नशे के कुप्रभाव के बारे में 9 से 12 कक्षा के सभी विद्यार्थियों को जानकारी दी

पंचकूला, 19 फरवरी-

जिला समाज कल्याण अधिकारी, डा0 विशाल सैनी ने आज राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय सैक्टर-19 में नशे के कुप्रभाव के बारे में 9 से 12 कक्षा के सभी विद्यार्थियों को जानकारी दी।

  उन्होंने बताया कि नारकोटिक्स अनाॅनिमस नशीले पद्रार्थो का सेवन कर चुके व्यक्तियों का समूह हैं। इस समूह के व्यक्ति पूर्व में हेरोइन, चरस इत्यादि नशीले पद्रार्थो का प्रयोग करते हैं। यह समूह 180 से ज्यादा देशों में काम करती है। यह संस्था व्यक्ति से व्यक्तिगत संपर्क स्थापित करके उसको नशे की आदत से मुक्ति दिलवाते हैं।

   उन्होंने बताया कि इस समूह की चण्ड़ीगढ़ और पंचकूला  में साप्ताहिक बैठके भी होती है। यह संस्था जो लोग नशे की लत से ग्रस्त है उन लोगों के लिए नारकोटिक्स अनाॅनिमस की बैठकों के बारे में जानकारी देती है। इस प्रक्रिया में जिले के सभी स्कूल और काॅलेजो को कवर किया जाएगा। इसके साथ ही संस्था नारकोटिक्स अनाॅनिमस के प्रतिनिधि नमन ने नारकोटिक्स अनाॅनिमस की विस्तार से जानकारी दी। इसके अतिरिक्त एल्कोहलिक अनाॅनिमस के समूह के सदस्यों ने भी विद्यार्थियो को अपनी संस्था और गतिविधियों के बारे में भी जानकारी दी।

इस अवसर पर स्कूल के अध्यापक सुखविन्द्र, डा0 जसविन्द्र, सुखदेव सिंह सहित अन्य संबंधित कर्मचारी उपस्थित रहे। 

इंजीनियरिंग की पढ़ाई के 50 सालों के मौके पर चंडीगढ़ आया हूं, क्या 60 साल पूरे होने के मौके पर यह कार्यक्रम लाहौर में होगा?: इंद्रेश कुमार

राष्ट्रीय मुस्लिम एकता मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष इंद्रेश कुमार ने बड़ा बयान दिया है. इंद्रेश कुमार ने कहा है कि क्या हमारे ग्रंथों में भारत का टूटना ही लिखा है? भारत का विस्तार भी हो सकता है. क्या आप लाहौर तक जाना नहीं चाहते हैं? राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक इंद्रेश कुमार ने सीएए के साथ खालिस्तानी समर्थकों को भी नसीहत दी है। इंद्रेश का कहना है कि खालसा पंथ की स्थापना धर्म की रक्षा के लिए की थी, उस समय कौन धर्म था यह सबको पता है। अभी हमें जो कमी खलती है, वह ननकाना साहिब और करतारपुर साहिब की है, ऐसे में इन्हें भी देश में जोड़ने के लिए प्रयास करना चाहिए।

चंडीगढ़ :

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक और राष्ट्रीय मुस्लिम एकता मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष इंद्रेश कुमार ने बड़ा बयान दिया है. इंद्रेश कुमार ने कहा है कि क्या हमारे ग्रंथों में भारत का टूटना ही लिखा है? भारत का विस्तार भी हो सकता है. क्या आप लाहौर तक जाना नहीं चाहते हैं? कुमार ने क्रिश्चियन देशों और मुस्लिम देश पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के खिलाफ भी अल्पसंख्यकों पर जुल्म बंद करने को लेकर नारे लगवाए. कुमार ने कहा कि क्या ऐसी मानवता को सेल्यूट करेंगे? इंद्रेश कुमार शनिवार को चंडीगढ़ में एक इंजीनियरिंग कॉलेज के 50 साल पूरे होने के मौके पर बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि इंजीनियरिंग की पढ़ाई के 50 सालों के मौके पर चंडीगढ़ आया हूं. लगता है कि 60 साल पूरे होने के मौके पर यह कार्यक्रम लाहौर में होगा.

