पंजाब सरकार द्वारा घोषित प्रगतिशील एक्साइज़ पॉलिसी ने राज्य में एक्साइज़ रेवेन्यु के मार्ग प्रशस्त किए हैं

आईएसडब्ल्यूएआई (ISWAI)  ने पंजाब प्रिंसिपल सेक्रेटरी एवं फाइनैंशियल कमिश्नर, टैक्सेशन और एक्साइज़ कमिश्नर के समक्ष  ‘इकोनोमिक वैल्यू ऑफ इंडियन एल्कॉहलिक बेवरेज इंडस्ट्री’  रिपोर्ट प्रस्तुत की

डेमोक्रेटिक फ्रंट, चण्डीगढ़- 27 अक्टूबर :

प्रीमियम एल्कोबेव सेक्टर की सर्वोच्च संस्था इंटरनेशनल स्पिरिट्स एण्ड वाईन्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने अपनी रिपोर्ट ‘इकोनोमिक वैल्यू ऑफ इंडियन एल्कॉहलिक बेवरेज इंडस्ट्री’ को श्री विकास प्रताप, प्रिंसिपल सेक्रेटरी एवं फाइनैंशियल कमिश्नर, टैक्सेशन, पंजाब और श्री वरूण रूजम, एक्साइज़ कमिश्नर, पंजाब के समक्ष प्रस्तुत किया।

अपनी तरह की पहली यह व्यापक रिपोर्ट पंजाब राज्य एवं देश में एल्कोबेव सेक्टर के योगदान, इससे जुड़े मुख्य पहलुओं और रूझानों पर रोशनी डालती है जैसे आर्थिक योगदान, सेवन का प्रतिरूप एवं संबंधित क्षेत्रों जैसे कृषि, पर्यटन आदि में योगदान।

नीता कपूर, सीईओए आईएसडब्ल्यूएआई(ISWAI) ने कहा, ‘‘हम श्री विकास प्रताप, प्रिंसिपल सेक्रेटरी एवं फाइनैंशियल कमिश्नर, टैक्सेशन, पंजाब तथा श्री वरूण रूजम, एक्साइज़ कमिश्नर, पंजाब के प्रति आभारी हैं जिन्होंने इस महत्वपूर्ण रिपोर्ट को प्रस्तुत करने के लिए अपना समय दिया। एल्कोबेव सेक्टर पंजाब में विकास एवं नौकरियों के सृजन की दृष्टि से अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देता है।’

‘एल्कोबेव उद्योग देश एवं राज्य का आर्थिक इंजन है। ऐसे में यह ज़रूरी है कि सभी हितधारक हमारे सेक्टर के योगदान को पहचानें। पंजाब सरकार द्वारा घोषित अनुकूल एक्साइज़ नीति ने राज्य के लिए एक्साइज़ रेवेन्यु के मार्ग प्रशस्त किए हैं।’ नीता कपूर ने कहा।

पंजाब में एल्को बेव उद्योग ने साल 2022-23 में राजस्व में 41 फीसदी से अधिक बढ़ोतरी दर्ज की। प्रीमियम प्रोडक्ट्स के लिए प्राथमिकता अब तक के अधिकतम 68 फीसदी स्तर पर है।

रिपोर्ट में दर्शाया गया है कि देश भर में एल्कॉहलिक बेवरेज पर कर का संग्रहण साल 2021 के लिए अधिकतम रु 2.4 लाख करोड़ रहा। पंजाब ने 2022-23 में तकरीबन रु 9000 करोड़ का संग्रह किया। इस दृष्टि से 2021-22 की तुलना में 41 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।

विश्वस्तरीय एल्कॉहल मार्केट रेवेन्यु में भारत पांचवां सबसे बड़ा योगदानकर्ता है, वर्ष 2021 के दौरान यह योगदान 52.4 बिलियन (देश की लिकर सहित रु 3.9 लाख करोड़) रहा, जो वित्तीय वर्ष 21 के लिए देश के नाममात्र जीडीपी का तकरीबन 2 फीसदी है।

भारतीय एल्कोबेव उद्योग राज्य स्तर पर कर राजस्व में 24.6 फीसदी योगदान देता है। भारतीय एल्कोबेव उद्योग 8 मिलियन से अधिक लोगों को रोज़गार देता है जो संबद्ध उद्योगों जैसे कृषि, खाद्य एवं पेय, पर्यटन आदि में सक्रिय हैं।

इस अवसर पर सुरेश मेनन, महासचिव, आईएसडब्ल्यूएआई(ISWAI) ने कहा, ‘पंजाब राज्य 20 से अधिक ग्रेन एवं मोलेसेज़ युनिट्स के साथ देश के  टॉप 12 डिस्टिलिंग राज्यों में से एक है, ऐसे में यह एल्कॉहलिक स्पिरिट एवं एथेनॉल ब्लेंडिंग सेक्टरों में महत्वपूर्ण योगदान देता है। इसके अलावा एल्कोबेव उद्योग न सिर्फ कर में बल्कि किसानों की आजीविका में भी सहयोग प्रदान करता है। यह खाद्य एवं पेय, पर्यटन और पैकेजिंग उद्योगों का बड़ा हिस्सा बनाता है। भारत में युवा एवं मध्यम वर्ग की बड़ी संख्या के चलते उम्मीद है कि यह सेक्टर आने वाले कुछ दशकों में लगातार विकसित होगा और सभी गुड्स एण्ड सर्विसेज़ के प्रति व्यक्ति उपभोग को बढ़ाने में मदद करेगा।

सरकार की अनुकूल नीतियां इस सेक्टर में कारोबार को सुगम बनाने में आने वाली बाधाओं को दूर करेंगी तथा काम के लिए अनुकूल वातावरण का निर्माण करेंगी। ऐसी बाधाओं को दूर करने से निश्चित रूप से इस सेक्टर से जुड़े सभी हितधारकों को लाभ होगा।’’ मेनन ने आगे कहा।