एबीवीपी और बीएपी ने उपायुक्त कार्यालय में दवाइयाँ बांटीं

आज पंचकूला के उपायुक्त कार्यालय में मौजूद सभी पुलिसकर्मी जो कि इस नाज़ुक हालात में भी अपनी जिम्मेदारी बाखूबी व बिना कोई बीमारी की चपेट में आने के डर से निभा रहे हैं उनको आज अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद व भारतिय आयुर्वेद परिषद द्वारा आयुर्वेदिक औषधि बांटी गई।

सेवा की शुरुआत IPS मोहित हांडा से की गई अतः सीनियर इंस्पेक्टर सुखदेव ने वही पर औषधि मिलते ही उसका सेवन भी किया व दफ्तर के अन्य कार्यकर्ताओं को भी यह दिलवाई।

सेवा के लिए ABVP जिला प्रमुख सुशील शास्त्री जिला मीडिया प्रमुख पुरनूर व भारतिय आयूर्वेद परिषद से डॉ चित्रा और डॉ अनु उपस्थित रहीं।

दोनो परिषदों ने मिलकर न केवल दवाई बाँटि बल्कि सभी पुलिस कर्मियों का हार्दिक धन्यवाद भी किया क्योंकि इन्हीं के द्वारा सख्ती बरतने के कारण सब अपने अपने घर मे सुरक्षित हैं।

गुजवि में दाखिला प्रक्रिया शुरू, बीएससी ड्यूल डिग्री कोर्सों के लिए आवेदन आमंत्रित

धर्मपाल वर्मा, चंडीगढ़:

हिसार:

गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय (गुजवि) ने सत्र 2020-21 के लिए दाखिला प्रक्रिया शुरू कर दी है। कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने मंगलवार को दाखिला प्रक्रिया के लिए स्थापित किए गए ऑनलाइन पोर्टल का शुभारंभ किया। प्रो. टंकेश्वर कुमार ने बताया कि ड्यूल डिग्री बीएससी (ऑनर्स) फिजिक्स – एमएससी (फिजिक्स), ड्यूल डिग्री बीएससी (ऑनर्स) केमिस्ट्री-एमएससी (केमिस्ट्री), ड्यूल डिग्री बीएससी (ऑनर्स) मैथेमेटिक्स-एमएससी (मैथेमेटिक्स), ड्यूल डिग्री बीएससी (ऑनर्स) बायो टेक्नोलॉजी – एमएससी (बायो टेक्नोलॉजी), बीएससी (ऑनर्स)- कंप्यूटर (डाटा साइंस), बीएससी (ऑनर्स)- इकोनोमिक्स, बीएससी (ऑनर्स) साइकोलॉजी और बैचलर ऑफ फिजियोथैरेपी में दाखिलों के लिए ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। सभी तरह की लेटेस्ट विविध एवं शैक्षणिक खबरों के लिए “हरियाणा एजुकेशनल अपडेट” फेसबुक पेज ज्वाइन करें।

आवेदन पांच मई से विश्वविद्यालय के वेबसाइट www.gjust.ac.in पर उपलब्ध हो गए हैं। नेट बैंकिंग या डेबिट क्रेडिट कार्ड से फीस जमा कराने की अंतिम तिथि 15 जून है। ऑनलाइन आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि 18 जून है। आवेदक की प्रार्थना पर कैटेगरी में संशोधन 22 जून तक ऑनलाइन किया जा सकेगा।

आवेदक ईमेल ucic.gjust@gmail.com पर संपर्क कर सकता है। दाखिले से संबंधित जानकारियां जैसे प्रवेश परीक्षा की तिथियां, मेरिट लिस्ट का डिस्प्ले और काउंसिलिंग की तिथियों आदि की जानकारी विवि की वेबसाइट पर उपलब्ध करवा दी जाएगी।

Vice President of India interacts through Video Conferencing

Chandigarh April 13, 2020

Vice President of India , Shri Vankiah Naidu  interacted with the Vice-Chancellors of five Universities through Video-Conferencing today.

Secretary DoPT and Director IIPA, VCs of Panjab University Chandigarh, Pondicherry University, Makhanlal Chaturvedi University Bhopal, Delhi University, Hyderabad University were present.

