Indian Theater coming up with ‘Heer Raanjha’ by Dr. Navdeep Kaur

Department of Indian Theatre, Panjab University will stage their annual
production Heer Ranjha designed and directed by Dr.Navdeep Kaur on May 9- 12 at 7:30 pm at the Open Air Theatre. A press conference was held at the
department on Tuesday. Chairperson,Dr. Navdeep Kaur shared that the play
has been written by Ekam Manuke and the reason to choose this play was to revive the folk trations and culture of Punjab. The students of MA first and second year will be performing in the two hour play. The music has been produced by Tejinder Gill, assistant director, department of youth welfare. The lighting has been designed by Souti Chakraborty from National School of Drama.
The production took two months to prepare and students from different states will be performing in Punjabi.

Dr. Navdeep Kaur – DIRECTOR
Dr. Navdeep Kaur, presently the Chairperson of Department of Indian Theatre is Doctorate in Theatre from Punjabi University Patiala. A gold
medallist in Post Graduation (Theatre & Television Department) has been awarded with University Fellowship for P. hd. She has been teaching Theatre/Dramatic Arts (P.G classes and Ph.D scholars) in the Department of Indian Theatre, Panjab University Chandigarh, since last 12 years. She has been awarded for contribution in Performing Arts (2016-17). An administrator, teacher and performer Dr Navdeep Kaur has been acted in various plays, Tv serials, Telefilms, Feature films and directed many play. She has published various research papers and a book on theatre.

प्रधानमंत्री की अक्षय वार्ता

प्रधानमंत्री आवास 7 लोक कल्याण मार्ग पर हुई इस बातचीत में अक्षय कुमार ने पीएम मोदी की जिंदगी से जुड़े कई पहलुओं पर चर्चा की.

  • अक्षय कुमार ने पूछा सर्दी-जुकाम का इलाज, PM मोदी ने बताया रामबाण नुस्खा
  • अक्षय कुमार ही नहीं बराक ओबामा भी पूछ चुके हैं पीएम मोदी से यह सवाल
  • अक्षय कुमार ने पीएम से पूछा उनका बैंक बैलेंस, मिला यह चौंकाने वाला जवाब…
  • PM मोदी की चाह थी संन्यासी बनूं या सोल्जर और कैसे भटकते-भटकते प्रधानमंत्री बन गए
  • पीएम मोदी ने बताया बॉलीवुड के कौन से नगमें आज भी उन्हें अच्छे लगते हैं
  • ट्विंकल खन्ना के ट्वीट्स पढ़ते हैं पीएम मोदी! अक्षय से बोले- ‘आपका झगड़ा नहीं होता होगा’

नई दिल्लीः अभिनेता अक्षय कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बुधवार को ‘‘निष्पक्ष और पूरी तरह से गैर राजनीतिक’’ बातचीत की. प्रधानमंत्री आवास 7 लोक कल्याण मार्ग पर हुई इस बातचीत में अक्षय कुमार ने पीएम मोदी की जिंदगी से जुड़े कई पहलुओं पर चर्चा की. पीएम मोदी ने इस बातचीत में अपने परिवार, खान-पान और हंसी-मजाक से जुड़े किस्से साझा किए.  

अक्षयः इंटरव्यू की शुरुआत में अक्षय ने अपने ड्राइवर की बेटी का सवाल पीएम मोदी से पूछा, क्या आप आम खाते हैं

पीएमः पीएम मोदी ने कहा कि मैं आम खाता हूं, जब छोटा था तब मैं खेत में जाकर आम खाने चला जाता था. मुझे आम के पेड़ पर पके हुए आम खाना ज्यादा पसंद था. जैसे जैसे समय आगे बढ़ा आम रस खाने की आदत लगी. लेकिन अभी कंट्रोल करना पड़ता है. 

अक्षयः कभी आपने सोचा था कि आप प्रधानमंत्री बनेंगे?

पीएमः कभी ऐसा विचार नहीं आया कि मैं कभी पीएम बनूंगा. अगर मेरी कहीं नौकरी लग जाती तो मेरी मां पूरे गांव में गुड़ बांट देती.

अक्षयः क्या आप संन्यासी बनना चाहते थे, आप सेना में भर्ती होना चाहते थे

पीएमः 1962 की लड़ाई के दौरान मेहसाणा स्टेशन पर जब जवान जाते थे तो मैं भी चला जाता था. मन को खुशी होती थी. गुजरात में सैनिक स्कूल के बारे में जानना और उसमें भर्ती होने की मेरी इच्छा थी. हमारे मोहल्ले में एक प्रिंसिपल रहते थे. मैं उनके पास चला गया. मैं कभी भी बड़े आदमी से मिलने से पहरेज नहीं करता था. मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं पीएम बनूंगा.

अक्षयःआपको कभी गुस्सा आता है, किस पर और कैसे निकालते हो?

पीएमः कभी कोई कहेगा कि मुझे गुस्सा नहीं आता है तो बहुत लोगों को हैरानी होगी. आप अच्छी चीजों पर जोर दें जिससे नकारात्मक चीजें अपने आप रुक जाएंगी. चपरासी से लेकर प्रिंसिपल सचिव तक पर मुझे गुस्सा व्यक्त करने का अवसर नहीं आया. मैं किसी को नीचा दिखाकर काम नहीं करता हूं. मैं हैल्पिंग हैंड की तरह काम करता हूं. मेरे अंदर गुस्सा होता होगा, लेकिन मैं उसे व्यक्त करने से रोक लेता हूं.

