पंचांग, 31 अगस्त 2023

पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं: तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।

डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – राशिफल, पंचांग 31 अगस्त 2023 :

Sawan Purnima 2023 and adhik maas purnima date time shubh muhurat and  signification । Sawan Purnima 2023: इस साल होगी 2 श्रावण पूर्णिमा, जानिए  कारण,तिथि, मुहूर्त और महत्व | Jansatta

नोटः आज श्रावणी पूर्णिमा, संस्कृत-दिवस दर्शन श्रीअमरनाथ गुफा समाप्त (काश्मीर), गायत्री जपम्।

विक्रमी संवत्ः 2080, 

शक संवत्ः 1945, 

मासः श्रावण (शुद्ध द्वितीय), 

पक्षः शुक्ल पक्ष, 

तिथिः पूर्णिमा प्रातः 07.06 तक है, 

वारः गुरूवार। 

विशेषः आज दक्षिण दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर गुरूवार को दही पूरी खाकर और माथे में पीला चंदन केसर के साथ लगाये और इन्हीं वस्तुओं का दान योग्य ब्रह्मण को देकर यात्रा करें।

नक्षत्रः शतभिषा सांय काल 05.45 तक है, 

योगः सुकृत सांय काल 05.16 तक, 

करणः वणिज, 

सूर्य राशिः कर्क, चंद्र राशिः कुम्भ, 

राहु कालः दोपहर 1.30 से 3.00 बजे तक,

सूर्योदयः 06.03, सूर्यास्तः 06.40 बजे।