 At the outset, Mr Subha Rao, Secretary to Vice President of India, while initiating discussion invited Vice President of India for his inaugural remarks. VP of India welcomed the VCs and explained the ongoing crisis and what the Universities should do in respect of teaching, research and student-related activities. He asked the Vice Chancellors present in the video conference  to share the strategies adopted by different Universities in the light of ongoing pandemic CORONOVIRUS.

 Vice-Chancellor, Panjab  University, Prof Raj Kumar mentioned about the action taken by the University to minimise disruption in the teaching, examination & research activities. He informed that our faculty is actively engaged in online teaching using various technologies like Zoom Cloud, Skype, Google classrooms etc. He also
highlighted that PU has submitted research proposal against the SARS-CoV-2 Corona virus in collaboration with Professor Nikolai Petrovsky, South Australian Researcher, which was appreciated by Mr Vice-President . Prof Raj Kumar also mentioned about the constitution of Advisory and Task force for effectively handling challenges confronted by the University in the present-day crisis and also assured that University is ready to conduct examination after the lockdown and strategies have been prepared to declare result at the earliest.

Vice President of India appreciated the efforts of academic leaders and stressed upon the need to encourage students to learn from the crisis and use the available time with parents and grandparents, do physical exercises, learn more than one language and love nature and Indian culture for better future.

कोरोना संक्रामण : उत्तर प्रदेश के 15 जिले पूरी तरह से सील

उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के देखते हुए योगी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। प्रदेश सरकार ने राज्य के 15 जिलों के  हॉटस्पॉट को  पूरी तरह से सील करने का फैसला लिया है। ये आदेश रात 12 बजे से लागू होगा। यूपी के ये 15 जिले कोरोना वायरस के हॉटस्पॉट कहे जा रहे हैं। इन सभी जिलों में 15 अप्रैल तक किसी भी तरह की आवाजाही नहीं होगी यानी 100 फीसदी लॉकडाउन। इन जिलों में सरकार द्वारा जरूरी समान की होम डिलिवरी की जाएगी। किसी भी व्यक्ति को बाहर जाकर सामान खरीदने की इजाज़त नहीं होगी।  मुख्यमंत्री योगी ने उत्तर प्रदेश के 15 जिलों के हॉटस्पॉट क्षेत्रों को 13 अप्रैल तक पूर्ण रूप से सील करने के निर्देश दिए हैं । आज रात 12 बजे के बाद लखनऊ, गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद, आगरा, कानपुर, वाराणसी, शामली, मेरठ, सीतापुर, बरेली, बुलंदशहर, फिरोजाबाद, बस्ती, सहारनपुर और महाराजगंज के जिस इलाकों में कोरोना वायरस के मरीज मिले हैं वो क्षेत्र सील कर दिए जाएंगे ।

लखनऊ ब्यूरो, 8 मार्च 2020:

कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए यूपी सरकार ने बड़े फैसले का ऐलान किया है. इसके तहत यूपी के 15 जिलों के कुछ इलाके 15 अप्रैल तक पूरी तरह सील रहेंगे.  सील होने वाले इलाकों में आने-जाने पर रोक रहेगी. आगरा, कानपुर, वाराणसी, शामली, गाजियाबाद, मेरठ, कानपुर, बुलंदशहर, महाराजगंज, सहारनपुर समेत 15 जिलों के कुछ इलाके पूरी तरह सील रहेंगे.

किसी को किसी भी स्थिति में बाहर निकलने की इजाजत नहीं

राज्य सरकार का कहना है कि इन सभी जिले कोरोना के हास्टस्पॉट हैं, जिसे पूरी तरह से सील कर दिया गया है। इस फैसले के बाद लॉकडाउन में किसी भी व्यक्ति को कोई छूट नहीं मिलेगी। इस दौरान न तो कोई दुकानें खुलेंगी और न ही किसी को किसी भी वजह से सड़क पर निकलने की इजाजत दी जाएगी।सिर्फ आवश्यक वस्तुओं की होम डिलिवरी की जाएगी। हालांकि, इस दौरान केवल कर्फ्यू पास वाले लोगों को ही घर से बाहर निकलने की इजाजत दी जाएगी। 15 अप्रैल तक स्थिति की समीक्षा की जाएगी, इसके बाद आगे का फैसला लिया जाएगा।

