राज्यों ने लॉकडाउन समय में वृद्धि का प्रस्ताव दिया

सरकार का सोचना है कि इससे स्कूल और कालेज एक तरह से गर्मियों की छुट्टियों को मिलाकर जून के अंत तक बंद रहेंगे। गर्मियों की छुट्टी आम तौर पर मई के मध्य से शुरू हो जाती हैं। जीओएम ने सिफारिश की है कि सभी धार्मिक संगठनों को कोरोना वायरस को रोकने के एहतियाती कदम के तहत 15 मई तक गतिविधियां शुरू करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। जीओएम का गठन देश में कोरोना वायरस के कारण उत्पन्न स्थिति की समीक्षा करने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सुझाव देने के लिए किया गया है।

नई दिल्ली:

भारत में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच देश में लॉकडाउन की समयावधि बढ़ाई जाएगी या नहीं इस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्यों के मुख्यमंत्रियों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासकों और लेफ्टिनेंट गवर्नर से संवाद के बाद फैसला लेंगे। मिली जानकारी के अनुसार शनिवार को मुख्यमंत्रियों, प्रशासकों और लेफ्टिनेंट गवर्नर्स से प्रधानमंत्री मोदी वीडियो कॉंफ्रेंसिंग के जरिए संवाद स्थापित करेंगे।

मुख्यमंत्रियों के साथ पिछली बैठक में पीएम मोदी ने लॉकडाउन हटाने को लेकर सुझाव मांगे थे, जिससे गरीब और प्रवासी श्रमिकों की परेशानी खत्म हो सके। सरकार चरणबद्ध तरीके से लॉकडाउन खत्म करना चाहती है। केंद्र सरकार से जुड़े सूत्रों का कहना है कि केंद्र उन जगहों से प्रतिबंध हटाने को तैयार है, जहां कोविड -19 के मामले नहीं आ रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि कई सचिवों के साथ ही नीति आयोग के शीर्ष अधिकारियों का मानना है कि 15 अप्रैल के बाद भी पूर्ण रूप से लॉकडाउन के चलते अर्थव्यवस्था को काफी नुकसान होगा। वे उन क्षेत्रों में प्रतिबंध खत्म करने के पक्ष में हैं जो ‘रेड जोन’ नहीं हैं।

बता दें कि मौजूदा लॉकडाउन की अवधि 21 दिन की है जो 14 अप्रैल की मध्य रात्रि खत्म हो जाएगी। इससे पहले कई राज्यों ने अपनी चिंता जाहिर की है। बुधवार सुबह 9 बजे स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी किये गये आंकड़ों के अनुसार देश भर में 5194 मामले दर्ज किये गये जिसमें से 4643 केस एक्टिव हैं और 401 मरीज अस्पताल से डिस्चार्ज किये जा चुके हैं। वहीं 149 लोगों की मौत हो चुकी है साथ ही 1 मरीज विदेश शिफ्ट हो चुका है।

बता दें Covid19 से निपटने के लिए गठित मंत्रियों के समूह (GoM) ने 15 मई तक सभी शैक्षणिक संस्थाओं को बंद रखने और लोगों की सहभागिता वाली सभी धार्मिक गतिविधियों पर रोक लगाने की सिफारिश की है। मंत्री समूह का कहना है कि सरकार चाहे 21 दिनों के लॉकडाउन (Lockdown In India) को आगे बढ़ाये या नहीं, लेकिन शैक्षणिक तथा धार्मिक गतिविधियों पर 15 मई तक रोक लगानी चाहिए। आधिकारिक सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। हालांकि देश के कुछ राज्यों ने लॉकडाउन बढ़ाने के संकेत दिए हैं, लेकिन इसपर अभी फैसला नहीं लिया गया है. राजस्थान, मध्य प्रदेश, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, छत्तीसगढ़ लॉकडाउन बढ़ाने के पक्ष में है. महाराष्ट्र ने भी लॉकडाउन बढ़ाने के संकेत दिए हैं, पर कैबिनेट की बैठक में इसपर कोई ठोस फैसला नही हुआ.