अक्षयः आपका मन करता है कि आप अपनी मां और परिवार के साथ रहें?

पीएमः मैंने बहुत छोटी आयु में घर छोड़ दिया था. कोई मोह माया नहीं रही, अब मेरी जिंदगी ऐसी ही बन गई है. मेरी मां मुझसे कहती है कि तुम मेरे पीछे क्यों समय खराब करते हो. जब वो दिल्ली आतीं हैं तो मैं भी उनको मां को समय नहीं दे पाता हूं. यहां मां रहीं थीं लेकिन मैं फील्ड में ही लगा रहता था. मैं रात को 12 बजे आता था, तो मां को दुख होता था. यहां मां का मन नहीं लगता, वो गांव के लोगों के साथ रहती है तो अच्छा लगाता है.

अक्षयः आपकी छवि बहुत कठोर प्रशासक की है?

पीएमः ये छवि सही नहीं है. काम का अनुशासन मैं अपने जीवन में खुद लेकर आया. मैं सख्त हूं, अनुशासित हूं लेकिन कभी किसी को नीचा दिखाने का काम नहीं करता. अक्सर कोशिश करता हूं कि किसी काम को कहा तो उसमें खुद इन्वॉल्व हो जाऊं. सीखता हूं और सिखाता भी हूं और टीम बनाता चला जाता हूं. मैंने पीएम वाली छवि नहीं बनाई. दोस्ताना व्यवहार रखता हूं. कई बार अफसर झिझकते हैं तो मैं चुटकले भी सुनाता हूं.

अक्षयः विपक्षी पार्टियों में आपके दोस्त हैं?

पीएमः गुलामनबी आजाद मेरे अच्छे दोस्त हैं. जब भी मिलते हैं बहुत अच्छे से मिलते हैं. ममता बनर्जी मेरे लिए खुद कुर्ते भेजतीं है. ममता दीदी साल में एक-दो कुर्ते मुझे भेज देतीं हैं. बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना मेरे लिए बंगाली मिठाई भेज देतीं हैं.

अक्षयः आपने अपने पैसे दे दिए, प्लॉट दे दियाक्या आप सच में गुजराती हैं

पीएमः पीएम मोदी ने चुटकला सुनाया, ट्रेन में स्टेशन आने पर ऊपर की सीट पर बैठे एक शख्स ने नीचे की सीट (खिड़की) पर बैठे शख्स से पूछा कौन सा स्टेशन आया है? तभी खिड़की पर बैठे शख्स ने बाहर खड़े आदमी से पूछा, भैय्या कौन सा स्टेशन है? बाहर खड़े शख्स ने जवाब दिया, 1 रुपया दो तब बताउंगा. इतने में खिड़की पर बैठे शख्स से ऊपर बैठे व्यक्ति ने कहा कोई बात, अहमदाबाद ही होगा. 

अक्षयः अगर आपको अलादीन का चिराग मिले और तीन चीजें मांगने को कहें तो क्या मांगेगे?

पीएमः मैं सबसे पहले नई पीढ़ी को कहूंगा कि ये अलादीन पर विश्वास करना बंद करें. इससे आलस का भाव आता है. ये हमारे यहां का चिंतन नहीं है, हमारे यहां का चिंतन परिश्रम का है. 

अक्षयः आपका रिटायरमेंट प्लान क्या है?

पीएमः जिम्मेवारी ही मेरी जिंदगी है, मुझे परवाह नहीं होती है कि मुझे अपने को एंगेज करने के लिए कुछ करना पड़ेगा. मैं शरीर का कण कण और जीवन का पल पल किसी ना किसी मिशन पर ही खपाऊंगा.

अक्षयः जब आप सीएम से पीएम बने थे तब सबसे वैल्यूबल चीज यहां (पीएम हाउस में) क्या लेकर आए थे

पीएमः पीएम बनते समय मुझे ये बैनिफिट मिला है कि मैं लंबे अरसे तक सीएम रहकर आया था. मैं गुजरात का लंबे समय तक सीएम रहा. ये तजुर्बा शायद मेरे पहले के पीएम को नहीं मिला था. देवगौड़ा साहब सीएम रहे थे लेकिन बहुत अल्पकाल के लिए. लेकिन मैं बहुत लंबे समय तक सीएम रहा. ये अनुभव मैं वहां (गुजरात से) से लेकर आया जो देश के काम आ रहा है.

अक्षयः आप केवल साढ़े तीन घंटे ही सोते हैं?

पीएमः इस बारे में मेरे मित्र अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा भी चिंतित रहते थे. ओबामा जब भी मिलते हैं तो पूछते हैं, मेरी बात मानी? नींद बढ़ाई? ओबामा कहते कि तुम ऐसा क्यों करते हो? आपको नींद पूरी लेनी चाहिए.  लेकिन मैं क्या करूं. मेरे जानने वाले सारे डॉक्टर कहते कि नींद बढ़ाओ. लेकिन ये मेरे जीवन का हिस्सा बन गया है. रिटायरमेंट के बाद मैं नींद बढ़ाने पर मैं ध्यान दूंगा.

