कृषि उत्पादकता बढाने के लिए इंद्रधनुष क्रांति अपनाने की जरूरत : प्रो एमएम गोयल

कृषि उत्पादकता बढाने के लिए इंद्रधनुष क्रांति अपनाने की जरूरतः- प्रो एमएम गोयल

सुशील पंडित, डेमोक्रेटिक फ्रंट, यमुनानगर, 22     अगस्त :

डीएवी गर्ल्स कॉलेज के अर्थशास्त्र विभाग व अकादमिक परिषद के संयुक्त तत्वावधान में केंद्रीय बजट 2024-2025- एक नीडोनोमिस्ट की धारणा विषय पर विस्तार व्याख्यान का आयोजन किया गया। जेएनयू जयपुर यूनिवर्सिटी के कुलपति एवं नीडोनॉमिक्स स्कूल ऑफ थॉट के संस्थापक प्रोफेसर मदन मोहन गोयल मुख्य वक्ता रहे। कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. मीनू जैन ने ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। कार्यक्रम अर्थशास्त्र विभाग अध्यक्ष डॉ. अनीता मोदगिल की देखरेख में हुआ।

प्रो. एम.एम. गोयल ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत 48,20,512 करोड़ रुपये के केंद्रीय बजट के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की। उन्होंने कहा कि 2047 तक विकसित भारत के दृष्टिकोण को प्राप्त करने हेतु पर्याप्त बजट नहीं हैं। नए टैक्स स्लैब की शुरुआत के बावजूद, प्रो. एम.एम. गोयल ने आयकर दाताओं को विशिष्ट लाभ  एवं सुरक्षा के पात्र अल्पसंख्यक समूह के रूप में मान्यता देने की वकालत की। साथ ही उन्होंने कृषि में उत्पादकता एवं लचीलापन, रोजगार एवं  कौशल, समावेशी मानव संसाधन विकास एवं सामाजिक न्याय, विनिर्माण एवं सेवाओं, शहरी विकास, ऊर्जा सुरक्षा, बुनियादी ढांचे में उत्पादकता , नवाचार, अनुसंधान  एवं विकास,अगली पीढ़ी के सुधार  में पर्याप्त अवसर पैदा करने के लिए वित्त मंत्री द्वारा पहचानी गई नौ प्राथमिकताओं पर भी चर्चा की। किसानों का समर्थन करने हेतु , प्रो. गोयल ने कृषि में इंद्रधनुष क्रांति को अपनाने की वकालत की, जिसमें उत्पादकता बढ़ाना, कृषि उत्पादों का प्रसंस्करण और कृषि निर्यात को बढ़ावा देना शामिल है

प्रो. गोयल ने इस बात पर जोर दिया कि सरकार को डॉ. बी.आर. अंबेडकर द्वारा उल्लिखित सार्वजनिक व्यय के सिद्धांतों-वफादारी, बुद्धिमत्ता और कार्यान्वयन में मितव्ययिता- का पालन करते हुए वित्तीय आवंटन का प्रभावी उपयोग सुनिश्चित करना चाहिए। मौके पर जसमीत कौर, परिका व रोहित उपस्थित रहे। 

रैंगिंग करना एक आपराधिक कुकृत्य हैं : डॉ पंडित

रैंगिंग करना सामाजिक बुराई होने के साथ साथ, एक आपराधिक कुकृत्य हैं : डॉ पंडित

सुशील पंडित, डेमोक्रेटिक फ्रंट, यमुनानगर, 21     अगस्त :

डीएवी डैंटल कॉलेज के प्रिंसिपल डायरेक्टर डॉक्टर आई के पंडित ने बताया कि रैगिंग करना अपराध है और रैगिंग करने वाले का जहां भविष्य धूमिल हो जाता है वहीं इस अपराध में सजा का भी प्रावधान है।

