PU’s Sanskrit department holds two special lectures

Demokratic Front, Chandigarh, 28      September :

Panjab University’s Sanskrit department held two special lectures today on 29.9.23, titled ‘Rishi Dayanand Ka Shiksha chintan’ and ‘Directions and Opportunities in the field of Sanskrit’. The former was held under the celebration of 200th birth anniversary of Swami Dayanand Saraswati, whereas the latter was held in collaboration with PU’s Central Placement Cell. Teachers, research scholars and students of the department attended these lectures.

Speaker of the first lecture was Dr. Pushpinder Joshi, chairperson of the department of Sanskrit and Pali, Punjabi University, Patiala. Dr. Joshi told the audience about Rishi Dayanand Saraswati’s ideas and philosophy with regards to education. He said, “Rishi Dayanand was in favour of both Vedic and modern education, a fruit of which are the DAV institutions.” Dr. Joshi also told how Swami Dayanand Saraswati stood up for female education and laid emphasis on collective development.

In the second special lecture, which was held in collaboration with the Central Placement Cell of the Panjab University, Dr. Joshi made the audience aware about the traditional as well as the newer opportunities and directions of livelihood in the field of Sanskrit. He told the audience that Government of India and its bodies like UGC, are laying great emphasis on the study and teaching of Indian Knowledge Systems (IKS), which is going to open a lot of job opportunities for Sanskrit students.

Prof. Meena Sharma, Director of PU’s Central Placement Cell, introduced the students of Sanskrit department with the various activities and services which the cell provides for the students with regards to placement and employability enhancement. Prof. Sharma laid emphasis on the combination of academic expertise and soft skills.

Academic incharge of Sanskrit department, Prof. V. K. Alankar said in the closing remarks, “opportunities are only for those who excel in their fields and have necessary soft skills.”             Prof. Alankar gave a vote of thanks to the speakers, organisers and participants.

UIFT conducts Workshop on Qualitative analysis through Atlas ti

Demokratic Front, Chandigarh, 28      September :

University Institute of Fashion Technology & Vocational Development, Panjab University,  conducted a workshop on ‘Qualitative analysis through Atlas ti’ on 29th September 2023. This workshop was conducted by Dr. Kavita Jarodia, an anthropologist and a senior Associate, Clinical Outcomes Assessment at Parexel International India Pvt. LTD. This workshop drew 34 participants- Faculty, Research scholars, masters’students from Department of Public health, Department of Anthropology, Department of Laws and UIFT & VD.

The resource person emphasised the importance of using software for analysis of research work. The session further moved on analysing qualitative data analysis by using Atlastisoftware. Dr.Kavita elaborated various aspects related to qualitative analysis-  developing extensive codebook structures, making transcripts and conducting clinical and in-depth interviews and contributing to the technical reports. She further made the participant understand the value of making a good code book. As she is familiar with new trends for data analysis in real-world settings, she emphasised that the New researchers should get familiarized with new tools and techniques used in Industry to make data look technical and more transparent to big agencies who deal with structured and non-structured interviews for data collection.

The session was enriching that was filled with many queries from the participants, which were answered citing real world examples by the resource person. Many participants felt  that such software can help them understand and carry their research in more depth. Dr Ramandeep Bawa, Guest Faculty, UIFT & VD coordinated the workshop.

केंद्र पंजाब यूनिवर्सिटी के अनुदान जल्द से जल्द जारी करे

पंजाब यूनिवर्सिटी का पंजाब के लोगों के साथ गहरा सम्बन्ध है

राकेश शाह, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ – 27 सितम्बर :

पंजाब यूनिवर्सिटी का पंजाब के लोगों के साथ गहरा सम्बन्ध है विभाजन के बाद यह लाहौर से पंजाब के होशियारपुर और फिर हमारी राजधानी चंडीगढ़ आकर स्थापित हुई। पंजब के मुख्य्मंत्री भगवंत सिंह मान ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से कहा अनुदान राशि जल्द से जल्द जारी की जाए।

साल 1966 में पुनर्गठन एक्ट के बाद पंजाब यूनिवर्सिटी चार हिस्सेदारों जैसे कि केंद्र, पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश के साथ अंतर- राज्यीय बॉडी कॉर्पोरेट बन गई। यूनिवर्सिटी के खर्चे केंद्र (40 प्रतिशत) के साथ तीन हिस्सेदार राज्यों ( 20:20:20) द्वारा बराबरी में साझे किए जाने थे। उन्होंने कहा कि हरियाणा और हिमाचल प्रदेश राज्यों ने क्रमवार साल 1973 और 1975 में पंजाब यूनिवर्सिटी से अपने कॉलेज वापस ले लिए और अपनी यूनिवर्सिटियाँ स्थापित कर लीं और पंजाब यूनिवर्सिटी को फंड देना बंद कर दिया।

भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह केवल पंजाब ही है जिसने पिछले 50 सालों से इस यूनिवर्सिटी को मदद दी और इसके प्रसार में योगदान दे रहा है। अब इस पड़ाव पर हमें यह समझ नहीं आ रहा है कि हरियाणा अपने कॉलेजों को पंजाब यूनिवर्सिटी के साथ क्यों जोडऩा चाहता है, जबकि वह पहले ही कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी, (A+ NAAC मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी) के साथ पिछले 50 सालों से मान्यता प्राप्त है। उन्होंने सवाल किया कि पिछले 50 सालों से पंजाब यूनिवर्सिटी को नजरअन्दाज करने वाले हरियाणा के लिए अब इसकी मान्यता प्राप्त करने के लिए कौन से हालात बदल गए हैं? भगवंत सिंह मान ने कहा कि जहाँ तक पंजाब यूनिवर्सिटी के फंडों का सम्बन्ध है, पंजाब ने हमेशा यूनिवर्सिटी को वित्तीय सहायता दी है और भविष्य में भी पंजाब यूनिवर्सिटी को आपसी सलाह-मश्वरे की प्रक्रिया के अंतर्गत ज़रुरी फंड मुहैया करवाने के लिए वचनबद्ध है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब यूनिवर्सिटी को साल 2017 में भारत सरकार द्वारा अंतिम रूप में दिए संशोधित फॉर्मूले के अनुसार ग्रांट-इन-एड प्रदान करने की वचनबद्धता को पंजाब सरकार द्वारा पूरा किया गया, जिसके अंतर्गत 188.31 करोड़ रुपए के बकाया हिस्से के विरुद्ध सरकार ने 2022-23 तक 261.96 करोड़ रुपए जारी किए हैं, जिससे न केवल घाटे को पूरा किया जा सके, बल्कि पंजाब यूनिवर्सिटी के कांस्टीचूऐंट कॉलेजों के लिए अतिरिक्त अनुदान की व्यवस्था भी की जा सके। उन्होंने बताया कि साल 2023-24 के लिए उन्होंने सरकार ने बजट में 47.06 करोड़ रुपए मंज़ूर किये थे, परन्तु ग्रांट-इन-एड को बढ़ाकर 94.13 करोड़ रुपए कर दिया, जिससे यूनिवर्सिटी द्वारा यू.जी.सी. स्केलों को लागू करने के कारण वेतन में वृद्धि को लागू किया जा सके। भगवंत सिंह मान ने कहा कि सरकार ने दो नये होस्टल बनाने के लिए पंजाब यूनिवर्सिटी के लिए 48.92 करोड़ रुपए मंज़ूर किये। एक होस्टल लडक़ों के लिए और दूसरा लड़कियों के लिए बनना है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वैसे तो पंजाब ने अपनी वचनबद्धता को पूरा किया है परन्तु केंद्र सरकार ने यू.जी.सी. स्केलों को अपनाने के कारण पंजाब यूनिवर्सिटी को 51.89 करोड़ रुपए की बढ़ी हुई ग्रांट-इन-एड के हिस्से को अभी तक मंज़ूरी नहीं दी। उन्होंने गृह मंत्री से अपील की कि इस अतिरिक्त अनुदान को जल्दी से जल्दी जारी किया जाये। उन्होंने पंजाब सरकार के स्टैंड को दोहराते हुए कहा कि पंजाब यूनिवर्सिटी हमारी यूनिवर्सिटी है और हम भविष्य में भी इसकी सहायता और फंड जारी रखेंगे।

UIPS Celebrated The World Pharmacists Day

Demokratic Front, Chandigarh, 25 September :

UIPS CELEBRATED THE WORLD PHARMACISTS DAY

University Institute of Pharmaceutical Sciences, Panjab University in collaboration with Rotaract Club of Silvercity Midtown, Chandigarh organized a talk on “Organ Donation” to celebrate World Pharmacists Day with the theme “Pharmacists: Strengthening Health System: Angdan Mahadan” on 25 September 2023. World Pharmacists Day is observed globally on 25th September every year to draw attention to pharmacies pharmacists and the positive benefits they offer when it comes to health. Professor Anil Kumar Chairperson, UIPS extended a cordial welcome and emphasized on the different roles of pharmacist and pharmacy professionals  in health care system.