अक्षयः अगर आपको कभी जुकाम लगता है तो आप क्या करते हैं?

पीएमः बहुत साल पहले मैं कैलाश यात्रा पर पैदल गया था. सब दर्द से परेशान थे, मुझे कुछ नहीं हुआ. मुझे आयुर्वेद पर विश्वास है. जुकाम होने पर सरसों का तेल गर्म करके नाक में डाल देता हूं. ठीक हो जाता है.

अक्षयः आपका फैशन आपने खुद ने किया है या आपको किसी ने सुझाया है?

पीएमः मेरे कपड़ों को लेकर दुनिया ने अलग छवि बनाई है. मैं सीएम बना तब तक कपड़े खुद धोता था. लंबी बांह वाले कुर्ते धोने में समय लगता है, यह बैग में जगह भी लेते. इसलिए मैंने आधी बाजू के कुर्ते पहनना शुरू कर दिया. मुझे शुरू से अच्छी तरह से कपड़े पहनने का शौक रहा. मैं बर्तन में गर्म कोयला भरकर के कपड़ों को प्रेस करके पहनता था. मेरे मामा मेरे लिए कैनवास के जूते लाए वो गंदे हो जाते थे फिर मैं उन्हें ब्लैक बोर्ड पर लिखने वाले चाक से चमकाता था. 

अक्षयः उल्टी घड़ी पहनने के पीछे का क्या कारण है?

पीएमः ये मैं इसलिए पहनता हूं ताकि समय देखूं तो किसी को पता ना चले, कहीं उसे बुरा ना लग जाए. मैं मीटिंग में होता हूं, समय देखते वक्त किसी को पता ना चले इसके लिए चोरी छिपे समय देख लेता हूं.

अक्षयः क्या आप अपने वेतन में से कुछ अपनी माता जी को भेजते हैं?

पीएमः मेरी मां आज भी मेरे हाथ पर कुछ ना कुछ रख देती है, मां मुझे आज भी एक सवा रुपया देतीं हैं. मेरी मां को कोई जरूरत नहीं है मुझसे कुछ लेने की. सीएम रहते हुए भी मेरे परिवार ने कोई बेनिफिट नहीं लिया.

अक्षयः आपने बचपन में कौन सा खेल खेला है?

पीएमः मुझे टीम गेम पसंद है, ये आपके व्यक्तित्व को अलग से डेवलप करता है. टीम वाले खेल जिंदगी जीना सिखाते हैं. हम सभी को ग्रुप वाले खेल खेलना चाहिए. मैंने गुल्ली डंडा भी खेला. ज्यादातर मैं तैरने के लिए चला जाता था. पहले तालाब में ही पानी आता था, मैं कपड़े धोने वहां जाता था. मेरा बॉडी डेवलप्मेंट स्वीमिंग से हुआ है. 

अक्षयः क्या मेरे पीएम यूएन में अपनी पहली स्पीच के समय नर्वस थे?

पीएमः यूएन में स्पीच से पहले मैं नर्वस बिल्कुल नहीं था. मेरी बातों के आधार पर भाषण लिखा गया था. 

अक्षयः क्या फिल्म देखते हैं? कौन सी फिल्म आखिरी देखी?

पीएमः जब सीएम था तब अमिताभ बच्चन के साथ ‘पा’ फिल्म देखी. सीएम था तभी अनुपम जी के साथ आतंकवाद पर बनी फिल्म  ‘A Wednesday’ देखी. मैंने पीएम बनने के बाद कोई फिल्म नहीं देखी. मैंने स्वच्छता अभियान पर बनी फिल्म ‘टॉयलेट एक प्रेम कथा’ देखने के लिए काफी लोगों को कहा. लेकिन मैं खुद ये फिल्म देख नहीं पाया. इस फिल्म की कई लोगों से तारीफ भी सुनी.

अक्षयः क्या आप सोशल मीडिया पर एक्टिव रहते हैं? आप देखते हैं कि आजकल क्या चल रहा है

पीएमः मैं सोशल मिडिया जरूर देखता हूं इससे मुझे बाहर क्या चल रहा है इसकी जानकारी मिलती है। मैं आपका भी और टविंकल खन्ना जी का भी ट्विटर देखता हूं और जिस तरह वो मुझ पर गुस्सा निकालती हैं तो मैं समझता हूं की इससे आपके परिवार में बहुत शांति रहती होगी. 

अक्षयः आप में और मुझमें एक समानता है, आप चाय बेचते थे और मैं वेटर था, हम दोनों का कोई गॉडफादर नहीं था.

पीएमः जब मैं चाय बेचता था तो मुझे बहुत कुछ सीखने को मिला. मैं जब चाय बेचता था तो मेरे गांव में ट्रेन तो बहुत कम आती थी लेकिन मालगाड़ी ज्यादा आती थी. मालगाड़ी में दूधवाले होते थे उनसे बातें करते करते मैं हिंदी सीख गया. शाम को वो भजन करते थे, उन्होंने मुझसे नॉर्थ इंडिया के कल्चर से मिलवा दिया.