गौरतलब है कि एंटी रैगिंग को लेकर डीएवी डैंटल कॉलेज द्वारा लगातार जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। इसी श्रखला को आगे बढ़ाते हुए गत दिवस डीएवी डेंटल कॉलेज के प्रिंसिपल डायरेक्टर डॉ आई के पंडित की अध्यक्षता में कॉलेज में आयोजित एंटी रैगिंग कार्यक्रम का आयोजन किया गया। डॉ पंडित ने बताया कि कॉलेज द्वारा पूरा सप्ताह रैगिंग के खिलाफ विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। नाटक के माध्यम से भी छात्रो को जागरूक किया गया।

डॉ पंडित ने बताया कि 12 अगस्त को एंटी रैगिंग दिवस था और उसके बाद लगातार एक सप्ताह छात्र-छात्राओं को इस संबंध में जागरूक करने को लेकर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। उन्होंने बताया कि छात्र-छात्राओं को जागरूक करने के तहत डीसीआई, यूजीसी और भारत सरकार के दिशा निर्देशानुसार देश के सभी सरकारी और निजी दंत चिकित्सा संस्थानों ने रैगिंग के प्रति “शून्य सहिष्णुता” दिखाने और उसका पालन करने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया गया है। उन्होंने बताया कि कॉलेज में लंबे समय से एंटी रैगिंग कमेटी का गठन किया हुआ है और इस संबंध में कॉलेज में जगह-जगह पर सभी सदस्यों  की सूची को प्रदर्शित भी किया गया है  ताकि अगर कोई सीनियर छात्र जूनियर से गलत व्यवहार करता है तो वह इसकी सूचना सदस्यों को दे सकता हैं।

उन्होंने बताया कि इस सप्ताह के दौरान एंटी रैगिंग पर स्लोगन और निबंध लेखन, पोस्टर मेकिंग सहित विभिन्न प्रतियोगिताएं करवाई गई और प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया। उन्होंने कहा कि कॉलेज में जागरूकता के कारण ही आज तक एंटी रैगिंग का कोई भी मामला सामने नहीं आया है।

डॉ अरुणा ने छात्र-छात्राओं को एंटी रैगिंग के प्रति जागरूक किया। उन्होंने कहा की आप डॉक्टर बनने आए है इसलिए अपना फोकस इसी तरफ रखें। उन्होंने कहा कि आज हर फील्ड में प्रतिस्पर्धा है इसलिए अपना बेहतर से बेहतर प्रदर्शन करें ताकि अच्छे डॉक्टर बन आप लोगों को बेहतर सुविधाए प्रदान कर सके।

नुक्कड नाटक के जरिए छात्राओं को किया रैगिंग के प्रति जगरूक

सुशील पंडित, डेमोक्रेटिक फ्रंट, यमुनानगर, 20     अगस्त :

डीएवी गर्ल्स कॉलेज के एंटी रैगिंग सेल की ओर से छात्राओं को जागरूक करने के लिए एंटी रैगिंग वीक मनाया गया। छात्राओं को जहां नुक्कड नाटक व वॉल पेंटिंग के जरिए रैगिंग के नुकसान के बारे में अवगत कराया गया। वहीं रैगिंग की रोकथाम के लिए उन्हें शपथ भी दिलाई गई। कॉलेज प्रिंसिपल डॉ मीनू जैन ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। कार्यक्रम एंटी रैगिंग सेल कनवीनर डॉ मोनिका शर्मा की देखरेख में हुआ।

डॉ मीनू जैन ने कहा कि कॉलेज में रैगिंग पर पूर्णतः प्रतिबंधित है। अगर कोई सीनियर छात्रा, जूनियर की रैगिंग करती है, तो वह अपराधिक श्रेणी में आता है। उन्होंने बताया कि यूजीसी की ओर से रैगिंग के मामले से संबंधित शिकायत के लिए टोल फ्री नंबर भी जारी किया गया है। रैगिंग की रोकथाम के लिए कॉलेज स्तर पर कमेटी का गठन भी किया गया है।

