राजकीय महाविद्यालय कालका में अर्थशास्त्र विभाग द्वारा भारतीय अर्थव्यवस्था और विभिन्न विकासात्मक योजनाएँ विषय पर करवाई प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता

पंचकूला संवाददाता, डेमोक्रेटिक फ्रंट – 9 मई :

राजकीय महाविद्यालय कालका में अर्थशास्त्र विभाग द्वारा प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन करवाया गया । प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का विषय भारतीय अर्थव्यवस्था और विभिन्न विकासात्मक योजनाएँ रहा।

यह प्रतियोगिता अर्थशास्त्र विभाग की प्रो० इना आहूजा और प्रो अर्चना सोनी के मार्गदर्शन में आयोजित की गई।

इस अवसर पर प्राचार्या श्रीमती प्रोमिला मलिक ने अपने संबोधन में कहा कि भारत में मिश्रित अर्थव्यवस्था है, जिसमें निजी क्षेत्र एवं सार्वजनिक क्षेत्र का सह अस्तित्व है। उन्होंने कहा कि योजना आयोग का प्रमुख कार्य एक ऐसी योजना का निर्माण करना था, जो देश के संसाधनों का कुशल एवं संतुलित रूप से उपयोग कर सके।
उन्होंने बताया कि अर्थशास्त्र विभाग द्वारा आयोजित इस प्रतियोगिता में बी० कॉम प्रथम (आनर्स) के पीयांशु ने प्रथम स्थान, बी०कॉम- प्रथम  (आनर्स) की  बरिन्दर कौर ने द्वितीय स्थान और बी कॉम प्रथम (आनर्स) की आरती ने तृतीय  स्थान  प्राप्त किया। उन्होंने बताया कि बी कॉम प्रथम की स्नेहा और अंजली को सांत्वना पुरस्कार दिया गया।

Ukraine-Russia war may alter global order drastically

Chandigarh April 29, 2022

“Russian war in Ukraine may not be confined to Eurasia in terms of its implications for the world. It will affect the nature of unipolar world which at present is marked by US hegemony” argued experts participating in one-day seminar on “Ukraine Crisis, Emerging World Order & Implications for India” organized by Department of Defence and National Security Studies, Panjab University, Chandigarh today that is 28th April, 2022.

Dr Jaskaran Singh Waraich, Chairperson of the department, welcomed the guests present for the event and also highlighted the significance of the theme, while also giving the details of the objectives and the programme of the seminar. While inaugurating the seminar Vice Chancellor Professor Raj Kumar emphasized on the changing nature of geo-political scenario of the world in the context of the ongoing Ukraine-Russia conflict. He also highlighted the issues concerning India’s foreign policy in this context. The inaugural speaker Admiral Sunil Lanba (retd.) former chief of Indian Navy, also, highlighted the historical perspective of the ongoing conflict and geopolitical trends. In his keynote address Lt Gen Raj Shukla (retd.) delved on the major implications of Ukraine-Russia conflict and the change which may result in the aftermath of war.

In the first technical session, Dr Meena Singh Roy, former senior researcher with IDSA discussed the genesis of the Ukrainian Crises. She highlighted the historical seeds of discontent and power balance emerging out of various alliances. Maj Gen Amarjit Singh (retd.) pointed out the trends unfolding in various parts of the world specifically in West Asia and their linkages with India.

Professsor Kuldip Singh from GNDU examined the way global order has undergone a change since 9/11. He argued that India should exercise its strategic autonomy to utilize changes unleashed by war to its advantages. His argument was that India should take a lead to reorient global order away from West-Centric system, reactivating forums like BRICS and refashioning Bretton Woods institutions designed by the West for which global situation favoured India.

Maj. Gen. Raj Mehta (Retd.), Professor Sanjay Kumar Pandey form JNU and Lt Gen R S Panwar (Retd.) elaborated upon the Interests of various world actors and their likely intentions.

The technical session on the theme ‘contours of technology, military strategy and operations of war’ was chaired by Lt Gen KJ Singh (Retd) and co-chaired by Simrit Kahlon. In this session Dr. Shalini Chawla from Center for Air Power Studies, Lt Gen P R Shankar (retd) highlighted the lessons for India and emerging world order and balance of power. Employment of various weapons systems disruptive technologies in the ongoing conflict was also elucidated for the benefit of attendees and students.

In the valedictory session, Lt Gen Bhopinder Singh, former Lieutenant Governor of Andaman and Nicobar Islands & Puducherry was key speaker. In his valedictory address, he pointed out that academicians and defence forces have to work in sink for deriving the appropriate lessons from this ongoing conflict to make our nation strong for any and all future challenges.