बता दें कि एक दिन पहले अक्षय (51) ने ट्वीट कर बताया था कि वह कुछ ‘‘अनोखा करने जा रहे हैं, जो उन्होंने पहले कभी नहीं किया.’’ अभिनेता ने ट्वीट कर बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उनकी बातचीत चुनाव के समय में ‘‘सुकून भरा माहौल’’ देगी. कुमार ने माइक्रोब्लॉगिंग साइट पर लिखा था, ‘‘देश में जहां हर ओर चुनाव और राजनीति की बात हो रही है, यहां आप चैन की सांस ले सकेंगे. हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ निष्पक्ष और पूरी तरह गैर राजनीतिक बातचीत करने का अवसर पाकर मैं गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं.’’  ज़ी मीडिया से साभार

पंचकूला की अमिता पवार को मिला बेस्ट डैज्जलिंग डीवा अवार्ड

पंचकूला की अमिता पवार को मिला बेस्ट डैज्जलिंग डीवा अवार्ड का पहला और दूसरा चंडीगढ़ की रितु गर्ग को मिला पुरस्कार। आज डाज़्ज़लिंग डीवा का अवार्ड पंचकूला के एक निजी होटल में किया गया। डिज़्ज़ा अवार्ड की ऑर्गनाइजर पूजा मंगला ने बताया कि हमने ऑनलाइन पोलिंग के बेसिस पर डाज़्ज़लिंग डीवा मिस यूनिवर्स, डाज़्ज़लिंग डीवा मिस वर्ल्ड, डाज़्ज़ल्लिंग डीवा अवार्ड मिस यूनिवर्स एशिया इंटरनेशनल, डाज़्ज़लिंग डीवा अवार्ड मिस वर्ल्ड एशिया का खिताब दिया गया। इस टाइटल पे देश की आठ महिलायो को समानित किया गया। इसके अतरिक 35 महिलायों को इंटरनेशनल एक्सेलेंस अवार्ड से समानित किया गया।जिसमें अंजू को पंजाब के राजपुरा से, और मीनाक्षी जैन को क्रेटिव लेडी, उषा यादव को बेस्ट कॉस्मेटोलॉजिस्ट लेडी का अवार्ड दिया गया। आज के अवार्ड की चीफ गेस्ट श्रीमती रंजीत मेहता वेलासिटी गूगल आज के टाइटल स्पॉन्सर रहे। जब की स्पेशल गेस्ट शीतल शर्मा और मीनू रहे।और डॉक्टर शिवानी वर्मा, अनीता खन्ना, शशि गुप्ता, अनीता कपुर, विजेता अग्रवाल, रूबी जिंदल, अनु उपल, सोनिया छाबरा,वाणी सेठ,रजनी शर्मा,उषा शर्मा, संगीता शर्मा,मनीषा, प्रीती, हरप्रीत कौर, अंजू गोयल,सुबीरा आनंद,नेरलंम गोयल,सुखजिंदर,रूपाली शर्मा,पायल,अमनदीप कौर,रेणुका शर्मा,बेअंत सिधु,अंजू मिगलानी कई और महिलयो को समानित किया गया।

‘हमसाये माँ जाये’ दोनों मुल्कों के आम लोगों की दास्तान

भारत और पाकिस्तान के तल्ख होते रिश्तों को कम करने के लिए वक्त वक्त पर शायर कलाकार लेखक और आम जन भी कुछ न कुछ करते रहते हैं कभी उनकी नेक कोशिशें कुछ रंग लातीं हैं तो कभी उम्मीद ही जगतीं हैं। इसी कड़ी में नीलम अहमद बशीर ने एक नज़्म को लिखा जिसे उसकी बहिनों ने पर्दे पर उकेरा, दो आम घरेलू औरतें किस प्रकार अपने मुल्क और आपसी भाई चारे का उल्लास मानतीं हैं और अंत एन अपनी चुनरी बंटा लेतीं हैं का बहुत ही प्रभाव शाली दृश्य स्थापित किया है। इस वीडियो में आसमा अब्बास और बुशरा अंसारी ने परफॉर्म किया है

नई दिल्ली: पुलवामा हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के रिश्ते और ज्यादा कड़वे हो गए हैं. स्थिति युद्ध तक की आ गई थी. भारत ने बदला लेने के लिए एयर स्ट्राइक किया तो पाकिस्तान ने भी जवाबी कार्रवाई में F-16 को भेजा जिसे एयरफोर्स ने मार गिराया. माहौल चुनावी है तो यह मुद्दा गरमाया हुआ है. राजनेता पाकिस्तान के खिलाफ आग उगल रहे हैं. ऐसे माहौल में जब हर कोई पाकिस्तान को नेस्त नाबूत करने की बात कर रहा है, एक रैप   बहुत तेजी से वायरल हो रहा है. इस रैप के पाकिस्तानी कलाकारों ने तैयार किया है. रैप के जरिए पाकिस्तानी कलाकारों ने दोनों मुल्क के लोगों से शांति की अपील की है.