छात्राओं ने नुक्कड नाटक के जरिए रैगिंग से  होने वाले दुष्प्रभाव के बारे में विस्तार से जानकारी दी। साथ ही रैगिंग करने वालों के खिलाफ क्या क्या कार्रवाई हो सकती है, इसके बारे में बताया। वहीं वॉल पेटिंग प्रतियोगिता में छात्राओं ने रैगिंग के नुकसान के बारे में बारिकी से चीजों को दर्शाया। रैगिंग न करने के लिए सभी छात्राओं को शपथ भी दिलवाई गई। 

कोलकाता में सामूहिक दुष्कर्म ने पूरे भारत को शर्मसार कर दिया : डॉ आशीष सरीन

कोलकाता में डॉ मोमिता देबनाथ के साथ सामूहिक बलात्कार ने पूरे भारत को शर्मसार कर दिया : डॉ आशीष सरीन 

तरसेम दीवाना, डेमोक्रेटिक फ्रंट, हुशियारपुर, 19   अगस्त :

कलकत्ता में महिला डॉक्टर मोमिता देबनाथ की दुष्कर्म के बाद बेरहमी से हत्या करना बेशर्मी की हदें पार करने के समान है।  ये  बात   हिज एक्सीलेंट कोचिंग सेंटर एवं संत कबीर पब्लिक हायर सेकेंडरी स्कूल चगरा के एमडी डॉ. आशीष सरीन ने कुछ चुनिंदा पत्रकारों से व्यक्त किया उन्होंने कहा कि  जो उन्हें महज कठपुतली मानते हैं और उनकी क्षमताओं को सामने आने से रोकते हैं उन्होंने कहा के  महिलाओं के खिलाफ पिछले कुछ सालों से ज्यादा बढ़ोतरी हुई है उन्होंने कहा कि इससे पहले हमारे देश की पहलवान  लड़कियों को नुकसान उठाना पड़ा था और फिर मणिपुर मामले ने पूरे भारत को हिलाकर रख दिया था, उसके बाद भारत में कई ऐसे सामूहिक बलात्कार हुए  उन्होंने कहा कि  कथित सामूहिक दुष्कर्म के आरोपियों पर अब तक किसी ने भी कोई ठोस एवं उचित कार्रवाई नहीं की  उन्होंने कहा कि अब कलकत्ता में महिला डॉक्टर के साथ सामूहिक दुष्कर्म ने पूरे भारत को शर्मसार कर दिया है. उन्होंने कहा कि ऐसे मानसिक रोगियों के कारण ही हमारी बेटियां घर से बाहर निकलने के लिए डरती हैं उन्होंने इसकी कड़े शब्दों में निंदा की और आरोपियों को फांसी देने की भी मांग की और सरकारों से पुरजोर अपील की कि ऐसे घिनौने कृत्य करने वालों के लिए सख्त कानून बनाया जाए ताकि कोई भी ऐसा करने की हिम्मत न कर सके.

‘The Partition: A Memoir of Recovering the Abducted Women’

Koral ‘Purnoor’, Demokratic Front, Panchkula – 14   August :

Lecture titled ‘The Partition: A Memoir of Recovering the Abducted Women’ on the occasion of Partition Horrors Remembrance Day

On the occasion of Partition Horrors Remembrance Day, Centre for Distance and Online Education (CDOE) and Dr. B.R. Ambedkar, Panjab University, Chandigarh organised a special lecture on ‘The Partition: A Memoir of Recovering the Abducted Women’, delivered by Dr. Karamjit Kaur Malhotra, Department of History, Punjabi University, Patiala on 14th August, 2024. Prof. Anju Suri from the Department of History, Chaired the session. Professor Harsh Gandhar, Director CDOE, gave an overview of the theme of the lecture and Professor Sheena Pall, Coordinator, Dr. B.R. Ambedkar Centre, introduced the speaker.