मध्य प्रदेश

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लॉकडाउन बढ़ाने का संकेत देते हुए कहा, ‘हमारे लिए जनता की जिंदगी महत्वपूर्ण है. इसलिए #Lockdown और सह लेंगे, अर्थव्यवस्था बाद में भी खड़ी कर लेंगे, लेकिन लोगों की जिंदगी चली गई तो वापस कैसे ले आयेंगे? इसलिए अगर जरूरत पड़ी तो लॉकडाउन को आगे भी बढ़ायेंगे. परिस्थितियां देखकर फैसला करेंगे.’

उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश सरकार ने भी लॉकडाउन बढ़ाए जाने की संभावना से इंकार नहीं किया है. ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा, ‘संवेदनशीलता बढ़ने के कारण 14 अप्रैल के बाद भी लॉकडाउन खुल पाएगा या नहीं, यह अभी कहा नहीं जा सकता है. इस पर कुछ भी कहना, अभी संभव नहीं होगा, क्योंकि लॉकडाउन से जितनी भी व्यवस्था बनाकर केसों को नियंत्रित किया गया है, अगर 1 भी केस प्रदेश में रह जाता है तो लॉकडाउन को खोलना उचित नहीं होगा. लॉकडाउन खुलने से पुनः वही स्थिति आ सकती है.’

तेलंगाना

तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने पीएम मोदी से अपील करते हुए कहा है, ‘जून के पहले सप्ताह तक बढ़ाएं लॉकडाउन, वरना कंट्रोल संभव नहीं. तत्काल सभी सीएम से बात करके लॉकडाउन बढ़ाने को लेकर फैसला करना चाहिए.’ 

पुडुचेरी

पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी नारायणस्वामी ने कहा कि कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में यदि केंद्र सरकार ने लॉकडाउन की अवधि 14 अप्रैल से आगे बढ़ाया तो उनकी सरकार केंद्र सरकार के इस फैसले का समर्थन करेगी.

छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री मोदी को एक पत्र लिखा है. पत्र में उन्होंने पीएम मोदी से अपील करते हुए लिखा है कि यदि 14 अप्रैल से अंतर्राज्यीय आवागमन प्रारंभ किया जाता है तो उसके पहले कोविड-19 का प्रसार रोकने के ठोस उपाय सुनिश्चित किए जाने चाहिए. उन्होंने प्रधानमंत्री से आग्रह किया है कि लॉक डाउन समाप्त होने से पहले इस संबंध में व्यापक विचार विमर्श होना चाहिए.

हरियाणा

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा, ‘हम केंद्र सरकार द्वारा जारी निर्दशों का पालन करेंगे. जैसा हम देख रहे हैं कि कोरोना वायरस की बीमारी दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है, ऐसे में यह अभी कुछ भी कह पाना संभव नहीं है कि हम लॉकडाउन खत्म करेंगे या आगे बढ़ाएंगे.’

महाराष्ट्र

महाराष्ट्र सरकार ने भी इस बात के संकेत दिए हैं कि राज्य में लॉकडाउन की अवधि बढ़ाई जा सकती है, हालांकि अभी कोई निर्णय नहीं हुआ है. महाराष्ट्र कैबिनेट की बैठक में लोकडाउन को लेकर कोई ठोस फैसला नहीं हो सका. सरकार आनेवाले दिनों में स्थिति का जायझा लेकर कोई भी फैसला करेगी. कैबिनेट बैठक में इस बात पर चर्चा हुई कि अगर पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढ़ी तो राज्य में लॉकडाउन रखा जाएगा.’

राजस्थान

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा, ‘राज्य में एक साथ लॉकडाउन नहीं खुलेगा. राजस्थान में 40 जगहों पर कर्फ्यू है. जो भी होगा वो फेज वाइज होगा. इस मुद्दे पर जो भी फैसला लिया जाएगा, वो चर्चा के बाद ही लिया जाएगा.’

दिल्ली

ऐसी खबरें हैं कि दिल्ली में लॉकडाउन की अवधि बढ़ाई जा सकती है, हालांकि आधिकारिक तौर पर इस मुद्दे पर कुछ भी नहीं कहा गया है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के अनुसार, ‘कोरोना को अकेले कोई ठीक नहीं कर सकता है. आज सारी सरकारें टीम की तरह काम कर रही हैं. राजनीति से ऊपर उठकर काम कर रही हैं. सारी राज्य सरकारों को मिलकर काम करना होगा.’

