गीता भारत का गौरव ग्रंथ है

  • गीता भारत का गौरव ग्रंथ है : गीता मनीषी महामंडलेश्वर स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज जी 
  • मंदिरों में श्रद्धालुओं ने एक मिनट एक साथ गीता पाठ पढ़कर सद्भावना प्रेम और शांति का संदेश दिया

डेमोक्रेटिक फ्रंट, चण्डीगढ़- 25 दिसम्बर  :

अंतर्राष्ट्रीय प्रसिद्धि प्राप्त गीता मनीषी महामंडलेश्वर स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज जी के आह्वान पर गीता जयंती का पर्व बड़े धूमधाम से चण्डीगढ़ के सभी मंदिरों में मनाया गया। हिंदू पर्व महासभा, चण्डीगढ़ के अध्यक्ष बीपी अरोड़ा व महासचिव कमलेश चंद्र सूरी ने बताया कि सभी मंदिरों में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने एक मिनट एक साथ गीता पाठ पढ़कर सदभावना प्रेम और शांति का संदेश  दिया। उन्होंने बताया कि गीता हिंदुओं की आस्था का ग्रंथ ही नहीं बल्कि संपूर्ण मानवता  के कल्याण का ग्रंथ है। इस दौरान तीनों  शलोको का भी पाठ किया गया। गीता जयंती के शुभ अवसर पर  शहर के प्रबुद्धजनों के साथ भी चर्चा हुई। अष्टादश  श्लोकी गीता पाठ का उच्चारण किया गया और उसके पम्फ्लेट्स भी श्रद्धालुओं में वितरित किए गए।

स्वामी ज्ञानानंद जी ने बताया था कि गीता ही एक ऐसा ग्रंथ है जिसमें सभी प्राणियों के हित की बात कही गई है । यह भारत का गौरव ग्रंथ है। उन्होंने कहा कि गीता उपदेश 5160 वर्ष पूर्व कुरुक्षेत्र की युद्धभूमि में कौरवों व पांडवों के बीच चले युद्ध में युद्ध भूमि पर दिया गया। आज पूरे विश्व में जब चारों ओर प्राकृतिक आपदाएं, युद्ध और तनाव की स्थिति, अराजकता  पैर पसारे हुए है और छोटे बच्चों में संस्कारों का अभाव है, विश्व में अशांति  छाई हुई है, ऐसे में भागवत गीता जी के उपदेश  ही एकमात्र उपाय हैं जिससे शांति बहाल हो सकती है। यदि विश्व में शांति चाहते हैं  तो भागवत गीता के उपदेश जीवन में स्वीकारने होंगे। न्यायालय में गीता हो, कार्यक्षेत्र में गीता हो, विद्यालय में गीता हो और घर-घर में गीता हो।

इस अवसर पर संस्था के सभी पदाधिकारी रमेश मल्होत्रा मुख्य संरक्षक, वाई के सरना, लक्ष्मी नारायण सिंगला, एलसी बजाज, रामधन अग्रवाल ,अजय कौशिक, अरुणेश अग्रवाल, जेएल गुप्ता, मोहनलाल गौड़, एल सी बजाज, पदम राय, राजेंद्र गुप्ता, अनुज कुमार सहगल, पंकज गुप्ता, धर्मपाल  शर्मा, अश्विनी ऋषि, आदर्श कुमार, रतनलाल व सभी मंदिरों के पदाधिकारी उपस्थित थे।