पंचकुला की परनीत कौर, GATE 2021 में 316 रैंक हासिल कर ट्राइसिटी में आयीं अव्वल

हाल ही में आयोजित GATE 2021 में, UIET पंजाब यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करने वाली पंचकुला की परनीत कौर ने भारत में 316 वीं रैंक हासिल कर इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में ट्राइसिटी में पहला स्थान हासिल किया।

परनीत कौर बधाई की पात्र हैं।

बाबर कोआक्रांता बताने पर भड़के ओवैसी और वामपंथी

दिल्ली यूनिवर्सिटी में नए सिलेबस के ड्राफ्ट में 20 से 30 फीसदी तक बदलाव किया गया है। इतिहास (ऑनर्स) के पहले पेपर ‘Idea of Bharat’ पढ़ाया जाएगा। ड्राफ्ट सिलेबस के तीसरे पेपर में सरस्वती-सिंधु सभ्यता को पढ़ाया जाएगा। वेदों में सरस्वती नदी का विस्तार से उल्लेख मिलता है। ‘भारत की सांस्कृतिक विरासत’ नाम से 12वां पेपर है। रामायण और महाभारत जैसे सांस्कृतिक विरासत का विषय शामिल हुआ। इस्लामिक शासकों के आगे आक्रमणकारी शब्द जोड़ने पर विवाद है। नए पाठ्यक्रम में आक्रमण शब्द का इस्तेमाल मुस्लिम शासकों जैसे बाबर के संबंध में किया गया है। भारत की सांस्कृतिक विरासत पढ़ किसकी बौखलाहट बढ़ी?

सरीका तिवारी, नयी दिल्ली/चंडीगढ़:

गुरु नानकदेव जी ने बाबर के आक्रमण और लोगों की दुर्दशा के समय भारत की तबाही का आँखों देखा उल्लेख किया और युद्ध की स्थिति का वर्णन किया:

ਖੁਰਾਸਾਨ ਖਸਮਾਨਾ ਕੀਆ ਹਿੰਦੁਸਤਾਨੁ ਡਰਾਇਆ।। (ਪੰਨਾ ੩੬੦) खुरासान खस्माना कीआ हिंदुस्तान डराइया। (पृष्ठ 360)

अर्थ: खुरासान के क्षेत्र को किसी को सौंपकर(हारकर), बाबर ने भारत पर हमला किया और उसे डराया।

ਪਾਪ ਕੀ ਜੰਞ ਲੈ ਕਾਬਲਹੁ ਧਾਇਆ ਜੋਰੀ ਮੰਗੈ ਦਾਨੁ ਵੇ ਲਾਲੋ।। ( पाप की जंज लै कबूलों धाया जोरी मांगे दान वे लालो।।)

ਸਰਮੁ ਧਰਮੁ ਦੁਇ ਛਪਿ ਖਲੋਏ ਕੂੜੁ ਫਿਰੈ ਪਰਧਾਨੁ ਵੇ ਲਾਲੋ।। (शर्म धर्म दुई छपी खलोए कूड़ू फिरे परधान वे लालो॥)

ਕਾਜੀਆ ਬਾਮਣਾ ਕੀ ਗਲ ਥਕੀ ਅਗਦੁ ਪੜੈ ਸੈਤਾਨੁ ਵੇ ਲਾਲੋ।। (ਪੰਨਾ ੭੨੨) (काजिया ब्राह्मणा की गल थकी अगदु पढ़े शैतान वे लालो॥)

अर्थात हे लालों, बाबर पाप की बारात ले कर काबुल से मार आत मचाता हुआ आया है और धिंगाजोरी से भारत को दहेज के रूप में मांग रहा है। शर्म और धर्म दोनों ही अलोप हो चुके हैं, अब झूठ की प्रधनगी है। क़ज़ियों और ब्राह्मणों के काम धंधे सब चौपट हो चुके हैं अब विवाह जैसी पवित्र रसम भी शैतान ही करवा रहा है।

गुरु जी के शब्दों में बाबर एक आक्रांता है बाबर की दरिंदगी का वर्णन गुरु जी ने अपनी कोमल वाणी में अत्यंत दुखी हो कर किया है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) एक सांविधिक इकाई है, जो विश्वविद्यालयों में उच्च शिक्षा से संबंधित सभी प्रकार के कार्यकलापों की एक जिम्मेदार संस्था है। यूजीसी ने हाल ही में बीए इतिहास के पाठ्यक्रम का एक ड्राफ्ट प्रकाशित किया, जो भारतीय इतिहास के सभी पहलुओं पर प्रकाश डालता है। यूजीसी के इसी प्रयास के कारण कई बुद्धिजीवी और नेता व्यथित हैं, जिनमें असदुद्दीन ओवैसी प्रमुख रूप से सम्मिलित हैं।