इस रैप को बुशरा अंसारी जो एक पाकिस्तानी एक्ट्रेस और सिंगर ने अपने आधिकारिक यूट्यूब अकाउंट पर पोस्ट किया है. इस वीडियो को 3 अप्रैल को पोस्ट किया गया है, जिसे अब तक करीब 13 लाख लोग देख चुके हैं. इस रैप का टाइटल है,  “Humsaye maa jaye”. पाकिस्तानी मीडिया ‘Dawn’ के मुताबिक इस वीडियो में आसमा अब्बास और बुशरा अंसारी ने परफॉर्म किया है. नीलम अहमद बशीर ने रैप लिखा है.

वीडियो में आप देख सकते हैं कि बुशरा अंसारी ने भारतीय और आसमा ने पाकिस्तानी का रोल प्ले किया है. रैप के जरिए वे बताते हैं कि भारत और पाकिस्तान में कुछ भी अलग नहीं है. सबकुछ तो एक जैसा ही है, इसके बावजूद टेंशन क्यों है.

बुशरा अंसारी ने भारतीय और आसमा ने पाकिस्तानी किरदार में

वीडियो के जरिए संदेश दिया गया है कि कोई भी आम हिंदुस्तानी और पाकिस्तानी जंग नहीं चाहता है. वे शांति चाहते हैं. जो कुछ हो रहा है वह राजनीति से प्रेरित है. पाकिस्तानी मीडिया के हवाले से बुशरा अंसारी ने कहा कि इस वीडियो को सरहद के इस पार और उस पार, दोनों तरफ पसंद किया जा रहा है. मेरा इनबॉक्स शुभकामनाओं और संदेश से भरा हुआ है. 

World Theatre Day celebrated at PU

Chandigarh March 27, 2019

The Department of Indian Theatre celebrated World Theatre Day, today in the presence of  eminent Theatre personalities  like Prof. Mahendra Kumar (Emeritus Professor), Prof. Rani BalbirKaur (Emeritus Professor), Dr.NavdeepKaur, Chairperson, Department of Indian Theatre and Ms.ShvetaMahendra, Assistant Professor, Department of Indian Theatre.

They blessed the students of the department on this special day.

Dr.NavdeepKaur initiated the discussion on the emerging trends in Theatre and all the personalities and students participated in the discussion on searching new language of theatre. Some innovative performances were also presented by the students of the department, on this occasion.

Solo Art Exhibition at PU by Sureel Kumar

Chandigarh March 25, 2019
Department of Art History & Visual Arts, Punjab University Chandigarh, in 
collaboration with Social Substance organized Solo Art Exhibition by Sureel Kumar  titled “The Whispering Wood”, at Fine Arts’ Museum, Punjab University, Chandigarh from 25 March – 29 March 2019 which was Inaugurated, here today by Sh. Diwan Manna, Artist & President, Punjab Lalit Kala Akademi, Chandigarh.

PU Hindi Deptt. to organize an event on Birth Anniversary of Mahadevi Verma

Chandigarh March 25, 2019

Department of Hindi, PU will be organizing a special event on 26th March 2019, to commemorate the birth anniversary of celebrated poet and author, Mahadevi Verma. Dr. Gurmeet Singh, Chairperson, Dept. of Hindi, said that, “Research scholars and students from the Dept are organizing this event to pay a tribute to life and work of Mahadevi Verma. These events help students learn more about literary figures and their works.”

The program will begin at 11 am with a screening of short film on life and literary works of Mahadevi Verma. This will be followed by student presentations on various aspects of her works. Ritu (research scholar), Indu, Rajvinder, Kanchog Paldan (students) will be the presenters. Usha (research scholar) will conduct the program. 
Certificates will be distributed to students and research scholars during the event.

नॉर्थ मुंबई से उर्मिला दिखाएंगी भाजपा को हाथ

मासूम से फिल्मों में आने वाली उर्मिला मतोंदकर रंगीला के साथ सिने जगत पर छा गईं थीं फिर एक हसीन थी के बाद उन्हे ॐ शांति ॐ के एक गीत में एक से दो सीन में अतिथि भूमिका में दिखाईं पड़ीं। फिर लंबी अनुपस्थिति के बाद उनकी शादी की खबर आई काश्मीर के मोहसिन अख्तर मीर के साथ। मोहसीन काश्मीरी व्यापारी हैं लेकिन उनके बारे में अधिक कोई नहीं जानता

अब अचानक ही उर्मिला के कांग्रेसी प्रतियाशी होने की बात सामने आई है, मुस्लिम से निकाह कर उन्होने यह योग्यता हासिल की है(उदारवादी हिन्दू ओर सेक्युलर छवि)। कांग्रेस गोविंदा वाला फार्मूला फिर से दोहराना चाहती है।गोपाल शेट्टी ने जिस सीट से संजय निरूपम बुरी तरह सेहराया था उसी सीट से अब उर्मिला शेट्टी के खिलाफ मैदान में उतरेगी। इसी सीट पर से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ कर गोविंदा ने भाजपा के राम नाईक को बहुत करारी शिकस्त दी थी।

मुंबई: अभिनेत्री उर्मिला मातोंडकर राजनीतिक पारी की शुरुआत कर सकती हैं. सूत्रों का कहना है कि वह अगले दो-तीन दिनों में कांग्रेस ज्वाइन कर सकती हैं. बताया जा रहा है कि उर्मिला को कांग्रेस नॉर्थ मुंबई लोकसभा सीट से प्रत्याशी बना सकती है. इस सीट पर बीजेपी ने गोपाल शेट्टी को उम्मीदवार बनाया है. कांग्रेस की रणनीति है कि वह गोपाल के खिलाफ ग्लैमरस चेहरा मैदान में उतारे. इसी वजह से उर्मिला को चुनाव में उतारने की तैयारी हो रही है. 