Dr. Malhotra, used the memoir of Akali Chakkar Kaur Singh, a social worker, to shed light on the history of recovery of abducted women and their plight following the partition. She underlined the atrocities committed on the women and the complex feelings, the social anxieties and the official processes involved in tracing and rehabilitating the abducted women using excerpts from the memoir. The lecture also brought to light efforts and contributions of many such social workers who at times risked their lives to recover the missing children and women after the partition. The speaker focused on the motives of these recovery missions and also dwelled on the conditions of the recovered women and children. The lecture was followed by a lively discussionwith the students and faculty in the audience.

प्रो. अलंकार को संस्कृतरत्नम् अलंकरण

कोरल ‘पुरनूर’, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ – 14   अगस्त :

राजस्थान युनिवर्सिटी, जयपुर में 9 से11 अगस्त, 2024 में सार्वभौमिक वैदिक ज्ञानपरम्परा  और महर्षि दयानन्द सरस्वती विषय पर आयोजित एक अन्तर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रैंस  में पीयू के संस्कृत विभाग के प्रोफेसर डॉ. वी.के. अलंकार को उनके वेद-वेदांग व शास्त्रीय योगदान के लिए राजस्थान विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. अल्पना कटेजा, केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, नई दिल्ली के कुलपति प्रो. श्रीनिवास वरखड़े, आई.सी.पी.आर के मेम्बर सचिव प्रो. सच्चिदानन्द मिश्र, विभागाध्यक्ष प्रो. राजेश कुमार तथा जयपुर की महापौर डॉ. सौम्या गुर्जर की सामूहिक उपस्थिति में संस्कृत-रत्नम् अलंकरण से सम्मानित किया गया।

इस अवसर पर प्रो. अलंकार ने भारतीय ज्ञानपरम्परा और ऋषि दयानन्द की परम्परा का मूल्यांकन करते अपने विशेष व्याख्यान में पंजाब तथा पंजाब विश्वविद्यालय के योगदान को भी रेखांकित किया। प्रो. अलंकार वैदिक साहित्य के प्रतिष्ठित विद्वान् हैं और विगत 13 वर्षों से दयानन्द चेयर फॉर वैदिक स्टडीज् का दायित्व भी सम्हाले हुए हैं।

नाराज़ ग्रामीणों ने स्कूल पर जड़ा ताला

नगली 32 में सरकारी स्कूल मे अध्यापक ना होने से नाराज़ ग्रामीणों ने स्कूल पर जड़ा ताला

कोशिक खान, डेमोक्रेटिक फ्रंट, छछरौली, 13 अगस्त :

नगली 32 में प्राइमरी व मीडिल स्कूलों में अध्यापक ना होने से नाराज़ ग्रामीणों व अभिभावकों ने स्कूल गेट पर ताला जड़ दिया है। ग्रामीणों का कहना है कि जब तक स्कूल में अध्यापक नहीं आते स्कूल गेट पर ऐसे ही ताला लगा रहेगा।

