गणपति जी की आंखों में स्पेशल इफेक्ट डाल रहे आर्टिस्ट

  • गणेश चतुर्थी के लिए तैयार ग्यारह फुट ऊँचे गणपति बप्पा
  • राजस्थानी आर्टिस्टों ने बनाई गणेश जी की मोहित करने वाली मूर्तियां
    हरिद्वार से मंगाई गई चार ट्रक स्पेशल मिट्टी, इको फ्रेंडली मूर्तियां बनी

डेमोक्रेटिक फ्रंट, जीरकपुर – 08 सितम्बर :

अबकी बार गणपति पूजा के दौरान आप जिस ओर से भी गणपति जी को देखेंगे गणपति जी आपको उसी ओर देखते नज़र आएंगे। जी हाँ, यह है इस बार बनाई जाने वाली गणपति की मूर्तियों की ख़ासियत। गणेश जी की आँखों को विशेष इफ़ेक्ट देने के लिए बुलाए गए हैं स्पेशल राजस्थानी आर्टिस्ट। यह आर्टिस्ट ही गणपति जी की मूर्तियों की आँखों में अपने स्पेशल कलर्स का इफ़ेक्ट डाल रहे हैं। जिससे उनकी आंखें एकदम सजीव हो उठेंगी। 

यह मूर्तियाँ तैयार हो रही है राजस्थान के एक्सपर्ट आर्टिस्ट फूलचंद के दिशा निर्देशन में। जिन्होंने राजस्थान से चार स्पेशल आर्टिस्टों की टीम बुलाई है और उसमें से दो आर्टिस्ट गणेश जी की मूर्तियों की आँखों को तैयार कर रहे हैं। 

गणेश चतुर्थी अबकी बार 19 सितंबर को है जिसके लिए गणपति जी की मूर्तियों की बुकिंग शुरू हो चुकी है। फूलचंद ने बताया कि गणेश चतुर्थी के लिए अबकी बार स्पेशल आर्डर पर ग्यारह फुट ऊंचे श्री गणेश तैयार किए गए हैं। गणेश जी की मूर्ति में इस बार ख़ास होंगी उनकी मोहित करने वाली आँखें। आप चाहे जिस ओर से देखेंगे गणेश जी आपको ही देखते नज़र आएँगे। 

फूलचंद ने बताया कि इको फ्रेंडली गणेश जी की मूर्तियों को तैयार करने के लिए उन्होंने हरिद्वार से चार ट्रक स्पेशल माटी मँगवाई थी। इसके साथ ही गंगाजल भी मंगवाया गया । जिसके कांबिनेशन से मूर्तियों का ढाँचा तैयार किया गया है। इसके साथ ही खड़िया मिट्टी की मूर्तियाँ भी हैं।  उन्होंने कहा कि इस बार गणपति जी की मूर्तियों की बुकिंग अभी से शुरू हो चुकी है। उन्होंने बताया कि इस बार गणपति जी की मूर्तियों में लाइट कलर्स का इस्तेमाल किया जा रहा है। उनके साथ क़रीब दस कर्मचारियों की टीम लगी है जो कि मूर्तियों को फाइनल कर रही है। 

उन्होंने बताया कि गणेश जी की यह मूर्तियाँ जीरकपुर पुल के नीचे गंगा नर्सरी के पास मिलेंगी। उन्होंने बताया कि सभी कारीगर रात दो दो बजे तक काम कर रहे हैं जिससे काम समय पर पूरा हो सके। फूलचंद ने बताया कि उनसे गणपति की मूर्तियों को लेने के लिए हिमाचल, हरियाणा और जम्मू तक से लोग आ रहे हैं। यह सभी अभी से मूर्तियां तैयार करवा के ले जा रहे हैं।