दि आइडिया ऑफ भारत

बीए इतिहास का पहला पेपर “आइडिया ऑफ भारत” पर आधारित है। यह भारतवर्ष की अवधारणा, भारतीय ज्ञान परंपरा, कला एवं साहित्य, धर्म, विज्ञान, जैन एवं बौद्ध साहित्य, भारतीय आर्थिक परंपरा एवं ऐसे ही अन्य टॉपिक्स को कवर करता है। इनमें वेद, उपनिषद, महान ग्रंथ, जैन एवं बौद्ध साहित्य, वसुधैव कुटुंबकम की अवधारणा, भारतीय अंक पद्धति एवं गणित, समुद्री व्यापार इत्यादि सम्मिलित है। 

ड्राफ्ट में बताया गया है कि इस पाठ्यक्रम के माध्यम से छात्र प्राचीन भारत के नागरिकों के प्रारम्भिक जीवन और संस्कृति से परिचित होंगे एवं उस समाज की व्यवस्था, धर्म पद्धति एवं राजनैतिक इतिहास को जान सकेंगे। इस पाठ्यक्रम का एक उद्देश्य यह भी है कि छात्र भारत में लगातार हुए सामाजिक एवं सांस्कृतिक परिवर्तनों का भी अध्ययन कर सकें।

सिंधु-सरस्वती सभ्यता की व्याख्या

इस स्नातक कोर्स का तीसरा पेपर प्राचीन भारत के इतिहास लेखन एवं ऐतिहासिक स्रोतों की व्याख्या से संबंधित है। इसमें वैदिक काल, जैन और बौद्ध धर्म के उदय से संबंधित कई विषय हैं। इस खंड की सबसे महत्वपूर्ण बात है कि इसमें सिंधु-सरस्वती सभ्यता के अस्तित्व से संबंधित सभी पहलुओं की व्याख्या की गई है। साथ ही हिंदुओं में भेद उत्पन्न करने के लिए प्रचलित की गई आर्य आक्रमण की थ्योरी को भी नकारा गया है।

आक्रांता अब आक्रांता ही कहा जाएगा

अभी तक स्नातक कार्यक्रमों की इतिहास की पुस्तकों में बाबर और तैमूरलंग जैसे आक्रमणकारियों के लिए आक्रांता अथवा आक्रमणकारी जैसे शब्द नहीं लिखे जाते थे किन्तु UGC ने इस ड्राफ्ट में इसे स्वीकार किया है।

बुद्धिजीवियों और नेताओं का विरोध

हालाँकि जब भी इतिहास में किसी भी प्रकार के सुधार की बात आती है तो कुछ राजनैतिक नेताओं और स्वघोषित बुद्धिजीवियों को यह सुधार आरएसएस का षड्यंत्र ही दिखाई देता है। वामपंथी पोर्टल टेलीग्राफ ने कुछ शिक्षकों और विद्यार्थियों का वक्तव्य छापा है कि वैदिक और हिन्दू धार्मिक ग्रंथों का उपयोग करके शिक्षा का भगवाकरण किया जा रहा है। इन “शिक्षकों और विद्यार्थियों” ने यह भी चिंता व्यक्त की है कि “आइडिया ऑफ भारत” पर आधारित ने पाठ्यक्रम से “मुस्लिम शासनकाल की महत्ता” समाप्त हो जाएगी। 

टेलीग्राफ ने दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफंस कॉलेज के एक अनजान विद्यार्थी का कथन छापा कि वह “आइडिया ऑफ भारत” के माध्यम से प्राचीन भारतीय सभ्यता के महिमामंडन से व्यथित है। दिल्ली विश्वविद्यालय के ही श्यामलाल कॉलेज के असिस्टेंट प्रोफेसर जीतेंद्र मीणा जी भी व्यथित हैं कि नया पाठ्यक्रम सेक्युलर साहित्य के स्थान पर धार्मिक साहित्य का महिमामंडन करता है एवं मुगल इतिहास को दरकिनार कर देता है।

ऐसे मुद्दों पर ओवैसी कुछ न कहें, यह असंभव है। उन्होंने सीधे भाजपा पर यह आरोप लगा दिया कि भाजपा अपनी हिन्दुत्व की विचारधारा को पाठ्यक्रम में सम्मिलित करने का कार्य कर रही है। ओवैसी ने एक ट्वीट में कहा कि शिक्षा प्रोपेगंडा नहीं है। भाजपा हिन्दुत्व की विचारधारा को पाठ्यपुस्तकों में शामिल कर रही है। माईथोलॉजी को स्नातक कार्यक्रमों में नहीं पढ़ाना चाहिए। ओवैसी ने ड्राफ्ट पर प्रश्न उठाते हुए कहा कि पाठ्यक्रम मुस्लिम इतिहास को मलीन कर रहा है।

First meeting of Bazm-E-Adab at Dept. of Urdu, PU

Chandigarh March 26, 2021

            Bazm-E-Adab,  Literature forum of the Department of Urdu, Panjab University, Chandigarh organized its first meeting today. Dr. Ali Abbas, Coordinator of the Department described Psychology as an integral part of society and Literature.

