संस्कृत विभाग द्वारा संस्कृत विभाग का “स्थापना दिवस” मनाया गया

Koral ‘Purnoor’ Demokretic Front,Chandigarh July 14, 2022

आज दिनांक 14.07.2022 (गुरुवार) को संस्कृत विभाग द्वारा संस्कृत विभाग का “स्थापना दिवस” मनाया गया। पंजाब विश्वविद्यालय के कुलगीत से कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया। विभागाध्यक्ष प्रो. वीरेन्द्र कुमार अलंकार ने विभाग के इतिहास पर चर्चा करते हुए बताया कि इस विभाग की एक समृद्ध परम्परा रही है। इस विभाग का प्रारम्भ ए.सी. वुलनर तथा लक्ष्मण स्वरुप जैसे प्रख्यात विद्वानों से हुआ है, जो बाद में लाहौर के कुलपति भी बने। विभाग के बार-बार स्थानान्तरण होने के उपरान्त कुलपति प्रो. ए.सी. जोशी के निर्देशानुसार सभी परास्नातक कोर्स पंजाब विश्वविद्यालय चण्डीगढ में स्थापित हुए। इस प्रकार सन् 1959, 14 जुलाई को संस्कृत विभाग की स्थापना हुई।

 इस विभाग के धुरन्धर विद्वानों में प्रो. सूर्यकान्त जो वैदिक देवशास्त्र के विद्वान्, प्रो. डी.एन. शुक्ला जो वास्तुशास्त्र व शिल्पशास्त्र के प्रकाण्ड विद्वान्, प्रो. रामगोपाल जो वैदिक व्याकरण, भाषा विज्ञान व कल्पसूत्रों के मर्मज्ञ तथा महर्षि दयानन्द विश्वविद्यालय रोहतक के कुलपति भी बने,  प्रो. डी.डी. शर्मा दर्शन शास्त्र के सिद्धहस्त विद्वान्, प्रो. राममूर्ति शर्मा भारतीय दर्शन के जाने माने विद्वान् जो बाद में सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति भी रहे, प्रो. धनराज शर्मा, प्रो. रमाकान्त अंगिरस, प्रो. अनिरुद्ध जोशी,            प्रो. वेदप्रकाश उपाध्याय, प्रो. विक्रम कुमार, प्रो. शंकर जी झा आदि सभी ने अपने परिश्रम से विभाग को सम्पूर्ण विश्व में उच्चस्तर पर पहुँचाया।

 विभागाध्यक्ष ने यह भी बताया कि “संस्कृत विभाग पंजाब विश्वविद्यालय का मुख की तरह है”, पी.जी.आई की ओर से जब कोई प्रवेश करे तो सबसे पहले आर्टस् ब्लक 1 में संस्कृत विभाग ही है। इस दौरान विभाग के शोधच्छात्र भी उपस्थित रहे।

 विभाग के शोधच्छात्र विजय भारद्वाज ने अपने विचार रखते हुए बताया कि पहले की भाँति आज भी संस्कृत विभाग की समृद्ध परम्परा का निर्वहन प्रो. वी.के अलंकार कर रहे हैं। प्रो. अलंकार को अनेक अकादमी तथा पंजाब सरकार द्वारा उनके संस्कृत साहित्य के योगदान के लिए पुरस्कृत किया जा चुका है। इन्होंने आज तक वेद, व्याकरण, दर्शन तथा पालि साहित्य से सम्बन्धित 18 काव्य संस्कृत जगत को प्रदान किया है।  शोधच्छात्र प्रकाश ने इस उत्सव पर संस्कृत संगीत सुनाया। इस मौके पर गुरुकुल करतारपुर के प्राचार्य डा. उदयन आर्य भी उपस्थित रहे। अन्त में विभागाध्यक्ष ने उपस्थित सभी विद्यार्थियों का धन्यवाद ज्ञापन किया। 