The Chairperson of the department Dr. Jaskaran Singh Waraich gave the vote of thanks to all speakers, organizers and attendees for the resounding success of the seminar.

वाणिज्य और व्यवसाय प्रबंधन उत्सव कॉमफेस्को-22  का आयोजन

कोरल ‘पुरनूर’, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चण्डीगढ़ :

स्नातकोत्तर वाणिज्य विभाग और स्नातकोत्तर सरकारी कॉलेज-46, चण्डीगढ़ के प्रबंधन विभाग ने अपने ज्ञान भागीदार के रूप में कौशल प्रयोगशालाओं के साथ आज कॉलेज परिसर में वाणिज्य और व्यवसाय प्रबंधन उत्सव कॉमफेस्को-22  का आयोजन किया। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि प्राचार्य डॉ. आभा सुदर्शन थीं। अपने संबोधन में, उन्होंने छात्रों को अपनी प्रतिभा दिखाने और रचनात्मकता के प्रति जुनून को बढ़ावा देने के लिए एक मंच प्रदान करने में वाणिज्य और प्रबंधन विभाग के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने आगे कहा कि इस तरह की प्रतियोगिताएं कौशल को बढ़ाती हैं और समग्र विकास में मदद करती हैं। ट्राईसिटी के विभिन्न कॉलेजों के छात्रों ने नॉक आउट (डिबेट), टाइम अप (बस एक मिनट), बिज़्ज़ क्विज़ (बिजनेस क्विज़), फीट ऑन फायर (डांस कॉम्पिटिशन), थिंक टैंक (लोगो डिजाइनिंग, टैगलाइन, पोस्टर मेकिंग, बेस्ट आउट ऑफ वेस्ट), प्रीजी (पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन), बेच कर दीखाओ (प्रोडक्ट मार्केटिंग), घर में शार्क्स (पिच द इन्वेस्टर) और रंगमंच कलाकारों  का (एड मैड शो) जैसे विभिन्न कार्यक्रमों में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। इस उत्सव का सफल आयोजन डॉ. सुरिंदर कौर, प्रमुख वाणिज्य विभाग और डॉ. मुकेश चौहान, प्रमुख, प्रबंधन विभाग और विभाग के संकाय के कुशल मार्गदर्शन और मार्गदर्शन के तहत किया गया था। अंत में विजेताओं को प्रधानाचार्य द्वारा पुरस्कार व प्रमाण पत्र प्रदान किए गए। इस अवसर पर डीन डॉ. राजेश कुमार और डॉ. बलजीत सिंह भी उपस्थित थे।

आत्मरक्षा के प्रशिक्षण से बेटियों में बढ़ता है आत्मविश्वास – कंवर पाल


शिक्षा मंत्री ने 73 छात्राओं को कराटे बेल्ट देकर किया सम्मानित

सारिका तिवारी, डेमोक्रेटिक फ्रंट, पंचकूला, 27 अप्रैल :

हरियाणा के शिक्षा मंत्री कंवर पाल ने कहा कि आत्मरक्षा का प्रशिक्षण संकट की स्थिति में बेटियों के बचाव में सहायक व उनके आत्मविश्वास को बढ़ाता है, इसके साथ ही बेटियां शारीरिक और मानसिक रूप से सबल भी बनती है।

कंवर पाल आज पंचकूला के सेक्टर 1 स्थित पीडब्ल्यूडी विश्राम गृह में विद्यालय शिक्षा विभाग एवं हरियाणा स्कूल परियोजना परिषद द्वारा आयोजित रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम के राज्य स्तरीय समारोह में बोल रहे थे।

शिक्षा मंत्री ने कहा कि छात्राओं के लिए आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम समग्र शिक्षा के तहत राष्ट्रीय स्तर पर चलाया जा रहा है। हरियाणा के विद्यालयों में यह कार्यक्रम काफी सफलता के साथ चलाया जा रहा है जिसके आगे भी अच्छे परिणाम  आएगे। पिछले शैक्षणिक सत्र में प्रदेश के लगभग 3 हजार विद्यालयों जिसमें मौलिक विद्यालय, वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय तथा 32 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में कार्यक्रम आयोजित किया गया है। जिसकेे तहत लगभग 3 हजार विद्यालयों की लगभग 1,23,302 छात्राओं को प्रशिक्षण दिया गया।

