महापौर कुलभूषण गोयल ने 108 कुंडीय हवन यज्ञ में डाली आहूतियां

डेमोक्रेटिक फ्रंट, पंचकुला – 14 दिसम्बर  :

सेक्टर-5 शालीमार ग्राउंड में चल रहे 108 कुंडीय हवन यज्ञ में पंचकूला के महापौर कुलभूषण गोयल ने अपनी धर्मपत्नी अंजू गोयल के साथ आहूतियां डाली। आयोजकों ने महापौर का स्वागत किया। सेक्टर 5 शालीमार ग्राउंड में 18 दिसंबर तक 100वां 108 कुंडीय महायज्ञ का आयोजन चल रहा है। जिसमें जगतगुरु त्रिपुरा पीठाधीश्वर चक्रवर्ती यज्ञ सम्राट श्री श्री 1008 हरिओम महाराज की ओर से 108 महायज्ञ करने के संकल्प को पूरा किया जा रहा है। इस कड़ी में पंचकूला के अंदर 100वां महायज्ञ किया जा रहा है। जिसमें सुबह 8 बजे से दोपहर 12 बजे तक 108 कुंडीय यज्ञ चल रहा है। इसके बाद दोपहर 3 बजे से शाम 5 बजे तक श्रीमद्भाग्वत कथा का आयोजन भी किया जा रहा है। सुबह 108 कुंडीय हवन यज्ञ के बाद दोपहर को श्रीमद्भाग्वत कथा भी चल रही है। इसके बाद शाम 7 बजे से रात 9 बजे तक भव्य आरती का भी आयोजन चल रहा है। जिसमें शहर के लोगों को भी ज्योत प्रज्वलित करने का मौका मिल रहा है। इस दौरान शहर के लोगों से भी पूजा पाठ करवाया जा रहा है। जिसके बाद स्वयं यज्ञ सम्राट श्री श्री 1008 हरिओम महाराज इस आरती को कर रहे है। जिसमें काफी ज्यादा संख्सा में श्रद्धालु महा आरती में हिस्सा लेने के लिए पहुंच रहे है। इस दौरान हरिओम महाराज की ओर से सनातन धर्म के बारे में भक्तों को बताया भी जा रहा है। वहीं, लोगों को यज्ञ करने और उसमें आहुति डालना कितना अहम होता है, इन सबके बारे में भी बताया जा रहा है। आचार्य शुभम द्विवेदी ने बताया कि श्रीमद्भागवत गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने यज्ञ करने वालों को परमगति की प्राप्ति की बात की है। यज्ञ में अग्निदेव की पूजा की जाती है। भगवान अग्नि प्रमुख देव हैं। हमारे द्वारा दी जाने वाली आहुति को अग्निदेव अन्य देवताओं के पास ले जाते हैं। फिर वे ही देव प्रसन्न होकर उन छवियों के बदले कई गुना सुख, समृद्धि और अन्न-धन देते हैं। यज्ञ मानव जीवन को सफल बनाने के लिए एक आधारशिला है। इसके कुछ भाग विशुद्ध आध्यात्मिक हैं। अग्नि पवित्र है और जहां यज्ञ होता है, वहां संपूर्ण वातावरण, पवित्र और देवमय बन जाता है।