‘क्या आप लाहौर तक जाना नहीं चाहते हैं?’ 

आरएसएस के वरिष्ठ प्रचारक इंद्रेश कुमार ने कहा कि भारत जब जम्मू-कश्मीर की बात करता है तो पीओके (POK) भी उसका हिस्सा होता है और लेह-लद्दाख भी. ऐसा करके हमने पाकिस्तान और चीन से पूरी तरह से पंगा ले रखा है. ये हिस्से अब उनसे वापस भी लेने होंगे. इंद्रेश कुमार ने खालिस्तान की मांगने वालों को भी जमकर लताड़ लगाई. कुमार ने कहा कि अगर खालिस्तान बनाना है तो सिखों के कई पवित्र स्थल पाकिस्तान में हैं. खालिस्तान बिना गुरु की नगरी लाहौर के नहीं बन सकता और खालिस्तान बनानों वालों को पाकिस्तान से लाहौर और ननकाना साहिब भी लेना होगा.

सारा हिन्दुस्तान खालिस्तान है और सारा खालिस्तान हिंदुस्तान है. हिंदुस्तान को छोटा करने में क्यूं लगे हो. हम ही हिंदुस्तान का नाम बदलकर खालिस्तान रख लेंगे. देश को बड़ा करो. इस देश के वैसे भी की नाम है एक खालिस्तान और रख लेंगे. राजनीति के चक्कर में देश को बांटने की बात मत करो. CAA का विरोध करने वाले देश विरोधी और देशद्रोही हैं.’

CAA के समर्थन में नारे लगवाए

इंद्रेश कुमार ने कार्यक्रम में CAA के समर्थन में नारे लगवाए. इंद्रेश कुमार ने कहा कि अगर किसी स्कूल कॉलेज में रजिस्टर होता है और वहां पर सब पढ़ने वालों का आंकड़ा होता है. वोटर लिस्ट में होता है तो देश के नागरिकों का रजिस्टर क्यों नहीं बनना चाहिए. बापू ने घोषणा की थी कि भारत का विभाजन मेरी चिता पर होगा. कांग्रेस के नेताओं ने रावी का पानी हाथ में लेकर सौगंध भी खाई, लेकिन अंग्रेजों ने जिन्ना और नेहरू के प्रधानमंत्री के मोह को देखते हुए धर्म के नाम पर देश का बंटवारा करवा दिया. कांग्रेस ने देश को आजादी नहीं दिलवाई बल्कि देश का विभाजन करवा दिया अब कोई कहता है कि कांग्रेस ने देश को आजादी दिलवाई मुझे उसकी बौद्धिक क्षमता पर संदेह है.कुमार ने कहा कि देश विभाजन के वक्त ही CAA का जन्म हुआ था. बापू ने उसी वक्त कहा था कि विभाजन के बाद पाकिस्तान में हमारे अल्पसंख्यक हिंदू और सिख सुरक्षित नहीं है और उन्हें भारत को नागरिकता दे देनी चाहिए. अगर अब कोई CAA का विरोध कर रहा है तो वो बापू की इस बात का विरोध कर रहा है.

सैक्टर-15 के राजकीय कन्या उच्चतर विद्यालय में नशे के दुष्प्रभावों के प्रति युवा कन्याओं को जागरूक किया

पंचकूला, 14 फरवरी-

जिला समाज कल्याण अधिकारी डा. विशाल सैनी ने सैक्टर-15 के राजकीय कन्या उच्चतर विद्यालय में आज नशा मुक्ति जागरूकता अभियान में नशे के कुप्रभाव के बारे में सभी विद्यार्थियों को जानकारी दी। उन्होेने बताया कि युवा देश का भविष्य है, युवाओं की ताकत व दिमाग का जिले व प्रदेश के विकास में योगदान होना चाहिए।  उन्होंने बताया कि नशे से लाखो घर बबार्द हुए हैं। समाज को नशे की लत से बचाने के लिए प्रशासन और सरकार ने कई जागरूकता अभियान चला कर नशे से होने वाली हानियों के बारे में लोगों को जागरूक किया है। इसके साथ-साथ जिले में काम कर रही संस्था अल्कोहलिक्स अनाॅनिमस की भी उन्होंने जानकारी दी गई। 

