सोशल मिडिया के अनुसार SFJ प्रमुख पन्नू की अमेरिका में कार एक्सीडेंट में गई जान
खालिस्तानी जनमत संग्रह के लिए प्रचार कर रहे, अमेरिका में रहने वाला (एसएफजे) सिख फॉर जस्टिस प्रमुख गुरपतवंत सिंह पन्नू अपने करीबी दोस्त हरदीप सिंह निझार की हत्या के बाद से पिछले तीन दिनों से छिपा हुआ है। निझार की 18 जून को कनाडा के सरे (Surrey) में अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। अब निज्जर की हत्या के बाद अंडरग्राउंड था खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू। सोशल मिडिया के अनुसार कुख्यात खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की अमेरिका में सड़क दुर्घटना में मौत हो गई है।
- अमेरिका में खालिस्तान मूवमेंट चला रहे SFJ प्रमुख पन्नू की मौत की खबर ?
- मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अमेरिका में कार एक्सीडेंट में गई पन्नू की जान
- खालिस्तान आतंकी की हत्या के बाद पन्नू चल रहा अंडरग्राउंड
डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, दिल्ली(ब्युरो) – 05 जुलाई :
कुख्यात खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की अमेरिका से सड़क दुर्घटना में मौत की खबर आ रही है, हालांकि इसकी किसी तरफ से औपचारिक पुष्टि नहीं की गई है, लेकिन चर्चा है कि सिख फॉर जस्टिस का चीफ पन्नू अब इस दुनिया में नहीं रहा।
पन्नू पिछले काफी समय से अंडरग्राउंड था। पाकिस्तान में परमजीत सिंह पंजवड़ की हत्या, फिर लंदन में अवतार सिंह खांडा की मौत और कनाडा में हरदीप सिंह निज्जर के कत्ल के बाद पन्नू को डर था कि उसकी भी हत्या हो सकती है।
विदेश में बैठकर देता था धमकी
पन्नू पिछले काफी समय से भारत विरोधी बातें करता रहता था। वह आए दिन कोई न कोई वीडियो जारी कर खालिस्तान समर्थकों को उकसाता था। भारत की एजेंसियों को बदनाम कर उन पर दबाव बनाने की कोशिश करता था। हाल ही में उसने खालिस्तान समर्थकों की हत्या के बाद इसके लिए कनाडा और अमेरिका में भारतीय दूतावास के अफसरों को जिम्मेदार ठहराते हुए वीडियो भी जारी किया था। यह उसका धमकी भरा आखिरी वीडियो था।
रेफरेंडम 2020 के नाम से चला रहा था खालिस्तानी आंदोलन
गुरपतवंत पन्नू अमेरिका में बैठकर पिछले लंबे समय से ‘पंजाब रेफरेंडम 2020’ नाम से खालिस्तानी आंदोलन चला रहा था। यहां वह सिखों को उकसाने की कोशिश कर रहा था। सिखों को खालिस्तान मुहिम से जोड़ने के लिए पन्नू सोशल मीडिया का सहारा लेता था।
पन्नू के लिए खालिस्तानी नारे लिखने के लिए वह फंडिंग भी करता था। पंजाब में ऐसे कई लोग पकड़े गए, जिन्होंने पन्नू के कहने पर सरकारी और सार्वजनिक जगहों पर खालिस्तानी नारे लिखकर माहौल भड़काने का काम किया था।