आनंद विवाह अधिनियम को चंडीगढ़ में किया गया लागू
अगर सिख रीति रिवाज से शादी हुई है तो इसकी रजिस्ट्रेशन आनंद मैरिज एक्ट 1909 के तहत चंडीगढ़ में करवा सकते हैं।
कोरल ‘पुरनूर’, डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, चंडीगढ़ – 10 जून :
दशकों पहले ब्रिटिश काल में बने आनंद विवाह अधिनियम को अब चंडीगढ़ में लागू कर दिया गया है। अब सिख रीति-रिवाजों से की गई शादी का इस एक्ट के तहत पंजीकरण हो सकेगा। बता दें कि अब तक हिन्दू विवाह अधिनियम के तहत ही चंडीगढ़ में सिख रीति-रिवाजों से की गई शादी का पंजीकरण होता था। इस एक्ट को 1909 में ब्रिटिश काल मे बनाया गया था लेकिन इसे चंडीगढ़ में लागू नहीं किया जा सका था।
फरवरी में राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग आयोग के चेयरमैन इकबाल सिंह लालपुरा ने प्रशासन के साथ मीटिंग करके इसे जल्द से जल्द लागू करवाने के आदेश दिए थे। हालांकि इस एक्ट के तहत रजिस्ट्रेशन अभी ऑफलाइन मोड से ही होगा। लेकिन जल्द ही ऑनलाइन सुविधा भी शुरू की जाएगी।
प्रशासन ने कहा है कि चंडीगढ़ में भी जिन लोगों की शादियां सिख रीति रिवाज से हुई हैं वे इसमें रजिस्ट्रेशन के लिए एप्लाई कर सकते हैं। अभी ऑफलाइन ही एप्लाई कर सकते हैं, जिसके फाॅर्म मैरिज ब्रांच (विंडो नंबर-5), ग्राउंड फ्लोर, ऑफिस ऑफ डिप्टी कमिश्नर सेक्टर-17 से ले सकते हैं।
ऑनलाइन फैसिलिटी भी जल्द…
चंडीगढ़ में अभी चंडीगढ़ कंपल्सरी मैरिज रजिस्ट्रेशन रूल्स 2012 के तहत मैरिज रजिस्ट्रेशन के लिए ऑनलाइन पोर्टल की सुविधा है जिसमें बदलाव करके आनंद मैरिज एक्ट के लिए भी ऑनलाइन सर्विसेज शुरू की जाएंगी।
- ये डाॅक्यूमेंट्स लगेंगे रजिस्ट्रेशन के लिए…
- दूल्हा और दुल्हन के आइडेंटिटी प्रूफ
- दोनों के एज प्रूफ के डाॅक्यूमेंट
- गुरुद्वारा साहिब से मैरिज सर्टिफिकेट
- दो गवाहों के आइडेंटिटी प्रूफ
- शादी के फोटोग्राफ्स और गवाहों के फोटो जिन्होंने शादी अटेंड की हो
- अगर 90 दिनों के बाद रजिस्ट्रेशन के लिए एप्लाई करते हैं तो इसके लिए एफिडेविट
- शादी करने वाले जोड़े के साथ में 6 पासपोर्ट साइज फोटो
1909 में बना था कानून, पर लागू नहीं हुआ
आनंद मैरिज एक्ट पहली बार ब्रिटिश टाइम में 1909 में बना था, लेकिन तब कई जगह लागू नहीं किया जा सका। बाद में जब सुप्रीम कोर्ट ने सभी धर्मो के लिए मैरिज रजिस्ट्रेशन अनिवार्य किया तो सिख समुदाय ने आनंद मैरिज एक्ट को लागू करने की मांग उठाई। अब तक सिखों की शादियां हिंदू मैरिज एक्ट के तहत रजिस्टर होती रही हैं। यूपीए गवर्नमेंट के वक्त वर्ष 2012 में पार्लियामेंट ने आनंद मैरिज (अमेंडमेंट) बिल पास किया, जिसे राष्ट्रपति से भी उसी वर्ष 7 जून को मंजूरी मिल गई थी। पंजाब में इस एक्ट को 2016 में नोटिफाई कर दिया गया था।
सिख धर्म में शादी को आनंद कारज कहा जाता है। आनंद कारज के लिए लग्न, मुहूर्त, शगुन-अपशगुन, नक्षत्रों की गणना, जन्मपत्रियों के निर्माण और मिलान के लिए कोई जगह नहीं है। भगवान पर आस्था रखने वालों के लिए आनंद कारज के लिए सभी दिन पवित्र माने गए हैं। आनंद कारज में सिखों की शादी श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के सामने चार फेरे या फिर लावां लेकर ही पूरी होती है। हालांकि आनंद मैरिज एक्ट लागू नहीं होने से हिंदू मैरिज एक्ट में ही रजिस्ट्रेशन का प्रावधान था लेकिन ज्यादातर सिख हिंदू मैरिज एक्ट के तहत शादियां रजिस्टर नहीं कराते थे। इसलिए उनके पास शादी संबंधी कोई प्रमाण नहीं होता था। इस वजह से उन्हें देश ही नहीं, कई बार विदेश में भी परेशानियों का सामना करना पड़ता था।
चंडीगढ़ में एवरेज एक दिन में 20 से 25 जोड़े मैरिज रजिस्ट्रेशन के लिए डिप्टी कमिश्नर आॅफिस पहुंचते हैं।