पंचांग, 11 सितम्बर 2023
पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं: तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।
डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – पंचांग, 09 सितम्बर 2023 :
नोटः आज वत्स द्वादशी व्रत एवं पूजन है। गौमाता और उनके कुल का सम्मान करने के लिए प्रतिवर्ष सुहागिनों द्वारा भाद्रपद महीने के कृष्ण पक्ष की द्वादशी को वत्स द्वादशी या बछबारस का व्रत किया जाता है। इस साल बछबारस का व्रत 11 सितम्बर 2023, सोमवार को किया जाएगा। मान्यता है कि इस व्रत के प्रभाव से संतान प्राप्ति होती है और घर में सुख समृद्धि आती है।
विक्रमी संवत्ः 2080,
शक संवत्ः 1945,
मासः भाद्रपद,
पक्षः कृष्ण पक्ष,
तिथिः द्वादशी रात्रि काल 11.53 तक है
वारः सोमवार।
विशेषः आज पूर्व दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर सोमवार को दर्पण देखकर, दही,शंख, मोती, चावल, दूध का दान देकर यात्रा करें।
नक्षत्रः पुष्य रात्रि काल 08.01 तक है,
योगः परिघ रात्रि काल 12.13 तक,
करणः कौलव,
सूर्य राशिः सिंह, चन्द्र राशिः कर्क,
राहु कालः प्रातः 7.30 से प्रातः 9.00 बजे तक,
सूर्योदयः 06.08, सूर्यास्तः 06.27 बजे।