Ms Saryu D. Madra, Consultant (IEC/Media) with Regional Organ & Tissue Transplant Organization, (ROTTO) PGIMER and a proud alumnus of Mass Communication and Journalism Panjab University Chandigarh delivered a talk.  At the onset she sensitized the audience by statement that Organ donation is not just a noble act; it’s a lifeline for those who are waiting for a second chance to save their life. Ms Madra discussed the legalities involved and cleared various myths about organ donation. She motivated the audience to adopt healthy life style to donate healthy organs. The session was concluded with overwhelming responses from the audience.

अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ( ABRSM)

विनोद कुमार/परमजीत कुमार, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ – 22 सितम्बर :

 इस वर्ष का शिक्षा भूषण सम्मान प्रो मीनाक्षी जैन, प्रो कुलदीप चंद अग्निहोत्री एवं डॉ संजीवनी केलकर को दिया जाएगा ।

शैक्षिक फाउंडेशन और अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ की ओर से शिक्षा और समाज जीवन के क्षेत्र में असाधारण और उल्लेखनीय कार्य करने वाले तीन शिक्षाविदों को प्रतिवर्ष दिए जाने वाला प्रतिष्ठित शिक्षा भूषण सम्मान इस वर्ष प्रो मीनाक्षी जैन दिल्ली, प्रो कुलदीप चंद अग्निहोत्री हिमाचल प्रदेश एवं डॉ संजीवनी केलकर महाराष्ट्र को देने की घोषणा की गई है , यह सम्मान 2 अक्टूबर को नागपुर में आयोज्य एक भव्य समारोह में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह श्री दत्तात्रेय होसबले एवं आध्यात्मिक गुरु स्वामी चिदानंद मुनि द्वारा प्रदान किया जाएगा , कार्यक्रम में शैक्षिक महासंघ के संगठन मंत्री श्री महेंद्र कपूर, सह संगठन मंत्री श्री गुंथा लक्ष्मण , वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री महेन्द्र कुमार एवं देश के विभिन्न राज्यों से विद्यालय एवं उच्च शिक्षा के शिक्षक उपस्थित रहेंगे,

उल्लेखनीय है कि अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ राष्ट्रीय विचारों से प्रेरणा ले कर पूर्व प्राथमिक से विश्वविद्यालय तक के 12 लाख से अधिक शिक्षकों का 35 वर्षो से निरंतर कार्यरत संगठन है, 2015 से महासंघ के द्वारा शिक्षा और समाज  हेतु प्रेरणीय एवं उल्लेखनीय कार्य करने वाले शिक्षाविदों का सम्मान करने हेतु ‘ शिक्षा भूषण ‘ अखिल भारतीय शिक्षक  सम्मान के अंतर्गत प्रशस्तिपत्र, रजत चिन्ह और 1 लाख की राशि देने की परंपरा बनी हुई है , इस सम्मान हेतु  देशभर से ऐसे शिक्षाविदों की खोजबीन कर नामित किया जाता है जिन्होंने संपूर्ण जीवन शिक्षा और समाज के उत्थान के लिए भारतीय गुरु परंपरा के प्रकाश में समर्पित किया है ,

इस वर्ष के शिक्षा भूषण सम्मान हेतु चयनित व्यक्तित्व*

व्यवसाय से मूलतः चिकित्सक डॉ. संजीवनी केलकर ने दलित बस्तियों के गरीब बच्चों के पठन-पाठन की सामग्री का वितरण कर ,उनमें शिक्षा, स्वच्छता और कर्म योग की अलख जगाकर नेतृत्व क्षमता विकसित करने का सर्वोतम कार्य किया है, डॉ. केलकर का संपूर्ण जीवन शिक्षा से वंचित वर्ग के बालकों को बेहतर शिक्षा दिलाकर बेहतर नागरिक बनाने में ही समर्पित रहा है, शिक्षा को ही जीवन का आधार मानने तथा शिक्षा को  अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाने का जीवनसूत्र मानने वाली डॉ. केलकर ने जीवन भर अपने विचार और व्यवहार में समानता प्रदर्शित की है, संजीवनी केलकर ने ग्रामीण महिलाओं के सशक्तीकरण में भागीदारी करते हुए आर्थिक रूप से पिछड़े क्षेत्रों में लगभग 12000 विद्यार्थियों का स्थानीय भाषा (मराठी) माध्यम से शिक्षा व्यवस्था, जल संकट से ग्रस्त क्षेत्र में लगभग 45000 लोगों को क्षमता के जल संरक्षण हेतु टैंकों का निर्माण और टैंकों में जल भराव की समुचित व्यवस्था का बीड़ा उठाया है, 