लखनऊ और नोएडा के कुछ इलाके पहले से सील

इस फैसले के बारे में बताते हुए अपर सचिव अवनीश अवस्थी ने कहा कि पूरे जिले में जिन जगहों पर पॉज़िटिव केसे आए हैं, वहां संवेदनशील स्थानों को चिन्हित किया गया है और उसे पूरी तरह से सील किया जाएगा। ऐसे लखनऊ और नोएडा के कुछ इलाकों में पहले ही किया जा चुका है। सीधे कहा जा रहा है कि इस सील का मतलब है कि  आवश्यक सेवाओं को छोड़कर किसी को भी कर्फ्यू पास जारी नहीं किया जाएगा। इन जरूरी सेवाओं के आलावा किसी को भी अपने घर से निकलने की इजाजत नहीं है। इन जिलों की सीमाओं को भी पूरी तरह से सील कर दिया गया है। यहां तक की मीडियाकर्मियों की एंट्री भी बैन करने का विचार हो रहा है। विशेष परिस्थिति में ही केवल इजाजत दी जाएगी।

15 जिलों में कितने केस

आगरा- 64 केस, शामली-17 , मेरठ-35, बरेली-6, कानपुर-8, वाराणसी-9, लखनऊ, बस्ती- 8, गाजियाबाद-23, गौतमबुद्धनगर-58, महाराजगंज-6, सीतापुर-8, बुलंदशहर-8, फिरोजाबाद-7

इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस के कारण देशव्यापी लॉकडाउन से उत्पन्न हालात पर विचार विमर्श के लिए बुधवार को लोकसभा एवं राज्यसभा में विपक्ष समेत विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ बातचीत की.

वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हुई इस बैठक में लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद, राकांपा के शरद पवार, शिवसेना के संजय राउत के अलावा तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंदोपाध्याय, बसपा के सतीश चंद्र मिश्रा, द्रमुक के टी आर बालू, बीजद के पिनाकी मिश्रा, वाईएसआर के मिथुन रेड्डी, सपा के राम गोपाल यादव, जदयू के राजीव रंजन सिंह, लोजपा के चिराग पासवान, अकाली दल के सुखवीर सिंह बादल सहित कई अन्य दलों के नेताओं ने हिस्सा लिया .

प्रधानमंत्री ने संसद के दोनों सदनों में उन दलों के नेताओं के साथ संवाद किया जिनके संसद में पांच से अधिक सांसद हैं .

गौरतलब है कि 24 मार्च से 21 दिनों के लॉकडाउन के बाद प्रधानमंत्री का विपक्षी दलों के साथ यह पहला संवाद है. हालांकि, प्रधानमंत्री ने इस मुद्दे पर 2 अप्रैल को देश के सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से संवाद किया था .

प्रधानमंत्री ने हाल के दिनों में डाक्टरों, पत्रकारों, विदेशों में भारतीय मिशनों के राजनयिकों सहित विभिन्न पक्षकारों से बातचीत की है.

हाल ही में प्रधानमंत्री ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी, द्रमुक प्रमुख स्टालिन सहित कई नेताओं से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये संवाद कर महामारी रोकने के लिये सरकार के प्रयासों की जानकारी दी थी .

मोदी ने पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल, प्रणब मुखर्जी के अलावा पूर्व प्रधानमंत्रियों एच डी देवेगौड़ा और मनमोहन सिंह से भी बात की थी

राज्यों ने लॉकडाउन समय में वृद्धि का प्रस्ताव दिया

सरकार का सोचना है कि इससे स्कूल और कालेज एक तरह से गर्मियों की छुट्टियों को मिलाकर जून के अंत तक बंद रहेंगे। गर्मियों की छुट्टी आम तौर पर मई के मध्य से शुरू हो जाती हैं। जीओएम ने सिफारिश की है कि सभी धार्मिक संगठनों को कोरोना वायरस को रोकने के एहतियाती कदम के तहत 15 मई तक गतिविधियां शुरू करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। जीओएम का गठन देश में कोरोना वायरस के कारण उत्पन्न स्थिति की समीक्षा करने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सुझाव देने के लिए किया गया है।