            He added that psychology was the major factor behind the evolution of human culture. “Being the heart, mind and soul of the society and its literature, it always provided food for the thought for the betterment of human society as a whole, he added.

             Prof. Rehana Parveen (Retd.) in her presidential address, said that the contribution of psychology to society and literature was second to none.it has motivated us all towards aesthetic sense and discipline.

            Earlier, a research scholar of Urdu department Ripudaman Savrup Sharma highlighted the psychological aspect of Qissa Puran Bhagat by Qadiryar, a famous Punjabi poet.

            Bazm-E-Adab meets every fortnightly where students can present their creative writing and exchange their views and experience.

Prof. Prashant Kumar Gautam gets Charge of Director, Sports, PU

Chandigarh March 26, 2021

            Prof. Prashant Kumar Gautam, University Institute of Hotel and Tourism Management, Panjab University, Chandigarh, has been given additional charge of Director, Physical Education with immediate effect till further orders.

            Prof. Gautam is presently serving as Dean (Nominated), Faculty of Hospitality, Tourism and Travel Mgt, IK Punjab Technical University (2021-23)         

            Earlier, Prof. Gautam served as Director at Institute of Hotel and Tourism Management (UIHTM), Panjab University w.e.f. 19 August 2015 till 30.04.2019.

            In addition, he is holding prominent positions in various bodies of Tourism and Hospitality.

श्रीमद्भागवद्गीता : जीवन जीने की कला – प्रो. राजकुमार, कुलपति,

  • सप्त दिवसीय (आनलाईन) महर्षि विश्वामित्र वेद वेदाङ्ग कार्यशाला तथा राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारम्भ विश्वेश्वरानंद विश्वबन्धु संस्कृत एवं भारत भारती अनुशीलन संस्थान, पंजाब विश्वविद्यालय साधु आश्रम में हुआ
  • श्रीमद्भागवद्गीता : जीवन जीने की कला – प्रो. राजकुमार, कुलपति, पंजाब विश्वविद्यालय

दिनांक 25.3.2021:

विश्वेश्वरानंद विश्वबन्धु संस्कृत एवं भारत भारती अनुशीलन संस्थान, साधु आश्रम में सप्त दिवसीय महर्षि विश्वामित्र वेद वेदाङ्ग कार्यशाला तथा राष्ट्रीय संगोष्ठी के उद्घाटनोत्सव के मुख्यातिथि प्रो. श्रेयांश द्विवेदी, कुलपति, महर्षि वाल्मीकि संस्कृत विश्वविद्यालय, कैथल, हरियाणा, विशिष्ट अतिथि प्रो. कृष्णकान्त शर्मा, पूर्व डीन, संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी, अध्यक्ष प्रो. राजकुमार, कुलपति, पंजाब विश्वविद्यालय, चण्डीगढ़ थे। कार्यक्रम का शुभारम्भ श्री कृष्णकान्त तिवारी, काशी के द्वारा वैदिक मंगलाचरण के द्वारा किया गया। मंच का संचालन डा. ऋतु बाला ने किया। डा.सुधांशु कुमार षडंगी (विभागाध्यक्ष) ने आनलाइन जुडे़ सभी महानुभावों का स्वागत कर अतिथियों का परिचय दिया। प्रो. नरसिंह चरण पण्डा ने वेद वेदाङ्ग कार्यशाला तथा राष्ट्रीय संगोष्ठी के उद्घाटनोत्सव में विषय प्रवर्तन किया। इस अवसर पर अध्यक्ष प्रो. राजकुमार, कुलपति, पंजाब विश्वविद्यालय, चण्डीगढ़ ने छात्रों को आशीर्वाद हेतु अपने सम्बोधन में कार्यक्रम की प्रंशसा कर संस्कृत की प्रति अपनी अथाह प्रेम भावना को अभिव्यक्त किया तथा विशेष रुप से श्रीमद्भगवद्गीता के विषय में कहा कि यह एक ऐसा ग्रन्थ है जो सबको जीवन में अवश्य पढना चाहिए क्योंकि यह ग्रन्थ विषाद से प्रसाद की ओर, कायरता से शूरवीरता की ओर, निराशा से आशा की ओर, अस्थिरता से स्थिरता की ओर, सन्देह से विश्वास की ओर, दुर्बलता से दृढता की ओर ले जाना वाला है। मुख्यातिथि प्रो. द्विवेदी जी ने इस अवसर पर कहा कि वेद में गूढ़ ज्ञान निहित है। मानव द्वारा ग्राह्य उच्चतम आध्यात्मिक सत्य, नैतिक सिद्धान्तों के बीज इत्यादि बहुश विषय वेद में प्राप्त होते है। आज प्रत्येक छात्र, अध्यापक का यह दायित्व बनता है कि वे वेद ज्ञान का सर्वत्र प्रचार तथा प्रसार करें। विशिष्ट अतिथि प्रो. शर्मा जी ने इस अवसर पर वेदार्थ ज्ञान हेतु वेदचतुष्टय, वेदाङ्ग को समझना अनिवार्य बताया है। कार्यशाला तथा राष्ट्रीय संगोष्ठी के विषय वेदार्थ निर्णय में ऋषि, छन्द एवं देवताओं का वैशिष्ट्य में वर्णित ऋषि, छन्द, देवता तत्वों का सामान्य परिचय दे विषय को सरल बनाने का प्रयास किया। धन्यवादज्ञापन प्रो. कृष्णा सैनी ने किया। कार्यशाला का प्रथम व्याख्यान दोपहर 3.00 बजे प्रारंभ हुआ। इसके व्याख्याता प्रो. विक्रम कुमार, पंजाब विश्वविद्यालय ने सूक्तों में प्रतिपादित देवताओं का स्वरूप पर विस्तृत विवरण प्रदान किया। देवताओं के उत्पत्ति, उनके स्थानादि का निरूपण तथा स्वरूप का विवेचन किया। पूषन्, सविता, सरस्वती, आदित्य आदि वेदाताओं को लौकिक उदाहरण के द्वारा प्रस्तुत किया।  इस अवसर पर प्रो. प्रेमलाल शर्मा, प्रो. रघुबीर सिंह, प्रो. प्रवीण सिंह राणा, आचार्य सांख्यायन, डा. सुबोध कुमार, डा. सुनीता जायसवाल, डा. नरेन्द्र दत्त तिवारी, नवनालंदा विश्वविद्यालय, डा. सुषमा अलंकार, चण्डीगढ., डा दीपलता, हिमाचल यूनिवर्सिटी, प्रो. कृष्णमुरारि शर्मा, डा. टीना वैद, प्रो. सुभाष चन्द्र दास, उत्कल यूनिवर्सिटी, प्रो. रणजीत कुमार, दिल्ली यूनिवर्सिटी, डा. सुमन लता, भावना सोनी, राजेन्द्र मलिक इत्यादि 70 से भी अधिक प्रतिभागिओं ने कार्यक्रम में भाग ले कार्यक्रम की गरिमा को बढाया है।

3rd Sat Paul Mittal Memorial Lecture in Telecommunication by UIET, PU

Government of India has declared mandatory testing and certification guidelines for all the Telecommunication Products to be launched in India’ said Ms. Deepa Tyagi, Senior DDG and Head, Telecommunication Engineering Centre (TEC), DoT, Government of India while delivering 3rd Sat Pal Memorial Lecture on Telecommunication organized by University Institute of Engineering and Technology(UIET), Panjab University in Online Mode today. TEC does the testing and certification by involving various laboratories spread across country. Surveillance of products under MTCTE is carried out by Licensed Service Area (LSA) field unit of DoT.

            Ms. Deepa Tyagi stated that India is a major entity in telecommunications as it has the second largest telecommunication network, largest number of data consumers, and there is AI penetration in all top sectors. Several challenges need to be addressed such as lack of Internet access for all citizens, unreliable power supply in few rural areas, digital illiteracy. Role of standardization to ensure interoperability of devices is fulfilled by Standards Development Organizations (SDOs) like International Telecommunication Union(ITU), Institute of Electrical and Electronics Engineers(IEEE), European Telecommunication Standards Institute(ETSI), International Organization for Standardization(ISO), 3rd Generation Partnership Project, oneM2M (Machine to Machine) and TEC. She traced the evolution of 5G starting from 1G analog, 2G digital, 3G mobile data, 4G mobile broadband to 5G having extreme speed, reliability and connectivity. Several 5G usage scenarios include areas of enhanced mobile broadband, massive machine type communications, ultra-reliable and low latency communications. Potential applications of such human-human, human-machine and machine-machine communications exist in rural broadband, enabling smart cities, fleet management of food grains, etc. She also discussed deployment strategies of 5G worldwide including various challenges in Internet of Things(IoT), technical challenges include connectivity, reliability, cost, policy challenges include IPR, data localization, governance and some common challenges like standards, interoperability, security and privacy.