सूत्रों ने बताया कि सरकार का सोचना है कि इससे स्कूल और कालेज एक तरह से गर्मियों की छुट्टियों को मिलाकर जून के अंत तक बंद रहेंगे। गर्मियों की छुट्टी आम तौर पर मई के मध्य से शुरू हो जाती हैं। जीओएम ने सिफारिश की है कि सभी धार्मिक संगठनों को कोरोना वायरस को रोकने के एहतियाती कदम के तहत 15 मई तक गतिविधियां शुरू करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। जीओएम का गठन देश में कोरोना वायरस के कारण उत्पन्न स्थिति की समीक्षा करने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सुझाव देने के लिए किया गया है।

PU-CET (U.G.)-2020 will held on 16th May 2020 instead of 26th April 2020 for admission to B.Pharmacy and B.Sc. Hons.

Chandigarh April 5, 2020

Due to COVID-19 pandemic in the country, the Panjab University, Chandigarh has rescheduled the date of entrance test for PU-CET (U.G.)-2020 as 16th May 2020 instead of 26th April 2020 for admission to B.Pharmacy and B.Sc. (Hons. School), informed Prof Parvinder Singh, Controller of Examinations.

He added that the last date for submission of information on the website to generate the Bank challan has also been extended from 10th April 2020 to 4th May 2020. The candidates can also pay their fee through Net Banking / Debit Card/ Credit Card. After successful online payment, candidate will be able to complete his/her form immediately. Detailed revised schedule is also available on the website. To apply, please visit the website https://cetug.puchd.ac.in

लॉकडाउन के दौरान फीस नहीं मांग सकेंगे हरियाणा के स्कूल

चंडीगढ़, 3 अप्रैल:

हरियाणा सरकार ने राज्य में स्थित सभी निजी विद्यालयों को निर्देश दिए हैं कि वर्तमान हालातों में लोकडाऊन होने के कारण विद्यार्थियों के अभिभावकों से फीस जमा करवाने के लिए दबाव न बनाए, स्थिति सामान्य होने पर ही फीस लेने की कार्यवाही की जाए। ऐसे में अब सभी प्रकार की फीस जमा करवाने पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है।

हरियाणा स्कूल शिक्षा विभाग के एक प्रवक्ता ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि स्कूल शिक्षा विभाग के निदेशालय द्वारा राज्य के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों व जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने-अपने क्षेत्र से संबंधित निजी विद्यालयों को राज्य सरकार के निर्देशों से अवगत करवाएं। उन्होंने बताया कि निर्देशों में कहा गया है कि कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम व बचाव के दृष्टिïगत प्रदेश के सभी शिक्षण संस्थानों को आगामी आदेशों तक बंद किया गया है। निदेशालय के संज्ञान में आया है कि कुछ निजी विद्यालयों द्वारा विद्यार्थियों के अभिभावकों को तत्काल शुल्क जमा करवाने हेतु दबाव बनाया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अपील पर पूरे देश में लोडाऊन किया गया है, ऐसी स्थिति में फीस जमा करवाने के लिए दबाव बनाया जाना अनुचित है। अब राज्य सरकार ने सभी प्रकार की फीस जमा करवाने पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। स्थिति के सामान्य होने और विद्यालयों के खुलने के पश्चात ही शुल्क लेने की कोई कार्यवाही की जाएगी।

प्रवक्ता ने बताया कि स्कूल शिक्षा निदेशालय ने उक्त सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को सरकार के उक्त आदेशों की दृढ़ता से पालना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।