जिला समाज कल्याण अधिकारी डा0 विशाल सैनी ने बताया कि जो लोग नशे की लत से ग्रस्त है उन लोगो के लिए अल्कोहलिक्स अनाॅनिमस संस्था और समाज कल्याण विभाग जागरूकता अभियान चलाएगा। अल्कोहलिक्स अनाॅनिमस ऐसी संस्था है जिसमें नशा करने वाले महिला व पुरूष शामिल है, ये महिला व पुरूष नशे को छोडकर अपने अनुभव, शक्ति और आशा बंाटते है किन हालात में उन्होंने नशा शुरू किया और कैसे नशे से छुटकार पाया और युवाओं को नशा छोडने के लिए अपना उदाहरण पेश करते है।  ये संस्था नशा करने वाले से नशा छुडवाले के लिए निशुल्क कार्य करती हैं। इस प्रक्रिया में जिले के सभी स्कूल और काॅलेज को कवर किया जाएगा। हमारा उदेश्य है कि जिले का हर युवा नशा मुक्त हो। नशा समाज ही नहीं बल्कि युवाओं की सोचने-समझने की शक्ति को भी खत्म कर देता है और नशा करने वाले को अच्छे और बुरे की समीक्षा नहीं कर पाता। 

अरबी भाषा को पढ़ाना और धार्मिक पुस्तकें बांटना सरकार का काम नहीं है: हिमंत बिस्व सरमा

एक ओर जहां केजरिवाल, ममता बनर्जी, जगन रेड्डी, केरल सरकार और तो और ठाकरे मुस्लिम तुष्टीकरण से, मौलवियों इत्यादियों को मोटी तनख़्वाहें बाँट – बाँट कर, मदरसों को मुफ्त किताबें कापियाँ दे कर अपनी सरकरें बना/बचा रहे हैं और स्वयं को सेकुलर कह रहे हैं वहीं असम के शिक्षा मंत्री हेमंत बीस्व सरमा ने सही मायने में धर्मनिरपेक्षता की मिसाल दी है। उन्होने सरकारी सहायता से चलने वाले मदरसों और संस्कृत विद्यालयों को बंद कर वहाँ नियमित विद्यालयों को आरंभ करने की बात कही है।

नयी दिल्ली(ब्यूरो):

असम के शिक्षा मंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने एक बड़ा फैसला लेते हुए राज्य के सरकारी सहायता से चलने वाले सभी मदरसों को बंद करने का फैसला लिया है। असम सरकार ने साफ तौर पर कहा है कि उसने ऐसा धर्मनिरपेक्षता को बढ़ावा देने के लिए किया है। इसी के साथ असम सरकार के शिक्षा मंत्री ने कहा है कि राज्य में अरबी भाषा पढ़ाना और धार्मिक पुस्तकें बांटना सरकार का काम नहीं है।

असम के शिक्षा मंत्री सरमा ने इसपर कहा,

“हम राज्य के सभी सरकारी मदरसों को बंद कर रहे हैं, क्योंकि हमें लगता है कि अरबी भाषा को पढ़ाना और धार्मिक पुस्तकें बांटना सरकार का काम नहीं है। अगर किसी को ऐसा करना है तो वह अपने पैसे से कर सकता है, इसके लिए सरकार कोई फंड जारी नहीं करेगी”।

सरकार ने मदरसों के साथ-साथ सरकारी पैसे पर चलने वाले कुछ संस्कृत स्कूलों को भी बंद कर दिया है और इन सब को नियमित स्कूलों में बदल दिया जाएगा।

हिमंत बिस्व सरमा ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा “राज्य में अभी 1200 मदरसा और लगभग 200 ऐसे संस्कृत स्कूल हैं जो बिना किसी बोर्ड के चल रहे हैं। समस्या यह है कि इन मदरसों में पढ़ने वालों छात्रों को भी अन्य नियमित स्कूलों के छात्रों की तरह ही समान डिग्री दी जाती है। इसीलिए अब सरकार ने इन सब मदरसों और संस्कृत स्कूलों को नियमित करने का फैसला लिया है”।