            She also shared that 10-Digit number which we use currently for the mobile phones will not be sufficient for the future usage of machine-2-machine communication where billions of devices will be connected. TEC has recommended the use of 13-digit numbering system for SIM based devices. Even 128-bit IP address will also need revision in future. Artificial Intelligence (AI) and Machine Learning (ML) will shape the future of communication. There is need to have an India specific stack for AI and standardization in AI has already been started. Network technologies beyond 2030 will be Holographic Type Communication, Tactile Internet for Remote Operations, Intelligent Operation Network, Digital Twin, Space-Terrestrial Integrated Network, Industrial IoT with cloudification.

            She also discussed Blockchain technology which is an immutable distributed ledger-based system with no central authority. It has been used successfully in the USA for COVID vaccination distribution. She presented potential use cases of Blockchain technology in telecom networks in the areas of IoT connectivity and its services, prevention of roaming frauds, enablement of 5G, identity as a service etc.

            Professor Raj Kumar, Vice-Chancellor, Panjab University congratulated the Team UIET for organizing the lecture and expected that the Bharti Chair Endowment will contribute in a more significant way.

            Professor J. K. Goswamy, Director UIET stressed on understanding the basic need of communication and thereafter to work on the different use cases for research. He emphasized that the social aspects of developments in telecommunication technology should be given due consideration.

            Professor Pamela Kumar, Visiting Professor Bharti Chair, introduced the distinguished speakers and set the context for the lecture and the vision for future activities. Dr. Veenu Mangat proposed vote of thanks for the guests, Bharti Enterprises group, organizers and all attendees.

            Earlier, Professor Sakshi Kaushal welcomed all the guests and introduced Sh. Sat Paul Mittal who was elected twice to Rajya Sabha for a term of six years each in 1976 and 1982. United Nations decorated him with the prestigious United Nations Peace Medal in 1987.

            Professor Harish Kumar shared the research activities of Bharti Chair in the last couple of years. Telecom Research Lab is working on different products along with participating in ITU, 3GPP, OneM2M activities. Plan for next 2 years will focus on research in the area of development of Telecommunication Use Cases for Healthcare and Agriculture.

            Bharti Chair in Information Technology and Telecommunications was established in UIET, Panjab University in 2002 by Bharti Telecom Group in the memory of Late Sh. Sat Paul Mittal, a visionary leader. For this purpose, endowment was given by Sh. Sunil Bharti Mittal, Chairman, Bharti Enterprises for enhancement of knowledge in the field of telecommunication.

            200+ faculty/ research scholars/ students along with external stakeholders participated in Virtual Mode. Team from Bharti Enterprises represented by Ms. Mickey Khindria and Mr. Ashutosh Kalia, as nominated by Sh. Rakesh Bharti Mittal, Vice-Chairman also participated as panelists in the session. Lecture was also live Telecast on Panjab University’s social media accounts like Facebook, YouTube. Recording of the lecture is also available on:

Facebook Link: https://www.facebook.com/events/2957377197856434/

You Tube Link: https://youtu.be/EjN610pwNcE

“Catch the rain where it falls, when it falls”- Vinod Tare

Chandigarh March 23, 2021

VALUING WATER, SUSTAINING LIFE

On World Water Day, Panjab University Alumni Association (PUAA) and Dr. SSBUICET jointly organized a webinar to celebrate the theme of 2021, ‘Valuing Water’. 

Highlighting the importance of sustainable management of water resources, Prof. Anupama Sharma, Dean Alumni Relations welcomed  Dean University Instruction, Prof. V. R. Sinha, the Chief Guest, Prof. Vinod Tare, and the distinguished speakers for the day, Mr. Pawan Sachdeva and Ms. Kavita Sachwani. 

Prof. VR Sinha welcomed the audience and underlined the importance of UN Sustainable Goal number 6 i.e. Water and Sanitation for all by 2030. He emphasized the need to raise public awareness among people for preserving the diverse ecosystem. He shared his experiences while he was in Banaras and applauded the efforts of honourable Prime Minister and Prof. Vinod Tare for undertaking Namami gange project in a missionary zeal. He said that the broad theme of this webinar is to not only raise awareness about the global water crisis faced by mankind and avoiding wastage of water, but to truly understand and celebrate the multidimensional value of this irreplaceable source of sustenance.   