नई दिल्ली:

भारत में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच देश में लॉकडाउन की समयावधि बढ़ाई जाएगी या नहीं इस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्यों के मुख्यमंत्रियों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासकों और लेफ्टिनेंट गवर्नर से संवाद के बाद फैसला लेंगे। मिली जानकारी के अनुसार शनिवार को मुख्यमंत्रियों, प्रशासकों और लेफ्टिनेंट गवर्नर्स से प्रधानमंत्री मोदी वीडियो कॉंफ्रेंसिंग के जरिए संवाद स्थापित करेंगे।

मुख्यमंत्रियों के साथ पिछली बैठक में पीएम मोदी ने लॉकडाउन हटाने को लेकर सुझाव मांगे थे, जिससे गरीब और प्रवासी श्रमिकों की परेशानी खत्म हो सके। सरकार चरणबद्ध तरीके से लॉकडाउन खत्म करना चाहती है। केंद्र सरकार से जुड़े सूत्रों का कहना है कि केंद्र उन जगहों से प्रतिबंध हटाने को तैयार है, जहां कोविड -19 के मामले नहीं आ रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि कई सचिवों के साथ ही नीति आयोग के शीर्ष अधिकारियों का मानना है कि 15 अप्रैल के बाद भी पूर्ण रूप से लॉकडाउन के चलते अर्थव्यवस्था को काफी नुकसान होगा। वे उन क्षेत्रों में प्रतिबंध खत्म करने के पक्ष में हैं जो ‘रेड जोन’ नहीं हैं।

बता दें कि मौजूदा लॉकडाउन की अवधि 21 दिन की है जो 14 अप्रैल की मध्य रात्रि खत्म हो जाएगी। इससे पहले कई राज्यों ने अपनी चिंता जाहिर की है। बुधवार सुबह 9 बजे स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी किये गये आंकड़ों के अनुसार देश भर में 5194 मामले दर्ज किये गये जिसमें से 4643 केस एक्टिव हैं और 401 मरीज अस्पताल से डिस्चार्ज किये जा चुके हैं। वहीं 149 लोगों की मौत हो चुकी है साथ ही 1 मरीज विदेश शिफ्ट हो चुका है।

बता दें Covid19 से निपटने के लिए गठित मंत्रियों के समूह (GoM) ने 15 मई तक सभी शैक्षणिक संस्थाओं को बंद रखने और लोगों की सहभागिता वाली सभी धार्मिक गतिविधियों पर रोक लगाने की सिफारिश की है। मंत्री समूह का कहना है कि सरकार चाहे 21 दिनों के लॉकडाउन (Lockdown In India) को आगे बढ़ाये या नहीं, लेकिन शैक्षणिक तथा धार्मिक गतिविधियों पर 15 मई तक रोक लगानी चाहिए। आधिकारिक सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। हालांकि देश के कुछ राज्यों ने लॉकडाउन बढ़ाने के संकेत दिए हैं, लेकिन इसपर अभी फैसला नहीं लिया गया है. राजस्थान, मध्य प्रदेश, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, छत्तीसगढ़ लॉकडाउन बढ़ाने के पक्ष में है. महाराष्ट्र ने भी लॉकडाउन बढ़ाने के संकेत दिए हैं, पर कैबिनेट की बैठक में इसपर कोई ठोस फैसला नही हुआ.

मध्य प्रदेश

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लॉकडाउन बढ़ाने का संकेत देते हुए कहा, ‘हमारे लिए जनता की जिंदगी महत्वपूर्ण है. इसलिए #Lockdown और सह लेंगे, अर्थव्यवस्था बाद में भी खड़ी कर लेंगे, लेकिन लोगों की जिंदगी चली गई तो वापस कैसे ले आयेंगे? इसलिए अगर जरूरत पड़ी तो लॉकडाउन को आगे भी बढ़ायेंगे. परिस्थितियां देखकर फैसला करेंगे.’

उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश सरकार ने भी लॉकडाउन बढ़ाए जाने की संभावना से इंकार नहीं किया है. ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा, ‘संवेदनशीलता बढ़ने के कारण 14 अप्रैल के बाद भी लॉकडाउन खुल पाएगा या नहीं, यह अभी कहा नहीं जा सकता है. इस पर कुछ भी कहना, अभी संभव नहीं होगा, क्योंकि लॉकडाउन से जितनी भी व्यवस्था बनाकर केसों को नियंत्रित किया गया है, अगर 1 भी केस प्रदेश में रह जाता है तो लॉकडाउन को खोलना उचित नहीं होगा. लॉकडाउन खुलने से पुनः वही स्थिति आ सकती है.’

तेलंगाना

तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने पीएम मोदी से अपील करते हुए कहा है, ‘जून के पहले सप्ताह तक बढ़ाएं लॉकडाउन, वरना कंट्रोल संभव नहीं. तत्काल सभी सीएम से बात करके लॉकडाउन बढ़ाने को लेकर फैसला करना चाहिए.’ 

पुडुचेरी

पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी नारायणस्वामी ने कहा कि कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में यदि केंद्र सरकार ने लॉकडाउन की अवधि 14 अप्रैल से आगे बढ़ाया तो उनकी सरकार केंद्र सरकार के इस फैसले का समर्थन करेगी.

छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री मोदी को एक पत्र लिखा है. पत्र में उन्होंने पीएम मोदी से अपील करते हुए लिखा है कि यदि 14 अप्रैल से अंतर्राज्यीय आवागमन प्रारंभ किया जाता है तो उसके पहले कोविड-19 का प्रसार रोकने के ठोस उपाय सुनिश्चित किए जाने चाहिए. उन्होंने प्रधानमंत्री से आग्रह किया है कि लॉक डाउन समाप्त होने से पहले इस संबंध में व्यापक विचार विमर्श होना चाहिए.

हरियाणा

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा, ‘हम केंद्र सरकार द्वारा जारी निर्दशों का पालन करेंगे. जैसा हम देख रहे हैं कि कोरोना वायरस की बीमारी दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है, ऐसे में यह अभी कुछ भी कह पाना संभव नहीं है कि हम लॉकडाउन खत्म करेंगे या आगे बढ़ाएंगे.’

महाराष्ट्र

महाराष्ट्र सरकार ने भी इस बात के संकेत दिए हैं कि राज्य में लॉकडाउन की अवधि बढ़ाई जा सकती है, हालांकि अभी कोई निर्णय नहीं हुआ है. महाराष्ट्र कैबिनेट की बैठक में लोकडाउन को लेकर कोई ठोस फैसला नहीं हो सका. सरकार आनेवाले दिनों में स्थिति का जायझा लेकर कोई भी फैसला करेगी. कैबिनेट बैठक में इस बात पर चर्चा हुई कि अगर पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढ़ी तो राज्य में लॉकडाउन रखा जाएगा.’

राजस्थान

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा, ‘राज्य में एक साथ लॉकडाउन नहीं खुलेगा. राजस्थान में 40 जगहों पर कर्फ्यू है. जो भी होगा वो फेज वाइज होगा. इस मुद्दे पर जो भी फैसला लिया जाएगा, वो चर्चा के बाद ही लिया जाएगा.’

दिल्ली

ऐसी खबरें हैं कि दिल्ली में लॉकडाउन की अवधि बढ़ाई जा सकती है, हालांकि आधिकारिक तौर पर इस मुद्दे पर कुछ भी नहीं कहा गया है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के अनुसार, ‘कोरोना को अकेले कोई ठीक नहीं कर सकता है. आज सारी सरकारें टीम की तरह काम कर रही हैं. राजनीति से ऊपर उठकर काम कर रही हैं. सारी राज्य सरकारों को मिलकर काम करना होगा.’