Sanction of Project by MeitY to Team from UIET, PU

Chandigarh April 2, 2020

Ministry of Electronics & Information Technology (MeitY), Government of India has sanctioned research project entitled ‘Multi-Modal Framework for Monitoring Active Fire Locations (AFL) and Precision in Allied Agricultural Activities using Communication Technologies’ with financial outlay of Rs. 81.25 Lacs for two years (2020-2022). The team is led by Professor Harish Kumar, UIET, Panjab University and includes Professor Sakshi Kaushal, Professor Sarbjit Singh, Dr. Akashdeep, Dr. Veenu Mangat, Dr. Mukesh Kumar, and Dr. Preeti.  In execution of the project team is looking forward to rope in Government of Punjab as well as Government of Haryana as the user agency as Stubble burning is one of the major problems being faced by citizens of northern India. It is a precursor to various respiratory disorders like Asthma, skin and eye related diseases, low breathing air quality. Despite Government of India’s initiatives in increasing awareness about this evil, there has been a tremendous increase in the number of such incidents every year. It is pre-dominant in the
Northern states namely Punjab, Haryana. Each year, approximately 10000+ biomass burning related fires per week are reported during the harvesting season. Although various governments are making sustainable
efforts to curb this menace but lack of single system that can integrate detection, alerting, report filing, monitoring and best practices, is still far from reality.

Project aims to utilize innovations in the field of communication technologies like IoT, machine learning and digital world, to propose a single system that is capable of performing various tasks involved in detection, surveillance and monitoring of Active Fire Locations. Data captured from satellite will be exploited to identify Active Fire locations. In order to improve the preciseness of identified locations, machine learning techniques will be employed for generating a mapping between locations extracted using satellite data and actual on-field locations captured by field visits (Ground Truths). The integration of data captured by various sensors and the learnt mapping will greatly aid in reaching out to actual real time location of AFL.  It will also act as Command and Control center to bridge the gap between farmers and various agencies involved in best practices for
crop residue management by providing a common interactive platform.

UBS Conducting Online Teaching

Chandigarh March 30, 2020

Keeping in mind the situation developed as a result of COVID-19, Dr Tejinder Pal Singh, Associate Professor,University Busines School, Panjab University Chandigarh  has scheduled  PhD-2(Econometric
Methods-PhD 9204) classes online .

Similarly, Dr Neha Gulati , Assistant Professor is also ensuring that students are engaged academically during the lock down period.

She is conducting online classes, Quiz Test , Descriptive Test through following options:

1. Google Classroom :
It has been used to send study material including pdf, ppt, web resources, to answer student queries, to conduct online synchronous test both Quiz and Descriptive. Till date 2 Quiz and 1 Descriptive test has been conducted with 100% student participation.

Test 1 conducted on 17 March,2020
Test 2 conducted on 24 March,2020
Test 3 scheduled on 31 March, 2020

2. Online videos and Study Material:
Study material has been also been shared amongst students through personal online videos created using OBS TOOL.

3. Assignments submitted Online :
Students have submitted assignments online and these have been evaluated online using Rubrics in Google Classroom.

4. Students have been encouraged to create their own videos for topics assigned so that it becomes easy for others to understand the concept. These are regularly being shared amongst the class.

5. Open Book Test are being conducted to keep them connected academically.

It is ensured  that in this period of hardship,  UBS students would make all  proud by their achievements.

NTA NEET 2020 परीक्षा स्थगित

NTA NEET 2020: इंजीनियरिंग के लिए होने वाली संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) टलने के बाद अब एमबीबीएस में प्रवेश के लिए होने वाली राष्ट्रीय प्रवेश सह पात्रता परीक्षा (नीट) को भी टाल दिया गया है। यह परीक्षा 3 मई को होने वाली थी। 27 मार्च को नीट के एडमिट कार्ड जारी होने वाले थे लेकिन नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने प्रवेश पत्र जारी करने पर रोक लगा दी थी। अब मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने कोरोना वायरस के संक्रमण और लॉकडाउन की स्थिति के चलते नीट और जेईई मेन दोनों प्रवेश परीक्षाओं को मई के अंतिम सप्ताह तक स्थगित कर दिया है। एनटीए ने नोटिस जारी कर कहा है कि NEET के एडमिट कार्ड ( NEET Admit Card 2020 ) अब स्थिति की समीक्षा करने पर 15 अप्रैल के बाद ही जारी किए जाएंगे। NTA इससे पहले इंजीनियरिंग एंट्रेंस एग्जाम जेईई मेंस को भी स्थगित कर चुका है। JEE Main 2020 एग्जाम का आयोजन 5 से 11 अप्रैल, 2020 के बीच होना था। 

मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने ट्वीट कर कहा, ‘परीक्षा के दौरान स्टूडेंट्स और पेरेंट्स को विभिन्न जगहों पर स्थित परीक्षा केंद्रों तक यात्रा करनी पड़ेगी। किसी तरह की असुविधा से बचने के लिए मैंने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) को NEET (UG) 2020 और JEE Main 2020 मई के अंतिम सप्ताह तक टालने का निर्देश दिया है।’ 

NTA की ओर से जारी नोटिस में कहा गया है, ‘कोरोना वायरस महामारी के कारण स्टूडेंट्स और पेरेंट्स को आ रही दिक्कतों के मद्देनजर नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने 3 मई 2020 को होने जारी रही नीट (यूजी) परीक्षा 2020 स्थगित कर दी है। फिलहाल नीट परीक्षा का आयोजन अब मई के अंतिम सप्ताह में प्रस्तावित किया गया है। हालात की समीक्षा करने के बाद तय तिथि की घोषणा की जाएगी। जो एडमिट कार्ड पहले 27 मार्च को जारी होने वाले थे, वह अब स्थिति की समीक्षा करने के बाद 15 अप्रैल के बाद जारी होंगे।’

एनटीए ने कहा, ‘हम यह बात भली भांति समझते हैं कि ऐकेडमिक कैलेंडर और शेड्यूल जरूरी होता है लेकिन यह भी जरूरी है कि विद्यार्थी समेत देश के सभी नागरिक स्वस्थ रहें। हमें उम्मीद है कि पेरेंट्स और स्टूडेंट्स परीक्षा की चिंता नहीं करेंगे। पेरेंट्स से आग्रह है कि वह यह सुनिश्चित करें कि स्टूडेंट्स इस समय का इस्तेमाल परीक्षा की तैयारी में करें। स्टूडेंट्स इस समय में जटिल विषयों पर फोकस करके अपनी तैयारी को और मजबूत बनाएं। स्टूडेंट्स आगे की अपडेट्स के लिए आधिकारिक वेबसाइट्स ntaneet.nic.in nta.ac.in से जुड़े रहें।’

पिछले कुछ दिनों से मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम नीट के अभ्यर्थी परीक्षा तिथि और आगे के शेड्यूल को लेकर काफी कंफ्यूज थे। कोरोना वायरस के संक्रमण व लॉकडाउन के मद्देनजर जेईई मेन समेत कई एंट्रेंस एग्जाम व सरकारी नौकरी की प्रतियोगी परीक्षाएं स्थगित हो चुकी हैं। सीबीएसई, राजस्थान, एमपी बोर्ड, आईसीएससी समेत कई बोर्डों को अपना संशोधित शेड्यल जारी शेष परीक्षाएं करवानी हैं। 

देश भर के मेडिकल कॉलेजों में चलाए जा रहे एमबीबीएस और बीडीएस कोर्सेस में इसी प्रवेश परीक्षा के जरिए दाखिला होता है। नीट (यूजी) परीक्षा-2020 अंग्रेजी और हिंदी सहित 11 भाषाओं में आयोजित की जाएगी। 

शैक्षणिक वर्ष 2020 से,  AIIMS और JIPMER (जवाहरलाल इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्टग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च) सहित सभी मेडिकल कॉलेजों / संस्थानों में MBBS व BDS कोर्सेज में प्रवेश के लिए NEET अनिवार्य हो गया है। पहले AIIMS और JIPMER के MBBS और BDS कोर्सेज में प्रवेश के लिए अलग-अलग प्रवेश परीक्षा आयोजित की जाती थी, लेकिन 2020 से यहां भी NEET (राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा) के जरिए ही दाखिला होगा। 

नीट यूजी 2020 की परीक्षा में सफल होने वाले अभ्यर्थियों को मेरिट के आधार पर देशभर के मेडिकल कालेजों में चलाए जा रहे एमबीबीएस और बीडीएस कोर्सों में एडमिशन मिलेगा। 

शिक्षकों के प्रति असंवेदनशील है खट्टर सरकार

सारिका तिवारी, पंचकूला 19 मार्च:

