- जितना बजट इस वर्ष रेवाड़ी एम्स को दिया है उस हिसाब से रेवाड़ी एम्स की इमारत बनने में ही करीब 12 साल लग जाएंगे, जो कि लंबा समय है इसलिये बजट आवंटन बढ़ाया जाए – दीपेन्द्र हुड्डा
- दीपेन्द्र हुड्डा ने बाढ़सा एम्स-2 के मंजूरशुदा 10 संस्थान, हरियाणा में मेट्रो विस्तार, इंटरनेशनल एयरपोर्ट, गुरुग्राम की इंडियन डिफेंस यूनिवर्सिटी आदि परियोजनाओं के लिये भी बजट आवंटन की मांग की
- बाढ़सा एम्स-2 के बाकी बचे हुए 10 संस्थानों समेत अन्य मंजूर परियोजनाओं के लिए पिछले वर्षों की तरह इस वर्ष भी एक पैसे का आवंटन नहीं हुआ – दीपेन्द्र हुड्डा
डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़, 09 फरवरी
सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने आज राज्य सभा के शून्य काल में एम्स परियोजना के लिये हरियाणा में प्रस्तावित रेवाड़ी एम्स के लिये अंतरिम बजट में अपर्याप्त बजट आवंटन का मुद्दा उठाते हुए इसे बढ़ाने की मांग की। उन्होंने सरकार को धन्यवाद देते हुए कहा कि 2015 में इसकी घोषणा की गई थी, लेकिन 9 साल की देरी के बाद इस वर्ष इसके लिए बजट आवंटित किया गया है। उन्होंने कहा कि जितना बजट इस वर्ष रेवाड़ी एम्स को दिया है उस हिसाब से रेवाड़ी एम्स की इमारत बनने में ही करीब 12 साल लग जाएंगे, जो कि लंबा समय है इसलिये बजट आवंटन बढ़ाया जाए। ऐसा न हो कि बाकी परियोजनाओं की तरह ही इसका भी कोई काम आगे न बढ़े। इसके अलावा, उन्होंने बाढ़सा एम्स के मंजूरशुदा 10 संस्थान, हरियाणा में मेट्रो विस्तार, इंटरनेशनल एयरपोर्ट, गुरुग्राम की मंजूरशुदा इंडियन डिफेंस यूनिवर्सिटी आदि परियोजनाओं के लिये भी बजट आवंटन करने की मांग की।
उन्होंने कहा कि देश भर में 22 नये AIIMS स्थापित होने हैं। वर्ष 2015 में एम्स रेवाड़ी की भी घोषणा हुई थी, लेकिन कागजों से बाहर आने में ही इसको 9 साल लग गया। 22 नये AIIMS के लिए वर्ष 2024-25 के अंतरिम बजट में 6800 करोड़ रुपया आवंटित किया गया है जो अपर्याप्त है। इस हिसाब से एक AIIMS के हिस्से में करीब 300 करोड़ रुपये ही आएंगे। जो पहले ही करीब एक दशक की देरी झेल चुके AIIMS रेवाड़ी के लिए नाकाफ़ी है। उन्होंने यह भी बताया कि कैग ने अपनी रिपोर्ट में एक एम्स की लागत तयशुदा लागत से करीब 3000 करोड़ रुपये अधिक होना बताया है।
उन्होंने बाढ़सा एम्स-2 विस्तार परिसर में बनने वाले राष्ट्रीय महत्व के 10 स्वास्थ्य संस्थानों के निर्माण के लिए बजट आवंटन का मुद्दा उठाते हुए कहा कि इसमें NCI के अलावा 600 बेड का नेशनल कार्डियोवैस्कुलर सेंटर, 500 बेड का जनरल पर्पस हॉस्पिटल, 500 बेड का नेशनल ट्रांस्प्लांटेशन सेंटर, 500 बेड का नेशनल सेंटर फॉर चाइल्ड हेल्थ, 500 बेड का डाइजेस्टिव डिजीज सेंटर, 200 बेड का नेशनल इंस्टिट्यूट फॉर जिरियाटिक्स, कॉम्प्रिहेंसिव रिहेबिलिटेशन सेंटर, 120 बेड का सेंटर फार ब्लड डिसार्डर, सेंटर फॉर लेबोरेटरी मेडिसिन, नेशनल सेंटर फॉर नर्सिंग एजुकेशन एंड रिसर्च 2012 में मंजूर कराया गया था। राष्ट्रीय कैंसर संस्थान का शिलान्यास पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने किया था और ये अब बनकर तैयार हो चुका है। लेकिन बाकी बचे हुए 10 संस्थानों पर पिछले वर्षों की तरह इस वर्ष भी एक पैसे का आवंटन नहीं हुआ। इसी प्रकार हरियाणा में मेट्रो विस्तार के लिये एक नये खंबे का बजट नहीं दिया गया, महम के इंटरनेशनल एअरपोर्ट, इंडियन डिफेंस यूनिवर्सिटी के निर्माण के लिये पिछले 10 वर्ष में एक रुपया बजट नहीं दिया गया, दीपेन्द्र हुड्डा ने इन सभी परियोजनाओं के लिये बजट आवंटन करने की मांग की।