24वें कारगिल विजय दिवस पर पहले कारगिल शहीद मंजीत सिंह के परिजनों को किया एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया ने किया सम्मानित
- विश्व हिन्दू तख्त प्रमुख वीरेश शांडिल्य ने शहीद मंजीत के पिता गुरचरण सिंह व माता सुरजीत कौर को दोशाला दिया व शहीद मंजीत का चित्र सौपा
- शहीद मंजीत के नाम गांव काँसापुर में बना स्कूल व लाइब्रेरी खाक छान रही, शांडिल्य ने बराड़ा के एसडीएम ब्रिजेंद्र सिंह को बताया शहीद के गांव का हाल
डेमोक्रेटिक फ्रंट, अम्बाला/बराड़ा – 26 जुलाई :
एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवम विश्व हिन्दू तख्त के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीरेश शांडिल्य आज हरियाणा के पहले कारगिल शहीद मंजीत सिंह के बराड़ा निवास पर जाकर शहीद के पिता गुरचरण सिंह व माता सुरजीत कौर को 24वें कारगिल विजय दिवस पर दोशाला व शहीद मंजीत का चित्र देकर सम्मानित किया। इस मौके पर वीरेश शांडिल्य तकरीबन शहीद के परिजनों के साथ 2 घंटे तक रहे और उनको अपनी तकलीफ व शहीद मंजीत सिंह के नाम से गांव काँसापुर में बने स्कूल व लाइब्रेरी के हो रही बेअदबी बारे बताया शहीद की माता सुरजीत कौर के आंसू रुक नही रहे थे।
विश्व हिंदू तख्त के अंतर्राष्ट्रीय प्रमुख व एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया के रास्ट्रीय अध्य्क्ष वीरेश शांडिल्य ने इस मौके पर शहीद मंजीत के निवास पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि शहीदों की बदौलत आज हिंदुस्तान है। शांडिल्य ने भावुक होकर कहा कि “ए मेरे वतन के लोगो जरा आंख में भर लो पानी जो शहीद हुए हैं उनकी जरा याद करो कुर्बानी” शहीद मंजीत सिंह ने कारगिल युद्ध मे पाकिस्तानी सेना से लोहा लेते हुए उन्हें मौत के घाट उतार देश की रक्षा करते हुए वीरगति को गले लगा कारगिल फतेह किया। लेकिन आज सरकार व जिला प्रशासन इन शहीदों को भूल गई जिन्होंने पाकिस्तानी आतंकवादियो व पाक सेना को उसकी औकात बताई।
एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया के राष्ट्रीय अध्य्क्ष वीरेश शांडिल्य ने कहा कि आज उनकी आंखों में आंसू थे जब शहीद के माता-पिता ने बताया कि गांव काँसापुर में शहीद के नाम का गेट शहीद के परिजनों ने अपने खर्च पर बनाया जो 1999 में 3 लाख की कीमत से बना था वह पैसे जिला राज्य सरकार कारगिल शहीद के परिजनों को वापिस करे और परिवार ने बताया कि शहीद मंजीत के नाम से गांव काँसापुर में जो शहीद मंजीत के नाम से सरकारी स्कूल व लाइब्रेरी का नाम रखा था लेकिन आज उसकी बेअदबी हो रही व स्कूल खाक छान रहा है जो शहीद मंजीत का अपमान है । उन्होंने कहा कि वह इस बारे कल डीसी अम्बाला डॉ शालीन से बात भी करेंगे और मुलाकात कर लिखित ज्ञापन सोपेंगे। ताकि शहीद के सम्मान को ठेस पहुचाने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करेंगे । उन्होंने कहा कि वह एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया व विश्व हिन्दू तख्त की टीम के साथ परिजनों को लेकर शहीद के स्कूल का दौरा करेंगे ।
एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीरेश शांडिल्य ने कहा कि वो हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर व गृह मंत्री अनिल विज का सम्मान करते हैं दोनों राष्ट्र हितैषी व जनता की सोचते हैं यही नही हरियाणा एक ऐसा राज्य था जहां शहीदों के परिजनों को 10 लाख की आर्थिक राशि मिलती थी लेकिन खट्टर ने शहीदों का सम्मान करते हुए शहीदों के परिजनों को 50 लाख की राशि दी जिसको लेकर एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को 2016 में हरियाणा रत्न दिया था लेकिन आज उनकी सरकार में कारगिल के हरियाणा के पहले शहीद मंजीत सिंह के स्कूल की बेअदबी हो रही है। जिस को फ्रंट किसी कीमत पर भी बर्दाश्त नही करेगा। शांडिल्य ने शहीद के घर से ही एसडीएम बराड़ा बरजिंदर हुडा को फोन किया और कारगिल शहीद मंजीत के नाम से काँसापुर में बनाये स्कूल की बेअदबी की जानकारी दी और शहीद के गांव को जाने पर मार्ग पर सर्विस रोड बनाने की मांग की। जिस पर एसडीएम बराड़ा ने शांडिल्य को आश्वस्त किया वो कल ही शहीद के नाम से रखे स्कूल का दौरा करेंगे। शांडिल्य ने कहा शहीद राष्ट्र की धरोहर हैं उनका अपमान करने वाले राष्ट्र भक्त नही हो सकते। इस मौके पर शांडिल्य समर्थको ने राष्ट्रीय ध्वज उठा रखे थे।शांडिल्य ने बताया कि 7 जून 1999 को उन्होंने शहीद मंजीत सिंह के पार्थिव शरीर को कंधा व दोशाला देकर श्रद्धाजलि दी थी ।