छात्र और इंटरनेट

आधुनिक शिक्षा में इंटरनेट का रोल अहम है आप मिनटों में इंटरनेट पर गूगल की सहायता से कोई भी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं, आप कंप्‍यूटर सीख सकते हैं, अगर प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं इससे पढाई करने वाले बच्चों को बहुत मदद मिलती है। आप घर बैठे यू्ट्यूब पर वीडियो देखकर कुछ भी बनाना सीख सकते हैं। आज की दुनिया में जहाँ सब कुछ बस एक क्लिक दूर है। सोशल नेटवर्किंग साइट्स वर्तमान दुनिया की जरूरत बन गई हैं। इंटरनेट ने निश्चित रूप से सभी के जीवन को प्रभावित किया है और यह बिना कहे चला जाता है कि क्षात्र इंटरनेट की आबादी का प्रमुख हिस्सा है। सोशल नेटवर्किंग साइटों का बहुत अधिक उपयोग व्यक्तियों को गूंगा बना रहा है। इस प्रकार, आज के क्षात्र कई गतिविधियों में लगे हुए हैं।सोशल नेटवर्किंग एक ऐसा माध्यम है जिसके माध्यम से हम अपने ज्ञान, अनुभव और विचारों को प्रसारित कर सकते हैं। — जसविंदर पाल शर्मा

मोहाली संवाददाता, डेमोक्रेटिक फ्रंट, श्री मुक्तसर साहिब पंजाब :


हम इंटरनेट के युग में जी रहे हैं। साथ ही, यह हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है कि हम इसके बिना नहीं रह सकते। इसके अलावा, इंटरनेट उच्च अंत विज्ञान और आधुनिक तकनीक का आविष्कार है। इसके अलावा, हम 24×7 इंटरनेट से जुड़े हैं। साथ ही, हम बड़े और छोटे संदेशों और सूचनाओं को पहले से कहीं अधिक तेजी से भेज सकते हैं। इंटरनेट पर इस निबंध में, हम इंटरनेट से संबंधित विभिन्न चीजों पर चर्चा करने जा रहे हैं।

इंटरनेट की पहुंच

उस क्षेत्र का अनुमान लगाना बहुत कठिन है जो इंटरनेट कवर करता है। साथ ही हर सेकेंड मिलियन लोग किसी न किसी समस्या या समस्या से इससे जुड़े रहते हैं। इसके अलावा सभी चीजों की तरह इंटरनेट का भी लोगों के जीवन पर कुछ अच्छा और बुरा प्रभाव पड़ता है। तो सबसे पहले हमें इंटरनेट के अच्छे और बुरे प्रभाव के बारे में जानना होगा।

इंटरनेट के अच्छे प्रभाव का मतलब उन सभी चीजों से है जो इंटरनेट संभव बनाता है। साथ ही ये चीजें हमारे जीवन को आसान और सुरक्षित बनाती हैं। इंटरनेट के बुरे प्रभावों का मतलब उन सभी चीजों से है जो अब हम इंटरनेट की वजह से नहीं कर सकते हैं। साथ ही ये चीजें खुद के लिए और दूसरों के लिए भी परेशानी का कारण बनती हैं। आप दुनिया के किसी भी कोने में पहुँच सकते हैं। साथ ही, इसका उपयोग और प्रबंधन करना बहुत आसान है। आज की दुनिया में हम इसके बिना अपने जीवन की कल्पना नहीं कर सकते।

इंटरनेट का उपयोग

जब से यह पहली बार अस्तित्व में आया तब से अब तक इंटरनेट ने एक लंबी यात्रा पूरी कर ली है। साथ ही, इस यात्रा के दौरान, इंटरनेट ने कई चीजों को अपनाया है और अधिक उपयोगकर्ता के अनुकूल और इंटरैक्टिव बन गया है। इसके अलावा, हर बड़ी और छोटी चीजें इंटरनेट पर उपलब्ध हैं और आपके लिए आवश्यक लेख या सामग्री इंटरनेट से प्राप्त की जा सकती है।

