Sunday, December 22

सुशील पण्डित, डेमोक्रेटिक फ्रंट, यमुनानगर – 31 अगस्त :

 विश्व संस्कृत दिवस के उपलक्ष्य में संस्कृत विभाग तथा फाइन आर्ट्स विभाग के संयुक्त तत्वावधान में संस्कृत शास्त्रों से संबंधित पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें 42 छात्राओं ने भाग लिया। कालेज प्रिंसिपल डॉ मीनू जैन ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। कार्यक्रम संस्कृत विभाग इंचार्ज डॉ मुकेश कुमार व फाइन आर्ट्स विभाग इंचार्ज विकास वालिया की देखरेख में हुआ। विजेता प्रतिभागियों को पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित किया गया।

डॉ मीनू जैन ने संस्कृत भाषा की महानता तथा उपयोगिता का वर्णन करते हुए बताया कि संस्कृत भाषा में समस्त ज्ञान-विज्ञान की राशि निहित है। संस्कृत भाषा के अध्ययन से मनुष्य अपना सर्वांगीण विकास करते हुए उच्चतम ज्ञान के आदर्श को प्राप्त कर सकता है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक संस्कृत देवताओं की भाषा हुआ करती थी और इसलिए इसकी कोई शुरुआत या अंत नहीं है। धर्मग्रंथों में भाषा की उत्पत्ति दूसरी सहस्राब्दी ईसा पूर्व में होने का उल्लेख है, उस समय के आसपास जब ऋग्वेद की रचना हुई थी। विश्व संस्कृत दिवस का उद्देश्य संचार के इस पुराने माध्यम को लोकप्रिय बनाना और पुनर्जीवित करना तथा इसके उपयोग को बढ़ावा देना है।

डॉ मुकेश शर्मा, संस्कृत विभाग ने संस्कृत दिवस के इतिहास का वर्णन करते हुए बताया कि प्राचीन गुरुकुल प्रणाली में श्रावण मास शुक्ल पक्ष पूर्णिमा को सत्र आरंभ किया जाता था तथा भारतीय सरकार ने बाद में इस तिथि को संस्कृत दिवस के रूप में मनाना प्रारंभ किया। विश्व संस्कृत दिवस भारत की सबसे प्राचीन भाषा के प्रति जागरूकता और सम्मान बढ़ाने के लिए मनाया जाता है। अन्य भाषाओं के लिए इससे निकले शब्दों से भी संस्कृत के महत्व को समझा जा सकता है। यहां तक कि व्यापक रूप से बोली जाने वाली अंग्रेजी में भी, कई सामान्य  शब्द प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से संस्कृत में निहित हैं।