तन, मन और धन से समर्पित होकर लड़ें लोकसभा चुनाव 2024 : मायावती

मायावती ने हरियाणा में पार्टी संगठन में यह निर्देश दिए कि तेजी से बदल रहे राजनीतिक समीकरणों को देखते हुए संगठन को मजबूत करें और पार्टी के समर्पित और मिशनरी लोगों को ही आगे बढ़ाएं। उन्होंने कहा कि हरियाणा में भाजपा गठबंधन सरकार में मतभेद और आपसी विवाद के कारण राजनीतिक अस्थिरता और चुनावी वादाखिलाफी की चर्चा है। इससे विकास बाधित हो रहा है। महिला पहलवानों को शोषण के खिलाफ आंदोलन को मजबूर होना पड़ रहा है। इस पर सरकार के उदासीन रवैये से लोगों में नाराजगी है। उन्होंने कहा कि पंजाब में भी गरीबों, दलितों की उपेक्षा की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि अपना उद्धार स्वयं करने का प्रयास करें। दूसरी पार्टियों के सहारे अपना उत्थान ढूंढना रेगिस्तान में पानी तलाशने जैसा है। उन्होंने यूसीसी के मुद्दे को गैर जरूरी बताया और कहा कि सरकार को महंगाई, गरीबी दूर करने पर ध्यान देना चाहिए।

Mayawati News: नारे के साथ बसपा को पुरानी कार्यशैली भी याद आ रही, अगस्त से  मायावती करेंगी कैंप

सारीका तिवरी, डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, पंचकुला – 10 जुलाई :

बसपा सुप्रीमो मायावती ने शनिवार को चंडीगढ़, हरियाणा और पंजाब के राज्य व जिला स्तर के कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर इन राज्यों के राजनीतिक हालात और संबंधित घटनाक्रमों पर चर्चा की। इस दौरान उन्होंने सभी कार्यकर्ताओं से तन, मन और धन से लगकर 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ने की अपील की है।

दिल्ली मीटिंग में पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ के पदाधिकारियों को बुलाया गया था। मीटिंग में मायावती ने बताया कि जो फीडबैक मिल रहा है, उससे यही लगता है कि हरियाणा का विधानसभा चुनाव समय से पहले लोकसभा चुनाव के साथ ही करा दिया जाएगा। इसे ध्यान में रखकर इसके लिए वे अभी से तैयारी शुरू कर दें।


मायावती ने हरियाणा में पार्टी संगठन में फेरबदल की भी बात कही है। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि तेजी से बदल रहे राजनीतिक समीकरण को देखते हुए संगठन को मजबूत करें और पार्टी के समर्पित और मिशनरी लोगों को ही आगे बढ़ाएं। हरियाणा में भाजपा गठबंधन सरकार में मतभेद और आपसी विवाद के कारण राजनीतिक अस्थिरता और चुनावी वादाखिलाफी की चर्चा है। इससे विकास बाधित हो रहा है।

मीटिंग में उन्होंने महिला पहलवानों का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि रेसलर्स के शोषण के खिलाफ आंदोलन को मजबूर होना पड़ रहा है। इस पर सरकार के उदासीन रवैये से लोगों में नाराजगी है। पंजाब में भी गरीबों, दलितों की उपेक्षा की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि अपना उद्धार स्वयं करने का प्रयास करें। दूसरी पार्टियों के सहारे अपना उत्थान ढूंढना रेगिस्तान में पानी तलाशने जैसा है। उन्होंने यूसीसी के मुद्दे को गैर जरूरी बताया और कहा कि सरकार को महंगाई, गरीबी दूर करने पर ध्यान देना चाहिए।

दरअसल, हरियाणा से ऐसी खबरें आ रही हैं कि BJP-JJP गठबंधन के बीच सब सामान्य नहीं है। दोनों पार्टियों के बीच तीखी बयानबाजी भी हुई। ऐसा फीडबैक भी आ रहा है कि दोनों के बीच अब भी अंदरखाने टकराव चल रहा है। दोनों अलग मुद्दों को लेकर जनता के बीच जाने वाले हैं। बीजेपी ने वहां ताबड़तोड़ रैलियां प्लान कर ली हैं। वहीं जेजेपी भी अलग से रैलियां प्लान कर रही है। भाजपा का फोकस सिरसा में भी है। यह चौटाला परिवार का गढ़ रहा है। बीजेपी इसे भेदना चाह रही है। इसी वजह से जल्दी चुनाव की चर्चा चल रही है।