टिम बर्नर्स-ली को इंटरनेट के मुख्य पिता में से एक कहा जा सकता है क्योंकि उन्होंने WWW (वर्ल्ड वाइड वेब) का आविष्कार / खोज की थी जिसका उपयोग हर वेबसाइट पर किया जाता है। साथ ही, इंटरनेट पर लाखों पेज और वेबसाइट हैं, जिन्हें देखने में आपको सालों लगेंगे।

इंटरनेट का उपयोग विभिन्न चीजों को करने के लिए किया जा सकता है जैसे आप सीख सकते हैं, सिखा सकते हैं, शोध कर सकते हैं, लिख सकते हैं, साझा कर सकते हैं, प्राप्त कर सकते हैं, ई-मेल कर सकते हैं, खोज सकते हैं और इंटरनेट पर सर्फ कर सकते हैं। इंटरनेट के कारण सुविधाइंटरनेट की वजह से हमारा जीवन उस समय की तुलना में अधिक सुविधाजनक हो गया है जब हमारे पास इंटरनेट नहीं था। पहले हमें मेल (पत्र) भेजने के लिए, पैसे निकालने या जमा करने के लिए, टिकट बुक करने आदि के लिए कतारों में खड़ा होना पड़ता था, लेकिन इंटरनेट की शुरुआत के बाद, ये सभी चीजें काफी आसान हो जाती हैं। साथ ही हमें कतारों में खड़े होकर अपना कीमती समय बर्बाद नहीं करना है।
साथ ही, इंटरनेट ने पर्यावरण में बहुत योगदान दिया है क्योंकि अधिकांश कार्यालय (सरकारी और निजी), स्कूल और कॉलेज डिजिटल हो गए हैं जो अनगिनत कागज बचाता है।

हालाँकि, इसमें कोई संदेह नहीं है कि इंटरनेट ने हमारे जीवन को आसान और सुविधाजनक बना दिया है, लेकिन हम इस तथ्य को नहीं छोड़ सकते कि इसने अतीत में कई बड़ी समस्याएं पैदा की हैं। और जिस तेजी के साथ हम इसके आदी होते जा रहे हैं, एक दिन ऐसा आएगा जब यह हमारी मूलभूत आवश्यकता बन जाएगी।

हरियाणा को बड़ी सौगात: पंचकूला में राष्ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान का उद्घाटन


अजय कुमार, डेमोक्रेटिक फ्रंट, पंचकूला,12 जुलाई :

केंद्रीय कपड़ा मंत्री पीयूष गोयल ने हरियाणा के लिए एक बड़ी सौगात देते हुए राष्ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान (NIFT) का उद्घाटन किया। इस असवर पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने प्रदेश को राष्ट्रीय महत्व का संस्थान देने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्र सरकार का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि पंचकूला में राष्ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान की स्थापना से ना केवल पंचकूला, बल्कि हरियाणा के इतिहास में एक और नया अध्याय जुड़ गया है। देश का यह 17वां कैम्पस होगा और इसका विकास विश्व स्तर के NIFT कैंपस के रूप में किया जाएगा।

