गुरु मंत्र परमात्मा का मंत्र है – श्रद्धेय महाराजश्री
- “जन्म जन्म का साथ है गुरुदेव से हमाराअगर न मिलते इस जीवन में लेते जन्म दुबारा”
- पंचकुला गुरु पूर्णिमा महोत्सव का हुआ समापन
कोरल ‘पुरनूर’, डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, पंचकूला – 26 जून :
अंतरराष्ट्रीय सामाजिक एवं सांस्कृतिक विरासत के उत्थान के लिए समर्पित संस्था विश्व जागृति मिशन मुख्यालय दिल्ली द्वारा गुरु पूर्णिमा के देशव्यापी कार्यक्रम में आज गुरु दर्शन एवं पूजन किया गया।
परम पूज्य गुरुदेव ने कहा कि सच्चा शिष्य को अपने मंत्र को जागृत करने के लिए जब जब सदगुरु जहां पर भी बुलाते हैं तो वहां पर बिना देर किए पहुंच जाना चाहिए। मंत्र शक्ति जागृत होगी तो वह आपके शैऑो़ौधरक्षा कवच की तरह काम करेगी। अपने सदगुरु के कृपा के लिए वफादारी होना चाहिए। गुरु के सामने गलतियों के प्रति क्षमा याचना करनी चाहिए। अपने मन और बुद्धि को जिधर भी लगाना चाहोगे उधर ही लग जाएगा। अपने को राष्ट्र, धर्म एवं संस्कृति की ओर लगाना चाहिए और मन से प्रभुमय हो जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि मुझमें अपने मन और बुद्धि को एकाग्र करके गुरु की कृपा को प्राप्त कर सकते हो। श्रीमद्भगवतगीता में भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं .. तुम मेरे हो जाओ और मैं तुम्हारा हो जाऊं। इस जीवन की आत्मा है जीवात्मा और सारे विश्व की आत्मा है विश्वात्मा सर्वोच्च सत्ता है परमसत्ता जिसकी व्याख्या करते हुए भक्तों को समझाया।
विश्व जागृति मिशन पंचकुला-चंडीगढ़ तथा मोहाली मण्डल के तत्वावधान में गुरु पूर्णिमा पर आयोजित विशेष कार्यक्रम में गुरु दर्शन एवं पूजन तथा आशीर्वचन के द्वारा कार्यक्रम का विधिवत समापन हुआ। जिसमें भक्तों को अपने गुरु के प्रति अगाध श्रद्धा, प्रेम और समर्पण के बारे में मार्गदर्शन परम पूज्य श्री सुधांशु जी महाराज द्वारा दिए गए।
मण्डल के प्रधान श्री सौरभ गुप्ता ने बताया कि गुरु पूर्णिमा सत्संग महोत्सव में संघ शासित राज्य चंडीगढ़ के अलावा विभिन्न राज्यों से आए गुरु के भक्तों ने शिवधाम आश्रम में आकर चार चांद लगा दिए हैं। दिव्य भक्ति सत्संग महोत्सव को सफल बनाने में सर्वश्री मनोज शास्त्री, नन्द किशोर गोयल, योगराज मुंजयाल, आचार्य कुलदीप पाण्डेय, एन के अरोड़ा, के एस कवर , कपिल शर्मा एवं विनोद कौशिक जी का योगदान सराहनीय रहा।