गाय कोई पशु नहीं, वह देवताओं की, विश्व की जगत की माता है- स्वामी विनोद डीमरी
रघुनंदन पराशर, डेमोक्रेटिक फ्रंट, जैतो – 27 दिसम्बर :
श्री गीता भवन गोनियाना में “धेनुमानस गौ कथा” के तीसरे एवं अंतिम दिन व्यास गद्दी प्रवक्ता आचार्य विनोद डीमरी बद्रीनाथ उत्तराखंड वालों ने गौ माता का महत्व बताते हुए कहा कि ऋषि वशिष्ठ की गाय ने राजा कौशक का हंकार तोड़ा था। राजा जनक ने अनजाने में चरती गाय को रास्ते से हटाया, जिसके कारण उन्हें नर्क का द्वार देखना पड़ा। गौ कथा को आगे बढ़ाते हुए स्वामी जी ने बताया कि गौ माता के दूध के कारण ही भगवान रामजी और उनके सभी भाइयों का जन्म हुआ, गौ माता द्वारा भूत-प्रेतों से रक्षा करने का प्रसंग सुनाया। स्वामी जी ने कहा कि गाय कोई पशु नहीं, वह देवताओं की, विश्व की जगत की माता है। अंत में स्वामी जी ने गौ माता की सेवा का वचन मांगकर कथा को विराम दिया। सभी श्रद्धालुओं ने उनके वचन का पालन करने का विश्वास दिलाया। इस अवसर पर अन्यों के अलावा गीता भवन के पुजारी आचार्य गजेंद्र दत्त शास्त्री, बाबा वीर सिंह अंगहीन गौशाला गिल पत्ती वाले, रामधारी बांसल, लाजपत राय गोयल, नरिंदर पाल बांसल, प्रिंस रोमाना, राव सुरजीत सिंह, राज सिंह ढींगरा, मलकीत राय , गोबिंद राम जिंदल, राजिंदर आहूजा, गोपाल गोयल, पवन प्लाई वाले, बिट्टू देओन वाले, राज कुमार लिली, अमृतपाल टली, दीपक भगत, विजय गोयल, सतपाल सिंगला, इंद्रजीत कालडा, भारत भूषण गोयल, गगन जैन, सतपाल बांसल, गोपाल जिंदल, केवल कृष्ण,संजू, हरमीत ग्रोवर, शाम लाल और पुनीत शर्मा भी उपस्थित थे।