इस संस्थान की आधारशिला 29 दिसम्बर, 2016 को तत्कालीन केंद्रीय कपड़ा मंत्री श्रीमती स्मृति ईरानी द्वारा रखी गई थी। इस संस्थान की स्थापना केन्द्रीय कपड़ा मंत्रालय और निफ्ट, दिल्ली के सहयोग से की गई है। 10.45 एकड़ भूमि पर स्थापित यह परियोजना 133.16 करोड़ रुपये की लागत से पूरी की गई है।मुख्यमंत्री ने कहा कि संस्थान में दूसरे चरण में जो भी काम होंगे, उन्हें पूरा किया जाएगा। उन्होंने केंद्रीय मंत्री से भी इसमें सहयोग की अपील की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर केंद्रीय मंत्री सहमत हों तो 50:50 रेशो के आधार पर इसे पूरा किया जाएगा। दूसरे चरण में हॉस्टल, थियेटर और ऑडिटेरियम बनाने की योजना है।  मनोहर लाल ने कहा कि निफ्ट की नीति के अनुसार, इस संस्थान में 20 प्रतिशत सीटें हरियाणा अधिवासियों के लिए आरक्षित होंगी। इस संस्थान में फैशन डिजाइन/टैक्सटाइल डिजाइन, अपैरल प्रोडक्शन के क्षेत्रों में चार वर्षीय डिग्री कोर्स और फैशन टैक्नॉलोजी, डिजाइन और फैशन मैनेजमेंट में दो वर्षीय मास्टर डिग्री कोर्स होंगे। इसके अलावा, एक साल और छ: महीने की अवधि के सर्टिफिकेट प्रोग्राम भी होंगे। हालांकि राजकीय बहुतकनीकी संस्थान, पंचकूला में निफ्ट के अस्थायी परिसर में लघु अवधि के पाठ्यक्रम शैक्षणिक सत्र 2019-20 से शुरू कर दिए गए थे। वर्तमान में कुल 259 छात्रों के साथ तीन यू.जी. और दो पी.जी. पाठ्यक्रम संचालित हैं। इसके अलावा, शैक्षणिक सत्र 2022-23 से एक और यू.जी. कोर्स शुरू किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस संस्थान की स्थापना होने के बाद फैशन डिजाइन के क्षेत्र में कैरियर बनाने के इच्छुक विद्यार्थियों को पढ़ाई के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा। यहां पर प्रतिष्ठित NIFT की स्थापना होने से प्रदेश में टैक्सटाइल, हैंडलूम और कॉटन इंडस्ट्री को बढ़ावा मिलेगा। NIFT से निकले विद्यार्थियों के लिए प्लेसमेंट की कोई समस्या नहीं है। ऐसे प्रोफेशनल्स की राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों में बड़ी मांग है।मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘आत्मनिर्भर भारत’ का नारा दिया है। उनका ये विजन को कौशल के जरिए ही साकार हो सकता है। इसलिए हमने स्कूल से लेकर विश्वविद्यालय तक की शिक्षा को कौशल के साथ जोड़ा है। स्कूलों में NSQF,कॉलेजों में ‘पहल योजना’, विश्वविद्यालयों में इन्क्यूबेशन सेंटर और तकनीकी संस्थानों में उद्योगों की जरूरत के अनुसार प्रशिक्षण के लिए उद्योगों के साथ एम.ओ.यू. जैसे कारगर कदम उठाये गये हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा प्रयास है कि हमारे युवाओं को ऐसी शिक्षा मिले, जो उन्हें रोजगार सक्षम बनाए, चरित्रवान बनाए और उनमें नैतिक गुणों का समावेश करे।इस मौके पर पीयूष गोयल ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि NIFT का यह कैंपस लैंडमार्ग कैंपस के रूप में उभरेगा। यहां से निकलने वाले प्रोफेशनल फैशन की दुनिया में अपना उल्लेखनीय योगदान देंगे। केंद्रीय मंत्री ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल की तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने जिस प्रकाश से प्रदेश में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ को प्राथमिकता दी उससे महिलाओं का सशक्तिकरण हुआ है। उन्होंने कहा कि NIFT के माध्यम से भी बेटियां आगे बढ़ेंगी। उन्होंने भरोसा दिया संस्थान में दूसरे चरण का काम भी जल्द शुरू किया जाएगा। 

पुस्तकालय का हमारे जीवन में महत्व

सृष्टि के समस्त चराचरों में मनुश्य ही सर्वोत्कृष्ट कहलाने का गौरव प्राप्त करता है। मनुष्य ही चिंतन-मनन कर सकता है। अच्छे-बुरे का निर्णय कर सकता है तथा अपने छोटे से जीवन में बहुत कुछ सीखना चाहता है। उसी जिज्ञासावृत पुस्तकें शंात करती है अर्थात ज्ञान का भंडार पुस्तकों में समाहित है। ऐसा स्थान जहां अनेक पुस्तरों को संगृहीत करके उनका एक विशाल भंडार बनाया जाता है। पुस्तकालय कहलाता है। पुस्तकालय ज्ञान के वे मंदिर हैं जो मानव इच्छा को शांत करते हैं, उसे विभिन्न विषयों पर नई जानकारियां उपलब्ध करते हैं, ज्ञान के संचित कोश से उसे निश्चित करते हैं। अतीत झरोखों की झलक दिखाते हैं तथा उसके बौद्धिक स्तर को उन्नत करते हैं। : जसविंदर पाल शर्मा

