श्रम के पुजारियों का पर्यावरण संसद के अवसर पर स्पीकर और कुलपति तथा फाउंडेशन के संस्थापक के द्वारा किया गया सम्मान

पर्यावरण संसद में चर्चित मुख्य बिन्दुओं की समस्या व समाधान के साथ केन्द्र सरकार से लेकर स्थानीय शासन और प्रशासन को भेजने का कार्य किया जाएगा : प्रो रितु गुप्ता

डेमोक्रेटिक फ्रंट, चण्डीगढ़- 21अगस्त :

पंजाब विश्वविद्यालय चण्डीगढ़ के डॉ एसएस भटनागर सभागार में पर्यावरण संसद की चर्चा काफ़ी गहन विचारों और महत्त्वपूर्ण निष्कर्षों के साथ संपन्न हुई।

फाउंडेशन की मुख्य सलाहकार प्रो अमृतपाल तूर ने बताया कि ट्राई सिटी के अलग-अलग और अलग-अलग स्तर के विद्यार्थियों ने संसद के रूप में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और स्पीकर श्री सत्यपाल जी जैन, डिप्टी स्पीकर प्रो के पी सिंह और विशेष अतिथि के रूप में कुलपति प्रो रेनू विज तथा वैज्ञानिक अमोद कुमार जी ने इस संसद में अपने वक्तव्य के द्वारा और जान फूंक दी तथा नेता सदन के रूप में श्री देवेश मोदगिल जी और नेता प्रतिपक्ष के रूप में जसवीर सिंह बंटी जी की सहभागिता रही।

फाउंडेशन के पर्यावरण विभाग प्रमुख प्रो रितु गुप्ता ने बताया कि पर्यावरण संसद में चर्चा हुई सभी मुख्य बिन्दुओं को लेकर समस्या और समाधान के साथ केन्द्र सरकार से लेकर स्थानीय शासन और प्रशासन को भेजने का कार्य किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि संसद में छात्र सांसदों ने बहुत ही बारीकियों के साथ पर्यावरण से संबंधित ज्वलंत मुद्दे उठाए जिससे वहां बैठे अभिभावकों और गुरुजनों की भी आंखें खुल गई और उन्होंने भी पर्यावरण संरक्षण संवर्धन के प्रति समर्पित होकर कार्य करने पर जोर  दिया।

फाउंडेशन के मीडिया प्रभारी डॉ संगम वर्मा ने बताया कि पर्यावरण संसद के उपलक्ष्य पर चंडीगढ़ वन विभाग के अलग-अलग नर्सरींयों से लाखों पौधे तैयार करने वाले श्रम के पुजारियों का सम्मान किया गया, जिनमे श्रीमती बीरा देवी, श्रीमती सुधा देवी, श्रीमती उर्मिला देवी, श्रीमती राम बेटी, श्री छविराम और फाउंडेशन के समर्पित कर्मी  रजनीश कुमार शामिल हैं।

फाउंडेशन के संस्थापक और निदेशक प्रभुनाथ शाही तथा हरियावल पंजाब चंडीगढ़ महानगर के सह संयोजक राजीव गुप्ता और योग विहंगम संस्थान  पंचकूला के प्रमुख श्री अजय दुबे ने संयुक्त वक्तव्य में बताया कि पर्यावरण संरक्षण संवर्धन के लिए समर्पित होकर कार्यकर्ताओं और सहयोगियों के बल पर आगे भी जन जागरण का अभियान विभिन्न माध्यमों से चलता रहेगा और जन्माष्टमी के पावन अवसर पर बहुत जल्द पर्यावरण और संगीत का संगम रितिका सोसायटी के सहयोग से आयोजित किया जाएगा।