यह फैसला न सिर्फ राज्य सरकार के हित में है बल्कि इससे छात्रों का भविष्य भी सुरक्षित हो सकेगा, क्योंकि एक स्वतंत्र बोर्ड के तहत आने के कारण अब छात्रों को उच्च गुणवत्ता की शिक्षा मिल सकेगी और साथ ही ऐसे स्कूलों की जवाबदेही भी तय हो सकेगी। इसके अलावा राज्य सरकार ने ऐसा करके अपने यहां धर्मनिरपेक्षता को भी बढ़ावा दिया है। सालों तक देश में सेक्यूलरिज़्म के नाम पर मुस्लिमों का तुष्टीकरण करने की राजनीति की जाती रही है जिसे अब राज्य की भाजपा सरकार ने नकार दिया है।

सरकार एक सेक्युलर बॉडी होती है, जिसके लिए सभी धर्म एक समान होते हैं। ऐसे में सरकार किसी एक धर्म के प्रचार के लिए पैसे नहीं खर्च कर सकती। इसीलिए सरकार ने अपने पैसों पर चलने वाले मदरसों को लेकर यह फैसला लिया है। जिसे अपने धर्म का प्रचार अपने पैसे से करना है, उसका स्वागत है लेकिन सरकार की ओर से उन्हें एक भी रुपया नहीं दिया जाएगा।

सरकार का यह फैसला स्वागत योग्य है और असम सरकार ने देश की उन सरकारों के लिए एक उदाहरण पेश किया है जो सिर्फ अपनी राजनीति को चमकाने के लिए मुस्लिमों का तुष्टीकरण करती हैं। असम सरकार ने सही मायनों में एक सेक्युलर सरकार होने का प्रमाण दिया है।

Strict Legal Action Against the Miscreants on St. Valentine’s Day

The Valentine’s Day will be celebrated on 14-02-2020 in the different parts of the City especially by the youngsters. In order to curb  indulgence in dangerous driving, use of pressure horns and eve teasing, Proper security cover shall be deployed at Panjab University and its surrounding roads, markets of Sectors-8, 9,10,11,15,16,17 & 22 as well as in different Colleges and Girls Hostels.

For the proper maintenance of law & order and to curb the occurrence of such incidents, *Total-714 police personnel* (i.e. GOs-03, SHO/Insps.-24 and NGO/ORs-687) will be on ground on      14-02-2020. Further, PCR patrolling being intensified in the city especially around girls colleges, schools, hostels, parks, busy markets and malls. Lady police in civil clothes also being deployed in parks and around the colleges. Turn Sector-11/12 to Market Sector-10 being earmarked as *“Limited Vehicle Zone”* to curb hooligans and rash driving. The drivers/vehicles violating traffic rules especially dangerous driving and using pressure horns will be challaned/impounded. In addition to above, 40 internal nakas also being laid down from 4:00pm to 10:00pm.  

This year special 12 nakas being established around the Pubs & Bars in Sector-26 and Sector-7 till early morning, to restrain the hooligism, brawl incidents and safety of the women from anti-eve teasing and anti- snatching point of view. 

Special focus of deployment will be around the girl’s colleges & schools, ISBT-43, 17 and special anti eve teasing drive will be carried out.

Eve teasing, romeogiri, Drunken driving, dangerous driving shall be dealt with strict legal action.

Pre-Placement Talk on Career Prospects at UILS

Korel, Chandigarh February 6, 2020

University Institute of Legal Studies (UILS), Panjab University, Chandigarh organized a
Pre-Placement Talk on Career Prospects in Intellectual Property Laws here today. The
talk was delivered by Mr. Vikrant Rana, Managing Partner of S.S. Rana & Company, which
is a top-tier IPR Law firm in India. Mr. Rana is recognized as one of the top fifty IPR
lawyer in the country by Indian Business Law Journal with an expertise in Intellectual
Property and Technology related laws.

The speaker delved into the career choices in the realm of Intellectual Property Rights
(IPR) in consonance with the Competition Laws and shared that the interface of IPR laws
with other branches of Corporate Laws will certainly open new avenues of opportunities
in the times to come too. During the session, he shared that an Intellectual Property
lawyer is an integral part of a business establishment. He stressed that in the present
internet era it is imperative for lawyers to keep evolving and polishing their skills.
It is important for a lawyer to build good relationships with their clients.