  1.  पुस्तकालय से हमें विभिन्न प्रकार की पुस्तकें पढ़ने का अवसर प्रदान होता है।
  2. यहां पर हम विभिन्न प्रकार की भाषाओं वाली किताबें पढ़ सकते है।
  3. यहां पर किताबें पढ़ने से मन एकाग्र रहता है क्योंकि पुस्तकालय कक्ष शांत होते है।
  4. पुस्तकालय में पुस्तक पढ़ने के लिए अधिक धन की आवश्यकता नहीं होती है।

मोहाली संवाददाता, डेमोक्रेटिक फ्रंट, श्री मुक्तसर साहिब पंजाब :

पुस्तकालय एक ऐसा स्थान है जहाँ पुस्तकों और सूचना के स्रोतों को संग्रहित किया जाता है। वे लोगों के लिए विभिन्न उद्देश्यों के लिए उन तक पहुंच बनाना आसान बनाते हैं। पुस्तकालय बहुत सहायक और किफायती भी हैं। इनमें किताबें, पत्रिकाएं, समाचार पत्र, डीवीडी, पांडुलिपियां और बहुत कुछ शामिल हैं। दूसरे शब्दों में, वे सूचना का एक व्यापक स्रोत हैं

एक सार्वजनिक पुस्तकालय सूचना की आवश्यकता को पूरा करने के लिए सभी के लिए खुला है। वे सरकार, स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों द्वारा चलाए जाते हैं। समाज या समुदाय के सदस्य अपने ज्ञान को बढ़ाने और अपने शोध को पूरा करने के लिए इन पुस्तकालयों का दौरा कर सकते हैं।

पुस्तकालयों का महत्व

लोगों को विश्वसनीय सामग्री प्रदान करने में पुस्तकालय महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे सीखने और ज्ञान प्राप्त करने की प्रक्रिया को प्रोत्साहित और बढ़ावा देते हैं। किताब के कीड़ों को पढ़ने और अपने ज्ञान को बढ़ाने के लिए ढेर सारी किताबें मिल सकती हैं। इसके अलावा, विविधता इतनी व्यापक है कि ज्यादातर लोगों को वही मिलता है जिसकी उन्हें तलाश होती है।

इसके अलावा, वे लोगों को महान शैक्षिक सामग्री प्राप्त करने में मदद करते हैं जो उन्हें बाजार में अन्यथा नहीं मिल सकती है। जब हम अधिक पढ़ते हैं, तो हमारे सामाजिक कौशल और अकादमिक प्रदर्शन में सुधार होता है।

सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि पुस्तकालय प्रगति करने के लिए एक महान मंच हैं। जब हमें कक्षा में गृहकार्य मिलता है, तो पुस्तकालय संदर्भ सामग्री के साथ हमारी सहायता करते हैं। यह बदले में, हमारी सीखने की क्षमताओं और ज्ञान को आगे बढ़ाता है। यह हमारे समग्र विकास में भी सहायक है।

