विधानसभा में विपक्ष के सवालों का संतोषजनक जवाब नहीं दे पाई सरकार: हुड्डा
- सरकार ने खुद माना कि रोजगार देने में कांग्रेस के मुकाबले कहीं नहीं ठहरती बीजेपी-जेजेपी- हुड्डा
- हरियाणा के युवाओं को युद्ध क्षेत्र इजराइल में मजदूरी करने के लिए भेज रही बीजेपी-जेजेपी- हुड्डा
- हरियाणवी युवाओं का पलायन रोकने की बजाए उसे बढ़ावा दे रही सरकार- हुड्डा
- फिर उजागर हुई बीजेपी-जेजेपी की हरियाणवी विरोधी सोच, 7 में से 4 गैर-हरियाणवियों को किया बीडीपीओ भर्ती- हुड्डा
- हड़ताल पर गए मंडी व्यापारियों की मांग जायज, कांग्रेस ने खत्म की थी मंडी फीस, मौजूदा सरकार ने बेतहाशा बढ़ाई- हुड्डा
- सांसदों के निलंबन के विरोध में 22 तारीख को प्रदेशभर में प्रदर्शन करेगी कांग्रेस- उदयभान
डेमोक्रेटिक फ्रंट, चण्डीगढ़- 20 दिसम्बर :
पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा का कहना है कि विधानसभा में सरकार विपक्ष के सवालों का संतोषजनक जवाब नहीं दे पाई। सरकार के पास बताने के लिए कोई काम या उपलब्धि नहीं है, इसीलिए उसने जानबूझकर सत्र की अवधि को कम रखा। हुड्डा अपने आवास पर पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष चौधरी उदयभान भी उनके साथ मौजूद रहे। इस मौके पर हुड्डा ने बेरोजगारी के मुद्दे पर आंकड़ों के साथ सरकार को आईना दिखाया। उन्होंने कहा कि आज हरियाणा पूरे देश में सबसे ज्यादा बेरोजगारी झेल रहा है। पिछले कई साल से सरकारी और निजी संस्थाओं के आंकड़े इस बात की तस्दीक करते आ रहे हैं। खुद केंद्र सरकार ने संसद में बताया कि 2013-14 में कांग्रेस सरकार के दौरान हरियाणा की बेरोजगारी दर 2.9% थी, वो आज 3 गुना से ज्यादा बढ़कर करीब 9.0% हो गई है। जबकि राष्ट्रीय स्तर पर बेरोज़गारी दर 4.1% है। यानी हरियाणा में राष्ट्रीय औसत से दोगुनी से भी ज्यादा बेरोजगारी है।
हुड्डा ने कहा कि अब सरकार दावा कर रही है कि बेरोजगारी दर कम हुई है। हैरानी की बात है कि इस दर को सरकार उपलब्धि की तरह बता रही है। जबकि इन आंकड़ों से भी स्पष्ट हो जाता है कि बीजेपी-जेजेपी सरकार में बेरोजगारी दर बढ़ी है और मौजूदा सरकार रोजगार देने के मामले में कांग्रेस के मुकाबले कहीं नहीं ठहरती। बेरोजगारी के चलते हरियाणा के युवा आज अपना प्रदेश और देश छोड़कर पलायन करने को मजबूर हैं। अग्निपथ और हरियाणा कौशल निगम जैसी योजनाओं के जरिए युवाओं से पक्की नौकरियां छीनी जा रही है। ठेके पर रखकर कम वेतन में पढ़े-लिखे योग्य युवाओं का शोषण हो रहा है। कांग्रेस सरकार बनने पर युवाओं को ठेके पर लगाने की नीति को रोका जाएगा और 2 लाख पदों पर पक्की भर्तियां होंगी।
मौजूदा सरकार के कार्यकाल में युवा अपने भविष्य को सुरक्षित नहीं पाते हैं। इसलिए वह लाखों रुपए लगाकर डोंकी लगाकर (गैर कानूनी तरीके से) विदेश जा रहे हैं। इस पलायन को रोकने के बजाय सरकार इसे प्रोत्साहित कर रही है। सरकार हरियाणा युवाओं को इजराइल में मजदूरी करने के लिए भेज रही है। पूर्व मुख्यमंत्री ने सवाल पूछा कि आखिर बीजेपी-जेजेपी हरियाणवी युवाओं को युद्ध प्रभावित क्षेत्र इजराइल में क्यों भेजना चाहती है? यह वहीं इसराइल है जहां हमास के साथ युद्ध चल रहा है। कुछ दिन पहले ही तमाम देशों ने अपने नागरिकों को यहां से सुरक्षित निकाला था। इसी तरह सरकार ने खाड़ी देशों में भी बेरोजगारों को भेजने की नीति बनाई है। इन खाड़ी देशों में मजदूरों के साथ शोषण और अत्याचार के हजारों मामले सामने आ चुके हैं। इन देशों में मजदूरों के पास कोई अधिकार नहीं होते और उन पर अमानवीय अत्याचार होते रहते हैं।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि जहां एक तरफ मौजूदा सरकार हरियाणवियों को पलायन करने के लिए मजबूर कर रही हैं, वहीं दूसरी तरफ गैर-हरियाणवियों को लगातार उच्च पदों पर भर्ती कर रही है। सरकार ने हाल ही में 7 BDPO को भर्ती किया है, जिनमें से 4 गैर-हरियाणवी हैं। यह इस सरकार की हरियाणवी विरोधी मानसिकता को दिखाता है। क्या ये सरकार हरियाणा वालों को उच्च पदों पर नियुक्ति के लायक नही समझती? SDO से लेकर लेक्चरर तक HPSC की लगभग हर भर्ती में स्थानीय युवाओं के साथ यहीं खिलवाड़ क्यों हो रहा है? तमाम बड़े पदों पर अन्य राज्य के लोगों को भरा जा रहा है। आखिर क्यों?
