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- 26/11 के मास्टरमाइंड को भारत लाकर मारा जाए : वीरेश शांडिल्य
- आशा किरण स्कूल में सेमिनार करवाया गया
- मा. मं. स. स्कूल जूनियर के वार्षिक सांस्कृतिक शो में छात्रों ने छोड़ी प्रतिभा की छाप
- गांव में सफाई का काम करने वाले सफाई मजदरों को पंजाब सरकार पक्के करे : खोसला
- डॉक्टर नव्या विशिष्ट की यूनिवर्सिटी में टॉप पोजिशन
- संभल की हिंसा पर उठते सवाल
- उपमन्यु चटर्जी की पुस्तक ‘लोरेंजो सर्चेज फॉर द मीनिंग ऑफ लाइफ’
Koral ‘Purnoor’. Demokretic Front, Chandigarh May 12, 2022 : A special lecture on ‘Child Rights’ was delivered by Professor Devinder Singh,…
Koral ‘Purnoor’, Demokretic Front, Chandigarh May 11, 2022 : Technology Enabling Centre (TEC), Punjab University in collaboration with Design Innovation Centre (DIC)…
PU Central Placement Cell organises Distribution of Scholarships by Sarbat Da Bhala Charitable Trust
Koral ‘Purnoor’, Demokratic Front, Chandigarh May 10, 2022 Central Placement Cell organised a function at UIAMS Conference hall to distribute scholarship to…
Koral ‘Purnoor’, Demokratic Front, Chandigarh May 10, 2022 This is to inform that the result of examination December, 2021 of the…
Koral ‘Purnoor’, Demokretic Front, Chandigarh May 9, 2022 The Sports meet started in the Panjab University Sports Ground under the supervision of…
Koral ‘Purnoor’, Demokretic Front, Chandigarh May 9, 2022 Centre for Women Development Cell in collaboration with Legal Aid Society and NSS, UILS…
दयानन्द चेयर में दिनांक 9.5.2022 को आस्तिक दर्शनों के समन्वय पर एक विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया
Koral ‘Purnoor’, Demokretic Front, Chandigarh May 9, 2022 दयानन्द वैदिक अध्ययन पीठ दयानन्द चेयर के अध्यक्ष प्रो. वीरेन्द्र कुमार अलंकार ने मुख्यवक्ता डॉ. प्रशान्त का परिचय देते हुए बताया कि छः दर्शनों के समन्वय की पहली स्थापना स्वामी दयानन्द सरस्वती ने सत्यार्थप्रकाश के तृतीय समुल्लास में की है। दयानन्द ने सृष्टि विद्या नामक विषय के छः कारणों का उल्लेख करते हुए छः दर्शनों में बडा व्यावहारिक समन्वय स्थापित किया है। डॉ. प्रशान्त आचार्य ने बताया कि भारतीय-दर्शन जैसा शब्द विदेशियों द्वारा दिया गया है। भारतीय छात्रों को विश्वविद्यालयों में जो न्याय, वैशेषिक, सांख्य, योग, पूर्व मीमांसा एवं उत्तर मीमांसा का क्रम पढाया जाता है, वह भारतीय चेतना से मेल नहीं खाता। सत्यार्थप्रकाश में स्वामी दयानन्द ने सर्वप्रथम मीमांसा दर्शन को पढने का निर्देश किया है, उसके बाद वैशेषिक, न्याय, सांख्य, योग और वेदान्त। इस क्रम से पढने में पाठक को पूर्वापर ज्ञान का परिचय स्वतः हो जाता है। ऋषियों की ग्रन्थ लेखन शैली पर भी विचार विमर्श किया गया, जिसमें 50 से अधिक छात्र, शोधच्छात्र, अध्यापक आदि विद्यमान थे। इस कार्यक्रम में चण्डीगढ के विभिन्न महाविद्यालयों से जैसे सैक्टर 10 डी.ए.वी से डॉ. सुमित्र बालिया, डॉ. सुषमा अलंकार, गवर्मेन्ट कॉलेज सैक्टर 11 से डॉ. चन्दन गुप्ता, पी.यू के अंग्रेजी विभाग से डॉ. दीप्ति गुप्ता आदि अध्यापकों ने भी भाग लिया।
Chandigarh May 6, 2022 The Department of Laws, Panjab University organised the annual Intra Department Moot Court Competition on 4th-5th May…
Chandigarh May 6, 2022 Today i.e. 6th May, 2022, 69th Annual Convocation of Panjab University, Chandigarh held at Gymnasium Hall, Sector-14, Panjab University Campus.…
न्यूयार्क/पंचकुल : जॉन एफ कैनेडी ईन्टरनेशनल एयरपोर्ट,न्यूयार्क USA पर हरियाणा के पूर्व उपमुख्यमंत्री भाई चंद्रमोहन का स्वागत वहां के निवासी और समाजसेवी…
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