स्वामी जी ने श्रद्धालुओं को बताया श्री सुंदर कांड पाठ का महत्व
गुरु कुम्हार और शिष्य कुंभ
स्वामी श्री कमलानंद गिरि जी महाराज ने कहा कि गुरु कुम्हार है और शिष्य कुंभ है। अर्थात जैसे कुम्हार मिट्टी का घड़ा बनाते समय घड़े को मजबूती प्रदान करने के लिए अंदर से प्यार से हाथ रखकर बाहर से चोट मारता है कुछ ऐसे ही गुरु अपने शिष्य का जीवन संवारने के लिए कार्य करते हैं। स्वामी जी ने कहा कि मनुष्य छोटी सी समस्या आने पर परेशान हो जाता है। कोई काम न हो सके तो वो कहने लगता है कि ये काम तो नहीं होगा। बहुत मुश्किल काम है। इसे ही नकारात्मकता कहते हैं। लोगों के पास काम न करने के अनेकों बहाने निकल आते हैं। मेरी तो किस्मत ही खराब है। भगवान ने मुझे बेहद गरीब बनाया है। न जाने मनुष्य कैसे कैसे बहाने मारता रहता है। मगर किस्मत बदलना मनुष्य के खुद के हाथ में होता है। किस्मत बदलने के लिए कर्म करना जरुरी है। कर्म करोगे तो ही किस्मत बदलेगी न कि खाली बैठे-बिठाए स्वप्न देखने से किस्मत बदलेगी। इस मौके श्रद्धालु भजनों की गंगा पर डुबकियां लगाते हुए झूमते नजर आए।
- श्री सुंदर कांड को मन में उतार कर लें इससे प्रेरणाः महामंडलेश्वर स्वामी कमलानंद जी महाराज
- श्री राम भवन में श्री सुंदर कांड पाठ एवं प्रवचन कार्यक्रम
रघुनंदन पराशर, डेमोक्रेटिक फ्रंट, जैतो – 28 नवम्बर :
श्री कल्याण कमल आश्रम हरिद्वार के अनंत श्री विभूषित 1008 महामंडलेश्वर स्वामी श्री कमलानंद गिरि जी महाराज ने श्री सुंदर कांड की महिमा सुनाते हुए कहा कि जो भक्त सुंदर कांड पाठ करता है, उस भक्त पर वीर बजरंग बली की कृपा सदैव बनी रहती है। इसलिए जो भक्त वीर बजरंग बली की कृपा चाहता है, वो कुछ समय निकालकर सुंदर कांड पाठ अवश्य पढ़े या श्रवण करे और सुंदर कांड को समझने की कोशिश करे और इससे जीवन में प्रेरणा ले। ये विचार महामंडलेश्वर स्वामी श्री कमलानंद जी महाराज ने श्री राम भवन में आयोजित श्री सुंदर कांड पाठ एवं प्रवचन कार्यक्रम के दौरान श्री सुंदर कांड पाठ की महिमा बताते हुए व्यक्त किए। श्री राम नाम की महिमा सुनाते हुए स्वामी जी ने कहा कि श्री राम नाम की महिमा अपरंपार है। जो भक्त सच्चे मन से महज राम नाम जपता है उसके सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। श्री राम जी की भक्ति करने वाले भक्त पर वीर बजरंग बली की कृपा हमेशा बनी रहती है। स्वामी श्री कमलानंद गिरि जी महाराज ने कहा कि श्री हनुमंत लाल जी को सिर्फ श्री राम नाम का ही नशा था। मनुष्य को भी अगर कोई नशा करना है तो दुनियावी नशों का त्याग कर सिर्फ राम नाम का नशा करे। अगर किसी ने वीर बजरंग बली से कोई काम निकलवाना है तो उनके आराध्य प्रभु श्री राम चंद्र
जी की भक्ति करो, बजरंग बली अतिशीघ्र प्रसन्न होकर काम संपन्न करेंगे।स्वामी कमलानंद गिरि जी महाराज ने वीर बजरंग बली की महिमा सुनाते हुए कहा
कि पूरे विश्व में वीर बजरंग बली जैसा प्रभु श्री राम भक्त न हुआ है और न आगे होगा। श्री हनुमान जी की राम भक्ति पूरे जग में विख्यात है। वे अपने आराध्य की सेवा में दिन-रात तत्पर रहते थे। वे प्रभु से कार्य पूछा नहीं करते थे कि क्या कार्य करना है। बल्कि प्रभु के कार्य करने के बहाने ढूंढा करते थे कि किसी न किसी तरह प्रभु की सेवा हो सके।
इस मौके श्रद्धालुओं ने महामंडलेश्वर स्वामी कमलानंद गिरि जी महाराज का तिलक पूजन कर आशीर्वाद प्राप्त किया। मंदिर प्रांगण वीर बजरंग बली जी और सद्गुरु देव महाराज के जयकारों से गूंज उठा। बड़ी गिनती में श्रद्धालुओं ने श्री सुंदर कांड पाठों में सम्मलित होकर वीर बाला जी महाराज की कृपा भी प्राप्त की।