सूत्रों ने बताया कि सरकार का सोचना है कि इससे स्कूल और कालेज एक तरह से गर्मियों की छुट्टियों को मिलाकर जून के अंत तक बंद रहेंगे। गर्मियों की छुट्टी आम तौर पर मई के मध्य से शुरू हो जाती हैं। जीओएम ने सिफारिश की है कि सभी धार्मिक संगठनों को कोरोना वायरस को रोकने के एहतियाती कदम के तहत 15 मई तक गतिविधियां शुरू करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। जीओएम का गठन देश में कोरोना वायरस के कारण उत्पन्न स्थिति की समीक्षा करने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सुझाव देने के लिए किया गया है।

PU-CET (U.G.)-2020 will held on 16th May 2020 instead of 26th April 2020 for admission to B.Pharmacy and B.Sc. Hons.

Chandigarh April 5, 2020

Due to COVID-19 pandemic in the country, the Panjab University, Chandigarh has rescheduled the date of entrance test for PU-CET (U.G.)-2020 as 16th May 2020 instead of 26th April 2020 for admission to B.Pharmacy and B.Sc. (Hons. School), informed Prof Parvinder Singh, Controller of Examinations.

He added that the last date for submission of information on the website to generate the Bank challan has also been extended from 10th April 2020 to 4th May 2020. The candidates can also pay their fee through Net Banking / Debit Card/ Credit Card. After successful online payment, candidate will be able to complete his/her form immediately. Detailed revised schedule is also available on the website. To apply, please visit the website https://cetug.puchd.ac.in

Sanction of Project by MeitY to Team from UIET, PU

Chandigarh April 2, 2020

Ministry of Electronics & Information Technology (MeitY), Government of India has sanctioned research project entitled ‘Multi-Modal Framework for Monitoring Active Fire Locations (AFL) and Precision in Allied Agricultural Activities using Communication Technologies’ with financial outlay of Rs. 81.25 Lacs for two years (2020-2022). The team is led by Professor Harish Kumar, UIET, Panjab University and includes Professor Sakshi Kaushal, Professor Sarbjit Singh, Dr. Akashdeep, Dr. Veenu Mangat, Dr. Mukesh Kumar, and Dr. Preeti.  In execution of the project team is looking forward to rope in Government of Punjab as well as Government of Haryana as the user agency as Stubble burning is one of the major problems being faced by citizens of northern India. It is a precursor to various respiratory disorders like Asthma, skin and eye related diseases, low breathing air quality. Despite Government of India’s initiatives in increasing awareness about this evil, there has been a tremendous increase in the number of such incidents every year. It is pre-dominant in the
Northern states namely Punjab, Haryana. Each year, approximately 10000+ biomass burning related fires per week are reported during the harvesting season. Although various governments are making sustainable
efforts to curb this menace but lack of single system that can integrate detection, alerting, report filing, monitoring and best practices, is still far from reality.

Project aims to utilize innovations in the field of communication technologies like IoT, machine learning and digital world, to propose a single system that is capable of performing various tasks involved in detection, surveillance and monitoring of Active Fire Locations. Data captured from satellite will be exploited to identify Active Fire locations. In order to improve the preciseness of identified locations, machine learning techniques will be employed for generating a mapping between locations extracted using satellite data and actual on-field locations captured by field visits (Ground Truths). The integration of data captured by various sensors and the learnt mapping will greatly aid in reaching out to actual real time location of AFL.  It will also act as Command and Control center to bridge the gap between farmers and various agencies involved in best practices for
crop residue management by providing a common interactive platform.

UBS Conducting Online Teaching

Chandigarh March 30, 2020

Keeping in mind the situation developed as a result of COVID-19, Dr Tejinder Pal Singh, Associate Professor,University Busines School, Panjab University Chandigarh  has scheduled  PhD-2(Econometric
Methods-PhD 9204) classes online .

Similarly, Dr Neha Gulati , Assistant Professor is also ensuring that students are engaged academically during the lock down period.

She is conducting online classes, Quiz Test , Descriptive Test through following options:

1. Google Classroom :
It has been used to send study material including pdf, ppt, web resources, to answer student queries, to conduct online synchronous test both Quiz and Descriptive. Till date 2 Quiz and 1 Descriptive test has been conducted with 100% student participation.

Test 1 conducted on 17 March,2020
Test 2 conducted on 24 March,2020
Test 3 scheduled on 31 March, 2020

2. Online videos and Study Material:
Study material has been also been shared amongst students through personal online videos created using OBS TOOL.

3. Assignments submitted Online :
Students have submitted assignments online and these have been evaluated online using Rubrics in Google Classroom.