स्कूलोें में पढ़ने वाली हर छात्रा का मनोबल हो मजबूत
उन्होंने कहा कि विद्यालयों में पढ़ने वाली हर छात्रा का मनोबल व आत्मबल मजबूत बनाने के उद्देश्य से यह प्रशिक्षण देना आरंभ किया है। उन्होंने कहा कि छात्राओं की शिक्षा, सुरक्षा, सशक्तिकरण और स्वावलंबन के लिए आत्मरक्षा के गुण संकट की स्थिति में बेटियों का बचाव करने में सहायक होते हैं। इससे बेटियों के आत्मविश्वास को एक नई ऊंचाई भी मिली है।

प्रोजेक्ट उड़ान का भी किया लोकार्पण
शिक्षा मंत्री ने इस अवसर पर प्रोजेक्ट उड़ान का भी लोकार्पण किया। जिसका उद्देश्य प्रदेश के चैथी से आठवीं कक्षा तक के छात्रों को कोविड-19 के कारण हुए शिक्षा के नुकसान को कवर करना है। हरियाणा इस कार्यक्रम को चैथी से आठवीं कक्षा में शुरू करने वाले राज्यों में से एक है। पिछली कक्षा की दक्षताओं के आधार पर बच्चों के लिए शिक्षक नियमावली और छात्र कार्य पुस्तिकाएं तैयार की गई हैं। इसलिए शिक्षक प्रतिदिन स्कूलों में पहले दो घंटे के पुनरीक्षण पाठों को लागू करेंगे।

‘शिक्षा सारथी‘ पत्रिका का भी किया विमोचन

कंवर पाल ने 73 छात्राओं कराटे बेल्ट देकर सम्मानित किया, और विद्यालय शिक्षा विभाग की मासिक पत्रिका ‘शिक्षा सारथी‘ के अप्रैल अंक का विमोचन भी किया, जो छात्राओं के आत्मरक्षा प्रशिक्षण पर ही आधारित है। इस दौरान बेटियों ने आत्मरक्षा की तकनीकों का प्रदर्शन भी किया है। उन्होंने कहा कि मार्शल आर्ट की छात्राओं को देखकर अन्य छात्राएँ भी प्रेरणा लेगी।

10 मेधावी विद्यार्थियों को दिए स्मार्ट फोन
शिक्षा मंत्री ने कहा कि 137 संस्कृति आदर्श विद्यालयों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत विद्यार्थियों को कम्प्यूटर प्रोग्रेमिंग  (कोडिंग) का प्रशिक्षण नवगुरुकुल फांउडेशन गुरुग्राम के द्वारा प्रदेश के विद्यार्थियों को निःशुल्क रूप से दिया। उन्होंने इस अवसर पर 10 मेधावी विद्यार्थियों को स्मार्ट फोन व इस प्रशिक्षण में सर्वश्रेष्ठ योगदान देने वाले पाँच अध्यापकों को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया है।
स्कूल शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ महावीर सिंह ने कहा कि आज की लड़कियां सशक्त व मजबूत है केवल उन्हें उनकी ताकत से परिचित कराने की जरूरत है। इसी के तहत आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम विद्यालय की छात्राओं को करवाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि हमें बेटियों को बचाना भी, पढ़ाना भी और आगे बढ़ाना भी है।

माध्यमिक शिक्षा के महानिदेशक व राज्य परियोजना के निदेशक डॉ जे. गणेशन ने बताया जिन छात्राओं ने 75 दिन का प्रशिक्षण पूर्ण कर लिया है, उन सभी को बेसिक स्किल ट्रेनिंग का प्रमाण पत्र दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि अपनी रक्षा में सक्षम बेटी निश्चित रूप से घर से दूर के विद्यालय तथा महाविद्यालय में शिक्षा ग्रहण करने से पीछे नहीं हटेगी। इसी उद्देश्य को लेकर समग्र शिक्षा के तहत छात्राओं को आत्मरक्षा प्रशिक्षण का कार्यक्रम प्रदेश विद्यालय में चलाया जा रहा है।

आपराधिक छवि के बर्खास्त प्राध्यापक व उसके कुछ साथियों द्वारा हरियाणा एस्पायरिंग असिस्टेंट प्रोफेसर एसोसिएशन  माध्यम से साजिशन एक्सटेंशन लेक्चरर्स को बदनाम करने  और षडयंत्र रचने बारे

सारिका तिवारी, डेमोक्रेटिक फ्रंट, पंचकुला :

