बड़े शहरों को जल भराव से मुक्ति दिलाने के लिए “स्पंज सिटी “को शहरी नियोजन का हिस्सा बनाना पड़ेगा : ओ पी सिहाग 
नन्द सिंगला, डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, रायपुररानी / एलियासपुर – 03 जून :
जननायक जनता पार्टी के नेता व नगर निगम पंचकूला के पूर्व कार्यकारी अधिकारी ओ पी सिहाग ने कहा कि हैं कि प्रदेश के बड़े शहरों को भारी बारिश होने के कारण जो जल भराव की स्थिति उत्पन्न हो जाती है तो उससे मुक्ति दिलाने के लिए सरकार को स्पंज सिटी के सिद्धांत को अपनी शहरी नियोजन नीति का हिस्सा बनाना पड़ेगा। इस बारे बात करते हुए ओ पी सिहाग जो पूर्व में प्रदेश के शहरी स्थानीय निकाय विभाग में अपनी नौकरी के दौरान काफी शहरो में बतौर कार्यकारी अधिकारी तैनात रहे हैं , ने कहा कि प्रदेश के ज्यादातर बड़े शहरो में पुरानी जल निकासी प्रणाली के नाकाम होने के कारण भारी बारिश होने पर रिहायशी इलाकों व बाजारो में जल भराव की स्थिति उत्पन्न हो जाती है तथा सारे शहर पानी-पानी हो जाते हैं। ऐसे हालात न सिर्फ मॉनसून के समय उत्पन्न होते हैं बल्कि जलवायु परिवर्तन के कारण बेमौसम की भारी बारिश भी बाढ़ के हालात बना देती है तथा शहरों में कई कई दिनों तक पानी खड़ा हो जाता है जो न जमीन में समाता है न बाहर निकल पाता है। इस कारण सडकों पर परिवहन ठप हो जाता है। स्कूल बंद करने पड़ते हैं तथा कार्यालयों में भी उपस्थितियो पर असर पड़ता है।
सिहाग ने कहा कि ऐसी स्थिति प्रदेश के कुछ बड़े शहरों में आम हो जाती है ,अगर हम राष्ट्रीय स्तर पर महानगरो की बात करे तो हालात और भी भयावह हो जाते हैं। उन्होंने बताया कि अक्टूबर 2020 में पूरे देश में बहुत ज्यादा बरसात हुई थी। तब हैदराबाद में तो बरसातों का पिछले 100 सालों का रिकार्ड टूट गया था। दिल्ली तथा गुरुग्राम में भी भारी बारिश ने अक्तूबर 2022 में पिछले 15 सालो का रिकॉर्ड तोड़ा था। इसी प्रकार तमिलनाडु के कुछ ज़िलों में नवंबर 2022 में तूफान जनित भारी बारिश से वहां का जनजीवन काफी दिनों तक ठप्प हो गया था। सिहाग ने कहा कि बड़े शहरों में इस तरह के हालात मोजूदा जल निकासी प्रणाली के नाकाम होने , शहरो में जो बारिश के पानी को इकट्ठा करने के लिए तालाब बने होते थे उनके खत्म होने के कारण तथा शहरी क्षेत्रो में पड़ी खाली भूमि व आसपास के क्षेत्रों में ज्यादा बेतरतीब निर्माण होने के कारण पानी की प्राकृतिक रूप से निकासी बंद होने से बने हैं।
जजपा नेता सिहाग ने कहा कि अब समय की मांग है कि जो सरकारी संस्थाएं प्रदेश में नगर नियोजन से जुड़ी हुई है चाहे वो शहरी स्थानीय निकाय विभाग हो या हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण हो या एच एस आई आई डी सी विभाग हो या अन्य एजेंसी हो उनको पानी भराव की समस्या से निजात पाने हेतू स्पंज सिटी के सिद्धांत को लागू करना पड़ेगा। सिहाग ने बताया कि चीन में ज्यादा बारिश होने के कारण बड़े शहरों में पुरानी जल निकासी प्रणाली के नाकाम होने के बाद विश्व में सबसे पहले सन 2000 में चीन में स्पंज सिटी का सिद्धांत प्रतिपादित हुआ। तब चीन के आधे से ज्यादा शहरो में पानी की भारी कमी भी थी तथा पानी निकासी के भी उचित प्रबंध भी नहीं थे। सन 2014 में चीन ने स्पंज सिटी को अपनी शहरी नियोजन का हिस्सा बना लिया।उनका टार्गेट है कि बरसात के पानी का 70 प्रतिशत पानी का उपयोग करे तथा जल भराव से भी मुक्ति मिले।
ओ पी सिहाग ने कहा कि स्पंज सिटी में पेड़, पार्क, झील, तालाब, वेटलेंडस,रेनगार्डनज, ग्रीन रूफ पार्क आधारित अतिवृष्टि प्रबंधन पर जोर रहता है। स्पंज सिटी वास्तव में अपने पानी को बाहर छोड़ने की बजाय, अपनी सीमाओं के भीतर उपयोग के लिये सम्भाल कर रखती हैं। स्पंज सिटी का मतलब यह भी है कि जैसे स्पंज से सोखा हुआ पानी बाद में उससे निकाला जा सकता है, वैसे ही स्पंज सिटी में बारिश के अवशोषित पानी का बाद में खेती व घरेलू काम में उपयोग हो सकता है तथा जल भराव की समस्या से भी निजात मिल सकती है। जिन शहरो में जमीनी पानी के ज्यादा दोहन के कारण पानी का स्तर काफी नीचे चला गया हो उसको बढ़ाया जा सकता है।
सिहाग ने बताया कि भारत में तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में सबसे पहले चेन्नई महानगर विकास प्राधिकरण ने नवंबर 2021 में आई बाढ़ के बाद भविष्य की मूसलाधार बारिश के पानी को जमीन सोख सके, इसके लिए स्पंज पार्क बनाने का निश्चय किया था। अब समय की मांग है कि हरियाणा सरकार को भी भविष्य का ध्यान रखते हुए बड़े शहरों जैसे गुरुग्राम,फरीदाबाद, करनाल, पंचकुला, पानीपत, हिसार आदि में जल भराव से होने वाली परेशानियों से बचाव हेतू स्पंज सिटी के सिद्धांत को लागू करने बारे गम्भीरता से विचार करना चाहिए।