Mr. Rana delivered a rich and stimulating talk on the nuances of IPR Laws to the
audience of budding lawyers at UILS. The talk was organized under the aegis of the
Career Development Cell of UILS.

PU Departments and Offices to install Suggestion Boxes

Korel, Chandigarh February 6, 2020

In a meeting chaired by the Prof. Raj Kumar, Vice-Chancellor, Panjab University asked for the installation of suggestion boxes in all the offices and departments of the university, here today. Prof. Kumar opined that the constructive feedback of all the stakeholders is must to improve the facilities at the campus and the same needs to be appropriately factored into the management process by incorporating, inculcating and integrating it to make the learning environment congenial. Feedback will help us to improve the stakeholder’s confidence, self-awareness and enthusiasm for learning at Panjab University, he opined. 

PU VC stated that the support of the stakeholders to the university will continuously help in improving and working truly towards transforming the human, social and economic condition of the society it is embedded in.

Further, he took stock of the preparation for the upcoming academic session and desired that the Help Desks be located at different places during admission days on the campus besides at regional centers and constituent colleges of the Panjab University so as to servea powerful and affordable resource to provide with the information and support related to different courses and facilities at the University premises.

PU VC urged the admission monitoring committee to develop a mechanism to attract top student-talent for different courses at PU as it will be of paramount significance to the university’s reputation and success. He urged to make all the courses offered at PU popular by providing students with multiple work-based learning opportunities.

The meeting was attended by Prof. Shankarji Jha DUI, Prof. Ravinder Kumar Singla
Dean Research, Prof. Karamjeet Singh Registrar, Prof. Parvinder Singh Controller of Examinations, Prof. Sanjay Kaushik Dean College Development Council, Prof. Emanual Nahar Dean Student Welfare, Prof. Neena Caplash Dean Student Welfare (Women), Prof. Sukhwinder Singh DirectorComputer Centre among other University officials and senior Professors.

Two special lectures on concept of Idea of Holy by Rudolf Otto at Guru Nanak Sikh Studies

Korel, Chandigarh February 6, 2020

Department of Guru Nanak Sikh Studies, Panjab University Chandigarh organized two special lectures on concept of Idea of Holy by Rudolf Otto and on the concept of Sacred and the Profane by Mircea Eliade.

Prof. Gurmeet Singh from Punjabi University, Patiala introduced students with the nature and impact of the Holy on human and human sphere.  He explained the function and mechanism of the Holy according to Rudolf Otto.

Prof. Gurmeet Singh in the second lecture explained how  Sacred manifests in various forms like Sacred Space, Sacred Time and Sacred Place. The Sacred and The Profane are very essential elements in human life, because these give a sense of unity, strength and emancipation to a man.

Prof. Jaspal Kaur Kaang, Academic In charge of the Department introduced the speaker to the participants in her welcome address.

Many students participated in the discussion after the deliverance of lecture. 

पत्रकारिता में प्रतियोगिता की भावना उन्नति के लिए आवश्यक : पी पी वर्मा

पुरनूर

नए और युवा पत्रकारों को चुनौती मानकर चलना प्रतियोगिता की भावना प्रगतिशील होने के लिए अनिवार्य है , जाने-माने वरिष्ठ पत्रकार जो कि पंजाबी ट्रिब्यून में कार्यरत हैं पी पी वर्मा उभरती पत्रकार से बातचीत के दौरान माना कि समय के साथ साथ पत्रकारिता में बदलाव भी आए हैं जोकि काफी हद तक सकारात्मक हैं, और पुराने और वरिष्ठ पत्रकारों के मन में भी प्रतियोगिता की भावना जागृत हुई है जोकि आगे बढ़ने और नए आयामों को स्वीकार करने के लिए काफी सहायक है ।