 हरियाणा के राजकीय महाविद्यालयों में पिछले कई सालों से  कार्यरत 2000 एक्सटेंशन लेक्चरर्स की  एक्सटेंशन लेक्चरर्स वेलफेयर एसोसिएशन के राज्य प्रधान ईश्वर सिंह ने बताया कि कुछ नकारात्मक लोगो ने मिलकर एक फर्जी एसोसिएशन बनाई हुई है जिसका नाम “हरियाणा एस्पायरिंग असिस्टेंट प्रोफेसर” रखा गया है जो लगातार 2000 एक्सटेंशन लेक्चरर्स के खिलाफ साजिश और षडयंत्र रचती रहती है और सोशल मीडिया के माध्यम से एक्सटेंशन लेक्चरर्स को बदनाम करती रहती है।

उन्होंने बताया कि इस फर्जी एसोसिएशन में वे लोग शामिल है जो सन्  2012 से 2015 में कॉलेज में एक्सटेंशन लेक्चरर्स लगे थे लेकिन लगभग 6000/- सैलरी होने की वजह से ये एस्पायरिंग लोग कॉलेजों को छोड़कर ज्यादा सैलरी के लालच में यूनिवर्सिटी और एडिड कॉलेजो में चले गए थे | लेकिन जब इन लोगों को पता चला कि एक्सटेंशन लेक्चरर्स के संघर्ष और आंदोलन से हरियाणा सरकार ने 2019 में एक्सटेंशन लेक्चरर्स को समान काम समान वेतन का लाभ देते हुए मासिक 57700/- किये ।इतनी ज्यादा सैलरी होने के बाद ये एस्पायरिंग लोग कई सालों के बाद वापिस कॉलेजो में जॉइन होना चाहते थे ,लेकिन सरकार की 04 मार्च 2020 पालिसी के कारण इनकी वापसी नहीं हो पाई |इससे चिढ़कर  इन लोगों ने एक्सटेंशन लेक्चरर्स, सरकार और हायर एजुकेशन डिपार्टमेंट  को बदनाम करने का कार्य शुरू कर दिया।इस फर्जी एसोसिएशन में एक बर्खास्त प्रोफेसर भी है जिन पर अपने कॉलेज में महिला एक्सटेंशन लेक्चरर्स को प्रताड़ित करने के मामले में हरियाणा सरकार ने उनको रिटायरमेंट से पहले ही बर्खास्त कर दिया था ।उक्त आपराधिक छवि के प्रोफेसर का मकसद Hpsc की पोस्ट निकलवाना नही है बल्कि इसका मकसद कई सालों से कार्यरत एक्सटेंशन लेक्चरर्स को बदनाम करके नोकरी से बहार करवाना है।

2014 में उक्त प्रोफेसर गुरुग्राम के द्रोणाचार्य कॉलेज में कॉमर्स विभाग में कार्यरत थे और गलत तरीको से अपने चहेतों को एक्सटेंशन लेक्चरर्स की नोकरी पर लगाना चाहते थे लेकिन वहां के प्राचार्य के विरोध के कारण ये अपने मंसूबो में कामयाब नही हो पाया।  इसके साथ ही ईश्वर सिंह ने बिंदुवार बताया कि एक्सटेंशन लेक्चरर्स पर जो भी आरोप लगाए जा रहे हैं वे निराधार हैं और बिना किसी तथ्य के हैं:-

  1. एक्सटेंशन लेक्चर्स ने कभी भी नई भर्तियों का विरोध नहीं किया था, जिसका उदाहरण 2017-2018 में 2200 के लगभग भर्ती है जिसमें करीब 400 एक्सटेंशन लेक्चरर्स नियमित भर्ती हुए थे |
  2. समायोजन में भ्रष्टाचार से सम्बन्धित आरोप भी निराधार हैं, विस्थापित एक्सटेंशन लेक्चरर्स का समायोजन हरियाणा सरकार और उच्चतर शिक्षा विभाग की घोषित नियमावली के तहत हुआ है| 
  3. फर्जी पीएचडी का आरोप निराधार है,एक्सटेंशन लेक्चर्स 2010 से 2017 तक प्रति पिरियड लगभग छह महिने ही कार्य कर पाते थे ,बाकि छह महिने उनको कार्यमुक्त कर दिया जाता था। इसी समयावधि के दौरान यूजीसी से मान्यता प्राप्त विभिन्न विश्वविद्यालयों से पीएचडी की है| एक्सटेंशन लेक्चरर्स की योग्यता नेट/पीएचडी का सत्यापन कार्य उच्चतर शिक्षा विभाग तीन बार सम्बन्धित यूनिवर्सिटी से करवा चुका है, जिसमेें सभी एक्सटेंशन लेक्चरर्स के डॉक्युमेंट्स सही पाए गए हैं।
  4. जहाँ तक नॉन इलीजिबल एक्सटेंशन लेक्चरर्स का सवाल है तो इनकी संख्या 2000 एक्सटेंशन लेक्चरर्स में मात्र 200 के लगभग है ओर इनकी जोइनिंग हाई कोर्ट के निर्णय के अनुसार हुई है ।ये हाई कोर्ट का फैसला है कि नॉन एलिजिबल एक्सटेंशन लेक्चरर्स को तब तक रखा जाए जब तक खाली वर्कलोड है और रेगुलर भर्ती न हो। हमारी मांग केवल ये है कि जो 10 वर्षों से कार्यरत एक्सटेंशन लेक्चरर्स हैं और जो इन 10 वर्षों में ओवरएज हो चुके हैं उनका रोजगार सुरक्षित किया जाए|  

