सावन मास में रुद्राभिषेक करना बहुत शुभ माना जाता है : पूज्य ज्वाला माता जी
सुशील पण्डित, डेमोक्रेटिक फ्रंट, यमुनानगर – 23 अगस्त :
पूज्य ज्वाला माता जी मंदिर नजदीक आई टी आई यमुनानगर में सावन मास में प्रतिदिन रुद्राभिषेक किया जा रहा है सावन मास में शंकर भगवान के रुद्र अवतार की पूजा की जाती है. यह भगवान शिव का प्रचंड रूप माना जाता है जो समस्त ग्रह बाधाओं और समस्याओं का नाश करता है. पूज्य ज्वाला माता जी ने बताया की रुद्राभिषेक का अर्थ है भगवान रुद्र का अभिषेक करना. रुद्राभिषेक में शिवलिंग को पवित्र स्नान कराकर उसकी पूजा-अर्चना की जाती है. मान्यताओं के अनुसार सावन के महीने में रुद्र ही सृष्टि का कार्य संभालते हैं, इसलिए इस समय रुद्राभिषेक करना अत्यंत फलदायी होता है. द्राष्टाध्यायी के अनुसार शिव ही रूद्र हैं और रुद्र ही शिव है.माना जाता है कि सावन के महीने में रुद्राभिषेक करने से कई जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं. भगवान शिव के रुद्राभिषेक से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है साथ ही ग्रह दोष भी दूर होते हैं. भगवान शिव के षडाक्षरी मंत्र– ॐ नम:शिवाय का जप करते हुए रुद्राभिषेक करने से इसका पूर्ण लाभ मिलता है। रूद्राभिषेक करने से परिवार में सुख-शांति और सफलता आती है. रुद्राभिषेक में भगवान शिव का दूध से अभिषेक करने का विशेष महत्व है। इससे संतान प्राप्ति करने की इच्छा पूरी होती है. वहीं दही से अभिषेक करने पर कार्यों में आ रही बाधाएं दूर हो जाती है। इसके अलाव गंगाजल, शहद, घी, इत्र और शुद्ध जल से अभिषेक करने से भी शिवजी की विशेष कृपा प्राप्ति होती है.सावन के महीने में पूरे विधि-विधान से शिव जी की आराधना की जाती है. मंदिर के सेवक रसिक और समर्पित ने बताया कि सावन का महीना बहुत ही पवित्र होता है और महादेव को यह महीना अत्यंत प्रिय है।