जिला उपायुक्त ने जिले में बाढ़ की स्थिति में सुरक्षा व्यवस्थाओं पर समीक्षा की

पंचकूला, 24 सितंबर:
जिला प्रशासन द्वारा बाढ की स्थिति से निपटने के लिए पुख्ता प्रबंध किए गए हैं और इस दिशा में जिला व खण्ड स्तर पर बाढ नियंत्रण कक्ष भी स्थापित किए गए हैं।
यह जानकारी पंचकूला के उपायुक्त मुकुल कुमार ने जिला सचिवालय के सभागार में बाढ नियंत्रण के संबंध में किए गए प्रबंधों के संबंध में आयोजित बैठक में समीक्षा करते हुए दी। उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार की प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए प्रशासन द्वारा पुख्ता तैयारियां की गई हैं और इस संबंध में अधिकारियों की डियूटीयां भी लगाई गई हैं ताकि समय रहते किसी भी अप्रिय घटना को घटने से रोका जा सके। उन्होंने कहा कि नदियों में बाढ आने की स्थिति में शीघ्र संबंधित अधिकारी व प्रशासन को सूचना देने और इस संबंध में आम लोगों को भी सावधान बरतने की दिशा में सूचित करेंगे।
उपायुक्त ने बताया कि जिला स्तर पर जिला सचिवालय (डी) के तहसील भवन में बाढ नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है जिसका दूरभाष नंबर 0172-2562135 और 0172-2568311 है। उपमण्डल स्तर पर (सी) उपमण्डल अधिकारी (ना0) पंचकूला के बाढ नियंत्रण कक्ष का दूरभाष नंबर 0172-2561685 है। इसी प्रकार उपमण्डल अधिकारी (ना0) कालका के कार्यालय में स्थापित बाढ नियंत्रण कक्ष का नंबर 01733-220500 है। पंचकूला में तहसील स्तर पर स्थापित किए गए बाढ नियंत्रण कक्ष (बी) का दूरभाष नंबर 0172-2562135। तहसीलदार कालका कार्यालय में स्थापित बाढ नियंत्रण कक्ष का दूरभाष नंबर 01733-220501 है। बीडीपीओ पिंजौर के कार्यालय में खण्ड स्तर पर स्थापित बाढ नियंत्रण कक्ष (ए) का दूरभाष नंबर 01733-220046 है। इसी प्रकार खण्ड विकास एवं पंचायत अधिकारी मोरनी कार्यालय में स्थापित बाढ नियंत्रण कक्ष का दूरभाष नंबर 01733-250103, खण्ड विकास एवं पंचायत अधिकारी बरवाला में स्थापित बाढ नियंत्रण कक्ष का नंबर 01733-256413 तथा खण्ड विकास एवं पंचायत अधिकारी रायपुररानी कार्यालय में स्थापित बाढ नियंत्रण कक्ष का नंबर 01734-256628 है। नगर निगम द्वारा शहरी क्षेत्र पंचकूला, कालका व पिंजौर के लिए स्थापित बाढ नियंत्रण कक्ष का दूरभाष नंबर 0172-2583794 है।
उपायुक्त ने जिला वासियों से अपील करते हुए कहा कि सुरक्षा की दृष्टिग से घग्गर नदी व जिला में बहने वाले अन्य नदी नालों में न जाएं और अपने बच्चों को भी न जाने दें। उन्होंने कहा कि नदी में बाढ के दौरान लोग लकड़ी व अन्य सामग्री पकडऩे के लिए नदियों में चले जाते हैं और पानी का बहाव अधिक होने से बहने का खतरा बना रहता है। उन्होंने कहा कि वे अपने पशुओं को भी नदियों में न जाने दें। कई पहाड़ों में अचानक हुई बरसात के कारण वर्षा का पानी इतने तेज बहाव से आता है कि वह अपने रास्ते में आने वाली हर चीज को बहा कर ले जाता है। इस लिए नदियों से दूरी बना कर रखने में ही भलाई है।
इस मौके पर बैठक में अतिरिक्त उपायुक्त जगदीप ढांडा, एसडीएम पंचकूला पंकज सेतिया, जिला राजस्व अधिकारी धीरज चहल, एसीपी, जिला नगर योजनाकार एस.के. सेहरावत, डीएफओ पवन शर्मा, तहसीलदार वरिंदर गर्ग, पीडब्ल्यूडी के कार्यकारी अभियंता हरपाल सिंह सहित अन्य संबंधित अधिकारी भी उपस्थित रहे
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