उन्होंने बताया कि एक्सटेंशन लेक्चरर्स की नियुक्ति पारदर्शी तरीके से थी और एक्सटेंशन लेक्चरर्स लगाने के लिए तीन राष्ट्रीय समाचार पत्र में विज्ञापन दिया गया था । सभी योग्य एक्सटेंशन लेक्चरर्स को साक्षात्कार के लिए आमंत्रित  किया गया था ।इसके साथ ही एक्सटेंशन लेक्चरर्स के चयन के लिए प्राचार्य और तीन प्रोफेसर की कमेटी बनाई गई थी जिन्होंने इंटरव्यू  और अकादमी स्तर पर एक्सटेंशन लेक्चरर्स की नियुक्ति की थी। सभी प्रिंट/इलैक्ट्रोनिक मीडिया से हमारा निवेदन है कि 2000 एक्सटेंशन लेक्चरर्स की कोई भी न्यूज़ देने से पहले एसोसिएशन के पक्ष को भी सुना जाए ताकि पत्रकारिता में पारदर्शिता बनी रहे और इस तरह के नकारात्मक लोगों की झुठ, साजिश ओर षडयंत्र का कोई अखबार माध्यम न बने।इसके साथ ही एक्सटेंशन लेक्चरर्स वेलफेयर एसोसिएशन ने एलान किया है कि जल्दी ही इन लोगों के खिलाफ जो बिना किसी आधार के एक्सटेंशन लेक्चरर्स को बदनाम कर रहे हैं, कानूनी कार्यवाही अमल में लायी जाएगी | इन सभी के खिलाफ हाईकोर्ट में मानहानि का केस किया जाएगा ।।इसके साथ ही एक्सटेंशन लेक्चरर्स के खिलाफ हो रहे इस तरह के    साजिश ओर षडयंत्र के बारे में एसोसिएशन पहले ही सरकार और हायर एजुकेशन के उच्च अधिकारियों के संज्ञान में ला चुकी है ।

स्टूडेंट्स की संगीतमय प्रस्तुति के साथ एसडी कॉलेज में संपन्न हुआ लिट्रेचर फेस्ट

चंडीगढ़:

सेक्टर-32 स्थित गोस्वामी गणेश दत्त सनातन धर्म कॉलेज में गोल्डन जुबली ईयर के मौके पर पंजाब आर्ट्स काउंसिल और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के सहयोग आयोजित किया गया तीन दिवसीय लिट्रेचर फेस्टिवल एवं बुक फेयर  स्टूडेंट्स की संगीतमय प्रस्तुति के साथ संपन्न हो गया। अंतिम दिन अर्शप्रीत कौर, सिमोन, हर्ष धीमान और अनुष्का द्वारा साहित्यिक कविता गायन प्रस्तुत किया जिसे सभी ने पसंद किया। इस सत्र का संचालन अर्थशास्त्र की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. प्रीति वोहरा ने किया। लिट्रेचर फेस्टिवल  के संयोजक व कॉलेज के पंजाबी विभाग के असिसटेंट प्रोफेसर डॉ. प्रदीप (दीप निर्मोही) ने धन्यवाद प्रस्ताव दिया गया। इस अवसर पर कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. अजय शर्मा उपस्थित थे। उन्होंने इस कार्यक्रम की शानदार सफलता के लिए सभी को बधाई दी। उन्होंने कहा कि गोल्डन जुबली ईयर में आयोजित इस फेस्ट से स्टूडेंट्स काफी लाभान्वित हुए।