ग्रामीण इसरान, हाशिम, वहीद हसन, अली अहमद, अब्दुल सत्तार, निसार, जुलफान, मीरीया, मेहंदी हसन, दिलशाद व नसीम ने जानकारी देते हुए बताया कि नगली 32 के दोनों सरकारी स्कूलों में जिसमें एक प्रायमरी का दूसरा मीडल स्कूल है। प्राइमरी स्कूल में 185 बच्चे व मिडिल स्कूल में 200 के लगभग बच्चे पढ़ रहे हैं। ग्रामीणों ने बताया कि प्राइमरी स्कूल में तो एक भी टीचर नहीं है। प्राइमरी स्कूल के बच्चों को संभालने के लिए स्कूल का चौकीदार है और मिडिल स्कूल में सिर्फ एक अध्यापक है। ग्रामीणों का कहना है कि दोनों स्कूलों में 400 के लगभग बच्चे हैं और अध्यापकों की कमी के कारण बच्चों का भविष्य खराब हो रहा है। पिछले 4 महीने से बच्चे सुबह स्कूल में आ जाते हैं ओर छुट्टी के समय तक ऐसे ही बैठकर खेल कूद कर घर वापस आ जाते हैं। ग्रामीणों ने बताया कि स्कूल में अध्यापकों के लिए कई बार अधिकारियों व जन प्रतिनिधियों को गुहार लगा चुके हैं। उसके बावजूद भी स्कूलों में अध्यापक नहीं आ रहे हैं। जिसकी वजह से उनके बच्चों का भविष्य खराब हो रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि जब स्कूल में अध्यापक ही नहीं है तो ऐसे स्कूलों को खोलने का क्या फायदा है। उन्होंने बताया कि मौजूदा सरकार के मंत्री शिक्षा विभाग में किए गए कार्यों के बड़े-बड़े दावे करते हैं पर स्कूलों में अध्यापक नहीं है। इसकी तरफ किसी का ध्यान नहीं है। सरकार स्कूलों के सौंदर्य करण के लिए तो पैसे खर्च रही है पर स्कूल में जो मुख्य जरूरत है अध्यापकों की उसकी तरफ सरकार का कोई ध्यान नहीं है। ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने परेशान होकर स्कूल पर आज ताला जड़ दिया है और जब तक स्कूल में विभाग द्वारा अध्यापक नहीं भेजे जाते तब तक यह ताला ऐसे ही लगा रहेगा।

इस बारे में जिला शिक्षा अधिकारी का कहना है कि यह मामला उनकी जानकारी में नहीं है और जानकारी लेकर स्कूल में अध्यापक भेजे जाएंगे ताकि बच्चों का भविष्य खराब ना हो।

मिस तीज बनी बीए 1 की छात्रा भावना

खालसा काॅलेज के विद्यार्थियों ने मनाई तीज, लगाई मेंहदी, सांस्कृतिक कार्यक्रम का हुआ आगाज़

डेमोक्रेटिक फ्रंट, मोहाली –  09   अगस्त :

खालसा कॉलेज (अमृतसर) ऑफ टेक्नोलॉजी एंड बिजनेस स्टडीज, फेस 3 में तीज का त्योहार कॉलेज की प्रिंसिपल डाॅ हरीश कुमारी के नेतृत्व में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर एक ओर जहां कॉलेज परिसर में विद्यार्थियों ने मेहंदी के स्टॉल लगाकर अपने अध्यापकों और साथियों के हाथों में आकर्षित मेहंदी लगाई वहीं दूसरी ओर विद्यार्थियों ने तीज उत्सव को यादगार बनाने के लिए रंगारंग कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए।

इस अवसर पर काॅलेज के विद्यार्थी खासकर छात्राएं सज-धज कर काॅलेज में आई और अपने अध्यापकों व साथियों को तीज की बधाई दी। काॅलेज में इस उपलक्ष्य पर मेंहदी के स्टाॅल और चुड़ियों के स्टाॅल विद्यार्थियों ने लगाए हुए थे, जहां छात्राओं और अध्यापकों ने अपने अनुसार पंसद किए डिजाइनों की मेंहदी अपने हाथों में लगाई। इतना ही नही छात्राओं ने चुडियों के स्टाॅल से रंगबिरंगी चुड़ियांे की खरीदारी भी की।

कार्यक्रम को ओर अधिक आकर्षित बनाने के लिए कॉलेज प्रबंधन द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आगाज किया गया । इस कार्यक्रम में विद्यार्थियों ने गिद्दा, वेस्टर्न डांस, पंजाबी गानों पर डांस को बखूबी प्रस्तुति देकर खूब प्रशंसा बटोरी। इस दौरान विद्यार्थियों ने कविताएं, शेर-ओ-शायरी भी सुना कर सभी का मन मोह लिया। इतना ही नही इस अवसर पर मिस तीज की प्रतियोगिता भी आयोजित की गई जिसमें मिस तीज का टाइटल बीए 1 की छात्रा भावना को कॉलेज की प्रिंसिपल द्वारा प्रदान किया गया।

