भगवान विष्णु के अवातार श्री कृष्ण ही भगवान जगन्नाथ हैं  : श्रीपाद भक्तिवेदान्त सिद्धान्ती

डेमोक्रेटिक फ्रंट, चण्डीगढ़- 09अक्टूबर :

श्रीराधाबल्लभ भागवत सेवा समिति, सैक्टर 45-सी द्वारा श्रीमद्भागवत कथा महोत्सव कथा व्यास श्रीपाद भक्तिवेदान्त सिद्धान्ती महाराज जी के सानिध्य में मंदिर के परिसर में सम्पन्न हुआ। कथा में श्रीपाद भक्तिवेदान्त सिद्धान्ती महाराज ने भगवान जगन्नाथ की महिमा का गुणगान किया और बताया कि भगवान विष्णु के अवातार श्री कृष्ण ही भगवान जगन्नाथ हैं। कत्था व्यास ने उनकी महिमा का गुणगान किया और बताया कि द्वापर के बाद भगवान कृष्ण पुरी में निवास करने लगे और बन गए जग के नाथ अर्थात जगन्नाथ। चारों धामों में एक धाम भगवान जगन्नाथ के स्वरूप में स्वय ठाकुर जी वास करते हैं। कथा में कीर्त्तन की महत्व बताते हुए बताया कि नाम-संकीर्तन के द्वारा संकीर्तन करने वाले, सुनने वाले को और स्वयं भगवान को भी आनंद प्राप्त होता है। इसीलिए स्वयं भगवान वेदव्यास ने श्रीमद्भागवत महापुराण के अंतिम श्लोक ‘नाम संकीर्तनं यस्य सर्व पाप प्रणाशनम्, प्रणामो दु:ख शमनस्तं नमामि हरिं परम्।।
का संकीर्तन की महिमा के माध्यम से वर्णन किया।

 इस अवसर पर भजन गायक कार सुंदर गोपाल दास ने अपनी मधुर वाणी से ठाकुर जी और राधा रानी की लीलाओं  का वर्णन कीर्तन के माध्यम से किया
“वृंदावन बिहारी बृज राज बृज बिहारी गोपाल बंसी वाले,,,,,,,,,
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे ,हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे,,,,,,,,,
इस अवसर पर आयोजन समिति से यशपाल गोयल, मंगत सिंह महल, परदीप कुमार,अशोक कपिला, एम एल गोयल, मंजीत शर्मा, दविंदर गोयल, बालकृष्ण सैनी, मनी महल, हर्ष कुमार प्रधान सहित सनातन धर्म मंदिर और श्रीराधाबल्लभ भागवत सेवा समिति के सभी कार्यकारणी सदस्य उपस्थित रहे।