ओम महादेव कावड़ सेवा दल चंडीगढ़ ने जन्माष्टमी महोत्सव पर आयोजित किया एक शाम कान्हा के नाम कार्यक्रम

राधा कृष्ण की बेस्ट लुक और बेस्ट ड्रेस वाले बच्चों को किया पुरस्कृत

डेमोक्रेटिक फ्रंट, चण्डीगढ़- 07 सितम्बर :

माखनचोर, यशोदा नंदन, कान्हा की जन्माष्टमी के पावन अवसर पर  सेक्टर 45 के मंडी ग्राउंड में एक शाम कान्हा के नाम कार्यक्रम का आयोजन किया गया। ओम महादेव कावड़ सेवा दल चंडीगढ़ द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में चंडीगढ़ भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण सूद, एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया और पूर्व सांसद सत्यपाल जैन और चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के फाउंडर और चांसलर सतनाम सिंह संधू ने भी शामिल हो प्रभु का आशीर्वाद लिया।  विशाल पंडाल को बड़े ही सुंदर और आकर्षक रूप से सजाया गया था। रात्रि 8 बजे से लेकर मध्य रात्रि तक चले कार्यक्रम में विख्यात भजन गायक सोनू सुरजीत ने अपने भजनों से प्रभु भक्तों को निहाल किया। उनके गाए प्रत्येक भजन पर प्रेमी संगत झूमती और नाचते दिखे। कार्यक्रम के दौरान कई एक्टिविटी भी देखने को मिली। जिसमे राधा कृष्ण के परिधानों में पहुंचे बच्चों में भजनों पर नृत्य प्रतियोगिता भी विशेष रही। इसके साथ साथ राधा कृष्ण के परिधानों में पहुंचे बच्चों में ब्यूटीफुल्ली ड्रेस और बेस्ट लुक बच्चों को फर्स्ट, सेकंड और थर्ड चुना गया। प्रथम रहे बच्चे को 11000, द्वितीय को 5100 और तृतीय रहे बच्चे को 3100 रुपये से पुरस्कृत किया गया। बाकी अन्य बच्चों को भी आकर्षक उपहार देकर कर पुरस्कृत किया गया। वहीं पंडाल में एक तरफ बने स्टेज पर नन्हे मुन्ने बाल कृष्णा को बिठाया गया। इस अवसर पर सुंदर और आकर्षक रूप से तैयार झूले में लड्डू गोपाल को भी विराजमान किया गया था, लड्डू गोपाल को झूला झुलाने के लिए भक्तों में खासा उत्साह देखने को मिला। भक्तों को अपनी बारी आने तक जयघोष भी लगाते देखा गया। 

ओम महादेव कावड़ सेवा दल चंडीगढ़ के प्रेसिडेंट भूषण गुलाटी, जनरल सेक्रेटरी गौरव श्रीवास्तव, केशियर नरेश गर्ग, वाईस प्रेसिडेंट सोनू गर्ग सहित अभिषेक, सत नारायण, रिंकू जैन, मोनू गर्ग, नवीन नेक्सस, पुनीत और मुनीष गर्ग उपस्थित रहे। भूषण गुलाटी और सोनू गर्ग ने बताया कि यूँबतो हिन्दू धर्म मे सभी धर्मों का अपना अपना महत्व है, लेकिन जन्माष्टमी के त्यौहार की अपनी ही विशेषता है। इस कार्यक्रम के आयोजन का उद्देश्य लोगों को अपने धर्म से बांधे रखना और बच्चों को अपने हिन्दू धर्म और अपनी संस्कृति के प्रति प्रोत्साहित करना है। कार्यक्रमों में जब बच्चों को धर्म संस्कृति के प्रति जागरूक किया जाएगा, तो ही वो अपने धर्म से जुड़ेंगे और उसकी महत्वता समझेंगे।