पंचांग, 31 जुलाई 2023
पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं: तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।
डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – राशिफल, 29 जुलाई 2023 :
नोटः चतुर्दशी तिथि का क्षय है : चतुर्दशी तिथि उन कार्यों के लिए उपयुक्त मानी जाती है जिनमें शारीरिक श्रम, कड़ी मेहनत और प्रेरणा शामिल होती है । इस तिथि पर उपकरणों का निर्माण और परीक्षण किया जा सकता है। इस तिथि पर यात्रा करना शुभ नहीं माना जाता है। तिथि का निर्धारण सूर्योदय से होता है। यदि एक सूर्योदय से दूसरे सूर्योदय के बीच में तीन तिथियाँ आ जाएँ तो उसमें एक तिथि क्षयी अर्थात कम हो जाती है। इसी प्रकार अगर दो सूर्योदयों तक एक ही तिथि चलती रहे तो वह तिथि वृद्धि अर्थात बढ़ना कहलाती है।
विक्रमी संवत्ः 2080,
शक संवत्ः 1945,
मासः श्रावण (अधिक प्रथम),
पक्षः शुक्ल पक्ष,
तिथिः त्रयोदशी प्रातः काल 07.27 तक है,,
वारः सोमवार।
विशेषः आज पूर्व दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर सोमवार को दर्पण देखकर, दही,शंख, मोती, चावल, दूध का दान देकर यात्रा करें।
नक्षत्रः पूर्वाषाढ़ा सांय काल 06.58 तक है),
योगः विष्कुम्भक रात्रि काल 11.05 तक,
करणः तैतिल,
सूर्य राशिः कर्क, चंद्र राशिः धनु,
राहु कालः प्रातः 7.30 से प्रातः 9.00 बजे तक,
सूर्योदयः 05.46, सूर्यास्तः 07.09 बजे।