डॉ. मीनाक्षी जैन मध्यकालीन और औपनिवेशिक भारत की एक प्रसिद्ध इतिहासकार हैं, भारतीय संस्कृति के आधार राम और उनकी साकेत नगरी अयोध्या पर सूक्ष्म और परिष्कृत कार्य करने वाली राजनीतिक विज्ञान की शिक्षिका तथा इतिहासकार, औपनिवेशिक भारत में सती प्रथा के उन्मूलन के साथ सुधारवाद की साधिका, डॉ जैन ने अनेक पुस्तकों का लेखन किया है, डा जैन ने सती प्रथा पर असाधारण कार्य किया और निष्कर्ष दिया कि ब्रिटिश सरकार ने भारत में सती प्रथा को बढ़ा चढ़ा कर गलत ढंग से प्रस्तुत किया, 2020 में भारत सरकार ने भारत के चौथे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार ‘पद्मश्री’ से  डा जैन को सम्मानित किया, भारतीय जीवन दृष्टि, भारतीय सभ्यता और भारतीय चिंतन पर मौलिक विचारों को डा मीनाक्षी जैन ने स्थापित किया है,

प्रो. कुलदीप चंद अग्निहोत्री  सीमांत तथा पर्वतीय प्रदेशों के समग्र अध्येता, हिंदी भाषा और साहित्य के मूर्धन्य मनीष, सचेतन साहित्यकार, भारतीय संस्कृति के प्रबल साधक, राष्ट्रवादी विचारक, प्रखर विधि विशेषज्ञ और मानवता के प्रबल पक्षधर रहें हैं, प्रो. अग्निहोत्री को भारत तिब्बत सहयोग मंच के संयोजक के रूप में ‘ तिब्बत को चीन से मुक्ति’ आंदोलन का नेतृत्व करने पर एवं आपातकाल में बंदी बनाया गया था, आपने पूर्व में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में अंबेडकर पीठ के चेयरपर्सन, विश्वविद्यालय के धर्मशाला स्थित केंद्र में निदेशक और हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय में कुलपति के रूप में अनुकरणीय कार्य किया है, अब तक उनकी 16 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं, प्रो. अग्निहोत्री को केंद्रीय हिंदी संस्थान आगरा द्वारा साहित्य सेवाओं के लिए सम्मान, उत्तर प्रदेश के हिंदी संस्थान द्वारा  ‘साहित्य भूषण सम्मान,’ मध्य प्रदेश सरकार द्वारा श्री गुरु नानक देव जी के साहित्य और जीवन पर लिखी पुस्तक के लिए विष्णु प्रभाकर पुरस्कार तथा भारत सरकार एवं फिजी सरकार द्वारा विश्व हिंदी सम्मेलन में ‘विश्व हिंदी सम्मान’ से सम्मानित किया गया है।

22 सितंबर को होंगे दिल्ली विश्वविद्यालय चुनाव,कांग्रेस की रणनीति तैयार

कोशिक खान, डेमोक्रेटिक फ्रंट, यमुनानगर – 20 सितम्बर :

दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ के चुनाव को लेकर कांग्रेस ने पूरी तैयार कर ली है। जिसको लेकर राज्यसभा सांसद भाई दीपेंद्र सिंह हुड्डा के दिल्ली आवास पर एनएसयूआई पदाधिकारीयों की एक विशेष बैठक बुलाई। इस बैठक की अध्यक्षता प्रभारी एनएसयूआई  कन्हैया कुमार ने की।इस दौरान हाजी फहीम प्रभारी हरियाणा अल्पसंख्यक विभाग भी अपनी पूरी टीम के साथ मौजूद रहे।

बता दें कि 22 सितंबर को होने वाले चुनाव में जीत के लिए कांग्रेस पार्टी ने पूरी ताकत लगा दी है। पार्टी से जुड़े छात्र संगठन एनएसयूआई के पदाधिकारी गुड़गांव, फरीदाबाद, रेवाड़ी, नारनौल, रोहतक,मेवात व पलवल जिले के उन छात्रों से संपर्क कर रहे हैं जोकि दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र हैं। जिसको लेकर दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने पदाधिकारीयों की ड्यूटियां भी लगा दी है।

उन्होंने सभी से अपील की है कि दिल्ली विश्वविद्यालय DUSU चुनावों में NSUI के उम्मीदवारों का समर्थन करें। NSUI पैनल मतदान संख्या 4-1-6-5 है।

