डॉ गुलाब सिंह की पुस्तक बेबाक बादशाह हुई प्रकाशित
प्रदेश के गृह मंत्री को समर्पित है पुस्तक
सुशील पण्डित, डेमोक्रेटिक फ्रंट, यमुनानगर – 18 अक्टूबर :
बेबाक बादशाह जो प्रदेश के गृह मंत्री अनिल बीच की जीवन पर समर्पित एक खंडकाव्य है, डॉक्टर सिंह का लेखन यात्रा कई तरह की पुस्तकों को लिखने के साथ सामाजिक मुद्दों पर कलम चलाने की रूप में प्रगतिशील है ।लेखन कार्य के साथ डॉक्टर सिंह सामाजिक कार्यों में भी आगे बढ़-चढ़कर सहभागिता निभाते हैं ।
सरकार की महत्वपूर्ण योजना बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ ,स्वच्छता जैसेजरूरी जैसे मुद्दों पर भी कलम चलाने का प्रयास किया और अपने शब्दों से जीवंत रूप देने का भी जज्बा रखते हैं। स्लम एरिया में बच्चों को अक्षर ज्ञान देने की दिनचर्या भी इनकी शामिल है।
इनका मानना है कि शिक्षा ही हमें है जो हमारा अधिकार दिलाने की शक्ति रखती है। डॉ गुलाब सिंह ने युवा वर्ग से आवाहन किया है कि डिजिटल युग मैं किताब पढ़ने की आदत ना छोड़े पुस्तकों से अच्छा कोई मित्र नहीं हो सकता ।
हमारा ज्ञान हमें भीड़ से अलग चलने की मदद में करती है ।डॉक्टर गुलाब सिंह 25 साल से लेखन कार्य में जुड़े हैं इस कोशिश के चलते उनकी 25 से अधिक पुस्तक लिखी जा चुकी है।
वर्तमान में कई पुस्तकों का लेखन जारी है इसमें कुछ प्रमुख पुस्तकों को में रामेश्वरम से रायसीना तक, कारवां जरूरी है ,और पूर्व प्रधानमंत्री और पूर्व राष्ट्रपति की बायोग्राफी भी शामिल है ।
पूर्व राष्ट्रपति डॉ अभिजीत कलाम ने डॉक्टर गुलाब सिंह के स परिवार राष्ट्रपति भवन बुलाकर सम्मानित किया था।
यह है इनके जीवन का उद्देश्य
डॉक्टर गुलाब सिंह कोरोना जैसे महामारी से निपटने वाले करोड़ों योद्धाओं को भी समर्पित है।पुस्तक हमने दिए जलाए का भी सृजन किया है जिसे कई राज्यपाल और मंत्रियों द्वारा सराहा गया था ।डॉक्टर सिंह के जीवन का उद्देश्य है चलो वहां दिया जलाएं जहां भी अंधेरा है इस पुस्तक में सहयोग दिया जाने माने समाजसेवी रोशन लाल कंबोज ने।
डॉक्टर सिंह ने बताया कि इस पुस्तक को समाज के हाथों में पहुंचने का श्रेय जाने माने उद्योगपति और समाजसेवी श्री रोशनलाल कंबोज जी ने इसके प्रकाशन में अपनी अहम भूमिका निभाई है।
और इस सद कार्य के लिए डॉक्टर सिंह ने रोशनलाल कंबोज का धन्यवाद व्यक्त किया है डॉ सिंह केजीवन के बारे में
डॉक्टर सिंह का जन्म पेपर मिल कॉलोनी में हुआ था प्रारंभिक शिक्षा पब्लिक स्कूल चिल्ड्रन स्वीट्स होम से हुई थी उनके पिता ठाकुर बखेरू सिंह भारतीय मजदूर संघ की हरियाणा एवं पंजाब प्रांत के संस्थापक सदस्य थे ।
पिताजी के देहांत के बाद यूपी में पढ़ाई फिर कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में कई विषयों में मास्टर और पीएचडी की ।
इन दोनों जीएन जी गर्ल्स कॉलेज में मांस मीडिया के सहायक प्रोफेसर के तौर पर कार्यरत है।