पुस्तकालय के उपयोग

पुस्तकालय एक बहुत ही उपयोगी मंच है जो सीखने के इच्छुक लोगों को एक साथ लाता है। यह हमें अपने ज्ञान को सीखने और बढ़ाने में मदद करता है। हम अपनी पढ़ने की आदतों को पुस्तकालय से विकसित करते हैं और ज्ञान के लिए अपनी प्यास और जिज्ञासा को संतुष्ट करते हैं। यह व्यक्ति के व्यक्तिगत विकास और विकास में मदद करता है।
इसी प्रकार, पुस्तकालय शोधकर्ताओं के लिए सूचना के प्रामाणिक और विश्वसनीय स्रोत प्रदान करते हैं। वे एक पुस्तकालय में मौजूद सामग्री का उपयोग करके अपने कागजात को पूरा करने और अपनी पढ़ाई करने में सक्षम हैं। इसके अलावा, पुस्तकालय बिना किसी व्यवधान के अकेले या समूहों में अध्ययन करने के लिए एक महान स्थान है।
इसके अलावा, पुस्तकालय हमारी एकाग्रता के स्तर को बढ़ाने में भी मदद करते हैं। चूंकि यह एक ऐसी जगह है जहां पिन ड्रॉप साइलेंस की आवश्यकता होती है, एक व्यक्ति मौन में पढ़ या पढ़ सकता है। यह हमें अपनी पढ़ाई पर अधिक कुशलता से ध्यान केंद्रित करने में मदद करता है। पुस्तकालय हमारी सोच को भी विस्तृत करते हैं और हमें आधुनिक सोच के प्रति अधिक खुला बनाते हैं।

सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि पुस्तकालय बहुत किफायती हैं। जो लोग नई किताबें खरीदने का जोखिम नहीं उठा सकते हैं और बस एक पुस्तकालय से किताबें उधार ले सकते हैं। इससे उन्हें बहुत सारा पैसा बचाने और मुफ्त में जानकारी प्राप्त करने में मदद मिलती है।

संक्षेप में, ज्ञान प्राप्त करने के लिए पुस्तकालय एक महान स्थान हैं। वे प्रत्येक व्यक्ति की अलग-अलग सेवा करते हैं। वे सीखने और ज्ञान की प्रगति को बढ़ावा देने का एक बड़ा स्रोत हैं। पुस्तकालयों में पढ़ने और शोध करने के द्वारा अपने खाली समय का आनंद उठाया जा सकता है। जैसे-जैसे दुनिया डिजीटल हो गई है, अब पुस्तकालय के माध्यम से ब्राउज़ करना और आप जो खोज रहे हैं उसे प्राप्त करना आसान हो गया है। पुस्तकालय उचित वेतन और अविश्वसनीय कामकाजी परिस्थितियों वाले लोगों को रोजगार के अवसर भी प्रदान करते हैं।

इस प्रकार, पुस्तकालय सभी की मदद करते हैं, जो यहां आते हैं और जो वहां कार्यरत हैं। हमें डिजिटल युग के कारण पुस्तकालयों को नहीं छोड़ना चाहिए। पुस्तकालय से मिलने वाली प्रामाणिकता और विश्वसनीयता की जगह कोई नहीं ले सकता।

CLAT / AILET Result 2022: Chandigarh’s Shreya achieved All India Rank 5

Pprepared for entrance , inspired by the session judge, 

Chandigarh Correspondent, Demokratic Front, Chandigarh – July 11 :

Read her  Success Mantra

The result of Common Law Admission Test/AILET for admission to National Law Universities and other law institutes across the country has been declared. In this, Chandigarh’s daughter Shreya has secured 5th rank. Let us tell you that the CLAT /AILET exam is held in June. 150 questions are asked in 120 minutes paper.

The chief guest felicitated the ranker students at a felicitation function held at a private hotel at Ind Area   Chandigarh.

The students of Chandigarh/Patiala have emerged victorious in the CLAT/AILET22 examination conducted by the Consortium of 22 National Law Universities of the country. Shreya has made Chandigarh city proud by securing 5th rank in AILET All India and Gauri 43rd rank. Chandigarh and Patiala’s Gauri, Sonia, Harshit, Harsimran, Jashanpreet, Jasika, Manteshwar, Ravneet, Rishabh, Utkarsh, Vasu, Jaipreet, Shubham, Bhumi, Samay, Riya, Samridhi, Dhiren, Mansi, Sumedha, Mitul, Avantika, Sharanya On the occasion of receiving the award, the chief guest was honored with a memento.