इस अवसर पर कॉलेज की प्रिंसिपल डाॅ हरीश कुमारी ने तीज त्योहार के महत्व के बारे में बताया और कहा कि यह त्योहार देश की परंपरा और संस्कृति का प्रतीक है, जिसे हर्षोल्लास के साथ मनाना चाहिए। कार्यक्रम के अंत में कॉलेज प्रिंसिपल ने सांस्कृतिक कार्यक्रम में भाग लेने वाली छात्राओं को पुरस्कार देकर सम्मानित किया।

उत्थान संस्थान के दिव्यांग बच्चे स्वंम को गौरवान्वित महसूस करते हैं : डॉ अंजू बाजपेयी

सुशील पंडित, डेमोक्रेटिक फ्रंट, यमुनानगर, 09     अगस्त :

 उत्थान संस्थान की कोशिश इकाई के दिव्यांग बच्चो ने स्वतंत्रता दिवस मनाने की पहल गुरु नानक गर्ल्स कॉलेज  में की।जोकि जी एन जी कॉलेज की डायरेक्टर व प्राचार्य की देखरेख में संपन्न हुआ।कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया।सभी दिव्यांग बच्चो ने रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत कर वहां  मौजूद सभी शिक्षिकाओं व छात्रो का मन मोह लिया। जिसमे सभी ने बच्चो की भूरी भूरी प्रशंसा की।

कॉलेज की निदेशक वरिंदर गांधी ने सभी बच्चो का स्वागत किया और उनके बारे में अपने विचार रखते हुए कहा की इन प्यारे प्यारे बच्चो को देखकर कोई नहीं कह सकता की इन बच्चो मे किसी तरह की कोई कमी  हो ।उन्होंने कहा की इस कार्यक्रम का उद्देश्य इन बच्चो को भी समाज  की मुख्य धारा में लाना है। दुनिया के सात अजूबे हैं देखना, सुनना, छूना, चखना, महसूस करना, हँसना और प्यार करना है।

जीवन की सबसे कीमती चीजें हाथ से नहीं बनाई जा सकतीं या इंसान द्वारा खरीदी नहीं जा सकतीं। दिव्यांग  बच्चों के माता-पिता को अवगत कराया जाना चाहिए कि दिव्यांग बच्चे भी कुछ कर दिखाने का हौसला  रखते है।वे भी सीख सकते हैं  इसलिए माता-पिता को अपने बच्चों की शिक्षा के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए ठोस प्रयास करने चाहिए। दिव्यांग बच्चो को रोजगार पाने में शिक्षा व प्रशिक्षण मददगार सिद्ध हो सकता है।