The Chief Guest, Prof. Vinod Tare, Professor, IIT Kanpur is the founding head of ‘cGanga’, Center for Ganga River Basin Management and Studies and a committed soul to Government’s flagship Namami Gange project. Raising the tagline of ‘Valuing Water, Transforming Ganga’, Prof. Vinod emphasized the importance of understanding and valuing ‘Arth Ganga’, aiming to merge the river conservation and development plans to grow the economy around water. He emphasized the need for local participation and participation of all the stakeholders, which is imperative to ensure clean water for all. Further, repeating Prime Minister’s slogan “Catch the rain where it falls, when it falls”, he stressed on the necessity of Rain Water Harvesting system. In the end, he shared a short video of water treatment plant at his own premises.  

Ms. Kavita Sachwan, the distinguished speaker of the day, is the State Program Coordinator at 2030 Water Resources Group at World Bank. She in her discourse stressed the need to link the circular water economy with the concept of valuing water while incorporating the principles of equity. She highlighted the fact that COVID-19 has further reinstated the need for water and changing climate has added to the complexity. Adding on, she pointed out that the Government of India is focusing on the safe re-use of water, with emphasis on water treatment policies and also improving the monetary value of water. Further, she said that there is a necessity to leverage technology for monitoring and conservation of water resources. There is a strong need to dip into alternative investment sources, while involving all stakeholders and policy makers. She underlined that it is essential that the big corporate houses should adhere to disclosure policy for water usage.

Mr. Pawan Sachdeva, Non-Executive Director of Water Management International, Singapore, and Director at Avendus Capital, emphasized on the need for data and statistics to solve the water crisis issue. He highlighted that economic evaluations are extremely crucial and system design also holds an equally important spot. The sequence of solutions is more important than knowing the extent of the problem. He further added that one of the main issues is the serious lack of human capital in the required sector. 

The webinar witnessed a coalition of experts from a spectrum of excellence and experience. 

Prof. Amrit Pal Toor, Chairperson Dr. SSBUICET presented the vote of thanks and invited the speakers to visit the institute for interacting with students.

सद्दाम गद्दाफ़ी की चुनावी प्रक्रिया बता कर अपनी ही पार्टी का सच बता बैठे राहुल

राहुल ने यहां तक कहा कि सद्दाम हुसैन और गद्दाफी जैसे लोग भी चुनाव आयोजित कराते थे और जीत जाते थे. लेकिन तब ऐसा कोई फ्रेमवर्क नहीं था, उन्हें मिले वोट की रक्षा कर सके. राहुल अमेरिका की ब्राउन यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर आशुतोष के साथ चर्चा कर रहे थे। इस दौरान राहुल ने कहा कि कि हमें किसी दूसरे देश की संस्था से लोकतंत्र को लेकर सर्टिफिकेट नहीं चाहिए लेकिन उन्होंने जो कहा, वो बिल्कुल सही है। भारत में इस वक्त जितना हमने सोचा है, हालात उससे ज्यादा बदतर हैं। राहुल इस ब्यान को देते समय अपनी ही पार्टी की पोल खोल रहे थे। पार्टी अध्यक्ष के तौर पर जब उन्होने अपनी ही पार्टी के आंतरिक चुनाव लड़े थे तब ऊनके ही एक रिश्तेदार शहजाद पूनावाला ने उनके विरोध में नामांकन भरा था। आज शहजाद पूनावाला अपनी ही पार्टी से निकाल दिये गए। यही वह मॉडल है जिसकी चर्चा राहुल कर रहे थे। लें अपनी ही पार्टी के इस चरित्र को वह नहीं पहचान पाते। हर समय अभिव्यक्ति की आज़ादी पर अंकुश की बात कराते हैं, लेकिन उतनी ही आज़ादी से नरेंद्र मोदी के खिलाफ बोलते गरियाते पाये जाते हैं, निर्भीकता से। क्या यह दोहरे माप दंड नहीं?

  • सद्दाम-गद्दाफ़ी इन्दिरा के थे अच्छे दोस्त सोशल मीडिया पर ट्रोल हुए राहुल
  • चुनाव मतलब सिर्फ यह नहीं कोई जाए और बटन दबाकर मताधिकार का इस्तेमाल कर दे
  • साल 2016 से 2020 के बीच 170 से अधिक कांग्रेसी विधायकों ने पार्टी छोड़ दी
  • नहीं दिख रहा दम, पांच चुनावी राज्यों में गठबंधन के सहारे चुनावी मैदान में कांग्रेस

सरीका, चंडीगढ़:/नयी दिल्ली:

राहुल गाँधी ने ब्राउन यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर को दिए अपने हालिया इंटरव्यू में भारतीय जनता पार्टी पर पर ये कहकर निशाना साधा कि सद्दाम हुसैन और मोहम्मद गद्दाफी ने भी तो चुनाव जीता था। केंद्र सरकार को लेकर कॉन्ग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि सद्दाम हुसैन और गद्दाफी को भी वोट की जरूरत नहीं थी, उन्होंने सत्ता पर कब्जा करने के लिए चुनावी प्रक्रिया का इस्तेमाल किया था।

