ऐसे ही रहा तो हमारे ही देश में होंगे हम अल्पसंख्यक : डॉ राजेंद्र शर्मा
- सनातनी अब भी नहीं जागे तो बंगाल और असम की है अब बारी : डॉ राजेंद्र शर्मा
- दूरियां दिल की मिटे हर कहीं अनुराग हो ना द्वेश हो ना राग हो ऐसा यहां फाग हो : डॉ जयभगवान राजलीवाल
जगदीश असीजा, डेमोक्रेटिक फ्रंट, उकलाना – 26 मार्च :
उकलाना श्री सनातन धर्म मंदिर कमेटी उकलाना द्वारा होली के रंग फूलों के संग कार्यक्रम का आयोजन हुआं। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे डॉक्टर जय भगवान राजलीवाल ने कहा दूरियां दिल की मिटे हर कहीं अनुराग हो न द्वेश हो न राग हो ऐसा यहां फाग हो । कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे डॉक्टर भूप सिंह ओढ ने होली की शुभकामनाएं देते हुए कहा कंधों से ऊंची छाती नहीं होती धर्म से ऊंची कोई जाति नहीं होती होली का त्योहार सभी को खुशियां लेकर के आए ऐसी शुभकामनाएं दी । वहीं विशिष्ट अतिथि के रूप में पहुंचे डॉक्टर राजेंद्र शर्मा ने कहा कि सनातन धर्म जो विश्व में अपनी पहचान रखता है और विक्रमादित्य के वक्त हिंदुस्तान में पाकिस्तान ईरान इराक अफगानिस्तान का क्षेत्र होता था सनातन का डंका बजता था
और इस कड़ी में विक्रमी संवत भी मनाई जाती है उन्होंने कहा आजादी के वक्त हिंदुस्तान में हिंदू लगभग 37 करोड़ थे आज संख्या मात्र 100 करोड़ के आसपास लगभग तीन गुना वृद्धि हो पाई है अगर हम दूसरों की बात करें तो 13 गुना वृद्धि हो चुकी है जिससे यह कहा जा सकता है कि आने वाले समय में हिंदुस्तान में ही हिंदू अल्पसंख्यक होंगे. । उन्होंने कहा स्वतंत्रता से पहले हमने ईरान इराक अफगानिस्तान खोया स्वतंत्रता के साथ हमने पाकिस्तान और बांग्लादेश खोया नेपाल भूटान और तिब्बत जो हिंदू राष्ट्र होते थे वह भी हमसे चले गए अगर अब भी हम सनातनी हिंदू नहीं जागे तो बंगाल और असम की बारी है। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि आज हम दो हमारे दो नहीं हम दो हमारे नौ की जरूरत है तभी हम अपने ही देश में अल्पसंख्यक होने से बच सकते हैं।
उन्होंने सनातन की मजबूती के लिए समाज को जागरूक किया और सरकार से आग्रह किया इस और ध्यान देने की जरूरत है
मौके पर पहुंचे अतिथियों को सम्मानित किया मंडी से पवन गोयल उर्फ पोना प्रधान को भी सम्मानित किया। इस मौके पर ऋतु जैन राजन अरोड़ा सुखविंदर भादू जिले सिंह राजलीवाल जेपी राजलीवाल सतीश भारती कैलाश लोहिया पवन उकलाना सतीश दनोदा सुभाष फरीदपुरिया राजेंद्र महिपाल राकेश गर्ग बबलू राकेश गर्ग डबलू यामिनी महेंद्र दहमनिया संजय गुप्त आदि मौजूद थे।