पिछले 6 साल से अपनी अपनी नियुक्ति की बाट जोह रहे पीजीटी संस्कृत शिक्षक अपनी मांग को लेकर पिछले 5 दिन से आमरण अनशन पर बैठे हैं लेकिन प्रदेश सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही। एक और कोरोना वायरस की दहशत की वजह से सभी शिक्षण संस्थान ,मॉल ,रेस्टोरेंट बंद कर दिए गए हैं दूसरी ओर अपनी मांगों को लेकर अपने घर से दूर अपने छोटे-छोटे बच्चों के साथ आमरण अनशन पर बैठे शिक्षकों में महिलाएं भी हैं जिनकी स्वास्थ्य स्थिति बिगड़ती जा रही हैं। अगर सरकार ने समय रहते इस पर ध्यान ना दिया तो परिस्थिति बद से बदतर हो सकती है। मौजूदा हालात में सरकार एक ऒर एक जगह पर लोगों के इकट्ठा होने पर सरकार पाबंदी लगा रही है तो दूसरी और इन हड़ताली अभ्यार्थियों के प्रति संवेदनहीनता सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती बन कर खड़ी हो सकती है।

रोहतक से आए अभ्यार्थी विनोद कुमार ने सरकार की कड़ी भर्त्सना करते हुए कहा एक तरफ संसद में 3 केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय खोलने के लिए विधेयक लाया गया है दूसरी ओर राज्य सरकार का संस्कृत के प्रति रवैया इस सरकार का दोगलापन दर्शाता है। वर्ष 2015 से शुरू हुई नियुक्ति प्रक्रिया का परीक्षा परिणाम1 जनवरी 2019 को घोषित किया गया जिसमें 523 विद्या अभ्यार्थी चयनित किए गए लेकिन अभी तक उन्हें ज्वाइन नहीं करवाया गया। आपको बता दें इन 523 चयनित अभ्यर्थियों में 400 महिला पीजीटी है जिन्हें अपने अधिकार के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है जोकि सरकार के बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान को मुंह चढ़ा रहा है।

गुजरात विष्वविद्यालय में NSUI की रेकॉर्ड तोड़ जीत और प्रोफेसरों को जान से मारने की धमकी और रिकार्ड तोड़ गालियां

गुजरात यूनिवर्सिटी सीनेट चुनाव जितने के बाद यूँ लग रहा है मानो NSUI (कॉन्ग्रेस का छात्र संगठन) के लोग इस जीत को हज़म नहीं कर पा रहे हैं। बता दें कि हाल ही में गुजरात यूनिवर्सिटी सीनेट में एनएसयूआई की बड़ी जीत हुई थी और मीडिया ने भी इसे बढ़ा-चढ़ा कर पेश किया था। ये एक ऐसी ख़बर है जिसे स्थानीय मीडिया से लेकर राष्ट्रीय मीडिया में खूब तवज्जो मिली। चुनाव जीतने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर कॉन्ग्रेस की वाहवाही भी हुई लेकिन इस खबर का दूसरा हिस्सा हम तक नहीं पहुँचा या पहुँचाया नहीं गया। इसे जानने के बाद आपको इस बात का अंदाज़ा हो जाएगा कि आने वाला समय गुजरात यूनिवर्सिटी के छात्रों, प्रोफ़ेसरों के लिए कितना भयानक है!

कॉल के दौरान NSUI के गुंडे लगातार कह रहे थे कि “रिकॉर्ड कर और जिसको बताना है, बता देना।” उनके ऐसा कहने से समझा जा सकता है कि इन गुंडों की हौसलाबजाई के पीछे एक पूरा सिस्टम काम कर रहा है। और इसी सिस्टम के बूते ये लोग यूनिवर्सिटी कैंपस में वीभत्स भाषा, गाली-गलौच एवं जान से मारने की धमकियाँ दे रहे हैं, खुल्लम-खुल्ला बगैर किसी डर के!