दरअसल, कॉन्ग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी ने पिछले दिनों वी-डेम इंस्टिट्यूट की रिपोर्ट के हवाले से देश के लोकतांत्रिक न होने को लेकर दावे किए थे। इसी पर ब्राउन यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर आशुतोष वार्ष्णेय ने उनकी टिप्पणी पर सवाल किए, जिसके जवाब में राहुल गाँधी ने उक्त बात कही।

हालाँकि, राहुल की बात पर गौर देने से पहले ये जानना दिलचस्प है कि जिस गद्दाफी का उन्होंने उदाहरण दिया, वह सन् 1969 में लीबिया में सैन्य तख्तापलट होने के कारण नेता चुना गया था। उसने शासन पाने के लिए ब्रिटिश समर्थित नेता इदरीस को सत्ता से उखाड़ फेंका था, न कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया से कुर्सी पर अधिकार पाया था।

इसी तरह से सद्दाम हुसैन को साल 2003 में अमेरिकी फोर्स ने पकड़ा था। साल 2006 में वह मानवता के विरुद्ध किए गए अपराधों का दोषी पाया गया था। इसके बाद उसे मौत की सजा सुनाई गई थी।

अब जाहिर है कि ऐसे तानाशाहों का नाम लेकर राहुल गाँधी पूरे मामले में सिर्फ़ और सिर्फ विदेशी चीजों को घुसाकर अपनी बात को दमदार साबित करने की कोशिश कर रहे हैं, इसके अतिरिक्त उनकी बातों का और कोई मतलब नहीं है।

इंटरव्यू के दौरान उन्होंने आरएसएस पर भी निशाना साधा। उन्होंने दावा किया कि आरएसएस और शिशु मंदिर सिर्फ़ भारत को तोड़ने के लिहाज से बने हैं और इनका इस्तेमाल जनता से पैसे लेने के लिए किया जाता है। एक और चौंकाने वाले बयान में उन्होंने दावा किया कि आरएसएस की विचारधारा और रणनीति मिस्र में मुस्लिम ब्रदरहुड के समान है।

संसद सत्र में बंद हुए माइक वाली घटनाओं को उदाहरण देते हुए राहुल गाँधी मानते हैं कि भाजपा ने चुनावी प्रक्रिया का इस्तेमाल करके सत्ता हथियाई है। उनके मुताबिक, केंद्र के पास नए आइडिया के लिए कोई भी कोना नहीं है। सबसे हास्यास्पद बात यह है कि 5 लाख आईटी सेल सदस्यों को हायर करने के बाद कॉन्ग्रेस के पूर्व अध्यक्ष आरोप लगाते हैं कि भारत में फेसबुक का हेड भाजपाई है। वह गलत ढंग से चुनावी नैरेटिव को कंट्रोल करता है।

इस सब के बाद राहुल गांधी ट्रोल भी हुए:

एक दैनिक समाचार पत्र के अनुसार सोनिया गांधी के बेटे राहुल ने जिस सद्दाम हुसैन का हवाला दिया है, उसका भारत और खासकर तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से बेहतरीन संबंध था। साल 1975 में इंदिरा गांधी इराक गईं तो सद्दाम हुसैन ने उनका सूटकेस उठा लिया। अखबार के अनुसार इंदिरा गांधी जब रायबरेली से लोकसभा चुनाव वे हार गईं तो सद्दाम ने उन्हें इराक की राजधानी बगदाद में स्थाई आवास की पेशकश कर दी। इतना ही नहीं, सद्दाम के नेतृत्व वाली बाथ सोशलिस्ट पार्टी के प्रतिनिधि कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशनों में शामिल हुआ करते थे। ऐसे में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के इस बयान को लेकर सोशल मीडिया पर यूजर्स लताड़ लगा रहे हैं।

UIFT’S Second Alumni Lecture : “Startup As A Fashion Influencer”

Chandigarh March 16, 2021

            Second lecture series ‘Learn the ropes with alumni’ was held today at University Institute of Fashion Technology & Vocational Development(UIFT &VD),  Panjab University Chandigarh with Mohini popularly known as Styled by Mohini, an Instagram Influencer and a YouTuber.  She pursued her graduation and post-graduation in Fashion and Lifestyle Technology from UIFT, PU and creates content on Fashion, Beauty, Travel and Lifestyle. After completing her Masters, she is a full-time content creator with 22,000 followers on Instagram.

