कैट ने जन विश्वास बिल पारित होने पर प्रधानमंत्री मोदी एवं पियूष गोयल का आभार जताया
अजय सिंग्ला, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चण्डीगढ़- 03 अगस्त :
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट ) ने कल राज्यसभा द्वारा जन विश्वास (प्रावधानों का संशोधन) विधेयक, 2023 पारित होने की सराहना की है। कैट ने विधेयक को गेम चेंजर और प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा व्यापार करने में आसानी लाने के लिए सबसे सक्रिय कदमों में से एक बताया। सीएआईटी के महासचिव श्री प्रवीन खंडेलवाल ने इस ऐतिहासिक विधेयक के लिए केंद्रीय वाणिज्य मंत्री श्री पीयूष गोयल का आभार जताया क्योंकि इस बिल के कानून बन जाने से देश के करोड़ों व्यापारियों को फायदा होगा और उन्हें जेल के प्रावधानों से काफी राहत मिलेगी।
चंडीगढ़ चैप्टर के अध्यक्ष हरीश गर्ग ,उपाध्यक्ष हरिशंकर मिश्रा, सचिव अजय सिंगला ने कहा कि यह पहली बार है कि देश की किसी सरकार को छोटी या अनजाने में हुई गलती पर भी व्यापारियों के दर्द और अनावश्यक उत्पीड़न का एहसास हुआ है।
हरीश गर्ग, हरिशंकर मिश्रा ,अजय सिंगला ने कहा कि व्यापारियों को इस बड़ी राहत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यह विधेयक केंद्र सरकार के 19 मंत्रालयों से संबंधित 42 अधिनियमों के 183 प्रावधानों में संशोधन करके छोटे अपराधों को अपराध की श्रेणी से बाहर करता है !
गर्ग ने याद दिलाया कि छोटे अपराधों को अपराध से मुक्त करने की प्रक्रिया लगभग एक साल पहले श्री पीयूष गोयल के उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के कानूनी मेट्रोलॉजी अधिनियम के तीन खंडों में संशोधन के साथ शुरू हुई थी। यह सरकार के उस दृष्टिकोण को दर्शाता है कि व्यापारिक समुदाय को किसी भी कठिनाई का सामना नहीं करना चाहिए।
कैट ने कल राज्यसभा में दिए गए श्री गोयल के बयान कि “देश विश्वास पर चलेगा” की बहुत सराहना की है, “सरल जो गलतियाँ होती हैं या पहली बार जो गलतियाँ होती हैं तो उनके लिए सरल व्यवस्था हो”: यह एक बड़ा बयान है और सरकार का यह विश्वास उस स्तर को दर्शाता है जो सरकार व्यापारियों पर जता रही है। व्यापारियों के प्रति इस अभूतपूर्व दृष्टिकोण के लिए व्यापारिक समुदाय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का आभारी है। हरीश गर्ग, हरिशंकर मिश्रा और अजय सिंगला ने श्री गोयल से जीएसटी और अन्य विभिन्न क़ानून में इसी तरह के प्रावधानों को हटाने के लिए प्रयास करने का आग्रह किया। हालांकि, दोनों नेताओं ने कहा कि आदतन अपराधियों, कर चोरों और ऐसे ही अन्य लोगों को बख्शा नहीं जाना चाहिए