4. Students have been encouraged to create their own videos for topics assigned so that it becomes easy for others to understand the concept. These are regularly being shared amongst the class.

5. Open Book Test are being conducted to keep them connected academically.

It is ensured  that in this period of hardship,  UBS students would make all  proud by their achievements.

शिक्षकों के प्रति असंवेदनशील है खट्टर सरकार

सारिका तिवारी, पंचकूला 19 मार्च:

पिछले 6 साल से अपनी अपनी नियुक्ति की बाट जोह रहे पीजीटी संस्कृत शिक्षक अपनी मांग को लेकर पिछले 5 दिन से आमरण अनशन पर बैठे हैं लेकिन प्रदेश सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही। एक और कोरोना वायरस की दहशत की वजह से सभी शिक्षण संस्थान ,मॉल ,रेस्टोरेंट बंद कर दिए गए हैं दूसरी ओर अपनी मांगों को लेकर अपने घर से दूर अपने छोटे-छोटे बच्चों के साथ आमरण अनशन पर बैठे शिक्षकों में महिलाएं भी हैं जिनकी स्वास्थ्य स्थिति बिगड़ती जा रही हैं। अगर सरकार ने समय रहते इस पर ध्यान ना दिया तो परिस्थिति बद से बदतर हो सकती है। मौजूदा हालात में सरकार एक ऒर एक जगह पर लोगों के इकट्ठा होने पर सरकार पाबंदी लगा रही है तो दूसरी और इन हड़ताली अभ्यार्थियों के प्रति संवेदनहीनता सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती बन कर खड़ी हो सकती है।

रोहतक से आए अभ्यार्थी विनोद कुमार ने सरकार की कड़ी भर्त्सना करते हुए कहा एक तरफ संसद में 3 केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय खोलने के लिए विधेयक लाया गया है दूसरी ओर राज्य सरकार का संस्कृत के प्रति रवैया इस सरकार का दोगलापन दर्शाता है। वर्ष 2015 से शुरू हुई नियुक्ति प्रक्रिया का परीक्षा परिणाम1 जनवरी 2019 को घोषित किया गया जिसमें 523 विद्या अभ्यार्थी चयनित किए गए लेकिन अभी तक उन्हें ज्वाइन नहीं करवाया गया। आपको बता दें इन 523 चयनित अभ्यर्थियों में 400 महिला पीजीटी है जिन्हें अपने अधिकार के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है जोकि सरकार के बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान को मुंह चढ़ा रहा है।

गुजरात विष्वविद्यालय में NSUI की रेकॉर्ड तोड़ जीत और प्रोफेसरों को जान से मारने की धमकी और रिकार्ड तोड़ गालियां

गुजरात यूनिवर्सिटी सीनेट चुनाव जितने के बाद यूँ लग रहा है मानो NSUI (कॉन्ग्रेस का छात्र संगठन) के लोग इस जीत को हज़म नहीं कर पा रहे हैं। बता दें कि हाल ही में गुजरात यूनिवर्सिटी सीनेट में एनएसयूआई की बड़ी जीत हुई थी और मीडिया ने भी इसे बढ़ा-चढ़ा कर पेश किया था। ये एक ऐसी ख़बर है जिसे स्थानीय मीडिया से लेकर राष्ट्रीय मीडिया में खूब तवज्जो मिली। चुनाव जीतने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर कॉन्ग्रेस की वाहवाही भी हुई लेकिन इस खबर का दूसरा हिस्सा हम तक नहीं पहुँचा या पहुँचाया नहीं गया। इसे जानने के बाद आपको इस बात का अंदाज़ा हो जाएगा कि आने वाला समय गुजरात यूनिवर्सिटी के छात्रों, प्रोफ़ेसरों के लिए कितना भयानक है!

कॉल के दौरान NSUI के गुंडे लगातार कह रहे थे कि “रिकॉर्ड कर और जिसको बताना है, बता देना।” उनके ऐसा कहने से समझा जा सकता है कि इन गुंडों की हौसलाबजाई के पीछे एक पूरा सिस्टम काम कर रहा है। और इसी सिस्टम के बूते ये लोग यूनिवर्सिटी कैंपस में वीभत्स भाषा, गाली-गलौच एवं जान से मारने की धमकियाँ दे रहे हैं, खुल्लम-खुल्ला बगैर किसी डर के!