हुड्डा ने आज भर्तियों में फर्जीवाड़े का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा कि सदन में मुख्यमंत्री गीता पर हाथ रखकर भ्रष्टाचारियों को पकड़ने की कसम खाते हैं। लेकिन सच्चाई कुछ और है। इस सरकार की भर्तियों के घोटाले किसी से छिपे नहीं है। 2017 में हाई कोर्ट ने फिशरी भर्ती में विजिलेंस जांच के आदेश दिए थे लेकिन आज तक उस जांच का कोई अता पता नहीं। अप्रैल 2018 में हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन के कार्यालय में छापा पड़ा था तो कई कर्मचारी भर्ती नतीजों के साथ छेड़छाड़ के आरोप में पकड़े गए थे। पूछताछ में कर्मचारियों ने सभी पदों की रेट लिस्ट का खुलासा किया था। लेकिन इतने बड़े खुलासे के बावजूद सरकार ने उच्च पद पर बैठे किसी व्यक्ति पर कार्रवाई या उसकी जांच नहीं की। जबकि इस मामले में चालान दायर किया गया तो माननीय कोर्ट ने अपने जांच से असंतुष्टि जताते हुए स्पष्ट तौर पर कहा कि कुछ लोगों को बचाने का प्रयास हो रहा है। HCS भर्ती में सरकार ने विजिलेंस द्वारा मारी गई रेड पर अपनी पीठ थपथपाने का काम किया है। लेकिन सच्चाई यह है कि उस भर्ती को कैंसिल नहीं किया गया और सभी सिलेक्टेड कैंडिडेट्स को ज्वाइन करवा दिया गया। यहां भी आरोपियों को बचाया गया है।
शिक्षा के गिरते स्तर पर टिप्पणी करते हुए नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि शिक्षा विभाग में टीचर्स के लगभग 50 प्रतिशत पद खाली पड़े हुए हैं। हरियाणा सरकार ने शिक्षा पर खर्च को 11.76 प्रतिशत तक कम कर दिया है। मौजूदा सरकार के साढ़े नौ साल में जेबीटी की एक भी भर्ती नहीं निकाली गई। PGT और TGT भी ठेके पर कौशल रोजगार निगम के तहत ऱखे जा रहे हैं। यह पूरे शिक्षा तंत्र के साथ खिलवाड़ है।
हुड्डा ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं की दयनीय स्थिति मरीजों के लिए जानलेवा साबित हो रही हैं। छोटे अस्पतालों में ही नहीं पीजीआई और मेडिकल कॉलेजों में भी स्टाफ का भारी टोटा है। रोहतक पीजीआई में 5,144 स्वीकृत पदों में से 2,385 पद खाली पड़े। करनाल के कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज में 944 स्वीकृत पदों में 459 पद खाली हैं। हसन खान मेवाती मेडिकल कॉलेज नलहड़ में 1,062 स्वीकृत पदों में से 670 पद, खानपुर मेडिकल कॉलेज में 1,019 स्वीकृत पदों में 473 पद और मेडिकल कॉलेज फरीदाबाद में 878 स्वीकृत पदों में से 692 पद खाली पड़े हुए हैं।
मौजूदा सरकार ने रोडवेज का भी बंटाधार करके रख दिया है। बढ़ने की बजाए हरियाणा रोडवेज की बसों की संख्या लगातार घट रही है। साल 2014-15 में रोडवेज की अपनी 4,083 बसें थीं जो अक्टूबर 2023 तक घटकर 3,129 रह गईं। आज स्वीकृत बेड़े की संख्या से 1700 बसें कम हैं। बची हुई बसों का इस्तेमाल बीजेपी अपनी राजनीतिक यात्राओं में कर रही है।
हड़ताल पर गए सब्जी मंडी व्यापारियों की मांगों का समर्थन करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने सब्जी मंडी की मार्किट फीस को खत्म किया था। लेकिन बीजेपी-जेजेपी सरकार ने 2020 में कोरोना टैक्स के नाम पर 2 प्रतिशत कर लगा दिया। लेकिन कोरोना चला गया फिर भी टैक्स इसी तरह लगा है। इस सरकार ने टैक्स को महीने दर महीने लेने की बजाए साल में 1 बार इकट्ठा लेने का निर्णय किया है, जिससे व्यापारियों पर बोझ बढ़ा है। मंडी फीस बढ़ने से जनता पर भी महंगाई का अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है। कांग्रेस सरकार बनने पर मार्किट फीस में एक बार फिर से छूट दी जाएगी।
पत्रकारों से बातचीत में चौधरी उदयभान ने आज हुई कांग्रेस की बैठक के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सभी लोगों ने संसद में विपक्ष के सांसदों के साथ हुए बर्ताव की कड़े शब्दों में निंदा की। सरकार विपक्ष की बात सुनने को तैयार नहीं है। संसद की सुरक्षा में चूक क्यों हुई, इसका जबाव देने की बजाए सांसदों को सस्पेंड किया जा रहा है। इसके विरोध में कांग्रेस 22 तारीख को प्रदेशभर में रोष प्रदर्शन करेगी।