राज्य सभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि एनएसयूआई के छात्रों को हॉस्टल, मुफ्त मेट्रो पास सहित कई मुद्दों को अपने घोषणा पत्र में शामिल किया जाएगा। हाजी फहीम प्रभारी हरियाणा ने बताया कि छात्र संगठनों में 22 सितंबर को होने वाले छात्र संघ चुनाव में सभी साथी मेहनत करें।

एन एस यू आई के उम्मीदवार …

  1. हितेश गुलिया – 4 – अध्यक्ष
  2. अभी दहिया – 1 – उपाध्यक्ष 
  3. यक्षणा शर्मा – 6 – सचिव 
  4. शुभम कुमार – 5 – सयुंक्त सचिव 

कांग्रेस माइनॉरिटी डिपार्टमेंट के हरियाणा प्रभारी हाजी फहीम ने बताया कि कांग्रेस की छात्र इकाई नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया ने 22 सितंबर को होने वाले दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव के लिए उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। उन्होंने बताया कि विधि अंतिम वर्ष के छात्र हितेश गुलिया को दिल्ली विश्वविद्यालय अध्यक्ष पद के लिए उम्मीदवार बनाया गया है। अभी दहिया को उपाध्यक्ष का उम्मीदवार बनाया है, वही एनएसयूआई की तरफ से 24 वर्षीय यक्षणा शर्मा सचिव पद के लिए उम्मीदवार होंगी शुभम कुमार संयुक्त सचिव पद के उम्मीदवार होंगे। उन्होंने बताया कि यह चुनाव चार वर्ष के अंतराल के बाद 22 सितंबर को हो रहे हैं। इससे पहले 2019 में चुनाव हुए थे।

Communication Strategies for Changing Times: A Panel Discussion

Demokratic Front, Chandigarh, 14  September :

The annual Industry Academia Expert Lecture Week organized by the Centre of Management and Humanities (CMH) under the aegis of Punjab Engineering College (PEC), Chandigarh touched its fourth day on September 14, 2023, with a distinct event: A panel discussion on “Communication Strategies for Changing Times”. The panel consisted of accomplished experts and thought leaders in the field of communication, representing diverse perspectives and backgrounds, and was moderated by Dr. Jaidev Bishnoi a faculty at CMH. Representing the area of public relations was Ms. Renuka Salwan (Former Director, Public Relations at the Bureau of Indian Standards, also Former Director Public Relations, Panjab University Chandigarh); Consulting and Human Resources was Mr. Abhishek Gupta (Vice President-Chandigarh Management Association, Chandigarh, Associate Director –Consulting LTIMindtree), and corporate training field was Mr. Manish Sharma (Founder and CEO, Mansha Training & Development Consultants, Chandigarh).


A floral welcome by Dr. Anju Singla, Head, CMH commenced the event. Sharing their views on the topic, Ms. Renuka Salwan highlighted effective communication as a game changer. She mentioned that with the information explosion and the current digital highway; it is a must pitch for oneself proficiently. Students need to embark on a path of self-development and understand the importance of networking as future professionals. Associating with a a professional body, identifying a mentor, and attending professional events are some ways of augmenting a professional network and forums to personally brand yourself. Ms. Salwan also emphasized the importance of empathy in communication.


Mr. Abhishek Gupta shared some novel trends in recruitment like gamification, using video resumes and multimedia to filter potential candidates, and how students can devise communication strategies in all forms of communication oral, written, and non-verbal to be employable. Technology today has not only made professional communication easier but also increased access across all tiers of an organization. Hence, he focussed that merely the knowledge of language is not significant in communication, nor is speaking up all the time.
What is essential is speaking at the right time with notable and valid contributions as there may be no retakes. Surprising as it may seem, Mr. Gupta shared that silence can be a part of communication too!


The interaction with Mr. Manish Sharma started on a vibrant note with his personal story emphasizing that rejection is not permanent but the start of something new. Perspectives are important and how a leader communicates and shares these are critical. Mr. Sharma talked  about the 3 Cs of communication: Content – what needs to be communicated, Channels – how it reaches its targeted audience, and   Consistency – continuous and coherent, and shared practical tips about how to improve communication skills. He shared how leaders can communicate to motivate their teams.


The discussion enthralled the entire hall packed with more than 300 students across all semesters of B.Tech, M.Tech and Ph.D. programs. With numerous questions and answers, the panel discussion concluded with Head, CMH urging the students to take inputs from today’s session and plan a path of upskilling for each one of them.