उत्थान संस्थान की डायरेक्टर डॉक्टर अंजू बाजपई ने मौजूद सभी अध्यापकों व छात्राओ को अपने संस्थान के बारे में अवगत करवाया।उन्होंने इन बच्चो के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि दिव्यांग व्यक्ति को समाज उपेक्षित  व बेचारा दृष्टि से देखता है जिसमे उनके माता पिता भी अपने बच्चो पर गर्व की जगह शर्म महसूस करते है और डर के कारण  सार्वजनिक स्थानों पर ले जाने पर असहज महसूस करते हैं। समाज मे दिव्यांगता एक बोझ की तरह माना जाता है जिसे सुधारने के लिए समाज व माता पिता को जागरूक करने की आवश्कता है।जिन माता पिता ने इनकी प्रतिभा को समझा उनके बच्चे राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उच्चतम स्थान  प्राप्त कर समाज की मुख्य धारा मे जुड़कर अपने को  गौरांन्वित महसूस करते है। दिव्यांग किसी भी लक्ष्य को प्राप्त कर सकता है।इसलिए सरकार के साथ साथ समाज के सभी वर्गों को व महत्वपूर्ण पदों पर बैठे लोगों को दिव्यांगजनों को समाज की मुख्य धारा में जोड़ने के लिए उन्हें अनदेखा न करके बल्कि उन्हें साथ में लेकर आगे बढ़ाने की तरफ सही मार्ग दिशा निर्देशन कराने की कोशिश करनी चाहिए।आगे उन्होंने कहा की मुझे ये बताते हुए बहुत खुशी होती है की हमारी संस्था पिछले कई दशकों से इन बच्चो के लिए कार्य कर रही है।आज 50 से भी ज्यादा बच्चे अपने पैरो पर खड़े होकर अपने माता पिता का नाम रोशन कर रहे है।वहां मौजूद सभी  शिक्षिकाएं व छात्राएं बच्चो से मिलकर बहुत खुश हुए।बच्चो ने भी वहां पहुंचकर खूब आनंद लिया।इस अवसर पर जी एन जी कॉलेज का पूरा स्टाफ,छात्राएं  तथा कोशिश इकाई से रविन्द्र मिश्रा, स्वाति ठाकुर, सुमित सोनी,हनी तोमर,राजेश व दीपा मौजूद रहे।

सिविल सर्विस परीक्षा करियर काउंसलिंग सत्र में एक्सपर्ट ने दिए छात्रों को सफलताके टिप्स

सिविल सर्विस परीक्षा करियर काउंसलिंग सत्र में एक्सपर्ट ने दिए छात्रों को सफलता के टिप्स

डेमोक्रेटिक फ्रंट, बठिंडा, 08 अगस्त :

सिविल सर्विस परीक्षा के लिए भारत के पहले ऑनलाइन प्लेटफॉर्म क्रैक अकादमी ने आज सिल्वर ओक्स स्कूल, बठिंडा में अपना तीसरा करियर काउंसलिंग सत्र आयोजित किया। इस सत्र में 450 से अधिक छात्रों ने भाग लिया और करियर के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त की।
सत्र में क्रैक अकादमी के शिक्षकों ने विभिन्न करियर विकल्पों और उनकी तैयारी के महत्व पर छात्रों को मार्गदर्शन दिया। इस दौरान क्रैक अकादमी के सीईओ और संस्थापक, नीरज कंसल ने अपने अनुभव साझा किए और सही करियर चुनने के लिए मार्गदर्शन दिया।

सह-संस्थापक ऋषि भार्गव ने विभिन्न प्रवेश परीक्षाओं और करियर के अवसरों के बारे में उपयोगी सुझाव दिए। मुख्य अतिथि भारतीय निशानेबाज अवनीत कौर सिद्धू और बठिंडा की क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण सचिव पूनम सिंह ने भी अपने अनुभव साझा किए और छात्रों को प्रेरित किया।

नीरज कंसल ने कहा कि हमारा उद्देश्य छात्रों को उनके करियर के रास्ते में आत्मविश्वास और स्पष्टता के साथ मदद करना है। हम चाहते हैं कि छात्र अपने जुनून को पहचानें और उसे अपने भविष्य के लक्ष्यों के साथ जोड़ें। सत्र में छात्रों को उनकी व्यक्तिगत ताकत और रुचियों को पहचानने, करियर के निर्णयों को समझने और शुरुआती करियर योजना के लाभों के बारे में जानकारी दी गई। साथ ही, यूपीएससी और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के बारे में भी चर्चा की गई।
छात्रों में से अरमिंदर कौर ने कहा, कैरियर काउंसलिंग से मुझे यह समझ में आया कि मैं अपने शौक को किस तरह अपने करियर में बदल सकती हूँ।

लोविश मित्तल ने कहा,कैरियर काउंसलिंग ने मुझे कई नए रास्ते दिखाए, जिससे मैं अपने भविष्य के लिए सही दिशा चुन पाया।