पी पी वर्मा ने अनुभव साँझा करते हुए कहा पहले कुछ अखबारों में कई दुकानदार और अन्य वर्ग के लोग पत्रकार के रूप में काम करते थे लेकिन अब समय बदलने से पढ़े लिखे लोग इस क्षेत्र में आने लगे हैं । पंजाब के एक शहर का वाकया साँझा करते हुए वर्मा ने बताया कि एक बार सादात हसन मंटो के नाटकों पर आधारित एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए जा रहे थे रास्ते में रुक कर जिस दुकान पर चाय पी उस दुकानदार से संबंधित सभागार पता पूछा तो दुकानदार ने कहा “मैंने भी वही जाना है मेरे साथ ही चलना” । वर्मा ने उससे जब पूछा क्या वह भी वहां नाटक देखने के लिए जाएग तो दुकानदार ने बताया कि वह एक पत्रकार है इस नाते से कवरेज करने के लिए कार्य मैं जा रहा है ।जब वर्मा सभागार में पहुंचे तो उन्होंने देखा कि वह दुकानदार एस डी एम के साथ बैठा हिल मिल कर बातें कर रहा था और वह उस इलाके का जाना माना पत्रकार था ।

हालांकि बहुत कुछ बदल गया है लेकिन अभी भी सब कुछ नहीं बदला अभी भी ऐसे पत्रकार मौजूद है जो कम पढ़े लिखे हैं और अपने संस्थान और पत्रकारिता की निर्धारित शैली से अनभिज्ञ हैं। जबकि जरूरत है कि उन्हें का पूर्ण ज्ञान हो ।बहुत से तो अपनी गलतियों से सीख कर परिपक्व हो जाते हैं पर सभी मामलों में नहीं । पढ़ाई लिखाई और अनुभव दोनों ही पत्रकारिता के लिए जरूरी चीजें हैं।

पंचकुला के स्कूलों में ‘आपात द्वार’ को लेकर उच्चस्तरीय बैठक

राज राणा, पंचकूला, 31 जनवरी:

स्कूलों में आने व जाने के लिए दो गेटों एवं इमरजैंसी गेट के विषय में  पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के निर्देशों को लेकर  उपायुक्त मुकेश कुमार आहूजा ने सरकारी एवं निजि स्कूलों की एक बैठक ली। आहूजा ने कहा कि ज्यादातर शैक्षणिक संस्थानों में आने और जाने के लिए सिर्फ एक ही गेट हंै। कुछ स्कूल रिहायशी ईलाकों मेें हंै और छुट्टी के समय एक ही गेट होने से जाम की स्थिती बन जाती है। इसके साथ ही स्कूलों में प्राकृतिक एवं अन्य आपदाओं के समय में इमरजैंसी गेट की व्यवस्था भी नहीं होती है। संकटकाल के समय  एक साथ बहुत सारे बच्चों को बाहर निकालने के लिए एक ही गेट काफी नहीं होता है ।

कई बार देखा जाता है कि जितना नुकसान आपदा से नहीं होता है उससे ज्यादा नुकसान तंग जगह और एक ही निकास द्वार में होने वाली भगदड़ से हो जाता है। इसलिए सभी शैक्षणिक संस्थान अपने संस्थान में आनेे व जाने के लिए अलग-अलग गेटो का होना सुनिश्चित करें, ताकि किसी आपदा के आने पर बच्चों को सुरक्षित निकालने के लिए उस गेट का प्रयोग किया जा सके और किसी जान-माल के नुकसान से बचा जा सके।उन्होंने बताया कि स्कूल बसों में देखने में आया है कि सीसीटीवी कैंमरे लगे हुए है पंरतु कैंमरे काम नहीं कर रहे हंै।

उन्होंने स्कूलों को निर्देश दिए कि वे बसों में सीसीटीवी कैंमरों को चैक करे और जिनमें कैंमरे नहीं चल रहे उन बसों में सीसीटीवी कैमरों का चलना  सुनिश्चित करें। इस बारे में प्रशासन ज्यादा से ज्यादा टीमें बनाकर जिले के सभी स्कूलों बसों की गंभीरता से लगातार जाँच करेगा।उन्होंने टैªफिक पुलिस को भी निर्देश दिए कि दुर्घटनाओं से बचने के लिए सड़क और गलत जगह पर की गई वाहनो की पार्किंग पर भी सख्त कार्यवाही करें। ऐसे वाहनों के ज्यादा से ज्यादा चलान करें ताकि यातायात सुचारू रूप से चल सके और लोगों को यातायात के नियमों की पालना करने में कठिनाईयां ना आए और वे सड़क दुर्घटनाओं से बच सके।