पंजाब विश्वविद्यालय छात्र संघ के नवनियुक्त महासचिव दीपक गोयत को जजपा नेताओं ने किया सम्मानित

संदीप सैनी, डेमोक्रेटिक फ्रंट, पंचकुला – 12 सितम्बर :

आज जजपा पंचकूला के पूर्व  शहरी जिला अध्यक्ष एवं प्रदेश प्रवक्ता ओ पी सिहाग व जजपा के दूसरे वरिष्ठ पदाधिकारियों द्वारा पिछले दिनों पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ के छात्र संघ के चुनाव में सबसे ज्यादा मत प्राप्त करके महासचिव के पद पर चुने गए दीपक गोयत को अपने सेक्टर 12 कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में सम्मानित किया। इस अवसर पर ओ पी सिहाग ने  बुक्का भेंट करके, शाल उढाकर व मुहँ मीठा कराकर दीपक को सम्मानित किया।  ओ

पी सिहाग ने कहा कि पी यू छात्र संघ के चुनाव में जजपा की छात्र विंग इनसो की लगातर इसी पद पर बड़े मार्जिन की जीत ने इस बात पर मोहर लगा दी युवाओ व छात्रों में हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला व इनसो के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष दिग्विजय सिंह चौटाला के प्रति जबरदस्त क्रेज है तथा उन दोनों का जादू  छात्रों व युवाओ के सिर चढ़कर बोल रहा है। ओ पी सिहाग जो 1980 दशक के हरियाणा के प्रमुख छात्र नेता रहे हैं तथा 1982 में हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार स्टूडेंट्स यूनियन के अध्यक्ष रहे हैं, ने दीपक गोयत को बधाई देते हुए भविष्य की शुभकामनाएं दीं तथा उम्मीद जतायी कि वो छात्र हितों की लड़ाई हमेशा लड़ते रहेंगे तथा विश्वविधालय में अच्छा शैक्षणिक माहौल बनाने में कामयाब होंगे ।

   इस  अवसर पर पंजाब विश्वविद्यालय छात्र संघ के नवनिर्वाचित महासचिव दीपक गोयत व पूर्व महासचिव प्रवेश बिश्नोई जो इस कार्यक्रम में उपस्थित थे ने सभी वरिष्ठ जजपा नेताओं को विश्वास दिलाया कि वो अच्छे विजन के साथ अपनी जिम्मेदारियों को निभाएंगे, छात्र हित हमेशा उनके लिए सर्वोपरि रहेंगे । इसके साथ वो इनसो को भी कैम्पस में मजबूत बनाने के लिए पूरी मेहनत करेंगे। उन दोनों ने सभी जजपा के पदाधिकारियों का उनको मान सम्मान देने पर धन्यवाद किया।

इस कार्यक्रम में जजपा के वरिष्ठ नेता बुद्धिजीवी प्रकोष्ठ के जिला संयोजक के सी भारद्वाज, पार्षद राजेश निषाद, वरिष्ठ नेता सुरिन्दर चड्डा, आर पी यादव, राजिंदर मेहरा,  डॉ आर के रंगा, मोहन लाल, विनोद सैनी,जगदीश तंवर, सूखी कोच,हीरा मन वर्मा, धीर सिंह गोयत, भागसिंह, सचिन सिहाग, बलदेव नेहरा आदि हाजिर थे।

पं. विष्णु दिगंबर पलुस्कर की 150वीं जयंती व गंधर्व महा-विद्यालय, पंचकूला के 75 वर्ष पूरे होने पर भव्य संगीत कार्यक्रम का आयोजित

चंडीगढ़ 8 सितम्बर 2023ः 

शास्त्रीय संगीत के महान दिग्गज पं. विष्णु दिगंबर पलुस्कर की 150वीं जयंती तथा गंधर्व महा-विद्यालय,  पंचकूला  के स्थापना के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में गंधर्व महा-विद्यालय, पंचकुला द्वारा टैगोर थिएटर में संगीत संध्या का आयोजन किया गया। 
इस अवसर पर हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय मुख्य अतिथि थे। संगीत संध्या में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसित तबला वादक पंडित योगेश समसी ने अपने तबले के थाप व हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत गायक डॉ. आदित्य शर्मा ने अपने मधुर गायन से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। 

कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि और अन्य विशिष्ट अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलित कर की गई। जिसके उपरांत गंधर्व महा-विद्यालय, पंचकूला के संगीत विद्यार्थियों ने राग हंसध्वनि में दो रचनाएं ’मां शारदे वुड्यादानी’ और ’मंगला नारायणी’ सुंदर प्रस्तुति देकर श्रोताओं का मन मोह लिया। जिसके बाद विद्यार्थियों द्वारा पंडित विष्णु दिगंबर पलुस्कर द्वारा रचित गुरबाणी का एक प्रसिद्ध शबद ’साधो मन का मान त्यागो’ श्रोताओं के समक्ष प्रस्तुत किया। इन वस्तुओं को प्रस्तुत करने वाले महा-विद्यालय के छात्र थे- त्रिष्या, हिमांगी, मीनाक्षी, ऋतविक, प्रबल, वाणी। गायन के दौरान साथ हारमोनियम पर राहुल और तबले पर अमन ने संगत की। 

इस अवसर पर हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत गायक डॉ. आदित्य शर्मा, जो महा-विद्यालय परिवार की तीसरी पीढ़ी का प्रतिनिधित्व करते हैं, ने राग भूपाली में पंडित विष्णु दिगंबर पलुस्कर की पारंपरिक रचना ’जब ही सब निरपात भयी’ को धीमी ख्याल में प्रस्तुत किया और जिसके बाद उन्होंने ताल तिलवाड़ा में निबद्ध रचना ’जब से तुम संग लगी’ सुनाकर श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया। उन्होंने अपने गायन का समापन तराना के साथ किया। इस दौरान उनके साथ हारमोनियम पर आदर्श सक्सेना और तबले पर रजनीश धीमान ने संगत की। 
वहीं दूसरी ओर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसित योगेश समसी ने श्रोताओं के समक्ष तीन ताल की विस्तृत प्रस्तुति व जटिल और सूक्ष्म विविधताओं ने श्रोताओं को आनंदित करने के साथ मंत्रमुग्ध कर दिया। इस दौरान हारमोनियम पर उनके साथ जाने-माने हारमोनियम वादक डॉ. विनय मिश्रा ने बहुत ही कुशलता से संगत की।

कार्यक्रम का समापन वर्तमान संगीत की गिरती गुणवत्ता और हमारी समृद्ध संगीत विरासत को संरक्षित करने की आवश्यकता पर महा-विद्यालय के डायरेक्टर डॉ. अरविंद शर्मा के धन्यवाद और टिप्पणियों के साथ हुआ।

सोसाइटी फॉर प्रमोशन ऑफ साइंस ऑफ साइंस ऑफ साइंस इन इंडिया

एआई के साथ एसपीएसटीआई द्वारा शुरू की गई व्याख्यानों की नई श्रृंखला

डेमोक्रेटिक फ्रंट, चण्डीगढ़  06       सितम्बर :

 सोसाइटी फॉर प्रमोशन ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी इन इंडिया (एसपीएसटीआई) द्वारा शिक्षक दिवस के अवसर पर  आज व्याख्यानों की एक नई श्रृंखला शुरू  की गई, जिसमें अमृत काल (2023-47) में चंडीगढ़ क्षेत्र के सजाए गए शिक्षकों-वैज्ञानिकों द्वारा एक्सपोजरी व्याख्यान शामिल हैं।भारतीय स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में यह तीसरी व्याख्यान श्रृंखला, आजादी का अमृत महोत्सव है। हाल ही में संपन्न श्रृंखला, “2047 में India@100 से पहले उत्तर-पश्चिम भारत में संस्थानों के दर्शन”, शिक्षा और नवाचार के भविष्य पर चर्चा करने के लिए सम्मानित शिक्षाविदों और बुद्धिजीवियों को एक साथ ला रही है। इससे पहले, व्याख्यान की पहली श्रृंखला 5 सितंबर, 2021 से 15 अगस्त, 2022 तक आयोजित की गई थी, जिसका शीर्षक था “स्वतंत्र भारत में संस्थान निर्माण और पोषण पहल”। व्याख्यानों की ये दोनों श्रृंखलाएं शिक्षा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विभिन्न पहलुओं और राष्ट्र के भविष्य और लोगों की भलाई को आकार देने में उनकी भूमिका पर व्यावहारिक चर्चा के लिए मंच रही हैं।

एसपीएसटीआई ने नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज, इंडिया (एनएएसआई), इंडियन नेशनल यंग एकेडमी ऑफ साइंसेज (आईएनवाईएएस) और भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी (आईएनएसए) के चंडीगढ़ चैप्टर के साथ-साथ सीआरआईकेसी (चंडीगढ़ रीजनल इनोवेशन एंड नॉलेज क्लस्टर) और फोरम ऑफ रिटायर्ड वाइस चांसलर्स एंड डायरेक्टर्स (एफआरवीसीडी) के सहयोग से इस कार्यक्रम का आयोजन किया।