लोकसभा चुनाव 2019 (Lok sabha elections 2019) में नॉर्थ मुंबई सें मराठी अभिनेत्री आसावरी जोशी और शिल्पा शिंदे ने भी कांग्रेस से टिकट की मांग की है, लेकिन अब तक इस पर फैसला नहीं हो पाया है. 

साल 2014 के लोकसभा चुनाव में नॉर्थ मुंबई सीट से कांग्रेस की ओर से संजय निरुपम ने चुनाव लड़ा था, लेकिन वे बीजेपी के गोपाल शेट्टी से हार गए थे. जीत और हार का फासला भी बड़ा था, जिसके चलते संजय निरुपम इस बार नॉर्थ वेस्ट मुंबई से लड़ना चाहते हैं. 

साल 2004 में नॉर्थ मुंबई सीट पर कांग्रेस ने बॉलीवुड अभिनेता गोविंदा को मैदान में उतारा था. यह रणनीति काम आई थी और गोविंदा ने बीजेपी के कद्दावर नेता राम नाईक को करारी शिकस्त दी थी. उर्मिला के बहाने कांग्रेस 2004 का इतिहास साल 2009 में दोहराना चाहती है.

मालूम हो कि उत्तर प्रदेश के रामपुर सीट पर समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता आजम खान के सामने बीजेपी अभिनेत्री जया प्रदा को उतारने की तैयारी कर रही है. इससे पहले सपना चौधरी के कांग्रेस में शामिल होने और चुनाव लड़ने की चर्चा थी. हालांकि सपना चौधरी ने कांग्रेस में शामिल होने से इनकार कर दिया है.

‘द ताशकंद फाइल्स’ के पोस्टर्स रिलीज

फिल्म ‘द ताशकंद फाइल्स’ के मेकर्स ने फिल्म की पूरी कास्ट के फर्स्ट लुक पोस्टर्स को शुक्रवार को रिलीज कर दिया है. इस फिल्म में कई सारे नेशनल अवॉर्ड विनर स्टार्स एक साथ नजर आने वाले हैं. उनमें मिथुन चक्रवर्ती, पल्लवी जोशी, पंकज त्रिपाठी, श्वेता बसु प्रसाद और नसीरुद्दीन शाह जैसे सितारे हैं.

कई पोस्टर्स हुए रिलीज

फिल्म ‘द ताशकंद फाइल्स’ के कईसारे पोस्टर्स एक साथ ही शुक्रवार को रिलीज कर दिए गए हैं. फिल्म के तकरीबन सभी स्टार्स ऐसे हैं जो अपनी किसी न किसी परफॉर्मेंस के लिए नेशनल अवॉर्ड जीत चुके हैं. इस फिल्म को विवेक अग्निहोत्री डायरेक्ट कर रहे हैं. फिल्म के पोस्टर्स को ट्वीट करते हुए विवेक ने कैप्शन में लिखा कि, ‘सभी नेशनल अवॉर्ड विनर्स हैं. बाकी नेशनल अवॉर्ड विनर्स को कल अनवील किया जाएगा.’

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Vivek Ranjan Agnihotri@vivekagnihotri

All national award winners.

More award winners to reveal tommorrow

Trailer out on Monday 25th March at 2 PM. #TheTashkentFiles #WhoKilledShastri1,7109:48 PM – Mar 22, 2019571 people are talking about thisTwitter Ads info and privacyView image on Twitter

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Vivek Ranjan Agnihotri@vivekagnihotri

Friends, the film you’ve been waiting for:

The man you know… The mystery you don’t! #TheTashkentFiles
Releasing on 12th April 2019. #WhoKilledShastri#MithunChakraborty #NaseeruddinShah @shweta_official @TripathiiPankaj @pathakvinay @mandybedi #PallaviJoshi #LalBahadurShastri4,14210:10 AM – Mar 19, 20192,362 people are talking about thisTwitter Ads info and privacy

लाल बहादुर शास्त्री पर आधारित है फिल्म

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, ये फिल्म भारत के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के जीवन पर आधारित है. इस फिल्म में उनके मौत की पहेली को सुलझाने की कोशिश की जाएगी. लाल बहादुर शास्त्री की ताशकंद में रहस्यमयी तरीके से मौत हो गई थी. कई साल बाद बी ये खुलासा नहीं हो पाया कि उन्हें हर्ट अटैक आया था या फिर जहर दिया गया था. फिल्म का ट्रेलर 25 मार्च को रिलीज होने वाला है. ये फिल्म 12 अप्रैल को सिनेमाघरों में रिलीज होगी.