इससे पहले साहित्यिक कार्यक्रम के तीसरे और अंतिम दिन की शुरुआत तसलीन और देस राज काली के बीच ‘हरित क्रांति और पंजाब के सांस्कृतिक मानस के बीच लेनदेन: विशेष रूप से पंजाबी गीतों के संदर्भ में’ शीर्षक से आयोजित बातचीत के साथ हुई जिसकी मध्यस्था कॉलेज के पंजाबी के असिसटेंट प्रोफेसर डॉ. प्रदीप (दीप निर्मोही) ने की। देस राज काली लघु कथाओं, उपन्यासों, ऐतिहासिक पुस्तकों और निबंधों के प्रसिद्ध पंजाबी लेखक हैं। वह एक साहित्यिक त्रैमासिक ‘लकीर’ का संपादन भी करते हैं। इसके बाद गेस्ट स्पीकर पंजाब यूनिवर्सिटी, चंडीगढ़ के इतिहास विभाग के रिटायर्ड प्रोफेसर डॉ.सुरिंदर सिंह ने ‘सार्वजनिक बौद्धिक और वारिस शाह की परंपरा’ पर एक व्याख्यान दिया। विषय में उनकी विशेषज्ञता के कारण उनका व्याख्यान दर्शकों के लिए एक शानदार अनुभव साबित हुआ।  


फेस्ट में इन साहित्यिक गतिविधियों के अतिरिक्त बुक फेयर -2022′ का आयोजन भी किया गया।  इसमे विभिन्न प्रकाशकों द्वारा 20 किताबों के स्टाल शामिल थे और इसके अतिरिक्त, कॉलेज के रचनात्मक छात्रों द्वारा कई पेंटिंग स्टॉल भी थे। इस तीन दिवसीय फेस्ट में साहित्यिक सत्रों, सांस्कृतिक कार्यक्रमों, पैनल डिस्कशंस, प्रख्यात लेखकों के साथ बातचीत के माध्यम से अंग्रेजी, हिंदी और पंजाबी भाषाओं में रचनात्मक अभिव्यक्ति को प्रस्तुत किया गया था। फेस्ट के दूसरे दिन एक पैनल डिस्कशंस बातचीत तथा एक कवि दरबार का आयोजन किया गया था।

Book exhibition Know your library organized to mark World Book Day

Chandigarh : 

With the objective to make the students aware of the books collection in the library, the Library Department of Post Graduate Government College, Sector- 46, Chandigarh organized a book exhibition “Know Your Library” to mark the World Book Day. 

This programme was aimed at educating the new students about the important role of library in widening their mental horizons.

Principal, Prof. (Dr.) Abha Sudarshan inaugurated the book exhibition. She averred that reading helps in understanding and discovering new worlds. She also shared her life experience and said that a library is an asset of any institution. She advised the students to read as much books as they can during their stay in the college.  More than 250 students attended the programme. Dr. Sudarshan also appreciated the efforts of the library staff.

Tech fest “Technovation” organized at PGGC, Sec. 46

Koral ‘Purnoor’, Democratic Frint, Chandigarh : 

The Department of Bachelors of Computer Applications of Post Graduate Government College- 46, Chandigarh organized a fest “Technovation”. Dr. Abha Sudarshan, Principal of the college inaugurated the fest and welcomed the guest of honour, Ms. Arpana, director of Infomaths. Dr. Sudarshan congratulated  the participants and emphasized the need of such events for the overall development of the students especially in the post pandemic time so that they can adapt to the new normal. Ms. Arpana motivated the students to be a part of such innovative events regularly along with their curricular activities to enhance their co -curricular skills and to showcase their hidden talents. More than 80 students participated enthusiastically in the events like Website Development, Logo and E-Collage making, Face Painting and Rangoli. The participants participated in the events with great zeal and vigor.  In the end the winners were given away prizes and certificates by the Principal.  Dr. Simmi Arora, Vice-principal of the college also graced the occasion.

The fest was successfully organized under the able guidance and mentorship of Dr. Uma Narang head, Department of BCA, and faculty of the Department, Ms. Shefali Aggarwal, Ms. Vandana and Mr. Hemant

Earlier, in the day Department of Public Administration celebrated Civil Services Day, an occasion for the civil servants to rededicate themselves to the cause of serving citizens and renew their commitments to public service and excellence in work. Dr Meenakshi Madaan Incharge of the department conducted the event.

Tour of students organized to explore the business possibilities and to study the organised and unorganised markets in the hilly areas

Korel ‘Purnoor’ Panchkula,  Democratic Front  –  April 16:

Under the leadership of  Smt. Promila Malik, Principal, Smt. Aruna Asaf Ali Government Post graduate College, Kalka and Dr. Virender Atwal, Head of Department of Commerce organised a two day and one night tour to Nainital for the students. The tour was organised with the objective to explore the business possibilities and to study the organised and unorganised markets in the hilly areas. 