            She shared her journey with the students, the main focus was to motivate them so that they can also start their own business even in a non-conventional field like content creation. She started with fashion styling videos and then slowly expanded her horizon to different genres and then added beauty, travel and lifestyle as well. She spoke about her series called “#TalkWithM” in which she gives motivational talks about different topics, her interviews with various doctors for spreading awareness about women health on her YouTube channel, her latest series about creating outfits from scratch and her styling projects that she undertook with wow womania and many other projects. She also elaborated that how she works in collaboration with many leading brands like Nykaa, Maybelline, L’Oreal, Revlon, Urbanic, Derma co., Mcaffine, Kalki fashion, Plum goodness etc. 

            According to Mohini “Consistency and hard work are the key to success”. Her journey inspired and motivated many participants to think about startups in line of their interest. Appreciating hard work and dedication of Mohini, Dr Anu H. Gupta, Chairperson UIFT & VD remarked that Passion of an individual if pursued consistently can create wonders and lead to successful startups.

            Around 70 students joined her webinar. She spoke about “Startup as a Fashion Influencer” to the current students of the department.

Workshop 2021 at UIET, PU

Chandigarh March 16, 2021

            Department of Electronics and Communication Engineering, University Institute of Engineering and Technology(UIET), Panjab University, Chandigarh in collaboration with Govt. College of Engineering and Technology, Jammu, organized a TEQIP-III Sponsored Online Curriculum Revision Workshop-2021 under the guidance of Dr. Subhash Chander Dubey, Nodal Officer TEQIP-III, GCET, Jammu . Dr. Naresh Kumar, Coordinator (ECE) informed that the objective of this informed that of this workshop was to upgrade the curriculum of the department in accordance with AICTE recommendations and NEP2020 guidelines. Subject expert from IITs, NITs, CSIO, SCL, Qualcomm and other premier institutes across India were invited.

            The Chief Guest of the inaugural session, Prof J. K. Goswamy, Director, UIET, emphasised on industrial innovation, entrepreneurship skill development, research focus on global issues, improvement of innovation skills of students and use of science and technology for solving the real life problems. He entitled the workshop as ‘Sagarmanthan: process of churning the curriculum’. He also stressed upon the need of value based education so as to develop an individual’s personality with lifelong learning attitude. Further, the Chief Guest congratulated the organizing team for the organising such an event.

            In view to have a focused discussion, the subjects of B. E. (ECE), M. E. (ECE) and M. Tech. (Microelectronics) were divided into the four groups and session wise discussion was carried out.

            Session-1 included discussion on subjects related to Signal Processing. It was chaired by Prof. Renu Vig, she focused on the need to have flexible curriculum. Prof. Amod Kumar, Dept. of ECE, NITTTR Chandigarh, Prof. B. S. Saini, Dept. of ECE, NIT Jalandhar along with alumni Ms. Vartika, TCS Research joined as the experts for this session. Mr. Sumit Budhiraja and Dr. Gurpreet convened this session. In this group experts suggested to include subjects such as Robotics, AI and IOT in the curriculum. Experts also insisted on adding same practical examples and case studies within the syllabus.

            Session-2 focused on subjects of Communication Systems. It was chaired by Prof. Sunil Agrawal. The subject experts for the session were Prof. M. L. Singh, Dept. of ECE, GNDU Amritsar, Dr. S. S. Saini, CSIR-CSIO Chandigarh along with the Alumni Dr. Ribhu, IIT Guwahati. Ms. Preeti Gupta and Ms. Harvinder carefully noted the feedback given by the experts. It was a very insightful conversation and the inclusion of latest 5G communication technology was suggested by the panel.

            Session-3 concentrated on Digital Circuits and Systems. It was chaired by Ms. Sharmelee Thangjam.  Prof. Brajesh Kumar Kaushik, Dept. of ECE, IIT Roorkee, Dr. Arvind Kumar, Dept. of ECE, NIT Kurukshatra along with alumni Mr. Prachir Puri, Qualcomm participated in the discussion. Dr. Nidhi Garg and Dr. Pardeep Kaur managed the session. An insight on the industry requirements in order to improve employability of students was kept in view and accordingly suggested changes in the current curriculum were proposed.

            Session-4 discussed Electronic Devices and Circuits related subjects. It was chaired by Dr. Arvind Kumar, UIET while Mr. Vijay Kumar briefed the syllabi in front of panel of experts. Dr. H. S. Jatana, Scientist, SCL-ISRO, Mohali, Dr. Balwinder Singh, Joint Director and Head ACSD, CDAC Mohali, and alumni Dr. Swasti from IIT Bombay participated in the detailed discussion. They gave vision on the semiconductor industry requirements and accordingly suggested changes in the current curriculum.

            The event has witnessed an enthusiastic response with more than thirty participants in each session. The proceedings of workshop were convened by E Dr. Charu Madhu, Er. Ajay Abrol, and Dr. Garima Joshi.