होली : आस्था विश्वास और आनंद का संगम

आनंद भरे रंगों से अपनी आत्मा को ऊपर उठाएं – श्री श्री रवि शंकर जी

होली भारत का बहुत ही लोकप्रिय और हर्षोल्लास से परिपूर्ण त्यौहार है। लोग चन्दन और गुलाल से होली खेलते हैं। प्रत्येक वर्ष मार्च माह के आरम्भ में यह त्यौहार मनाया जाता है। लोगों का विश्वास है कि होली के चटक रंग ऊर्जा, जीवंतता और आनंद के सूचक हैं। होली की पूर्व संध्या पर बड़ी मात्रा में होलिका दहन किया जाता है और लोग अग्नि की पूजा करते हैं।

होलिका दहन की कहानी

प्रह्लाद से जुड़ी एक किंवदंति के अनुसार तभी से होली का त्यौहार आरम्भ हुआ था। प्रह्लाद ईश्वर को समर्पित एक बालक था, परन्तु उसके पिता ईश्वर को नहीं मानते थे। वह बहुत दंभी (घमंडी) और क्रूर राजा थे। तो कहानी कुछ इस तरह से आगे बढ़ती है कि प्रह्लाद के पिता एक नास्तिक राजा थे और उनका ही पुत्र हर समय ईश्वर का नाम जपता रहता था। इस बात से आहात हो कर वह अपने पुत्र को सबक सिखाना चाहते थे। उन्होंने अपने पुत्र को समझाने के सारे प्रयास किए, परन्तु प्रह्लाद में कोई परिवर्तन नहीं आया। जब वह, प्रह्लाद को बदल नहीं पाए तो उन्होंने उसे मारने की सोची। इसलिए उन्होंने अपनी एक बहन की मदद ली। उनकी बहन को यह वरदान प्राप्त था कि यदि वह अपनी गोद में किसी को भी ले कर अग्नि में प्रवेश करेगी तो स्वयं उसे कुछ नहीं होगा परन्तु उसकी गोद में बैठा व्यक्ति भस्म हो जाएगा। राजा की बहन का नाम होलिका था। होलिका ने प्रह्लाद को जलाने के लिए अपनी गोद में बिठाया, परन्तु प्रह्लाद के स्थान पर वह स्वयं जल गई और “हरि ॐ” का जाप करने एवं ईश्वर को समर्पित होने के कारण, प्रह्लाद की आग से रक्षा हो गई और वह सुरक्षित बाहर आ गया।

कुछ गावों में लोग अंगारों पर से हो कर गुजर जाते हैं और उन्हें कुछ भी नहीं होता, उनके पैरों में छाले/फफोले भी नहीं पड़ते! विश्वास में बहुत शक्ति होती है। जीवन में विश्वास का बड़ा योगदान होता है। आने वाले मानसून पर होलिका दहन का प्रभाव पड़ता है।

होलिका भूतकाल के बोझ का सूचक है जो प्रह्लाद की निश्छलता को जला देना चाहती थी। परन्तु नारायण भक्ति से गहराई तक जुड़े हुए प्रह्लाद ने सभी पुराने संस्कारों को स्वाहा कर दिया और फिर नए रंगों के साथ आनंद का उद्गम हुआ। जीवन एक उत्सव बन जाता है। भूतकाल को छोड़ कर हम एक नई शुरुआत की तरफ बढ़ते हैं। हमारी भावनाएं आग की तरह हमें जला देती हैं, परन्तु जब रंगों का फव्वारा फूटता है तब हमारे जीवन में आकर्षण आ जाता है। अज्ञानता में भावनाएं एक बोझ के समान होती हैं, जबकि ज्ञान में वही भावनाएं जीवन में रंग भर देती हैं। सभी भावनाओं का सम्बन्ध एक रंग से होता है जैसे कि – लाल रंग क्रोध से, हरा इर्ष्या से, पीला पुलकित होने या प्रसन्नता से, गुलाबी प्रेम से, नीला रंग विशालता से, श्वेत शान्ति से और केसरिया संतोष/त्याग से एवं बैंगनी ज्ञान से जुड़ा हुआ है। त्यौहार का सार जान कर ज्ञान में होली का आनंद उठाएं।

होली क्यों मनाई जाती है और क्या सिखाती है।

जीवन रंगों से भरा होना चाहिए! प्रत्येक रंग अलग-अलग देखने और आनंद उठाने के लिए बनाए गए हैं। यदि सभी रंगों को एक में मिला कर देखा जाए तो वे सभी काले दिखेंगे। लाल, पीला, हरा आदि सभी रंग अलग-अलग होने चाहिए, पर साथ ही हमें इनका आनंद भी एक साथ उठाना चाहिए। इसी प्रकार व्यक्ति द्वारा जीवन में निभाई जाने वाली भूमिकाएँ, उसके भीतर शांतिपूर्ण एवं पृथक रूप से अलग-अलग विद्यमान होनी चाहिए। उदाहरण के लिए यदि कोई व्यक्ति अपनी “पिता” वाली भूमिका कार्यालय में भी निभाने लगे तो भगवान् ही मालिक है। पर हमारे देश में कभी-कभी नेता पहले पिता बन कर और बाद में नेता बन कर सोचते हैं।