The trip started  was managed  by the students of B.Com Final year namely Akash Tyagi and Abhishek. In total, group of thirty eight students accompanied the tour. Dr. Ragini, Dr. Suman and Sh. Suresh organised and guided the students about planning and costing aspects of the tour.

The Students were asked to observe and study the markets on the mall road of Nainital. They also observed the various aspects of Taxi Business in Nainital. During the tour,  the students visited Khurpa Tal, Botanical Garden, Cave Garden, Naina Devi Temple and Tibetan Market. It was an enjoyable and learning exposure for the students as well as teachers of the College.

तमिलनाडु में अध्यापक पर ईसाई धर्म के प्रचार का आरोप, हिंदू देवी-देवताओं को बताता था ‘शैतान’

तमिलनाडु के कांचीपुरम में सरकारी स्कूलों में छात्रों को शौचालय की सफाई करते हुए देखा गया था। इससे जुड़ा वीडियो वायरल होने पर काफी हंगामा मचा था। इन छात्राओं को कैंपस में कथित रूप से टॉयलेट की सफाई करते हुए देखा गया। इसके बाद कांचीपुरम के डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर ने घटना का संज्ञान लेते हुए जिले के शिक्षा अधिकारी को जांच करने का आदेश दिया।

कन्याकूमारी: 

तमिलनाडु के कन्याकुमारी जिले के सरकारी स्कूल में एक शिक्षक पर हिंदू धर्म को नीचा दिखाने और ईसाई धर्म का प्रचार करने के आरोप के बाद उसे निलंबित कर दिया गया. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि जिले में कन्नतुविलई स्थित एक स्कूल की छठी कक्षा की छात्रा ने ये आरोप लगाये थे.

बुधवार को सोशल मीडिया पर स्कूल प्रशासन और पुलिसकर्मियों के सामने आरोप लगाने वाली छात्रा का एक वीडियो क्लिप वायरल हो गया। प्राथमिक जांच के बाद शिक्षक को निलंबित कर दिया गया है। वह छात्रों को सिलाई और कटिंग सिखाता है।

छात्र के अनुसार, शिक्षक ने एक कहानी सुनाते हुए हिंदू-देवताओं को शैतान के रूप में चित्रित किया और ईसा मसीह की महिमा की और छात्रों को बाइबिल पढ़ने के लिए प्रेरित किया। जब छात्रों ने उत्तर दिया कि वे हिंदू हैं और इसके बजाय भगवद गीता पढ़ना चाहते हैं, तो शिक्षक ने कहा कि गीता खराब है और बाइबिल में अच्छे विचार हैं इसलिए उन्हें बाइबल पढ़नी चाहिए।

छात्र ने कहा कि ईसाईयत का ऐसा प्रचार कक्षाओं के दौरान किया जाता था। लंच ब्रेक के बाद, छात्रों को भी घुटने टेकने और ईसाई धर्म के लिए प्रार्थना करने के लिए कहा गया। इस बात की जानकारी बच्चों ने अपने माता-पिता को दी तो उन्होंने स्कूल प्रशासन से मामला उठाया।

ऐसा नहीं है कि यह पहली बार हुआ है। हाल ही में बेंगलुरु के एक निजी स्कूल में पढ़ने वाली एक विद्यार्थी ने अपनी गणित की शिक्षिका के विषय में यह कहते हुए आरोप लगाया था कि कैसे उन्होंने उसे “मनी” अध्याय में अल्लाह की पूजा करने के लिए कहा। बच्ची ने कहा कि “हर कोई कन्फ्यूज्ड था और उन्हें गलत जबाव आ रहे थे, तो अगले दिन मैडम ने हमसे अल्लाह की इबादत करने के लिए कहा। हमारे हाथों को कटोरे के आकर में मोड़ने के लिए कहा और मैं और मेरे कुछ दोस्त हिन्दू थे, हमने मैडम से मना किया कि हम हिन्दू हैं, और हम अल्लाह की इबादत नहीं कर सकते। पर मैडम ने कहा कि अल्लाह की इबादत करनी चाहिए और अल्लाह एक अच्छे भगवान हैं!”