  इस श्रृंखला का पहला व्याख्यान चैटजीपीटी इन टीचिंग एंड रिसर्च  आज पंजाब विश्वविद्यालय के जैव प्रौद्योगिकी विभाग में आयोजित किया गया, जिसमें पंजाब विश्वविद्यालय में कार्यरत एक प्रतिष्ठित शिक्षक और प्रसिद्ध बायोकेमिस्ट प्रोफेसर रजत संधीर वक्ता के रूप में शामिल हुए। इस अवसर पर कई सम्मानित हस्तियों ने भागलिया।

एसपीएसटीआई के उपाध्यक्ष प्रोफेसर अरुण के. ग्रोवर ने उद्घाटन भाषण दिया, जिससे दिन की चर्चाओं के लिए दिशा निर्धारित हुई। जय रूप सिंह, संस्थापक कुलपति, पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय और जीएनडीयू अमृतसर के पूर्व कुलपति, सम्मानित अतिथि थे। उन्होंने अपने संबोधन के दौरान अपनी बहुमूल्य अंतर्दृष्टि साझा की, दर्शकों को प्रभावित करते हुए कि चैटजीपीटी आजकल प्रचारित किया जा रहा एक अनूठा उपकरण है। उन्होंने यह प्रदर्शित करके गेंद को घुमाया कि कैसे चैट जीपीटी सूरज के नीचे किसी भी चीज को पूरा कर सकता है, यहां तक कि इस घटना की कार्यवाही भी।

संधीर, एक प्रसिद्ध न्यूरोसाइंटिफिक बायोकेमिस्ट, की राय है कि यह एक विघटनकारी तकनीक है और इसका उपयोग सहायक उपकरण के रूप में किया जा सकता है। उन्नत कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रौद्योगिकियों के उद्भव का  शिक्षा और अनुसंधान सहित कई क्षेत्रों पर गहरा प्रभाव पड़ रहा है। यह छात्रों और शिक्षकों के लिए रोमांचक अवसर प्रदान करता है, जिसमें व्यक्तिगत प्रतिक्रिया, बढ़ी हुई पहुंच, इंटरैक्टिव वार्तालाप, पाठ तैयारी, मूल्यांकन और जटिल अवधारणाओं को पढ़ाने के नए तरीके शामिल हैं। हालांकि, ChatGPT पारंपरिक शिक्षा और अनुसंधान प्रणाली के लिए अलग-अलग खतरे पैदा करता है, जिसमें ऑनलाइन परीक्षाओं पर धोखाधड़ी की संभावना, मानव जैसी पाठ पीढ़ी, महत्वपूर्ण सोच कौशल में कमी और ChatGPT द्वारा उत्पन्न जानकारी का मूल्यांकन करने में कठिनाइयाँ शामिल हैं। इसका उपयोग करते समय ChatGPT की सीमाओं को ध्यान में रखना महत्वपूर्ण है, और इस पर आंख बंद करके भरोसा नहीं किया जाना चाहिए। इसके अलावा, ChatGPT के नैतिक निहितार्थ (जैसे, पूर्वाग्रह और भेदभाव, गोपनीयता और सुरक्षा, प्रौद्योगिकी का दुरुपयोग, जवाबदेही, पारदर्शिता और सामाजिक प्रभाव) जटिल और बहुमुखी हैं और इन पर सावधानीपूर्वक विचार किया जाना चाहिए। छात्रों और शिक्षकों के दृष्टिकोण से समग्र शिक्षा के लिए चैटजीपीटी के संभावित अवसरों और खतरों को समझने की आवश्यकता है।

व्याख्यान ने दर्शकों से काफी ध्यान आकर्षित किया और बाद में ज़ूम प्लेटफॉर्म पर दर्शकों से कई इनपुट के साथ एक गहन चर्चा हुई। एसपीएसटीआई के अध्यक्ष आईएएस (सेवानिवृत्त) श्री धरमवीर ने कार्यक्रम को सफल और समृद्ध बनाने के लिए सभी का आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद ज्ञापन किया। पंजाब विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रोफेसर अरुण ग्रोवर, एसपीएसटीआई के उपाध्यक्ष और सचिव प्रोफेसर केया धर्मवीर ने कार्यक्रम का संचालन किया। इस अवसर पर पीयू के कई वरिष्ठ और नवोदित वैज्ञानिक और अन्य विषयों के संकाय सदस्य भी उपस्थित थे। आईएनवाईएएस के सदस्यों डॉ. रोहित शर्मा ने विशिष्ट अतिथि और वक्ता का परिचय कराया।