाओं में निवेश करने से पहले दो बार सोचें जो आज आपके सामने आई हैं. घरेलू मसले आपके दिमाग पर छाए रहेंगे और आपकी ठीक तरह से काम करने की क्षमता को भी ख़राब कर देंगे. कोई अच्छी ख़बर या जीवनसाथी/प्रिय से मिला कोई संदेश आपके उत्साह को दोगुना कर देगा. काम को मनोरंजन के साथ न मिलाएं. जल्दबाज़ी में फ़ैसले न करें, ताकि ज़िन्दगी में आगे आपको पछताना न पड़े. लंबे समय से कामकाज का दबाव आपके वैवाहिक जीवन के लिए कठिनाई खड़ा कर रहा है, लेकिन आज सारी शिकायतें दूर हो जाएंगी. आज का दिन कुछ यूं थका-थका सा है जब ऊब का एहसास आपको घेर सकता है. समय बर्बाद करने से बचें और कोई बढ़िया काम करें.

Aquarius

24 अगस्त 2020:  पीने की आदत को अलविदा कहने के लिए आज बहुत ही अच्छा दिन है. आपको समझना चाहिए कि शराब सेहत की सबसे बड़ी दुश्मन है और यह आपकी क्षमताओं पर भी कुठाराघात करती है. आर्थिक तौर पर सिर्फ़ और सिर्फ़ एक स्रोत से ही लाभ मिलेगा. पारिवारिक तनावों को अपना ध्यान भंग न करने दें. ख़राब दौर हमें बहुत-कुछ देता है. बहुत ख़ूबसूरत और प्यारे इंसान से मिलने की प्रबल संभावना है. अन्य दिनों की अपेक्षा आज आपके सहकर्मी आपको अधिक समझने की कोशिश करेंगे. आज लोग आपकी वह प्रशंसा करेंगे, जिसे आप हमेशा से सुनना चाहते थे. आपके जीवनसाथी की ओर से मिला कोई ख़ास तोहफ़ा आपके खिन्न मन को ख़ुश करने में काफ़ी मददगार साबित होगा. अगर आप अपने दिन को ज़रा बेहतर व्यवस्थित करें, तो अपने खाली समय का पूरा सदुपयोग कर काफ़ी काम कर सकते हैं.

Pisces

24 अगस्त 2020:  आपका आकर्षक बर्ताव दूसरों का ध्यान आपकी तरफ़ खींचेगा. आपको कमीशन, लाभांश या रोयल्टी के ज़रिए फ़ायदा होगा. सामूहिक आयोजन में कोई आपको मज़ाक का विषय बना सकता है. लेकिन होशियारी का इस्तेमाल करें और तल्ख़ प्रतिक्रिया न दें, नहीं तो मुश्किल में पड़ सकते हैं. आज के दिन रोमांस में बाधा आ सकती है, क्योंकि आपके प्रिय का मूड ज़्यादा अच्छा नहीं है. रचनात्मक काम में लगे लोगों के लिए सफलता से भरा दिन है, उन्हें वह शोहरत और पहचान मिलेगी जिसकी उन्हें एक अरसे से तलाश थी. अगर आप लंबे समय से अपने जीवन में किसी रोचक चीज़ के होने का इंतज़ार कर रहे हैं, तो निश्चय ही आपको उसके संकेत दिखाई देने लगेंगे. आपको महसूस होगा कि आपका वैवाहिक जीवन बहुत ख़ूबसूरत है. आज आप फ़ोटोग्राफ़ी करके आने वाले कल के लिए कुछ बेहतरीन यादें संजो सकते हैं; अपने कैमरे का सदुपयोग करना बिलकुल न भूलें.

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पंचांग, 24 अगस्त 2020

आज 24 अगस्त को भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि है. आज सोमवार है. सोमवार को भगवान शिव की पूजा अर्चना की जाती है।

विक्रमी संवत्ः 2077, 

शक संवत्ः 1942, 

मासः भाद्रपद़़, 

पक्षः शुक्ल पक्ष, 

तिथिः षष्ठी तिथि दोपहरः 02.32 तक है, 

वारः सोमवार, 

नक्षत्रः स्वाती अपराहन् 03.20 तक, 

योगः ब्रह्म रात्रि 12.29 तक, 

करणः तैतिल, 

सूर्य राशिः सिंह, 

चंद्र राशिः तुला, 

राहु कालः प्रातः 7.30 से प्रातः 9.00 बजे तक, 

सूर्योदयः 05.59, 

सूर्यास्तः 06.48 बजे।

नोटः आज सूर्य षष्ठी एवं संतान सप्तमी व्रत है।

विशेषः आज पूर्व दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर सोमवार को दर्पण देखकर, दही,शंख, मोती, चावल, दूध का दान देकर यात्रा करें।

थाना कुतुबशेर प्रभारी को मिली बड़ी कामयाबी,भारी माञा में अवैध शराब व उपकरणों सहित दो गिरफ्तार

राहुल भारद्वाज, सहारनपुर:

सहारनपुर थाना कुतुबशेर प्रभारी ने आबकारी विभाग के सहयोग से ग्राम उनाली के जंगल मे छापामारी कर नकली शराब बना रहे दो शराब माफियाओ को भारी माञा मे अवैध शराब तथा शराब बनाने के उपकरणो सहित गिरफ्तार करने मे सफलता हासिल की है।

आपको बता दे, कि थाना कुतुबशेर प्रभारी विनोद कुमार सिंह द्वारा आबकारी निरीक्षक मनोज कुमार शर्मा, उपेन्द्र सिंह, शोभित कुमार उप निरीक्षक नेमपाल सिह, गोरव राठी, कांटेबल पुष्पेन्द्र, मोनू, नरेश, धर्मेन्द्र सिंह सहित भारी पुलिस बल ने छापेमारी कर 128 तेयार शराब,150 लीटर रेक्टिफाइड स्प्रिट,150 लीटर तेयार शराब,14028 क्यूआर कोड,5000 ढक्खन,1 सीलीन मशीन,8 खाली ड्रम,2 खाली टंकी प्लास्टिक टब, 52 लीटर पानी जारनुमा,5200 खाली पव्वे, एक ट्रेक्टर ट्राली सहित भारी माञा अवैध सामान मिला।पुलिस ने पकड़े गये अभियुक्तों  शिवकुमार पुञ सोहनपाल निवासी मुखियाली मु,नगर,राहुल पुञ कालूराम निवासी  ग्राम नीरपालपुर चिलकाना को मोके से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।आपको यह भी बता दे,कि इससे पहले भी थाना प्रभारी विनोद कुमार सिंह द्वारा इसी तरह का नकली शराब बनाने वाले गिरोह का भण्डाफोड किया था।