पंचांग, 10 जुलाई 2023

पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं: तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।

डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – पंचांग, 10 जुलाई 2023 :

नोटः आज से पंचक समाप्त हो रहे हैं। तथा श्रावण सोमवार के व्रत शुरू हैं।

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श्रावण सोमवार के व्रत शुरू हैं

श्रावण सोमवार के व्रत शुरू हैं: सावन को सबसे शुभ महीना माना जाता है । श्रावण के इस पवित्र महीने में भगवान शिव की पूजा की जाती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, श्रावण कृष्ण पक्ष के दौरान पहला सोमवार व्रत 10 जुलाई 2023 को मनाया जाएगा। इस वर्ष यह अतिरिक्त शुभ है क्योंकि 19 वर्षों के लंबे अंतराल के बाद अधिक श्रावण मास के कारण श्रावण दो महीने तक रहेगा।

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पंचक समाप्त हो रहे हैं

पंचक समाप्त हो रहे हैं : ज्योतिष शास्त्र की मानें तो मुताबिक, पंचक पांच नक्षत्रों (धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद, उत्तरा भाद्रपद और रेवती) के योग को पंचक कहते हैं. इन पांच दिनों में चंद्रमा इन नक्षत्र के चारों चरणों में भ्रमण करता है, जिससे पंचक काल शुरू होता है. पंचक हर 27 दिन बाद पंचक आते हैं.

विक्रमी संवत्ः 2080, 

शक संवत्ः 1945, 

मासः श्रावण (प्रथम शुद्ध), 

पक्षः कृष्ण पक्ष, 

तिथिः अष्टमी सांय काल 06.45 तक है, 

वारः सोमवार। 

विशेषः आज पूर्व दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर सोमवार को दर्पण देखकर, दही,शंख, मोती, चावल, दूध का दान देकर यात्रा करें।

नक्षत्रः रेवती सांयकाल 06.59 तक है, 

योगः अतिगण्ड दोपहर काल 12.33 तक, 

करणः बालव, 

सूर्य राशिः मिथुन, चंद्र राशिः मीन, 

राहु कालः प्रातः 7.30 से प्रातः 9.00 बजे तक, 

सूर्योदयः 05.35, सूर्यास्तः 07.18 बजे।