 The Chief Guest of today’s felicitation function Shri Arun Gupta Additional Sessions Judge could not come due to sudden ill health.

He explained the essence of law to the successful students. Jain said that there is a need to work on what you can do for the society and the poor people can get justice by law.

Aim to be a Judge

Shreya said that a retired sessions judges in her neighbourhood developed her interest in Law . He has a lot of fame. She is inspired by him. The goal is to become a judge by studying law. Shreya s  father is   Chief Engineer at  ONGC Mumbai and mother Dr Sonika is  Associate Professor in SD College . Dr. Sonika, motivated her  to study and never stopped her even if she got less marks in the examination. Bharat Jain of Career Launcher said that for one and a half years Shreya’s goal was to pass with a good rank in CLAT/AILET. She was honest towards the goal and got success.

TEC with UIET PU organized”Poster Presentation and Display of Prototype”

Koral ‘Purnoor’ Demokretic Front, Chandigarh July 11, 2022

Technology Enabling Centre, Panjab University  in collaboration with Department of Mechanical Engineering UIET  organized “Poster Presentation and Display of Prototype” event for final  year students of Department of Mechanical Engineering on 11th July, 2022 from 9:30 am to 1 p.m. for technology showcasing of their final year  projects.

The final year students of B.Tech. of Mechanical Engineering branch exhibited their projects along with the posters on pin boards for evaluation by the faculty of Mechanical Engineering department and the external evaluators. Electric Kickscooter, Autonomous Fixed Wing UAV,  Fastener Sorting Machine, To automate the process of covering the trucks by Tarpaulin, UV sanitisation machine etc. were few of the projects.

Mr. J P Kundra, Technical Advisor for Cheema Boilers and Mr. Jatinder Madaan, Professor & Head (Mechanical Engineering) at Chandigarh College of Engineering and Technology (CCET) graced the event as external evaluators and evaluated the projects of students.

Mr. Jatinder Madaan motivated the students and was proud to see their work. Mr. J P Kundra encouraged the students to work religiously on projects like these and also guided the students to identify and approach the industries with their projects. Mr. J P Kundra also identified few projects that can provide solution to the existing problems of industries like Automation of Chemical Dosing System, laser aided fabric cutting CNC machine etc.

Prof. Manu Sharma, Coordinator, Technology Enabling Centre added that showcasing the projects along with poster presentation encourages the students to successfully conceive the projects.

“Granthvarta” initiated today by the library professionals of AC Joshi library, PU

Koral ‘Purnoor’, Demokretic Front, Chandigarh July 9, 2022 :

An initiative  “Granthvarta” was initiated today by the library professionals of AC Joshi library, Panjab University. Prof. Sudhir Kumar, Officiating University Librarian, inaugurated it by a deliberation  on the book entitled “Artificial Intelligence and the Future of Power” written by Shri Rajiv Malhotra.

     Prof. Sudhir Kumar  emphasized that artificial intelligence is making a growing number of people cognitively and psychological dependent on digital network. He further opined that Artificial intelligence is making us immune to this system and we are mentally colonized with the same. He discussed five battlegrounds as mentioned in this  book where the struggle for survival of humanity will take place. Ideas raised in the book were presented by the speaker in a succinct manner.

    Dr. Jayanti Dutta, Deputy Director, HRDC appreciated the initiative taken by the A.C. Joshi Library and  suggested to have more such academic discussions in future not only on the books but also on the current topics where the experts of the subject can be invited to share their views in the concerned area.Dr. Neeraj Kumar, Deputy Librarian gave a brief overview about the Granthvarta initiative and welcomed all the faculty members, library professionals and other staff who attended this discussion. Dr Jeevesh Bansal, deputy librarian,  presented the vote of thanks. It was decided to make this feature a periodic and regular one.