हम चाहे जिस भी परिस्थिति में हों, हमें अपना योगदान शत-प्रतिशत देना चाहिए और तब हमारा जीवन रंगों से भरा रहेगा! प्राचीन भारत में इसी संकल्पना को “वर्णाश्रम” कहा गया है। इसका अर्थ है-प्रत्येक व्यक्ति-चाहे वह डाक्टर, अध्यापक, पिता या कुछ और हो, उससे वह भूमिका पूरे उत्साह के साथ निभाने की अपेक्षा की जाती है। व्यवसायों को आपस में मिला देने से उत्पादनियता पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। यदि कोई डाक्टर व्यवसाय करना चाहता है तो उसे अपने डाक्टर पेशे को प्राथमिकता न देते हुए, अलग से व्यवसाय करना चाहिए न कि चिकित्सा को ही अपना व्यवसाय बना लेना चाहिए। मन के इन भिन्न ‘पात्रों’ को अलग एवं पृथक रखना सुखी जीवन का रहस्य है और होली हमें यही सिखाती है।

सभी रंगों का उद्गम सफ़ेद रंग से हुआ है पर इन सभी रंगों को आपस में मिलाने पर ये काले रंग में परिवर्तित हो जाते हैं। जब हमारा मन उज्जवल और चेतना शुद्ध, शांत, प्रसन्न एवं ध्यानस्थ हो तो विभिन्न रंग एवं भूमिकाओं का जन्म होता है। हमें वास्तविक रूप से अपनी सभी भूमिकाओं को निभाने की शक्ति प्राप्त होती है। हमें अपनी चेतना में बार-बार डुबकी लगानी होगी। यदि हम केवल बाहर ही देखते रहे और आस-पास के बाहरी रंगों से खेलते रहे तो हम अपने चारों ओर अन्धकार पाने के लिए मजबूर हो जाएंगे। अपनी सभी भूमिकाओं को पूरी निष्ठा एवं गंभीरता के साथ निभाने के लिए हमें भूमिकाओं के मध्य गहन विश्राम लेना होगा। गहन विश्राम में बाधा पंहुचाने वाला सबसे बड़ा कारक इच्छाएं हैं। इच्छाएं तनाव की द्योतक हैं। यहाँ तक कि छोटी सी/ तुच्छ इच्छा भी बड़ा तनाव देती है। बड़े-बड़े लक्ष्य अक्सर कम चिंताएं देते हैं ! कई बार इच्छाएं मन को यातना भी देती हैं।

एक ही रास्ता है कि इच्छाओं पर ध्यान ले जाएँ और उन्हें समर्पित कर दें। इच्छाओं अथवा कर्म के प्रति सजग होना या ध्यान ले जाने को “कामाक्षी” कहा जाता है। सजगता से इच्छाओं की पकड़ कम हो जाती है, और आसानी से समर्पण हो जाता है और तब अपने भीतर अमृत धारा फूट पड़ती है। देवी “कामाक्षी” ने अपने एक हाथ में गन्ना पकड़ रखा है और दूसरे में एक फूल। गन्ना काफी सख्त होता है और उसकी मिठास प्राप्त करने के लिए उसे निचोड़ना पड़ता है। जबकि फूल कोमल होता है और इससे रस निकालना बेहद आसान है। वास्तव में जीवन में भी तो यही होता है। जीवन इन्ही दोनों का मिश्रण है! इस परमानन्द को बाहरी संसार से प्राप्त करने की तुलना में अपने ही भीतर प्राप्त करना काफी आसान है जबकि बाहरी संसार में इसके लिए बहुत प्रयास करने पड़ते हैं।

होली की कथाएँ जानिए

‘पुराण’ शब्द का उद्गम संस्कृत के ‘पुर नव’ शब्द से हुआ है, जिसका अर्थ है ‘जो नगर में नया है’। पुराण तथ्यों/ बातों को नए ढंग से प्रस्तुत करने का तरीका है। यह रंग-बिरंगे कथा-कहानियों से परिपूर्ण ग्रन्थ है। सतह पर तो ये कहानियाँ काल्पनिक लगती हैं परन्तु वास्तव में इनमें अति सूक्ष्म सत्य है।

एक असुर राजा हिरण्यकश्यप चाहता था कि सभी उसकी पूजा करें। परन्तु उसका अपना ही पुत्र ‘प्रह्लाद’ उस राजा के घोर शत्रु भगवान नारायण का परम भक्त था। इस बात से क्रोधित राजा अपनी बहन होलिका की सहायता से प्रह्लाद से मुक्ति चाहता था। अग्नि में भी न जलने की शक्ति प्राप्त होलिका प्रह्लाद को अपनी गोद में ले कर जलती हुई आग (चिता) में बैठ गई। परन्तु इस आग में होलिका स्वयं जल गई और प्रह्लाद आग में से सही-सलामत बाहर निकल आया।

यहाँ हिरण्यकश्यप बुराई का प्रतीक है और प्रह्लाद निश्छलता, विश्वास एवं आनंद का। आत्मा को केवल भौतिक वस्तुओं के प्रति ही प्रेम रखने के लिए ही सिमित नहीं किया जा सकता। हिरण्यकश्यप भौतिक संसार से मिलने वाला समस्त आनंद चाहता था, पर ऐसा हुआ नहीं। किसी जीवात्मा को सदा के लिए भौतिकता में कैद नहीं रखा जा सकता। इसका अंततः अपने उच्चतर स्व अर्थात नारायण की ओर बढ़ना स्वाभाविक है।