जीत के नशे में मदहोश NSUI के नेता डॉ. इन्द्रविजय सिंह गोहिल, अहर्निश मिश्रा, सिद्धराज सिंह चौहान ने यूनिवर्सिटी के दो प्रोफ़ेसरों डॉ. अतुल ऊनागर एवं डॉ. मुकेश खटीक को कॉल-मेसेज कर करियर ख़त्म करने, चाकू गोदने, हाथ-पैर-जबड़ा तोड़ देने की धमकियों के साथ असंख्य बार माँ-बहन की गालियाँ सुनाई। साथ ही पी.एच.डी की छात्रा के लिए बारंबार र$# जैसे आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग करने से भी गुरेज़ नहीं किया। डॉ. अतुल ने अपनी समझ से अहर्निश मिश्रा एवं सिद्धराज सिंह चौहान के कॉल को रिकॉर्ड कर लिया जिसके बाद यह मसला सबके सामने आया है। पूरी रिकॉर्डिंग के दौरान बारंबार ये गुंडे प्रोफ़ेसर लगातार माँ-बहन की गालियाँ देते हुए सुनाई देते हैं।

कॉल के दौरान NSUI के दोनों नेता जब लगातार माँ-बहन की गालियाँ बरसा रहे थे तब डॉ.अतुल कह रहे थे कि “आपको शुभकामनाएँ, खूब काम करो, खूब विकास करो, माँ-सरस्वती आपके मुख पे बिराजमान हो, माँ-सरस्वती आपको खूब-खूब ज्ञान दें!” इस दौरान NSUI नेता अहर्निश मिश्रा बार-बार प्रोफ़ेसर पर यह बोलने का भी दबाव बना रहा था कि “बोल, मैं अतुल, मेरी माँ का भो#$@।” चूँकि डॉ. अतुल गुजरात यूनिवर्सिटी में संस्कृत के प्रोफेसर हैं, इसलिए कॉल के दौरान संस्कृत भाषा का मज़ाक उड़ाते हुए बैकग्राउंड में एक पूरा समूह चटख़ारे ले रहा था- ये साफ़ सुना जा सकता है।

गुजरात में लोकल टीवी चैनलों में इस विडियो का खूब प्रसार हुआ

पोलिटिकल साइंस के प्रोफेसर डॉ. मुकेश खटीक को भी NSUI नेता डॉ. इन्द्रविजय सिंह गोहिल ने व्हाट्सप्प पर माँ-बहन की गालियाँ देकर चाकू गोदकर मारने की धमकियाँ दी। इस वाकये के बाद दोनों प्रोफेसरों ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई। NSUI की गुंडागर्दी के इस पूरे वाकये के बाद डॉ. अतुल ने कहा:

“अत्यधिक भय का माहौल है। उनके द्वारा मुझे कई तरीकों से शारीरिक एवं मानसिक नुकसान पहुँचाए जाने की आशंका है। मैं बहुतों की आवाज़ हूँ। ईश्वर से मुझे सत्य के मार्ग पर आगे बढ़ने की प्रेरणा मिली है लेकिन यदि इस प्रेरणा का परिणाम नहीं मिलता है तो गुंडे-माफ़ियाओं को और ताक़त मिलेगी। मुझे व्यक्तिगत नुकसान होगा तो आगे असत्य के विरोध में आवाज़ उठाने की हिम्मत करने से लोग डरेंगे।”

गुजरात यूनिवर्सिटी सीनेट चुनाव में NSUI की जीत के तुरंत बाद जिस प्रकार से ‘डर का माहौल’ बनाया गया है, इस पर ‘गुजरात यूनिवर्सिटी शैक्षिक संघ’ ने कुलपति को आवेदन देकर कैंपस को भयमुक्त करने की बात कही है। अब देखना ये है कि इस मामले में यूनिवर्सिटी और पुलिस-प्रशासन क्या कार्रवाई करता है क्योंकि यहाँ प्रोफेसरों की जान का सवाल है।