जीत के नशे में मदहोश NSUI के नेता डॉ. इन्द्रविजय सिंह गोहिल, अहर्निश मिश्रा, सिद्धराज सिंह चौहान ने यूनिवर्सिटी के दो प्रोफ़ेसरों डॉ. अतुल ऊनागर एवं डॉ. मुकेश खटीक को कॉल-मेसेज कर करियर ख़त्म करने, चाकू गोदने, हाथ-पैर-जबड़ा तोड़ देने की धमकियों के साथ असंख्य बार माँ-बहन की गालियाँ सुनाई। साथ ही पी.एच.डी की छात्रा के लिए बारंबार र$# जैसे आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग करने से भी गुरेज़ नहीं किया। डॉ. अतुल ने अपनी समझ से अहर्निश मिश्रा एवं सिद्धराज सिंह चौहान के कॉल को रिकॉर्ड कर लिया जिसके बाद यह मसला सबके सामने आया है। पूरी रिकॉर्डिंग के दौरान बारंबार ये गुंडे प्रोफ़ेसर लगातार माँ-बहन की गालियाँ देते हुए सुनाई देते हैं।

कॉल के दौरान NSUI के दोनों नेता जब लगातार माँ-बहन की गालियाँ बरसा रहे थे तब डॉ.अतुल कह रहे थे कि “आपको शुभकामनाएँ, खूब काम करो, खूब विकास करो, माँ-सरस्वती आपके मुख पे बिराजमान हो, माँ-सरस्वती आपको खूब-खूब ज्ञान दें!” इस दौरान NSUI नेता अहर्निश मिश्रा बार-बार प्रोफ़ेसर पर यह बोलने का भी दबाव बना रहा था कि “बोल, मैं अतुल, मेरी माँ का भो#$@।” चूँकि डॉ. अतुल गुजरात यूनिवर्सिटी में संस्कृत के प्रोफेसर हैं, इसलिए कॉल के दौरान संस्कृत भाषा का मज़ाक उड़ाते हुए बैकग्राउंड में एक पूरा समूह चटख़ारे ले रहा था- ये साफ़ सुना जा सकता है।

गुजरात में लोकल टीवी चैनलों में इस विडियो का खूब प्रसार हुआ

पोलिटिकल साइंस के प्रोफेसर डॉ. मुकेश खटीक को भी NSUI नेता डॉ. इन्द्रविजय सिंह गोहिल ने व्हाट्सप्प पर माँ-बहन की गालियाँ देकर चाकू गोदकर मारने की धमकियाँ दी। इस वाकये के बाद दोनों प्रोफेसरों ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई। NSUI की गुंडागर्दी के इस पूरे वाकये के बाद डॉ. अतुल ने कहा:

“अत्यधिक भय का माहौल है। उनके द्वारा मुझे कई तरीकों से शारीरिक एवं मानसिक नुकसान पहुँचाए जाने की आशंका है। मैं बहुतों की आवाज़ हूँ। ईश्वर से मुझे सत्य के मार्ग पर आगे बढ़ने की प्रेरणा मिली है लेकिन यदि इस प्रेरणा का परिणाम नहीं मिलता है तो गुंडे-माफ़ियाओं को और ताक़त मिलेगी। मुझे व्यक्तिगत नुकसान होगा तो आगे असत्य के विरोध में आवाज़ उठाने की हिम्मत करने से लोग डरेंगे।”

गुजरात यूनिवर्सिटी सीनेट चुनाव में NSUI की जीत के तुरंत बाद जिस प्रकार से ‘डर का माहौल’ बनाया गया है, इस पर ‘गुजरात यूनिवर्सिटी शैक्षिक संघ’ ने कुलपति को आवेदन देकर कैंपस को भयमुक्त करने की बात कही है। अब देखना ये है कि इस मामले में यूनिवर्सिटी और पुलिस-प्रशासन क्या कार्रवाई करता है क्योंकि यहाँ प्रोफेसरों की जान का सवाल है।

स्कूल बंद, बच्चे घरों में, वह क्या खाएँगे ‘मध्याह्न भोजन’ को लेकर सुप्रीम कोर्ट चिंतित

चलिये आज सर्वोच्च/उच्च न्यायालय की बात करते हैं। शाहीन बाग ने दिल्ली को तरीबन 2 महीने बंधक बना कर रखा फिर दंगे भड़के और जब दंगाइयों के पोस्टर लगे तो 2 दिन में ही न्यायालय स्वत: संगयान ले कर निजीता का हवाला दे कर दंगाइयों को कवच प्रदान करता है। आज जब कोरोना वाइरस के प्रकोप से सभी शिक्षण संस्थान बंद हैं बच्चे/ विद्यार्थी अपने अपने घरों में हैं तो सर्वोच्च न्यायालय सरकारों को नोटिस भेज आर बंद स्कूलों में मध्याह्न भोजन के वितरण के बाबत चिंतित है, स्कूल बंद होने से बच्चे क्या खाएँगे?