 Dr Manish Dev Sharma has joined as Registrar at the University of Ladakh today

Chandigarh July 6, 2022

 Dr Manish Dev Sharma has joined as Registrar at the University of Ladakh today. Before joining his new assignment, he was teaching at the Department of Physics, Panjab University, Chandigarh.

Cleanliness Drive at Girls Hostel-6

Koral ‘Purnoor’. Demokretic Front, Chandigarh June 30, 2022 :

Girls Hostel No. 1, Mata Gujri Hall & Girls Hostel No. 6, Mother Teresa Hall in collaboration with NSS, Panjab University, Chandigarhorganized a Cleanliness Drive in the premises of GH-6 today under the guidance of Prof. Raj Kumar, Vice-Chancellor, P.U., Chd. and supervision of Prof. AshwaniKaul, NSS Co-ordinator, Prof. Jagtar Singh, DSW, Prof. RoopaliGarg, DSW(W) and Prof. Ashok Kumar, Associate DSW, P.U., Chd. 

Dr. Anuj (NSS PO), Dr. Shankar Sehgal (NSS PO), Dr. Manisha Sharma (Warden-GH-6), Dr. Naveen Kumar (NSS PO) and Dr. Vivek (NSS PO) were the teacher co-ordinators in this drive. The student co-ordinators were Abha, Hitesh, Dhruv, Muskan, Indu and Harsimran.

The NSS volunteers and the janitorial staff & residents of GH 1 & GH 6 participated enthusiastically in the cleanliness drive. The areas of the hostel, inside and outside of the temple in hostel premises are cleaned by them. The drive is organized under the Swachchh Bharat Abhiyaan.

NSS Co-ordinators apprised the residents and staff about the importance of cleanliness and personal hygiene in their life. Dr. Manisha, Warden of GH-6 encouraged the residents to make these events a regular feature.

Dr. Manisha Sharma thanked all the NSS volunteers for making this event a great success.

Webinar on “Good Lab Practices in Specific Learning Disability” organized by Community Education and Disability Studies, PU

Koral ‘Purnoor’, Demokretic Front, Chandigarh June 29, 2022 :

Department of Community Education and Disability Studies, Panjab University, Chandigarh organized Webinar on “Good Lab Practices in Specific Learning Disability” on 29th June 2022, under AZADI KA AMRIT MAHOTSAV.  This Webinar was organized under the patronage of our honorable Vice-Chancellor Prof. (Dr.) Raj Kumar and chaired by Prof. (Dr.) Navleen Kaur, Chairperson, Department of Community Education and Disability Studies, Panjab University, Chandigarh. The webinar was organised by the department faculty comprising Dr. Saifur Rehman, Mr. Nitin Raj and Mr. Taukir Alam. The webinar started at 11.00 am with the welcome note by Chairperson.

The resource person Dr. Krishan Kumar Soni, Associate Professor, Department of Psychiatry, PGIMER, Chandigarh was introduced by Dr. Saifur Rahman. In his presentation Dr. Soni highlighted different aspects of practices of Specific Learning Disability which are conducted in schools, clinics, rehabilitation centers with the help of various types of educational and psychological tools. Respected speaker rigorously stressed on Child Mental Health Issues which is directly related to overall development of the child. He also discussed that the cognitive, behavioral, communication, and academic parts of the person/students should be assessed and monitored in the schools by teachers, special educators and other professionals on regular basis so that the learners could manifest their potential on the subjects and other curricular activities. He also focused on different types of Specific Learning Disability and related disabilities. Many types of screening and assessment tools were introduced. He discussed the procedures of evaluation which can be conducted by school professionals with their best practices in the schools.  By understanding and getting training of these practices in lab/school, children with Specific Learning Disability will be capable to orient themselves appropriately and enhance their potential of learning very comfortably.

Around 100 participants attended this webinar which included rehabilitation professionals, research scholars, students, parents, and other stakeholders. The skills learnt in this webinar can be utilized by them to enhance the learning potential of the children with Specific Learning Disability. The webinar ended with a vote of thanks by Dr. Md. Saifur Rahman.