हालंकि स्कूल ने इस मामले में उस बच्ची को ही कठघरे में खड़ा कर दिया। स्कूल की ओर से जारी किए गए वक्तव्य में कहा गया कि उन्होंने जांच करा ली है, पर उन्हें ऐसा कुछ भी प्रमाण नहीं मिला है, जिससे यह पता चले कि कोर्स से इतर कुछ पढ़ाया गया था। और उन्होंने बच्ची के अभिभावकों के खिलाफ ही पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है।

देखा जाए तो स्कूलों में हिन्दू देवी देवताओं का अपमान करना और हिन्दू पर्वों का उपहास उडाना बहुत ही आम है, बहुत ही सामान्य बात है। कई घटनाएं सामने आई हैं, जिनसे ऐसा प्रतीत हुआ है कि बच्चे जिन स्कूलों में पढने जाते हैं, वही उन्हें हिन्दू धर्म का अपमान करने की प्रेरणा देता है। हमने देखा था कि कैसे हरियाणा में दो स्कूलों में प्रभु श्री राम का अपमान करते हुए रामायण का मंचन किया गया था। इस पर हंगामा हुआ था और बाद में अंतत: स्कूल प्रबंधन को क्षमा मांगनी पड़ी थी।

हाल में दिसंबर में ही मध्यप्रदेश में विदिशा जिले के गंज बासौदा में सैंट जोसेफ स्कूल में 8 बच्चों के धर्मांतरण को लेकर हंगामा किय था।

मिशनरी स्कूल्स हों या निजी या सरकारी, ऐसा प्रतीत होता है जैसे एक पैटर्न है हिन्दुओं और हिन्दू धर्म को अपमानित करने के साथ साथ अब्र्हामिक रिलिजन को बढावा देने का। जहाँ एक ओर अल्पसंख्यकों के मजहबी प्रतीकों को उनकी आस्था का विषय मानकर उन्हें प्रयोग करने की छूट के लिए आन्दोलन होते हैं, तो वहीं हिन्दुओं के बच्चों के हाथों से “धर्मनिरपेक्षता” के नाम पर कलावा और जनेऊ हटाए जाने के समाचार आते रहते हैं।

18 फरवरी 2021 को त्रिची में पेरूमल पालयम में सरकारी हाई स्कूल से ऐसा ही मामला सामने आया था, जब एक गणित के शिक्षक शंमुगम ने, जो खुद को पेरियर का अनुयायी बताते थे, उन्होंने भी बच्चों के माथे से तिलक, भभूत हटाने के साथ साथ उनके हाथों पर बंधे कलावा को भी कैंची से काटा था, लड़कियों की चूड़ियाँ तोड़ी थीं और उन्हें हटाने के बहाने से लड़कियों को गलत तरीके से छुआ था।

अभिभावकों ने इस सम्बन्ध में शिकायत दर्ज कराई थी, और पुलिस की जांच में बच्चों की शिकायत सच पाई गयी थी।

इससे पहले वर्ष 2018 में तमिलनाडु के एक स्कूल में दो लड़कियों को भभूत, चंदन और फूल पहनने पर दण्डित किया गया था। जब अभिभावकों ने क्रोधित होकर प्रदर्शन किया था, तो उनसे कहा गया था कि वह ट्रांसफर सर्टिफिकेट ले सकते हैं।

सितम्बर में शाहजहाँपुर से भी ऐसा ही एक मामला सामने आया था जिसमें एक निजी स्कूल पर बच्चों के हाथों से राखी एवं कलावा जबरन हटाया गया था। जब विश्व हिन्दू परिषद के लोगों ने इसका विरोध किया था तो स्कूल की प्रिंसिपल ने कहा था कि उन्होंने राखी और कलावा कोविड प्रोटोकॉल के चलते हटाया है। इसमें इतना शोर मचाने की जरूरत नहीं है।

वर्ष 2018 में गुजरात से भी माउंट कैरमल हाई स्कूल में भी बच्चों के हाथों से कैंची से राखी काट दी गयी थी। क्रोधित अभिभावकों ने इस सम्बन्ध में शिकायत दर्ज की थी। जब यह मामला सरकार के समक्ष गया था तो शिक्षा मंत्री ने स्कूल को नोटिस जारी करते हुए इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया था।

वर्ष 2015 में भी सैंट मेरी कान्वेंट स्कूल कानपुर में बच्चियों को राखी और मेहंदी पहनकर आने के लिए दंडित किया गया था, यह भी आरोप लगा था स्कूल पर कि लडकियों को उन्होंने मेहंदी जबरन छुटाने के लिए कहा, जिसके कारण उनके हाथों से खून आने लगा था!

यह अत्यंत दुःख एवं क्षोभ का विषय है कि धर्मनिरपेक्षता के नाम पर हिन्दू विद्यार्थियों को और हिन्दुओं की परम्पराओं को ही अपमानित किया जाता है। कभी पेरियर के अनुयाइयों द्वारा, कभी मिशनरी द्वारा तो कभी अल्लाह की इबादत करने वालों के द्वारा और वहीं हिजाब को मजहबी अधिकार और पहचान का माध्यम बताया जाता है!