नई दिल्ली:

 कोरोना वायरस के चलते स्कूल बंद होने और बच्चों को मिड-डे मील न मिल पाने पर सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लिया है. स्कूल बंद होने के कारण बच्चों को मध्याह्न भोजन उपलब्ध नहीं होने का संज्ञान लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को नोटिस जारी किया है और पूछा है कि स्कूल बंद किए जाने पर बच्चों को मिड डे मील यानी मध्याहन भोजन कैसे उपलब्ध कराया जा रहा है? कोरोना वायरस के चलते देश के कई राज्यों में स्कूल (school) कॉलेज (College) बंद कर दिए गए हैं.  दिल्ली में सभी स्कूल और कॉलेज, सभी सिनेमाहॉल 31 मार्च तक बंद रहेंगी.

पंजाब में एहतियातन सभी सरकारी और निजी स्कूल 31 मार्च तक बंद रहेंगे. सिर्फ वे स्कूल खुले रहेंगे, जहां परीक्षाएं चल रही हैं. मध्य प्रदेश में स्कूलों और कॉलेजों में अगले आदेश तक अवकाश घोषित किया गया है.

उत्तर प्रदेश में सभी स्कूल, कॉलेजों को 22 मार्च तक के लिए बंद करने के निर्देश जारी किए गए है. बिहार में स्कूल-कॉलेज 31 मार्च तक बंद कर दिए गए हैं. उत्तराखंड सरकार ने प्रदेश के 12वीं कक्षा तक के सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूलों को 31 मार्च तक बंद रखने का निर्णय लिया है. इस दौरान केवल बोर्ड परीक्षाएं जारी रहेंगी. इसके अलावा सभी स्कूल बंद रहेंगे. 

कोरोनावायरस से संक्रमण की रोकथाम के लिए छत्तीसगढ़ के सभी शिक्षण संस्थानों को 31 मार्च तक के लिए बंद कर दिया गया है. 10वीं तथा 12वीं बोर्ड की परीक्षाएं यथावत पूर्व निर्धारित समय-सारिणी के अनुसार सम्पन्न होगी. 

PU Faculty wins Pfizer-IIT IP Award

Korel, Chandigarh March 17, 2020

Four innovators, all faculty members from the Panjab University Campus have received the Pfizer- IIT Delhi Innovation and IP Program (PIIP) Awards which includes sum of rupees three lakhs each, for successful IP generation.

The faculty includes Dr. Monika Sharma, Assistant Professor, Department of Biotechnology and Dr. Rohit Sharma, Head, Department of Microbial Biotechnology, PU and BioNEST-PU for their innovation entitled, “Anti-carcinogenic extract from Pithecellobium dulce.,  Dr. Ajay Mittal, Associate Professor, University Institute of Engineering and Technology, PU for his innovation, “AI-based dermoscope for skin disease classification.”, and Dr. Ranjana Bhandari, (Assistant Professor, University Institute of Pharmaceutical Sciences, PU for her innovation entitled “Novel dual-action targeted GC-Nanogel for Neuropathic pain.” 

            Till date, 14 of India’s brightest healthcare ideas have been recognized with this award and the list includes another technology backed by BioNEST- Panjab University entitled, “Novice Zyme 001: Study of enzymatic biotransformations.” With the increasing awareness of advantages of sound intellectual property creation, unique awards like this are providing innovators a great help.

            PIIP is a special type of recognition, an incubator accelerator award launched in collaboration with IIT-Delhi by the drug manufacturing giant, Pfizer. The program is operated by Foundation for Innovation and Technology Transfer (FITT), IIT Delhi to encourage startups and innovations in the healthcare sector. PIIP was launched in the year 2015-16 to help improve the IP-scenario in this sector and to promote incubation of innovations and creation of sound IP through them. The calls for application are open every year and innovators with registered IP, can apply with the help of an active incubator like the BioNEST- Panjab University. The award supports innovators to take their ideas to an IP stage with the help of a special funding support.